एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 21 Sep 2015 08:11

पूजा ऑटो का इंतेज़ार कर रही थी. उष्का ध्यान उष्की और बढ़ते राजू पर नही गया क्योंकि उष्की नज़रे दूसरी दिशा में थी.

“क्या जींदगी बन गयी मेरी…ये सब उष कामीने की वजह से हुवा है…मैं उसे जींदा नही छोड़ूँगी” पूजा मन ही मन सोच रही है. उष्की आँखे सोचते-सोचते कब नाम हो गयी उसे पता ही नही चला.

तभी राजू उशके नझडीक पहुँच जाता.

“पूजा क्या बात है…यहा क्या कर रही हो” राजू ने पूछा.

पूजा ने फ़ौरन अपने बहते हुवे आँसू पुंचे और बोली, “तुम से मतलब…तुम अपना काम करो”

“पूजा बताओ तो सही बात क्या है, तुम रो क्यों रही हो और ये पुलिस की जीप में तुम क्या कर रही थी” राजू ने पूछा.

“तुम दफ़ा हो जाओ यहा से, तुम कौन होते हो ये सब पूछने वाले” पूजा ने कहा. उसे एक ऑटो आता दीखाई दिया उसने आवाज़ लगाई, “ऑटो”

ऑटो रुक गया. “मार्केट ले चलो” पूजा ने कहा.

“पूजा मेरी बात तो सुनो”

पर ऑटो पूजा को लेकर आगे बढ़ गया.

राजू दौड़ कर कार में आया और बोला, “गुरु जल्दी स्टार्ट करो हमें उष ऑटो के पीछे चलना है”

“बात क्या है, कुछ बता तो” मोहित ने पूछा.

“गुरु वो वाहा खड़ी रो रही थी…मुझ से सीधे मूह बात ही नही की उसने”

“ह्म….क्या पता क्या बात है…चलो देखते हैं” मोहित ने कहा.

“मैं भी हूँ कार में याद रखना कहीं मुझे फंस्वा दो”

“चिंता मत करो प़ड़्‍मिनी जी आप को कोई नही पहचानेगा” राजू ने कहा.

मोहित ने कार पूजा के ऑटो के पीछे लगा दी. कोई 15 मिनिट बाद ऑटो मार्केट में रुका और पूजा ऑटो से उतार कर एक दुकान में घुस्स गयी.

“वो अपनी शॉपिंग कर रही है और हम अपना टाइम वेस्ट कर रहे हैं” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“काई बार वेस्ट से सोना निकल आता है प़ड़्‍मिनी जी” राजू ने कहा.

“बहुत सुन्दर लड़की है सच-सच बताओ राजू कहीं तुम किसी और चक्कर में तो नही हो” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“नही-नही प़ड़्‍मिनी जी….मैने सच में उसकी आँखो में आँसू देखे थे. हाँ वो सुन्दर तो बहुत है बिल्कुल आपकी तरह”

“ठीक है-ठीक है….जाओ जाकर देखो तो सही की वो क्या कर रही है इसे दुकान पर”

“वैसे ठीक ही कहा है राजू ने आप बहुत सुन्दर हो मेडम और पूजा आपको टक्कर दे रही है”

“क्या मतलब है तुम्हारा?” प़ड़्‍मिनी ने पूछा.

“कुछ नही यही की आप डौनो बहुत सुन्दर हो क्यों राजू” मोहित ने कहा.

“हन हाँ बिल्क…..” राजू अपने बोल पूरे नही कर सका क्योंकि प़ड़्‍मिनी के चेहरे के भाव बहुत गंभीर थे.

“गुरु देखो तो ये क्या खड़ीद रही है?” राजू ने कहा.

“इश् चाकू का ये क्या करेगी, ये घरेलू चाकू से बड़ा है” मोहित ने कहा.

“मैं ना कहता था की कुछ गड़बड़ है”

“तू सही है राजू कुछ तो गड़बड़ है.” मोहित ने कहा.

प़ड़्‍मिनी ने डौनो की बाते शन कर गहरी साँस ली. वो अपनी मुसीबत को लेकर बेचैन थी…उशे समझ नही आ रहा था की ये दाओनो पूजा के लिए इतने परेशान क्यों हो रहे हैं. “लड़की सुन्दर है किसी का भी मन बहक सकता है और ये डौनो तो हैं ही एक नंबर के लुंपेट” प़ड़्‍मिनी ने सोचा.

