बीवी की पसंद_Biwi Ki Pasand
Posted: 25 Jul 2015 11:07
लेखक - अनजान
मेरा नाम अमित है और बीवी का नाम शालिनी है। मैं 29 साल का हूँ और शालिनी की उम्र 26 साल है। मेरी बीवी एक बहुत ही खूबसूरत, 36-25-38, और सेक्सी औरत है। मेरा घर एक झील के किनारे एकांत में है। यह बात उन दिनों की है जब मेरे चाचा का लड़का छुट्टी में घर जा रहा था। मेरा कज़िन जब छुट्टी में घर जा रहा था तो अपने कुत्ते, बाबी, को मेरे घर में देख-भाल के लिये छोड़ गया। बाबी एक एलसेशियन कुत्ता था और बहुत ही बड़ा था।
हमने उस कुत्ते को अपने आउट-हाऊस में रख दिया। अगले दिन सुबह जब हम दोनों उस कुत्ते से मिलने गये तो वो अपनी पूँछ हिलाते हुए हमसे मिला और हम लोगों से उसकी दोस्ती हो गयी। रात को हम लोग खाना खाकर व्हिस्की का एक-एक पैगे लेके अपने बेडरूम में कुत्ते को लेकर बैठ गये। उस दिन शनिवार था और हमलोगों का प्रोग्राम जमकर चुदाई करने का था।
मैंने अपनी एक टी-शर्ट और शालिनी ने एक हल्के गुलाबी रंग की नाईटी पहन रखी थी। बाबी हमारे पास ही घूम रहा था और बार-बार हमारे पास दुम हिलाते हुए आ रहा था।
शालिनी उसके सर पर अपने हाथ फिरा रही थी। कुछ समय के बाद बाबी अपना सर शालिनी की गोद में रखकर लेट गया। कुछ समय के बाद बाबी अपने नथुने शालिनी की जाँघों के बीच रगड़ने लगा। शायद उसको शालिनी की चूत की खुशबू आ रही थी। बाबी धीरे-धीरे अपने नथुने शालिनी की चूत के पास ला रहा था और धीरे-धीरे उसका लण्ड खड़ा हो रहा था।
मैंने शालिनी को उसका लण्ड दिखाया तो वो हँस पड़ी और बोली- “शायद यह भी हमारी तरह चुदासा है…”
करीब दस मिनट के बाद शालिनी ने बाबी को घर से बाहर निकालना चाहा क्योंकी वो बार-बार शालिनी की चूत के पास अपने नथुने रगड़ रहा था। शालिनी और मैंने एक-एक पैग और व्हिस्की पिया। शालिनी ने अपने पैर उठाकर अपनी नाईटी के अंदर कर लिये थी। बाबी अब भी कमरे में घूम रहा था। हमारे पलंग और शालिनी के पैर के बीच कुछ जगह छूट गयी होगी और बाबी जल्दी से आया और शालिनी की चूत को चाटने लगा। शालिनी इस तरह अचानक बाबी से चूत चुसवाने के लिये तैयार नहीं थी और वो उछल पड़ी। बाबी का लण्ड अब बिल्कुल खड़ा हो गया था और अंदर से बाहर निकल आया था।
हम लोग अब बिल्कुल गरम हो गये थे और चुदाई के लिए तैयार हो चुके थे। मुझे बहुत जोर से पेशाब लगी थी और मैं बाथरूम में मूतने चला गया। तभी शालिनी को पता लगा कि उसके कान के बुंदे निकल गये हैं और वोह पलंग के नीचे घुटने के बल अपने कान के बुंदे ढूँढ़ने के लिए घुस गयी। मैं अभी मूत रहा था कि मुझे शालिनी की चीख सुनाई दी।
मैं दौड़कर कमरे में आया और देखा कि शालिनी का कमर से ऊपर का शरीर पलंग के अंदर है और बाबी उसके पीछे से कमर के ऊपर चढ़कर शालिनी की चूत अपने लण्ड से चोदने की कोशिश कर रहा है। यह देखकर मेरी हँसी छूट गयी और मैं हँसने लगा।
तभी शालिनी बोली- “हँसना बाद में पहले बाबी को मेरे ऊपर से अलग करो…”
मैं जब बाबी को अलग करने गया तो बाबी गुर्राने लगा। मैं पीछे हट गया और देखने लगा कि उसका लण्ड जो अब करीब 9” लम्बा और 4” मोटा हो चला था और शालिनी की चूत के अंदर घुसाने की कोशिश कर रहा था।
