Thriller -इंतकाम की आग compleet

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raj..
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Re: Thriller -इंतकाम की आग

Unread post by raj.. » 16 Oct 2014 06:24

इंतकाम की आग--15

गतान्क से आगे………………………

राज कान्फरेन्स रूम मे पोडियम पर डेस्क के पीछे खड़ा था, उसके सामने शिकेन्दर, दूसरे पोलीस अधिकारी और उसका पार्ट्नर बैठा हुआ था.

“अब मुझे पता चल चुक्का है कि क़ातिल सारे क़त्ल कैसे करता होगा…” राज ने एक पोज़ लिया और चारो तरफ अपनी नज़र दौड़ाते हुए वह बोलने लगा –

“इसलिए मैने एक प्लान बनाया है.. जिससे हमे क़ातिल को तो पकड़ना है ही साथ ही हमे क़ातिल का अगला शिकार शिकेन्दर का रक्षण करना है.. अब इस प्लान से मुझे नही लगता है कि इस बार भी क़ातिल अपने शिकंजे से बच पाएगा..” राज आत्मविश्वास के साथ बोल रहा था.

“पिछले बार भी आपने ऐसा ही कहा था और फिर भी क़ातिल अशोक का क़त्ल करने मे कामयाब हुआ…” सिकेन्दर ने कटुता से कहा.

“मिस्टर. शिकेन्दर मुझे लगता है आपने पहले मेरा प्लान सुनना चाहिए और बाद मे उसपर टिप्पणी करनी चाहिए…” राज भी उसे वैसाही जवाब देते हुए बोला.

राज ने प्रोजेक्टर ऑन किया, सामने स्क्रीनपर एक आकृति दिखने लगी.

“अब तक जो भी क़त्ल हुए है उसमे क़ातिल एक बिल्ली का इस्तेमाल कर रहा होगा ऐसा लग रहा है… मतलब मुझे वैसा यकीन है…” राज ने कहा.

राज ने फिर से अपने हाथ मे पकड़े रिमोट का एक बटन दबाया. स्क्रीन पर एक बिल्ली की तस्वीर और एक आदमी कंप्यूटर पर काम कर रहा है ऐसी तस्वीर दिखने लगी.

“इसके पहले हुए क़त्ल के इन्वेस्टिगेशन मे मिले कुछ तथ्योंसे में इस नतीजेपर पहुँचा हूँ कि क़त्ल करने का सिर्फ़ यही एक तरीका हो सकता है… जिसके अनुसार क़ातिल यहाँ कंप्यूटर पर बैठकर बिल्ली को सारे आदेश देता है… और वे सब आदेश वाइयरलेस टेक्नालजी के तहत यहाँ इस बिल्ली तक भेजे जाते है.. यह जो बेल्ट बिल्ली के गर्दन मे दिख रहा है… उसमे एक चिप है, जिसमे रिसीवर फिट किया हुआ है.. वे सारे सिग्नल्स इस रिसीवर के द्वारा रिसीव किए जाते है… बाद मे वे सिग्नल्स बिल्ली के गले मे पहने पट्टे से बिल्ली के दिमाग़ तक पहुँचाए जाते है… और उन सब सिग्नल्स के द्वारा मिले आदेशो को अमल मे लाकर वह बिल्ली अपने शिकार पर हमला करती है.. और अबतक हुए सारे क़त्ल इसी तरीके का इस्तेमाल कर के हुए होंगे यह में दावे के साथ कह सकता हूँ…”

राज ने फिर से अपने हाथ मे रखे रिमोट का बटन दबाया.

सामने रखा स्क्रीन ब्लॅंक हो गया.

“यह हो गया क़त्ल करने का तरीका और अब अपने प्लान के बारे मे …” राज एक सांस लेकर थोड़ी देर रुक गया, उसने अपने हाथ से रिमोट बाजू रख दिया.

