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रामू compleet

Posted: 30 Dec 2014 10:08
by rajaarkey
रामू ड्राइवर--1

मेरा नाम राम कुमार है लेकिन सब मुझे रामू के नाम से पुकारते हैं. मैं एक सरकारी ऑफीसर के घर 5 साल से ड्राइवर की नौकरी कर रहा हूँ. साहब का नाम अमित मिश्रा है. वो दूसरे ज़िले में ड्यूटी करते हैं और वहीं रहते भी हैं. वो केवल सॅटर्डे को आते हैं और मंडे को वापस चले जाते हैं. घर पर उनकी बीवी और उनकी दो लड़कियाँ रहती हैं. मेम साहब का नाम ज्योति मिश्रा और उनकी लड़कियाँ मिनी और काजोल है. उन सभी का रंग गोरा, बदन एक दम स्लिम, बॉल काले रंग के और कटे हुए हैं. वो सभी दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती हैं. मैं जब उनके यहाँ नया नया आया था तो कुच्छ दीनो के बाद एक दिन बाज़ार जाते हुए ज्योति ने मेरे घर परिवार के बारे में पूच्छना शुरू किया. मैने उन्हें सब कुच्छ बता दिया की मैं गाओं का रहने वाला हूँ और मेरे मा और बाप गाओं में ही रहते हैं. मैं शहर के बाहर हाइवे के किनारे एक किराए के रूम में अकेला ही रहता हूँ. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है. ज्योति बीच में कुच्छ उल्टे सीधे सवाल भी पूच्छ लेती थी और मैं शरम के मारे चुप हो जाता था.

एक दिन जॉयटी को कुछ कम से शहर से बाहर जाना था और 2 दिन बाद वापस आना था. मेम साहब ने मुझे बुलाया और कहा, "रामू, तुम गाड़ी तय्यार करो और मेरे साथ चलो. मुझे 2 दिन के लिए बाहर जाना है." मैने कहा, "ठीक है, मेम साहब." मैने बाहर जा कर गाड़ी सॉफ की और उनका इंतेज़ार करने लगा. कुच्छ देर बाद वो आकर गाड़ी में बैठ गयी और चलने को कहा. मैने गाड़ी स्टार्ट की और चल दिया. जब हम शहर से बाहर आ गये तो ज्योति मुझसे पूछ्ने लगी की मैने अभी तक शादी क्यों नहीं की. मैने कहा की अभी तक मेरे पास रिश्ते के लिए कोई आया ही नहीं. फिर वो इधर उधर की बातें करने लगी. थोड़ी देर बाद उन्होने अचानक मुझसे पूचछा की तुम्हें बीवी की ज़रूरत नहीं महसूस होती. मैने झिझकते हुए कहा होती क्यों नहीं. वो बोली तब तुम क्या करते हो. मैं चुप रह गया. वो बोली की तुमने सुना नहीं मैने क्या कहा. मैने कहा की मेरे घर के पास ही एक औरत रहती है, उसी से मेरा संबंध है. वो बोली की उसके घर में कोई और नहीं है. तो मैने कहा की उसका पति है और वो एक फॅक्टरी में नाइट ड्यूटी पर चला जाता है. वो बोली की दिखने में वो कैसी है. मैने कहा की वो गाओं की आम औरतों की तरह ही है. शकल सूरत से ठीक-तक है. फिर वो चुप हो गयी.

1 घंटे के बाद हम उस शहर में पहुच गये तो में साहब ने एक होटेल का पता बताया और वहाँ चलने को कहा. में साहब के लिए उस होटेल में रूम बुक था.

हम सीधे उस होटेल पर आ गये. रात के 9 बजने वेल थे. मैं उनके साथ रूम में आ गया और बैठ कर टीवी देख रहा था. रात के 10 बजे में साहब ने खाना माँगाया. हम डन ने खाना खाया. खाना खाने के बाद मैं नीचे गाड़ी में सोने के लिए जाने लगा तो में साहब बोली, "रामू, तुम यहीं सोफे पर सो जाओ. मुझे अकेले में दर लगता है." मैने कहा की मैं आप के रूम में कैसे सो सकता हूँ. वो बोली की मैं कह रही हूँ ना. मैं वहीं रुक गया. में साहब ने कहा की तुम सोफे पर सो जाओ और खुद बेड पर सोने चली गयी. मैं सोफे पर सो गया.
रात के लगभग 12 बजे मौसम खराब हो गया. ज़ोर ज़ोर से आँधी चलने लगी और बिजली भी कडकने लगी. मेम साहब ने उठ कर मुझे जगाया और बोली, "रामू, मुझे बहुत दर लग रहा है." मैने कहा, "मैं तो यहीं हूँ. आप आराम से सो जाइए." वो बोली, "नहीं तुम मेरे साथ चल कर बेड पर एक किनारे सो जाओ. मुझे बिजली कडकने से बहुत दर लगता है." मैं चुप-चाप उठ कर उनके साथ बेड पर आ गया. मैने एक चादर ओढ़ ली और बेड के एक किनारे सो गया. में साहब बेड के दूसरे किनारे पर सोने की कोशिश करने लगी.

