तीन देवियाँ compleet

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raj..
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तीन देवियाँ compleet

Unread post by raj.. » 06 Nov 2014 16:06

तीन देवियाँ पार्ट -1

मेरा नाम राज है जानने वाले लोग, दोस्त और फॅमिली मेंबर्ज़ मुझे प्यार से राज्ज्ज और राजा बाबू भी कहते है. मैं एक 28 साल का अछा ख़ासा हॅंडसम और घटेले बदन का लड़का हू मेरी बॉडी एक्सर्साइज़्ड है अछा ख़ासा मस्क्युलर हू. हाइट 5’8” गोरा रंग और मेरे शरीर पे आछे ख़ासे बाल हैं. हेरी चेस्ट है. अभी अभी पढ़ाई ख़त्म हुई है रिज़ल्ट का वेट कर रहा हू. मेरे डॅड का अपना कन्स्ट्रक्षन आंड मेंटेनेन्स का बिज़्नेस ऑफीस है और जिस्मै मेरी मोम अकाउंट्स देखती है और आड्मिनिस्ट्रेशन मे डॅड का साथ देती है उनके साथ मीटिंग्स अटेंड करती है. मेरे डॅड तकरीबन 52-53 यियर्ज़ के है और मोम ऑलमोस्ट 48 – 49 की हैं. दोनो काम करते रहने से अभी तक आक्टिव हैं और ऑफीस को रेग्युलर्ली जाते है. आजकल कन्स्ट्रक्षन का काम बूम पे है इसी लिए दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते हैं और रात थक्क के वापस आते और खाना खा के सो जाते हैं. मेरे से बड़ी एक बहेन है खुश्बू जिसकी शादी अभी कुछ ही महीने पहले हुई है वो अपनी ससुराल मे ही रहती है जो मेरे टाउन से तकरीबन 200 किमी के डिस्टेन्स पे है. शादी के बाद 2 – 3 टाइम यहा आई और वापस अपनी ससुराल चली गई वो अपने पति के साथ खुश है. उसके पति का भी सेमेंट का होल साले बिज़्नेस है.

मेरे अंकल समीर करीब के ही एक विलेज मे काम करते है. उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम अनुपमा देवी है प्यार से सब उसको अनु पुकारते हैं. अनु 19 - 20 साल की बोहोत ही खूबसूरत लड़की है. तकरीबन 5’ 5” की हाइट होगी. गोरा रंग, कमर तक झूलते रेशमी लाइट ब्राउन कलर के बाल, हस्ती तो दोनो गालो मे छोटे छोटे डिंपल्स पड़ते, सफेद मोती जैसे चमकते दाँत, लाइट ब्राउन बड़ी बड़ी चमकती हिरनी जैसी आँखें, सेक्सी लिप्स जिनको देख के कोई भी चूसने की कल्पना करे, अभी उसके चुचीोन को अपने हाथो से पकड़ा तो नही पर लगता है के शाएद 32 साइज़ के होंगे, एक दम से सिडोल बदन, मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति है पर कभी कभी जीन्स और ट्रंक टॉप भी पेहेन्ति और जब जीन्स और ट्रंक पहनी होती है तो उसके चुचियाँ बोहोत मस्त दिखते और जब मटक मटक के चलती तो दोनो चुचियाँ धीरे धीरे डॅन्स करते ऊपेर नीचे होते बड़े आछे लगते ऐसा लगता जैसे परदे कर रहे हो शाएद वो उस टाइम पे ब्रस्सिएर भी नही पेहेन्ति इसी लिए चुचियाँ डॅन्स करती जिन्है देख के मन करता के बॅस अभी पकड़ के दबा डालु और मोसंबी की तरह से स्क्वीज़ करू और आम ( मॅंगो ) की तरह से चूसू

डालु. रात मे अक्सर नाइटी यूज़ करती वैसे कभी सलवार कमीज़ भी पेहेन्ति पर मोस्ट्ली नाइटी मे ही रहती.

