Page 1 of 2

कामुक दास्तान sex hindi long story

Posted: 16 Aug 2015 10:45
by Fuck_Me
Image
मैने उस लड़की निहारिका को अपायंटमेंट लेटर भेजा. वो जाय्निंग वेल रोज़ 1 घंटा पहले ही आकर मेरे ऑफीस के बाहर वेटिंग रूम में बेथ गयी थी. फिक्स्ड टाइम पर मैने उसको बुलाया और उस से बॉन्ड भर्वाकर उसको ट्रैनिंग के लिए बाकी लड़कियों के साथ सेट्ल करवा दिया.कुच्छ टाइम बाद में मैने नोट किया की मैं जब भी किसी काम के लिए स्टाफ में से किसी भी कंप्यूटर ऑपरेटर्स को बुलाता हूँ तो उन में वो लड़की ज़रूर होती थी. मेरी बुरी आदत है की मुझे जल्दी से स्टाफ के लोगो के नाम याद नही होते हैं. मैने एक दिन उस लड़की से पूचछा की तुम्हारा नाम क्या है? उसने बहुत ही एग्ज़ाइट होकर बताया की निहारिका. मैने उस से पूचछा की मैं देख रहा हूँ की जब भी मैं किसी ऑपरेटर्स को बुलाता हूँ तो तुम हमेशा क्यों आती हो? वो बोली की सिर मुझे आपका काम करने का स्टाइल बहुत पसंद है और मुझे आपका काम करना बहुत अच्च्छा लगता है क्योंकि मुझे आप से काम करते वक़्त बहुत कुच्छ नया सीखने को मिलता है. मुझे उसकी यह बात सुनकर बहुत अच्च्छा लगा की वो लड़की सीखने में काफ़ी इंट्रेस्टेड है. कुच्छ टाइम बाद मुझे उसके काम में काफ़ी प्रोग्रेस दिखाई दी फिर मुझे जब भी कोई काम होता तो मैं उसको इंटरकम पर फोन करता और बोलता की 2-3 और ऑपरेटर्स को लेकर मेरे पास आओ. मैं उसको आस आ सूपरवाइज़र काम हॅंडोवर कर के अपने कामो में लग जाता. मैं रात को बहुत देर तक ऑफीस में रुकता था. कभी कभी रात में 11-12 बाज जया करती थी. उसकी ड्यूटी मैने ईव्निंग शिफ्ट में लगा रखी थी और वो 7.30 बजे अपनी ड्यूटी से फ्री होकर बस से अपने घर जाती थी. बाद में मुझे पता चला की वो एक बहुत ही अच्च्चे और रिप्यूटेड घर की अच्च्ची लड़की है. उसके साथ ही मेरे स्टाफ में एक और लड़की थी मीनू वो निहारिका की बहुत अच्च्ची दोस्त बन चुकी थी. वक़्त गुज़रता रहा. एक रोज़ मैने निहारिका को किसी काम के लिए अपने ऑफीस में बुलवाया. वो मेरे सामने आई तो उस रोज़ वो बहुत ही सीधी और भोली लग रही थी.. अचानक मेरी नज़र उसके ब्रेस्ट पर पद गयी. उसका पीले रंग का कुर्ता ब्रेस्ट पर से ब्लॅक हो रखा था. मैं उससे कुच्छ पूच्छना चाहता था इस बारे में लेकिन अपनी रेप्युटेशन और पोस्ट की रेस्पॉन्सिबिलिटीस के ध्यान में आते ही अपने आप को संभाल लिया. मैने उसको जैसे ही कुच्छ पेपर्स हॅंडोवर करे तो मैने देखा की उसके हाथ बिल्कुल ब्लॅक हो रखे हैं. मैने उस से पूचछा की तुम अपने हाथ सॉफ क्यों नही करती तो बोली सिर काउंटर पर काम करते करते बार बार पेपर्स में से कारबन्स हटते हैं तो हाथ ब्लॅक हो जाते हैं और बार बार हाथ ढोने का टाइम नही मिलता. मैने उसके कुर्ते की तरफ इशारा कर के कहा देखो तुम्हारे कपड़े भी ब्लॅक हो गये हैं तुम ध्यान रखा करो. यह सब बोलते वक़्त मेरे दिमाग़ में उसके लिए कोई ग़लत बात नही थी. मैने यह सब सिर्फ़ इस लिए बोला था क्योंकि मुझे उसका काम में खोना बहुत पसंद आया था. मेरा उसको कुर्ते की तरफ इशारा करके बोलना शायद अजीब सा लगा और वो शर्मा के चली गयी. उस रोज़ वैसे मैने एक बात देखी थी की उसके ब्रेस्ट बहुत ही सुंदर और सुडोल थे. उस बात के 2-3 रोज़ बाद जब मैं ऑफीस से फ्री होकर घर जा रहा था वो ऑफीस के बाहर रोड पर खड़ी अपनी बस का वेट कर रही थी. मेरे दिल में आया की मैं उसको लिफ्ट दे डू लेकिन मैं मजबूर था अपनी रेप्युटेशन के कारण ऐसा नही कर पाया. तभी एक बस आई जिस में वो चढ़ने लगी लेकिन बस में बहुत ज़्यादा भीड़ थी, मैने देखा एक लड़के का हाथ उसके ब्रेस्ट पर डब गया.