“अपना प्लान मैने दो हिस्सो मे विभागित किया है…” सामने बैठ लोगो की प्रतिक्रिया देखते हुए राज आगे बोलने लगा,” अपने प्लान का पहला हिस्सा है उस बिल्ली को डिटेक्ट कर उसे सिग्नल्स कहाँ से आ रहे है है यह ट्रेस करना… इस प्रकार हम खूनी का अतापता ढूँढ पाएँगे…” राज फिर से एक क्षण रुक कर आगे बोला, “ और दूसरा प्लान का दूसरा हिस्सा यह है कि बिल्ली को मिलनेवाले सारे सिग्नल्स रोकना ताकि हम शिकेन्दर का रक्षण कर सके…”

raj..
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Re: Thriller -इंतकाम की आग

Unread post by raj.. » 16 Oct 2014 06:25

राज ने फिर से अपने बगल मे रखा रिमोट उठाकर उसका एक बटन दबाया. सामने स्क्रीन पर एक मकान का नक्शा दिखने लगा.

“यह शिकेन्दर के घर का नक्शा… इसे भी हमे दो हिस्सो मे बाँटना है…” राज ने नक्शे मे दो एक छोटा और दूसरा बड़ा ऐसी दो संकेंडरी सर्कल्स निकाले हुए थे वह लेस्सर बीम से निर्देशित किए.

“जिस तरह से इस आकृति मे बताया गया है.. यह जो पहला बाहर का बड़ा सर्कल है वह पहला हिस्सा और यह जो अंदर का छोटा सर्कल है वह दूसरा हिस्सा…” राज ने दोनो सर्कल पर एक के बाद एक लेस्सर बीम डालते हुए कहा.

“ जब वह बिल्ली बाहर के हिस्से मे पहुचेगी, हमे वह बिल्ली घर मे आने का संकेत मिलेगा क्योंकि वहाँ हमने सिग्नल ट्रॅकर्स और सिग्नल रिसीवर डिटेक्टर्स लगाए हुए है…” राज अपने हाथ मे रखे रिमोट का लेस्सर बीम बंद करते हुए कहा.

“सिग्नल ट्रॅकर्स से हमे उन आनेवाले सिग्नल्स का स्रोत मिलेगा… और एकबार हमे उन सिग्नल्स का स्रोत मिलने के बाद उस क़ातिल को लोकेट कर हम राइड हॅंडेड पकड़ सकते है…” राज ने लेस्सर बीम शुरू कर बाहर के सर्कल की तरफ निर्देश करते हुए कहा.

“जब वह बिल्ली दूसरे अंदर के छोटे सर्कल मे पहुचेगी, वहाँ रखे हुए सिग्नल ब्लॉकर्स उसे क़ातिल की तरफ से मिलने वाले सारे सिग्नल्स और आदेश ब्लॉक करेंगे.. मतलब बाद मे उसका उस बिल्ली पर कोई नियंत्रण नही होगा…” राज लेस्सर बीम अंदर के सर्कल की तरफ निर्देशित करते हुए बोला.

राज ने अपने पूरा प्लान सब को समझाया और बोर्डरूम मे बैठे सब लोगों पर अपनी नज़र घुमाई… सामने बैठे हुए सारे ऑफर्स और पोलीस स्टाफ राज के इस प्लान के बारे मे संतुष्ट लग रहे थे.

“ किसी को कोई शंका…?” राज ने सामने बैठे हुए लोगों को, ख़ासकर सिकेन्दर की तरफ देखते हुए कहा.

“देखते है..” सिकेन्दर ने कंधे उचका कर कहा, वह इस प्लान के बारे मे उतना संतुष्ट नही लग रहा था.

सच कहो तो वह अंदर से इतना टूट चुका था कि वह कोई भी प्लान समझकर लेने के मन्स्थिति मे नही था और वह लाजमी भी था क्योंकि उसे क़ातिल के लिस्ट मे अपना अगला नंबर स्पष्ट रूप से दिख रहा था.

