गर्ल्स हॉस्टल में रैगिंग Hindi English Adult Sex Stories
Posted: 08 Aug 2015 22:15
मैं जब हॉस्टल में आई तो मैंने देखा वहां पर रूम बड़े अच्छे और सभी सामान के साथ थे. एम ए की पढाई करने वालों के लिए सिंगल रूम था. रूम देख कर मैं बहुत खुश थी. हॉस्टल में आते ही जो अनुभव मुझे हुआ वो मैं आपको बताती हूँ।शाम को हॉस्टल में सभी नए और पुराने स्टुडेंट डिनर के लिए मेस में जा रहे थे. रूम के बाहर ही मुझे तीन सिनियर लड़कियां टकरा गयी. उन्होंने मुझे देखा. मैंने उन्हें गुड इवेनिंग कहा. वो आगे निकल गयी , उनमे से एक मुड़कर वापस आयी और कहा – “क्या नाम है ......”
"कामिनी सक्सेना ..”
"डिनर के बाद १० बजे रूम नम्बर २० में मिलो ..."
"कोई काम है दीदी ..."
"नई आयी हो. ... सभी को तुम्हारा स्वागत करना है .."
"जी ......अच्छा ....."
वो मेस में चली गयी. मुझे पसीना छूटने लग गया. मैं समझ गयी थी की अब मेरी रागिंग होगी .
मेस में मुझसे खाना भी ठीक से खाया नही गया .जैसे तैसे मैंने खाना पूरा किया और अपने रूम में आ गयी. घबराहट में मुझे कुछ सूझ नही रहा था कि मैं क्या करूं। समय देखा तो रात के १० बजने वाले थे. मन मजबूत करके १० बजे में उठी और रूम नम्बर २० के आगे जाकर खड़ी हो गयी. मैं दरवाजा खटखटाने ही वाली थी की वो सीनियर लड़की मेस से आती हुयी दिखायी दी. आते ही बोली - "आ गई ... कामिनी ...."
"जी हाँ ..." मैंने सर झुकाए कहा .
"मेरा नाम मंजू है ...पर तुम मुझे दीदी कहोगी "उसने दरवाजा खोलते हुए कहा -"आ जाओ अन्दर .."
मैं उसके कमरे में आ गयी. उसने मुझे बैठने को कहा .
"पहली बात सुनो ...जब कोई सीनियर तुम्हे नज़र आए तो तुम उसे विश करोगी ...."वो मुझे नियम समझती रही. फिर बोली - "अच्छा अब तुम स्वागत के लिए तैयार हो .."
मैं चुप ही रही ...पर पसीना आने लग गया था ..
"घबराओ मत ..... सिर्फ़ स्वागत ही है ...."
"....जी. .."
"खड़े हो जाओ. .....और अपना सीना आगे को उभारो "
मैंने अपना हाथ पीछे करके अपना सीना आगे उभार दिया ..
"शाबाश ...... अच्छे है ..... अब अपना टॉप उतार दो .."
"नही दीदी .......शर्म आती है ......"
"वोही तो दूर करना है "
"कोई देख लेगा ....दीदी .... और सीनियर भी तो आने वाली है ...."
"अब उतारती हो या मैं उतारूं "
मैंने अपना टॉप उतार दिया. उसने ब्रा भी उतारने को कहा. थोड़ा झिझकते हुए मैंने ब्रा भी उतार दी .
"यहाँ पास आओ "
मैं दीदी के पास गयी. मंजू ने खड़े हो कर पहले मुझे पास से देखा. फिर मेरे स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा -"सुंदर है ....." फिर मेरी छातियों को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे सिरहन होने लगी. उसने मेरी चुन्चियों को हौले से दबा कर घुमाया .. मेरी सिसकारी निकल गयी. वो जो कुछ कर रही थी ...मुझे डर तो लग रहा था ... पर उसकी हरकतों से मजा भी आ रहा था. फिर वो पीछे गयी और मेरे चूतड़ों को निहारा. अपने हाथों से उसे सहलाने लगी और दबा दिया.
