एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
“नही मैने बस अपने पाती से किया है मैं तुम्हारे जैसी नही हूँ” प़ड़्मिनी ने कहा.
“फिर तुम कैसे इतने विश्वास से कह सकती हो” नगमा ने कहा.
“मैं इसे बड़े में और बात नही करना चाहती” प़ड़्मिनी ने कहा.
“एक बात तो शन” नगमा ने हंसते हुवे कहा.
“अब क्या है?”
“मैने दाओनो ट्राइ किए है. राजू से पहले मेरा टांका दिनेश से था. तेरे पाती जितना ही था उष्का. जब तक मैने राजू का नही लिया तब तक मुझे भी नही पता था की बड़े लंड का क्या मज़ा है.”
“ये सब बकवास है…अब तुम काम शुरू कराती हो या नही” प़ड़्मिनी ने कहा.
“कराती हूँ बाबा कराती हूँ…..”
नगमा आख़िर अपना काम शुरू कर देती है. पर बीच बीच में कुछ ना कुछ बोलती रहती है.
“देखो मैं तो अपना काम कर दूँगी, पर जो तुम्हे बहुत अच्छे से जानता है वो तुम्हे हर हाल में पहचान लेगा” नगमा ने कहा.
“पुलिस तो मुझे अच्छे से नही जानती…बस वो ना पहचान पाए”
“उनकी चिंता नही है, जीशणे तुम्हे बहुत बार देखा हो वही तुम्हे पहचान पाएगा किसी और के बस की बात नही. वैसे भी पुलिस के पास तुम्हारी फोटो है जो की टीवी पर दीखाई जा रही है. उष फोटो को देख कर कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे”
“ह्म फिर ठीक है” प़ड़्मिनी ने कहा
“अरे मुझे याद आया, मुझे भी एक पुलिस वाले के पास जाना है आज, काज़ मैं भी बच पाती”
“क्यों तुम्हे तो मज़ा लेने का शॉंक है, बचना क्यों चाहती हो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“तो क्या तुम्हे सब पता है की मैं भोलू के पास जवँगी आज?” नगमा ने पूछा.
“हन” प़ड़्मिनी ने जवाब दिया.
“बहुत खराब है ये राजू मुझे बदनाम करने पे तुला है…वैसे तुम्हारे कारण करना होगा मुझे उशके साथ” नगमा ने कहा.
“तो क्या हुवा एक और साइज़ आजमा लेना, तेरा क्या बिगड़ेगा…तुझे तो लत है इसे सब की””
“तुम अगर भोलू को देखोगी तो तुम्हे पता चलेगा की इतना आसान नही है ये काम”
“तो रहने दे” प़ड़्मिनी ने कहा
“मैं राजू के लिए करूँगी”
“वाह-वाह ये खूब रही…यकीन नही होता”
“देखो बहुत भद्दा है वो भोलू, मेरा बिल्कुल मन नही है उसे देने का”
“ह्म फिर रहने दो ना.”
“नही मुझे राजू के लिए जाना होगा. और क्या पता उष्का लंड भी तगड़ा हो. आँखे मीच कर कर लूँगी”
“आ गयी ना हक़ीकत ज़ुबान पे”
“देखो जब मुझे ये काम करना ही है तो थोड़ा अपने मज़े के बड़े में तो सोचूंगुई ही”
“अभी फिलहाल अपने यहा के काम पे ध्यान दे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मेरा पूरा ध्यान है यहा, थोड़ा मूह उपर करो…वैसे एक बात है”
“अब क्या है?”
“तुम्हारी चुचियाँ मुझ से बड़ी हैं, आदमी तो मराते होंगे इन चुचियों पर”
“चुप कर” प़ड़्मिनी ने गुस्से में कहा
“पर मैं सच कह रही हूँ, अगर मैं लड़का होती तो अभी इन्हे बाहर निकाल कर खूब चूस्टी”
“हे भगवान यू अरे टू मच…” प़ड़्मिनी ने कहा.
“क्या कहा आपने”
“कुछ नही यही की मुझे देर हो रही है”
“बस हो गया काम, 15 मिनिट और लगेंगे इन बालो को ध्यान से करना होगा”
“ह्म जल्दी करो”
थोड़ी देर नगमा चुप रही फिर अचानक बोली, “राजू बहुत अच्छे से चूस्टा है मेरे निपल”
“तो मैं क्या करूँ, मैं भी चुस्वा लॅंड क्या जाकर उष से”
“नही-नही मैने ऐसा तो नही कहा…आप ऐसा सोचना भी मत राजू सिर्फ़ मेरा है”
“अपने राजू को अपने पास रख मुझे कोई शॉंक नही है”
“मोहित आपके लिए ठीक रहेगा बहुत मोटा लंड है उसका भी, बिल्कुल राजू की तरह पर मुझे पता नही की उसे चुचियाँ चूसनी आती है की नही, अभी तक एक बार ही मिली हूँ उष से. उसने बिना कुछ किए मेरी गान्ड में डाल दिया था. दुबारा कोई मोका नही मिला उष से मिलने का”
“तुम्हे कोई और बात भी सूझती है इन बातो के अलावा”
“मुझे बस अपने राजू की चिंता है, उष से दूर रहना, बहुत शुनदर हो तुम कहीं मेरा राजू बहक जाए.”
“अरे मेरी मा मुझे तेरे राजू से कुछ लेना देना नही है और ना ही मोहित से कुछ लेना देना है. मैं यहा मजबूरी में फाँसी हूँ और तुम ऐसी बाते कर रही हो”
“फिर ठीक है”
उशके बाद नगमा ने कोई बात नही की और चुपचाप अपने काम में लगी रही. जब काम ख़त्म हो गया तो वो बोली, ” लो हो गया तुम्हारा हुलिया चेंज, कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे अब”
प़ड़्मिनी ने खुद को शीसे में देखा और बोली, “बहुत बढ़िया, मैं तो खुद को पहचान ही नही पा रही हूँ”
“सब मेरा कमाल है”
“थॅंक यू नगमा इसे सबके लिए”
“कोई बात नही…मुझे माफ़ करना मैं बात बहुत कराती हूँ”
“वो तो ठीक है पर तुम्हारी बाते बहुत गंदी थी…मुझे अछा नही लगा”
ये शन कर नगमा का चेहरा उतार गया और बोली, “ठीक है मैं चलती हूँ. भगवान आपको जल्द से जल्द आपको इसे मुसीबत से निकाले”
“थॅंक यू” प़ड़्मिनी ने कहा
नगमा के जाने के बाद मोहित और राजू कमरे में वापिस आ जाते हैं. मोहित प़ड़्मिनी को देख कर कहता है, “बहुत खूब, तेरी नगमा ने तो सच में हुलिया चेंज कर दिया”
“मुझे यकीन था की नगमा ये काम कर सकती है” राजू ने कहा.
“चला जाए फिर अब”
“हन बिल्कुल, मैने कार अरेंज कर ली है” मोहित ने कहा.
कुछ देर बाद प़ड़्मिनी, मोहित और राजू कार में थे, मोहित ड्राइव कर रहा था, राजू उशके बगल में बैठा था और प़ड़्मिनी पीचली सीट पर बैठी थी. कार अपनी मंज़िल की और बढ़े जा रही थी.
“तुझे पता है ना रास्ता” मोहित ने राजू से पूछा.
“हन गुरु अभी सीधा चलो आगे जो गली आएगी उशी में है उष्का घर” राजू ने कहा.
“ह्म कटता कहा है” मोहित ने पूछा.
“मेरे पास है, चिंता मत करो” राजू ने कहा.
“ध्यान रखना कहीं चल जाए ये देसी बंदूक बहुत ख़तरनाक होती है” मोहित ने कहा.
“तुम लोग बंदूक साथ लाए हो!” प़ड़्मिनी ने हैरानी मे पूछा.
“हन मेडम ख़तरनाक कातिल है वो, हमें भी तो कुछ रखना होगा, क्या पता ज़रूरात प़ड़ जाए”
“हन प़ड़्मिनी जी गुरु ठीक कह रहा है, ये देसी कटता बहुत काम आएगा”
“ठीक है जैसा तुम ठीक समझो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“गुरु बस मोड़ लो इसे गली में” राजू ने कहा.
