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lund ki malaye and choot ki ghisaye - लंड की मलाई से चूत को संतृप्त किया

Posted: 29 Sep 2016 09:47
by sexy
बनारसी पान को मुहं में दबा के लीलाधर सिंह घर की ओर मुड़े. ढीला कमीज़, पतला बाँधा और दांतों पर पान के लाल दाग, यह था उनका हमेशा का हुलिया. जुलाहें थे जब वो यहाँ पहली बार आये थे और अब खुद की तीन बनारसी साडी की दूकान हैं बीच मार्केट में.

पैसा खूब कमाए और अपने गाँव से ही एक खुबसूरत लड़की को ब्याह के यहाँ बनारस ले आये. लेकिन पैसे की दौड़ में इतने आगे निकल चुके हैं की फेमिली और फीलिंग्स दोनों अब उनके लिए गौण हैं. घर में एक बीवी हैं जिसकी चूत 10% बार भी नहीं चुदी हैं. लीलाधर की बीवी का नाम हैं प्रिया और वो एक खुबसुरत औरत हैं. शादी को डेढ़ साल हो गया हैं लेकिन फिर भी अभी तक वो कंवारो के जैसे ही जी रही हैं.

लीलाधर का जब जी चाहें कपडे खोल के दो मिनिट खींचातानी की और फिर खर्राटे मारे. प्रिया को शादी के बाद भी अभी तक कंवारे होने का अहसास होता हैं. वो सब सपने जो शादी के पहले देखे थे वो टूट चुके हैं, सहेली ने जो कहा था वो भी जूठा ही साबित हुआ हैं. ना घुंघट के उठाने के वक्त नजाकत ना शादी के बाद पति की तारीफ़.

और तभी लीलाधर एक दिन सुनील को काम के लिए ले आये. सुनील कच्ची उम्र में काम में ढकेला गया था और इसी वजह से दिखने में वो बहुत हट्टाकट्टा दीखता था. सुनील कभी कभी घर पर भी आता था साडी के बंडल लेने के लिए. और वही से प्रिया और सुनील की देखादेखी का दौर चालू हुआ.

प्रिया के मन में पहले कुछ नहीं था लेकिन सुनील पहले दिन से ही इस खुबसूरत भाभी को लाइन दे रहा था. प्रिया की सास, ससुर और देवर घर में ही थे इसलिए प्रिया के मन में अभी तक खोट नहीं आई थी.

और लीलाधर की बुआ की डेथ हो गई और उसके सास ससुर को गाँव जाना हुआ. लीलाधर ने अपने छोटे भाई बबन को भी माँ बाप के साथ कर दिया ताकि उन्हें रस्ते में तकलीफ ना हो. वैसे भी धंधे की सीजन डाउन थी इसलिए काम कम था. सुनील दोपहर को लीलाधर का टिफिन लेने के लिए घर आया.

भाभी, लीलाधर भैया का खाना दे दें प्लीज़.

आओ सुनील, अभी लगाती हूँ.

टिफिन देते वक्त प्रिया का हाथ सुनील के हाथ को छू गया. सुनील के हाथ की गरमी की वजह से पहली बार प्रिया के दिल में भी प्यार के कुंपलों ने जन्म लिया. सुनील ने उसकी और देखा और प्रिया ने भी नजर उपर कर के उसे देखा. दोनों की आँखे बस कुछ सेकण्ड के लिए ही मिली लेकिन उस चंद पल ने ही बिज बोया एक ऐसी चुदाई का जिसने कुछ घंटो में ही दोनों को भिगो डाला.

प्रिया की नजर हटने को रेडी नहीं थी, लेकिन वो अपनी मर्यादा भी जानती थी. सुनील की नजर भाभी के मम्मो से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी. पता नहीं उसे क्या सूझा उसने प्रिया को गले से लगा लिया. टिफिन नीचे गिरा और उसमे से दाल निकल के जमीन पर बहने लगी. लेकिन प्रिया का ध्यान उधर नहीं था.

पहली बार उसे किसी मर्द ने अपने सीने से लगाया था. लीलाधर ने सिर्फ उसे चोदना जाना था वो भी अपने 5 इंच के लंड से सिर्फ दो मिनिट के लिए. प्रिया हडबडाई और बोली, सुनील क्या कर रहे हो ये.आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

बस आज आप का दर्द नहीं देखा गया भाभी!

कैसा दर्द?

हमें सब पता हैं भाभी, हम शादी नहीं किये हैं लेकिन प्यार मुहब्बत क्या होता हैं वो हम सब जानते हैं.

