घर के रसीले आम compleet

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The Romantic
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घर के रसीले आम compleet

Unread post by The Romantic » 10 Dec 2014 13:21

घर के रसीले आम

सावधान -यह कहानी सिर्फ़ वो ही पढ़े जिन्हे मम्मी की कहानी अच्छी लगती है
और आगे भी यदि आप ऐसी कहानी जो मम्मी या बहन को चोदने की हो पढ़ना पसंद करना चाहते है तो रिप्लाइ करना.


ले बेटा अब इक्का मार दिया और इस बार भी जीत मेरी हो गई चल अब वापस से पत्ते फेटना शुरू कर दे, यह कहते हुए हरिया ने ताश की गद्दी अपने सामने बैठे हुए किशणा की तरफ बढ़ा दी और आराम से पीछे की ओर दीवार से टिक कर अपने दोनो पैरो को मोड़ कर अपनी दोनो जाँघो से अपनी लूँगी मे खड़े मूसल लंड को दबा कर वापस बाहर दरवाजे की ओर अपने घर के आँगन मे देखने लगा जहा उसकी मम्मी बैठी-बैठी चावल साफ कर रही थी, हरिया का मुँह दरवाजे की ओर था जहा से उसे उसकी भरे बदन की 46 साल की गदराई मम्मी कमला नज़र आ रही थी,

और किशणा का मुँह अपने दोस्त हरिया की ओर था जो बैठा-बैठा ताश फेट रहा था, हरिया बैठा-बैठा अपने खड़े मोटे लंड को अपनी दोनो जाँघो के बीच मसल्ते हुए अपनी भरपूर जवानी से भरी हुई मा को देखते हुए किशणा से बाते कर रहा था, हरिया का यह रोज का काम था वह अपनी मम्मी के गथिले बदन जिसका कि वह दीवाना था, जब भी मोका मिलता देखने से चुकता नही था. कुछ देर बाद किशणा उठ कर अपने घर की ओर चला जाता है और हरिया वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मस्त उठी हुई जवानी का रास्पान अपनी आँखो से करते हुए अपने मोटे लंड को मसल्ने लगता है, तभी कमला उठ कर खड़ी हो जाती है और उसका उठा हुआ गदराया पेट उसकी साडी और ब्लौज के बीच से साफ नज़र आने लगता है और हरिया का मोटा लंड झटके मारने लगता है, अपनी मम्मी का नंगा उठा हुआ पेट और उस पर गहरी बड़ी सी नाभि और ब्लौज मे कसे हुए उसके बड़े-बड़े पपितो के जैसी चुचियाँ देख कर वह अपने लंड को तेज़ी से हिलाते हुए देखने लगता है,

तभी कमला पास मे रखी झाड़ू उठाने के लिए जैसे ही झुकती है अपनी मम्मी की बड़े-बड़े तरबूज सी उठी और फैली हुई मोटी गान्ड को देख कर हरिया के लंड से चिपचिपा पानी आने लग जाता है, कमला वही झुक कर झाड़ू मारने लगती है और हरिया का मन करता है कि अपनी मदमस्त जवान मा की मोटी गान्ड मे जाकर अपना मुँह मार दे और उसकी गदराई उठी हुई जवानी को खूब कस-कस अपने हाथो से मसले, उसे कभी अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुचियाँ और कभी भारी-भारी फैले हुए चूतड़ और उठा हुआ गोरा-गोरा पेट
नज़र आता है और उसका मोटा लंड अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदने के लिए तड़पने लगता है.


यह हरिया का रोज का काम था उसका मोटा लंड अपनी मम्मी की उफान खाती गदराई जवानी को देख-देख कर ही खड़ा होना शुरू हुआ था और तब से ही वह अपनी खुद की मम्मी को ना जाने कितनी बार अपने ख्यालो मे खूब कस-कस कर चोद चुका था और अपना मोटा लंड हिला चुका था, ऐसा नही था कि उसका लंड अपनी मम्मी के भारी और गदराए जिस्म को देख कर ऐसे ही खड़ा होने लगा था, उसके पीछे भी कुछ बाते थी, जिन्होने उसे अपनी मस्तानी मम्मी के गदराए जिस्म का दीवाना बना दिया था,