मैने हिम्मत कर के उसको आवाज़ लगाई की निहारिका आ जाओ मैं तुम्हे छ्चोड़ दूँगा. वो आई और बोली की सिर मैं चली जौंगी मैने उसको बोला की तुम भीड़ में परेशन होवॉगी आओ मैं छ्चोड़ देता हूँ. वो मेरे स्कूटर पर बेत गयी. मैं रोज़ घर जाते वक़्त एक रेस्टोरेंट पर रुक कर चाय पिया करता था लेकिन उस रोज़ मैने सोचा की लड़की साथ में है तो नही रुकुंगा लेकिन जैसे ही रेस्टोरेंट के आयेज से निकल रहा था तो वो लड़का बोला सिर आज चाय नही पियोगे क्या? मैने कहा की नही छ्होतू आज यह साथ में है बाद में अवँगा. तब निहारिका बोली की नही सिर आप चाय पी लो मैं यही रुकी हुई हूँ. मैने उसको थॅंक्स बोला और कहा की चलो फिर तुम भी चाय पी लो. वो मेरे सामने एक चेर पर बेत गयी. वो बार बार अपनी फिंगर को आपस में उलझा रही थी. मुझे ऐसा लगा की वो कुच्छ कहना चाहती है. मैने उस से पूचछा की बोलो क्या बोलना चाहती हो? तो शरमाते हुए बोली की सिर आप बुरा मान जाओगे. मैने कहा नही नही तुम बोलो मैं तुम्हारे काम से वैसे ही बहुत इंप्रेस हूँ. वो शरमाते हुए बोली की सिर सॉरी लेकिन जिस रोज़ आप इंटरव्यू लेने के लिए रूम में एंटर हुए थे तब मैं आपको पेवं समझी थी और आप को आवाज़ लगाने वाली थी लेकिन जब आप को इंटरव्यू लेते हुए देखा तो मैं आप से बहुत इंप्रेस हुई की इतना रिप्यूटेड पर्सन इतना सिंपल रहता है. उस के बाद उसने बोला की सिर मैं आप से एक बात बोलू अगर आप को बुरा लग जाए तो मुझे बोल देना मैं कल से ऑफीस नही अवँगी लेकिन आज मौका मिला है आप से बात करने का इसलिए अपने आपको रोक नही पा रही हूँ. मैने कहा बोल दो. तो बोली की सिर मैं आप से प्यार करती हूँ और शादी करना चाहती हूँ. मुझे यह सुन कर बहुत ही अजीब सा लगा लेकिन मैने उसको कुच्छ नही बोला और चाय पीकर उसको घर छ्चोड़ दिया. उसके बाद मैं निहारिका से कटा कटा रहने लगा. एक रोज़ वो रात में 8.30 बजे के करीब मेरे ऑफीस में आई. उस रोज़ मैं कोई ज़रूरी काम के कारण लाते तक रुका हुआ था. मैं चोंक गया. मैने पूचछा निहारिका तुम्हारी ड्यूटी 7.30 बजे ख़तम हो गयी तुम अब तक गयी क्यों नही? तो बोली सिर मुझे पता था की आज आप रात को लाते तक रुकने वेल हो और मैं आप से कुच्छ पर्सनल बात करना चाहती थी लेकिन आप कभी भी फ्री ही नही होते हो इसलिए मैने घर फोन कर बोल दिया था की आज 2 अवर्स लाते अवँगी ताकि आप से बात कर साकु. मैने उसको कहा बोलो क्या बात है? वो बोली की सिर, मैं कोई ऐसी वैसे लड़की नही हूँ और शायद मेरी बात को ग़लत समझ गये हैं और यह मैं बर्दस्त नही कर सकती इस लिए आप मुझे बता दो की अगर आप मुझे ग़लत समझते हो तो मैं कल से जॉब छ्चोड़ रही हूँ. मुझे उस लड़की की अच्च्ची बातों पर बहुत ही खुशी हुई और मैं अपना काबू खो बेता.