“तो चलो अब इस प्लान के हिसाब से अपने अपने काम पर लग जाओ… मैने पवन के पास किसे क्या क्या करना है इसकी लिस्ट दी हुई है.. इसे कोई शंका हो तो मुझे पूछिएगा…”

राज अपने टीम की तरफ देखते हुए बोला.

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शिकेन्दर के मकान के बगल मे एक गेस्ट रूम था. उस रूम मे दो पोलीस ऑफिसर्स टीवी पर सिकेन्दर के बेडरूम की निगरानी कर रहे थे.

अचानक कंट्रोल बोर्ड पर ‘बीप’ बजी.

“आए देखो तो… कुछ हो रहा है…” एक ऑफीसर ने का.

एक मॉनीटौर पर कुछ हरकत दिखाई दी. एक काली बिल्ली चलते हुए दिखाई देने लगी.

“देखो फिर से बिल्ली…” दूसरे ऑफीसर ने कहा.

“देखो उसके गले मे पट्टा भी बँधा हुआ है…” पहले ऑफीसर ने कहा.

“मतलब… जैसे हमारे साहब कहते है वैसे उस पट्टे मे रिसीवर है शायद…” दूसरे ऑफीसर ने कहा.

“और वह रिसीवर डिटेक्ट हुआ है शायद… उसकी ही तो बीप बजी है…” पहले ऑफीसर ने कहा.

उनमे से एक ने वाइयरलेस उठाया और वह वाइयरलेस पर बोलने लगा.

“सर… गले मे पट्टा पहने हुई बिल्ली घर मे आई है…” उस ऑफीसर ने उसके बॉस को जानकारी दी.

“गुड… अब वह सिग्नल्स कहाँ से आ रहे है यह ट्रेस करने की कोशिश करो…” राज ने उधर से उन्हे निर्देश दिया.

उतने मे उन्होने घर मे सिग्नल्स ट्रेस की जो यंत्रणा बिठाई थी उसने भी कंप्यूटर पर सिग्नल ट्रेस होने का संकेत दर्शाया.

“सर सिंगल का स्रोत भी मिल चुका है…” एक ऑफीसर ने कंप्यूटर की तरफ देखते हुए तुरंत राज को जानकारी दी.

“ग्रेट जॉब.. मैं निकला ही हूँ… लगभग 5 मिनिट मे पहुँच जाउन्गा…” राज ने कहा और उधर से फोन कट होगया.

दो ऑफीसर और राज सामने रखे सर्क्यूट टीवी की तरफ देख रहे थे. उस टीवी पर बिल्ली की सारी हरकते दिख रही थी.

कंप्यूटर के मॉनिटर पर अब शहर का नक्शा दिखने लगा. उस नक्शे मे एक जगह एक लाल स्पॉट लगातार चमक रहा था.

raj..
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Re: Thriller -इंतकाम की आग

Unread post by raj.. » 16 Oct 2014 06:26

एक ऑफीसर स्पॉट की तरफ निर्देश करते हुए बोला, “ उस बिल्ली को सब सिग्नल्स और निर्देश ये यहाँ से आ रहे है…”

“जहाँ से सिग्नल आ रहे है वह जगह यहाँ से कितनी दूर होगी…” राज ने पूछा.

दूसरे ऑफीसर ने कहा, “सर, वह जगह अपने यहाँ से पूरब की तरफ लगभग 5 किमी होगी…”

“हाँ.. हो सकता है एक मीटर इधर या एक मीटर उधर…” दूसरा ऑफीसर बीच मे ही बोल पड़ा.