जैसे ही मोहित ने कार को गली में मोड़ा राजू बोला, “वो रहा उष्का घर जहा 2 आदमी खड़े हैं”
“ये दोनो पुलिस वाले लगते हैं मुझे”
“ठीक कहा गुरु ये पुलिस वाले ही हैं”
“अब हम क्या करेंगे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मैं ये लेटर लाया हूँ, मैं करियर वाला बन कर जवँगा और उसे बाहर बुलवँगा साइन के लिए आप पहचान-ने की कोशिस करना की वो वही साएको है की नही”
“ये वितनेस उष साएको के अलावा और कौन हो सकता है ये बीलुकुल वही है” प़ड़्मिनी ने कहा
“वो तो है फिर भी एक बार उसे देख तो ले” मोहित ने कहा.
“अगर वो बाहर नही आया तो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“अपना लेटर रेसीएवे करने तो वो आएगा ही, राजू जैसे मैने समझाया है वैसे ही करना”
“ठीक है गुरु” राजू ने कहा.
राजू कार से उतार कर एक लेटर हाथ में लेकर उष घर की तरफ बढ़ता है.
“श्री सुरिंदर जी यही रहते हैं?” राजू ने सिविल कपड़े पहने पुलिस वाले से पूछा.
“फिर तुम कैसे इतने विश्वास से कह सकती हो” नगमा ने कहा.
“मैं इसे बड़े में और बात नही करना चाहती” प़ड़्मिनी ने कहा.
“एक बात तो शन” नगमा ने हंसते हुवे कहा.
“अब क्या है?”
“मैने दाओनो ट्राइ किए है. राजू से पहले मेरा टांका दिनेश से था. तेरे पाती जितना ही था उष्का. जब तक मैने राजू का नही लिया तब तक मुझे भी नही पता था की बड़े लंड का क्या मज़ा है.”
“ये सब बकवास है…अब तुम काम शुरू कराती हो या नही” प़ड़्मिनी ने कहा.
“कराती हूँ बाबा कराती हूँ…..”
नगमा आख़िर अपना काम शुरू कर देती है. पर बीच बीच में कुछ ना कुछ बोलती रहती है.
“देखो मैं तो अपना काम कर दूँगी, पर जो तुम्हे बहुत अच्छे से जानता है वो तुम्हे हर हाल में पहचान लेगा” नगमा ने कहा.
“पुलिस तो मुझे अच्छे से नही जानती…बस वो ना पहचान पाए”
“उनकी चिंता नही है, जीशणे तुम्हे बहुत बार देखा हो वही तुम्हे पहचान पाएगा किसी और के बस की बात नही. वैसे भी पुलिस के पास तुम्हारी फोटो है जो की टीवी पर दीखाई जा रही है. उष फोटो को देख कर कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे”
“ह्म फिर ठीक है” प़ड़्मिनी ने कहा
“अरे मुझे याद आया, मुझे भी एक पुलिस वाले के पास जाना है आज, काज़ मैं भी बच पाती”
“क्यों तुम्हे तो मज़ा लेने का शॉंक है, बचना क्यों चाहती हो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“तो क्या तुम्हे सब पता है की मैं भोलू के पास जवँगी आज?” नगमा ने पूछा.
“हन” प़ड़्मिनी ने जवाब दिया.
“बहुत खराब है ये राजू मुझे बदनाम करने पे तुला है…वैसे तुम्हारे कारण करना होगा मुझे उशके साथ” नगमा ने कहा.
“तो क्या हुवा एक और साइज़ आजमा लेना, तेरा क्या बिगड़ेगा…तुझे तो लत है इसे सब की””
“तुम अगर भोलू को देखोगी तो तुम्हे पता चलेगा की इतना आसान नही है ये काम”
“तो रहने दे” प़ड़्मिनी ने कहा
“मैं राजू के लिए करूँगी”
“वाह-वाह ये खूब रही…यकीन नही होता”
“देखो बहुत भद्दा है वो भोलू, मेरा बिल्कुल मन नही है उसे देने का”
“ह्म फिर रहने दो ना.”
“नही मुझे राजू के लिए जाना होगा. और क्या पता उष्का लंड भी तगड़ा हो. आँखे मीच कर कर लूँगी”
“आ गयी ना हक़ीकत ज़ुबान पे”
“देखो जब मुझे ये काम करना ही है तो थोड़ा अपने मज़े के बड़े में तो सोचूंगुई ही”
“अभी फिलहाल अपने यहा के काम पे ध्यान दे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मेरा पूरा ध्यान है यहा, थोड़ा मूह उपर करो…वैसे एक बात है”
“अब क्या है?”
“तुम्हारी चुचियाँ मुझ से बड़ी हैं, आदमी तो मराते होंगे इन चुचियों पर”
“चुप कर” प़ड़्मिनी ने गुस्से में कहा
“पर मैं सच कह रही हूँ, अगर मैं लड़का होती तो अभी इन्हे बाहर निकाल कर खूब चूस्टी”
“हे भगवान यू अरे टू मच…” प़ड़्मिनी ने कहा.
“क्या कहा आपने”
“कुछ नही यही की मुझे देर हो रही है”
“बस हो गया काम, 15 मिनिट और लगेंगे इन बालो को ध्यान से करना होगा”
“ह्म जल्दी करो”
थोड़ी देर नगमा चुप रही फिर अचानक बोली, “राजू बहुत अच्छे से चूस्टा है मेरे निपल”
“तो मैं क्या करूँ, मैं भी चुस्वा लॅंड क्या जाकर उष से”
“नही-नही मैने ऐसा तो नही कहा…आप ऐसा सोचना भी मत राजू सिर्फ़ मेरा है”
“अपने राजू को अपने पास रख मुझे कोई शॉंक नही है”
“मोहित आपके लिए ठीक रहेगा बहुत मोटा लंड है उसका भी, बिल्कुल राजू की तरह पर मुझे पता नही की उसे चुचियाँ चूसनी आती है की नही, अभी तक एक बार ही मिली हूँ उष से. उसने बिना कुछ किए मेरी गान्ड में डाल दिया था. दुबारा कोई मोका नही मिला उष से मिलने का”
“तुम्हे कोई और बात भी सूझती है इन बातो के अलावा”
“मुझे बस अपने राजू की चिंता है, उष से दूर रहना, बहुत शुनदर हो तुम कहीं मेरा राजू बहक जाए.”
“अरे मेरी मा मुझे तेरे राजू से कुछ लेना देना नही है और ना ही मोहित से कुछ लेना देना है. मैं यहा मजबूरी में फाँसी हूँ और तुम ऐसी बाते कर रही हो”
“फिर ठीक है”
उशके बाद नगमा ने कोई बात नही की और चुपचाप अपने काम में लगी रही. जब काम ख़त्म हो गया तो वो बोली, ” लो हो गया तुम्हारा हुलिया चेंज, कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे अब”
प़ड़्मिनी ने खुद को शीसे में देखा और बोली, “बहुत बढ़िया, मैं तो खुद को पहचान ही नही पा रही हूँ”
“सब मेरा कमाल है”
“थॅंक यू नगमा इसे सबके लिए”
“कोई बात नही…मुझे माफ़ करना मैं बात बहुत कराती हूँ”
“वो तो ठीक है पर तुम्हारी बाते बहुत गंदी थी…मुझे अछा नही लगा”
ये शन कर नगमा का चेहरा उतार गया और बोली, “ठीक है मैं चलती हूँ. भगवान आपको जल्द से जल्द आपको इसे मुसीबत से निकाले”
“थॅंक यू” प़ड़्मिनी ने कहा
नगमा के जाने के बाद मोहित और राजू कमरे में वापिस आ जाते हैं. मोहित प़ड़्मिनी को देख कर कहता है, “बहुत खूब, तेरी नगमा ने तो सच में हुलिया चेंज कर दिया”
“मुझे यकीन था की नगमा ये काम कर सकती है” राजू ने कहा.
“चला जाए फिर अब”
“हन बिल्कुल, मैने कार अरेंज कर ली है” मोहित ने कहा.