कुच्छ देर बाद बहुत ज़ोर से बिजली कदकी तो में साहब ने मुझे पीच्चे से पकड़ लिया और चिपक गयी. मैं घबडा गया. उनके बूब्स को मैं अपने पीठ पर महसूस कर रहा था. मुझे भी जोश आने लगा और मैं चुप रहा. थोड़ी देर बाद वो मेरे सीने के बलों को सहलाने लगी. मैने उनका हाथ पकड़ कर हटा दिया लेकिन वो फिर अपने हाथों से मेरे सीने को सहलाने लगी. मुझे और ज़्यादा जोश आने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया. वो मेरे सीने को सहलाती रही. मुझे मज़ा आ रहा था इसलिए मैं कुच्छ नहीं बोल रहा था. कुच्छ देर तक मेरे सीने को सहलाने के बाद उनका हाथ धीरे धीरे मेरे पेट पर आ गया और वो मेरा पेट सहलाने लगी. थोड़ी ही देर बाद उनका हाथ मेरे लंड पर था. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था. जैसे ही मेम साहब का हाथ मेरे लंड पर पड़ा तो वो उसे टटोलने लगी और बोली, "रामू, तुम्हारा तो बहुत लंबा चौड़ा लग रहा है. क्या साइज़ होगा इसका." मैने कहा, "यही कोई 8" लंबा और 2 1/2" मोटा." वो चौक कर बोली मुझे विश्वास नहीं होता. तुम अपना मूह मेरी तरफ करो, मैं इसे अभी देखना चाहती हूँ.


Re: रामू ड्राइवर

Posted: 30 Dec 2014 10:09
by rajaarkey
रामू ड्राइवर--2

मैने करवट बदल ली. उन्होने मेरा नेकर खोला दिया और मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ लिया. मेरी सारे बदन में आग सी लग गयी और मेरा दिल तेज़ी के साथ धड़कने लगा. वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था, उनके सहलाने से एक दम तन गया. वो मुझसे एक दम चिपक गयी. कुच्छ देर तक मेरे लंड को सहलाने के बाद बोली, "तुम्हारे बॉल बहुत बड़े बड़े हैं. तुम सॉफ नहीं करते हो क्या." मैने कहा, "अभी 15 दिन पहले ही सॉफ किया था." वो बोली, "मुझे नीचे के बॉल नहीं पसंद हैं.

मैं अभी तुम्हारे बाल साफ कर देती हूँ." वो उठी और लाइट ऑन करके ड्रेसिंग टेबल से शेविंग कीट निकल कर ले आई और बोली, "तुम लेट रहो, मैं तुम्हारे बाल साफ कर देती हूँ." मैं लेटा रहा और मेम साहब मेरे बॉल साफ करने लगी. बॉल साफ करने के बाद उन्होने मेरे लंड पर हाथ फिराया और कहा, "अब यह और अच्च्छा लग रहा है." कुच्छ देर तक मेरे लंड पर हाथ फिरने के बाद उन्होने मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर देर बाद वो बोली, "रामू, तुम्हारा लंड तो बहुत ही बड़ा है और जब तुम अपने पड़ोसन को चोद्ते हो तो उसे दर्द नहीं होता." मैने कहा, "पहली बार हुआ था पर अब वो मेरे लंड की आदि हो चुकी है और खूब मज़े के साथ चुडवाटी है. एक बार मैं नंगा नहा रहा था तो उसने मेरा लंड देख लिया था. मेरे लंड की साइज़ को देख कर वो मुझ पर फिदा हो गयी थी. हमेशा किसी ना किसी बहाने मेरे पास आती थी और खूब बातें करने लगी थी. एक दिन उसने मुझसे बिना किसी शरम के कह दिया की वो मुझसे चुड़वाना चाहती है. मैने बिना कोई मौका दिए उसे खूब चोडा. पहली बार उसकी चूत से खून भी आ गया था." मेम साहब बोली, "तुम्हारा लंड तो है ही इस काबिल की कोई भी औरत इसे देख कर तुमसे चुड़वाना चाहेगी. मेरे पति का लंड तुम्हारे लंड से छ्होटा लेकिन बहुत छ्होटा नहीं है. वो लगभग 5" का होगा."

