एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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sexy
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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 22 Sep 2015 11:28

“काट दिया फोन क्यों क्या हुवा…अब मैं पुलिस वाला हूँ कोई भी ऐरा ग़ैरा मुझसे ऐसे ही कुछ भी नही बोल सकता.”

राजू उष बेडरूम से निकल कर घर के पीछे की तरफ चल दिया.

“अफ कितनी बेरहमी से मारा है कामीने ने.” राजू ने अपनी आँखे बंद कर ली.

“क्यों बरखुरदार चुत गये पसीने..हे..हे.” चौहान हासने लगा.

“सिर आपको ये सब देखने की आदत हो गयी होगी मैं तो पहली बार देख रहा हूँ”

“कोई बात नही तुम्हे भी आदत हो जाएगी…कुछ मिला उष कमरे में?”

“हन सिर ये शोन की चैन मिली है” राजू ने कहा.

राजू ने फोन वाली बात भी चौहान को बता दी.

“नाम तो पूछ लेते उष्का.”

“मैं पूछे ही वाला था पर फोन काट दिया उसने.”

“ह्म कोई बात नही उशके नंबर से उशके घर का पता चल ही जाएगा” चौहान ने कहा.

“सिर आपको क्या लगता है ये सब खून क्या कोई औरात कर सकती है” राजू ने चौहान का व्यू लेने के लिए पूछा.

“क्यों नही…आज कल कोई भी कुछ भी कर सकता है…ईसणे देखा था ना उसे अपनी आँखो से” चौहान ने कहा.

“हन पर मुझे वो लड़की कातिल नही लगती” राजू ने कहा.

“तुम्हे क्या लगता है उष से फराक नही पड़ता बरखुरदार यहा सब सबूत बोलते हैं” चौहान ने कहा.

चौहान ने एक कॉन्स्टेबल को आवाज़ दी, “इनको पोस्ट मोर्टें के लिए भेज दो”

“जी सिर” कॉन्स्टेबल ने कहा.

“चलो बरखुरदार यहा का काम हो गया.”

“अभी कहा जाना है सिर”

“पहले थाने चलते है…बाद में सोचेंगे आगे क्या करना है”

चौहान राजू को जीप में ले कर पुलिस स्टेशन की तरफ निकल देता है.

“सिर एक बात पूछनी थी आपसे बुरा ना माने तो”

“हन-हन पूछो क्या बात है?”

“कल मैने आपको इशी जीप में देखा था आप किसी लड़की को सड़क पर उतार कर आगे बढ़ गये …वो लड़की कौन थी?”

“क्यों तेरा दिल आ गया क्या उष पर?”

“नही सिर मैने उसे कही देखा है…इश्लीए पूछ रहा था.” राजू ने कहा.

“एस्कॉर्ट थी वो…होटेल में पकड़ी थी मैने. बहुत शुनदर थी इश्लीए मैने भी हाथ मार लिया. मैने औ
परवीन ने मिलके ड्प किया साली का. सारे नखरे उतार दिए उशके. एक बात समझ लो इसे नौकरी में तुम्हे एक से बढ़ कर एक आइटम मिलेगी. पर सोच समझ कर खेलना फँस भी सकते हो. आजकल मीडीया बहुत पीछे पड़ी रहती है.”

चौहान की बात शन कर राजू का दिल बैठ गया.

“पूजा के साथ इतना कुछ हो गया…किश चक्कर में फँस गयी थी ये पूजा…कुछ समझ नही आ रहा.” राजू ने सोचा.

“क्या हुवा बरखुरदार किश सोच में डूब गये.”

“कुछ नही सिर बस यू ही.” राजू ने कहा.

राजू को पूजा के बड़े में शन कर बहुत बुरा लगा. उसे यकीन नही हो रहा था की उशके जैसी लड़की ऐसे चक्करो में फँस जाएगी.

“ज़रूर कोई मज़बूरी रही होगी पूजा की” राजू ने सोचा.

…………………………….

मोनिका टीवी ऑन करके उशके सामने खड़ी हुई आँखे फाडे न्यूज़ देख रही है.

“ओह माई गोद सुरिंदर तो सच में मारा गया…वो दोनो पुलिस वाले भी नही बचे…अगर मैं थोड़ी देर वाहा रुकती तो शायद मेरा भी यही हसार होता….क्या हो रहा है ये इसे सहर में”

संजय पीछे से आकर मोनिका को बाहों में भर लेता है और कहता है, “क्या बात है डार्लिंग इतनी परेशान सी क्यों लग रही हो….और ये कैसी न्यूज़ लगा न्यू एअर है”

“त…तुम उठ गये” मोनिका ने कहा.

“मैं तो कब से उठा हूँ…तुम बिस्तर से गायब थी”

“मैं नहा धो कर पूजा कराती हूँ आजकल इश्लीए जल्दी उठ जाती हूँ”

“ह्म तभी ये भीनी भीनी खुशबु आ रही है…आओ थोड़ी मस्ती हो जाए.”

“मेरा मूड ठीक नही है बाद में”

“मेरी बीवी के नखरे रोज बढ़ते जा रहे हैं कही किसी और से तो दिल नही लगा लिया”

“क…क…कैसी बाते करते हो संजय…तुम्हारे शिवा मैं किसी को प्यार नही कर सकती.”

“सच कह रही हो?”

“और नही तो क्या?”

संजय ने मोनिका को बाहों में उठाया और बेडरूम की तरफ चल दिया.

“आज तुम्हारे नखरे नही चलेंगे, ई विल फक यू हार्ड और फास्ट”

“अफ समझा करो संजय अभी मेरा मूड ऑफ है”

“लंड घुस्सते ही मूड ठीक हो जाएगा चिंता मत करो. ऐसे मूड को ठीक करने के लिए ही बनाया गया है ये इंजेक्षन.”
संजय मोनिका को बेडरूम में ले आया.

“तुमने ये नही बताया की तुम वक्त से पहले कैसे पहुँच गये. ट्रेन तो अक्सर लाते हो जाती है तुम तो एक घंटा पहले ही घर भी पहुँच गये.” मोनिका ने कहा.

“तुम्हे उष से क्या आ तो गया ना टाइम से घर…अब मूड खराब मत करो….ई नींद आ नाइस फक नाउ.”

मोनिका के दीमाग में अभी भी सुरिंदर के ख्याल घूम रहे थे..”अफ कही मैं ना किसी मुसीबत में फँस जौन. मेरा नंबर भी पुलिस के पास चला गया…पुलिस ज़रूर यहा भी आएगी अब क्या करूँ….आअहह धीरे से” इधर मोनिका ये सब सोच रही थी उधर संजय उशके बड़े-बड़े बूब्स मसल रहा था.

“क्या हो गया तुम्हे आज…तुम्हे तो ये अछा लगता था.”

“तुमने ज़रा ज़ोर से दबा दिए थे.”

“अछा ऐसी बात है…चलो अब आराम से दब्वँगा तुम अपना मूड ठीक कर लो बस.”

“तुम मुझे बस 5 मिनिट दो मैं अभी आती हूँ.” मोनिका ने कहा.

“अब क्या हुवा तुम्हे?” संजय ने कहा.

“बस डार्लिंग अभी आई…फिर आराम से करेंगे.”

“ठीक है जल्दी करो जो करना है…ई नींद तो फक अट अन्य कॉस्ट.”

“यू विल फक मे जस्ट इंतेज़ार आ मिनिट.” मोनिका ने कहा.

मोनिका भाग कर बाहर आई और अपने मोबाइल को अपने पर्स में से निकाल कर अपने घर की चाट की तरफ भागी. चाट पर आ कर उसने मोबाइल को ऑफ करके सिम सहित घर के पीछे फैले जंगल में फेंक दिया. “अब पुलिस मुझ तक नही पहुँच सकती….ये मोबाइल भी सुरिंदर का था और सिम कार्ड भी उशी के नाम था.” मोनिका ने खुद से कहा.