शालिनी ने चिल्लाकर पूछा- “क्या देख रहे हो अब कुछ करो भी…”
मैंने कहा- “रुको…” और मैं दौड़कर एक शीशा ले आया और शालिनी को बाबी के मोटे लण्ड से उसकी चूत की चुदाई का नज़ारा दिखाया।
शालिनी यह देखकर चौंक गयी और चिल्लाई- “बाबी को मेरी चूत से हटाओ…”
बाबी अब तक शालिनी की चूत के अंदर अपना लण्ड डालने में सफ़ल हो गया था और उसकी चूत चोद-चोदकर उसका भुर्ता बना रहा था। अब तो शालिनी की नाईटी भी उसकी कमर तक उठ गयी थी और गोरे-गोरे चूतड़ और खूबसूरत गाण्ड साफ़-साफ़ दिख रही थी।
मैंने शालिनी से कहा- “रुको मैं अभी एक डंडा लेकर आता हूँ और बाबी को भगाता हूँ। बिना डंडे के बाबी तुम्हारी चूत को नहीं छोड़ेगा…”
मैं बाहर गया और बाहर जाकर मुझे एहसास हुआ कि शालिनी और बाबी की चुदाई देखकर मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया है। मैं बाहर जाकर डंडा ढूँढ़ने लगा पर डंडा नहीं मिला तो मैं खिड़की से अंदर का नज़ारा देखने लगा। खिड़की पलंग के पास ही थी और मुझको अंदर का नज़ारा साफ़-साफ़ दिख रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं कमरे में घुसा तो देखा कि शालिनी का पूरा मुँह लाल हो गया है और वो अपनी चूत की चुदाई से बहुत खुश लग रही है।
मैंने शालिनी से कहा- “बाहर कोई डंडा नहीं मिल रहा है…”
शालिनी बोली- “कुत्ता मुझे खूब रगड़-रगड़ के चोद रहा है और मेरी चूत की चटनी बना रहा है…”
मैंने शालिनी से पूछा- “क्या तुम्हारी चूत में दर्द हो रहा है?”
तो वो बोली- “जैसे ही बाबी का लण्ड मेरी चूत में पहली बार घुसा तो मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था और इस कारण अब मुझे मजा आ रहा है और चूत बहुत चुदासी हो गयी है और खूब पानी छोड़ रही है…”
मैं उससे बोला- “बाबी का लण्ड मेरे लण्ड से बहुत बड़ा है और तेरी चूत उससे चुदवाने से और फैल जायेगी और उसका लण्ड और अंदर तक चला जायेगा। बाबी को जल्दी हटाना पड़ेगा, क्योंकी अगर उसका लण्ड तेरी चूत में फूलकर फँस गया तो तू उसके लण्ड के साथ फँसी रह जायेगी…”
शालिनी बोली- “इसका क्या मतलब?”
मैं बोला- “मैंने सुना है कि कुत्ता जब कुतिया को चोदता है तब कुछ देर के बाद उसका लण्ड नीचे से फूल जाता है और वो कुतिया की चूत में फँस जाता है। क्या तूने रास्ते में कुत्ता और कुतिया को गाण्ड से गाण्ड मिलाकर चिपके हुए नहीं देखे हैं…”
शालिनी बोली- “हाय जल्दी कुछ करो नहीं तो तुम्हरी बीवी भी बाबी की गाण्ड से गाण्ड मिलाकर फँसी रह जायेगी और तुम अपना लण्ड थामे देखते रह जाओगे और मुठ मारोगे…”
मैं फिर से बाहर गया और खिड़की से देखने लगा। मुझे हैरानी हुई यह देखकर कि शालिनी अब अपनी गाण्ड को पीछे को धकेल रही है और बड़ी मस्ती से बाबी के लण्ड का धक्का अपनी चूत में बड़े आराम से लगवा रही है। धीरे-धीरे बाबी ने अपना पूरा 9” इन्च लम्बा लण्ड शालिनी की चूत के अंदर पेल दिया। मुझे खिड़की से साफ़-साफ़ दिख रहा था कि शालिनी की चूत से सफ़ेद-सफ़ेद पानी निकलकर जमीन पर टपक रहा था और उसकी गाण्ड का छेद खुल और बंद हो रहा था।