हरिया स्वाभाव से सीधा उस समय उसकी उम्र करीब 16 साल रही होगी, जब वह अपने गाँव गाँव की एक चोपाल पर कुछ लड़को के साथ बैठा था, सभी लड़के चले गये और जीतू नाम का लड़का हरिया से बाते करने लगा, शाम हो चुकी थी और दोनो के बीच बाते चल रही थी, तभी जीतू ने सेक्स की बाते करने लगा जीतू- यार हरिया आज तो बहुत चोदने का मन कर रहा है
हरिया- उसे देखते हुए, मन करने से क्या होता है


जीतू- हरिया एक बात कहु, मुझे तो तेरी मम्मी की मोटी गान्ड बहुत अच्छी लगती है, जब वह चलती है तो उसकी गोरी-गोरी उठी हुई चौड़ी गान्ड इतनी मस्त लगती है कि मेरा दिल करता है कि अपना मुँह तेरी मम्मी की गान्ड मे मार दू, तेरी मम्मी को तो अपनी गोद मे पूरी नंगी बैठा कर खूब प्यार करने का मन करता है, और पता है सब से ज़्यादा सुंदर तो मुझे तेरी मम्मी का चेहरा लगता है, मेरा दिल तेरी मम्मी को बहुत प्यार करने का करता है यार

हरिया- एक दम से गुस्सा होकर खड़ा हो जाता है और, जीतू मुँह संभाल कर बात कर कामीने, तेरी मम्मी भी तो बहुत मस्त है उसे जाकर क्यो नही चोदता,

जीतू उम्र मे हरिया से 2 साल बड़ा था वह समझ गया कि हरिया को बुरा लगा है उसने हरिया का हाथ पकड़ कर वापस बैठते हुए कहा

जीतू-अच्छा भाई अब नही कहूँगा तू तो नाराज़ हो गया

जीतू- मुझे तो मेरी मम्मी भी नंगी होकर अपनी चूत मुझे दे-दे तो मे रात भर उसे चोदु, तू तो बेकार ही नाराज़ हो रहा है, देख तेरी मम्मी का शरीर पूरे गाँव की औरतो मे सबसे मस्त और सुंदर है इसलिए मैने ऐसी बात कह दी, देख हरिया मे खुले दिल का हू इसलिए तुझसे मुँह पर कह दिया और तू मुझ पर नाराज़ हो गया, और बाकी पूरे गाँव के लोग तेरी मम्मी के बारे मे बाते करते है और उसे चोदने के लिए मरते है तो तू उन्हे तो कुछ नही कहता क्यो कि वह तेरे सामने बात नही करते है इसलिए ना, खेर तुझे पसंद नही है तो मे तुझसे नही कहूँगा, पर एक बात तू ही सच-सच बता, चोदने के हिसाब से पूरे गाँव मे सबसे गथिला और भरा हुआ शरीर तेरी मम्मी का है कि नही,

जीतू की बात सुन कर हरिया कुछ ना कह सका क्यो कि जीतू सच ही कह रहा था हरिया की मम्मी की गदराई उठी हुई जवानी जो की 40 पर होने पर भी लोगो पर कहर ढा रही थी, और यह बात हरिया भी जानता था कि उसकी खुद की मम्मी बहुत सुंदर और खूब कस-कस कर चोदने लायक औरत है,


जीतू- बता हरिया क्या मे ग़लत कह रहा हू, तुझे भी पूरे गाँव मे तेरी मम्मी का शरीर ही सबसे सुंदर और भरा हुआ लगता होगा ना

हरिया- अपने सूखे होंठो को अपनी जीभ से गीला करता हुआ, हा जीतू तू कहता तो ठीक है पर मुझे यह सब बाते अच्छी नही लगती है, आज के बाद मुझसे यह सब बात मत करना

जीतू- अच्छा नही करूँगा पर प्यारे एक बार अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख लेगा ना तो तू भी पागल हो जाएगा, मेरी मम्मी ऐसी होती तो मे तो दिन रात अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके अपने मोटे लंड पर चढ़ाए-चढ़ाए घूमता, पर एक बात कहु तेरी मम्मी की गदराई उठी हुई गान्ड को सोच कर जब मे लंड हिलाता हू तो बहुत मज़ा आता है, तू तो अपनी मम्मी के साथ दिन भर घर मे रहता है उसका खूबसूरत चेहरा देख कर तुझे उसे प्यार करने का मन नही होता है क्या, मेरा तो दिल करता है की तेरी मम्मी को खूब प्यार करू, इतनी अच्छी लगती है मुझे पर अपने ऐसे नसीब कहा, हाँ मे तेरी जगह होता और मेरी मम्मी ऐसी मस्तानी होती तो मे अब तक उसकी हज़ारो बार चूत और गान्ड दोनो मार चुका होता,

