नये पड़ोसी compleet

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raj..
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नये पड़ोसी compleet

Unread post by raj.. » 28 Oct 2014 09:25

नये पड़ोसी पार्ट--1

में राज और मेरी पत्नी प्रीति मुंबई सहेर के सुबुर्ब मलाड में रहते हैं. ये कहानी करीब आज से छः महीने पहले शुरू हुई जब हमारे बगल के फ्लॅट में नये पड़ोसी रहने के लिए आए.

हमारे नए पड़ोसी मिस्टर. प्रशांत एक कन्सल्टेंट हैं, और उनकी पत्नी बबिता जो एक घरेलू महिला थी. वैसे तो मुंबई इतना बिज़ी सहेर है की यहाँ किसी को किसी के लिए फ़ुर्सत ही नही है. नए पड़ोसी होने के नाते हमारी जान पहचान बढ़ी और हम दो परिवार काफ़ी घुल मिल गये थे.

में और मेरी पत्नी प्रीति के विचार एक समान थे. हम दोनो ओपन सेक्स में विश्वास रखते थे. शादी के पहले ही हम दोनो सेक्स का मज़ा ले चुके थे. हम दोनो अपनी पुरानी सेक्स घटनाओं के बारे में अक्सर एक दूसरे को बताते रहते थे. चुदाई के किस्से सुनाते या सुनते वक़्त प्रीति इतनी उत्तेजित हो जाती कि उसकी चूत की प्यास मिटाना कभी मुश्किल हो जाता था.

मेने और प्रीति ने इस शनिवार प्रशांत और बबिता को अपने यहाँ खाने की दावत दी. दोनो राज़ी हो गये. प्रशांत एक शानदार व्यक्तित्व का मालिक था, 6.2 हाइट, कसरती बदन. बबिता भी काफ़ी सुन्दर थी, गोल चेहरा, लंबी टाँगे और खास तौर पर उसकी नीली आँखें. पता नही उसकी आँखों मे क्या आकर्षण था कि जी करता हर वक़्त उसकी आँखों में इंसान झाकता रहे.

शनिवार की शाम ठीक 7.00 बजे प्रशांत और बबिता हमारे घर पहुँचे. प्रशांत ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिससे उसका कसरती बदन सॉफ झलक रहा था. बबिता ने कॉटन का टॉप और जीन्स पहेन रखी थी. उसकी कोटन के टॉप से झलकते उसके निपल साफ बता रहे थे कि उसने ब्रा नही पहन रखी है. जीन्स भी इतनी टाइट थी कि उसके चूतड़ की गोलाइया किसी को भी दीवाना कर सकती थी. उसे इस सेक्सी पोज़ में देख मेरे लंड में सुरसूराहट होने लग गयी थी.

मेने देखा कि प्रीति प्रशांत की ओर आकर्षित हो रही है. वो अपने अधखुले ब्लाउस से प्रशांत को अपने चुचियों के दर्शन करा रही थी. आज प्रीति अपनी टाइट जीन्स और लो कट टॉप में कुछ ज़्यादा ही सुन्दर दिख रही थी. वहीं बबिता भी मेरे साथ ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे हम कई बरसों पुराने दोस्त हों.

हम चारों आपस में ऐसे बात कर रहे थे कि कोई देख के कह नही सकता था कि हमारी जान पहचान चंद दिनो पुरानी है. पहले शराब का दौर चला और फिर खाना खाने के बाद हम सब ड्रॉयिंग रूम में बैठे थे.

मेने स्टेरीयो पर एक री-मिक्स की कसेट लगा दी. बबिता ने खड़ी हो प्रशांत को डॅन्स करने के लिए कहा, किंतु उसने उसे मना कर दिया शय्याद उसे नशा हो गया था, मगर उसने बबिता को मेरे साथ डॅन्स करने को कहा. बबिता ने मुझे खींच कर खड़ा कर दिया.