मोनिका भाग कर वापिस बेडरूम में आ गयी.

“मैं आ गयी” मोनिका ने कहा.

“आ तो गयी अब ये लंड बैठ गया…शकइट और मेक इट रीडी फॉर यू”

“लो जनाब ये काम अभी किए देती हूँ” मोनिका ने कहा और संजय की टाँगो के बीच बैठ कर उशके लंड के उपर झुक गयी. मोनिका ने मूह खोल कर संजय के लंड को मूह में ले लिया.

“आआहह यू अरे आ गुड सकर” संजय कराह उठा.

“तुम आज ओरल का ही मज़ा लो….क्या कहते हो?”

“इतनी आसानी से नही बचोगी तुम…युवर होल विल बे फक्ड नाइस और हार्ड बेबी.”

मोनिका अभी भी अपने ख़यालो में उलझी थी लेकिन फिर भी वो संजय के साथ नाटक करने की पूरी कोशिस कर रही थी. नॉर्मली अब तक वो खुद ही गरम हो चुकी होती पर आज हालात कुछ और थे. उशके दीमाग की उधेड़बुन उसे परेशान किए थी. किसी तरह से वो संजय के लंड को चुस्ती रही.

“आआहह बस हो गया ये तैयार…आ जाओ अब” संजय ने कहा.

मोनिका टांगे फैला कर लाते गयी.

अरे उपर आ जाओ ना…खुद डालो अंदर” संजय ने कहा.

मोनिका संजय के उपर आ गयी और उशके लंड को पकड़ कर अपनी चुत के होल पर रख लिया. मोनिका के दीमाग में पीचली रात सुरिंदर के घर का नज़ारा घूम गे. संजय ने हल्का सा धक्का मारा और लंड मोनिका की चुत में फिसल गया.

“आअहह सुरिंदर” मोनिका के मूह से निकल गया

“क्या कहा तुमने?”

मोनिका की सिट्टी पिटी गुम हो गयी.

“क..क..कुछ नही संजय.”

“तुमने शायद सुरिंदर कहा.” संजय ने हैरात भरे लहजे में पूछा.

“हन वो न्यूज़ देख रही थी ना….कल रात जो मारा गया उष्का नाम सुरिंदर था…यू ही मूह से निकल गया. मेरे दीमाग में न्यूज़ घूम रही थी.” मोनिका ने टालने की कोशिस की.

“पर तुमने लंड के अंदर जाते ही आ भरके सुरिंदर कहा…कही कुछ गड़बड़ तो नही हा.”

“ग..गड़बड़ क्या होगी…कहा ना वैसे ही निकल गया मूह से.”

संजय ने मोनिका की गान्ड पकड़ कर उसे नीचे की और खींचा ताकि उष्का पूरा लंड मोनिका की चुत में समा जाए.

“आअहह संजय.” मोनिका कराह उठी.

“अबकी बार सही नाम लिया…सबास.” संजय ने कहा.

संजय ने मोनिका की गान्ड पकड़ कर उशके अपने उपर उछालना शुरू कर दिया. हर उछाल के साथ संजय का लंड मोनिका की चुत में अंदर बाहर होता रहा.

“आअहह संजय कीप डूयिंग इट”

“हो गया ना मूड ठीक अब. देखा ये इंजेक्षन बहुत काम का है.”

“आअहह संजय आआहह.”

संजय मोनिका को 10 मिनिट तक यू ही अपने उपर उछालता रहा.

“अब पेट के बाल लाते जाओ.”

“नही पीछे से नही”

“अनल नही करूँगा घबराओ मत चुत में डालूँगा लाते जाओ” संजय ने कहा.

मोनिका पेट के बाल लाते गयी और संजय उशके उपर लाते गया. उष्का लंड मोनिका की गान्ड पर पसार गया था.

“पक्का अनल नही करोगे ना”

“हन बाबा…ई लीके युवर पुसी मोरे तन एनितिंग एल्स.” संजय ने कहा.

संजय ने मोनिका की गान्ड थपथपाई.

“आआहह”

संजय ने मोनिका की गान्ड को फैला कर उष्की चुत तक पहुँचने का रास्ता बनाया और उष्की चुत में लंड डाल दिया.

“आआअहह संजय”

“मैं दर रहा था की कही इसे बार भी किसी और का नाम ना ले दो”

“बार बार ऐसी ग़लती थोड़ा करूँगी आअहह” मोनिका ने कहा.

संजय मोनिका के उपर पॅड्स पड़ा उष्की चुत में धक्के लगाता रहा.

“तीस इस फॅंटॅस्टिक फक ऊऊहह आअहह” संजय धक्के माराते हुवे बोला.

कुछ देर बाद वो निढाल हो कर मोनिका के उपर गिर गया. “यू अरे ऑल्वेज़ आ गुड फक्किंग थिंग”

“क्या मतलब?” मोनिका ने पूछा.

“हर बार तुम्हारे साथ अलग ही मज़ा आता है.” संजय ने कहा.

………………………………………………………………………….

“विजय कुछ पता चला किशका नंबर है वो.” चौहान ने पूछा. राजू भी पास में ही बैठा था.

“सिर वो नंबर भी सुरिंदर का ही था….मोबाइल ट्रेस किया पर वो जंगल में पड़ा मिला.”

“तुम्हे फ़ौरन फोन मुझे देना चाहिए था ईडियट.” चौहान राजू की तरफ देख कर झल्ला कर बोला.

“सॉरी सिर आगे से ध्यान रखूँगा.”

“ये बात उष कयामत को ना पता चले वरना मेरी खाट खड़ी कर देगी वो.” चौहान ने कहा.

“सिर मैं ज़ाऊ अब?” राजू ने कहा.

“पुलिस की नौकरी चौबीस घंटे की होती है बरखुरदार कहा जाने की सोच रहे हो” चौहान ने कहा.

“सिर आज पहला दिन है…घर पर थोड़ा सेलेब्रेट भी कर लॅंड वरना आस पड़ोस के लोग नाराज़ हो जाएँगे”

“ठीक है आज तो जाओ कल से जल्दी जाने की सोचना भी मत” चौहान ने कहा.

राजू गहरी साँस ले कर चुपचाप वाहा से निकल लिया.

“अफ ये चौहान ही मिला था मेडम को मुझे ट्रेन करने के लिए” राजू ने सोचा.

राजू सीधा मोहित के कमरे पर गया. उसने दरवाजा खड़क्या. प़ड़्‍मिनी ने दरवाजा खोला.

“आप यहा अकेली हैं गुरु कहा है” राजू ने पूछा.

“मोहित मेरे लिए कुछ कपड़े लेने गया है.”

“अरे मैं भी सोच ही रहा था की आप कब तक इन कपड़ो में रहेंगी”

“राजू मुझे घर जाना है क्या कुछ हो सकता है.” प़ड़्‍मिनी ने पूछा.

“ह्म आप चिंता मत करो मैं खुद ले कर जवँगा आपको आपके घर बस एक दो दिन रुक जाईए” राजू ने कहा.

प़ड़्‍मिनी मायूस हो कर बैठ गयी. तभी मोहित भी आ गया.

“गुरु ये काम अछा किया तुमने जो की प़ड़्‍मिनी जी के लिए कुछ कपड़े ले आए”

“पूजा ने ध्यान दिलाया मुझे तो खुद ख्याल नही था और ना ही प़ड़्‍मिनी ने कुछ कहा”

“प़ड़्‍मिनी जी आप ट्राइ कर लीजिए…हम बाहर जाते हैं आओ गुरु तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है” राजू ने कहा.

