अकबर और बीरबल के चूत कुले

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The Romantic
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अकबर और बीरबल के चूत कुले

Unread post by The Romantic » 09 Nov 2014 08:02

अकबर और बीरबल के चूत कुले

अकबर के दरबार मे नोँ रत्न थे जिसमे राजा बीरबल ही एसा था जो न सिर्फ
अकबर को प्यारा था वरन अकबर की रानीयोँ के भी मुंहलगा था।रानीयां अक्सर
बीरबल को चुहलबाजी हेतु जनानखाने मे बुला लेती थी इस बात कौ लेकर अकबर के
अन्य रत्न विशेषकर मुल्ला दौ प्याजा ओर हकीम हुमाम बहुत जलते थे और बीरबल
के खिलाफ अक्सर साजीशन महाराजा अकबर को भड़काते थे किन्तु बीरबल अपनी
हाजिरजबाबी से उनके मंसूबे नाकाम कर देता था॥

एक बार अकबर के दरबार मे एक गूंगी बुढीया ने अपनी फरीयाद ईशारोँ मे राजा
को बताई, अकबर ने बुढिया के ईशारो को समझकर उसकी समस्या का उचित समाधान
कर दीया।सभी दरबारियौ ने इस बात के लिए राजा की भूरि-भुरि प्रशंशा की,
अचानक मुल्ला दौ प्याजा के दीमाग मे एक साजिश आई उसने अकबर से कहा की
जहांपनाह बीरबल अपने कौ ईशारेबाजी मे बहुत उस्ताद समझता है आप उसकी
परीक्षा ले! अकबर ने ताव मे आकर तूरन्त बीरबल को बुलवा कर हुकम सुनाया कि
अगले दरबार मे मैँ तुमसे दो सवाल ईशारौँ मेँ पूछुंगा और उसका जबाब ईशारे
मे आना चाहिएं जबाब गलत होने पर तूम्हारी गर्दन काट दी जाएगी!!!

अब बीरबल घर आया तो वह बहुत परेशान था,बीबी और बेटी के पूछने पर उसने
महाराज के हुकम के बारे मे बताया, बीरबल ने कहा की जुबान से तो मैँ किसी
भी प्रश्न का जबाब दे सकता हूं लेकीन बेजुबान/ईशारे की भाषा का मुझे कोई
ज्ञान नहीँ है। बीरबल को उसकी बेटी ने समझाया कि अगला दरबार 7 दिन बाद
होगा तब तक आप कहीँ दूर एकान्त मे घूम फिर आँए शायद ईस समस्या का कोई
समाधान आपको सूझ जाए।अगले दिन बीरबल घूमने निकल पड़ा 3 दिन भटकने के बाद
वो एक गांव मे पहुचा तो उसने देखा कि एक गडरीया लगभग चार सौ भेडोँ को
ईशारोँ मे हांक रहा था,बस बीरबल को उपाय सूझ गया उसने गडरिये को 100सौने
की अशर्फियां जो कि उसकी भेड़ोँ कि कीमत के बराबर थी देकर अपने साथ दरबार
मे चलने के लिए राजी कर लिया और गडरीये को समझाया की बादशाह के दौ सवालो
का जबाब इशारो मे देना है!!

अब वो दिन आ हि गया जब बादशाह अकबर का दरबार सभी नवरत्नो और दरबारीयौँ से
खचाखच भरा था। मुल्ला दौ प्याजा और हकीम हुमाम बहुत खुश थे कयौँकी उनको
यकीन था की आज बीरबल की गर्दन कटकर ही रहेगी,जबकि मान सिंह,टोडरमल आदि
बीरबल के प्रति चिँतित थे।दरबार मे सनसनी सी फैली थी,लोग खुसुर-पुसुर कर
रहे थे की तभी हरकारे की आवाज गूंज उठी------बा-अदबऽऽबा-मुलाइजा
हौशियारऽऽऽजिल्ले-शुभानी,शहंशाह ए हिन्दूस्तान,(मौहम्
मद-जलालुद्दीन-अकबर)ऽऽ दरबार मे ऽऽ जलवा अफरोज हो रहे हैँ ऽऽऽऽऽ शहंशाह
शान से सिँहासन की ओर बढने लगे सभी दरबारी उठ-उठकर बादशाह को सलाम बजाने
लगे, सिर्फ संगीत सम्राट तानसेन ने ही बादशाह को बांये हाथ से सलाम
बजाया!!!