पूजा चाकू को अपने पर्स में डाल कर बाहर आई और उशी ऑटो में बैठ गयी जीशमे वो आई थी. ऑटो के चलते ही मोहित ने भी अपनी कार उशके पीछे लगा ली.

कोई 10 मिनिट बाद पूजा का ऑटो एक घर के बाहर रुका. पूजा ने ऑटो वाले को पैसे देकर चलता कर दिया.

मोहित ने कार कुछ दूरी पर रोक ली.

पूजा घर का गाते खोल कर अंदर आ गयी.

घर के एक कमरे में :-

“तोड़ा और डालो मूह में”

“डाल तो रही हूँ, तुम चुप नही रह सकते क्या”

“जल्दी से इसे लंड को चिकना कर दो फिर इशे तुम्हारी चुत में उतारूँगा”

“वो नही करने दूँगी आज…..फिर कभी देखेंगे”

“हर बार यही कहती हो….आज तो तुम्हारी चुत मार कर ही रहूँगा”

“देखनगे”

“चलो लाते जाओ और डालने दो मुझे”

“नही विक्की इतनी जल्दी क्या है…कॉंडम भी नही है हमारे पास”

“कॉंडम को मार गोली क्या तुम मुझे प्यार नही कराती”

“हन कराती हूँ”

“तो क्या अपने प्यारे विक्की को अपनी प्यारी चुत नही दौगी देखो ना मेरे लंड की हालत इसे पर तो तरह खाओ”

इश् से पहले की लड़की कुछ बोल पाती विक्की ने उष्की चुत पर लंड टीका दिया. वो धक्का मारने ही वाला था की दरवाजा खड़कने लगा.

“कौन है इसे वक्त.” वो झुंजलाहट में बोला.

दरवाजे के बाहर पूजा खड़ी थी….
दरवाजा खुला तो विक्की के होश उस गये.

“तुम यहा क्या कर रही हो”

“ये लो तुम्हारे 50000” पूजा ने कहा.

“मैने कहा था ना की यहा मत आना मैं खुद तुमसे कॉंटॅक्ट करूँगा”

पूजा ने 50000 की गद्दी उशके मूह पर दे मारी.

“विक्की कौन है ये”

“कोई नही….”

“अछा इश्कि भी जींदगी बर्बाद कर रहे हो”

चुप कर और दफ़ा हो जा यहा से”

“विक्की ये लड़की क्या कह रही है?”

“कुछ नही बकवास करने की आदत है इश्कि”

“ये विक्की तुम्हारी पॉर्न मूवी बना रहा है और बाद में ये तुम्हे एस्कॉर्ट बना देगा.”

“क्या?” लड़की हैरान रह गयी. उसने फ़ौरन अपने कपड़े पहने और बोली, “विक्की मैं जा रही हूँ”

“ये झुत बोल रही है….ये लड़की पागल है”

“मुझे कुछ नही पता मुझे तो तुम पर पहले से ही शक था तुम बार बार उष पर्दे के पीछे जा कर क्या करते थे”

पूजा ने आगे बढ़ कर परदा हटा और बोली, “इश् कमेरे को अड्जस्ट कराता होगा”

“हे भगवान इश्का मतलब अब तक यहा जो भी हुवा सब रेकॉर्ड हुवा होगा इसमे”

“बिल्कुल हुवा होगा ये लो संभलो इसे कमेरे को” पूजा ने कहा.

“बहुत बढ़िया मेरे घर में आ कर मुझसे होशयारी….अब तुम डौनो का लेसबो सीन रेकॉर्ड करूँगा”

पूजा ने फुर्ती से पर्स में से चाकू निकाला और विक्की के पेट पर वार किया. चुकी पेट को उपर से चियर कर निकल गया और विक्की के पेट पर खून उभर आया. विक्की लड़खड़ा कर ज़मीन पर गिर गया.

“क्यों ना हम तुम्हारे मरने की वीडियो बनाए” पूजा ने कहा.