मुझे लगता के वो थोड़ी प्राउडी टाइप की लड़की है. कभी मुझ से सीधे मूह बात भी नही करती और कभी ऐसे शो करती है जैसे वो मेरे घर मे नही रहती बल्कि मैं उसके घर मे रहता हू. अरे मैं यह बताना तो भूल ही गया के अंकल समीर जहा काम करते है वाहा कोई कॉलेज वाघहैरा नही है इसी लिए अनु को पढ़ाई के लिए हमारे घर मे ही रखा हुआ है. अनु बी.कॉम के 2न्ड एअर मे थी. कॉलेज घर से थोड़ा दूर है और वो बस मे आती जाती है. मेरी और अनु की कुछ ऐसी ख़ास बनती तो नही पर कभी इतना बड़ा झगड़ा भी नही हुआ था. बॅस आपस मे नोक झोक तोचलती ही रहती. कभी खाने की टेबल पे तो कभी पढ़ाई के टाइम पे. वो हमेशा बोलती के उसको लड़के पसंद नही हैं आंड शी हेट्स मेल्स डॉन’ट नो व्हाई. मेरी समझ मे नही आता था के व्हाई शी हेट्स मेल्स क्यॉंके नॅचुरली लड़कियाँ तो लड़को को पसंद ही करती है इश्क़, प्यार और मोहब्बत भी लड़को से ही करती है पर पता नही अनु मे ऐसी क्या बात थी जिसे मेल्स पसंद नही थे.

हमारा घर एक डबल स्टोरी मीडियम साइज़ की बिल्डिंग है. नीचे मेरे डॅड और मोम रहते हैं. मोम के ( घुटनो ) नीस मे दरद रहता है ( जॉइंट पेन ) जिसकी वजह से वो बार बार ऊपेर नही चढ़ सकती इसी लिए वो दोनो नीचे ही ग्राउंड फ्लोर पे रहते है और मैं ऊपेर के रूम मे रहता हू. आक्च्युयली ऊपेर के फ्लोर पे मीडियम साइज़ के 3 रूम्स हैं. एक मे मेरी सिस्टर खुश्बू रहती थी दूसरा मेरा कमरा था और तीसरा ऐसे ही स्पेर रूम जो गेस्ट रूम जैसा था. खुश्बू की शादी के बाद उसका रूम भी खाली हो गया था इसी लिए अनु को खुश्बू वाला रूम दे दिया गया था. स्टेरकेस पे चढ़ते ही एक स्पेर वाला गेस्ट रूम जैसा था था जिसमै कभी हमारे कोई रिलेटिव्स वाघहैरा आ जाते तो वही रहते और जब वाहा कोई नही रहता तो वो कमरा टेंपोररी ड्रॉयिंग रूम जैसा यूज़ मे आता था जहा एक डबल बेड के साथ एक सोफा सेट भी पड़ा हुआ था कभी मेरा कोई फ्रेंड आ जाता तो हम वही बैठ के टाइम पास करते और कभी अनु की कोई फ्रेंड्स आ जाती तो वो उनको लेके वाहा बैठ जाती. उस रूम मे एक बड़ा सा टीवी सेट भी रखा हुआ था जिस्मै केबल और वीडियो कनेक्षन भी लगा हुआ था तो कभी कभी वो रूम टीवी रूम जैसा भी यूज़ मे आता था. ऐसे समझे के मल्टिपर्पस उसे का कमरा था. उस मल्टिपर्पस रूम को लगा हुआ अनु वाला रूम और तीसरा रूम मेरा था. मेरे रूम मे एक विंडो थी जो अनु वाले रूम मे खुलती थी. पहले जब मेरी सिस्टर रहती थी तब हम पढ़ते थे तो आपस मे बातें भी कर लिया करते थे और बुक्स का एक्सचेंज भी इसी विंडो द्वारा

