तड़पति जवानी

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rajaarkey
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Re: तड़पति जवानी

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 09:29


एक दूसरे का पानी सॉफ करने के बाद मनीष ने मुझे किस करते हुए ही बेड पर लेटा दिया और मेरे बगल मे ही लेट गये. थोड़ी देर यूँ ही लेटे रहने के बाद जब हम दोनो कुछ नॉर्मल हुए तो मनीष ने वापस मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया और मेरे उपर चढ़ गये. मनीष का लिंग मुझे मेरे थाइस पर महसूस हो रहा था. उन्होने मेरे होंठो को छ्चोड़ कर एक हाथ से मेरे उरोज को पकड़ कर उसको दबाना शुरू कर दिया. और दूसरे उरोज को अपने मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया.

मनीष के यूँ लगातार 15-20 मिनट तक मेरे उरोजो को चूसने से मैं एक बार फिर से उत्तेजना के असीम सागर मे गोते खाने लगी थी.

मनीष- “निशा मेरी जान तुम बोहोत खूबसूरत हो दिल ही नही भरता तुम से.. जान प्लीज़ आज मेरे इस को चूसो ना. तुम्हे भी बोहोत मज़ा आएगा” मनीष ने अपने लिंग को हाथ मे लेकर उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा.

मैं तो कब से मनीष के लिंग को चूसने की सोच रही थी पर पहल करने से डर रही थी कि पता नही मनीष क्या सोचेगे. यही सब मेरे दिमाग़ मे चल रहा था. मुझे यूँ सोच मे खोया हुआ देख कर मनीष ने कहा “ ओके ठीक है कोई बात नही तुम्हे नही पसंद तो कोई ज़बरदस्ती नही है” कह कर मनीष ने मुस्कुरा दिया.

मैने बिना कुछ बोले हुए ही मनीष के लिंग को अपने हाथ मे ले लिया. मनीष मेरे दूसरी तरफ लेटे हुए थे. मनीष को लिंग को जो हल्का हल्का खड़ा हुआ था मेरे हाथ लगते ही झटके लेटा हुआ खड़ा होने लगा और देखते ही देखते सख़्त हो कर एक दम किसी रोड के जैसा सख़्त हो गया. मैने मनीष के लिंग को हाथ मे पकड़ कर लिंग का सूपड़ा अपने मुँह मे ले लिया. मुँह के अंदर लिंग का सूपड़ा जाते ही मुझे बड़ा अजीब लगा एक बार तो ऐसा लगा कि मुझे उल्टी ना हो जाए. और मैने फॉरन मनीष के लिंग को अपने मुँह से निकाल दिया.

“क्या हुआ ? अच्छा नही लगा क्या ?” मनीष ने मेरे चेहरे पर आए उलझन के भाव को देखते हुए कहा.

“नही कुछ नही मैं ठीक हू. बस थोड़ा अजीब सा लग रहा था” मैने अपने मन की बात मनीष को बता दी.

“जान शुरू शुरू मे अजीब ही लगता है पर बाद मे मज़ा आने लग जाता है.” मनीष ने मेरे सर पर प्यार से हाथ फिराते हुए कहा.

मैने दोबारा से अपने उपर कंट्रोल करते हुए मनीष के लिंग को मुँह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी देर तक तो अजीब लगा पर धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लगा. मैने मनीष के लिंग के आराम-आराम से चूस रही थी और एक हाथ से उसके टटटे को भी सहलाने लगी. मैं मनीष के लिंग के सूपदे को चूस्ते हुए बीच बीच मे काट लेती थी जिस कारण मनीष के मुँह से मस्ती भरी “आआअहह” की आवाज़ निकल जाती. अब मुझे लिंग चूसने मे बड़ा मज़ा आने लग गया था. और मैं तेज़ी के साथ मनीष के लिंग को चूसे जा रही थी. मनीष ने भी अपने हाथो को मेरे उरोज पर रख दिया और एक उरोज को हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया. मनीष का लिंग मेरे मूह मे अंदर बाहर हो रहा था और यहाँ तक कि मैं बीच बीच मे उसके टॅटू को भी चूस जया करती मज़े मज़े मे. बात नही तुम्हे नही पसंद तो कोई ज़बरदस्ती नही है"आर रही थी कि पता नही मनीष क्या सोचेगे. यही आएग