गाँव मे और कोई तो नही पर अक्सर कुछ लड़के जो हरिया से बड़ी उमर के थे हरिया से उसकी मम्मी की बाते कर जाते थे, हरिया मन ही मन जीतू से बहुत चिडता था और उससे बचने की कोशिश करता था किंतु जीतू की बातो ने उसे अपनी मम्मी की मसल उठी हुई जवानी की ओर देखने पर मजबूर कर दिया था और जब वह अपनी मम्मी को उपर से नीचे तक देखता था
तब जब उसकी नज़र अपनी मम्मी के मटकते हुए भारी चुतडो पर पड़ती तो उसके मन से आवाज़ आती थी की वाकई जीतू कहता तो सही है मेरी मम्मी जैसी मोटी और चौड़ी गान्ड पूरे गाँव मे किसी औरत की नही है,

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Re: घर के रसीले आम

Unread post by The Romantic » 10 Dec 2014 13:22



एक दिन हरिया अपने कमरे मे बैठा हुआ था और तभी उसके घर के आँगन मे उसके चाचा जो कि 38 की उमर के होंगे लूँगी पहने हुए आए और उसकी मम्मी कमला से आँगन मे खड़े होकर बाते करने लगे, कमला उस समय पानी भर कर आई थी उसने साडी को उपर उठा कर अपनी नाभि के नीचे दबा रखा था उसका उठा हुआ पेट और गहरी नाभि बिल्कुल नंगी
नज़र आ रही थी और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ भी ब्लौज के उपर के दो बटन खुले होने की वजह से नज़र आ रही थी,
हरिया चुपचाप कमरे के अंदर से अपनी मा की उठी हुई कातिल जवानी को देख रहा था और उसकी नज़र चाचा की ओर गई तो उसका चाचा चोर नज़रो से उसकी मम्मी कमला का कभी उठा हुआ पेट और गहरी नाभि और कभी उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को बड़ी हसरत भरी नज़रो से निहार रहा था और कमला बिल्कुल लापरवाह होकर हस्ती हुई अपने देवेर से बाते कर रही थी, उसके जाने के बाद हरिया का मन बदल गया और वह सोचने लगा साले सब मेरी मम्मी को चोदने की नज़र से देखते है तो मे क्यो ना देखु, वैसे भी मेरी मम्मी उस समय खड़ी-खड़ी ऐसी लग रही थी जैसे खड़े-खड़े ही उसकी फूली हुई चूत मे अपना लंड पेल दू, बस तभी से हरिया अब रोज ही अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रास्पान करने से नही चुकता था.

कमला झाड़ू मार कर जैसे ही सीधी होती है उसे घर के बाहर के दरवाजे से चंदा अंदर आते हुए नज़र आती है, चंदा 40 साल की औरत थी जो कि कमला के खेतो मे कम करती थी,
कमला- आजा चंदा आजा, सच पूंछ तो मे तेरी ही राह देख रही थी, आज मेरे पैरो मे खास कर इन घुटनो मे बड़ा दर्द महसूस हो रहा है, उठने बैठने मे बड़ा दर्द होता है, अच्छा है तू आ गई चल ज़रा मेरे पैरो की मालिश तो कर दे, वैसे भी कितने दिनो से तूने मालिश नही की है,

कमला की बात सुन कर हरिया मन ही मन चहक उठता है और धीरे से दरवाजा अंदर से हल्का सा लगा कर उसकी दरार मे अपनी आँखे लगा देता है, वह अक्सर कमरे के अंदर घुस कर दरवाजे की दरार से अपनी मम्मी की मालिश होते हुए देखता रहता था,
चंदा- मुस्कुराते हुए, अरे मालकिन तुम तो कहती ही नही हो नही तो मे रोज ही तुम्हरी मालिश कर दिया करू,
कमला- जा पहले बाहर का दरवाजा बंद कर दे मे यही आँगन मे चटाई बिछा देती हू,