होता था. अनु वाले रूम और मल्टिपर्पस रूम के बीच मे भी एक विंडो लगी हुई थी जिसे खोलने की कभी ज़रूरत ही नही पड़ती थी पर अनु कभी कभी हवा के लिए खोल भी लिया करती थी वैसे तो हमारे रूम मे हवा और वेंटिलेशन के लिए कॉरिडर मे एक एक विंडो खुलती थी और जब यह विंडो खुली होती तो कॉरिडॉस मे से आते जाते कोई भी कमरे के अंदर का हाल देख सकता था. तीनो रूम्स मे अटॅच बाथ था. यूँ तो अनु के ज़ियादा फ्रेंड्स नही थे बस एक फ्रेंड थी शालिनी देवी जिसे वो शालु कह के बुलाती थी. शालु और अनु एक ही एज के थे और क्लास फेलो भी. शालु अक्सर अनु के पास आती जाती रहती थी और कभी कभी रात मे अनु के कमरे मे उसके साथ ही सो जाती थी और दूसरे दिन सुबह ब्रेकफास्ट कर के अपने घर चली जाती. कभी अनु उसके घर चली जाती और रात वही शालु के साथ ही सो जाती और सुबह वापस आ जाती यह नॉर्मल रुटीन था दोनो का. शालु हमारे पड़ोस मे ही रहती थी और अनु की क्लास फेलो थी इसी लिए दोनो की बोहोत दोस्ती थी. शालु की हाइट तकरीबन 5’ 6” होगी. वो भी बोहोत ही गोरे रंग की थी. कश्मीरी सेब जैसे गुलाबी गाल, मतकाती बड़ी बड़ी ब्राउन आँखें. उसके भी लाइट ब्राउन कलर के रेशमी बाल थे ज़ियादा बड़े तो नही कमर तक आते थे. शालु के चुचियाँ मेडियम साइज़ के एप्पल जैसे 34 साइज़ के थे बोहोत गोरे गोरे मलाई जैसे बिल्कुल उसके रंग के जैसे. वो अक्सर स्लीव्ले शर्ट पेहेन्ति थी जिस्मै से कभी कभी उसके चुचियाँ भी झाँकती रहती थी या कभी ब्रस्सिएर भी दिखाई देती थी. कभी ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति. और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो उसके शर्ट के ऊपेर से चुचिओ और निपल साफ दिखाई देते और जब अपने हाथ उठाती तो उसके चुचियाँ दिखाई देती जिन्हाई देख के हाथ मचल जाता और मंन करता के अभी साइड से हाथ घुसा के उसके मस्त चुचिओ को पकड़ के मसल डालु. बघल के बाल शाएद डेली शेव करती थी जिससे उसकी बघल हमेशा ही चिकनी रहती. उसकी एक ख़ास आदत थी वो हर थोड़ी देर मे अपने दोनो हाथ ऐसे ऊपेर करती जिस से उसकी बघल साफ दिखाई देती. वो शाएद अपनी बघल मे रोल ऑन पर्फ्यूम भी लगती थी

raj..
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Re: तीन देवियाँ

Unread post by raj.. » 06 Nov 2014 16:11

इसी लिए उसके पास से एक मस्त स्मेल आती थी. वो मेरे साथ बात तो करती थी बस नॉर्मल फॉर्मल जैसी कोई ख़ास इंटिमेसी वाली बात नही करती थी. अगर कभी ऐसा होता के शालु हमारे घर आई और अनु नही मिली तो वो फॉरन ही वापस चली जाती मेरे साथ बैठ के गॅप शॅप भी नही लगती थी मेरी समझ मे नही आता था के क्या इन्न लड़कियों को मेल्स मे कोई इंटेरेस्ट नही है या फिर प्रॉबब्ली उसका कोई प्रेमी भी होगा और इसी लिए वो मेरे साथ कोई एक्सट्रा बात नही करती. उसकी नाक भी पतली थी और उसके लिप्स तो बोहोत ही सेक्सी थे गुलाबी कलर के लिप्स बड़े मस्त लगते थे ऐसा लगता था जैसे नॅचुरल लिपस्टिक लगी हुई हो. उसकी एक ख़ास आदत थी वो बार बार अपने लिप्स पे ज़ुबान फेरती

रहती जिस से उसकी पिंक नॉकीली टिप ऑफ दा टंग बोहोत सेक्सी लगती मंन करता के पकड़ के उसकी ज़ुबान को चूसना शुरू कर्दु. शालु, अनु से थोड़ी मोटी थी भरे भरे बदन वाली. शालु भी अक्सर शलवार कमीज़ ही पेहेन्ति थी और कभी जीन्स और टॉप भी पेहेन्ति. जीन्स और टॉप मे तो वो क़यामत लगती थी. उसकी चुचियाँ और चूतड़ भी अनु से थोड़े बड़े थे. ऑन दा होल शालु भी एक बोहोत ही सेक्सी और खूबसूरत लड़की थी जिसे चोदने का ख़याल हर किसी के मंन मे आ सकता था.