थोड़ी देर तक मैं यूँ ही मनीष के लिंग और उसके टॅटू को चुस्ती रही चाट’ती रही फिर मनीष ने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी दोनो टाँगो को फैला कर मेरी योनि को देखने लगे और फिर मेरी योनि को फैला कर अपनी जीभ को उसमे डाल कर घुमाने लगा..

सस्स्सीईई….. आहहााअ सस्स्सीईई….

मनीष के जीभ को योनि पर घूमाते ही मेरे मुँह से ज़ोर-ज़ोर से सिसकारिया निकालने लग गयी और मैने मनीष के सर को अपनी योनि पर दबाने लगी. मनीष भी योनि को सक करते हुए मेरे नितंब को मज़े से दबाए जा रहे थे. पता नही मनीष को क्या सूझा और वो 69 पोज़िशन मे हो गये अब मनीष का लिंग मेरे चेहरे के ठीक सामने था और मनीष मेरी योनि पर अपना मुँह लगा कर उसको बराबर सक किए जा रहे थे. मैने भी मनीष का इशारा समझते हुए उनके लिंग को हाथ मे पकड़ कर अपने मुँह मे लेकर उसको सक करने लगी.

rajaarkey
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Re: तड़पति जवानी

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 09:30


मैं- “जानू अब नही रहा जा रहा है अपना लिंग डाल दो ना” जब मुझसे बर्दाश्त नही हुआ तो मैने मनीष को कह दिया.

मनीष- “हाँ मेरी जान… मुझसे भी अब नही रहा जा रहा है लंड बेताब हो रहा है तुम्हारी चूत मे जाने को.”

मैं- “क्यूँ तडपा रहे हो मनीष अब करना शुरू भी करो ना” मैने बैचैन होते हुए मनीष से कहा.

मनीष- “ओह्ह मेरी जान… ये ही तो मे सुनना चाह रहा था लो मेरी जान.” मनीष ने वापस मेरी टाँगो मे बीच मे बैठते हुए कहा.

मानिीश ने एक दम से अपना लिंग मेरी योनि मे डाल दिया.

आआहह मेरी मूह से दर्द और मज़े से मिली जुली आवाज़ निकली आअहह मज़ा आ गया जान करते रहो ना

मनीष ने भी अब फुल स्पीड पकड़ ली थी और तेज़ी के साथ अपने लिंग को योनि मे अंदर बाहर कर रहे थे जिस कारण मेरे मूह से सेक्सी आवाज़े बाहर आनी शुरू हो गयी.

पूरा बेड हिल रहा था लेकिन उस टाइम किस को परवाह थी इन चीज़ो की मैं तो बस चुदवाना चाहती थी. मनीष का लिंग मेरी योनि से चिपक कर अंदर बाहर हो रहा था. मनीष के साथ सेक्स करने मे जो ख़ासियत थी कि वो पूरा लिंग बाहर निकल फिर अंदर डालते है हर बार योनि मे इससे फुल मज़ा मिलता है. मनीष फुल स्पीड के साथ सेक्स कर रहे थे जिस से मेरी योनि को और मुझे फुल मज़ा आ रहा था. पूरे कमरे मे हमारी सिसकारिया की और मनीष के लिंग के अंदर जाते ही उसके टॅटू के टकराने से ठप-ठप की आवाज़ घूंज रही रही.