मेरा नाम अमित है और बीवी का नाम शालिनी है। मैं 29 साल का हूँ और शालिनी की उम्र 26 साल है। मेरी बीवी एक बहुत ही खूबसूरत, 36-25-38, और सेक्सी औरत है। मेरा घर एक झील के किनारे एकांत में है। यह बात उन दिनों की है जब मेरे चाचा का लड़का छुट्टी में घर जा रहा था। मेरा कज़िन जब छुट्टी में घर जा रहा था तो अपने कुत्ते, बाबी, को मेरे घर में देख-भाल के लिये छोड़ गया। बाबी एक एलसेशियन कुत्ता था और बहुत ही बड़ा था।
हमने उस कुत्ते को अपने आउट-हाऊस में रख दिया। अगले दिन सुबह जब हम दोनों उस कुत्ते से मिलने गये तो वो अपनी पूँछ हिलाते हुए हमसे मिला और हम लोगों से उसकी दोस्ती हो गयी। रात को हम लोग खाना खाकर व्हिस्की का एक-एक पैगे लेके अपने बेडरूम में कुत्ते को लेकर बैठ गये। उस दिन शनिवार था और हमलोगों का प्रोग्राम जमकर चुदाई करने का था।
मैंने अपनी एक टी-शर्ट और शालिनी ने एक हल्के गुलाबी रंग की नाईटी पहन रखी थी। बाबी हमारे पास ही घूम रहा था और बार-बार हमारे पास दुम हिलाते हुए आ रहा था।
शालिनी उसके सर पर अपने हाथ फिरा रही थी। कुछ समय के बाद बाबी अपना सर शालिनी की गोद में रखकर लेट गया। कुछ समय के बाद बाबी अपने नथुने शालिनी की जाँघों के बीच रगड़ने लगा। शायद उसको शालिनी की चूत की खुशबू आ रही थी। बाबी धीरे-धीरे अपने नथुने शालिनी की चूत के पास ला रहा था और धीरे-धीरे उसका लण्ड खड़ा हो रहा था।
मैंने शालिनी को उसका लण्ड दिखाया तो वो हँस पड़ी और बोली- “शायद यह भी हमारी तरह चुदासा है…”
करीब दस मिनट के बाद शालिनी ने बाबी को घर से बाहर निकालना चाहा क्योंकी वो बार-बार शालिनी की चूत के पास अपने नथुने रगड़ रहा था। शालिनी और मैंने एक-एक पैग और व्हिस्की पिया। शालिनी ने अपने पैर उठाकर अपनी नाईटी के अंदर कर लिये थी। बाबी अब भी कमरे में घूम रहा था। हमारे पलंग और शालिनी के पैर के बीच कुछ जगह छूट गयी होगी और बाबी जल्दी से आया और शालिनी की चूत को चाटने लगा। शालिनी इस तरह अचानक बाबी से चूत चुसवाने के लिये तैयार नहीं थी और वो उछल पड़ी। बाबी का लण्ड अब बिल्कुल खड़ा हो गया था और अंदर से बाहर निकल आया था।
हम लोग अब बिल्कुल गरम हो गये थे और चुदाई के लिए तैयार हो चुके थे। मुझे बहुत जोर से पेशाब लगी थी और मैं बाथरूम में मूतने चला गया। तभी शालिनी को पता लगा कि उसके कान के बुंदे निकल गये हैं और वोह पलंग के नीचे घुटने के बल अपने कान के बुंदे ढूँढ़ने के लिए घुस गयी। मैं अभी मूत रहा था कि मुझे शालिनी की चीख सुनाई दी।
मैं दौड़कर कमरे में आया और देखा कि शालिनी का कमर से ऊपर का शरीर पलंग के अंदर है और बाबी उसके पीछे से कमर के ऊपर चढ़कर शालिनी की चूत अपने लण्ड से चोदने की कोशिश कर रहा है। यह देखकर मेरी हँसी छूट गयी और मैं हँसने लगा।
तभी शालिनी बोली- “हँसना बाद में पहले बाबी को मेरे ऊपर से अलग करो…”
मैं जब बाबी को अलग करने गया तो बाबी गुर्राने लगा। मैं पीछे हट गया और देखने लगा कि उसका लण्ड जो अब करीब 9” लम्बा और 4” मोटा हो चला था और शालिनी की चूत के अंदर घुसाने की कोशिश कर रहा था।