कुछ देर बाद प़ड़्मिनी, मोहित और राजू कार में थे, मोहित ड्राइव कर रहा था, राजू उशके बगल में बैठा था और प़ड़्मिनी पीचली सीट पर बैठी थी. कार अपनी मंज़िल की और बढ़े जा रही थी.
“तुझे पता है ना रास्ता” मोहित ने राजू से पूछा.
“हन गुरु अभी सीधा चलो आगे जो गली आएगी उशी में है उष्का घर” राजू ने कहा.
“ह्म कटता कहा है” मोहित ने पूछा.
“मेरे पास है, चिंता मत करो” राजू ने कहा.
“ध्यान रखना कहीं चल जाए ये देसी बंदूक बहुत ख़तरनाक होती है” मोहित ने कहा.
“तुम लोग बंदूक साथ लाए हो!” प़ड़्मिनी ने हैरानी मे पूछा.
“हन मेडम ख़तरनाक कातिल है वो, हमें भी तो कुछ रखना होगा, क्या पता ज़रूरात प़ड़ जाए”
“हन प़ड़्मिनी जी गुरु ठीक कह रहा है, ये देसी कटता बहुत काम आएगा”
“ठीक है जैसा तुम ठीक समझो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“गुरु बस मोड़ लो इसे गली में” राजू ने कहा.
जैसे ही मोहित ने कार को गली में मोड़ा राजू बोला, “वो रहा उष्का घर जहा 2 आदमी खड़े हैं”
“ये दोनो पुलिस वाले लगते हैं मुझे”
“ठीक कहा गुरु ये पुलिस वाले ही हैं”
“अब हम क्या करेंगे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मैं ये लेटर लाया हूँ, मैं करियर वाला बन कर जवँगा और उसे बाहर बुलवँगा साइन के लिए आप पहचान-ने की कोशिस करना की वो वही साएको है की नही”
“ये वितनेस उष साएको के अलावा और कौन हो सकता है ये बीलुकुल वही है” प़ड़्मिनी ने कहा
“वो तो है फिर भी एक बार उसे देख तो ले” मोहित ने कहा.
“अगर वो बाहर नही आया तो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“अपना लेटर रेसीएवे करने तो वो आएगा ही, राजू जैसे मैने समझाया है वैसे ही करना”
“ठीक है गुरु” राजू ने कहा.
राजू कार से उतार कर एक लेटर हाथ में लेकर उष घर की तरफ बढ़ता है.
“श्री सुरिंदर जी यही रहते हैं?” राजू ने सिविल कपड़े पहने पुलिस वाले से पूछा.
Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
“हन यही रहते हैं वो, क्या काम है?”
“उनका करियर है बुला दीजिए उन्हे रेसीएवे करना होगा ये”
पुलिस वाले ने घर की बेल बजाई. थोड़ी देर बाद एक आदमी बाहर निकला.
“आप ही सुरिंदर हो?” राजू ने पूछा.
“हन बोलो क्या बात है?”
“आपका करियर है यहा साइन कर दीजिए” राजू ने एक कागज उष्की और बढ़ा कर कहा.
दूर से प़ड़्मिनी ने उष आदमी को देखा और तुरंत बोली, “ये वो नही है”
“क्या! ऐसा कैसे हो सकता है ध्यान से देखो” मोहित ने कहा.
“कार थोड़ी आगे लो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“ठीक है मैं कार उशके घर के आगे से निकालता हूँ फिर देख कर बठाना” मोहित ने कहा.
कार को अपनी और आते देख राजू ने मन ही मन कहा, “ये गुरु कार आगे क्यों ला रहा है मरवाएगा क्या”
कार उष घर के आगे से निकल गयी. प़ड़्मिनी ने बड़े गौर से उष आदमी को देखा.
“ये वो नही है, ई आम 100 पर्सेंट शुवर” प़ड़्मिनी ने कहा.
“फिर ईसणे क्यों झुटि गवाही दी” मोहित ने कहा.
“इश्का जवाब तो यही दे सकता है.” प़ड़्मिनी ने कहा.
मोहित ने कार गली के बाहर निकाल कर रोक ली ताकि राजू को पिक कर सके.
राजू ने आते ही पूछा, “वही था ना वो”
“नही, ये वो साएको नही है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“क्या!” राजू भी हैरान रह गया.
“अब क्या करें” राजू ने कहा.
“पहले घर वापिस चलते हैं, मुझे तो ये कोई बहुत बड़ी सोची समझी साजिस लगती है. घर पर बैठ कर आराम से सोचेंगे की आगे क्या करें”
फार्म हाउस :-
मैं सच कह रही हूँ सिर, ईसणे मुझे चाकू दीखया था” पूजा ने चौहान से कहा.
“रामू तू पागल है क्या, इतनी हसीन लड़की को लंड दीखाया जाता है ना की चाकू” चौहान ने हंसते हुवे कहा.
“बिल्कुल सही कहा यार, रामू तू जा अपना काम कर” परवीन ने कहा.
“क्या धूप खिली है तेरे बर्तडे पे यार, इसे धूप में इश्का बदन शोन जैसा चमक रहा है” चौहान ने कहा.
“हन यार आज दिन खीला-खीला है, चल काम शुरू करें”
“जैसे तेरी मर्ज़ी, मैं तो लंड चुस्ववँगा पहले इसे से बाद मारूँगा इश्कि” चौहान ने कहा.
“ठीक है तू लंड चुस्वा मैं इश्कि गान्ड मारूँगा” परवीन ने कहा.
“मुझे थोड़ा आराम तो दो, अभी दर्द है हर जगह” पूजा गिड़गिडाई.
“कहा दर्द है मेरी गुलबो सॉफ-सॉफ बता ना, मैं मालिश कर दूँगा” परवीन ने कहा.
“हन-हन बोलो मैं भी मालिश करने के लिए तैयार हूँ” चौहान ने भी चुस्की ली.
“आप दोनो को सब पता है, मज़ाक मत करो, सच में दर्द हो रहा है” पूजा ने कहा.
“हमें कुछ नही पता समझाओ तो कुछ” परवीन ने कहा.
“इतने बड़े-बड़े पूरे के पूरे डाल दिए मेरे अंदर, दर्द नही होगा क्या?” पूजा झल्ला कर बोली.
“यार चौहान लड़की ठीक कह रही है इश्कि चुत और गान्ड फाड़ डाली हमने आज. इश्कि चुत और गान्ड को मालिश की शाक्त ज़रूरात है” परवीन ने कहा.
“चल फिर दाओनो एक साथ मालिश करते हैं” चौहान घिनोनी हँसी के साथ बोला.
“मुझे कुछ समझ नही आ रहा, वाहा मालिश कैसे होगी” पूजा ने उत्सुकता में पूछा.
पूजा की बात सुनते ही दाओनो हँसने लगे. चौहान ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा और उसे हिलाते हुवे बोला, “पूजा जी बहुत भोली हो आप, ये देखिए ये लंड है ना मालिश के लिए, कब से तियार खड़ा है आपके लिए. मेरा मन तो तुम्हारे मूह में देने का था, अब जब तुम्हारी गान्ड में दर्द हो रहा है तो चलो थोड़ी मालिश ही कर देता हूँ”
पूजा ने चौहान के हाथ में हिलते हुवे लंड को देखा और अपनी नज़रे झुका ली. वो समझ गयी की डौनो फिर से एक साथ घुस्साने वाले हैं उशके अंदर. “कमीना है ये इनस्पेक्टर, ऐसे पुलिस वाले होंगे तो देश का क्या होगा,” पूजा ने मन ही मन कहा.
“तू गान्ड की मालिश करेगा?” परवीन ने कहा.
“अगर तुझे गान्ड चाहिए तो मैं चुत संभाल लूँगा, जैसी तेरी मर्ज़ी, आख़िर तू बर्तडे बॉय है”
“नही कोई बात नही, बाद में पोज़िशन चेंज कर लेंगे” परवीन ने कहा.
परवीन पूजा के पास आया और उसे बाहों में भर लिया. उष्का ठाना हुवा लंड पूजा के पेट से टकरा रहा था. परवीन ने पूजा के होंटो को अपने होंटो में दबा लिया.