हम दोनो गाने की धुन पर एक दूसरे के साथ नाच रहे थे. बबिता ने अपने दोनो हाथ मेरी गर्दन पर रख मुझसे सात ते हुए नाच रही थी. उसके बदन की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी. मेने भी अपने दोनो हाथ उसकी कमर पे रख उसे अपने और करीब खींच लिया.

उसके बदन की गर्माहट और बदन से उठती खुश्बू ने मुझे मजबूर कर दिया और मैने कस्के के उसे अपनी छाती से चिपका लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. तभी मुझे ख़याल आया कि मेरी बीवी और उसका पति भी इसी कमरे में हैं, मेने गर्दन घुमा के देखा तो पाया कि प्रीति प्रशांत को खींच कर डॅन्स के लिए खड़ा कर चुकी है.

शायद मेरी बीवी की सुंदरता और खुलेपन ने प्रशांत को डॅन्स करने पे मजबूर कर दिया था, इसीलिए वो प्रीति को मना नही कर पाया. दोनो एक दूसरे को बाहों में ले हमारे पास ही डॅन्स कर रहे थे. नाचते नाचते प्रीति ने लाइट धीमी कर दी. कमरे में बहोत ही हल्की रोशनी थी. हम चारों कामुकता की आग में जल रहे थे.

बबिता मुझसे और चिपकती मेरे कानो में बोली, "अछा है थोड़ा अंधेरा हो गया." मेने उसे और कस के अपनी बाहों में ले अपने होठ उसके होठों पे रख दिए. उसने भी सहयोग देते हुए अपना मूह खोल दिया और जीभ मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ चुभलने लगे.

raj..
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Re: नये पड़ोसी

Unread post by raj.. » 28 Oct 2014 09:26

मेरे दोनो हाथ अब उसके चूतड़ को सहला रहे थे. बबिता के हाथ मेरी पीठ पर थे और वो कामुक हो मेरी पीठ को कस के भींच लेती. मेरा लंड पूरा तन कर उसकी चूत को जीन्स के उपर से ही रगड़ रहा था. बबिता ने आपने आप को मुझे सोन्प दिया था. मेने पीछे से अपने दोनो हाथ उसकी जीन्स में डाल दिए और पाया की उसने पॅंटी नही पहनी है. मेरे हाथ अब उसके मुलायम चुतताड को ज़ोर से भींच रहे थे, वो भी उत्तेजित हो अपनी चूत मेरे लंड पे रगड़ रही थी.

मेरी बीवी प्रीति का ख़याल आते ही मेने गर्दन घुमा के देखा तो चौंक पड़ा. दोनो एक दूसरे से चिपके हुए गाने की धुन पर डॅन्स कर रहे है. प्रशांत के हाथ प्रीति के शरीर पर रैंग रहे थे. प्रीति भी उसे अपने बाहों में भर उसके होठों को चूस रही थी.

में बबिता को बाहों में ले इस पॉस्षन में डॅन्स करने लगा कि मुझे प्रीति और प्रशांत साफ दिखाई पड़े. प्रशांत का एक हाथ प्रीति की चुचियों को सहला रहा था और दूसरा हाथ दूसरी चुचि को सहलाते हुए नीचे की और बढ़ रहा था, और नीचे जाते हुए अब वो उसकी चूत को उसकी टाइट जीन्स के उपर से सहला रहा था.

मुझे हैरानी इस बात की थी उसे रोकने के बजाई प्रीति प्रशांत को सहयोग दे रही थी, उसने अपनी टाँगे थोड़ी फैला दी जिससे प्रशांत के हाथों को और आसानी हो. पर में कौन होता हूँ शिकायत करने वाला में खुद उसकी बीवी को बाहों में भरे उसे छोड़ने के मूड में था.

मेरे भी हाथ बबिता के चुतताड को सहला रहे थे. बबिता उत्तेजना में मुझे चूमे जा रही थी. तभी मेने देखा कि प्रशांत ने अपना एक हाथ प्रीति के टॉप में डाल कर उसके मम्मो पे रख दिया था. जब उसने प्रीति की तरफ से कोई रे-आक्षन नही देखा तो उसने हाथ पीठ की और लेजाकार उसकी ब्रा के हुक खोल दिए. मुझे उसे पारदर्शी टॉप से साफ दिखाई दे रहा था कि प्रशांत के हाथ अब प्रीति के मम्मो को सहला रहे थे.