मेम साहब ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद बोली, "क्या तुमने कभी किसी औरत की चूत को चटा है." मैने इनकार कर दिया. मेम साहब बोली, "चलो, अब तुम मेरी चूत को चतो और मैं तुम्हारे लंड को चूस्टी हूँ." मैं और जोश में आ गया. मैं मेम साहब की टाँगों के बीच आ गया. मैने उनकी सारी उपर कर दी. नीचे उन्होने पनटी पहन रखी थी. मैने पेंटी भी उतार दी. उनकी चूत एक दम गोरी और चिकनी थी. मैने अभी तक ऐसी चूत नहीं देखी थी. थोड़ी देर बाद मेम साहब बोली, "क्या तुमने ऐसी चूत अभी तक नहीं देखी है. तुम देखते ही रहोगे क्या, चातोगे नहीं मेरी चूत को." मैने कहा, "मैने इतनी गोरी और चिकनी चूत कभी नहीं देखी है. मेरी पड़ोसन की चूत तो साँवली है." वो बोली, "ठीक है. चलो अब मेरी चूत को चाटना शुरू करो." मैने उनकी छूट पर अपना जीभ फिरना शुरू कर दिया. वो जोश में आ कर सिसकारियाँ भरने लगी. फिर मैने अपनी एक उंगली उनकी चूत में दल दी और अंदर बाहर करने लगा. वो मेरा लंड चूस रही थी. थोड़ी देर बाद मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गया और मेरे लंड ने उनके मूह में पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया. मेम साहब वो सारा पानी पी गयी. 5 मिनिट बाद उनकी चूत से भी पानी निकला तो मैने भी सारा पानी छत लिया.

मेम साहब मेरे लंड का पानी निगलने के बाद मेरे लंड को फिर चूसने लगी और मैं उनकी चूत को चाटने लगा. लगभग 10 मिनिट के बाद मेरा लंड फिर तय्यार हो गया. वो बोली, "रामू अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. जल्दी चोदो मुझे." मैं उठ कर उनके टाँगों के बीच आ गया. मैं जनता था की मेरा मोटा और लंबा लंड उनकी चूत के अंदर आराम से नहीं जाएगा और उनको बहुत तकलीफ़ होगी. मैं अपनी पड़ोसन की हालत पहली बार की चुदाई के समय देख चुका था. लेकिन मैं मेम साहब की गोरी और चिकनी चूत को बिना कोई तेल या क्रीम लगाए चोदना चाहता था. मैने उनके चूतड़ के नीचे दो तकिये रख दिए और उनकी टाँगों को पकड़ कर फैला दिया.

अब उनकी चूत उपर उठ गये और उसका मूह खुल गया. मैने अपने लंड के सूपदे को उनकी चूत के बीच रखा. वो एक दम मस्त हो गयी थी और बोली, "इतनी देर क्यों लगा रहे हो, रामू. जल्दी डालो अपना लंड मेरी चूत में. मुझसे अब ज़्यादा बर्दस्त नहीं होता. दल दो अपना पूरा लंड एक ही झटके से मेरी चूत में. फाड़ दो मेरी चूत को."
मैं और ज़्यादा जोश में आ गया. मैने लंड को उनकी चूत में एक झटके से दल दिया. लेकिन वो उनकी चूत में केवल 5" ही घुस पाया और उनको दर्द होने लगा. उन्होने दर्द की वजह से अपने होठों को ज़ोर से जाकड़ लिया. मैने फिर एक धक्का मारा तो वो दर्द नहीं बर्दस्त कर पे और उनके मूह से एक हल्की सी चीख निकल गयी. अब तक मेरा लंड उनकी चूत में 6" तक घुस चुका था. मैने फिर धक्का लगाया तो वो ज़ोर से चीखी और बोली, "रामू अब नहीं बर्दस्त हो रहा है, बाहर निकालो अपना लंड." मैने अपना आधा से ज़्यादा लंड बाहर निकल लिया.

मैं उनकी गोरी और चिकनी चूत को तकलीफ़ देकर चोदना चाहता था इस लिए वो कुछ और बोल पति इसके पहले मैने अपने लंड को वापस उनके चूत में एक जोरदार धक्के के साथ घुसा दिया. वो बहुत ज़ोर से चीखी और फिर कुछ बोल पति की मैने अपनी पूरी ताक़त लगाकर एक फाइनल धक्का लगा दिया. अब मेरा 8" का पूरा लंड उनकी चूत में जड़ तक घुस चुका था. वो अभी भी चीख रही थी. उन्होने मुझसे फिर अपना लंड बाहर निकालने को कहा तो मैने कहा, "मेम साहब, तोड़ा सबर करो. अब तो ये पूरी तरह से आपकी छूट में अंदर घुस चुका है. अभी कुछ और धक्कों के बाद आपका दर्द भी ख़तम हो जाएगा."