हमारे घर मे दो ( 2 ) हाउस्म्ड्स भी है एक खाना पकाने के लिए और दूसरी ऊपेर का काम करने के लिए जैसे रूम सॉफ करना बाथरूमस धोना और वॉशिंग मशीन मे कपड़े धोने और आइर्निंग करना वाघहैरा वाघहैरा. खाना पकाने वाली औरत अछी बड़ी उमर की थी और हमारे घर बोहोत सालो से काम करती थी बोहोत पुरानी थी इसी लिए हम सब उसको मासी कहते थे. मासी की उमर कोई 50 साल के लग भग होगी. अब तो मासी कहते कहते इतने साल हो गये थे के हमै उनका नाम भी याद नही रहा. दूसरी ऊपेर का काम करने वाली रितेश्वरी देवी जिसे शॉर्ट मे ऋतु पुकारते थे जो 14 – 15 साल की लड़की थी. रंग बोहोत गोरा भी नही और काला भी नही खुलता हुआ साफ रंग था. उसकी आँखें भी बड़ी बड़ी थी, सेक्सी लिप्स, चुचियाँ भी बोहोत ही छोटी छोटी थी शाएद अभी 28 के होंगे गोल्फ के बॉल जैसे छोटे छोटे थे, शाएद वो भी ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति थी क्यॉंके जब वो चलती तो उसकी टाइट छोटी सी चुचियाँ उसके शर्ट के अंदर हिलती भी नही थी और निपल्स का उभार उसके शर्ट मे से सॉफ नज़र आता था. घाटेला बदन, हाइट भी ज़ियादा नही थी, होगी शाएद 4”5” या 5” की होगी. एक छोटी लड़की ही तो थी जिसे मजबूरी मे काम करना पड़ रहा था.. मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति और कभी कभी लोंग स्कर्ट और ब्लाउस भी पेहेन्ति थी. उसको हमारे अंकल समीर एक विलेज से ले के आए थे जहा उनका कन्स्ट्रक्षन का काम चल रहा था. ऋतु के फादर की एक आक्सिडेंट मे डेत हो गई थी और उसकी मा गाऊँ ( विलेज ) मे ही रहती थी.ऋतु हमारे घर मे फॅमिली मेंबर की तरह पर्मनेंट्ली रहती थी. आछे खाते पीते घराने की थी पर उसके डॅडी की डेत के बाद हालत ने उसे काम करने पर मजबूर कर दिया था. ऋतु अपना काम बोहोत अछी तरह से करती और बड़ी तेज़ी से भी करती थी. ऑन दा होल ऋतु एक बोहोत ही सेक्सी लड़की थी पर उसको पता नही था के वो कितनी सेक्सी है. उसकी कमीज़ मे से उसके छोटे से बूब्स के उभार बड़े मस्त दिखते बार बार मॅन करता के उन्है पकड़ के उसकी चुचिओ को मसल डालु. वैसे तो कई बार ऐसा भी हुआ है के जब मेरे मोम और दाद ऑफीस चले जाते, मासी भी लंच और डिन्नर एक साथ पका के अपने घर चली जाती तो मैं और ऋतु अकेले ही घर मे रहते पर पता नही क्यों उसे

चोदने का या उसके चुचिओ को मसल्ने और चूसने का ख़याल मेरे दिमाग़ मे कभी नही आया..