राजू सुरिंदर के घर की सारी घतना मोहित को शुना देता है.

“ह्म….ये साएको सच में बहुत ख़तरनाक है” मोहित ने कहा.

“हन गुरु और पूजा के बड़े में कुछ अजीब सी बात पता लगी जीश पर यकीन नही होता”

“क्या पता चला मेरी पूजा के बड़े में बताओ?”

“तुम्हारी पूजा…ये पूजा तुम्हारी कब से हो गयी गुरु” राजू ने पूछा.

“बस हो गयी तू अब उष पर लाइन मत मारना अब वो मेरी है” मोहित ने कहा.

“ये खूब रही गुरु…ये ठीक नही कर रहे तुम” राजू ने कहा.

“नगमा है ना तेरे पास पूजा का क्या आचार डालेगा” मोहित ने कहा.

“ऐसा क्या हो गया जो तुम पूजा के पीछे प़ड़ गये” राजू ने पूछा.

“मैने चॅलेंज लिया है की उसे पता कर रहूँगा.”

“हे..हे..हा..हा..क्या खूब कही….. चॅलेंज के लिए पूजा ही मिली थी…मेरी चप्पल घिस्स गयी उसे पटाने के चक्कर में…पर उसने एक बार भी घास नही डाली”

“तू बता ना क्या बतने वाला था पूजा के बड़े में” मोहित ने कहा.

राजू मोहित की चौहान की कही सारी बात बता देता है.

“ये ज़रूर ब्लॅकमेलिंग का चक्कर रहा होगा वरना पूजा ऐसी लड़की नही लगी मुझे”

“ड्प हो चुका है उशके साथ…मुझे तो खुद यकीन नही हुवा” राजू बोला.

“कुछ भी हो मैं फिर भी पूजा को पता कर ही रहूँगा.” मोहित ने कहा.

“जैसी तुम्हारी मर्ज़ी गुरु…अब दोस्ती तो नीभानी ही पड़ेगी जाओ मैं रास्ते से हट गया” राजू ने कहा.

“आबे तू रास्ते में था कब जो हटेगा…तुझे तो वो बिल्कुल पसंद नही कराती.” मोहित ने कहा.

“फिर भी मेरा त्याग याद रखना गुरु…कही भूल जाओ” राजू ने कहा.

“बिल्कुल मेरे राजू तेरा ये महान त्याग मैं हमेशा याद रखूँगा.”

दोनो हासने लगे और वापिस कमरे की तरफ मूड गये.
“कैसे लगे कपड़े प़ड़्‍मिनी?”

“ठीक हैं…क्या तुमने सोचा कुछ की आगे क्या करना है…मैं हमेशा यहा इसे कमरे में नही पड़े रहना चाहती.”

इश् से पहले की मोहित कुछ बोल पाता राजू बोल पड़ा, “गुरु ऐसा करते हैं….अड्रेस तो है ही आपके पास परवीन का…पहले कन्फर्म कर लेते हैं की वही साएको किल्लर है, फिर आगे मैं सब संभाल लूँगा. जो इनस्पेक्टर इसे केस को हॅंडल कर रहा है उशी के साथ हूँ मैं.”

“पहले हम दोनो चलते हैं वाहा…बाद मैं प़ड़्‍मिनी को ले जाएँगे…क्या कहते हो” मोहित ने कहा.

“ठीक है चलो फिर अभी इंतेज़ार किश बात का है” राजू ने कहा.

कुछ ही देर बाद मोहित और राजू बाएक पर सवार हो कर परवीन के घर की तरफ जा रहे थे.

“ये रहा घर पर कोई दीखाई नही दे रहा.” मोहित ने कहा.

“बेल बजाते हैं घर की देखते हैं कौन बाहर आता है” राजू ने कहा.

“देख लो कही कोई फ़ज़ीहत हो जाए” मोहित ने कहा.

“सब इनस्पेक्टर तुम्हारे साथ है गुरु चिंता क्यों कर रहे हो”

“तुम साथ हो तभी तो चिंता है” मोहित ने कहा.

“गुरु ऐसा क्यों बोल रहे हो”

“अरे मज़ाक कर रहा हूँ चल बेल माराते हैं.”

मोहित घर की बेल बजाता है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है.

“आप यहा!” मोहित के मूह से निकल गया.

राजू भी उष लड़की को देख कर हैरान रह गया.

“ये मेरा घर है तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?”

“लगता है हम ग़लत अड्रेस पर आ गये हमें लगा ये परवीन का घर है” मोहित ने कहा.

” मेरे बड़े भाई हैं वो अभी सहर से बाहर गये हैं, बोलिए क्या काम है”

“छोड़िए हमें उनसे ही काम था…हम फिर कभी मिल लेंगे” मोहित ने कहा.

“जैसी आपकी मर्ज़ी…छाए पानी कुछ लेंगे” लड़की ने कहा.

“पहले हमें अंदर तो बुला लीजिए यहा खड़े-खड़े छाए पीना अजीब लगेगा” राजू ने कहा.

“ओह ई आम सो सॉरी…प्लीज़ कम इन” लड़की ने कहा.

मोहित ने अंदर आते हुवे राजू की पीठ थपथपाई.

“प्लीज़ हॅव सीट…मैं अभी छाए लाती हूँ” लड़की ने कहा.

“ये तस्वीर किश की है” राजू ने कहा.

“अजीब बात है आप लोग भैया से मिलने आए हैं और उनकी तस्वीर नही पहचानते.” लड़की ने कहा.

“ये परवीन को नही जानता…मैं जानता हूँ…ये तो बस मेरे साथ आया है” मोहित ने बात संभालने की कोशिस की.

“ह्म ठीक है मैं छाए लाती हूँ”

“तूने पहचाना की नही ये वही लड़की है जीशकि वो लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था” मोहित ने कहा.

“पहचान लिया गुरु…ऐसा करते हैं ये फोटो ले चलते हैं…प़ड़्‍मिनी जी को यही दीखा देंगे…क्या बोलते हो” राजू ने धीरे से कहा.

“आआययईीीई शू शू हटो यहा से” किचन से आवाज़ आई.

“शायद कोई चूहा या कॉकरोच परेशान कर रहा है लड़की को मैं देख कर आता हूँ” मोहित ने कहा.

“ठीक है जाओ मैं ये तस्वीर ठीकाने लगाता हूँ” राजू ने कहा.

मोहित जब किचन में आया तो उसने देखा की वो लड़की चीनी का डब्बा उतने की कोशिस कर रही है पर दर रही है क्योंकि उष पर एक मोटा सा कॉकरोच बैठा है.

“हा..हा..हे…हे.” मोहित हासने लगा.

लड़की ने मूड कर देखा और बोली, “आपको हासने की बजाय मेरी मदद करनी चाहिए”

“ओह सॉरी” मोहित ने कहा और लड़की के पीछे आ कर सात गया. मोहित का लंड अंजाने में ही उष लड़की की गान्ड से टकरा गया और उसमे हरकत होने लगी. अगले ही पल वो मोहित की पेंट में तन चुका था.

मोहित ने हाथ के झटके से कॉकरोच को हटा दिया. कॉकरोच भाग कर कही चुप गया.

“लीजिए हो गयी आपकी मदद वैसे आपका नाम क्या है?” मोहित ने पूछा.

“संगीता” लड़की ने जवाब दिया.

मोहित ने अपने तने हुवे लंड को संगीता की गान्ड पर अच्छे से सटा दिया और बोला, “बहुत अछा नाम है, बहुत प्यारा”

संगीता को मोहित का लंड अपनी गान्ड की गहराई तक महसूस हो रहा था और वो सिहर रही थी.

“आप बैठिए मैं छाए लाती हूँ” संगीता ने कहा.