"किस करना आता है ..."
मैंने कहा - "जी हां ..आता है "
"मेरे होंट पर किस करो .."
मैंने धीरे से किस कर दिया. वो बोली – “किस ऐसे नही करते हैं ”. उसने मेरे नरम होंट अपने होंट से भींच कर चूसना चालू कर दिया .बोली - "ऐसे समझी ..... अब अपनी स्लैक्स उतारो "
"कामिनी सक्सेना ..”
"डिनर के बाद १० बजे रूम नम्बर २० में मिलो ..."
"कोई काम है दीदी ..."
"नई आयी हो. ... सभी को तुम्हारा स्वागत करना है .."
"जी ......अच्छा ....."
वो मेस में चली गयी. मुझे पसीना छूटने लग गया. मैं समझ गयी थी की अब मेरी रागिंग होगी .
मेस में मुझसे खाना भी ठीक से खाया नही गया .जैसे तैसे मैंने खाना पूरा किया और अपने रूम में आ गयी. घबराहट में मुझे कुछ सूझ नही रहा था कि मैं क्या करूं। समय देखा तो रात के १० बजने वाले थे. मन मजबूत करके १० बजे में उठी और रूम नम्बर २० के आगे जाकर खड़ी हो गयी. मैं दरवाजा खटखटाने ही वाली थी की वो सीनियर लड़की मेस से आती हुयी दिखायी दी. आते ही बोली - "आ गई ... कामिनी ...."
"जी हाँ ..." मैंने सर झुकाए कहा .
"मेरा नाम मंजू है ...पर तुम मुझे दीदी कहोगी "उसने दरवाजा खोलते हुए कहा -"आ जाओ अन्दर .."
मैं उसके कमरे में आ गयी. उसने मुझे बैठने को कहा .
"पहली बात सुनो ...जब कोई सीनियर तुम्हे नज़र आए तो तुम उसे विश करोगी ...."वो मुझे नियम समझती रही. फिर बोली - "अच्छा अब तुम स्वागत के लिए तैयार हो .."
मैं चुप ही रही ...पर पसीना आने लग गया था ..
"घबराओ मत ..... सिर्फ़ स्वागत ही है ...."
"....जी. .."
"खड़े हो जाओ. .....और अपना सीना आगे को उभारो "
मैंने अपना हाथ पीछे करके अपना सीना आगे उभार दिया ..
"शाबाश ...... अच्छे है ..... अब अपना टॉप उतार दो .."
"नही दीदी .......शर्म आती है ......"
"वोही तो दूर करना है "
"कोई देख लेगा ....दीदी .... और सीनियर भी तो आने वाली है ...."
"अब उतारती हो या मैं उतारूं "
मैंने अपना टॉप उतार दिया. उसने ब्रा भी उतारने को कहा. थोड़ा झिझकते हुए मैंने ब्रा भी उतार दी .
"यहाँ पास आओ "
मैं दीदी के पास गयी. मंजू ने खड़े हो कर पहले मुझे पास से देखा. फिर मेरे स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा -"सुंदर है ....." फिर मेरी छातियों को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे सिरहन होने लगी. उसने मेरी चुन्चियों को हौले से दबा कर घुमाया .. मेरी सिसकारी निकल गयी. वो जो कुछ कर रही थी ...मुझे डर तो लग रहा था ... पर उसकी हरकतों से मजा भी आ रहा था. फिर वो पीछे गयी और मेरे चूतड़ों को निहारा. अपने हाथों से उसे सहलाने लगी और दबा दिया.
"किस करना आता है ..."
मैंने कहा - "जी हां ..आता है "
"मेरे होंट पर किस करो .."
मैंने धीरे से किस कर दिया. वो बोली – “किस ऐसे नही करते हैं ”. उसने मेरे नरम होंट अपने होंट से भींच कर चूसना चालू कर दिया .बोली - "ऐसे समझी ..... अब अपनी स्लैक्स उतारो "