थोड़ी देर बाद ही मैं झाड़ गयी पर मनीष थे कि रुकने का नाम ही नही ले रहे थे. सेक्स का मज़ा तो आ रहा था पर जो मज़ा अमित के साथ आया था वो मज़ा नही आ रहा था. अमित का लिंग सीधे मेरी बच्चे दानी को चोट करता था पर मनीष का बाहर ही रह जाता था मज़ा तो आ रहा था पर कुछ कमी सी महसूस हो रही थी. मैं मन ही मन मे दुआ कर रही थी कि काश की मनीष का थोडा बड़ा और होता. लेकिन… मनीष लगातार योनि मे धक्के पर धक्के लगाए जा रहे थे. थोड़ी देर और धक्के लगाने के बाद मनीष का भी शरीर अकड़ने लग गया और उन्होने मेरे उरोजो को पकड़ कर मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया. और झटके लेता हुआ उनका लिंग मेरी योनि मे पानी छोड़ने लग गया.

सेक्स करने के बाद हम दोनो नंगे ही बेड पर सो गये कब हम दोनो को नींद आ गयी पता ही नही चला. सुबह जब आँख खुली तो 7 बाज रहे थे. मैने जल्दी से बेड से उठी ही थी की मनीष ने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया.

“सो कर उठ गयी तुम ?” कहते हुए मनीष ने वापस मुझे अपने उपर खींच लिया. “छ्चोड़िए ना क्या कर रहे है सुबह हो गयी है, आप भी उठ जाइए मैं जा कर आप के लिए चाइ बना कर लाती हू.” मैने मनीष के सर पर प्यार से हाथ फिरते हुए कहा.

“गरम चाइ मे क्या मज़ा मिलेगा जो सुबह-सुबह तुम्हारे होंठो को किस करने मे आता है” कहने के साथ ही मनीष ने मेरे होंठो को अपने होंठो के बीच मे कस कर जाकड़ लिया और किस करना शुरू कर दिया. किस करने मे मैने भी मनीष का साथ दिया और मैने भी उनके होंठो को किस करने लगी. थोड़ी देर यूँ ही किस करने के बाद मैं मनीष से अलग हो गयी और उठ कर किचन मे जाने लगी तो मनीष ने मुझे फिर से पकड़ लिया.

“जान बिना चुम्मा दिए कहाँ जा रही हो ? बिना चुम्मा लिए मेरा दिन कैसे होगा ?” मनीष ने फिर से मुझे पकड़ लिया.

मुझे अच्छे से पता था कि मनीष किस चुम्मा की बात कर रहे है पर मैने अंजान बनते हुए कहा “अभी तो किस किया ना दोनो ने और कॉन सा चुम्मा चाहिए तुम्हे. हहहे” कह कर मैं हंस दी. और बेड से उतर कर किचन की तरफ चल दी, इस से पहले की मैं एक कदम भी आगे बढ़ाती मनीष ने बेड से लेटे लेटे ही मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया.

“तो आप को नही पता कि मैं किस चुम्मे की बात कर रहा हू” कहते हुए मनीष ने मेरे हाथ को छ्चोड़ कर अपने दोनो हाथो से मेरी दोनो थाइ पकड़ ली.

मैं मनीष के चेहरे पर एक दम झुक गयी जिस कारण मनीष के चेहरे पर मेरे बाल फैल गये और मैने ना मे गर्दन हिला दी और हल्के से हंस दी.

“अभी आप को पता चल जाएगा कि हम किस चुम्मा की बात कर रहे थे.” कहते हुए मनीष बेड से उठ कर अपने चेहरे को एक दम मेरी योनि की तरफ ले आए.

मनीष के चेहरे को अपनी तरफ आता देख मैने मनीष की पकड़ से छूटने की कोसिस की ताकि मनीष को परेशान कर सकु. उस वक़्त हम दोनो ही एक दम नंगे थे. और मैं उनकी क़ैद से छूटने मे भी कामयाब हो गयी और मनीष की पकड़ से छूट कर थोड़ा दूर पीछे की तरफ हो गयी. और उन्हे दूर खड़े हो कर चिढ़ाने लग गयी.