ऋतु का रूम नीचे ही था क्यों के सोने से पहले मेरी मोम की टाँगें दबाती थी और कभी किसी काम के लिए रात मे मोम पुकारती तो वो आजाती इसी लिए वो नीचे ही रहती थी और जब मेरे पेरेंट्स सो जाते तो ऋतु भी अपने रूम मे जा के सो जाती. सुबह मासी थोड़ी देर से आती थी तब तक ऋतु ही मेरे पेरेंट्स को चाइ या कॉफी बना के दे देती और मासी के आने तक किचन की सफाई भी कर देती थी कभी कभी तो वो भी टीवी वाले रूम मे आ जाती और दोनो बैठ के टीवी देखते पर वो खामोश ही रहती. टीवी पे कोई हॉट सीन आता तो मेरा लौदा 90 डिग्री पे खड़ा हो जाता और वो शरमाती और धीरे से मुस्कुराते हुए उठ के रूम से बाहर चली जाती. वॉशिंग मशीन और आइर्निंग रूम ऊपेर के पोर्षन मे ही बना हुआ था इसी लिए ऋतु को जब कपड़े धोना होते या आइर्निंग करना होता तो वो ऊपेर के पोर्षन मे आती. कई बार मेरे कमरे की सफाई के दोरान जब वो झुकती तो उसके कॉनिकल शेप की छोटी सी चुचियाँ और उसके छोटे किशमिश जैसे ब्राउन निपल्स उसके शर्ट के गले (नेक) के पास से अंदर तक सॉफ नज़र आते रहते जिन्हे देखते ही मेरा लौदा पॅंट के अंदर से बाहर निकलने को तड़पने लगता और मॅन करता के अभी उसको नीचे लिटा के उसको चोद के उसकी टाइट चूत को फाड़ डालु पर क्या करू डरता था के कही यह मेरे मोम और डॅड से बोल देती तो मेरी तो शामत ही आजाती और एक नयी मुसीबत खड़ी हो जाती बॅस यह सोच के खामोश हो जाता और बाथरूम मे जा के ऋतु के नाम की मूठ मार लेता और ख़यालो मे अपने लंड से निकली हुई मलाई को ऋतु की रसीली चूत मे गिरते महसूस करता.

अनु को हमारे साथ रहते हुए तकरीबन तीन महीने हो गये थे. दिन ऐसे ही गुज़र रहे थे. वो शाम मे कॉलेज से आती. डिन्नर के बाद कुछ देर पढ़ती रहती और रात के 11 या 12 बजे तक सो जाती. मैं कुछ दीनो से फील कर रहा था के मेरे मोम और डॅड के सो जाने के बाद ऋतु ऊपेर अनु के कमरे मे आ जाती थी और फिर अनु और ऋतु हसी मज़ाक की बाते करते रहते और हस्ते रहते. मैं ने कोई ऐसा ख़ास ध्यान नही दिया के गर्ल टॉक्स होंगे जिन्हे आपस मे बात करके हस्ती होगी.

एक दिन की बात है उस दिन बोहोत गर्मी पड़ रही थी और मैं कही बाहर से वापस आया था, आस यूषुयल मोम और डॅड तो थे नही. मैं बाहर से अंदर आया और ऊपेर अपने रूम की तरफ जाने लगा. मेरे रूम मे जाने के लिए मुझे अनु के रूम के सामने से गुज़रना पड़ता था और यह इत्तेफ़ाक था के उसके रूम की