चंदा बाहर का दरवाजा लगा कर आ जाती है और कमला एक चटाई बिछा कर दीवार से अपनी पीठ टीका कर बैठा जाती है और अपने दोनो पैरो को घुटने से मोड़ कर बैठ जाती है, उसका मुँह सीधे हरिया के 20 मीटर दूर के दरवाजे की ओर रहता है
और चंदा उसकी दूसरी तरफ कमला का पेर पकड़ कर बैठ जाती है,
चंदा तेल कटोरी मे लेकर कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और फिर कमला की लंबी-लंबी गोरी टाँगो पर तेल लगा कर उसकी गोरी-गोरी पिंदलियो पर तेल से मालिश शुरू कर देती है और हरिया जब अपनी मम्मी की गोरी-गोरी नंगी पिंदलियो को देखता है तो उसका लंड उसकी लूँगी मे तन कर खड़ा हो जाता है और वह अपनी मम्मी की रसीली जवानी कोदरवाजे की दरार मे अपनी आँखे लगाए देखने लगता है,
चंदा धीरे-धीरे कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और उसकी मोटी-मोटी गदराई गोरी जाँघो मे तेल लगा कर उन्हे खूब कर कर दबोचती है और कमला के मुँह से आ की एक गहरी सिसकारी निकल जाती है,

चंदा-अपने दोनो हाथो से कमला की गदराई मोटी जाँघो को दबोचते हुए, मुस्कुरा कर, क्या बात है मालकिन तुम्हारी उमर जितनी बढ़ती जा रही है तुम्हारी जंघे उतनी ही मोटी होती जा रही है, तुम्हारी इन मखमली जाँघो को अगर कोई 70 साल का बुढ्ढा भी देख ले तो उसका लोला खड़ा हुए बिना नही रहेगा,
कमला-सीसियते हुए, चुप कर बेशरम तू भी तो बूढ़ी होने चली है पर इस उमर मे भी लंड-लंड कहते तेरा मुँह नही थकता है,
चंदा- हस्ते हुए, सच कह रही हू मालकिन इस उमर मे लंड से चुदवाने मे जो मज़ा आता है वह तो भरी जवानी मे भी नही आता था,
और फिर तुम्हारा शरीर तो इतना भारी भरकम है और उपर से इतनी मोटी-मोटी जंघे और तरबूज से फैले हुए भारी चूतड़ देख-देख कर तो सारा गाँव पागल रहता है,
कमला- अपनी दोनो जाँघो को फैला कर हल्के से मुस्कुराती हुई, क्या बकती रहती है चंदा तू
चंदा-अपने हाथो को कमला की जाँघो की जड़ो तक फेरते हुए, नही मालकिन मे सच कह रही हू मैने तो 15-15 साल के लड़को को भी तुम्हारे भारी-भारी चुतडो को घूरते हुए देखा है, जैसे वह लड़के तुम्हारे चुतडो को खा जाना चाहते हो, तभी चंदा अपने हाथ से कमला की जाँघो की जड़ो मे फूली हुई चूत को एक दम से सहलाते हुए उसकी फूली चूत को अपने हाथो मे भरकर दबोच लेती है,

चंदा- हाय मालकिन तुम्हारी चूत कितनी फूली हुई है, मलिक तो तुम्हे रोज खूब कस-कस कर चोदते होंगे,
कमला- आह करके सीसियते हुए, ये क्या कर रही है चंदा, आह थोड़ा धीरे कर, आह
चंदा-मुस्कुराते हुए उसकी चूत को सहलाते हुए, सच बताओ मालकिन, मालिक तुम्हे रोज चोदते है ना
कमला- अरे मेरा ऐसा नसीब कहाँ है चंदा, और तू तो ऐसे पुंछ रही है जैसे तू जानती ही ना हो, तेरे मालिक 1 महीने मे कभी एक बार चढ़ते है और उसमे भी 2 मिनिट मे पानी छोड़ कर सो जाते है,
चंदा- सच मालकिन तुम्हे तो किसी मोटी जवान लंड से चुदवाने पर ही शांति मिल पाएगी, तुम्हे जब तक खूब कस कर ना ठोका जाए तुम्हे मज़ा ही नही आता होगा

कमला- तू राज से खूब अपनी चूत मरवाती होगी, तेरा जिस्म भी तो अच्छा गदराया हुआ है, राज तो खूब कस-कस कर चोदता होगा तुझे
चंदा- हाँ मालकिन चोदते तो अच्छा है लेकिन उनकी शराब पीने की आदात की वजह से हमेशा अच्छी चुदाई नही होती है,
शराब पीकर वह जल्दी झाड़ जाते है, मे तो बहुत तड़पने लगी हू मालकिन पर क्या करू यह चूत की आग होती ही ऐसी है कि फिर कोई भी मोटा लंड मिल जाए,
कमला- चल अब बस कर, मुझे नहा कर खाना भी बनाना है वैसे भी बहुत देर हो चुकी है, कल आकर और मालिश कर देना,