“छाए भी पे लेंगे…आपको कैसा लग रहा है अभी” मोहित ने पूछा.

“क्या मतलब?”

“मतलब की वो कॉकरोच भगा दिया मैने…अब कैसा लग रहा है”

“अछा लग रहा है” संगीता ने कहा.

“अगर थोड़ा झुक जाओ तो और भी अछा लगेगा” मोहित ने कहा.

“आपका दोस्त बाहर छाए की इंतेज़ार कर रहा होगा” संगीता ने कहा.

“कोई बात नही छाए तो उसे मिल ही जाएगी…तुम नाडा खोल कर झुक जाओ” मोहित ने कहा.

“मैं तुम्हे जानती तक नही” संगीता ने कहा.

“हमारी दूसरी मुलाकात है ये…हमने ही बचाया था तुम दोनो लड़कियो को उष दिन”

“जानती हूँ पर इश्का मतलब ये तो नही की मैं कुछ भी कर लॅंड तुम्हारे साथ.” संगीता ने कहा.

मोहित ने संगीता की गान्ड पर हल्के हल्के धक्के मारने शुरू कर दिए.

“आहह क्या कर रहे हो” संगीता ने कहा.

“अब तुम झुक नही रही हो तो सोचा की यू ही मज़े ले लू”

संगीता को मोहित का लंड अपनी गान्ड की दरार पर महसूस हो रहा था.

“ह्म यही ठीक है तब तक मैं छाए बनाती हूँ” संगीता ने कहा.

मोहित ने संगीता के आगे हाथ करके उशके नाडे को पकड़ लिया और बोला, ““काट दिया फोन क्यों क्या हुवा…अब मैं पुलिस वाला हूँ कोई भी ऐरा ग़ैरा मुझसे ऐसे ही कुछ भी नही बोल सकता.”

राजू उष बेडरूम से निकल कर घर के पीछे की तरफ चल दिया.

“अफ कितनी बेरहमी से मारा है कामीने ने.” राजू ने अपनी आँखे बंद कर ली.

“क्यों बरखुरदार चुत गये पसीने..हे..हे.” चौहान हासने लगा.

“सिर आपको ये सब देखने की आदत हो गयी होगी मैं तो पहली बार देख रहा हूँ”

“कोई बात नही तुम्हे भी आदत हो जाएगी…कुछ मिला उष कमरे में?”

“हन सिर ये शोन की चैन मिली है” राजू ने कहा.

राजू ने फोन वाली बात भी चौहान को बता दी.

“नाम तो पूछ लेते उष्का.”

“मैं पूछे ही वाला था पर फोन काट दिया उसने.”

“ह्म कोई बात नही उशके नंबर से उशके घर का पता चल ही जाएगा” चौहान ने कहा.

“सिर आपको क्या लगता है ये सब खून क्या कोई औरात कर सकती है” राजू ने चौहान का व्यू लेने के लिए पूछा.

“क्यों नही…आज कल कोई भी कुछ भी कर सकता है…ईसणे देखा था ना उसे अपनी आँखो से” चौहान ने कहा.

“हन पर मुझे वो लड़की कातिल नही लगती” राजू ने कहा.

“तुम्हे क्या लगता है उष से फराक नही पड़ता बरखुरदार यहा सब सबूत बोलते हैं” चौहान ने कहा.

चौहान ने एक कॉन्स्टेबल को आवाज़ दी, “इनको पोस्ट मोर्टें के लिए भेज दो”

“जी सिर” कॉन्स्टेबल ने कहा.

“चलो बरखुरदार यहा का काम हो गया.”

“अभी कहा जाना है सिर”

“पहले थाने चलते है…बाद में सोचेंगे आगे क्या करना है”

चौहान राजू को जीप में ले कर पुलिस स्टेशन की तरफ निकल देता है.

“सिर एक बात पूछनी थी आपसे बुरा ना माने तो”

“हन-हन पूछो क्या बात है?”

“कल मैने आपको इशी जीप में देखा था आप किसी लड़की को सड़क पर उतार कर आगे बढ़ गये …वो लड़की कौन थी?”

“क्यों तेरा दिल आ गया क्या उष पर?”

“नही सिर मैने उसे कही देखा है…इश्लीए पूछ रहा था.” राजू ने कहा.

“एस्कॉर्ट थी वो…होटेल में पकड़ी थी मैने. बहुत शुनदर थी इश्लीए मैने भी हाथ मार लिया. मैने औ
परवीन ने मिलके ड्प किया साली का. सारे नखरे उतार दिए उशके. एक बात समझ लो इसे नौकरी में तुम्हे एक से बढ़ कर एक आइटम मिलेगी. पर सोच समझ कर खेलना फँस भी सकते हो. आजकल मीडीया बहुत पीछे पड़ी रहती है.”

चौहान की बात शन कर राजू का दिल बैठ गया.

“पूजा के साथ इतना कुछ हो गया…किश चक्कर में फँस गयी थी ये पूजा…कुछ समझ नही आ रहा.” राजू ने सोचा.

“क्या हुवा बरखुरदार किश सोच में डूब गये.”

“कुछ नही सिर बस यू ही.” राजू ने कहा.

राजू को पूजा के बड़े में शन कर बहुत बुरा लगा. उसे यकीन नही हो रहा था की उशके जैसी लड़की ऐसे चक्करो में फँस जाएगी.

“ज़रूर कोई मज़बूरी रही होगी पूजा की” राजू ने सोचा.

…………………………….

मोनिका टीवी ऑन करके उशके सामने खड़ी हुई आँखे फाडे न्यूज़ देख रही है.

“ओह माई गोद सुरिंदर तो सच में मारा गया…वो दोनो पुलिस वाले भी नही बचे…अगर मैं थोड़ी देर वाहा रुकती तो शायद मेरा भी यही हसार होता….क्या हो रहा है ये इसे सहर में”

संजय पीछे से आकर मोनिका को बाहों में भर लेता है और कहता है, “क्या बात है डार्लिंग इतनी परेशान सी क्यों लग रही हो….और ये कैसी न्यूज़ लगा न्यू एअर है”

“त…तुम उठ गये” मोनिका ने कहा.

“मैं तो कब से उठा हूँ…तुम बिस्तर से गायब थी”

“मैं नहा धो कर पूजा कराती हूँ आजकल इश्लीए जल्दी उठ जाती हूँ”

“ह्म तभी ये भीनी भीनी खुशबु आ रही है…आओ थोड़ी मस्ती हो जाए.”

“मेरा मूड ठीक नही है बाद में”

“मेरी बीवी के नखरे रोज बढ़ते जा रहे हैं कही किसी और से तो दिल नही लगा लिया”

“क…क…कैसी बाते करते हो संजय…तुम्हारे शिवा मैं किसी को प्यार नही कर सकती.”

“सच कह रही हो?”

“और नही तो क्या?”

संजय ने मोनिका को बाहों में उठाया और बेडरूम की तरफ चल दिया.

“आज तुम्हारे नखरे नही चलेंगे, ई विल फक यू हार्ड और फास्ट”

“अफ समझा करो संजय अभी मेरा मूड ऑफ है”

“लंड घुस्सते ही मूड ठीक हो जाएगा चिंता मत करो. ऐसे मूड को ठीक करने के लिए ही बनाया गया है ये इंजेक्षन.”
संजय मोनिका को बेडरूम में ले आया.

“तुमने ये नही बताया की तुम वक्त से पहले कैसे पहुँच गये. ट्रेन तो अक्सर लाते हो जाती है तुम तो एक घंटा पहले ही घर भी पहुँच गये.” मोनिका ने कहा.

“तुम्हे उष से क्या आ तो गया ना टाइम से घर…अब मूड खराब मत करो….ई नींद आ नाइस फक नाउ.”