मैने धीरे धीरे छोड़नना शुरू कर दिया. 5 मिनिट तक धीरे धीरे छोड़ने के बाद उनका दर्द कम हो गया और उन्हें मज़ा आने लगा. वो बोली, "रामू, खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ और तेज़ी के साथ चोदो मुझे." मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. वो और तेज और तेज कहती रही और मैं अपनी स्पीड बढ़ता रहा. अब मैं बहुत ही तेज़ी के साथ उनकी चूत की धुनाई कर रहा था. लगभग 20 मिनिट तक छोड़ने के बाद मेरे लंड ने उनकी चूत को भरना शुरू कर दिया. अब तक वो भी 3 बार झाड़ चुकी थी. मैं उनके उपर ही लेट गया और उनके होत चूसने लगा. वो भी मेरा होत चूमने लगी. वो बोली, "मैं कितनी खुशकिस्मत हूँ की मुझे आज ज़िंदगी में दूसरी बार सुहग्रात का मज़ा मिला. आज मुझे ज़िंदगी में पहली बार चुड़वाने में बहुत मज़ा आया.


Re: रामू ड्राइवर

Posted: 30 Dec 2014 10:09
by rajaarkey
रामू ड्राइवर--3

मैने जब तुमसे लंड को बाहर निकालने को कहा था, अगर तुम रुक जाते और अपना लंड बाहर निकाल लेते तो मैं ये मज़ा कभी भी नहीं ले पाती." थोड़ी देर बाद मैं उनके उपर से हट गया. उन्होने एक कपड़ा उठा कर अपनी चूत को साफ किया तो उस पर कुछ खून के धब्बे भी लग गये. उन धब्बों को देख कर वो और खुश हो गयी और बोली, "ये धब्बे तो किसी कुँवारी चूत की पहली बार की चुदाई के निशान जैसे ही हैं. मेरी चूत भी तो तुम्हारे लंड के लिए कुँवारी चूत जैसी ही थी."
20 मिनिट बाद वो ज्योति मेरा लंड फिर से चूसने लगी. मैं समझ गया की वो मुझसे दोबारा चुड़वाना चाहती हैं. मैने उसकी चुचियों को मसलना शुरू कर दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी. 5 मिनिट में ही मेरा लंड पूरी तरह से फिर तय्यार हो गया.

वो बेड पर ही डॉगी स्टाइल में हो गयी और बोली, "रामू, पीच्चे से आकर चोदो मुझे. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदना. मुझे अगर तकलीफ़ होने लगे तो तुम उसकी परवाह मत करना." मैं उनके पीच्चे आ गया. मैने उनकी गोरी और चिकनी चूत को फैला कर अपने लंड के सुपादे को बीच में रखा और एक जोरदार धक्का मारा. उनकी चीख निकल गयी. मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस चुका था. मैने बिना रुके तेज़ी के साथ उनको चोदना शुरू कर दिया. वो चीखती रही और मैं अपना लंड उनकी चूत में घुसता रहा. ज्योति को बहुत दर्द हो रहा था लेकिन इस बार उसने मुझसे एक बार भी अपना लंड बाहर निकालने को या रुकने को नहीं कहा बस केवल चीखती रही. मैने छोड़ना जारी रखा. कुच्छ ही धक्कों के बाद मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया. मैं अपना आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकल कर पूरे ताक़त के साथ वापस उनकी चूत में गहराई तक घुसा देता था. फ़च-फ़च की आवाज़ें रूम में गूँज रही थी. वो आवाज़ सुनकर मुझे और जोश आने लगा और मैने और बहुत ही तेज़ी से साथ उनके चूत की धुनाई शुरू कर दी.

थोड़ी देर बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा. वो अपने चूतड़ को आयेज पीच्चे कर के मेरा साथ दे रही थी. इस बार मैने उनको लगभग 30 मिनिट तक चोदा और वो मेरे झड़ने के पहले ही 4 बार झाड़ चुकी थी. लंड का पानी पूरी तरह निकल जाने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकल लिया. वो पलट कर मेरे लंड के पास आई और अपनी जीभ से उसे चाट चाट कर साफ करने लगी. ज्योति की चुदाई दूसरे दिन भी जारी रही. मैने उन्हें 48 घंटों में 8 बार चोडा. वो मेरी चुदाई से बहुत सन्तुस्त थी. 2 दिन बाद हम वापस आ गये.