शालिनी ने चिल्लाकर पूछा- “क्या देख रहे हो अब कुछ करो भी…”
मैंने कहा- “रुको…” और मैं दौड़कर एक शीशा ले आया और शालिनी को बाबी के मोटे लण्ड से उसकी चूत की चुदाई का नज़ारा दिखाया।
शालिनी यह देखकर चौंक गयी और चिल्लाई- “बाबी को मेरी चूत से हटाओ…”
बाबी अब तक शालिनी की चूत के अंदर अपना लण्ड डालने में सफ़ल हो गया था और उसकी चूत चोद-चोदकर उसका भुर्ता बना रहा था। अब तो शालिनी की नाईटी भी उसकी कमर तक उठ गयी थी और गोरे-गोरे चूतड़ और खूबसूरत गाण्ड साफ़-साफ़ दिख रही थी।
मैंने शालिनी से कहा- “रुको मैं अभी एक डंडा लेकर आता हूँ और बाबी को भगाता हूँ। बिना डंडे के बाबी तुम्हारी चूत को नहीं छोड़ेगा…”
मैं बाहर गया और बाहर जाकर मुझे एहसास हुआ कि शालिनी और बाबी की चुदाई देखकर मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया है। मैं बाहर जाकर डंडा ढूँढ़ने लगा पर डंडा नहीं मिला तो मैं खिड़की से अंदर का नज़ारा देखने लगा। खिड़की पलंग के पास ही थी और मुझको अंदर का नज़ारा साफ़-साफ़ दिख रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं कमरे में घुसा तो देखा कि शालिनी का पूरा मुँह लाल हो गया है और वो अपनी चूत की चुदाई से बहुत खुश लग रही है।
मैंने शालिनी से कहा- “बाहर कोई डंडा नहीं मिल रहा है…”
शालिनी बोली- “कुत्ता मुझे खूब रगड़-रगड़ के चोद रहा है और मेरी चूत की चटनी बना रहा है…”
मैंने शालिनी से पूछा- “क्या तुम्हारी चूत में दर्द हो रहा है?”
तो वो बोली- “जैसे ही बाबी का लण्ड मेरी चूत में पहली बार घुसा तो मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था और इस कारण अब मुझे मजा आ रहा है और चूत बहुत चुदासी हो गयी है और खूब पानी छोड़ रही है…”
मैं उससे बोला- “बाबी का लण्ड मेरे लण्ड से बहुत बड़ा है और तेरी चूत उससे चुदवाने से और फैल जायेगी और उसका लण्ड और अंदर तक चला जायेगा। बाबी को जल्दी हटाना पड़ेगा, क्योंकी अगर उसका लण्ड तेरी चूत में फूलकर फँस गया तो तू उसके लण्ड के साथ फँसी रह जायेगी…”
शालिनी बोली- “इसका क्या मतलब?”
मैं बोला- “मैंने सुना है कि कुत्ता जब कुतिया को चोदता है तब कुछ देर के बाद उसका लण्ड नीचे से फूल जाता है और वो कुतिया की चूत में फँस जाता है। क्या तूने रास्ते में कुत्ता और कुतिया को गाण्ड से गाण्ड मिलाकर चिपके हुए नहीं देखे हैं…”
शालिनी बोली- “हाय जल्दी कुछ करो नहीं तो तुम्हरी बीवी भी बाबी की गाण्ड से गाण्ड मिलाकर फँसी रह जायेगी और तुम अपना लण्ड थामे देखते रह जाओगे और मुठ मारोगे…”
मैं फिर से बाहर गया और खिड़की से देखने लगा। मुझे हैरानी हुई यह देखकर कि शालिनी अब अपनी गाण्ड को पीछे को धकेल रही है और बड़ी मस्ती से बाबी के लण्ड का धक्का अपनी चूत में बड़े आराम से लगवा रही है। धीरे-धीरे बाबी ने अपना पूरा 9” इन्च लम्बा लण्ड शालिनी की चूत के अंदर पेल दिया। मुझे खिड़की से साफ़-साफ़ दिख रहा था कि शालिनी की चूत से सफ़ेद-सफ़ेद पानी निकलकर जमीन पर टपक रहा था और उसकी गाण्ड का छेद खुल और बंद हो रहा था।