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क्या ये धोखा है ? compleet

Posted: 16 Oct 2014 07:03
by raj..
हिंदी सेक्सी कहानियाँ

क्या ये धोखा है ?--1

हेलो दोस्तो,मेरा नाम सपना हैं.मेरी उम्र 24 साल हैं और मैं पुणे की रहने वाली हूँ.मेरी शादी के 3 साल होने को आ गये हैं,एक बेटा हैं मेरा 1 साल का.वैसे मैने इस साइट पर यानी हिन्दी सेक्सी कहानियाँ ब्लॉग पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं या यूँ कहों कि मैने अपने पति के साथ पढ़कर इंजोय किया हैं तो ग़लत नहीं होगा.पढ़ते पढ़ते मेरे मन में एक ख्याल आया कि क्यों ना मैं अपनी आपबीती सबसे शेर करूँ इस साइट के ज़रिए.इसीलिए मैने ये अपनी कहानी यहाँ लिखी हैं.मैं बता दूं की ये बात मेरे पति को भी मालूम नहीं हैं.मैं क़िस्सी तरह दोपहर को टाइम निकाल कर लिख पाई हूँ.कोई ग़लती हो तो आइ एम सॉरी क्योंकि मेरी कॉंप नॉलेज और इंग्लीश दोनो अच्छी नहीं हैं.लग रहा हैं आपको बोर कर रही हूँ….ओके स्टार्ट कहानी…………………..,,,,,,,,,

स्टार्ट करती हूँ ये कहानी 5 साल पहले से जब मैं मुंबई में ब्कॉम कर रही थी.हॉस्टिल में रहती थी तब.

और अपने फ्रेंड्स सर्कल में खूब मस्ती होती थी.ग़लत मत समझो,कोई ज़यादा ग़लत काम नहीं करते थे.पर लॅडीस हॉस्टिल में रहते थे तो कुच्छ बुरी आदते आ ही जाती हैं.हमारा फ्रेंड ग्रूप 5 लड़कियों का था.हम दो रूम में अड्जस्ट कर रहती थी.घूमना और मस्ती करना ,शॉपिंग करना लड़को पर फब्तियाँ कसना और फिर रूम में आकर पिक्चर अच्छी भी और गंदी भी देखते थे.पर हम सभी फ्रेंड्स लड़को के मामले में बहुत अच्छी थी.क़िस्सी का कोई अफेर नहीं था,हम यही सोचते थे की जिससे शादी होगी उसीसे प्यार और सेक्स करेंगे.

मन तो सबका करता था जब हम ब्लू फिल्म्स में लड़को और लड़कियों को नंगे सेक्स करते हुए देखती थी.पर हम लोग एक दूसरे से चिपेट कर अपने होने वाले पतियों के बारे में गंदी बात कर सब्र करते की शादी के बाद ये सब करने को मिलेगा ही. मेरी बेस्ट फ्रेंड और रूम मेट का नाम संगीता था,उसकी उम्र 21 साल थी.

हम दोनो काफ़ी फ्रॅंक थे,ग़लत मत समझना हम दोनो के बीच कोई ग़लत रिस्ता नहीं था.पर हम दोनो जब भी बीएफ देखती तो एक दूसरे को बाहों में भर लेती थी और बातें करती रहती थी.