विंडो खुली हुई थी क्यॉंके गर्मी बोहोत थी. मैं जब उसके रूम के सामने से जा रहा था तो मुझे एक अजीब किसम की आवाज़ सुनाई दी और मैने पलट के अनु की विंडो की तरफ अपना मूह घुमा के देखा तो एक शॉक जैसा लगा अनु और ऋतु एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे दोनो की आँखें बंद थी शाएद प्लेषर से बंद हो गई होगी और उन्हे पता ही नही चला के मैं उनको देख रहा हू. एक मिनिट तक देखता ही रहा के कैसे अनु और ऋतु एक दूसरे की चुचिओ को कपड़ो के ऊपेर से ही दबा रही हैं कभी कभी शर्ट के अंदर हाथ डाल के एक दूसरे की चुचिओ को मसल रही है और किस्सिंग मे खोए हुए हैं और मूह से उउउउउउउन्न्न्न्ह्ह्ह्ह जैसी प्लेषर की आवाज़ें निकल रही है. मैं यह देख के धीमे पैरो से बिना आवाज़ निकाले वापस चला गया और नीचे उतर गया किचन मे जा के मासी से पूछा के लंच मे क्या बना रही है तो पता चला के आज लंच और डिन्नर मे चिकन का सालन और कबाब हैं. मैने फ्रिड्ज से ठंडा पानी निकाल के पीया और ऊपेर ऐसे चढ़ने लगा जिससे के अनु को पता चल जाए के मैं ऊपेर आ रहा हू और जब मैं ऊपेर आया तो देखा के अनु के रूम का डोर खुल गया था और ऋतु रूम की सफाई कर रही थी. मैं देख के मुस्कुरा दिया और अनु को पूछा के आज कॉलेज नही गई तो उसने बोला के नही आज कल कॉलेज मे आन्यूयल गेम्स चल रहे हैं इसी लिए एक वीक की छुट्टी है. मैं अपने कमरे मे चला गया और शवर ले के थोड़ी देर के लिए सो गया.

raj..
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Re: तीन देवियाँ

Unread post by raj.. » 06 Nov 2014 16:12

उस दोपेहेर के बाद उन दोनो ने मुझे कोई शक नही होने दिया के उन के बीच मे कुछ रोमॅन्स चल रहा है. डिन्नर से पहले ही मोम और डॅड आ गये थे. हम सब ने साथमे डिन्नर लिया. मोम और डॅड तो ऑफीस से थक्क के आते थे और खाने के थोड़ी ही देर मे सोने चले जाते. मैने डिन्नर टेबल पे बोल दिया था के मैं आज बोहोत थक्क गया हू और जल्दी ही सो जाउन्गा. डिन्नर के बाद अनु को नीचे ही छोड़ के ऊपेर आ गया और अपने रूम के डोर को हवा के लिए थोड़ा सा खुला रख के लाइट बंद करके खामोशी से अपने बेड पे लेट गया और गहरी नींद सोने की आक्टिंग करने लगा. अनु थोड़ी देर बाद ऊपेर आई और पहले तो मेरे रूम का डोर खुला देख के डोर के सामने आई और धीरे से अंदर झाँक के देखा जिसे मैं आध खुली आँखों से देख रहा था पर वो समझी के मैं सच मे गहरी नींद सो गया हू और वो टीवी रूम मे जा के टीवी देखने लगी. हमारे पास यूवरोसेट की डिश लगी हुई है जिसपे हॉटबर्ड चॅनेल्स आते है और लेट नाइट सेक्स चॅनेल्स भी ओपन हो जाते है जिसे मैं अकेले मे देखा करता था पर जब से अनु आई थी टीवी पे वो चॅनेल्स देखने का मोका नही मिलता था. टीवी की साउंड मुझे बोहोत ही धीमी आ रही थी जिस से पता चलता था के शाएद अनु सेक्स चॅनेल देख रही है

मैने शाम को ही मेरे और अनु के रूम के बीच की विंडो को इतना थोड़ा सा खोल दिया था के उसको शक्क ना हो और मैं उसके रूम मे झाँक के देख सकु. मैं ने कॉरिडर की लाइट भी बंद की हुई थी इस लिए बाहर कॉरिडर मे अंधेरा हो गया था. रात के तकरीबन 12:30 हो रहे होंगे टीवी की आवाज़ बंद हो गई और किसी के नीचे जाने की आवाज़ आने लगी शाएद अनु नीचे जा रही थी. मैं ने सोचा के शाएद पानी पीने गई होगी पर 5 मिनिट के अंदर ही मुझे अनु और ऋतु के ऊपेर आने की आवाज़ें आने लगी दोनो बोहोत धीमी आवाज़ मे बातें कर रही थी मुझे पता नही चल रहा था के क्या बातें कर रही हैं. अनु ने अपने कमरे मे जाने से पहले एक बार फिर से फिर मेरे कमरे मे झाँक के मुझे देखा के मैं सो गया या नही. मैं जान बूझ कर स्नोरिंग करने लगा मतलब खर्राटे लेने लगा तो उसे यकीन हो गया के मैं बोहोत गहरी नींद सो गया हू.