मोनिका के दीमाग में अभी भी सुरिंदर के ख्याल घूम रहे थे..”अफ कही मैं ना किसी मुसीबत में फँस जौन. मेरा नंबर भी पुलिस के पास चला गया…पुलिस ज़रूर यहा भी आएगी अब क्या करूँ….आअहह धीरे से” इधर मोनिका ये सब सोच रही थी उधर संजय उशके बड़े-बड़े बूब्स मसल रहा था.

“क्या हो गया तुम्हे आज…तुम्हे तो ये अछा लगता था.”

“तुमने ज़रा ज़ोर से दबा दिए थे.”

“अछा ऐसी बात है…चलो अब आराम से दब्वँगा तुम अपना मूड ठीक कर लो बस.”

“तुम मुझे बस 5 मिनिट दो मैं अभी आती हूँ.” मोनिका ने कहा.

“अब क्या हुवा तुम्हे?” संजय ने कहा.

“बस डार्लिंग अभी आई…फिर आराम से करेंगे.”

“ठीक है जल्दी करो जो करना है…ई नींद तो फक अट अन्य कॉस्ट.”

“यू विल फक मे जस्ट इंतेज़ार आ मिनिट.” मोनिका ने कहा.

मोनिका भाग कर बाहर आई और अपने मोबाइल को अपने पर्स में से निकाल कर अपने घर की चाट की तरफ भागी. चाट पर आ कर उसने मोबाइल को ऑफ करके सिम सहित घर के पीछे फैले जंगल में फेंक दिया. “अब पुलिस मुझ तक नही पहुँच सकती….ये मोबाइल भी सुरिंदर का था और सिम कार्ड भी उशी के नाम था.” मोनिका ने खुद से कहा.

मोनिका भाग कर वापिस बेडरूम में आ गयी.

“मैं आ गयी” मोनिका ने कहा.

“आ तो गयी अब ये लंड बैठ गया…शकइट और मेक इट रीडी फॉर यू”

“लो जनाब ये काम अभी किए देती हूँ” मोनिका ने कहा और संजय की टाँगो के बीच बैठ कर उशके लंड के उपर झुक गयी. मोनिका ने मूह खोल कर संजय के लंड को मूह में ले लिया.

“आआहह यू अरे आ गुड सकर” संजय कराह उठा.

“तुम आज ओरल का ही मज़ा लो….क्या कहते हो?”

“इतनी आसानी से नही बचोगी तुम…युवर होल विल बे फक्ड नाइस और हार्ड बेबी.”

मोनिका अभी भी अपने ख़यालो में उलझी थी लेकिन फिर भी वो संजय के साथ नाटक करने की पूरी कोशिस कर रही थी. नॉर्मली अब तक वो खुद ही गरम हो चुकी होती पर आज हालात कुछ और थे. उशके दीमाग की उधेड़बुन उसे परेशान किए थी. किसी तरह से वो संजय के लंड को चुस्ती रही.

“आआहह बस हो गया ये तैयार…आ जाओ अब” संजय ने कहा.

मोनिका टांगे फैला कर लाते गयी.

अरे उपर आ जाओ ना…खुद डालो अंदर” संजय ने कहा.

मोनिका संजय के उपर आ गयी और उशके लंड को पकड़ कर अपनी चुत के होल पर रख लिया. मोनिका के दीमाग में पीचली रात सुरिंदर के घर का नज़ारा घूम गे. संजय ने हल्का सा धक्का मारा और लंड मोनिका की चुत में फिसल गया.

“आअहह सुरिंदर” मोनिका के मूह से निकल गया

“क्या कहा तुमने?”

मोनिका की सिट्टी पिटी गुम हो गयी.

“क..क..कुछ नही संजय.”

“तुमने शायद सुरिंदर कहा.” संजय ने हैरात भरे लहजे में पूछा.

“हन वो न्यूज़ देख रही थी ना….कल रात जो मारा गया उष्का नाम सुरिंदर था…यू ही मूह से निकल गया. मेरे दीमाग में न्यूज़ घूम रही थी.” मोनिका ने टालने की कोशिस की.

“पर तुमने लंड के अंदर जाते ही आ भरके सुरिंदर कहा…कही कुछ गड़बड़ तो नही हा.”

“ग..गड़बड़ क्या होगी…कहा ना वैसे ही निकल गया मूह से.”

संजय ने मोनिका की गान्ड पकड़ कर उसे नीचे की और खींचा ताकि उष्का पूरा लंड मोनिका की चुत में समा जाए.

“आअहह संजय.” मोनिका कराह उठी.

“अबकी बार सही नाम लिया…सबास.” संजय ने कहा.

संजय ने मोनिका की गान्ड पकड़ कर उशके अपने उपर उछालना शुरू कर दिया. हर उछाल के साथ संजय का लंड मोनिका की चुत में अंदर बाहर होता रहा.

“आअहह संजय कीप डूयिंग इट”

“हो गया ना मूड ठीक अब. देखा ये इंजेक्षन बहुत काम का है.”

“आअहह संजय आआहह.”

संजय मोनिका को 10 मिनिट तक यू ही अपने उपर उछालता रहा.

“अब पेट के बाल लाते जाओ.”

“नही पीछे से नही”

“अनल नही करूँगा घबराओ मत चुत में डालूँगा लाते जाओ” संजय ने कहा.

मोनिका पेट के बाल लाते गयी और संजय उशके उपर लाते गया. उष्का लंड मोनिका की गान्ड पर पसार गया था.

“पक्का अनल नही करोगे ना”

“हन बाबा…ई लीके युवर पुसी मोरे तन एनितिंग एल्स.” संजय ने कहा.

संजय ने मोनिका की गान्ड थपथपाई.

“आआहह”

संजय ने मोनिका की गान्ड को फैला कर उष्की चुत तक पहुँचने का रास्ता बनाया और उष्की चुत में लंड डाल दिया.

“आआअहह संजय”

“मैं दर रहा था की कही इसे बार भी किसी और का नाम ना ले दो”

“बार बार ऐसी ग़लती थोड़ा करूँगी आअहह” मोनिका ने कहा.

संजय मोनिका के उपर पॅड्स पड़ा उष्की चुत में धक्के लगाता रहा.

“तीस इस फॅंटॅस्टिक फक ऊऊहह आअहह” संजय धक्के माराते हुवे बोला.

कुछ देर बाद वो निढाल हो कर मोनिका के उपर गिर गया. “यू अरे ऑल्वेज़ आ गुड फक्किंग थिंग”

“क्या मतलब?” मोनिका ने पूछा.

“हर बार तुम्हारे साथ अलग ही मज़ा आता है.” संजय ने कहा.

………………………………………………………………………….

“विजय कुछ पता चला किशका नंबर है वो.” चौहान ने पूछा. राजू भी पास में ही बैठा था.

“सिर वो नंबर भी सुरिंदर का ही था….मोबाइल ट्रेस किया पर वो जंगल में पड़ा मिला.”

“तुम्हे फ़ौरन फोन मुझे देना चाहिए था ईडियट.” चौहान राजू की तरफ देख कर झल्ला कर बोला.

“सॉरी सिर आगे से ध्यान रखूँगा.”

“ये बात उष कयामत को ना पता चले वरना मेरी खाट खड़ी कर देगी वो.” चौहान ने कहा.

“सिर मैं ज़ाऊ अब?” राजू ने कहा.

“पुलिस की नौकरी चौबीस घंटे की होती है बरखुरदार कहा जाने की सोच रहे हो” चौहान ने कहा.

“सिर आज पहला दिन है…घर पर थोड़ा सेलेब्रेट भी कर लॅंड वरना आस पड़ोस के लोग नाराज़ हो जाएँगे”

“ठीक है आज तो जाओ कल से जल्दी जाने की सोचना भी मत” चौहान ने कहा.