जब भी इंग्लिश. बीएफ देखती उसमे हब्सियों या गोरे गोरे बॉडी बिल्डर्स के बहुत लंबे और मोटे मोटे लंड रहते थे जिससे वो मॉडेल्स को फक करते थे.मैं तो देख कर काँप जाती क़ि इतने बड़े बड़े लंड आख़िर अंदर कैसे घुस जाता हैं.मैने संगीता से एक दिन पूछा की इतने बड़े और मोटे लंड औरते अंदर कैसे लेती हैं ,उन्हे दर्द नहीं होता.संगीता मेरे गाल पर चिकोटी लेती हुई बोली कि अरे इसमे पहली बार तो दर्द होता हैं पर बाद में तो स्वर्ग से भी ज़यादा मज़ा आता हैं,जब इतना बड़ा लंड अंदर बाहर जाता हैं तो बहुत मज़ा आता हैं.देख वो स्लिम मॉडेल्स कैसे पूरा अंदर लेकर मस्ती से चुदवा रही हैं. देख तो मैं भी रही थी,एक मॉडेल दो दो बड़े बड़े लंड बारी बारी से ले ले रही थी. वो जब अंदर बाहर उसकी चूत में जा रहा था,हम दोनो की तो देख कर हालत ही खराब हो रही थी. मेरी तो पॅंटी गीली हो गयी थी शायद संगीता की भी हो गयी थी.संगीता बोली कि जानती हैं सपना इंडियन्स का लंड इतना बड़ा नहीं होता,हमे तो छ्होटे छ्होटे लंड ही मिलेंगे.तो क्या हुआ वो हमारा तो होगा उसपे किसी और का अधिकार तो नहीं होगा,तुझे बड़ा चाहिए तो कोई हबसी से शादी से कर ले.मैं उसे चिढ़ाती हुई बोली.

Re: क्या ये धोखा है ?

Posted: 16 Oct 2014 07:04
by raj..

अच्छा सपना की बच्ची पता चले के मेरी शादी के बाद तू मेरे घर आ जाए उस हबसी के लंड के लिए.वो उठ कर बाथरूम में चली गयी.मैं समझ गयी वो उंगली से अपने को शांत करने गयी हैं. हम दोनो एक दूसरे को समझते थे ,आख़िर क़िस्सी लड़के से शादी से पहले सेक्स करने से अच्छा था कि उंगली से शांत कर लो. पहली बार मुझे संगीता ने ही बताया था की वो अपने को कैसे शांत करती हैं.फिर तो मेरी भी रोज़ आदत हो गयी थी सोने से पहले उंगली से चूत को शांत करने की. सच कहूँ तो ऐसा करते समय तरह तरह के गंदे ख्याल दिमाग़ में आ जाते थे.कभी बीएफ में देखे हुए नंगे लड़के,उनके लंड और नंगी लड़कियों.

चुदवाती हुई तो कभी कोई दिन में देखा हुवा कॉलेज का कोई हॅंडसम लड़का जो मुझे लाइन मारने की कोसिस करता उसके बारे में सोचती तो कभी कोई फिल्म स्टार या खिलाड़ी के बारे में सोच लेती और अपनी चूत को उंगली से शांत कर लेती.मैं जानबूझ कर ऐसा नहीं सोचती थी,संगीता कहती थी ये सबके साथ होता हैं ,शादी के बाद भी जब तू पति के साथ करेगी तो आख़िरी लम्हो में कोई गंदा सीन या कोई गंदी बात आ जाती हैं.कोई आदमी या औरत उसे नहीं रोक सकती,ऑटोमॅटिक ऐसा ख्याल आता हैं जब हम चरम सीमा पर पहुँचते हैं.

शायद वो सच कहती थी,पर मुझे बहुत नफ़रत होती करने के बाद कि मैं ये सब कैसे सोच लेती हूं. आख़िर अपने होने वाले पति के अलावा क़िस्सी के बारे में कैसे सोच सकती हूँ.

आज़ तो संगीता की बातों ने मुझे बहुत उतेज़ित कर दिया था,उसे मैने कह दिया था कि जो भी मिले ठीक हैं, पर अंदर से तो मैं भी अब ये सोचने लगी कि मेरा पति सुंदर हॅंडसम तो हो ही,उसका लंड भी गोरे मॉडेल्स इतना बड़ा हो.अब मेरे दिमाग़ में हमेशा जब भी सेक्स आता तो वो ही हब्सियों के बड़े काले और गोरे मोटे लंड के बारे में सोच कर झाड़ जाती.अब तो बस हम दोनो बड़े लंड वाली ही बीएफ लाकर देखते थे.इंडियन्स के बीएफ में तो मज़ा ही नहीं आता था. खैर ये सब यूँ ही चलता रहा,पढ़ाई कंप्लीट हुई…घर वापस आए तो शादी की बात चलने लगी.तब तक मेरे ग्रूप की 3 लड़कियों की शादी हो गयी थी.संगीता की शादी किसी अजय के साथ हुई.मैं उसकी शादी में गयी थी,,अजय बहुत हॅंडसम तो नहीं पर ठीक तक लड़का था.1 साल बाद मेरी भी शादी ठीक हो गयी अमित के साथ.