मैने कहा निहारिका अगर तुम शादी करने के लिए टेयर हो तो मैं तुम्हारा प्यार आक्सेप्ट करता हूँ. उस ने जैसे ही हन बोला मैं अपने आप को रोक नही पाया और अपनी शीट से उठ कर उसको अपनी बाहों में भर लिया. ओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मैने जैसे ही उसको बाहों में भरा तो उसके बदन की गर्मी ने मेरी हालत खराब कर दी. उसकी साँसों से इतनी गरम हवा आ रही थी मैने ज़िंदगी में फर्स्ट टाइम प्यार का एहसास किया था. मैं प्यार की तपिश और अपने अरमानों की तड़प ने मुझे पागल बना दिया था (मैने अपनी जवानी का इंपॉर्टेंट टाइम अपना करियर बनाने में ही लगा दिया था और कभी ज़िंदगी के इस सुख की तरफ ध्यान ही नही दिया था, बचपन में 18 की आगे में पागलपन में 2 लड़कियों के साथ 1-1 बार सेक्स किया था लेकिन कभी अच्च्छा नही लगा था). उस रोज़ पहली बार पता चला की एक औरत का ज़िस्म कितना सुख देता है जब वो प्यार में लिपटा हुआ हो तो. मैं भूल गया की मैं अपने ऑफीस में खड़ा हूँ. मैने आहिस्ता से उसके गालों को चूम लिया. वो सिसक उठी. मैं समझ गया था की मैं पहला माले हूँ जो उसको टच कर रहा हूँ. मुझे मेरी किस्मत पर बहुत ही खुशी हुई. मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा. मैं अपने ज़िस्म में एक जबरदस्त खुशी और अजीब सी तड़प का एहसास करने लगा.

Re: कामुक दास्तान sex hindi long story

Posted: 16 Aug 2015 10:46
by Fuck_Me
मैं उसको और वो मुझे अपने और करीब खींच रहे थे. मुझे उसके ज़िस्म की गर्मी के कारण अपने अंदर का सोया हुआ मर्द जागता महसूस हुआ. मैने उसके कानो में फुसफुसा कर कहा की निहारिका, ई लोवे योउ सो मच, मैं तुमसे जल्दी शादी करके हमेशा हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता हूँ ताकि अपने ज़िस्म में जागी इस तड़प तुम्हारे अंदर समा साकु. वो बोली की विजय जी, मैं भी आपको अपना पति बनाकर ज़िंदगी भर संभलकर रखी इस जवानी को आप पर लूटा देना चाहती हूँ. तभी मैने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर एक गहरा चुंबन ले लिया. उसकी गरम गरम साँसे मेरी साँसों से टकराने लगी. मुझे ऐसा लगा की जैसे मैं सातवे आसमान पर उड़ रहा हूँ. तभी मेरे ऑफीस का डोर ज़ोर से खुला और मुझे होश आया की मैं ग़लती कर बेता. वो मेरी ज़िंदगी का फर्स्ट टाइम था जब मैने ऑफीस में इतनी बड़ी ग़लती की थी. मैने देखा सामने मीनू खड़ी थी. मैं गादान झुका कर दूसरे रूम में चला गया और निहारिका भी चली गयी और मीनू भी. नेक्स्ट दे मैं किसी भी स्टाफ वेल से नज़र नही मिला पाया. दिल में आया की स्यूयिसाइड कर लूँ लेकिन अपने पापा की सोच कर रोक लिया अपने आप को. उस रोज़ मैं सोच कर आया था की आज रिज़ाइन कर दूँगा. लेकिन दोफर में निहारिका मेरे ऑफीस में आई और बोली की सिर आप की कोई ग़लती नही है ग़लती मेरी थी मुझे ऑफीस में यह सब शायद आप से नही बोलना चाहिए था.