“देखो मैं जा रही हूँ मुझे इसे सब से कुछ नही लेना देना”

“जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर मैं इशे जींदा नही छोड़ूँगी आज”

पूजा का ध्यान उष लड़की की और चला गया और मोके का फ़ायडा उठा कर विक्की ने अपने दराज से पिस्टल निकाल ली.

“खबरदार अगर कोई भी हिला तो….डौनो को भुन दूँगा…अब जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो”

पूजा ने चाकू को निशाना लगा कर विक्की के सर की तरफ फेंका पर वो बच गया.

“मेरी बिल्ली और मुझे ही म्यओन हाँ अभी मज़ा चखाता हूँ” विक्की बोला और अपनी जेब से फोन निकाल कर एक नंबर डाइयल किया.

“हन यार ऐसा कर अपने सभी लोगो को लेकर मेरे घर आ जा एक गंगबांग मूवी बनानी है”

“बहुत बढ़िया इसे मूवी मे पहला रोल मैं करूँगा” राजू ने कहा.

राजू ने विक्की के सर पर अपना देसी कटता तां रखा था.

“हन और मैं इसे मूवी को डाइरेक्ट करूँगा” मोहित ने कहा.

“चल गुरु इश्कि गान्ड में डंडा देते हैं और मूवी बना कर नेट पे डाल देते हैं”

“कौन हो तुम दाओनो और यहा क्या कर रहे हो” विक्की ने कहा.

“हम तुम्हारे बाप हैं पहचाना नही क्या” राजू ने कहा और घुमा कर उशके सर पर कटता दे मारा.

विक्की ज़मीन पर गिर गया.

“बस इतना ही दम था तेरे अंदर हा”

“तुम यहा क्या कर रहे हो” पूजा ने राजू से पूछा.

“बाते करने का वक्त नही है इसे से पहले की इशके आदमी यहा आए चलो निकलो यहा से” राजू ने कहा.

“क्या तुम बाएक पर हो” पूजा ने पूछा.

“नही कार खड़ी है बाहर आओ चलें”

“तुम कैसे जाओगी” पूजा ने उष लड़की से पूछा.

“मेरी स्कूटी खड़ी है नीचे”

“बहुत देर हो गयी कहा रह गये ये डौनो” प़ड़्‍मिनी कार में बैठी हुई परेशान हो रही है.

अगले ही पल उसे राजू मोहित और पूजा कार की और भागते नज़र आते.

“लगता है सच में कोई गड़बड़ हुई है…हे भगवान मैं किसी और मुसीबत में ना फँस जौन” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“तुम पीछे बैठो हम आगे बैठ-ते हैं”राजू ने पूजा से कहा.

पूजा फ़ौरन पीछे का दरवाजा खोल कर बैठ गयी. राजू और मोहित भी तुरंत बैठ गये. अगले ही पल कार सड़क पर दौड़े जा रही थी.

“कोई मुझे बताएगा की यहा हो क्या रहा है?” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“प़ड़्‍मिनी जी पूरी बात तो हमें भी नही पता… हाँ बस इतना पता चला है की उष घर में एक लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था और पूजा उसे रोकना चाहती थी” राजू ने कहा.

“प़ड़्‍मिनी….कुछ ऐसा ही नाम लिया था चौहान ने….. अरे हाँ वो नाम प़ड़्‍मिनी ही तो था” पूजा ने मन ही मन सोचा और बड़े गौर से प़ड़्‍मिनी की और देखा. पूजा ने न्यूज़ नही देखी थी इश्लीए उशके लिए प़ड़्‍मिनी को पहचान-ना और भी मुस्किल था”

“क्या देख रही हो?” प़ड़्‍मिनी ने पूछा.

“कुछ नही…..उष साएको कातिल का नाम भी प़ड़्‍मिनी है ना”

“हन तो क्या मैं तुम्हे कातिल नज़र आती हूँ…. मैने किसी का खून नही किया ये सब साजिस है उशी साएको किल्लर की जो की असली कातिल है” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“नही मेरा वो मतलब नही था?” पूजा ने कहा.

“मैं तुम्हे सारी बात बताता हूँ ध्यान से सुनो” राजू ने पीछे मूड कर कहा.