वो जब मुझे देखने आए तो मैं बहुत शर्मा रही थी. एक मन में डर भी था की पता नहीं कैसे होंगे अमित. पर जब देखा तो जैसे सब कुच्छ मिल गया,बहुत हॅंडसम 5’10” हाइट थी,चौड़ा सीना,बिलकूल मेरे फ़ेवरेट.मॉडेल डिनो मारिओ की तरह थे. उन्होने मुझसे पढ़ाई के बारे में पूछा,मैं तो शरमाती रह गयी कुच्छ कह नहीं पाई.वो बॅंक में मॅनेजर थे,सुन्दर थे अब क्या चाहिए था,फटा फॅट शादी तय हो गयी.मैने शादी में संगीता के साथ साथ सभी सहेलियों को बुलाया.मैं बहुत खुश थी की मुझे जैसा पति चाहिए था वैसा मिला.

शादी हो गयी,उसमे संगीता भी आई थी..दूल्हे को देखने के बाद रात को मिलने पर मुझसे मज़ाक करती हुई बोली कि सपना लगता हैं तुझे हबसी वाला मिल गया,तू तो बहुत लकी हैं..देखने में ही बहुत तगड़ा लगता हैं. चेक करके मुझे भी फोन करना ताकि तेरे घर आना जाना मैं भी शुरू कर दूँगी.मैं हंसते हुए उसे मारने के लिए दौड़ी…तूने तो कुच्छ बताया नहीं अपनी सुहागरात के बारे में ,मैं तुझे क्यों बताऊंगी..बताना क्या हैं कभी मेरे यहाँ आना तो लाइव दिखा दूँगी.

Re: क्या ये धोखा है ?

Posted: 16 Oct 2014 07:05
by raj..

हट बदमास कहीं की गंदी,मैं तुम दोनो का सेक्स देखूँगी. मैं उसे एक चपत लगाते हुए बोली. अरे नहीं रे मैने अपने सेक्स का वीडियो बनाया हुवा हैं, तुझे दिखाऊँगी,जब आएगी तो.वो मेरे कान में धीरे से बोली. हट गंदी मैं नहीं आऊँगी तेरे घर….मेरे मन में तो उस समय अमित ही समाया हुआ था.

सुहाग रात…आपलोग भी पूरी सुहाग रात की बात सुनना चाह रहे होंगे.तो चलो सुना देती हूँ,मेरा दावा हैं कि जो भी औरत मर्द इसे सुनेंगे उन्हे ज़रूर अपनी सुहागरात की याद आ जाएगी.मैं दुल्हन बनी बेड पर बैठी थी.मैने लहनगा चोली पहन रखी थी. घूँगट तो था ही. मेरा मन धक धक कर रहा था ये सोच कर आज़ क्या होगा,आज़ मुझे अपने सपनो का साथी पहली बार मेरे बदन को टच करेगा. आपलोग मेरे बारे में सोच रहे होंगे कि मैं कैसी दिखती होगी,मेरी हाइट 5’6” हैं,रंग गोरा हैं,ज़यादा मोटी नहीं पर आवरेज सरीर था,चेहरे या बॉडी से अगर मिलाया जाए तो मैं थोड़ी थोड़ी विद्या बालन आक्ट्रेस की तरह लगती थी उस समय,अब तो वो सरीर सिर्फ़ याद में ही हैं. फिगर उस समय 34 28 34 का था…जो अब 36 30 34 हो गया हैं.ये सब पिक्चर उसी समय के हैं जब हम हनिमून मनाने मसूरी गये थे.अमित ने ये सारी पिक्स ली थी.आप जानते हैं कि मैं अपना चेहरा नहीं दिखा सकती.इसलिए उपर से चेहरा काट दिया हैं मैने.पर अब मुझे अच्छा लग रहा हैं कि मेरी बॉडी अमित के अलावा इतने लड़के देखेंगे और उस बारे में बात करेंगे.