“उम्म्म”
“क्या हुवा मेरी गुलबो अभी तो लंड तेरी चुत में घुस्सा ही नही पहले ही छील्लाने लगी”
“दाँत लग गये आपके मेरे होन्ट पर”
“कोई बात नही गुलबो, घर जाएगी तो तुझे याद आएगा की किशी मर्द से पाला पड़ा था”
पूजा ने कुछ नही कहा
चल मेरी गोदी में आजा तुझे हवा में झुटे दे दे कर छोड़ूँगा” परवीन ने कहा और पूजा को उपर उठा कर उष्की चुत में लंड घुस्सा दिया.
“आअहह धीरे से” पूजा कराह उठी.
चौहान पूजा के पीछे आ गया और उसकी गान्ड पर अपना लंड टीका दिया.
“सिर धीरे से डालना” पूजा ने चौहान से कहा.
“घबराओ मत पूजा जी, अब आपकी गान्ड खुल चुकी है, आराम से जाएगा ये लंड इसे बार” चौहान ने कहा और एक झटके में पूरा का पूरा लंड पूजा की गान्ड में उतार दिया.
“उूउऊययययययीीईईई माआ” पूजा कराह उठी.
“अब 2 लंड तेरे अंदर हैं कैसा लग रहा है मेरी गुलबो”
“पहली बार से दर्द कम है” पूजा ने कहा.
“देखा काम आ रही है ना मालिश, बेकार में दर रही थी” चौहान ने कहा.
पूजा के दाओनो हाथ परवीन के गले पर लिपटे थे. परवीन उसे डौनो हाथो से हवा में उठाए था. चौहान पूजा की गान्ड में लंड फँसाए खड़ा था. बहुत ही अजीब सी पोज़िशन बन रही थी तीनो की.
परवीन ने पहला धक्का मारा पूजा के अंदर
“आआहह”
“क्या हुवा पूजा जी मज़ा आ रहा है क्या चुत में” चौहान ने कहा.
पूजा ने कोई जवाब नही दिया. लेकिन उष्की ‘आअहह‚ सारी कहानी कह रही थी
चौहान ने अपना लंड पूजा की गान्ड की गहराई से बाहर की और खींचा और ज़ोर से वापिस अंदर धकेल दिया और बोला, “ले तेरी गान्ड में भी मज़ा ले”
“आआहह”
“चल अब एक साथ मारेंगे” परवीन ने कहा.
“ठीक है…. वन, टू, थ्री…. लेट्स फक थे बिच”
और पूजा के अंदर आगे पीछे दाओनो तरफ से लंड के धक्को की बोचार शुरू हो गयी.
“आआअहह….ओह….नूऊओ….एस”
“पूजा जी…. वॉट एस?” चौहान ने हंसते हुवे पूछा.
“नतिंग…..आआअहह”
हर एक धक्का पूजा के अंदर तूफान मचा रहा था.
“नूऊऊओ……प्लीज़ स्टॉप……” पूजा का पानी चुत गया था.
“अभी तो शुरूवात है मेरी गुलबो, बहुत बार पानी छोड़ॉगी तुम” परवीन ने कहा.
“नही प्लीज़…..आआआहह एक बार और हो गया रूको ना….”
“हा…हा…हे…हे” दाओनो खिलखिला कर हँसने लगे.
पूजा ने आँख खोली तो उसने देखा की दूर हरी झाड़ियों के पीछे रामू खड़ा था. “ये कमीना नौकर हमें देख रहा है” पूजा धीरे से बड़बड़ाई. वो ये बात बठाना ही चाहती थी की…….
“आआअहह नही……” एक और ऑर्गॅज़म ने पूजा को कराहने पर मजबूर कर दिया.
पूजा जब होश में आई तो उसने दुबारा रामू की और देखा. रामू अपनी पेंट की ज़िप खोल रहा था.
“बस्टर्ड……” पूजा के मूह से निकल गया.
परवीन और चौहान पूजा की चुत और गान्ड मारने में इतने व्यस्त थे की उन्हे पूजा की गाली सुनाई ही नही दी.
अगले ही पल पूजा फिर ज़ोर से छील्लाई “ऊऊओह…..म्म्म्ममम” एक और ऑर्गॅज़म ने उसे घेर लिया.
जब पूजा ने दुबारा आँखे खोली तो पाया की रामू झाड़ियों में अपनी ज़िप खोले खड़ा है और उष्की ज़िप में से भारी भरकम लंड लटक रहा है. लंड रामू के रंग की तरह काले नाग की तरह काला था. रामू का लंड पूजा को बिल्कुल उष हबसी के लंड की तरह लग रहा था जीशको उष्णो होटेल में पॉर्न मूवी में देखा था.
“ओह गोद वो तो और भी बड़ा है” पूजा बदबाआई.
“क्या बड़ा है मेरी जान” चौहान ने इसे बार उष्की आवाज़ शन ली
“झाड़ियों में वो नौकर मुझे अपना वो दीखा रहा है” पूजा ने कहा.
“कहा है?” चौहान ने कहा.
“वो वही था सच कह रही हूँ” पूजा ने कहा.
“उनका करियर है बुला दीजिए उन्हे रेसीएवे करना होगा ये”
पुलिस वाले ने घर की बेल बजाई. थोड़ी देर बाद एक आदमी बाहर निकला.
“आप ही सुरिंदर हो?” राजू ने पूछा.
“हन बोलो क्या बात है?”
“आपका करियर है यहा साइन कर दीजिए” राजू ने एक कागज उष्की और बढ़ा कर कहा.
दूर से प़ड़्मिनी ने उष आदमी को देखा और तुरंत बोली, “ये वो नही है”
“क्या! ऐसा कैसे हो सकता है ध्यान से देखो” मोहित ने कहा.
“कार थोड़ी आगे लो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“ठीक है मैं कार उशके घर के आगे से निकालता हूँ फिर देख कर बठाना” मोहित ने कहा.
कार को अपनी और आते देख राजू ने मन ही मन कहा, “ये गुरु कार आगे क्यों ला रहा है मरवाएगा क्या”
कार उष घर के आगे से निकल गयी. प़ड़्मिनी ने बड़े गौर से उष आदमी को देखा.
“ये वो नही है, ई आम 100 पर्सेंट शुवर” प़ड़्मिनी ने कहा.
“फिर ईसणे क्यों झुटि गवाही दी” मोहित ने कहा.
“इश्का जवाब तो यही दे सकता है.” प़ड़्मिनी ने कहा.
मोहित ने कार गली के बाहर निकाल कर रोक ली ताकि राजू को पिक कर सके.
राजू ने आते ही पूछा, “वही था ना वो”
“नही, ये वो साएको नही है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“क्या!” राजू भी हैरान रह गया.
“अब क्या करें” राजू ने कहा.
“पहले घर वापिस चलते हैं, मुझे तो ये कोई बहुत बड़ी सोची समझी साजिस लगती है. घर पर बैठ कर आराम से सोचेंगे की आगे क्या करें”
फार्म हाउस :-
मैं सच कह रही हूँ सिर, ईसणे मुझे चाकू दीखया था” पूजा ने चौहान से कहा.
“रामू तू पागल है क्या, इतनी हसीन लड़की को लंड दीखाया जाता है ना की चाकू” चौहान ने हंसते हुवे कहा.
“बिल्कुल सही कहा यार, रामू तू जा अपना काम कर” परवीन ने कहा.
“क्या धूप खिली है तेरे बर्तडे पे यार, इसे धूप में इश्का बदन शोन जैसा चमक रहा है” चौहान ने कहा.
“हन यार आज दिन खीला-खीला है, चल काम शुरू करें”
“जैसे तेरी मर्ज़ी, मैं तो लंड चुस्ववँगा पहले इसे से बाद मारूँगा इश्कि” चौहान ने कहा.
“ठीक है तू लंड चुस्वा मैं इश्कि गान्ड मारूँगा” परवीन ने कहा.
“मुझे थोड़ा आराम तो दो, अभी दर्द है हर जगह” पूजा गिड़गिडाई.
“कहा दर्द है मेरी गुलबो सॉफ-सॉफ बता ना, मैं मालिश कर दूँगा” परवीन ने कहा.
