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एक जासूस की सेक्स लीला

Posted: 03 Jun 2016 23:32
by chandni
इंटरव्यू में हुई पहली चुदाई

मै चांदनी आज ४५ साल के उम्र काट चुकी हु . और मै आपके साथ मेरे जॉब के बारेमे शेयर करने वाली हु. वैसे मेरा कम किसी रंडी से कम नहीं था. पर आज मुझे इस बात की ख़ुशी है की इतने सेक्स के बाद मैंने उन दरिंदो को सबक सिखाने का काम कर दिया जो उत्तर पूर्व सीमा पर घुमने आये लोगोको बड़ी बेरेहमिसे लुटते थे और अपना काम होने के बाद मार गिरते थे. वैसे ये कहानी मेरे बचपन से शुरू होती है लेकी मै इसे मेरे इंटरव्यू से बताती हु.

मै १८ साल की हो गयी थी और अब मुझे जॉब करना था इसीलिए मै एक जासूसी कंपनी में इंटरव्यू के लिए गयी थी. ये लोग अंतररास्ट्रीय जासूसी करते थे. और कुछ खास तरह के केसेस ही सोल्वे करते थे. जिस प्रोजेक्ट के लिए मुझे चुना गया था वो प्रोजेक्ट इतना सेक्स भरा है की मै क्या बताऊ.

मेरे इंटरव्यू में मेरी पहली बार चुदाई हुई. मै अकेली थी इंटरव्यू के लिए और सवाल पूछने वाला २१ साल का विक्रम बहोत स्मार्ट था. उसका कसरती शरीर किसीभी लड़की को पागल करदे ऐसा था. मुझे पूरा नग्न हो कर एक बेड बैठा दिया गया और विक्रम मेरे साथ बाते कर रहा था. उसकी बाते कनोमे मिठास घोल रहे थे. मै स्थिर बैठी थी.

थोड़ी देर बाद विक्रम मेरे पास आकर बैठ गया मैंने देखाकि उसका लंड पैन्ट के अन्दर उधम मचा रहा है. वो पास आतेही मुझसे रहा न गया और मैंने उसके गुलाबी होठोको चूमना शुरू कर दिया. उसने भी मुझे कसके पकड़ लिया और सहलाने लगा . मै तो नंगी थी . चुदाई के बारेमे सुन रखा था. मैंने उसके शर्ट के बटन खोल दिए और वो निकल फेका. इसके पहले मै उसकी छाती परसे हाथ घुमाऊ वो मेरे बूब्स को बारी बारी चूसने और दबाने लगा. मेरे कड़क बूब्स को किसी और का पहला टच था. मै भी उसे खुशीसे लेने लगी.

मैंने धीरे से अपने हाथ बढाकर उसके पैन्ट को खोल दिया और अब वो सिर्फ अंडी पर था. मैंने एक पल भी देर न करते हुए उसके पुरे कपडे उतर दिए और उसके लंड को चूसने लगी और उसके गान्डके कलिंगडोको सहलाने लगी. उसका लैंड ७ इंच लंबा था और गुलाबी था. लोलीपोप की तरह मै उसके मजे लेने लगी.

विक्रम बोल उठा, 'आह तुम सेलेक्ट हो इस जॉब के लिए. पहली बार किसीने इसे चूसा है. बहोत मजा आया.' और उसने मुझे लेटा दिया और मेरी चूत में अपना लंड दाल कर अंदर बाहर करने लगा. लंड पूरा अंदर जा रहा था और बाहर आ रहा था इस पुरे खेल में मै पूरी पानी पानी हो गयी फिर भी वो मांसकी गरम सलाख कड़क थी. अब विक्रम ने मुझे जोर से झटके मारने शुरू किये और ५ मिनट बाद उसने सफ़ेद फवारे उदा दिए.

मेरी कवरी चूत थोड़ी लाल हो गयी. विक्रम मुझे बाथरूम में लेकर गया और उसने मुझे स्नान कराया. उसके बाद उसने मेरी चूत को एंटीसेप्टिक क्रीम लगायी और कहा, 'ओह मेरी चांदनी यू आर सिलेक्टेड. तुम बहोत सेक्सी हो और तुमको एक खास प्रोजेक्ट की ट्रेनिंग कलसे दी जाएगी. तुम कल समय पर आ जाना. लव यू माय न्यू फ्रेंड.'