चंदा खड़ी होकर यह कह कर चली जाती है की वह खेतो की ओर जा रही है, कमला खड़ी होकर वही अपनी साडी और ब्लौज खोल देती है और हरिया अपनी मम्मी को केवल पेटिकोट मे देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, वह समझ गया था कि अब उसकी मम्मी वही आँगन मे बने कच्चे बाथरूम मे जाकर नहाने वाली कमला बाहर का दरवाजा लगाना भूल जाती है और उसी बाथरूम जो कि पत्थर और इंटो से बना था मे घुस कर अपने हाथ पाँव रगड़ने लगती है हरिया दबे पाँव बाथरूम के पास आकर एक सुराग से अपनी आँखे लगा देता है और चुपचाप अपनीमम्मी की गदराई नंगी जवानी को देखने लगता है, कमला हाथ पाँव रगड़ने के बाद वही खड़ी हो जाती है और उसके भारी-भारी फैले हुए चूतड़ उसके बेटे के मुँह की ओर हो जाते है और कमला अपना पेटिकोट उतार कर पूरी नंगी हो जाती है,


हरिया अपनी मम्मी की गोरी-गोरी मोटी और गदराई गान्ड को देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे 9 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल कर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देखते हुए मसल्ने लगता है, कमला जैसे ही आगे को झुकती है उसकी मोटी गान्ड का बड़ा सा छेद और उसकी खूब मोटी-मोटी फांको वाली फूली हुई चूत और उसकी चूत की गुलाबी दरार उसके बेटे की आँखो के सामने आ जाती है और हरिया का अपनी मम्मी की ऐसी फूली और गुलाबी फटी हुई चूत और गान्ड का भूरा और बड़ा सा छेद देख कर लंड झटके मारने लगता है और उसके लंड की मोटाई और लंबाई कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है,
क्रमशः......................

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Re: घर के रसीले आम

Unread post by The Romantic » 10 Dec 2014 13:23

गतान्क से आगे..................
तभी अचानक उसके घर के दरवाजे के अंदर घुसते ही चंदा के पेर वही के वही रुक जाते है और वह एक दम से अपने पेर धीरे से पीछे करके छुप कर हरिया को देखने लगती है और उसे समझते देर नही लगती कि हरिया अपनी मम्मी को बाथरूम मे नंगी नहाते हुए देख रहा है, चंदा के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान फैल जाती है पर तभी उसकी
मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है जब उसकी नज़र हरिया के भयानक मोटे लंड पर पड़ती है और उसका मोटा लंड देख कर चंदा का गला सूखने लगता है, हरिया 22 साल का एक हत्ते कत्ते बदन का मालिक था और उसका लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, उसके मोटी लंड को देखकर चंदा का हलक सुख जाता है और वह चुपचाप दबे पाँव वापस आ जाती है और
खेतो की ओर चल देती है,


हरिया अपनी मम्मी की नंगी जवानी देख कर अपने लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, कुछ देर बाद जब कमला नाहकार पेटिकोट पहन लेती है तो हरिया दबे पाँव अपने कमरे मे आकर लेट जाता है और लेटे-लेटे ही अपने लंड को हिलाते हुए अपनी आँखे बंद कर लेता है और कल्पना करने लगता है कि वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली चूत को खूब कस-कस कर चोद रहा है. वह कल्पना मे आँखे बंद कर अपनी मम्मी को अलग-अलग तरीके से कभी चोदता है कभी उसकी फूली हुई चूत और गान्ड को चाट ता है जब उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई बड़ी-बड़ीफांको वाली चूत आती है तो उसके लंड का जोश पूरी तरह बढ़ जाता है और उसे लगता है जैसे उसका पानी छुट जाएगा, तभी बाहर से आवाज़ आती है


कमला- हरिया ओ हरिया, बेटा कितना सोएगा, चल उठ जा और जा ज़रा खेतो की ओर घूम फिर आ और फिर कमला उसके कमरे मे जाती है और हरिया अपनी आँखे बंद कर के चुपचाप लेटा रहता है, कमला उसे पकड़ कर हिलाते हुए उठती है और हरिया कसमसाते हुए उठ कर बैठ जाता है
हरिया- क्या है मम्मी, सोने दो ना


कमला- अरे बेटा जा खेतो मे काम चल रहा है और तू है कि घर पर पड़ा रहता है और तेरे बापू ने दूसरी तरफ के एक खेत को ऐसा पकड़ा है कि बस वही झोपड़ी मे दिन रत ताश खेलता पड़ा रहता है, जा जाकर देख, चंदा भी गई है,