अनु के कमरे मे दोनो आ गये और अनु ने अंदर से डोर बंद करके लॉक कर दिया. हमारे रूम के बीच की विंडो थोड़ी खुली थी जिस्मै से मुझे ऋतु की आवाज़ आई वो पूछ रही थे के राज बाबू सो गये क्या तो अनु ने कहा हा कब का सो गया. जब मुझे पक्का यकीन हो गया के डोर अंदर से लॉक कर दिया है तो मैं बिना आवाज़ किए अपने बेड से नीचे उतर गया और विंडो के पास चला गया. अनु ने कमरे मे जाते ही अपने कमरे की लाइट्स बंद कर दी थी पर बाथरूम की लाइट जली रहने दी और बाथरूम का डोर भी बंद कर दिया. बाथरूम मे ऊपेर की तरफ हवा के लिए एक छोटी सी ओपनिंग थी जिस्मै से बोहोत ही धीमी लाइट कमरे के अंदर आ रही थी जिस से कमरा पूरा अंधेरा नही दिख रहा था बॅस ऐसे लग रहा था जैसे कॅंडल जली हुई हो. अनु और ऋतु के बदन मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे. थोड़ी ही देर मे मेरी आँखें भी अंधेरे मे देखने को अड्जस्ट हो गई थी और मुझे अब अंदर का सब कुछ ऑलमोस्ट सॉफ दिखाई दे रहा था. अनु का बेड ऐसी पोज़िशन मे था के मैं विंडो से अछी तरह से देख सकता था. मैं ने देखा के कमरे मे दोनो आते ही एक दूसरे से ऐसे लिपट गयी जैसे पुराने लवर्स हो और बोहोत दीनो के बाद मिल रहे हो. एक दूसरे को बे तहाशा डीप टंग सकिंग पॅशनेट किस कर रहे थे और अपनी चूते एक दूसरे से मिलाने के लिए अपनी अपनी गंद आगे पीछे कर रही थी जैसे खड़े खड़े एक दूसरे को चोद रही हो. ऐसे ही थोड़ी देर एक दूसरे को किस करते करते एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी. दोनो शलवार और कमीज़ पहने हुए थी. पहले दोनो के शर्ट्स उतर गये देखा तो दोनो की मस्त चुचियाँ नज़र आ रही थी. अनु की चुचियाँ गोल गोल थी और ऋतु की छोटे से लाइट कॉनिकल शेप की थी. एक के बाद एक दोनो एक दूसरे की चुचियाँ चूसने लगी और शलवार के ऊपेर से ही एक दूसरे की चूतो का मसाज करने लगी. और देखते ही

देखते दोनो ने एक दूसरे की शलवारो का नाडा खोल दिया और एक साथ ही दोनो की शलवारें नीचे फ्लोर पे गिर पड़ी और दोनो नंगी हो गयी और इधर मैं भी अपने कपड़े निकाल के नंगा हो गया मेरा लंड बोहोत ज़ोरों से अकड़ गया था और अनु और ऋतु की चूतो को स्प्रिंग की तरह से हिल हिल के प्रणाम करने लगा. दोनो ने भी ब्रस्सिएर नही पहनी हुई थी. अब मेरी आँखें कमरे की धीमी लाइट से ऐसे अड्जस्ट हो गई थी और मुझे इतना सॉफ दिखाई दे रहा था जैसे मैं दिन के टाइम मे देखता हू. मेरे दिमाग़ मे अचानक एक ख़याल आया और मैं अपना कॅमरा वाला मोबाइल और अपने डिजिटल कॅमरा जिस्मै धीमी लाइट मे भी अच्छे रिज़ल्ट की पिक्चर्स और वीडियो की फेसिलिटी थी उठा के ले आया और रेकॉर्ड करने लगा.

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कामुक कहानियाँ

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क्रमशः........


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