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चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

Posted: 15 Aug 2015 12:08
by Fuck_Me
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Re: चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

Posted: 15 Aug 2015 12:08
by Fuck_Me
सूरज के मा- बाप गाओं में रहते थे. पढ़ाई के लिए वो शहर में अपने चाचा – चाची के पास रहता था. उसकी उमरा 9 साल थी और उसकी चाची 28 साल की थी और चाचा 33 के. सूरज को उसकी चाची ही नंगा कर के नहलाती थी. नहलते समय वो रोज़ उसकी नून्न्ी पेर साबुन लगा कर उसको सॉफ करती थी. कई बार सूरज की नून्न्ी तन जाती तो चाची उसको थप्पड़ मार कर कहती अभी तेरी खड़े होने की उमर नही नून्न्ी. सूरज 13 साल का हो गया. चाची 32 की और चाचा 37 के. दुर्भाग्या से दोनो के अभी भी कोई बचा नहीं था इसलिए सूरज को वी बड़े लाड़ प्यार से रखते थे.
सूरज को इस उम्र में भी चाची ही नहलाती थी. वो बड़ा शरमाता था,’ चाचिजी में खुद नहा लूँगा में अब बड़ा हो गया हूँ.’ चाची कहती,’ अच्छा तू बड़ा हो गया, चल बातरूम में तुझे चेक करती हूँ,’ और वी उसके कापरे खोल देती. सूरज की चाची का रंग कला था लेकिन वी थी सनडर. कोई 5फ्ट 4 इंच हाइट थी. कोई 38 इंच के बूब्स थे जिन पेर काले बड़े निपल्स थे. उनकी कमर थोड़ी भारी थी कोई 30 इंच की. गांद विशाल थी कूम से मम 42 इंच. सूरज के सामने चूँकि चाची खुद भी नहा लेती थी इसलिए उसने उनको काई बार नंगा देखा हुआ था.
सूरज के लंड और आँड के आसपास छ्होटे छ्होटे बाल लग आए थे और उसकी नून्न्ी अब मोटी होने लगी थी. उसके अंडकोष भी भारी हो कर लटकने लगे थे. एक दिन जैसे ही चाची ने उसकी नून्न्ी को साबुन लगा कर सॉफ करना शुरू किया वो खड़ी हो गयी. चाची साबुन लगा कर उसको हिलाती रही. सूरज को बड़ी शरम आ रही थी. मगर चाची नही रुकी. कोई दुस मिनिट ऐसे ही हिलने के बाद सूरज की लुल्ली थोड़ी शांत हुई,’ अब तू बड़ा हो गया है सूरज अब तेरी लुल्ली लंड बन गयी है,’ चाची ने उसको कहा और चली गयी.
सूरज चाचा और चाची एक ही कमरे में सोते थे. कभी चाची चाचा के साथ पलंग पर उप्पेर सोती और कभी उसके साथ नीचे. उस रात चाची सूरज के पास आ कर सो गयी, उन्होने सिर्फ़ नाइटी पहनी थी अंडर कुछ भी नही था. सूरज ने सिर्फ़ लूँगी पहनी थी. चाचा चाची ने उसे अभी तक अंडरवेर खरीद कर नही दिया था. रात में चाची हमेशा की तरह सूरज को चपता कर सो रही थी तभी सूरज की लूँगी उप्पेर उठी उसका लंड फिर से तन गया था. चाची ने तुरंत उसके लंड को लूँगी उप्पेर कर के हाथ में लिया और बोली,’ दर्द तो नहीं हो रहा बेटा,’ वी बोली. सूरज बोला नही चाची. मगर चाची ने फिर से उसका सूखा लंड उप्पेर नीचे करना शुरू कर दिया था. शुरज़ को अच्छा भी लग रहा था मगर उसको डर था की कहीं चाचजी देख ना ले.
सूरज के साथ अब नयी दिक्कत होने लगी थी. रात में वो नींद में ही चाची अपनी मम्मी अपनी टीचर अपनी पड़ोसन, कामवाली वगेरह को चोद देता, सुबह उठता तो उसकी लूँगी गीली मिलती. अब उसके लंड से गीला गढ़ा सफेद द्रव्य निकलता था. दुर्भाग्या से उसके कपड़े भी चाची ही धोती थी. एक दिन उसके चाचा उसके लिए दो नयी लूँगी और दो अंडरवेर ले कर आए. चाचा चाची ने उसे उनके सामने ही पहनने को कहा,’ बेटे हुमसे क्या शरमाना, पहन कर दिखाओ ताकि पता चले की साइज़ सही है या नही,’ उसके चाचजी बोले.’ सूरज को चाचा के सामने ही चाची ने चड्डी पहनाई मारे डार्क ए फिर उसका लंड फूलने लगा था. “ अब रोज़ चढ़ि पहनना बेटा तुम बड़े हो गये हो,’ चाचिजी बोली. सूरज बाथरूम में जाकर वापस आ रहा था की उसके कान में चाचा- चाची की बातें पड़ी,’ अब तो इसका वीरया भी बनने लगा है अब देरी किस बात की है?’ चाचजी चाचिजी को कह रहे थे.” हा अब तो रोज़ सुबह इसका लंड खरा होता है और ये सपने में किसी को चोद्ता है और इसकी लूँगी में ही इसका वीरया डिसचार्ज हो जाता है,’ चाचिजी ने चाचजी को कहा.’ अब देर किस बात की है सुषमा( चाचिजी का नाम) , अब इस को चोद ही दो,’ चाचजी ने कहा.’ हा एक दो दिन में ही इसका लंड ले लूँगी,’ चाचिजी बोली. “ हो सकता है तुम्हारे सामने शरमाये दो- तीन दिन के लिए तुम बाहर चले जाओ तब तक में इसको चुदाई सीखा दूँगी,’ चाचिजी ने चाचजी को कहा.’ ठीक है में कल ही बड़े भैसाहब के पास दो दिन के लिए गाओं चला जाता हू,’ चाचजी ने जवाब दिया. सूरज को थोड़ा बहुत तो समझ आ रहा था मगर ज़्यादा कुछ नही.
अगले दिन सुबह चाचजी गाओं चले गये. नौ बजते ही चाचिजी ने सूरज को बाथरूम में आवाज़ दी. चाचिजी खुद टोलिया लपेटे हुए थी. “ आ बेटा तुझे नहला दे फिर हम खूब भी नहा लेंगे,’ चाचिजी बोली. “ चाचिजी अब हम बड़े हो गये हाइन ह्यूम शरम आती है हम खुद नहा लेंगे,’ सूरज बोला.’’ बेटा, तू मेरे लिए तो हमेशा ही छ्होटा रहेगा अब चाचिजी से क्या शरम आ जा,’ ये कह कर चाचिजी ने सूरज की लूँगी उतार दी और उसकी चड्डी पाओ के नीचे खिसका दी. चाचिजी ने खुद का तोलिया भी हटा दिया, चाची भतीजा दोनो बाथरूम में नंगे थे. सूरज ने देखा चाची के पाओ के बीच में बालों का एक गुच्छा था. काक में भी बॉल थे. सूरज के लिंग के आसपास भी बाल लब घने होने लगे थे.
चाचिजी खुद स्टूल पेर बेथ गयी और सूरज को पहले आगे से नहलाना शुरू किया. सूरज हमेशा की तरह घुटनो के बाल नीचे बेथ गया उसका औज़ार नीचे लटक रहा था और उसकी नज़रें चाची की काली बालो वाली चूत से हट नही रही थी. चाची ने पहले उसके बालों में शॅमपू किया फिर उसके सीने और काक में साबुन लगा कर सफाई की. फिर उसको उल्टा किया और उसकी पीठ और गेंड पेर और टाँगो पेर साबुन माला. गेंड पेर साबुन लगाते समय चाची की उंगलिया बार बार उसके च्छेद में सरक रही थी. असचर्यजनक रूप से आज चाची ने उसके लंड पेर ना साबुन लगाया ना उसको धोया जबकि हमेशा वो सबसे ज़्यादा समय उसके लंड को ही धोती थी.
अब चाची खुद खड़ी हो गयी उन्होने उसके लंड को हाथ में पकर कर कहा आज इसकी सफाई बाद में करूँगी ये बड़ा शैतान हो गया है।’ सूरज घबराया शायद चाची को उसकी लूँगी गीली होने का पता चल गया है. चाची ने खड़े होने के बाद कहा ,’ सूरज बेटा आज टब ही अपनी चाची के साबुन लगा कर उनकी सफाई कर दे.’ सूरज ने पहले चाची के सिर पेर शॅमपू किया और फिर वो उनकी छातियो और पेट पेर साबुन लगाने लगा उसने देखा की चाची के निपल्स खड़े हो रहे थे. उसके बाद उसने चाची की पीठ और पावं पेर भी साबुन लगाया, उसे चाची की गांद और चूत पेर साबुन लगाने में शरम आ रही थी,’ क्या हुआ बेटा तू रुक क्यू गया चाची की सब जगहों पेर साबुन लगा,’ चाची बोली. ये सुन कर सूरज चाची की बड़ी गांद पेर साबुन लगाने लगा उसने देखा चाची ने टाँगे चौड़ी कर ली है ,’ बेटा अंडर भी लगा पूरी सफाई कर,’ सूरज समझ गया, वो चाची की गांद के च्छेद के आसपास भी साबुन लगने लगा. इसके बाद चाची ने उसका हाथ अपनी चूत पेर रख दिया और बोली,’ इसके अंडर भी सफाई कर दे बेटा,’ वी बोली. सूरज साबुन लगाने लगा और चाची की चूत में उसकी उंगलिया सरकने लगी. चाची ने तुरंत साबुन लिया और उंसके लंड पेर फेरने लगी सूरज का लंड तन कर कोई 6 इंच फैल गया था. चाची उसके लंड पेर मुट्ठी मरने लगी उधर सूरज चाची की चूत में उंगली करने लगा. कोई दो मिनिट बाद ही सुरक के लंड से एक पिचकारी च्छुटी,’ बेटा इसको वीरया कहते हें ये बड़ा कीमती होता है, ये तेरे इन बड़े अंडकोषों में बनता है,’ चाची ने उसकी गोलियो को छूते हुए कहा.’ ‘ इसको लंड कहते हें ओए इस थेलि को आँड,’ चाची बोली. चाची ने उसके बताया की उनके गुप्तँग को चूत कहते हेँ. “ बेटा जब ये लंड चूत के अंडर जाता है तो वो होती है चुदाई,’ वी बोली.