हरिया- मम्मी मे अकेले क्या करूँगा वहाँ
कमला- तू चल तो सही पीछे से मे पहले तेरे बापू का खाना दे कर फिर तेरा खाना लेकर आती हू तब तक कुछ तो काम निपटा दे.
हरिया- अच्छा मम्मी जाता हू और फिर हरिया अपने खेतो की ओर चल देता है,

खेतो के बीचो बीच चंदा काम कर रही थी जब उसकी नज़र हरिया पर पड़ती है तो वह उठ कर कुए की ओर चल देती है जहा हरिया खड़ा हुआ था, वाहा आकर पेड़ की छाया मे बैठ कर, क्या बात है हरिया बेटा आज सुबह-सुबह खेतो मे आए हो, लगता है कुछ काम करने के इरादे से आए हो
हरिया- अरे नही चंदा काकी, मेरा मन इन खेतो मे काम करने मे ज़रा भी नही लगता है
चंदा- मुस्कुराते हुए तो फिर तेरा मन काहे मे लगता है बेटा चंदा ने घाघरा और चोली पहना हुआ था 40 की उमर मे भी उसका शरीर बहुत गदराया और भरा हुआ लगता था, और जब से उसने हरिया का मोटा लंड देख लिया था उसका मन बार-बार उसके मोटे लंड की कल्पना मे डूबने लगा था और वह भी शांत बैठने वाली नही थी और अपने मन मे सोचती है आज इसका पानी छुड़वा ही देती हू,
चंदा- उठते हुए, बेटा तू बैठ मे झोपड़ी के पीछे से पेशाब करके आती हू बहुत जोरो की लगी है और चंदा जनभुज कर अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए पास ही बनी झोपड़ी के पीछे जाने लगती है, वह जानती थी कि उसके झोपड़ी के पीछे जाते ही हरिया झोपड़ी के अंदर पहुच जाएगा और झोपड़ी की झाड़ियो को हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करेगा,

और फिर ऐसा ही हुआ चंदा के जाते ही हरिया जल्दी से झोपड़ी के अंदर जाकर पीछे की तरफ की घास की झाड़ियो को हटा कर अपनी आँखे लगा देता है
खेत पूरा सुनसान था चारो और दूर-दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था, चंदा पहले ही मस्ती मे भरी हुई थी और वह जानती थी कि हरिया उसे देख रहा है इसलिए उसने जानबूझ कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा लिया और खड़ी-खड़ी अपनी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी, हरिया चंदा काकी की फूली हुई गदराई फांको वाली चूत और मोटी-मोटी जाँघो को देख कर पागल हो गया और उसका लंड खूब झटके मारने लगा, उसने चंदा काकी की पूरी नंगी चूत और कसी हुई गोटी जाँघो को देख कर अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया इतने मे चंदा ने अपनी चूत को खूब रगड़ते हुए खड़ी-खड़ी ही अपनी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर मुतना शुरू कर दिया और उसकी चूत से निकलती मोटी धार देख कर हरिया का लंड पानी छोड़ते-छोड़ते रह गया,
कुछ देर बाद चंदा अपने घाघरे से अपनी चूत का पानी पोछते हुए वापस आने लगती है तब हरिया जल्दी से झोपड़ी के बाहर निकल कर बाहर खड़ा हो जाता है, चंदा मुस्कुराते हुए उसकी ओर आने लगती है तभी चंदा जान बुझ कर आह करती हुई अपने पेर पकड़ कर पेड़ के नीचे बैठ जाती है,
हरिया- जल्दी से चंदा के पास जाकर, क्या हुआ काकी कुछ लग गया क्या पैरो मे,
चंदा- अपने घाघरे को घुटनो तक चढ़ा कर अपने पेर के तलवो की तरफ इशारा करते हुए, देख बेटा क्या काँटा चुभ कर टूट गया है
हरिया- उसके पैरो के पास बैठ कर अपना सर झुका कर उसकी नंगी गोरी टाँगो को पकड़ कर उसके पैरो के तलवो की ओर देखने लगता है, तभी चंदा अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला देती है और जैसे ही हरिया उसकी एक टांग को पकड़ कर थोड़ा उपर उठा कर देखता है उसकी नज़र चंदा की फूली और मोटी फांको वाली चूत पर पहुच जाती है और उसका अधसोया लंड फिर से खड़ा हो जाता है,

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