महॉल में जब चुदाई का आलम फैलता है तो सब पीछे रह जाता है. मेने भी आगे बढ़ बबिता के चूतड़ से हाथ निकाल उसकी जीन'स के बटन खोल जीन'स उतार दी. फिर पॅंटी में उंगिलिया फँसा उसकी पॅंटी भी उतार दी.

"में सोच रही थी कि तुम्हे इतनी देर क्यों लग रही है." बबिता अपनी टाँगो से अपनी जीन्स और पॅंटी को अलग करते हुए बोली. "प्लीज़ मुझे प्यार करो ना!"

raj..
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Re: नये पड़ोसी

Unread post by raj.. » 28 Oct 2014 09:26

मेने अपना हाथ बढ़ा उसकी चूत पे रख दिया. हाथ रखते ही मेने पाया कि उसकी चूत एक दम सफ़ा चट थी. उसने अपने चूत के बाल एक दम शेव किए हुए थे, जो में हमेशा प्रीति से कहता था पर वो मेरी ये बात नही मानी.

बिना झांतों की एक दम नई चूत मेरे सामने थी, मेने अपना हाथ का दबाव बढ़ा उसकी चूत को ज़ोर से रगड़ने लगा. मेने अपनी एक उंगली उसकी चूत के मुहाने पर घुमाई तो पाया कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी.

"तुम अपनी उंगली मेरी चूत में क्यों नही डालते जिस तरह मेरे पति ने अपनी उंगली तुम्हरी बीवी की चूत में डाली हुई है." उसने कहा, में घूम कर देखा तो पाया कि प्रशांत का एक हाथ मेरी बीवी की चुचियों को मसल रहा है और दूसरा हाथ उसकी खुली जीन्स से उसकी चूत पे था. उसके हाथ वहाँ क्या कर रहे थे मुझे समझते देर नही लगी.

आचनक मेरी बीवी प्रीति ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखी. वो एक अंजान आदमी के हाथों को अपनी चूत पे महसूस कर रही थी और में एक पराई औरत की चूत में उंगली कर रहा था. वो मेरी तरफ देख मुस्कुरई और मैं समझ गया की आज की रात हम दोनो के ख्वाब पूरे होने वाले हैं. प्रीति ने मुस्कुराते हुए अपनी जीन्स और पॅंटी पूरी उतार कर नंगी हो गयी.

जैसे ही उसने अपनी जीन'स और पॅंटी उत्तरी उसने प्रशांत के कान में कुछ कहा, प्रशांत ने उसकी ब्रा और टॉप भी उतार दी. अब वो एक दम नंगी उसकी बाहों में थी. प्रशांत के हाथ अब उसके नंगे बदन पर रेंग रहे थे.

"लगता है हम उनसे पीछे रह गये." कहकर बबिता मुझसे अलग होते हुए अपनी जीन्स और टॉप उतार दिया. जैसे हम किसी प्रतिस्पर्धा मे हो, बबिता अपनी पॅंटी भी उतार नंगी हो गयी.

"लगता है कि हमें उनसे आगे बढ़ना चाहिए," कहकर बबिता ने मेरी जीन्स के बटन खोल मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया. बबिता मेरे लंड को सहला रही थी और मेरा लंड उसके हाथों की गर्माहट से तनता जा रहा था. बबिता एक अनुभवी चुड़ाकड़ महिला की तरह के मेरे लंड से खेल रही थी.

में भी अपनी जीन्स और अंडरवेर से बाहर निकल नंगा बबिता के सामने खड़ा था. बबिता ने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया, जो तन कर 8-5 इंच का हो गया था….. "बहुत मोटा और लंबा है" कहकर बबिता लंड को दबाने लगी.

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