मासूम मुन्नी compleet
Posted: 22 Oct 2014 06:26
मासूम मुन्नी पार्ट--1
दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी मासूम मुन्नी लेकर हाजिर हूँ
मुन्नी अपनी मा को देख रही थी. उसकी मा पड़ोस वाले अंकल का लंड
हाथ मे पकड़ कर हिला रही थी. लेकिन बहुत हिला ने पर भी जब
अंकल का लंड खड़ा नही हुआ तो मा ने मुन्नी को पास बुलाया और
कहा, "बेटी देख अंकल का लंड आज खड़ा ही नही हो रहा है मुझ से.
तू थोड़ी मदद कर देना अंकल की."
"हाँ मा, लेकिन मैं क्या करू? आप बताइए" मुन्निने कहा.
"करना क्या है पगली, ऐसे लंड हाथ मे पकड़ और हिला. मेरे हाथ अब
दर्द कर रहे है हिलाते हिलाते. तू हिला मैं देखूँगी," मा ने कहा.
मुन्नी अपने नाज़ुक छोटे हाथों मे अंकल का लंड लेकर हिलाने लगी.
वैसे यह हर रोजका मामला था. मुंनिके पापा जब काम पर चले जाते तो
पड़ोसा वेल अंकल उनके यहाँ आ जाते. मुन्नी की मा उन्हे पास बिठा कर
उनका लंड सहलाया करती. जब लंड खड़ा हो जाता तो उसके उपर
बैठकर धक्के लगाती और मज़ा लूटती. एक दिन मुन्नी स्कूल से जल्दी
आ गयी और उसने अपनी मा को ये करते हुए देख लिया.
मुन्नी 13 साल की थी और गाओं के स्कूल मे 8थ कक्षा मे पढ़ती थी.
लंड बुर क्या होती है वो उसे मालूम था. स्कूल मे बहुत बार उसने
अपने से बड़ी लड़कियों को गंदी बाते करते हुए सुना था. उसकी सहेली
बिना ने तो अपने बड़े भाई से चुदवाया भी था. और उस मज़ेका रस-
भरा वर्णन बिना ने सब सहेलियों को सुनाया था. तबसे मुन्नी के मंन
मे इच्छा जाग गयी थी कि वो भी किसीसे चुदकर देखे. बीना ने उसे
अपने घर बुलाया था अगले इतवार को.
लेकिन जब मुन्नी ने अपनी माको अंकल से चुदते देख लिया तो उससे रहा
नही गया और वो कमरे के अंदर घुस आई और मा को पूछने
लगी, "ये क्या कर रही हो मम्मी?" उसकी मा झेंप गयी क्योंकि वो उस
समय अंकल के कड़े लंड पर बैठी हुई थी और अंकल ने उसके मम्मे
पकड़ रखे थे. मदरजात नंगी हो कर मुन्नी की मा मज़े लूट रही
थी. ऐसी अवस्था मे बच्चिद्वारा पकड़े जाना बहोत ही शर्मनाक बात
थी. लेकिन मा मज़बूर थी क्यों कि उस समय वो एकदम झरने वाली
थी. इसलिए मुन्नी की मा अपनी चूत अंकल के लंड पर घिसते हुए
झरने लगी और मुन्नी देखती रह गयी.
आख़िर मा पूरी तरफ झर्कर जब शांत हो गयी तब उठी और अपनी साडी
ढूँढने लगी. लेकिन मस्तिमे साडी उतारकर कहाँ फेंकी ये उसे याद
नही आ रहा था. मुन्नी टुकूर टुकूर देख रही थी. उसने देख कि मा
की बुर से कुछ सफेद पानी सा चिपचिपा पदार्थ बह रहा था. उसकी
तरफ इशारा करते हुए मुन्नी पूछने लगी, "मम्मी ये क्या बह रहा है
आपकी चूत असे? आप ठीक तो है? मैं पापा को फोन करके बुला लूँ
क्या? शायद डॉक्टर को बुलाना पड़े."
दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी मासूम मुन्नी लेकर हाजिर हूँ
मुन्नी अपनी मा को देख रही थी. उसकी मा पड़ोस वाले अंकल का लंड
हाथ मे पकड़ कर हिला रही थी. लेकिन बहुत हिला ने पर भी जब
अंकल का लंड खड़ा नही हुआ तो मा ने मुन्नी को पास बुलाया और
कहा, "बेटी देख अंकल का लंड आज खड़ा ही नही हो रहा है मुझ से.
तू थोड़ी मदद कर देना अंकल की."
"हाँ मा, लेकिन मैं क्या करू? आप बताइए" मुन्निने कहा.
"करना क्या है पगली, ऐसे लंड हाथ मे पकड़ और हिला. मेरे हाथ अब
दर्द कर रहे है हिलाते हिलाते. तू हिला मैं देखूँगी," मा ने कहा.
मुन्नी अपने नाज़ुक छोटे हाथों मे अंकल का लंड लेकर हिलाने लगी.
वैसे यह हर रोजका मामला था. मुंनिके पापा जब काम पर चले जाते तो
पड़ोसा वेल अंकल उनके यहाँ आ जाते. मुन्नी की मा उन्हे पास बिठा कर
उनका लंड सहलाया करती. जब लंड खड़ा हो जाता तो उसके उपर
बैठकर धक्के लगाती और मज़ा लूटती. एक दिन मुन्नी स्कूल से जल्दी
आ गयी और उसने अपनी मा को ये करते हुए देख लिया.
मुन्नी 13 साल की थी और गाओं के स्कूल मे 8थ कक्षा मे पढ़ती थी.
लंड बुर क्या होती है वो उसे मालूम था. स्कूल मे बहुत बार उसने
अपने से बड़ी लड़कियों को गंदी बाते करते हुए सुना था. उसकी सहेली
बिना ने तो अपने बड़े भाई से चुदवाया भी था. और उस मज़ेका रस-
भरा वर्णन बिना ने सब सहेलियों को सुनाया था. तबसे मुन्नी के मंन
मे इच्छा जाग गयी थी कि वो भी किसीसे चुदकर देखे. बीना ने उसे
अपने घर बुलाया था अगले इतवार को.
लेकिन जब मुन्नी ने अपनी माको अंकल से चुदते देख लिया तो उससे रहा
नही गया और वो कमरे के अंदर घुस आई और मा को पूछने
लगी, "ये क्या कर रही हो मम्मी?" उसकी मा झेंप गयी क्योंकि वो उस
समय अंकल के कड़े लंड पर बैठी हुई थी और अंकल ने उसके मम्मे
पकड़ रखे थे. मदरजात नंगी हो कर मुन्नी की मा मज़े लूट रही
थी. ऐसी अवस्था मे बच्चिद्वारा पकड़े जाना बहोत ही शर्मनाक बात
थी. लेकिन मा मज़बूर थी क्यों कि उस समय वो एकदम झरने वाली
थी. इसलिए मुन्नी की मा अपनी चूत अंकल के लंड पर घिसते हुए
झरने लगी और मुन्नी देखती रह गयी.
आख़िर मा पूरी तरफ झर्कर जब शांत हो गयी तब उठी और अपनी साडी
ढूँढने लगी. लेकिन मस्तिमे साडी उतारकर कहाँ फेंकी ये उसे याद
नही आ रहा था. मुन्नी टुकूर टुकूर देख रही थी. उसने देख कि मा
की बुर से कुछ सफेद पानी सा चिपचिपा पदार्थ बह रहा था. उसकी
तरफ इशारा करते हुए मुन्नी पूछने लगी, "मम्मी ये क्या बह रहा है
आपकी चूत असे? आप ठीक तो है? मैं पापा को फोन करके बुला लूँ
क्या? शायद डॉक्टर को बुलाना पड़े."