राजू पूजा को पूरी बात बताता है. “वो साएको प़ड़्‍मिनी जी को फसाना चाहता है क्योंकि इन्होने उसे देख लिया था”

“ह्म…..कैसे-कैसे खेल खेलती है किस्मत भी” पूजा ने कहा.

“सबसे बड़ी बात तो ये है की वो वितनेस वो किल्लर नही है…उष से तो बस प़ड़्‍मिनी जी के खीलाफ गवाही दिलाई जा रही है” राजू ने कहा.

“मैं जानती हूँ कातिल कौन है और कहा रहता है” पूजा ने कहा.

“क्या!!!” प़ड़्‍मिनी, राजू और मोहित ने एक साथ कहा.

बल्कि मोहित तो इतना सर्प्राइज़्ड हुवा की उसने फ़ौरन कार को ब्रेक लगा दिए.

“तुम कैसे जानती हो उष साएको को” राजू ने पूछा.

“वो मैं आज…..वो सब छोड़ो. मैं तुम्हारी पूरी मदद करूँगी इसे केस में.”

“क्या तुम हमें उशके घर ले जा सकती हो….. और नाम क्या है उष्का?” राजू ने पूछा.

“परवीन नाम है उष्का…. घर तो उष्का नही जानती मैं हाँ पर एक जगह है जहा वो मिल सकता है” पूजा ने कहा.

“तो हमें वाहा ले चलो अभी” राजू ने कहा.

“अभी वो वाहा नही मिलेगा” पूजा ने कहा.

“चलो फिलहाल घर चलते हैं और पूरी प्लॅनिंग के साथ उसे पकड़ेंगे” मोहित ने कहा.

“पुलिस में कनेक्षन हैं उशके इश्लीए थोड़ा ज़्यादा ध्यान रखना होगा हमें” पूजा ने कहा.

“क्या जो पुलिस वाला तुम्हे चोद कर गया था उष सड़क पर वो भी जानता है उशे” राजू ने कहा.

“हन” पूजा ने जवाब दिया.

“मामला बहुत गंभीर है गुरु” राजू ने कहा.

“कोई बात नही तुम साथ हो ना कहीं दुबारा फार्स तो…..” मोहित ने चुस्की ली.

“गुरु दुबारा ऐसी बात की तो मैं कभी तुमसे बात नही करूँगा” राजू ने कहा.

कुछ देर बाद कार मोहित के कमरे के बाहर रुकती है.

“मैं चलती हूँ….फ्रेश हो कर तुमसे मीलोंगी…चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा” पूजा ने प़ड़्‍मिनी को कहा.

पूरा दिन एक अच्छे ख़ासे ड्रामे के साथ बीता. शाम हो चुकी है और अंधेरा घिरने को है.

“तुम यहा क्या कर रहे हो”नगमा ने राजू से पूछा.

“भोलू हवलदार के पास जा रही हो ना”

“हन बाबा जा रही हूँ…तू क्या यही पूछने आया है”

“नही नही मैं तो तेरा हाल चाल पूछने आया था”

“पूजा कहा है?”

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 21 Sep 2015 08:12

शो रही है, लगता है आज कॉलेज में खूब तक गयी बेचारी”

“ह्म…एक बात का ध्यान रखना ज़्यादा मज़े मत देना भोलू को”

“तुझे उष से क्या वो कम मज़े ले या ज़्यादा”

“तू अपनी ख़ुसी से जा रही है ना”

“तेरे लिए जा रही हूँ”

“बहुत बढ़िया मुझसे पहल्ले जो रोज दिनेश और उशके दोस्त को दिया कराती थी अपनी चुत उष्का क्या”

“वो पूरेानी बात है, जब से तुम मिले हो मैने किसी और को नही दी”

“अछा ऐसा क्या है मुझ में”

“बस पूछो मत”

“बताओ ना…..मेरा लंड तगड़ा है ना”

“चल हट….वो तो है ही तेरा इस्तयले भी प्यारा है”

“इस्तयले नही स्टाइल..”