इसके बाद क्या हुआ ये अगले लेख में जानिए.

Re: एक जासूस की सेक्स लीला

Posted: 04 Jun 2016 00:05
by chandni
बहन और उसके ससुराल वालोके साथ ग्रुप सेक्स का मजा क्या कहना

मेरा इंटरव्यू होने के बाद मै मेरे बहन के यहां उसे ये खुशखबरी देने गयी. आपको बता दू की मेरे बहन के ससुरजी इस जासूसी कंपनी के डायरेक्टर थे और उन्होनेही मुझे और मेरी बहन को हमारे माँ बाप गुजर जाने के बाद पाला था. मेरी बहन दुसरे प्रोजेक्ट पर उसके पति देवर और देवरानी के साथ काम कर रही जो केस सोल्वे हुए ४ महीने हो चुके थे. इसीलिए वो घर पर ही थी और बाकि लोग भी.

मै बड़ी एक्साइट हो कर मेरी बहन रानी के यहाँ पोहोची. घर का दरवाजा खुला था तो मै बगर नोक किये अन्दर चली गयी और अन्दर का माहोल देख कर दांग रह गयी. अन्दर रानी अपने देवर अमरीश पति आदित्य और ससुर अदिराज के साथ मजे कर रही थी. जैसे उसने मुझे देखा वो मेरे पास आई और उसने जोर से मुझे टंग किस करना शुरू कर दिया उसका देवर आया और बोला, 'भाभी बच्ची दर जाएगी थोडा आरामसे '

विक्रम के साथ हुई बदन की ठुकाई अभी भी मेरे तन को पुलकित कर रही थी उसमे दीदी ने किस कर दिया हाय मै तो पागल हो गयी मेरे निप्पल टाइट हो गए थे और मेरे शर्ट में से दिख रहे थे ससुर अदिराज इस बात को भाप गया था. ५० साल का अदिराज मेरे पास आया और मेरे पीठ पर हाथ सहलाते हुए बोला 'बधाई हो तुम सेलेक्ट हो गयी' अदिराज का स्पर्श मुझे अच्छा लग रहा था और फिर मेरे जीजा आदित्य ने मेरे शर्ट को मुझसे अलग कर दिया और कहा, 'अपने अन्दर की आग मत छुपाओ आओ मजे करो'

मेरे लिए ये थोडा अजीब था लेकिन फिर रानी बोली, 'अब बस तुम इसकी आदत दल लो ये समझो ये भी तुम्हारी ट्रेनिंग है.' और वो लेट गयी और अपनी चूत को सहलाने लगी. उसकी ज्यूसी चूत ने मुझे उसे चाटने के लिए मजबूर कर दिया. वो लेट हुई थी और मै डॉग के जैसे झुक कर उसकी चूत के मजे उठा रही थी. मैंने पहली बार चूत छाती थी. उसका वो कसेला टेस्ट आहा .

पिछेसे ससुर अदिराजने मेरे स्कर्ट को उप करके मेरी पैंटी निकालनी चाहि. दीदी की चूत तो चाटते हुए ही मैंने भी उनको वो निकालने दी. वो मेरे बम्प्स को सहलाने लगे और उन्होंने तेल की धार मेरे गांड में लगादी जिससे गांड का छेद एकदम स्मूथ हो गया. बस फिर उनका लंड मेरी गांड में और मै दीदी की चूत में मजे ही मजे. ५० साल का बुढा था लेकिन बहोत स्ट्रोंग. आधे घंटे तक गांड मारता रहां और आखिर में लंड बहार निकल कर स्कलित हो गया.

मेरी बहन अब थक चुकी थी तो वो और उसके ससुर चले गए अब उस गोल बिस्तर पर मै जीजा और बेहनका देवर इतनेही लोग थे. उन दोनोने मेरे ऊपर उपना जिफाड प्रेम बरसाया. इतना पागलपन मुझे थकाने के लिए काफी था.