मनीष इतनी फुर्ती के साथ बेड से उठे कि मुझे पता ही नही चला कि कब वो मेरे पास तक आ गये और मुझे पकड़ अपनी गोद मे उठा लिया. गोद मे उठाए हुए ही मनीष ने मेरे गालो को अपने मुँह मे भर लिया और हल्के से काट लिया. “अओुच्च क्या कर रहे हो” मनीष के यूँ मेरे गाल पर काट लेने से नखरे दिखाते हुए मनीष से कहा और अपने चहरे को शर्म के मारे दोनो हाथो से ढक लिया.

मनीष ने मुझे गोद मे उठाए हुए ही दोबारा से बेड पर ले जा कर लेटा दिया. मैने अब भी अपना चेहरा अपने दोनो हाथो से ढक रखा था. मनीष मेरी दोनो टाँगो को फैला कर उनके बीच मे आ गये और अपने होंठो को मेरी योनि पर लगा कर उसे किस करने लगे उनके हाथ कभी मेरी थाइ पर तो कभी मेरे पेट पर चल रहे थे जिस वजह से मुझे हल्की हल्की गुद-गुडी सी होने लग गयी. मनीष बराबर मेरी योनि को किस किए जा रहे थे. मैं बेड पर धीरे धीरे मचलने लग गयी. तभी मनीष का मोबाइल बजने लग गया.
क्रमशः................


rajaarkey
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Re: तड़पति जवानी

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 09:33

Tadapti Jawani-paart-10

gataank se aage.........

Bathroom se nikal kar manish mujhe bed room me le aaye…. Ham dono ke hi badan geele the bed room me aa kar manish ne mujhe apni god se utar diya. Manish ki god se utar kar maine almari se towel nikala liya aur towel le kar manish ke baalo ko sukhane lagi baal ponchhne ke baad maine manish ke haath pair sab ponch kar saaf kar diye. Manish ka shareer ko jaise hi ponch kar main us se door hone lagi manish ne mera haath pakad kar mujhe kheench kar apne seene se chipka liya. Ham dono ka chehra ek dusre ke aamne saamne tha. Manish ki aankhe mere chehre ko dekhe ja rahi thi unki aankho me mere liye be-panaah pyar tha. Manish ki aankho me apne liye itna pyaar dekh kar meri antar aatma ne mujhe dikkar diya.

Mujhe wo dhoka yaad aane laga jo maine maine manish ke peeth peeche use diya tha. Wo pyaar dekh kar aatm-glani se meri aankhe nam ho gayi aur meri aankho me aansu aa gaye. Meri aankho me aansu dekh kar manish ek dam bechain ho gaye. “kya hua meri jaan ko uski aankho me ye aansu” keh kar manish ne meri aankho se aansu ko saaf kiya. Main kuch nahi bol payi aur manish ke seene se chipak gayi.

Manish ne meri aankho se behte hue aansu ko saaf kiya aur meri aankho ko kiss karne lag gaye. Main bhi ab shaant ho gayi thi. Aur main bhi unke chehre ko chumne lag gayi. Dheere dheere hamare ek dusre ko kiss karne ka silsila aur bhi teji ke saath chalne lag gaya. Manish ne apne hontho ke mere hontho par rakh kar use chumne lag gaye aur unka ek haath mere kamar se hota hua mere nitamb par aa gaya. Manish mere nitamb ko daba-daba kar uske saath khelne lag gaye. Thodi der yun hi khelne ke baad unhone apna haath aage ki taraf la kar meri yoni par laga diya aur us par gol-gol phirate hue meri yoni ki malish karna shuru kar diya.

Thodi der yun hi malish karne ke baad manish ne apni ungli meri yoni ke munh tak le gaye aur meri yoni ke dono faankho ko alag kar ke uske andar kar diya. Manish ne apni ungli ko jaise hi meri yoni me andar kiya maine apne pair thode chowde kar liye taki wo meri yoni me achhe tarike se ungli kar sake. Thodi hi der me mere pair chowde karte hi manish ne apni ungli yoni ke beech me upar neeche ghumani shuru kar di. Manish ki ungli jaise hi mere bhagnase se takarti mere pure shareer me ek sansani si fail jati. Maine bhi apna haath neeche ki taraf le ja kar manish ke ling ko apne haath me le kar usko sehlana shuru kar diya. Mere haath lagane se manish ka ling lohe ki rod ke jaise ek dam garam aur sakht ho gaya.