राजू गहरी साँस ले कर चुपचाप वाहा से निकल लिया.

“अफ ये चौहान ही मिला था मेडम को मुझे ट्रेन करने के लिए” राजू ने सोचा.

राजू सीधा मोहित के कमरे पर गया. उसने दरवाजा खड़क्या. प़ड़्‍मिनी ने दरवाजा खोला.

“आप यहा अकेली हैं गुरु कहा है” राजू ने पूछा.

“मोहित मेरे लिए कुछ कपड़े लेने गया है.”

“अरे मैं भी सोच ही रहा था की आप कब तक इन कपड़ो में रहेंगी”

“राजू मुझे घर जाना है क्या कुछ हो सकता है.” प़ड़्‍मिनी ने पूछा.

“ह्म आप चिंता मत करो मैं खुद ले कर जवँगा आपको आपके घर बस एक दो दिन रुक जाईए” राजू ने कहा.

प़ड़्‍मिनी मायूस हो कर बैठ गयी. तभी मोहित भी आ गया.

“गुरु ये काम अछा किया तुमने जो की प़ड़्‍मिनी जी के लिए कुछ कपड़े ले आए”

“पूजा ने ध्यान दिलाया मुझे तो खुद ख्याल नही था और ना ही प़ड़्‍मिनी ने कुछ कहा”

“प़ड़्‍मिनी जी आप ट्राइ कर लीजिए…हम बाहर जाते हैं आओ गुरु तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है” राजू ने कहा.

राजू सुरिंदर के घर की सारी घतना मोहित को शुना देता है.

“ह्म….ये साएको सच में बहुत ख़तरनाक है” मोहित ने कहा.

“हन गुरु और पूजा के बड़े में कुछ अजीब सी बात पता लगी जीश पर यकीन नही होता”

“क्या पता चला मेरी पूजा के बड़े में बताओ?”

“तुम्हारी पूजा…ये पूजा तुम्हारी कब से हो गयी गुरु” राजू ने पूछा.

“बस हो गयी तू अब उष पर लाइन मत मारना अब वो मेरी है” मोहित ने कहा.

“ये खूब रही गुरु…ये ठीक नही कर रहे तुम” राजू ने कहा.

“नगमा है ना तेरे पास पूजा का क्या आचार डालेगा” मोहित ने कहा.

“ऐसा क्या हो गया जो तुम पूजा के पीछे प़ड़ गये” राजू ने पूछा.

“मैने चॅलेंज लिया है की उसे पता कर रहूँगा.”

“हे..हे..हा..हा..क्या खूब कही….. चॅलेंज के लिए पूजा ही मिली थी…मेरी चप्पल घिस्स गयी उसे पटाने के चक्कर में…पर उसने एक बार भी घास नही डाली”

“तू बता ना क्या बतने वाला था पूजा के बड़े में” मोहित ने कहा.

राजू मोहित की चौहान की कही सारी बात बता देता है.

“ये ज़रूर ब्लॅकमेलिंग का चक्कर रहा होगा वरना पूजा ऐसी लड़की नही लगी मुझे”

“ड्प हो चुका है उशके साथ…मुझे तो खुद यकीन नही हुवा” राजू बोला.

“कुछ भी हो मैं फिर भी पूजा को पता कर ही रहूँगा.” मोहित ने कहा.

“जैसी तुम्हारी मर्ज़ी गुरु…अब दोस्ती तो नीभानी ही पड़ेगी जाओ मैं रास्ते से हट गया” राजू ने कहा.

“आबे तू रास्ते में था कब जो हटेगा…तुझे तो वो बिल्कुल पसंद नही कराती.” मोहित ने कहा.

“फिर भी मेरा त्याग याद रखना गुरु…कही भूल जाओ” राजू ने कहा.

“बिल्कुल मेरे राजू तेरा ये महान त्याग मैं हमेशा याद रखूँगा.”

दोनो हासने लगे और वापिस कमरे की तरफ मूड गये.
“कैसे लगे कपड़े प़ड़्‍मिनी?”

“ठीक हैं…क्या तुमने सोचा कुछ की आगे क्या करना है…मैं हमेशा यहा इसे कमरे में नही पड़े रहना चाहती.”

इश् से पहले की मोहित कुछ बोल पाता राजू बोल पड़ा, “गुरु ऐसा करते हैं….अड्रेस तो है ही आपके पास परवीन का…पहले कन्फर्म कर लेते हैं की वही साएको किल्लर है, फिर आगे मैं सब संभाल लूँगा. जो इनस्पेक्टर इसे केस को हॅंडल कर रहा है उशी के साथ हूँ मैं.”

“पहले हम दोनो चलते हैं वाहा…बाद मैं प़ड़्‍मिनी को ले जाएँगे…क्या कहते हो” मोहित ने कहा.

“ठीक है चलो फिर अभी इंतेज़ार किश बात का है” राजू ने कहा.

कुछ ही देर बाद मोहित और राजू बाएक पर सवार हो कर परवीन के घर की तरफ जा रहे थे.

“ये रहा घर पर कोई दीखाई नही दे रहा.” मोहित ने कहा.

“बेल बजाते हैं घर की देखते हैं कौन बाहर आता है” राजू ने कहा.

“देख लो कही कोई फ़ज़ीहत हो जाए” मोहित ने कहा.

“सब इनस्पेक्टर तुम्हारे साथ है गुरु चिंता क्यों कर रहे हो”

“तुम साथ हो तभी तो चिंता है” मोहित ने कहा.

“गुरु ऐसा क्यों बोल रहे हो”

“अरे मज़ाक कर रहा हूँ चल बेल माराते हैं.”

मोहित घर की बेल बजाता है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है.

“आप यहा!” मोहित के मूह से निकल गया.

राजू भी उष लड़की को देख कर हैरान रह गया.

“ये मेरा घर है तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?”

“लगता है हम ग़लत अड्रेस पर आ गये हमें लगा ये परवीन का घर है” मोहित ने कहा.

” मेरे बड़े भाई हैं वो अभी सहर से बाहर गये हैं, बोलिए क्या काम है”

“छोड़िए हमें उनसे ही काम था…हम फिर कभी मिल लेंगे” मोहित ने कहा.

“जैसी आपकी मर्ज़ी…छाए पानी कुछ लेंगे” लड़की ने कहा.

“पहले हमें अंदर तो बुला लीजिए यहा खड़े-खड़े छाए पीना अजीब लगेगा” राजू ने कहा.

“ओह ई आम सो सॉरी…प्लीज़ कम इन” लड़की ने कहा.

मोहित ने अंदर आते हुवे राजू की पीठ थपथपाई.

“प्लीज़ हॅव सीट…मैं अभी छाए लाती हूँ” लड़की ने कहा.

“ये तस्वीर किश की है” राजू ने कहा.

“अजीब बात है आप लोग भैया से मिलने आए हैं और उनकी तस्वीर नही पहचानते.” लड़की ने कहा.

“ये परवीन को नही जानता…मैं जानता हूँ…ये तो बस मेरे साथ आया है” मोहित ने बात संभालने की कोशिस की.

“ह्म ठीक है मैं छाए लाती हूँ”

“तूने पहचाना की नही ये वही लड़की है जीशकि वो लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था” मोहित ने कहा.

“पहचान लिया गुरु…ऐसा करते हैं ये फोटो ले चलते हैं…प़ड़्‍मिनी जी को यही दीखा देंगे…क्या बोलते हो” राजू ने धीरे से कहा.

“आआययईीीई शू शू हटो यहा से” किचन से आवाज़ आई.

“शायद कोई चूहा या कॉकरोच परेशान कर रहा है लड़की को मैं देख कर आता हूँ” मोहित ने कहा.