“हन-हन बोलो मैं भी मालिश करने के लिए तैयार हूँ” चौहान ने भी चुस्की ली.
“आप दोनो को सब पता है, मज़ाक मत करो, सच में दर्द हो रहा है” पूजा ने कहा.
“हमें कुछ नही पता समझाओ तो कुछ” परवीन ने कहा.
“इतने बड़े-बड़े पूरे के पूरे डाल दिए मेरे अंदर, दर्द नही होगा क्या?” पूजा झल्ला कर बोली.
“यार चौहान लड़की ठीक कह रही है इश्कि चुत और गान्ड फाड़ डाली हमने आज. इश्कि चुत और गान्ड को मालिश की शाक्त ज़रूरात है” परवीन ने कहा.
“चल फिर दाओनो एक साथ मालिश करते हैं” चौहान घिनोनी हँसी के साथ बोला.
“मुझे कुछ समझ नही आ रहा, वाहा मालिश कैसे होगी” पूजा ने उत्सुकता में पूछा.
पूजा की बात सुनते ही दाओनो हँसने लगे. चौहान ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा और उसे हिलाते हुवे बोला, “पूजा जी बहुत भोली हो आप, ये देखिए ये लंड है ना मालिश के लिए, कब से तियार खड़ा है आपके लिए. मेरा मन तो तुम्हारे मूह में देने का था, अब जब तुम्हारी गान्ड में दर्द हो रहा है तो चलो थोड़ी मालिश ही कर देता हूँ”
पूजा ने चौहान के हाथ में हिलते हुवे लंड को देखा और अपनी नज़रे झुका ली. वो समझ गयी की डौनो फिर से एक साथ घुस्साने वाले हैं उशके अंदर. “कमीना है ये इनस्पेक्टर, ऐसे पुलिस वाले होंगे तो देश का क्या होगा,” पूजा ने मन ही मन कहा.
“तू गान्ड की मालिश करेगा?” परवीन ने कहा.
“अगर तुझे गान्ड चाहिए तो मैं चुत संभाल लूँगा, जैसी तेरी मर्ज़ी, आख़िर तू बर्तडे बॉय है”
“नही कोई बात नही, बाद में पोज़िशन चेंज कर लेंगे” परवीन ने कहा.
परवीन पूजा के पास आया और उसे बाहों में भर लिया. उष्का ठाना हुवा लंड पूजा के पेट से टकरा रहा था. परवीन ने पूजा के होंटो को अपने होंटो में दबा लिया.
“उम्म्म”
“क्या हुवा मेरी गुलबो अभी तो लंड तेरी चुत में घुस्सा ही नही पहले ही छील्लाने लगी”
“दाँत लग गये आपके मेरे होन्ट पर”
“कोई बात नही गुलबो, घर जाएगी तो तुझे याद आएगा की किशी मर्द से पाला पड़ा था”
पूजा ने कुछ नही कहा
चल मेरी गोदी में आजा तुझे हवा में झुटे दे दे कर छोड़ूँगा” परवीन ने कहा और पूजा को उपर उठा कर उष्की चुत में लंड घुस्सा दिया.
“आअहह धीरे से” पूजा कराह उठी.
चौहान पूजा के पीछे आ गया और उसकी गान्ड पर अपना लंड टीका दिया.
“सिर धीरे से डालना” पूजा ने चौहान से कहा.
“घबराओ मत पूजा जी, अब आपकी गान्ड खुल चुकी है, आराम से जाएगा ये लंड इसे बार” चौहान ने कहा और एक झटके में पूरा का पूरा लंड पूजा की गान्ड में उतार दिया.
“उूउऊययययययीीईईई माआ” पूजा कराह उठी.
“अब 2 लंड तेरे अंदर हैं कैसा लग रहा है मेरी गुलबो”
“पहली बार से दर्द कम है” पूजा ने कहा.
“देखा काम आ रही है ना मालिश, बेकार में दर रही थी” चौहान ने कहा.
पूजा के दाओनो हाथ परवीन के गले पर लिपटे थे. परवीन उसे डौनो हाथो से हवा में उठाए था. चौहान पूजा की गान्ड में लंड फँसाए खड़ा था. बहुत ही अजीब सी पोज़िशन बन रही थी तीनो की.
परवीन ने पहला धक्का मारा पूजा के अंदर
“आआहह”
“क्या हुवा पूजा जी मज़ा आ रहा है क्या चुत में” चौहान ने कहा.
पूजा ने कोई जवाब नही दिया. लेकिन उष्की ‘आअहह‚ सारी कहानी कह रही थी
चौहान ने अपना लंड पूजा की गान्ड की गहराई से बाहर की और खींचा और ज़ोर से वापिस अंदर धकेल दिया और बोला, “ले तेरी गान्ड में भी मज़ा ले”
“आआहह”
“चल अब एक साथ मारेंगे” परवीन ने कहा.
“ठीक है…. वन, टू, थ्री…. लेट्स फक थे बिच”
और पूजा के अंदर आगे पीछे दाओनो तरफ से लंड के धक्को की बोचार शुरू हो गयी.
“आआअहह….ओह….नूऊओ….एस”
“पूजा जी…. वॉट एस?” चौहान ने हंसते हुवे पूछा.
“नतिंग…..आआअहह”
हर एक धक्का पूजा के अंदर तूफान मचा रहा था.
“नूऊऊओ……प्लीज़ स्टॉप……” पूजा का पानी चुत गया था.
“अभी तो शुरूवात है मेरी गुलबो, बहुत बार पानी छोड़ॉगी तुम” परवीन ने कहा.
“नही प्लीज़…..आआआहह एक बार और हो गया रूको ना….”
“हा…हा…हे…हे” दाओनो खिलखिला कर हँसने लगे.
पूजा ने आँख खोली तो उसने देखा की दूर हरी झाड़ियों के पीछे रामू खड़ा था. “ये कमीना नौकर हमें देख रहा है” पूजा धीरे से बड़बड़ाई. वो ये बात बठाना ही चाहती थी की…….
“आआअहह नही……” एक और ऑर्गॅज़म ने पूजा को कराहने पर मजबूर कर दिया.
पूजा जब होश में आई तो उसने दुबारा रामू की और देखा. रामू अपनी पेंट की ज़िप खोल रहा था.
“बस्टर्ड……” पूजा के मूह से निकल गया.
परवीन और चौहान पूजा की चुत और गान्ड मारने में इतने व्यस्त थे की उन्हे पूजा की गाली सुनाई ही नही दी.
अगले ही पल पूजा फिर ज़ोर से छील्लाई “ऊऊओह…..म्म्म्ममम” एक और ऑर्गॅज़म ने उसे घेर लिया.
जब पूजा ने दुबारा आँखे खोली तो पाया की रामू झाड़ियों में अपनी ज़िप खोले खड़ा है और उष्की ज़िप में से भारी भरकम लंड लटक रहा है. लंड रामू के रंग की तरह काले नाग की तरह काला था. रामू का लंड पूजा को बिल्कुल उष हबसी के लंड की तरह लग रहा था जीशको उष्णो होटेल में पॉर्न मूवी में देखा था.
“ओह गोद वो तो और भी बड़ा है” पूजा बदबाआई.
“क्या बड़ा है मेरी जान” चौहान ने इसे बार उष्की आवाज़ शन ली
“झाड़ियों में वो नौकर मुझे अपना वो दीखा रहा है” पूजा ने कहा.
“कहा है?” चौहान ने कहा.
“वो वही था सच कह रही हूँ” पूजा ने कहा.
Re: एक खौफनाक रात – Hindi Th“हन यही रहते हैं वो, क्याiller S
तू क्यों बेचारे रामू के पीछे पड़ी है, कभी कहती है उसने चाकू दीखया और कभी कहती है की लंड दीखया. तू अपनी चुत और गान्ड की चुदाई पे ध्यान दे” परवीन ने कहा.
पूजा फिर से परवीन और चौहान के धक्को में खो गयी.
“दोस्त मैं तो अपना पानी छोड़ने जा रहा हूँ, तू कब तक मारेगा गान्ड” परवीन ने कहा.