Re: एक जासूस की सेक्स लीला

Posted: 04 Jun 2016 00:41
by chandni
बहन और उसके ससुराल वालोके साथ ग्रुप सेक्स का मजा क्या कहना - २

अब आप पढोगे जीजा और उसके भाई का पागलपन. बस जीजा आदित्य और बहन का देवर अमरीश मै दोनोकी तरफ देखटी रह गयी दोनों आलरेडी नंगे थे. दोनों की उचाई ६ फिट थी और कद कसरत करके ६ पैक एप वाला था. दोनों ने मेरे सामने कुछ पिल्स लिए और मुझे गर्भ निरोधक पिल्स देकर थोड़ी वाइन पिने के लिए दी. वाइन पिने से मुझे थोडा फ्रेश लगने लगा था क्युकी विक्रम और अमरिश ने तो चूत और गांड दोनों फाड़ दी थी. थोड़ी थकन थी. वो दूर हो गयी.

आदित्य ने मेरी स्कर्ट निकल फेकी और ब्रा के हुक्स खोल दिए. निप्पल्स ब्रोउन कलर के है मेरे जो मेरे गोर बदन को एक आउटलाइन देते है और मै नेकेड में भी सेक्सी लगती हु. आदित्य ने मेरी चूत के एकदम उपरी पॉइंट को सहलाना शुरू किया. और मै बोल पड़ी, 'ओहह्ह्ह्हह्हह्ह्ह' अब इसके बाद तो मजा और आया जब उसने ये सहलाना जरी रखते हुए मेरी चूत तो खीच खीच कर चाटना शुरू किया.

इधर ऊपर अमरिश मेरे निप्पलस को चिमटिया ले रहा था और मेरे होठोको काट काट कर किस कर रहा था. मै आह भरना चाहती थी पर मु बंद था मेरा. २० मिनट ये चल रहा था. आधा समय अमरिश किस कर रहा था और फिर आधा समय मेरी चूत चाटी उसने. और फिर दोनों ने कहा 'बारी बारी लंड चुसो' मै बस लग गयी उसीमे. जब मै अदित्यका लंड चूस रही थी तब अमरिश ने मेरे चुचुयों को दबाना चालू रखा और मेरे चूत चूसने लगा. १५ मिनट आदित्य के लंड को चूसने के बाद उसका लंड टाइट हो गया. और उसने लंड से मेरे चूत को घिसना शुरू कर दिया. फिर मै अमरीश का लंड चूसने लगी.

अमरिश ने मेरे पास आकर कहा, 'हम जो भी करेंगे तुम आह नहीं भरोगी और बदन पर होने वाले सभी सेनसेशन को महसूस करोगी मजे लोंगी.' अमरीश ने मुझे कसकर पकड़ लिया और विक्रम जोर जोरसे झटके मारने लगा इधर अमरीश भी फुल टाइट था. लोहे की गरम सलाख जैसा. १० मिनट हो गए तो भी आदित्य झाडा नहीं था. लेकिन वो हट गया और अमरीश ने जहतके देना शुरू किये. नीच अमरीश चुत्मे झटके डे रहा था और ऊपर मै आदित्य को चूस रही थी. अमरीश गांड सहला रहा था. आदित्य निप्पलस चिमद रहा था. बस ये हर १० मिनट बाद बाद रहा था. वो दोनों और मै अकेली.

बरी बरी चुसाई और ठुकाई का खेल दोनों भाई लघ बघ २ घंटे खेलते रहे. बस दोनों ने चूत तो बहोत ठण्डा कर दिया था. अब दोनों ने अपना पूरा जोर लगा कर ठोकना शुरू किया. मुझे पैर की उन्ग्लियोतक बिजली के झटके जैसा लग रहा था. मै तो पानी पानी हो कर बह रही थी. फिर दोनों भी झड गए. आदित्य ने फवारा बाहर उदय और अमरीश ने चूत के अन्दर.

आदित्य थक कर मेरे दुधु पर सर रख के लेट गया. मेरे निप्पलस अभी भी पॉइंटेड थे तो वो उन्हें सहला रहा था. और अमरीश ने झटके मारके वीर्य गिरा तो दिया था पर अभी भी उसका लंड कड़क था और चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. धीरे धीरे चूत में गिरा वीर्य बहार आने लगा और मुझे चूत में ठंडा महसूस होने लगा. १५ मिनट बाद जब अमरीश ने लंड बाहर निकला तब पता चला की चुदाई किस हद तक सुकून देती है.