“वैसे तेरा गुरु भी कम नही”

“तुझ में और पूजा में ज़मीन आसमान का आंतेर है”

“वो तो होगा ही वो कॉलेज में पढ़ती है और मैं अनपड़ गवार हूँ”

“वो बात नही है नगमा….मेरा मतलब कुछ और था….चल मैं चलता हूँ तू टाइम से पहुँच जाना भोलू के पास”

“ठीक है मैं तो अपनी आँखे बंद रखूँगी बहुत भयानक सूरात है भोलू की”

“जैसा तेरा मन हो वैसा करना…मैं चलता हूँ”

राजू चला जाता है.

नगमा भोलू के घर की और चल पड़ती है.

नगमा ने भोलू हवलदार के घर जा कर उष्का दरवाजा खड़क्या.

“कौन है?” अंदर से आवाज़ आई.

नगमा ने कोई जवाब नही दिया. “दरवाजा खोल कर देख ले ना कौन है…बेवकूफ़ कही का हा” नगमा बड़बड़ाई.

दरवाजा खुलता है. “अरे नगमा तू है…तू यहा कैसे…आ…आ अंदर आ”

“आक्टिंग देखो जनाब की…कमीना कही का” नगमा ने मन ही मन कहा.

“बताओ क्या लॉगी ठंडा या गरम”

“क्या तुम्हे नही पता की मैं यहा क्यो आई हूँ”

“पता है मेरी जान वो तो मैं यू ही कह रहा था…”

“तुम्हारी बीवी कहा है?”

“बीवी यहा होती तो क्या तुझे बुलाता मैं यहा”

“मैं यहा राजू के कहने पे आई हूँ”

“कोई बात नही…तेरी ऐसी तस्सल्ली करूँगा की तू याद रखेगी”

“ह्म…देखेंगे”

“राजू से पहले तेरा चक्कर दिनेश से था ना”

“क्यों तुम्हे क्या करना है?”

“दिनेश अभी यही से गया है…बहुत तारीफ़ कर रहा था तुम्हारी”

“अछा क्या बोल रहा था?”

“बोल रहा था की तुम बहुत अच्छे से तस्सल्ली से देती हो…क्या ये सच है”

“ये तो लेने वाले पे डिपेंड कराता है” नगमा ने कहा.

“लेने वाला तो आज तस्सल्ली से लेगा” भोलू ने अपना लंड पेंट के उपर से मसालते हुवे कहा.

“ठीक है फिर मैं भी तस्सल्ली से दूँगी हाँ पर तुम मेरे होन्ट नही चूमोगे”

“ऐसा क्यों?”

“बस यू ही” नगमा ने कहा “क्योंकि तुम्हारी सुवार जैसी सूरात से मुझे घिन आती है” नगमा ने मन में कहा.

“चल नंगी तो हो जा”

“लाइट बंद करो पहले”

“मेरी जान लाइट भी बंद हो जाएगी पहले तेरे हुसान का दीदार तो कर लू…और क्या तुम मेरा लंड नही देखोगी.”

लंड की बात सुनते ही नगमा की चुत में खुजली होने लगी और वो बोली, “ठीक है थोड़ी देर लाइट रहने देते है”

“ये हुई ना बात” भोलू ने कहा.

“दीखाओ अपना” नगमा से इंतेज़ार नही हो रहा था.

“बहुत बेचैन हो रही हो लॅंड देखने के लिए क्या बात है?”

“बात कुछ नही है….जल्दी दीखाओ ना अपना लंड”

भोलू ने एक झटके में अपनी पेंट उतार दी और अंडरवियर भी उतार कर दूर फेंक दिया.

“ये लो देखो मेरा लंड”

“ह्म”

“कैसा है?”

“अछा है…पर राजू जैसा नही है”

“क्या बकवास कर रही है…उष लोंडे के पास क्या टॉप है”

“टॉप ही समझो पर तुम्हारा भी ठीक ठीक है”

“ये ठीक ठीक क्या होता है”

“दिनेश से तो तुम्हारा बड़ा है पर राजू से छोटा है…”

“तू चोद इन बातो को और जल्दी से नंगी हो जा”

“तुम गान्ड में तो नही डालोगे ना”

“क्यों क्या हुवा?”

“कल राजू ने बहुत बुरा हाल किया अभी तक दर्द है”

“अछा राजू ने गान्ड मारी थी कल तुम्हारी”

“हन”

“अगर मन हुवा तो देखेंगे” भोलू ने कहा.