“मैं भी फिनिश करने वाला हूँ, चल दोनो बढ़ता से छोड़ते हैं” चौहान ने कहा.
फिर पूजा की चुत और गान्ड में लंड के धक्को की वो बोचार शुरु हुई की पूजा की साँसे फूलने लगी.
“आआअहह…….ऊऊऊहह……म्म्म्ममम…..” एक के बाद एक ऑर्गॅज़म होता रहा.
अचानक दाओनो लंड थम गये. पूजा को अपने अंदर हॉट लावा सा महसूस हुवा.
“आआहह मज़ा आ गया यार मस्त लड़की है ये” परवीन ने कहा.
“मैं तो इश्कि गान्ड का दीवाना हो गया हूँ, क्या गान्ड है साली की” चौहान ने कहा.
पूजा अपनी आँखे बंद किए परवीन की गोदी में अटकी रही. परवीन और चौहान के लंड अभी भी उशके अंदर फँसे थे.
“मज़ा आ गया कसम से” चौहान ने कहा.
पूजा परवीन और चौहान के बीच हवा में झूल रही थी. डौनो के लंड अभी भी पूजा के अंदर फँसे थे.
“यार मुझे ड्यूटी भी करनी है, मुझे जाना होगा अब, इसे साएको किल्लर के केस ने परेशान कर रखा है नही तो आज पूरा दिन यही रहता” चौहान ने कहा और एक झटके में अपना लंड पूजा की गान्ड से बाहर खींच लिया.
“मुझे भी ज़रूरी काम है, मैं भी निकलता हूँ” परवीन ने भी अपना लंड पूजा की चुत से बाहर खींच लिया.
“तुझे क्या काम है?” चौहान ने पूछा
“और क्या काम होगा, ज़रूर नये शिकार की तलाश में निकलेगा ये खूनी” पूजा ने मन ही मन कहा.
“है कुछ ज़रूरी काम बाद में बतावँगा” परवीन ने कहा.
“चलो पूजा जी कपड़े पहन लो कहीं हमारा मन ना बदल जाए” चौहान ने हंसते हुवे कहा.
पूजा ने बिना कुछ कहे जल्दी से घास पर बिखरे अपने कपड़े बटोरे और जल्दी से पहन लिए.
परवीन पूजा के पास आया और बोला, “जो बात चौहान को बताई है, किशी और को बताई तो तुम्हारी खैर नही”
“क्या कह रहा है बेचारी के कान में” चौहान ने पूछा.
“कुछ नही, पूछ रहा था की दुबारा कब मिलॉगी?”
पूजा कुछ नही बोली.
“उष दिन तुम दाओनो सहेलियों को देख कर मन मचल उठा था मेरा. देखो क्या किशमत पाई है मैने आज खूब रग़ाद रग़ाद कर मारी है मैने तुम्हारी”
“मुझे पता है तुम ही कातिल हो, ज़्यादा दिन बच नही पाओगे तुम”
ये सुनते ही परवीन की आँखो में खून उतार आया. इसे से पहले की वो कुछ बोल पता, चौहान ने उशके कंधे पर हाथ रखा और बोला, “चलें अब”
“हन-हन बिल्कुल” परवीन ने पूजा को घूराते हुवे कहा.
“चलो पूजा जी मैं आपको घर चोद देता हूँ” चौहान ने पूजा की गान्ड पर हाथ मार कर कहा.
कुछ देर बाद पूजा और चौहान जीप में थे और फार्महाउस से निकल कर सहर की तरफ बढ़ रहे थे.
“आपका दोस्त ही है वो साएको किल्लर” पूजा ने कहा.
“हा….हे…हा” क्या खूब कही “उशे बस चुत और गान्ड मारनी आती है किशी इंसान को वो नही मार सकता”
“ऐसा कैसे कह सकते है आप”
“बहुत पूरेाना यार है परवीन मेरा बहुत अच्छे से जानता हूँ मैं उसे और वैसे भी कातिल तो प़ड़्मिनी है जो की फरार है”
“वो सब मुझे नही पता पर आपका दोस्त कहीं ना कही इसे जुर्म मे ज़रूर शामिल है. मुझे उशके नौकर रामू पर भी शक है”
“पूजा जी आप घर जा कर आराम करो बहुत तक गयी होंगी आज की चुदाई से, पुलिस का काम पुलिस पर चोद दो”
चौहान की जीप के पास से एक कार गुज़री जीशमे की मोहित, राजू और प़ड़्मिनी बैठे थे.
“गुरु वो तो पूजा थी, ये पुलिस की जीप में क्या कर रही है”
“पूजा, कौन पूजा?”
“ओह तुम उसे नही जानते गुरु, नगमा की छोटी बहन है वो.”
“ह्म पर वो पुलिस की जीप में क्या कर रही है?”
“यही सोच कर तो मैं भी परेशान हूँ”
“देखो ये वक्त उष लड़की के बड़े में सोचने का नही है. ये सोचो की मेरा क्या होगा. बहुत बड़ी मुसीबत में फँस गयी हूँ मैं” प़ड़्मिनी ने कहा.
“घर चल कर आराम से सोचेंगे मेडम, तुम बिल्कुल चिंता मत करो” मोहित ने कहा.
“मैं घर जाना चाहती हूँ गाड़ी को मेरे घर की तरफ ले चलो मैं रास्ता बताती हूँ”
“पर प़ड़्मिनी जी आपके घर के आस पास भी पुलिस का पहरा है, मैने न्यूज़ में देखा था.” राजू ने कहा
“ह्म…पर मेरा अपने घर वालो से मिलना ज़रूरी है.”
“अभी नही मेडम, अभी ख़तरा है, थोड़ा शयं रखो” मोहित ने कहा.
“गुरु अपनी कार को थोड़ा स्लो कर लो, पुलिस की गाड़ी है कही कुछ गड़बड़ हो जाए” राजू ने कहा.
“तू चिंता मत कर राजू, वो खुद ही बढ़ता से जा रहे हैं, हमें स्लो करने की कोई ज़रूरात नही है”
“पर गुरु ये पूजा कही किसी चक्कर में तो नही फँस गयी” राजू ने कहा.
“तुझे बड़ी चिंता हो रही है उष्की…हा…क्या बात है?” मोहित ने कहा.
“गुरु नगमा की बहन है वो, और फिर इंसानियत भी तो कोई चीज़ होती है” राजू ने कहा.
“सच-सच बताओ ये इंसानियत ही है या कुछ और मेरे पीछे तो तुम कुछ और ही बाते करते थे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“नही प़ड़्मिनी जी, ऐसा कुछ नही है, मुझे सच में पूजा की चिंता हो रही है” राजू ने कहा.
“कसम खा के बठाना की तुम्हारा पूजा के बड़े में कोई ग़लत इरादा नही है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“क…क…कसम की क्या ज़रूरात है, मुझ से तो पूजा वैसे भी चिदती है, सीधे मूह बात भी नही कराती” राजू ने कहा.
“उशे तुम्हारी नियत पर शक होगा तभी ऐसा कराती होगी, वैसे क्या उसे तुम्हारे और नगमा के बड़े में पता है क्या?” प़ड़्मिनी ने कहा.
“हन एक बार मैं जब नगमा की चुत मार…….” राजू अपने बोल पूरे नही कर सका क्योंकि जैसे ही उशके मूह से ‘चुत मार‚ निकला प़ड़्मिनी ने उसे गुस्से में घूर कर देखा और राजू चुप हो गया.
“स…स…सॉरी ज़ुबान फिसल गयी….गुरु के साथ रह कर गंदी बाते करने की आदत प़ड़ गयी है” राजू ने कहा.
“क्यों बे सब गंदे काम क्या मैने ही तुझे सिखाए हैं” मोहित गुस्से में बोला.
“सॉरी गुरु…मैं तो बस” राजू ने मायूस हो कर कहा.
राजू की हालत देख कर प़ड़्मिनी ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी. मोहित भी ठहाके लगाने लगा.
“तुम दाओनो बस मेरी क्लास लिया करो और कोई काम नही है तुम डौनो को हा” राजू ने कहा.