“ठीक है जाओ मैं ये तस्वीर ठीकाने लगाता हूँ” राजू ने कहा.

मोहित जब किचन में आया तो उसने देखा की वो लड़की चीनी का डब्बा उतने की कोशिस कर रही है पर दर रही है क्योंकि उष पर एक मोटा सा कॉकरोच बैठा है.

“हा..हा..हे…हे.” मोहित हासने लगा.

लड़की ने मूड कर देखा और बोली, “आपको हासने की बजाय मेरी मदद करनी चाहिए”

“ओह सॉरी” मोहित ने कहा और लड़की के पीछे आ कर सात गया. मोहित का लंड अंजाने में ही उष लड़की की गान्ड से टकरा गया और उसमे हरकत होने लगी. अगले ही पल वो मोहित की पेंट में तन चुका था.

मोहित ने हाथ के झटके से कॉकरोच को हटा दिया. कॉकरोच भाग कर कही चुप गया.

“लीजिए हो गयी आपकी मदद वैसे आपका नाम क्या है?” मोहित ने पूछा.

“संगीता” लड़की ने जवाब दिया.

मोहित ने अपने तने हुवे लंड को संगीता की गान्ड पर अच्छे से सटा दिया और बोला, “बहुत अछा नाम है, बहुत प्यारा”

संगीता को मोहित का लंड अपनी गान्ड की गहराई तक महसूस हो रहा था और वो सिहर रही थी.

“आप बैठिए मैं छाए लाती हूँ” संगीता ने कहा.

“छाए भी पे लेंगे…आपको कैसा लग रहा है अभी” मोहित ने पूछा.

“क्या मतलब?”

“मतलब की वो कॉकरोच भगा दिया मैने…अब कैसा लग रहा है”

“अछा लग रहा है” संगीता ने कहा.

“अगर थोड़ा झुक जाओ तो और भी अछा लगेगा” मोहित ने कहा.

“आपका दोस्त बाहर छाए की इंतेज़ार कर रहा होगा” संगीता ने कहा.

“कोई बात नही छाए तो उसे मिल ही जाएगी…तुम नाडा खोल कर झुक जाओ” मोहित ने कहा.

“मैं तुम्हे जानती तक नही” संगीता ने कहा.

“हमारी दूसरी मुलाकात है ये…हमने ही बचाया था तुम दोनो लड़कियो को उष दिन”

“जानती हूँ पर इश्का मतलब ये तो नही की मैं कुछ भी कर लॅंड तुम्हारे साथ.” संगीता ने कहा.

मोहित ने संगीता की गान्ड पर हल्के हल्के धक्के मारने शुरू कर दिए.

“आहह क्या कर रहे हो” संगीता ने कहा.

“अब तुम झुक नही रही हो तो सोचा की यू ही मज़े ले लू”

संगीता को मोहित का लंड अपनी गान्ड की दरार पर महसूस हो रहा था.

“ह्म यही ठीक है तब तक मैं छाए बनाती हूँ” संगीता ने कहा.

मोहित ने संगीता के आगे हाथ करके उशके नाडे को पकड़ लिया और बोला, “जब मज़े ही लेने हैं तो क्यों ना अच्छे से लिए जायें”

“नही तुम्हारा दोस्त आ जाएगा रूको” संगीता गिड़गिडाई.

मोहित ने एक झटके में संगीता का नाडा खोल दिया और उष्की सलवार नीचे सरका दी. उसने कोई पँति नही पहनी थी इश्लीए अब उष्की नंगी गान्ड मोहित की आँखो के सामने थी.

“बहुत शुनदर गान्ड है आपकी” मोहित ने कहा.

“धीरे बोलिए…आपके दोस्त से शन लिया तो”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 18जब मज़े ही लेने हैं तो क्यों ना अच्छे से लिए जायें”

“नही तुम्हारा दोस्त आ जाएगा रूको” संगीता गिड़गिडाई.

मोहित ने एक झटके में संगीता का नाडा खोल दिया और उष्की सलवार नीचे सरका दी. उसने कोई पँति नही पहनी थी इश्लीए अब उष्की नंगी गान्ड मोहित की आँखो के सामने थी.

“बहुत शुनदर गान्ड है आपकी” मोहित ने कहा.

“धीरे बोलिए…आपके दोस्त से शन लिया तो”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 18

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 22 Sep 2015 11:30

“शन लेने तो आपकी तारीफ़ ही तो कर रहा हूँ” मोहित ने कहा.

मोहित ने संगीता की चुत में उंगली डाल दी.

“आअहह क्या डाल दिया तुमने.” संगीता कराह उठी.

“उंगली डाली है बस अभी…तुम तो एकदम तैयार हो…खूब चिकनी हो न्यू एअर है तुम्हारी चुत.”

मोहित ने अपनी ज़िप खोली और अपने लंड को संगीता की नंगी गान्ड पर रगड़ने लगा.

संगीता को अपनी गान्ड पर बहुत भारी भरकम चीज़ महसूस हो रही थी. उष से रहा नही गया और उसने पीछे मूड कर मोहित के लंड पर नज़र डाली.

“ओह माई गोद इट्स सो बिग” संगीता ने कहा.

“पसंद आया क्या?” मोहित ने पूछा.

“मैने अब तक ऐसा पॉर्न मूवीस में ही देखा है” संगीता ने कहा.

“ह्म तो हक़ीकत में देख कर कैसा लग रहा है” मोहित ने कहा.

“मुझे दर लग रहा है”

“हे..हे..हा..हा..अछा मज़ाक कर लेती हो चलो झुक जाओ” मोहित ने कहा.

“मैं मज़ाक नही कर रही”

“डरो मत संगीता थोड़ा झुक जाओ….. कुछ नही होगा ट्रस्ट मे.”

“तुम्हारा दोस्त आ गया तो” संगीता ने कहा.

“वो नही आएगा तुम चिंता मत करो झुक जाओ” मोहित ने कहा.

संगीता मोहित के आगे किचन की स्लॅब का सहारा ले कर झुक गयी. मोहित ने देर ना करते हुवे फ़ौरन अपना लंड उष्की चुत के होल पर रख दिया.

“अपनी टांगे खोल लो… लेने में आसानी होगी” मोहित ने कहा.

संगीता ने अपनी टांगे खोल ली और मोहित ने ज़ोर से अपने लंड को पुश किया.

“आआययईीीईईई मार गयी….तीस इस टू बिग फॉर मे” संगीता कराह उठी.

संगीता की आवाज़ राजू को भी शुनाई दी.

“लगता है गुरु हो गया शुरू और मुझे खबर तक नही की” राजू ने कहा.

“टू बिग…हा..हा…हे…हे.” मोहित हासने लगा.

“तुम बात-बात पर हंसते क्यों हो मैं क्या मज़ाक कर रही हू क्या तुम्हे नही पता की तुम्हारा कुछ ज़्यादा ही बड़ा है” संगीता ने कहा.

“मुझे पता है ये बड़ा है….वैसे ही तुम्हारी बात पर हंस रहा था आअहह” मोहित ने बात करते करते पूरा का पूरा लंड संगीता की चुत में उतार दिया.

“उूउऊयययययीीई मा क्या अभी और भी बचा है.” संगीता ने कहा.

“नही बस घुस्स गया पूरा…नाउ ई आम रीडी तो स्मॅश युवर पुसी” मोहित ने कहा.

“अभी तक क्या कर रहे थे….मी पुसी इस स्मॅश्ड ऑलरीडी आहह”

“अभी तो शुरूवात है संगीता जी बहुत ज़ोर-ज़ोर से मारने वाला हूँ मैं आपकी”

“आअहह ऐसा मत कहो मुझ दर लग रहा है….उउउहह” संगीता कराहते हुवे बोली.