सुनील के मुहं से प्यार का नाम सुन के प्रिया की आँखे और मन दोनों भीग गया. उसने सुनील को गले से लगाया और उसके मम्मे सुनील की छाती पर दबने लगे. सुनील ने प्रिया के गाल पर हाथ घिसा और बोला, लीलाधर भाई पैसे से शादी किये होते तो अच्छा था, वही एक चीज हैं जिसे वो प्यार करते हैं. हम बहुत दिन से आप से बात करना चाहते थे लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पायें कभी भी.

प्रिया कुछ नहीं बोली और उसने सुनील को दूर किया और अपनी ब्लाउज और पल्लू को सही करने लगी. सुनील ने कहा, भाभी गलती हो गई हो तो माफ़ कर देना.

प्रिया सुनील का यह बड़प्पन नहीं सह सकी और उसने सुनील को फिर से गले लगा दिया. अब की सुनील ने अपने होंठों को प्रिया भाभी के होंठो पर लगा दिया. प्रिया का दिल नहीं मान रहा था फिर भी वो उसके होंठो को चूमने लगी. सुनील ने भाभी की गांड पर हाथ रख के दबाया.

Re: lund ki malaye and choot ki ghisaye - लंड की मलाई से चूत को संतृप्त किया

Posted: 29 Sep 2016 09:48
by sexy
प्रिया के बदन में जैसे की बिजली का प्रवाह बह गया. उसकी चूत में जैसे की दस्तक पड़ी. सुनील ने गांड को दबाया इसलिए उसका गरम लंड भी भाभी की चूत के ऊपर टकरा गया. प्रिया ने होंठो को और भी जोर से चूस लिया.

सुनील अब भाभी के मम्मे दबाने लगा और उसके होंठो के साथ साथ उसके गाल और कान के ऊपर भी चूमने लगा. प्रिया के बदन में कंपन आ रहे थे. वो और भी जोर से सुनील को अपनी और खिंच रही थी. तभी सुनील की नजर घडी के ऊपर पड़ी. उसने फट से प्रिया को हटाया और बोला, बाप रे दूकान से निकले आधा घंटा हो गया. लीलाधर भैया ने खाना ले के तुरंत आने को कहा था.

प्रिया की नजर पहली बार टिफिन पर पड़ी और वो बोली, बाप रे दाल तो पूरी ढुल गई लाओ मैं उसमे दाल डाल दूँ और. प्रिया ने फट से टिफिन साफ़ कर के दाल डाली और सुनील को दे दिया. सुनील ने फिर से प्रिया के होंठो को चूमा और बोला, अगर समय मिला तो मैं दूकान से निकल के आता हूँ भाभी. आप वेट करना हमारा.

प्रिया का मन भी दुआ कर रहा था की सुनील जल्दी वापस आ जाए. सुनील साइकल चलाते हुए निकला लेकिन वो पेंडल मारते वक्त अभी भी प्रिया भाभी के होंठो की खुसबू को सूंघ रहा था. दूकान पर पहुँचते ही लीलाधर ने उसे गाली दी की साले कहाँ गांड मरवाने गया था की इतनी देर हो गई. लेकिन सुनील को अब गाली खाने की आदत थी.

20 मिनिट जितनी देर काम करने के बाद सुनील लीलाधर के पास गया और बोला, लीलाधर भईया मेरी माँ को अस्पताल ले के जाना हैं. मैं कुछ देर के लिए घर जाऊँगा.

लीलाधर ने फिर चार गाली दी और उसे जाने दिया. सुनील साइकिल को भगाते हुए प्रिया के घर पहुंचा और साइकिल को उसने घर से दूर लोक की. दरवाजे पर दस्तक देते ही प्रिया ने फट से दरवाजा खोला. सुनील ने दरवाजे में ही प्रिया को दबोच लिया. शर्म के हर हदों को छोड़ के प्रिया ने भी अब सुनील के बालों में हाथ फिरा दिया.

सुनील ने मम्मे पकडे और प्रिया उसे खिंच के अपने शयनकक्ष की और बढ़ गई. कमरे में पलंग के ऊपर दोनों गिरे और एक दुसरे के बदन को पाँव से फिरकी मारने लगे. प्रिया की चूत के ऊपर सुनील का मांसल लंड रगड़ गया और उसके बदन में उसे अपनी चूत में भर लेने की इच्छा जाग्रत हो गई.