पूरे दरबार मे जानलेवा सन्नाटा पसरा हुआ था मानो काटो तो खून नहिँ,
शहंशाह ने बीरबल से कहा क्या तुम परीक्षा के लिए तैयार हो?-----बीरबल ने
कहा जहांपनाह मैँ इम्तिहान के लिए तैयार हूं लेकिन गुस्ताखी माफ हो!आपके
सवाल का जबाब तो एक मामुली गडरिया भी दे सकता है!!!! यह सुनकर शहंशाह ने
गूस्से से तमतमाकर कहा-कहां है वो गडरिया? उसे पैश किया जाए यदी वो सही
उत्तर ना दे पाया तो बीरबल तुम्हे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा!! यह
सुनकर मुल्ला दो प्याजा और हकीम हुमाम मन ही मन कुढ़ गये कि ये भौसड़ीवाला
बीरबल अपने बचने के रास्ते कहां-कहां से ढूढ निकालता है!!!

अब भरे दरबार मे गडरिया और अकबर आमने-सामने थे जबकी बीरबल सोच रह था की
आज उसकी नौकरी तो निश्चित चली गयी है पर शुक्र ये है कि उसकी जान बच गयी
है----------------------------
--शहंशाह अकबर ने अपने पहले सवाल के रूप
मे हवा मे एक अंगुली उठाकर गडरिये को ईशारा
किया?------------------------------गडरिये ने तुरन्त बादशाह को सलाम
बजाकर हवा मे दो अंगुली उठाकर जबाब दीया!!!---------------दरबार मे किसी
की समझ मे कुछ नहीँ आया!---------------बादशाह अकबर ने तुरन्त खड़े होकर
घोषणा की,कि इस गडरिये को पच्चास हजार सोने की अशर्फियां ईनाम मे दी जाती
हैँ!!!

50000 सौने की अशर्फियां!!! यह सुनकर दरबारी कानाफूसी करने लगे! जबकी
मुल्ला दो प्याजा ने खड़े होकर कहा-हुंजूर ये क्या हो रहा है?आप बीरबल की
चाल मे आकर इस दो कौड़ी के गडरिये को इतना पैसा दे रहे हो जो की हमारी तौ
पांच महीने की पगार के बराबर है!!!------------------ अब शंहशाह अकबर के
गुस्से का ठीकाना न था! उन्होने हुकम सुनाया की महामंत्री कानाफूसी करने
वाले सभी दरबारीयौँ की 15 दिन कि तन्खवाह काट दी जाए और मुल्ला दो प्याजा
की दो माह की तन्खवाह काट ली जाए! ये लोग बिना मेरे हुकुम के दरबार मे इस
तरह गुस्ताखी कर रहे हैँ!! अब सभी दरबारी डरकर शांत होकर बैठ
गये--------------------------शहंशाह अकबर ने दूसरे सवाल के रूप मे अपनी
एक अंगुली को हवा मे गोल-गोल घुमाकर (काल्पनिक वृत/गोला)बनाकर गडरिए की
और ईशारा कीया!------------------------------अब गडरिये ने जो कारनामा
किया वो इससे पहले मुगल इतिहास मेँ कभी नहिँ हुआ था! गडरिये ने भरे दरबार
मे बादशाह की और लंगोट खोलकर अपना फनफनाता लंड लहरा दीया!!!यह देखकर सभी
दरबारी गुस्से मे खड़े हो गये जबकी मुल्ला दो प्याजा और हकीम हुमाम ने
अपनी तलवार म्यान से बाहर निकाल ली!------------अब तौ बादशाह अकबर का
गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया उनके गुस्से को देखकर सभी लोग डरकर
चुपचाप अपने-अपने आसनो पर बैठ गये!