Image

Re: कामुक दास्तान sex hindi long story

Posted: 16 Aug 2015 10:47
by Fuck_Me
मैने उसको कहा की तुम जल्दी से अपनी सीट पर चली जाओ वरना प्राब्लम हो जाएगी. उस ने मुझे कहा की मैं शाम को जाने से पहले 6 बजे आप से मिलने आउन्गि. शायद यह बात किसी ने सुन ली थी यह मुझे बाद में पता चला. शाम को जब 6 बजे निहारिका मेरे ऑफीस में आकर मेरे सामने की शीट पर बेती तो बोली की सर आप परेशान मत होव शायद मीनू किसी को कुच्छ नही बोलेगी. तभी मेरे ऑफीस का दरवाजा खुला और मैने देखा की निहारिका के पिताजी मीनू के साथ खड़े हैं. उन्होने मुझे कहा की मैं अपनी लड़की जॉब काम करने के लिए भेज रहा था ना की मस्ती के लिए. मैने उन से कहा की अंकल मैं निहारिका से प्यार करता हूँ और हम ने पहले कभी भी एक दूसरे को टच तक नही किया था. कल ही मैने इस से अपने प्यार का इज़ेहर किया है और मैं इस से शादी करना चाहता हूँ. वो बोले की मैं तुझ जैसे ग़रीब और छ्होटी जाती के लड़के के साथ अपनी बेटी की शादी नही करूँगा और कल से निहारिका ऑफीस नही आएगी. इतना कहकर वो निहारिका को लेकर चले गये. कुच्छ दीनो बाद मैने निहारिका के बारे में पता करने की कोशिश की तो पता चला की उसको घर से नही निकालने दे रहे और नेक्स्ट वीक उसकी शादी है. मुझे मीनू पर बहुत गुस्सा आया की उसने मेरी ज़िंदगी में ज़हर घोल दिया. लेकिन एक बात की मुझे तसल्ली थी की मीनू ने निहारिका के पापा के अलावा किसी को भी वो बात नही बताई इस लिए ऑफीस में मेरी रेप्युटेशन पर कोई फ़र्क़ नही पड़ा. मैने उसको टर्मिनेट करने का डिसाइड कर लिया. नेक्स्ट दे मैने उसको अपने ऑफीस में बुलवाया तो मैने उसको नफ़रत की नज़र से देखकर उसको उसका टर्मिनेशन लेटर पकड़ा दिया. उसने लिफ़ाफ़ा खोल कर पढ़ा और मेरे सामने बेत गयी और बोली सर मैं आपको पसंद करती हूँ इसलिए मैने यह सब किया था क्योंकि मुझ से बर्दस्त नही हुआ की आप निहारिका से शादी करो क्योंकि मैं आप से शादी करना चाहती हूँ. मीनू निहारिका से बहुत ज़्यादा सुंदर थी और गोरी भी और उसकी हाइट भी बहुत अच्च्ची थी. मीनू की एज करीब 27 साल थी और उसके फादर रॅस ऑफीसर थे. मुझे मीनू से कोई हमदर्दी नही थी क्योंकि मेरे दिल में उसके लिए नफ़रत ने जानम ले लिया था. लेकिन अचानक मेरे दिमाग़ में एक बात आई की क्यों ना इस से अपना बदला लूँ. मैने मीनू को कहा की पागल अगर यह बात थी तो तू मुझसे पहले बोलती ना. मैने उसको कहा की कल ऑफीस से च्छुटी ले लेना और मेरे रूम पर आना वही कर बात करेन्गेंएक्ष्त दे सुबह 