मोहित ने संगीता की चुत में लंड के धक्को की बरसात शुरू कर दी. संगीता की गान्ड को पकड़ कर वो बार-बार अपने मोटे लंड को संगीता की चुत में ढकैयल रहा था.

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 22 Sep 2015 11:30

राजू से रहा नही गया और वो उठ कर किचन की और चल दिया. पर किचन के अंदर का नज़ारा देख कर वो दरवाजे पर ही रुक गया.

संगीता ने राजू को देख लिया पर वो मोहित के धक्को में इतना खोई थी की कुछ देर कुछ नही बोल पाई. अचानक वो बोली, “आअहह तुम्हारा दोस्त देख रहा है….उउउहह हटो”

“देख लेने दो बेचारे को ईसणे आज तक ब्लू फिल्म नही देखी” मोहित ने राजू की तरफ आँख मार कर कहा.

राजू ने मोहित की तरफ थंब्स-उप का इशारा किया और बोला, “लगे रहो गुरु”

“इश् से कहो बीच में बोले मत मुझे वैसे ही शरम आ रही है आआहह हो सके तो इशे यहा से भेज दो” संगीता ने कहा.

“मूवी देखनी है तो चुपचाप देखो शोर क्यों मचाते हो” मोहित ने राजू को फिर से आँख मार कर कहा.

राजू ने अपने मूह पर उंगली रख ली. संगीता ने उष्की तरफ देखा तो उसने गर्दन हिला कर इशारे में पूछा, ‘अब ठीक है‚

“स्टुपिड कही का आआहह” संगीता बड़बड़ाई.

मोहित लगातार संगीता की चुत मारे जा रहा था और राजू खड़ा खड़ा खूब तमासा देख रहा था.

“आआहह फिनिश इट उप आआअहह” संगीता कराहते हुवे बोली.

“अभी तो शुरूवात हुई है संगीता जी….आअहह” मोहित ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को पुश करते हुवे बोला.

“नहियीईई….आआआहह ई आम कमिंग” संगीता ने पहला ऑर्गॅज़म महसूस किया.

“लगता है खूब मज़े ले रही हो…आअहह” मोहित ने कहा.

“उुउऊहह आअहह ओह … फक” संगीता ने कहा.

मोहित के धक्को की बढ़ता अचानक बढ़ती चली गयी और बढ़ता बढ़ते ही संगीता ने सीरीस ऑफ ऑर्गॅज़म को महसूस किया. मोहित ने अचानक संगीता की गान्ड को ज़ोर से जाकड़ लिया और बहुत तेज धक्के माराते हुवे उसने अपना पानी संगीता की चुत की गहराई में छोड़ दिया.

“आआहह इट वाज़ आ फॅंटॅस्टिक फक उऊहह” मोहित ने संगीता की गान्ड को मसालते हुवे कहा.

मोहित कुछ देर तक यू ही संगीता की चुत में लंड डाले खड़ा रहा और राजू उन दाओनो को आँखे फाडे देखता रहा.

राजू सोच रहा था, “मेरा नंबर कब आएगा.”

जब संगीता का नशा उतरा तो उसे अहसास हुवा की वो किश हालत में है. मोहित अभी भी उष्की गान्ड पकड़े खड़ा था और उष्का लंड किसी तरह से अभी भी संगीता की चुत में टीका हुवा था. राजू दरवाजे पर खड़ा मुश्कुरा रहा था.

“फिर कभी कॉकरोच सटाए तो मुझे तुरंत कॉल करना मैं उष्की हड्डी पसली एक कर दूँगा” मोहित ने कहा.

“तुमने अभी तो उष कॉकरोच को जाने दिया और मेरी हड्डी पसली एक कर दी…ना बाबा ना ऐसी मदद नही चाहिए मुझे” संगीता ने कहा.

कॉकरोच भी जैसे सब शन रहा था. ना जाने कहा से निकला और फुर्ती से वापिस चीनी के डिब्बे पर चढ़ गया.

“अरे ये तो फिर से आ गया…शुउऊ शुउ” संगीता बोली.

“इश् बार मैं मदद करूँगा…ये कॉकरोच बहुत शातिर है” राजू ने कहा.

मोहित ने धीरे से संगीता की चुत से लंड बाहर खींच लिया और बोला,”हन-हन तुम सम्भालो आबिश कॉकरोच को”

जैसे ही मोहित ने लंड बाहर निकाला संगीता ने अपनी सलवार उपर करके नाडा बाँध लिया.

“अरे ये क्या गजब कर रही हैं आप रहने दीजिए ना ये सलवार नीचे मेरी मदद भी तो देख लीजिए” राजू ने कहा.

“लगता है ये कॉकरोच तुम डन के साथ है…आज तक मैने इशे यहा नही देखा…जो भी हो अब ये नही बचेगा.” संगीता ने अपने हाथ में अपनी चप्पल ले कर कहा.

संगीता ने कॉकरोच पर वार किया पर शराराती कॉकरोच चप्पल लगने से पहले ही वाहा से रफू चक्कर हो गया. वो स्लॅब के नीचे कही घुस्स गया. संगीता हाथ में चप्पल लिए स्लॅब के आगे झुक कर कोक्करोआक्क को ढूँडने लगी.

“अफ क्या मजेदार झुकी है…इशी पोज़िशन में बस सलवार नीचे कर ले तो मज़ा आ जाए.” राजू ने मन ही मन कहा.

राजू संगीता की गान्ड पर अपना ठाना हुवा लंड लगा कर सात गया और बोला,”मैं कुछ मदद करूँ”

“जी नही आपके दोस्त ने बहुत मदद कर ली हट जाओ मेरे पीछे से.” संगीता ने कहा.

मोहित ने राजू को पकड़ा और उसे खींच कर संगीता के पीछे से हटाया और उशके कान में बोला,”तुझे नही देगी ये चल निकलते हैं यहा से कही कुछ गड़बड़ हो जाए”

“गुरु प्लीज़ थोड़ा ट्राइ तो करने दो…तुम्हे मिल गयी तो मुझे भी मिल सकती है” राजू ने कहा.

“तुम दोनो अब जाओ यहा से…भैया वापिस आएँगे तो उन्हे मेसेज दे दूँगी अपना नाम और मोबाइल नो बता दो.” संगीता ने कहा.

“इश्का मतलब हमें छाए नही मिलने वाली” राजू ने कहा.

संगीता ने गहरी साँस ली और बोली,”ठीक है बैठो 2 मिनिट अभी लाती हूँ छाए”

“मैं आपके हाथो की छाए पे कर ही जवँगा” राजू ने कहा और मोहित के साथ बाहर आ गया.

संगीता कुछ ही देर में छाए ले आई.

“मैं आपको कॉकरोच को हॅंडल करने का बहुत अछा तरीका बताता हूँ” राजू ने कहा.

“हन बोलो क्या है?”

“जैसे ही आपको कॉकरोच दीखे उसे आप पकड़ लीजिए. अब उसे फार्स पर पीठ के बाल लेता दीजिए. फिर आप उंगली से उशके पेट में गुदगुदी कीजिए. कॉकरोच हँसे बिना नही रह पाएगा देर साहबेर मूह खोलेगा ही. जैसे ही वो हँसने के लिए मूह खोले उशके मूह में फिनायल डाल दीजिए…वो तुरंत ढेर हो जाएगा.”

“हा..हा..हा…हे..हे…क्या तरीका है…वाह मन गये.” संगीता लॉट पोत हो गयी.

“बहुत आजमाया हुवा तरीका है आप कहें तो अभी करके दीखा डू” राजू ने कहा.

“रहने दीजिए वो कॉकरोच बहुत शातिर है…बहुत अच्छे से जानती हूँ मैं उशे”

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