“वो फार्स गीला करने वाली बात मैं नगमा को बठाना चाहती थी पर बता नही पाई. बताती भी कैसे नगमा ही छपार-छपार किए जा रही थी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“नही प़ड़्मिनी जी ऐसा मत कीजिएगा, मेरी इज़्ज़त नीलाम हो जाएगी. आपको मेरी कसम है”
“मुझे तुम्हारी कसम से क्या लेना देना” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मैं आपकी मदद कर रहा हूँ और आपको मुझ से कुछ लेना देना नही है” राजू ने कहा.
ये बात जैसे प़ड़्मिनी के दिल पर तीर की तरह लगी और वो किनही ख़यालो में खो गयी. उसने राजू को बड़े गौर से देखा. राजू के चेरे की मासूमियत उष्का दिल चू गयी.
“यू अरे रियली आ नॉटी बॉय, अछा नही बतावुँगी किसी को भी ये बात…अब खुश”
“ख़ुसी तो मुझे तब मिलेगी जब आप इसे मुसीबत से निकल जाएँगी” राजू ने कहा.
“मैं तुम दाओनो को हमेशा याद रखूँगी” प़ड़्मिनी ने भावुक हो कर कहा.
“हमारी बाते भी याद रखना” मोहित ने कहा.
“कौन सी बाते?” प़ड़्मिनी ने कहा.
“वही जो तुमने चुप-चुप कर शुनि थी” मोहित ने हंसते हुवे कहा.
“बिल्कुल जनाब वो तो तुम दाओनो का रियल कॅरक्टर डरसाती हैं, वो कैसे भूल सकती हूँ”
गुरु गाड़ी स्लो करो जल्दी, वो पुलिस की जीप स्लो हो रही है” राजू ने हड़बड़ाहट में कहा.
चौहान एक किनारे पर जीप रोक देता है. “मैं तुम्हे घर चोद दूँगा यहा से कैसे जाओगी तुम”
“नही….किसी ने देख लिया तो बदनामी होगी, लोग तरह-तरह के सवाल पूछेंगे की पुलिस की जीप में मैं क्या कर रही थी. कोई ना कोई ऑटो मिल जाएगा आप जाओ”
“वैसे तुझे यू छोड़ने का मन नही कराता पर चलो जैसी तुम्हारी मर्ज़ी”
“थॅंक यू सिर?”
“किश बात के लिए, तुम्हारी चुदाई करना तो मेरा फ़र्ज़ था हे..हे..हे”
“जी हन… आपने पुलिस वाले का फ़र्ज़ बहुत अच्छे से निभाया, उशी के लिए थॅंक यू बोल रही हूँ” पूजा ने कहा.
“लगता है एक बार और मारनी चाहिए थी तेरी गान्ड….चल दफ़ा हो जा वरना जैल में डाल दूँगा और रोज वही चोदूगा तुझे”
पूजा ने आगे कुछ नही कहा. चौहान जीप लेकर आगे बढ़ गया.
जीप को रुकती देख मोहित ने भी कुछ दूरी पे अपनी कार रोक ली थी.
“गुरु ये पूजा को यहा क्यों उतार दिया पुलिस वाले ने” राजू ने कहा.
“इश् बात का जवाब तो पूजा ही दे सकती है” मोहित ने कहा.
“चलो गुरु उसे अपनी कार में बैठा लेते हैं” राजू ने कहा.
“पागल हो गये हो तुम उसने मुझे पहचान लिया तो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“प़ड़्मिनी ठीक कह रही है राजू, जीतने कम लोगो को इशके बड़े में पता हो उतना अछा है, वक्त बहुत नाज़ुक है” मोहित ने कहा.
“ठीक है फिर, मैं कार से उतार कर उशके पास जा रहा हूँ. तुम डौनो घर जाओ”
“अरे रूको तो” प़ड़्मिनी ने कहा.
पर राजू तब तक कार से बाहर निकल चुका था और पूजा की तरफ बढ़ रहा था.
“ये लड़का भी ना……” मोहित ने झुंज़लाहट में कहा.
पूजा फिर से परवीन और चौहान के धक्को में खो गयी.
“दोस्त मैं तो अपना पानी छोड़ने जा रहा हूँ, तू कब तक मारेगा गान्ड” परवीन ने कहा.
“मैं भी फिनिश करने वाला हूँ, चल दोनो बढ़ता से छोड़ते हैं” चौहान ने कहा.
फिर पूजा की चुत और गान्ड में लंड के धक्को की वो बोचार शुरु हुई की पूजा की साँसे फूलने लगी.
“आआअहह…….ऊऊऊहह……म्म्म्ममम…..” एक के बाद एक ऑर्गॅज़म होता रहा.
अचानक दाओनो लंड थम गये. पूजा को अपने अंदर हॉट लावा सा महसूस हुवा.
“आआहह मज़ा आ गया यार मस्त लड़की है ये” परवीन ने कहा.
“मैं तो इश्कि गान्ड का दीवाना हो गया हूँ, क्या गान्ड है साली की” चौहान ने कहा.
पूजा अपनी आँखे बंद किए परवीन की गोदी में अटकी रही. परवीन और चौहान के लंड अभी भी उशके अंदर फँसे थे.
“मज़ा आ गया कसम से” चौहान ने कहा.
पूजा परवीन और चौहान के बीच हवा में झूल रही थी. डौनो के लंड अभी भी पूजा के अंदर फँसे थे.
“यार मुझे ड्यूटी भी करनी है, मुझे जाना होगा अब, इसे साएको किल्लर के केस ने परेशान कर रखा है नही तो आज पूरा दिन यही रहता” चौहान ने कहा और एक झटके में अपना लंड पूजा की गान्ड से बाहर खींच लिया.
“मुझे भी ज़रूरी काम है, मैं भी निकलता हूँ” परवीन ने भी अपना लंड पूजा की चुत से बाहर खींच लिया.
“तुझे क्या काम है?” चौहान ने पूछा
“और क्या काम होगा, ज़रूर नये शिकार की तलाश में निकलेगा ये खूनी” पूजा ने मन ही मन कहा.
“है कुछ ज़रूरी काम बाद में बतावँगा” परवीन ने कहा.
“चलो पूजा जी कपड़े पहन लो कहीं हमारा मन ना बदल जाए” चौहान ने हंसते हुवे कहा.
पूजा ने बिना कुछ कहे जल्दी से घास पर बिखरे अपने कपड़े बटोरे और जल्दी से पहन लिए.
परवीन पूजा के पास आया और बोला, “जो बात चौहान को बताई है, किशी और को बताई तो तुम्हारी खैर नही”
“क्या कह रहा है बेचारी के कान में” चौहान ने पूछा.
“कुछ नही, पूछ रहा था की दुबारा कब मिलॉगी?”
पूजा कुछ नही बोली.
“उष दिन तुम दाओनो सहेलियों को देख कर मन मचल उठा था मेरा. देखो क्या किशमत पाई है मैने आज खूब रग़ाद रग़ाद कर मारी है मैने तुम्हारी”
“मुझे पता है तुम ही कातिल हो, ज़्यादा दिन बच नही पाओगे तुम”
ये सुनते ही परवीन की आँखो में खून उतार आया. इसे से पहले की वो कुछ बोल पता, चौहान ने उशके कंधे पर हाथ रखा और बोला, “चलें अब”
“हन-हन बिल्कुल” परवीन ने पूजा को घूराते हुवे कहा.
“चलो पूजा जी मैं आपको घर चोद देता हूँ” चौहान ने पूजा की गान्ड पर हाथ मार कर कहा.
कुछ देर बाद पूजा और चौहान जीप में थे और फार्महाउस से निकल कर सहर की तरफ बढ़ रहे थे.
“आपका दोस्त ही है वो साएको किल्लर” पूजा ने कहा.