हां तो अमित रूम में आए और आकर दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. एक बात बता दूं की उनके घर में कोई नहीं हैं, उन्हे एक दूर की बुआ ने पाला था. अच्छा ही था मेरे घर में प्यार के लिए डिस्टर्ब करने वाला कोई नहीं था. अमित आकर मेरे पास बैठ गये और मुझसे बोले “सपना हम दोनो आज़ से अपनी नयी ज़िंदगी शुरू करने जा रहे रहे हैं,हमने जो अब तक अकेली ज़िंदगी जी हैं उसे भूल जाओ और मेरे साथ आज़ से नयी ज़िंदगी मेरे साथ शुरू करो.”ये कह कर अमित ने एक अंगूठी मेरे हाथ में पहनी दी और मेरा घूँगट उपर कर दिया. मैं आँखें बंद कर सर नीचे झुकाए चुप चाप बैठी रही.वो और नज़दीक आकर मेरे चेहरे को अपने हाथ में लेकर उपर उठाया. मेरी धड़कन बहुत तेज़ हो गयी थी. मेरे होठ कपकपाने लगे थे,उनके हाथों का स्पर्श यूँ लगा जैसे पूरे सरीर में तेज़ करेंट दौड़ गया हो.उनके कहने पर मैने आँखें खोली,तो उनका चेहरा अपने चेहरे के इतने पास पाकर शर्मा गयी और सर नीचे झुका लिया. वो मेरा सर हाथों से उपर कर बोले अब मेरे साथ पूरी ज़िंदगी गुज़ारनी हैं तो शरम कैसी ?क्या मैं इतना बदसूरत हूँ कि तुम मुझे देख भी नहीं सकती?मैने झट से अपना हाथ उनके मूँह पर रख दिया और झट से बोली ऐसा मत कहिए,आप से सुन्दर तो कोई भी नहीं होगा. ये कह कर मैं ही शर्मा गयी और आँखें बंद कर ली. सच सपना,पर तुम जानती हो तुम कितनी सुंदर हो, ये तुम्हारी बंद पॅल्को में तुम्हारी आँखें,कहते हुए उन्होने मेरी आँखों पर अपने होठ रख दिए. उनके गरम होंठो का स्पर्श अपनी

पॅल्को पे पाकर धधकान बहुत तेज़ हो गयी, फिर धीरे से उन्होने ने अपने होठ मेरे दाहकते गालों पर रख दिए..उफफफफ्फ़ मैं तो इतने में मदहोश हुई जा रही थी. मुझे लग ही नहीं रहा था कि मुझपे मेरा अब कोई बस हैं. फिर मेरे चेहरे को हाथों में लिए हुए मेरे दूसरे गाल को चूमा…
तब तक मुझे अहसास हुआ कि अब वो मेरे होंठो तक जाएँगे ,इस एहसास ने ही मुझे कपा दिया..वो मेरे होंठो को चूमने वाले ही थे ,उनकी गरम साँसे मेरे सांसो में घुलने लगी थी,मेरे होठ बिलकूल काँप रहे थे…पूरा सरीर जैसे की बुखार से तप रहा था..उनके होठ मेरे गुलाबी होंठो को छुने वाले ही थे कि मैने उनके होठों पर अपने मेहन्दी लगे हाथ रख दिए,उफ़फ्फ़ उनके होठ भी बिलकूल गरम थे…वो तो एक दिखावा था वरना मेरा दिल चाह रहा था कि उनके गरम होंठो को अपने गुलाबी अधरों के बीच लेकर उन्हे अपने बाहों में जाकड़ लूँ या उनके चौड़े सीने में च्छूप जाऊं..