11.30 बजे मीनू मेरे रूम पर आई. उसने रेड कलर की सारी और ब्लाउस पहन रखा था और अपने लंबे बॉल खुले कर रखे थे. और हल्का सा मेकप भी कर रखा था. मैने पहले भी बताया की उसकी हाइट बहुत अच्च्ची थी. आज पहली बार उसको इतना करीब से देखने का मौका मिला था. मैं अपने बेड पेर बेता उसको निहारे जेया रहा था. उसकी हाइट 5' 6" और उसका फिगर 33-27-33 था. वो बहुत ही सुंदर लग रही थी. मैं अपने बेड पर से खड़ा हुआ (मेरे दिमाग़ में उस से बदला लेने की भावना पूरी तरह से हावी हो चुकी थी लेकिन अपने फेस पर यह सब आने नही दिया). मैं जैसे ही खड़ा हुआ मीनू दौड़ कर मुझ से लिपट गयी. मैने अपनी आर्म्स को खोल कर उसको अपने आगोश में भर लिया और अपना फेस उसके कंधो पर रख कर उसकी पीठ को सहलाने लगा. वो भी मेरी पीठ पर ज़ोर से अपने हाथो से मसाज कर रही थी. मैने उसको और करीब खींचा और उसके कानो को चूमने लगा मेरा लंड सारी के उपर से उसकी चूत को टच कर रहा था. उसकी साँसे तेज़ तेज़ चल रही थी. मैने जैसे ही उसके हिप्स को पकड़ कर अपने से और ज़्यादा चिपकाया वो जल बिन मछली की तरह तड़प उठी और अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाने लगी. उसके मस्त मस्त बूब्स मेरी चेस्ट पर डब रहे थे. मैने उसके कान के पास अपना मूह ले जाकर पूछा मीनू, तुमने पहले कभी यह सब किया है? तो मीनू बोली की पहले मेरा किसी के साथ अफेर था लेकिन हम 3-4 बार मिले थे तब सिर्फ़ किस और हग किए थे और मैने अपनी इज़्ज़त आज तक किसी को नही दी. मैने उसको अपनी बाहों में उठा कर बेड पर लिटा दिया. और उसके बाजू में लेट गया. मैने अपना एक पाव उसके पाओं पर रखा और अपने हाथ से उसके अब्डोमन को सहलाने लगा और अपने लिप्स से उसके लिप्स को किस करने लगा. उसकी साँसे तेज़ तेज़ चल रही थी. उसने अपनी आँखे बंद कर ली और मेरा सर पकड़ कर ज़ोर से अपने लिप्स मेरे लिप्स से सता दिए. मेरे अंदर एक बिजली सी दौड़ रही थी और मेरा लंड मेरे कपड़े फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था. मेरे हाथ उसके पेट घूम रहे थे. मैने जैसे ही अपनी एक उंगली उसके नेवेल में डाली तो वो चिहुनक उठी और मेरे लिप्स को काट लिया. उसकी साँसे अब गरम हो गयी थी और वो सिसकारियाँ भर रही थी. मैं अपने पाओं से उसके पाओं को रग़ाद रहा था जिस से उसकी सारी काफ़ी उपर हो चुकी थी. मैने अपना एक हाथ नीचे की तरफ बढ़ा कर जैसे ही उसके हिप्स पर रख कर दबाया तो उसने अपने नाख़ून मेरे शर्ट पर से मेरी चेस्ट में गाड़ा दिए और मेरी शर्ट के बटन्स खोलने लगी.