Aaaaaaahhhhhhhh………………. Aaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhh….. maaaaniiiishhhh tejjjjj aur tej…. Mere munh se aawaje nikalne lag gayi.

Manish ne apni ungli ki raftaar meri yoni me aur bhi tej kar di. Manish ki ungli jaise jaise mere yoni ke bhagnase se takrati main uttejna ke mare ek nayi duniya me khone lag gayi. Maine bhi maje me hone ke karan apne nitamb ko aage peeche karna shuru kar diya taaki manish ki ungli aasani se andar bahar ho sake. Manish ne teji se ungli ghumani shuru kar di jis wajah se kuch hi der me mera pura shareer akadne lag gaya aur mere ghutne kanp-kapane lag gaye maine manish ke ling ko kas kar pakad kar uski khaal ko pura ka pura peeche kar diya. Aur dusre haath ko manish ke gale me daal kar apna chehra uske seene me chhupa liya. Manish ka pura haath meri yoni se nikle ras ke karan pura ka pura bheeg gaya.

Ab manish bohot dheere-dheere apni ungli ko meri yoni me ghuma rahe the. mujhe bohot maja aa raha tha. Maine bhi ab manish ke ling ko jor jor se aage-peeche karna shuru kar diya. Main bhi manish ke ling ka paani nikal kar unko bhi maja dena chahti thi par ab maine mehsoos kiya kiya ki manish ne apni ungli ko meri yoni me ghumana band kar diya. Manish ne apni aankhe band kar li aur dheere dheere unke bhi munh se siskariya nikalna shuru ho gayi thi. Mera haath ab manish ke ling par teji ke saath aage-peeche chal raha tha ki achanak manish ka shareer bhi akadne lag gaya aur unke ling ne halchal karte hue jhatke lena shuru kar diya. Manish ke ling se nikla hua veerya mere pair aur meri jhaangho par girne lag gaya. Maine manish ke ling ko jab tak aage peeche kiya jab tak ki unke ling se paani ki ek-ek boond na nikal gayi.

Manish ke ling se paani nikalte hi manish ne kas kar mujhe apne seene se chipka liya aur mere lips par kiss karna shuru kar diya. Thodi der tak yun hi kiss karne ke baad manish ne mujhe apne aap se alag kiya aur bed par pade hue towel se hi apne ling aur meri yoni ko achhe se saaf kiya.

Ek dusre ka paani saaf karne ke baad manish ne mujhe kiss karte hue hi bed par leta diya aur mere bagal me hi let gaye. Thodi der yun hi lete rahne ke baad jab ham dono kuch normal hue tho manish ne wapas mere hontho ko kiss karna shuru kar diya aur mere upar chhad gaye. Manish ka ling mujhe mere thighs par mehsoos ho raha tha. Unhone mere hontho ko chhod kar ek haath se mere uroj ko pakad kar usko dabana shuru kar diya. Aur dusre uroj ko apne munh me lekar chusna shuru kar diya.gaya aur mere ghutne kanp-kapane

Manish ke yun lagatar 15-20 min tak mere urojo ko chusne se main ek baar phir se uttejna ke aseem sagar me gote khane lagi thi.

Manish- “nisha meri jaan tum bohot khoobsurat ho dil hi nahi bharta tum se.. jaan plz aaj mere is ko chuso na. tumhe bhi bohot maja aayega” manish ne apne ling ko haath me lekar uski taraf ishara karte hue kaha.

Main to kab se manish ke ling ko chusne ki soch rahi thi par pahal karne se dar rahi thi ki pata nahi manish kya sochege. Yahi sab mere dimaag me chal raha tha. Mujhe yun soch me khoya hua dekh kar manish ne kaha “ ok thik hai koi baat nahi tumhe nahi pasand to koi jabardasti nahi hai” keh kar manish ne muskura diya.

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