“नही नही गान्ड में नही लूँगी मैं कहे देती हूँ. कल ही तो राजू ने ली थी वो…थोड़े दिन बीट जाते तो शायद दे देती पर आज बिल्कुल नही”

“चल मेरी जान तेरी गान्ड फिर किसी दिन मार लूँगा तू फिलहाल अपनी चुत तो दे मुझे…चल जल्दी से नंगी हो जा.”

नगमा ने भोलू की तरफ फीत करके अपने कपड़े उतार दिए. भोलू उशके नझडीक आया और गान्ड पर हाथ रख कर बोला, “तेरी गान्ड तो मारने लायक है…पता नही मैं खुद को रोक पवँगा की नही”

“हाट हटाओ मेरी गान्ड से कहा ना नही लूँगी गान्ड में”

“अछा मत लेना गान्ड में थोड़ा सा इसे मखमली गान्ड को सहला तो लेने दे”

“मुझे कुछ कुछ होता है हटो” नगमा ने भोलू का हाथ अपनी गान्ड से दूर झटक दिया.

“लंड चूस्टी हो ना”

“मैने आज तक राजू का नही चूसा तुम्हारा तो मैं अब चूसूंगई”

भोलू ने नगमा को बाहों में उठा लिया और बिस्तर पर लेता कर उशके उपर चढ़ गया.

“लाइट बंद कर दो” नगमा भोलू की सूरात नही देखना चाहती थी.

“लाइट भी बंद हो जाएगी मेरी जान, पहले इन चुचियों को तो चुस्वा लो”

“उशके लिए लाइट की क्या ज़रूरात है?”

“मुझे रोशनी में चुदाई करनी अछी लगती है” भोलू ये कह कर नगमा के बूब्स पर टूट पड़ा.

“आअहह”

“आ रहा है ना मज़ा”

“हन बहुत मज़ा आ रहा है…अपना लंड डाल दो जल्दी….”

“लंड भी डाल दूँगा इतनी जल्दी क्या है…तोड़ा सरूर तो आने दो”

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 21 Sep 2015 08:15

“तेरे जैसी लड़की नही देखी मैने”

“बाते कम कर और जल्दी डाल”

“ये ले संभाल मेरा लंड रंडी कही की”

“आआहह रंडीकिसेकहता है… मैं क्या तुझसे पैसे ले रही हूँ”

“यू ही बोल दिया”

“आगे से मत बोलना वरना मैं चली जवँगी”

“ऐसी चुत मारूँगा तेरी की तू जाने का सोचेगी भी नही”

“आआहह बिल्कुल सही जा रहे हो…और ज़ोर से मारो”

“ये लो फिर सम्भालो…..आआहह”

भोलू के धक्को की गति तेज हो गयी. कोई 10 मिनिट तक भोलू नगमा को यू ही छोड़ता रहा. अचानक वो बोला, “चल उल्टी हो जा पीछे से डालूँगा तेरी चुत में”

“गान्ड में मत डाल देना” नगमा ने कहा.

“नही नही चुत में ही डालूँगा घुमओ तो सही”

“ठीक है मैं घूम रही हूँ”

नगमा भोलू के नीचे घूम गयी और उसके घूमते ही भोलू ने एक झटके में उष्की चुत में अपना लंड उतार दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.

“आआहह”

“मस्त चुत है तेरी”

“तेरा लंड भी मस्त है आआहह”

भोलू ने अचानक अपना लंड बाहर निकाला और फुर्ती से नगमा की गान्ड में डाल दिया.

“आआययईीीई ये तो गान्ड में घुस्स गया निकालो इशे”

“अब घुस्स गया है तो मार लेने दो थोड़ी सी गान्ड भी”

“कल से वैसे ही दर्द है…तुम समझते क्यो नही”

“बस 2 मिनिट मारने दे फिर निकाल लूँगा”

“ह्म चल ठीक है…पर धक्के धीरे मारना यहा समझे”

“समझ गया मेरी जान….तू छीना मत कर धीरे धीरे मारूँगा गान्ड तेरी मैं हे…हे..हा..हा”

“तुम हंस क्यो रहे हो”

“बस यू ही….ये ले मेरे लंड का पहला झटका तेरी गान्ड में”

“आआहह”

एक बार भोलू ने नगमा की गान्ड मारनी शुरू की तो टाइम का पता ही नही चला. पूरे 15 मिनिट तक वो नगमा की गान्ड रगड़ता रहा. जब भोलू का पानी चुतने वाला था तब तो उशके धक्के भी बहुत तेज हो गये थे. नगमा ने भी कोई ऐतराज़ नही किया. कराती भी क्यों वो हर एक धक्के का मज़ा जो ले रही थी.