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Re: अकबर और बीरबल के चूत कुले

Unread post by The Romantic » 09 Nov 2014 08:03



बादशाह अकबर ने अत्यंत गुस्से से कहा कि एसा वाकया तो हिन्दुस्तान की
सल्तनत मे पहली बार हुआ है कि बिना शहंशाह के हुकुम के सभी दरबारी अपने
आसनो से खड़े उठ गये और कुछ ने तो अपनी तलवार निकालने की भी हीमाकत कर
डाली!------------------------ बादशाह ने फैसला सुनाया कि महामंत्री सभी
दरबारियौँ कि दो माह कि तनख्वाह और काट दी जाए एवँम हकीम हूमाम,मुल्ला दो
प्याजा की चार माह कि तनख्वाह काट दी जाये------------------------------
फिर बादशाह ने कहा कि इस गडरिये को दौ लाख सौने की अशर्फियाँ ईनाम देकर
शाही बग्घी मे बिठाकर घर तक छौड़ दिया जाए!!!!!और बीरबल कौ इतने विद्वान
आदमी को दरबार मे लाने के ऐवज मे छह माह की अतिरीक्त तनख्वाह दी जाए!!!
दरबार मै घौर आश्चर्य और सनसनी फैल गयी!!! सभी दरबारियौँ कि गांड फटी पड़ी
थी कि आखिर ये हो क्या रहा है? खुद बीरबल का भी सर चकरा रहा था!!

गडरिये की विदाई के बाद सभी दरबारीयोँ ने बादशाह कौ सलाम बजाकर अर्ज किया
कि हुंजूर चाहे आप हमारी दो माह की तनख्वाह और ले लो लेकिन हमे ये बता दो
कि भरे दरबार मे नंगा होकर गडरिये ने जो दरबार और इस्लाम तक का अपमान
किया है उसकौ आपने ईनाम क्यौँ दिया है?बादशाह अकबर ने हंसकर कहा कि इसका
जबाब आपको बीरबल देगा अब बीरबल कि भी फट गयी----किन्तु उसने हाजिर-जबाबी
से कहा-खुद बादशाह के होते हुये ये नाजीज कैसे गुस्ताखी कर सकता
है!------अब बादशाह ने बताया कि मेने एक उंगली उठाई कि अल्लाह, ईश्वर या
उपरवाला एक है तो गडरिये ने मुझे सलाम बजाकर बताया कि एक उपरवाला है और
एक आप अन्नदाता हो जो मुझे मार या बचा सकते हौ ----बादशाह बोले फिर मैने
हवा मै अंगुली घुमाकर पूछा कि इस दुनिया का सार क्या है ये दुनिया किससे
कायम है? तो गडरिये ने हमे नंगा सच बताया कि ये दुनिया लंड से ही कायम है
भले ही एसा करना हमारे धर्म के खिलाफ था पर गडरिये के पास इसके अलावा कोई
रास्ता नहीँ था सबने बादशाह की वाह-वाही कि ----दरबार बर्खास्त किया गया
।मुल्ला दो प्याजा और हकीम हुमाम सबसे ज्यादा भन्नाये हुए थे क्योँकि
उनकी गांड और आंड ही सबसे ज्यादा छिली थी!!!

अब बीरबल घर पहुचा तो उसे नींद नही आइ कि आखिर गडरिया इतना समझदार कैसे
निकला! मामले कि तह तक जाने के लिए बीरबल रात को ही गडरिये के घर पहुंचा
तो उसने देखा की गडरिया और उसकी चार सौ भेड़े अशर्फियौँ के ढेर पर सोये
पड़े हैँ बीरबल ने गडरिये को जगाकर पूछा कि उसने बादशाह कि एक अंगुली के
जबाब मे दो अंगुली क्योँ उठाई,तो गडरिया बोला कि बादशाह ने मुझे इशारा
किया कि मुझे एक भेड़ चाहिए!---तो मैने बादशाह को सलाम बजाया और ईशारा
किया कि आप तो राजा हें दिक्कत क्या है?आप एक क्या दो भेड़ ले
लो!!---अच्छा बीरबल का सर चकराया!!!फिर बीरबल ने पूछा कि गडरिये तूने भरे
दरबार मे अपना लंड क्योँ लहराया---गडरिया बेला बादशाह ने इशारा किया कि
मैँ तुम्हारी सारी भेड़े ले लुंगा--तो मैने ईशारा किया कि भौसड़ीके ऽऽऽऽ
सारी लेगा ऽऽऽऽऽ मादरचोद ले मेरा घंटा पकड़!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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Re: अकबर और बीरबल के चूत कुले