Re: चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

Posted: 15 Aug 2015 12:08
by Fuck_Me
चाचिजी चाचजी का शेविंग कीट लेकर आई और सूरज से बोली,’ बेटा तू टाँगे छोड़ी कर के बेथ जा स्टूल पेर तेरे लंड के आसपास के बॉल सॉफ करूँगी,’ सूरज अच्छे बच्चे की तरह एकद्ूम नंगा स्ट्क पेर बेथ गया. चाचिजी ने पहले क्रीम लगाया फिर ब्रश से झाग बनाए फिर वो रेज़र फेरने लगी. इस हिस्से में पहली बार रेज़र घूम रहा था सूरज बड़ा डर रहा था कहीं कट नहीं लग जाए,’ बेटा घबराना मत तेरे चाचजी के लंड ऑरा आंड के बॉल में ही सॉफ करती हू आज तक उनको कट नहीं आया,’ वी बोली. जब लंड के अप्पर के बॉल सॉफ हो गये तो चाची के उसके अंडकोष की चमरी पाकर कर उस पेर रेज़र फिरना शुरू कर दिया. धीरे धीरे उसके आँड एकद्ूम चिकने हो गये.चाचिजी ने उसको उल्टा किया औरुस्की गांद के च्छेद के आसपास भी शेविंग शुरू कर दी,’ यहाँ भी सॉफ सफाई ज़रूरी है बेटा,’ वी बोली. उन्होने सूरज के गुप्तँग को पानी से धोया,’ अब देख तेरा चिकना लंड और चिकने आँड, इनको चूसने में अब मज़ा आएगा, ये कह कर चचजी उसके लंड पेर झुकी और उसके मूह पेर जीभ फिरने लगी. सूरज का लंड उत्तेजना से फटा जर आहा था. चाची उसके लंड की आगे की चमरी अपने होतो से हिलने लगी. फिर चाची के हॉट नीचे आए और सूरज की गोलियो को चाटने लगी,’ कितनी बड़ी है तेरी गोलिया और कितनी रसीली भी इनका वेर्य मेरे बड़ा काम का है बेटा,’ ये कह कर वी भूखे कुत्ते की तरह उसके चिकने आँड च्चटने लगी. सूरज का लंड बेकाबू था. चाची ए उसके आँड चाटने के साथ साथ उसके लंड पेर मुट्ठी मारनी शुरू कर दी.
सूरज की हालत खराब थी. उसे लग रहा था उसकी पिचकारी छूटने वाली है. चाचिजी ने अब वापस उसके लंड को मूह में ले लिया और हाथों से आँड को थपकाने लगी,’ चाचिजी मेरा वीरया आने वाला है,’ सूरज पहली बार बोला.’ उधर चाची उसके वीरया की एके क बूँद गटक गयी और उसके लंड के आगे का हिस्सा अपनी जीभ से सॉफ करने लगी.” बेटा अब तेरे इस शानदार लॉड के लिए तेरी चाची को भी तय्यार होना है ,’ ये कह कर उन्होने टाँगे चोरी कर दी और शेविंग कीट की तरफ इशारा किया. सूरज समझ गया. उसने चाची की चूत पेर क्रीम लगा कर रेज़र फिरना शुरू कर दिया और वाहा के बॉल सॉफ करने लगा. जब सारे बॉल सॉफ हो गये तो चाची बोली बेटा अच्छी तरह देख ले एक दो बॉल छूट गये हो तो उनको भी सॉफ कर ले. सूरज ने पहली बार ज़िंदगी में 14 साल की मुरा में कोई चूत देखी थी, उसे दो- तीन बॉल नज़र आए वो उसने सॉफ किए. उसे चाची की चूत के अंडर दो काले होठ दिखाए दे रहे थे और एक कला च्छेद भी.




साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