ढेर सारा गरम पानी भोलू ने नगमा की गान्ड में चोद दिया.

“आआहह निकाल अब बाहर 2 मिनिट कहा था 2 घंटे मार ली मेरी गान्ड”

“हा..हा…हे हे तू सच में मस्त है….मज़ा आ गया तेरी ले के”

“टाय्लेट कहा है?”

“वो रहा सामने”

नगमा फ़ौरन टाय्लेट में घुस्स गयी. जब वो टाय्लेट में हाथ धो रही थी अचानक उष्की नज़र खूंती पर तंगी कमीज़ पर गयी.

“ये कमीज़ पर खून जैसे धब्बे…..वो भी इतने सारे…क्या माज़रा है”

“क्या हुवा इतनी देर क्यों लगा रही हो”

“आ रही हूँ”

नगमा को थोड़ा तोड़ा दर लग रहा था. वो जब बाहर आई तो उसने टीवी पर रखे एक चाकू को देखा जीश से उसका दर और बढ़ गया.

“मुझे अब चलना होगा”

“क्यों अभी तो बस एक बार ही ली है तेरी…दुबारा नही देगी क्या”

“नही बापू कल आ जाएगा बहुत काम करने हैं मुझे घर पर.”

“मैं तुझे तेरे घर तक चोद डू”

“नही नही मैं चली जवँगी अभी 9 ही तो बजे हैं.”

नगमा ने कपड़े पहने और चुपचाप वाहा से निकल ली. उष्का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था.
“हे भगवान मुझे तो दर लग रहा है, उष कमीज़ पर खून के इतने धब्बे क्या कर रहे थे…और वो टीवी पर रखा चाकू….कुछ लाल लाल सा उष पर भी लगा था. धात तेरे की पूरी चुदाई का नशा उतार दिया” नगमा चलते-चलते बड़बड़ा रही है.

अचानक उसे अपने पीछे किसी के कदमो की आहत सुनाई देती है. वो तर-तर काँपने लगती है. “हे भगवान ये मेरे पीछे कौन है?” नगमा खुद से कहती है.

“घबरा मत सारे कटाल 10 बजे के बाद ही हुवे हैं और अभी तो 9 बजे हैं और 5 मिनिट में मैं राजू के कमरे पर पहुँच जवँगी” नगमा बड़बड़ाई. लेकिन उशके पीछे लगातार किसी के कदमो की आहत हो रही थी.

“आज चुत मरवाने के चक्कर में मैं खुद ना मारी ज़ाऊ कही…हे भगवान मेरी रकसा करना”

वो थोड़ी देर चुपचाप चलती रहती है फिर अचानक फुर्ती से पीछे मूड कर देखती है…पर उसे अपने पीछे कोई नही दीखाई देता. “भोलू क्या तुम मेरा पीछा कर रहे हो” वो ज़ोर से बोली.

किसी का कोई जवाब नही आया. “भाग नगमा…कुछ गड़बड़ ज़रूर है”

वो वाहा से भाग खड़ी होती है और 2 मिनिट में राजू के कमरे के बाहर पहुँच जाती है. वो राजू का दरवाजा ज़ोर-ज़ोर से पीतने लगती है. पर दरवाजा नही खुलता. “ओह यहा तो टाला लगा है…वो ज़रूर अपने गुरु के साथ होगा”

नगमा का खुद का घर अभी भी दूर था और मोहित का कमरा वाहा से नझडीक पड़ता था. वो तुरंत तेज कदमो से मोहित के कमरे की तरफ चल दी. अब वो भाग नही रही थी क्योंकि सड़क पर उशके अलावा और भी चार-पाँच लोग थे.