Unread post by The Romantic » 09 Nov 2014 08:07

अकबर बीरबल और तानसेन - फन्नी अडल्ट हिन्दी स्टोरी



दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक बहुत ही मजाकिया स्टोरी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ
लेकिन ये कहानी मेरी नहीं है मैने इसे सिर्फ़ हिन्दी मैं डब किया है लेकिन दोस्तो हमें इस कहानी के लेखक
को धन्यवाद देना चाहिए जिसने इतनी मजेदार कहानी हम सब के लिए लिखी है
तो भाइयों यह बात है अकबर के ज़माने की….

उसने 9 चूतिए लुंडूरे पाल रखे थे..जिनको हम अकबर के नवरत्न के रूप मैं सभी जानते हैं …!!!

बीरबल और तानसेन मे बड़ा काँपीटीसन रहा करता
था…बहुत तू तू में में होती रहती थी उनमे.. तानसेन बड़ा जलता था बीरबल से और . कहता था, ” मादरचोद, कुछ भी बकवास सुनाके बादशाह सलामत को चूतिया बनाता रहता है.” तो बीरबल कहता था तानसेन को, ” अबे जा जा भोसड़ी के, कुछ भी मूह से आँड-सांड़ फटी हुई आवाज़ निकलता है और जहांपनाह की गांड चाटता है…लगता है तेरी गांड में दर्द है इसी लिए ऐसी चूत जैसी आवाज़े निकालता रहता है…”!

एक दिन गुस्से मे आके तानसेन कहता है की ” अब फ़ैसला
हो ही जाए की कौन ज़्यादा बड़ा मादरचोद है???? तेरे से क्या होनेवाला है? मैं शर्त मारता हूँ की मैं जोधा बाई के मम्मे चूस सकता हूँ.”

बीरबल की हँस हँस के गांड मे दर्द हो गया… कहता है कि “अगर तूने ऐसा कर दिया तो अगले दिन भरी सभा मे मे मैं नंगा आउन्गा”…बहनचोद

बस फिर होना क्या था लग गयी शर्त… तानसेन की गांड में आग लग गयी..उसने आइडिया लगाया…

तानसेन गया बाज़ार, सपेरे के पास. कहता है की “भाई, मुझे एक ऐसा साँप चाहिए, अनट्रेंड और बिना ज़हर के होना चाहिए”. साँप खरीद के तानसेन उसको घर पे ट्रैनिंग देना शुरू करता है. एक आदमी का पुतला बनाके साँप को कहता है ” बेटा सप्पू उसके टाँग पे काट”. तो सप्पू पुतले के टाँग पे जाके डस लेता है…तानसेन उसको दूध पिलाता है. ऐसे ही ट्रैनिंग करते करते सप्पू तानसेन का इशारा देख कर टाँग, हाथ, गला इत्यादि को डसना सीख जाता है.. दूध पी पीकर मस्त तगड़ा हो जाता है….

जहाँ भी तानसेन इशारा करता, सप्पू वहाँ डस लेता…ट्रैनिंग करके सप्पू अब तैयार हो गया उस साले तानसेन के लिए…

अब बात ऐसी थी की अकबर और जोधा बाई हर सुबह अपने बगीचे मे सैर के लिए निकलते थे, ठंडी हवा खाते थे. अगले दिन सुबह तानसेन भी अपने सप्पू के साथ बगीचे मे जा पहुँचा, और झाड़ियों मे छिप गया…जहांपनाह और बेगम को आता देख तानसेन ने सप्पू को फट से निकालके, ज़मीन पे छ्चोड़ दिया और इशारा जोधा बाई के मम्मों की तरफ करके बोला..

“बेटा सप्पू दिखा अपना कमाल, जा डस ले रानी के मम्मो को.” सप्पू फट से गया, बेगम के घाघरे में घुसकर, टाँग पर चढ़ के, मांसल जाँघो से गुजरके, चूत को पार कर के, सीधा जा पहुँचता है मम्मों के बीच, वही खाई मे, वहाँ से प्लान के मुताबिक, सीधा लेफ्ट टर्न ले के चढ़ जाता है टॉप पे और एक सेकेंड में साली जोधा को दबाकर डस लेता है निप्पल पे…

जोधा चीखने लगी “अरे मेरे सरताज बचाओ, बचाओ …हाई साप ने डस लिया, कुछ करो ना, जल्दी से….”