सुनील ने भाभी के ब्लाउज में छिपे मम्मो को बहार निकाला. प्रिया की निपल्स छोटी और मम्मे बहुत ही मादक थे. सुनील ब्लाउज को साइड में कर के दोनों निपल्स को बारी बारी चूसने लगा. सुनील का लंड अब पेंट में ही फुन्फ़ाड लगाने लगा. प्रिया का हाथ अब सुनील के लंड पर आ गया. सुनील ने अपने लंड को पेंट की दिवार से आजाद करने के लिए ज़िप खोल दी.आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

प्रिया ने लंड को बहार निकाला और उसे सहलाने लगी. सुनील अब आक्रमक हो गया और उसने भाभी के कपडे फाड़ दिए. प्रिया की ब्लाउज, पेटीकोट, ब्रा और पेंटी सब को फाड़ के सुनील खुद भी नंगा हो गया.सुनील ने अपना लंड प्रिया के मुहं में डाला और खुद उसकी चूत को सहलाने और चाटने लगा.

7 इंच के लंड से प्रिया को भी चुसाई का असली मजा आने लगा. उसके गले तक भर रहे लंड से उसके बदन में आग सी लग रही थी. वो सुनील के लंड को जोर जोर से चूसने लगी. इधर सुनील ने भी भाभी की चूत में जबान डाली और हिलाने लगा. प्रिया ने चद्दर को मरोड़ा और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल गई.

सुनील जान गया की अब लंड देने में ही मजा हैं. वो उठ खड़ा हुआ और उसने भाभी की टांगो के बीच में जगह बना ली. उसने अपने लंड को चूत पर रखा और घिसने लगा. प्रिया को ऐसा मजा आ रहा था जैसे की उसके बदन में एक एक इंच पर सुख दिया जा रहा हो. सुनील ने लंड को एक मिनिट घिसा और भाभी की चूत से पानी निकलने लगा.

सुनील, अंदर कर दो ना, अब हम से नहीं रहा जाता हैं!

Re: lund ki malaye and choot ki ghisaye - लंड की मलाई से चूत को संतृप्त किया

Posted: 29 Sep 2016 09:49
by sexy
सुनील ने एक झटके से लंड को अंदर किया. प्रिया भाभी की छाती ऊपर उठी और उसने एक लंबी सांस ली. सुनील का लंड सही निशाने पर लगा था, चूत के दाने से घिसता हुआ वो सीधा छेद में गया था. प्रिया ने सुनील को गले लगा लिया और सुनील अपनी गांड को हिला के अपने लंड को अंदर मारने लगा. भाभी की चूत बड़ी टाईट थी और सुनील को भी बड़े मजे आ रहे थे. वो अपने लंड को जोर जोर से ठोकने लगा चूत के अंदर.



आह आह आह ओ ओह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह की आवाज से कमरा भरने लगा और सुनील की स्पीड क्रमश: बढ़ने लगी. उसके हाथ कभी भाभी के मम्मे दबाते थे तो कभी वो उसकी गांड पर घूमते थे. प्रिया की गांड भी आह आह कर के अपनी गांड को चलाने लगी, आह आह आह सुनील मजा आ रहा हैं…!

सुनील अब और भी जोर से अपने लंड को मारने लगा और भाभी की सिसकियाँ अब बढ़ने लगी. प्रिया अपनी चूत को और भी धक्के से लंड पर घिसने लगी. सुनील के लंड ने तभी अपनी मलाई निकाली और प्रिया की चूत को संतृप्त किया. प्रिया भाभी ने भी लंड के ऊपर जोर से चूत के मसल को दबाया.

सुनील ने आह निकाली और लंड को अंडकोष के पास से दबा के सारी मलाई अंदर निकाल दी. प्रिया की चूत ने भी उसी वक्त अपना पानी निकाल दिया. प्रिया ने सुनील को गले लगाया और उसके होंठो को चूस लिया. सुनील ने खड़े हो के पतलून पहन ली. प्रिया खड़ी हुई और नई नवेली दुल्हन ककी तरह शरमाते हुए अपने बदन को चद्दर से ढंकने लगी. कपडे तो उसके सुनील ने फाड़ दिए थे.

सुनील ने दुसरे दो दिन दोपहरी में भाभी की चूत मारी. फिर लीलाधर के घर वाले आ गए और चुदाई बंद हो गई. अब दोनों चुदाई करते हैं जब मौका मिले, और मौका मिलने में कभी कभी महीने तो कभी साल भी निकल जाता हैं. सुनील को बड़ा गर्व महसूस होता हैं जब भाभी उसे कहती हैं की मुन्ना उसी का हैं…!