मैने भी उसकी सारी को उसके हिप्स पर से पकड़ा और सहलाने लगा. वो मेरा शर्ट निकल रही थी तो मैं तोड़ा उपर को हुआ. उसने मेरे बनियान भी खींच डाली, मैने अपने हाथ उपर कर उसको अपनी बनियान निकालने में हेल्प करने लगा. फिर मैने उसकी सारी को उतार दिया. रेड कलर के ब्लाउस में उसके मस्त मस्त जवान बूब्स बहुत ही दिलकश लग रहे थे. मीनू ने अपने लिप्स से मेरी चेस्ट को चूमना शुरू कर दिया. मुझे एक अजीब पागल कर देने वाली सिहरन अपने अंदर होती महसूस हो रही थी. मैने उसके ब्लाउस के सारे बटन्स खोल दिए. मीनू ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरी पंत के हुक्स और ज़िप खोल दी. फिर मैं तोड़ा उपर हो गया तो मीनू मेरी पंत को मेरे ज़िस्म से अलग करने लगी और मैने भी उसको तोड़ा उपर कर के उसका ब्लाउस उतार दिया और फिर उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया. मैने उसका ब्लाउस और ब्रा उतार कर एक तरफ फेंक दी और अपना हाथ उसके पेटीकोत का नडा खोलने के लिए बढ़ा दिया. मीनू मेरी पंत उतार चुकी थी और मैने भी उसका पेटीको उतार दिया. ओह मययययययययययी गूड़नेस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स . मेरी नज़र जब उसकी नंगी टांगो पर पड़ी तो ऐसा लगा जैसे मेरे मूह से लार तपाक जाएगी. उसका कंपेक्स्षन बिल्कुल ऐसा था जैसे मक्खन में किसी ने चुटकी भर कुमकुम मिला दिया हो. मीनू और मैं सिर्फ़ अंडरवेर में लेते हुए थे.Mईनु मेरी चेस्ट पर किस कर रही थी और मेरी चेस्ट के बालों से खेलती हुई सिसकिया भर रही थी. उसकी आँखे बंद थी. मैं उसके लेग्स को सहलाने लगा तो वो काँप उठी और अपनी आँखे खोल दी. उसका एक हाथ मेरी चेस्ट पर था और एक हाथ से मेरी पीठ पर. मैं उसकी टॅंगो पर अपने लिप्स से किस करने लगा तो उसने ज़ोर से अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गाड़ा दिए. मुझे सावरग जैसा आनंद मिल रहा था. मीनू तो अपना कंट्रोल एकद्ूम खो चुकी थी. मैं अपने लिप्स उसकी इन्नर थाइस की तरफ ले जाने लगा. जैसे ही मैने उसकी दोनो टॅंगो के जंक्षन पर अपने लिप्स रखे उसने अपना हाथ मेरे अंडरवेर पर रख कर मेरे लंड को दबा दिया. मैं पनटी के उपर से उसकी चूत पर अपने लिप्स रगड़ने लगा. मीनू ने थोड़ी सी हरकत की और अपनी बॉडी को इस तरह से घुमा लिया की मेरा मूह उसकी छूट पर और उसका मूह मेरे लंड पर आ गया. मेरा पेल्विक पार्ट उसके बूब्स को दबा रहा था. मैने मीनू की पनटी उतरनी शुरू की तो उसने भी मेरा अंडरवेर उतार दिया. अब हम दोनो एकद्ूम नेकेड हो चुके थे. मैं मीनू की थाइस को अपने दांतो से काटना शुरू कर चुका था क्योंकि मेरे दिल में शैतान था जो मीनू को पता नही था. मीनू ने मेरा लंड अपनी मुति में लिया और फिर अपने मूह में ले लिया मुझे जैसे ही उसके मूह की गरमी का एहसास हुआ तो बहुत ही अच्च्छा लगा. मैने भी उसकी क्लीन शेव्ड पिंक चूत के लिप्स पर किस कर दिया. मुझे उसकी चूत से अजीब सी स्मेल आ रही थी जो मुझे अच्च्ची नही लगी क्योंकि वो मेरी दुश्मन थी और मैं सिर्फ़ उसको सतना चाहता था. मैने अपने दांतो से उसकी चूत के लिप्स को ज़ोर से काट दिया तो ज़ोर से चिहुनक उठी और मेरा लंड उसके थ्रोट तक पहुँच गया और वो खांसने लगी. मैने और ज़ोर से उसकी चूत को काट दिया. उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थिंऐने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और फिंगरिंग करने लगा और उसकी थाइस को अपने दांतो से काटने लगा. मैने उसकी टॅंगो पर जगह जगह काट काट कर निशान बना दिए लेकिन वो पागल यह नही समझी की मैं उस से बदला ले रहा हूँ. वो तो मदहोश हो चुकी थी पूरी तरह. मुझे विस्वास नही हो रहा था की यह उसका फर्स्ट टाइम है. लेकिन मुझे मेरी सिर्फ़ एक फिंगर ही उसकी चूत में बहुत टाइट लग रही थी. मीनू बहुत ही प्यार से मेरा लंड चूस रही थी. उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मेरे लंड के अंदर कुच्छ सरसराहट महसूस हुई तो मुझे लगा की मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ तो मैने ज़ोर से अपना लंड उसके मूह में और अंदर घसा दिया और उसकी चूत में अपनी उंगली को और अंदर तक घुसा कर ज़ोर से फिंगरिंग स्टार्ट कर दी.