वो मोहित के कमरे पर पहुँच कर कमरे का दरवाजा ज़ोर-ज़ोर से पीतने लगती है.

मोहित झट से दरवाजा खोलता है.

“क्या हुवा पागल हो गयी हो क्या?” मोहित ने पूछा.

“र…राजू कहा है?” नगमा ने कहा.

“राजू यही है….बताओ तो क्या बात है?”

राजू भी तुरंत दरवाजे पर आ गया. “नगमा तू यहा…क्या हुवा भोलू के पास नही गयी क्या”

“अरे वही से आ रही हूँ…मेरी जान ख़तरे में है”

“क्या बोल रही हो….तुमसे तो सारी दुनिया की जान ख़तरे में है…तुम्हे किशणे ख़तरे में डाल दिया” मोहित ने हंसते हुवे कहा.

“मैं सच कह रही हूँ…कोई मेरा पीछा कर रहा था” नगमा ने कहा.

“यहा बैठो नगमा….बैठ कर आराम से पूरी बात बताओ” प़ड़्‍मिनी ने उसे अपने पास बुलाया.

नगमा प़ड़्‍मिनी के पास बैठ गयी और बोली, “जब मैं भोलू के घर से निकली तो मुझे अपने पीछे किसी के कदमो की आहत सुनाई दी….भाग कर आई हूँ मैं यहा….ये ज़रूर भोलू की कारस्ठानी है”

“भोलू क्यों ऐसा करेगा?” राजू ने कहा.

“मैने उशके टाय्लेट में एक नीले रंग की कमीज़ तंगी देखी थी जीश पर की खून के बहुत सारे धब्बे थे. और तो और उशके टीवी पर एक चाकू रखा देखा मैने…उष पर भी हल्के-हल्के लाल रंग के निशान थे” नगमा ने कहा.

“तुझे कुछ ग़लतफहमी हुई है…भोलू ऐसा आदमी नही है…सूरात उष्की जैसी भी हो पर दिल से नेक है वो” राजू ने कहा.

“हन-हन बहुत नेक है वो…तभी तो बिना मेरी इज़ाज़त के मेरी गान्ड मार ली उसने” नगमा तुरंत बोली.

ये सुनते ही मोहित हासने लगा.

“हंस क्या रहे हो मैं सच कह रही हूँ….मैने माना किया था उसे मेरी गान्ड में डालने को पर शैठान ने चुपचाप बिना पूछे डाल दिया”

“नगमा….प़ड़्‍मिनी जी बैठी हैं यहा……..” राजू ने नगमा को टोका.

“तो क्या हुवा मैं सच ही तो कह रही हूँ…सच बोलना क्या जुर्म है” नगमा ने कहा.

“असली मुद्दा क्या है….कोई तुम्हारा पीछा कर रहा था ये की या फिर भोलू ने तुम्हारी गान्ड मार ली वो….असली मुद्दा बताओ” मोहित ने चुस्की ली.

“मैं यहा आई ही क्यों तुम सब मतलबी हो”

अचानक प़ड़्‍मिनी ने कुछ ऐसा देखा की वो फॉरन बोली

“ये सच कह रही है…जो भी इश्का पीछा कर रहा था वो यहा तक आ गया है….खिड़की से कोई झाँक रहा है” प़ड़्‍मिनी ने ये बात इतनी धीरे से कही की केवल पास खड़े राजू को सुनाई दी. मोहित को कुछ सुनाई नही दिया.

“तेरी मा की आँख तेरी तो….” राजू ने फ़ौरन कटता निकाल कर खिड़की की तरफ फिरे किया.

मोहित को भी पूरी बात समझते देर नही लगी उसने फुर्ती से बेड के नीचे से होककी निकाली और दरवाजा खोल कर बाहर भागा.

राजू भी उशके पीछे-पीछे भागा.

“उशके सर पे गोली लगी होगी” राजू बोला.

बेवकूफ़ उसे गोली लगी होती तो लास अपनी खिड़की के नीचे पड़ी होती यहा तो कुछ भी नही है.

“इतनी जल्दी वो यहा से नही भाग सकता….गया कहा वो” राजू बोला.

मोहित भाग कर वापिस कमरे में आया.

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