“हा….हे…हा” क्या खूब कही “उशे बस चुत और गान्ड मारनी आती है किशी इंसान को वो नही मार सकता”
“ऐसा कैसे कह सकते है आप”
“बहुत पूरेाना यार है परवीन मेरा बहुत अच्छे से जानता हूँ मैं उसे और वैसे भी कातिल तो प़ड़्मिनी है जो की फरार है”
“वो सब मुझे नही पता पर आपका दोस्त कहीं ना कही इसे जुर्म मे ज़रूर शामिल है. मुझे उशके नौकर रामू पर भी शक है”
“पूजा जी आप घर जा कर आराम करो बहुत तक गयी होंगी आज की चुदाई से, पुलिस का काम पुलिस पर चोद दो”
चौहान की जीप के पास से एक कार गुज़री जीशमे की मोहित, राजू और प़ड़्मिनी बैठे थे.
“गुरु वो तो पूजा थी, ये पुलिस की जीप में क्या कर रही है”
“पूजा, कौन पूजा?”
“ओह तुम उसे नही जानते गुरु, नगमा की छोटी बहन है वो.”
“ह्म पर वो पुलिस की जीप में क्या कर रही है?”
“यही सोच कर तो मैं भी परेशान हूँ”
“देखो ये वक्त उष लड़की के बड़े में सोचने का नही है. ये सोचो की मेरा क्या होगा. बहुत बड़ी मुसीबत में फँस गयी हूँ मैं” प़ड़्मिनी ने कहा.
“घर चल कर आराम से सोचेंगे मेडम, तुम बिल्कुल चिंता मत करो” मोहित ने कहा.
“मैं घर जाना चाहती हूँ गाड़ी को मेरे घर की तरफ ले चलो मैं रास्ता बताती हूँ”
“पर प़ड़्मिनी जी आपके घर के आस पास भी पुलिस का पहरा है, मैने न्यूज़ में देखा था.” राजू ने कहा
“ह्म…पर मेरा अपने घर वालो से मिलना ज़रूरी है.”
“अभी नही मेडम, अभी ख़तरा है, थोड़ा शयं रखो” मोहित ने कहा.
“गुरु अपनी कार को थोड़ा स्लो कर लो, पुलिस की गाड़ी है कही कुछ गड़बड़ हो जाए” राजू ने कहा.
“तू चिंता मत कर राजू, वो खुद ही बढ़ता से जा रहे हैं, हमें स्लो करने की कोई ज़रूरात नही है”
“पर गुरु ये पूजा कही किसी चक्कर में तो नही फँस गयी” राजू ने कहा.
“तुझे बड़ी चिंता हो रही है उष्की…हा…क्या बात है?” मोहित ने कहा.
“गुरु नगमा की बहन है वो, और फिर इंसानियत भी तो कोई चीज़ होती है” राजू ने कहा.
“सच-सच बताओ ये इंसानियत ही है या कुछ और मेरे पीछे तो तुम कुछ और ही बाते करते थे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“नही प़ड़्मिनी जी, ऐसा कुछ नही है, मुझे सच में पूजा की चिंता हो रही है” राजू ने कहा.
“कसम खा के बठाना की तुम्हारा पूजा के बड़े में कोई ग़लत इरादा नही है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“क…क…कसम की क्या ज़रूरात है, मुझ से तो पूजा वैसे भी चिदती है, सीधे मूह बात भी नही कराती” राजू ने कहा.
“उशे तुम्हारी नियत पर शक होगा तभी ऐसा कराती होगी, वैसे क्या उसे तुम्हारे और नगमा के बड़े में पता है क्या?” प़ड़्मिनी ने कहा.
“हन एक बार मैं जब नगमा की चुत मार…….” राजू अपने बोल पूरे नही कर सका क्योंकि जैसे ही उशके मूह से ‘चुत मार‚ निकला प़ड़्मिनी ने उसे गुस्से में घूर कर देखा और राजू चुप हो गया.
“स…स…सॉरी ज़ुबान फिसल गयी….गुरु के साथ रह कर गंदी बाते करने की आदत प़ड़ गयी है” राजू ने कहा.
“क्यों बे सब गंदे काम क्या मैने ही तुझे सिखाए हैं” मोहित गुस्से में बोला.
“सॉरी गुरु…मैं तो बस” राजू ने मायूस हो कर कहा.
राजू की हालत देख कर प़ड़्मिनी ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी. मोहित भी ठहाके लगाने लगा.
“तुम दाओनो बस मेरी क्लास लिया करो और कोई काम नही है तुम डौनो को हा” राजू ने कहा.
“वो फार्स गीला करने वाली बात मैं नगमा को बठाना चाहती थी पर बता नही पाई. बताती भी कैसे नगमा ही छपार-छपार किए जा रही थी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“नही प़ड़्मिनी जी ऐसा मत कीजिएगा, मेरी इज़्ज़त नीलाम हो जाएगी. आपको मेरी कसम है”
“मुझे तुम्हारी कसम से क्या लेना देना” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मैं आपकी मदद कर रहा हूँ और आपको मुझ से कुछ लेना देना नही है” राजू ने कहा.
ये बात जैसे प़ड़्मिनी के दिल पर तीर की तरह लगी और वो किनही ख़यालो में खो गयी. उसने राजू को बड़े गौर से देखा. राजू के चेरे की मासूमियत उष्का दिल चू गयी.
“यू अरे रियली आ नॉटी बॉय, अछा नही बतावुँगी किसी को भी ये बात…अब खुश”
“ख़ुसी तो मुझे तब मिलेगी जब आप इसे मुसीबत से निकल जाएँगी” राजू ने कहा.
“मैं तुम दाओनो को हमेशा याद रखूँगी” प़ड़्मिनी ने भावुक हो कर कहा.
“हमारी बाते भी याद रखना” मोहित ने कहा.
“कौन सी बाते?” प़ड़्मिनी ने कहा.
“वही जो तुमने चुप-चुप कर शुनि थी” मोहित ने हंसते हुवे कहा.
“बिल्कुल जनाब वो तो तुम दाओनो का रियल कॅरक्टर डरसाती हैं, वो कैसे भूल सकती हूँ”
गुरु गाड़ी स्लो करो जल्दी, वो पुलिस की जीप स्लो हो रही है” राजू ने हड़बड़ाहट में कहा.
चौहान एक किनारे पर जीप रोक देता है. “मैं तुम्हे घर चोद दूँगा यहा से कैसे जाओगी तुम”
“नही….किसी ने देख लिया तो बदनामी होगी, लोग तरह-तरह के सवाल पूछेंगे की पुलिस की जीप में मैं क्या कर रही थी. कोई ना कोई ऑटो मिल जाएगा आप जाओ”
“वैसे तुझे यू छोड़ने का मन नही कराता पर चलो जैसी तुम्हारी मर्ज़ी”
“थॅंक यू सिर?”
“किश बात के लिए, तुम्हारी चुदाई करना तो मेरा फ़र्ज़ था हे..हे..हे”
“जी हन… आपने पुलिस वाले का फ़र्ज़ बहुत अच्छे से निभाया, उशी के लिए थॅंक यू बोल रही हूँ” पूजा ने कहा.
“लगता है एक बार और मारनी चाहिए थी तेरी गान्ड….चल दफ़ा हो जा वरना जैल में डाल दूँगा और रोज वही चोदूगा तुझे”
पूजा ने आगे कुछ नही कहा. चौहान जीप लेकर आगे बढ़ गया.
जीप को रुकती देख मोहित ने भी कुछ दूरी पे अपनी कार रोक ली थी.
“गुरु ये पूजा को यहा क्यों उतार दिया पुलिस वाले ने” राजू ने कहा.
“इश् बात का जवाब तो पूजा ही दे सकती है” मोहित ने कहा.
“चलो गुरु उसे अपनी कार में बैठा लेते हैं” राजू ने कहा.
“पागल हो गये हो तुम उसने मुझे पहचान लिया तो” प़ड़्मिनी ने कहा.
“प़ड़्मिनी ठीक कह रही है राजू, जीतने कम लोगो को इशके बड़े में पता हो उतना अछा है, वक्त बहुत नाज़ुक है” मोहित ने कहा.
“ठीक है फिर, मैं कार से उतार कर उशके पास जा रहा हूँ. तुम डौनो घर जाओ”
“अरे रूको तो” प़ड़्मिनी ने कहा.
पर राजू तब तक कार से बाहर निकल चुका था और पूजा की तरफ बढ़ रहा था.
“ये लड़का भी ना……” मोहित ने झुंज़लाहट में कहा.