अकबर तो पागल हो गया…”अर्रे बचाओ कोई बचाओ मेरी बेगम को साप ने डस लिया…. कोई बचाओ”

तभी तानसेन निकला झाड़ियों से, भाग के गया और बोला “जहाँ पनाह एक उपाय है मेरे पास रानी साहेबान को बचाने का. मैं अगर ज़हर चूस कर बाहर निकाल दूं तो आप गुस्सा होकर मेरी झाँट तो नही कटवा देंगे ना?? अकबर बोला, ” अरे, मादर चोद जो भी करना हो, जल्दी कर, लेकिन मेरी बेगम को बचा ले..!!” फिर क्या था तानसेन ने फट से जोधा बाई को पकड़ा, उसके कपड़े रंजीत की तरह फाडे और मम्मे बाहर निकाल कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा…. पूरे के पूरे चूस डाले…(और इधेर -उधर हाथ भी मार लिए हरामी ने खूब जम के जोधा की चूचियाँ दबाकर आनंद लिया ) आधे घंटे तक मसलकर मसलकर चूसा…!!

बीरबल ने ये बात सुनी तो उसकी गांड से मानो रॉकेट गुज़र गया…. मन ही मन सोचने लगा भेंनचोद कल तो लूट गयी इज़्ज़त, भरे दरबार मे नंग धड़ंग जाना पड़ेगा….गांड फट गयी… उसने खूब सोचा,राज शर्मा भी यहाँ होता तो उसी से कुछ आइडिया मिल जाता फ़िर उसने अपने बाल खुजलाए (उपर के भी और नीचे के भी) लेकिन नो आइडिया… गांड जब खुज़ाई तो आइडिया लंड की तरह उच्छल कर बाहर आया…

अगले दिन दरबार लगा, अकबर ने सबके सामने तानसेन की तारीफ की और कहा अगर तानसेन मे ज़हर चूसने की शक्ति नही होती, तो जहांपनाह आज रंडवे होते….और अकेले अपने आप हिला रहे होते….तानसेन खुशी के मारे पागल हो रहा था ये सोच कर की जब बीरबल भरे दरबार मे नंगा होकर आएगा तो अकबर की गांड शर्म से पानी पानी हो जाएगी….साला चूतिया बहुत बड़ा मादरचोद बनता है….!

वो बीरबल के गांड पे इतने हंटर मारेंगे की बीरबल की 7 पुश्ते मूह से हगेंगी…. तभी दरबार मे हलचल मची…पीछे से बहुत आवाज़ होने लगी….सबने क्या देखा की बीरबल नंगा होकर, अपना लंड हाथ मे पकड़े, दौड़ता हुआ आ रहा है…

बस फिर होना क्या था, अकबर की गांड गुस्से से लाल हो गयी…बोला, “बीरबल ये क्या गुस्ताख़ी है??? तेरी हिम्मत कैसे हुई ऐसे नंगे आने की?? दरबार की बेइज़्ज़ती करने की…? मुगल सल्तनत का कुछ ख़याल नही…??”

तभी बीरबल चिल्लाया, “हाए… जहाँ पनाह…बचाओ, मैं मर गया.. मुझे साप ने काट लिया …मेरे लंड पे..”

अकबर तुरंत बोला “तानसेन…जाओ, जल्दी से चूसो बीरबल का लंड…!!!!”
अगर बीरबल को कुछ हुआ तो हम तुम्हारी मा और बहन दोनों चोद देंगे
बेचारा तानसेन मरता क्या न करता उसे बीरबल का लंड सबके सामने चूसना ही पड़ा
तो दोस्तो बोलो लंड देवता की जय यार आप लोग इतना हँसक्यों रहे हो ये एक सीरियस
कहानी है तो दोस्तो कैसी लगी आपको ये सीरियस कहानी कमेंट ज़रूर देना वरना मैं समझूंगा मेरी मेहनत
बेकार गयी

आपका दोस्त
राज शर्मा

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