राज शिकेन्दर के मकान के सामने खड़ा होकर वाइयरलेस पर अपनी पूरी टीम को आदेश और निर्देश दे रहा था,

“मुझे लगता है सब को अपनी अपनी पोज़िशन अच्छी तरह समझ मे आई है.. अपने पास अब सिर्फ़ यही एक मौका है. अब किसी भी हाल मे क़ातिल अपने शिकंजे से बचकर निकलना नही चाहिए… तो जिस जिसको जिस जिस जगह पर तैनात किया गया है वे अपनी जगह मत छोड़िए और बिना वजह अंदर बाहर करने की भी ज़रूरत नही है.. इसलिए ही मैने अंदर की और बाहर की ज़िम्मेवारी अलग अलग सौंप दी है… और बाकी बचे हुए तुरंत यहाँ मकान के सामने जीप के पास इकट्ठा हो जाओ…”

लगभग 15-20 टीम मेंबर्ज़ जीप के पास जमा हो गये. वहाँ से निकल ने से पहले राज ने उनको संक्षेप मे ब्रेफ किया.

“जहाँ से क़ातिल ऑपरेट कर रहा है वह जगह हमे मिल चुकी है.. इलसीए मैने अपनी टीम को दो हिस्सो मे बाँट दिया है… 7 लोग पहले ही यहाँ शिकेन्दर का रक्षण करने के लिए तैनात किए गये है.. और बाकी बचे 18 मतलब आप और मे… हमे ऑपरेशन का दूसरा हिस्सा यानी कि क़ातिल को पकड़ ने का काम करना है..”

राज अब जल्दी जल्दी आपनी गाड़ी की तरफ जाने लगा. गाड़ी की तरफ जाते जाते उसने सबको आदेश दिया, “ अब जल्द से जल्द अपनी अपनी गाड़ी मे बैठो… हमारे पहुँचने वह क़ातिल वहाँ से खिसकना नही चाहिए…”

सब लोग जल्दी जल्दी अपने अपने गाड़ी मे बैठ गये और सब गाडिया धुँआ उड़ाती हुई वहाँ से तेज़ी से निकल पड़ी – खूनी जहाँ से ऑपरेट कर रहा था वहाँ. सब गाड़ियाँ जब वहाँ से चली गयी तब वहाँ उड़ी हुई धूल का बादल धीरे धीरे नीचे आने लगा था.

शिकेन्दर के मकान के बगल मे एक कॅबिन था और उस कॅबिन मे दो कॉन्स्टेबल्स कंप्यूटर के सामने बैठे हुए थे. उनमे से एक कंप्यूटर के की बोर्ड की बटन्स दबाकर कुछ कर रहा था.

अचानक कंट्रोल बोर्ड पर फिर से ‘बीप’ ‘बीप’ ऐसी आवाज़ आने लगी. दोनो ने भी पहले कंट्रोल बोर्ड की तरफ और फिर टीवी स्क्रीन पर देखा, बिल्ली बेडरूम के पास पहुँची हुई टीवी स्क्रीन पर दिख रही थी.

“मुझे लगता है बिल्ली सिग्नल ब्लॉकिंग एरिया मे आ गयी है…” एक कॉन्स्टेबल मानो खुद से ही बोला.

अब ‘बीप’ ‘बीप’ आवाज़ और ज़ोर से आने लगी.

“देख… देख… बिल्ली सिंगल ब्लॉककिन एरिया मे पहुँच गयी है…” एक कॉन्स्टेबल ने झट से वाइयरलेस उठाया और कंट्रोल पॅनल पर एक ब्लिंक हो रहे लाइट की तरफ इशारा करते हुए कहा.

“सर… बिल्ली अब सिग्नल ब्लॉकिंग के एरिया मे पहुँच गयी है…” एक ने राज को इन्फ़ौरम किया.

“अच्छा… अब उसपर अच्छी तरह से नज़र रखो…” उधर से राज का मेसेज आया.

“यस सर…” कॉन्स्टेबल ने कहा.

“में इधर क़ातिल के पीछे लगा हूँ और ध्यान रहे कि उधर की पूरी ज़िम्मेदारी तुम्हारी है…” राज ने उसे ताक़ीद दी.

“यस सर…” कॉन्स्टेबल ने कहा.

और उधर से राज ने फोन कट कर दिया.

“सिग्नल ब्लॉकर ने सब सिग्नल ब्लॉक किए है और अब उस क़ातिल का एक भी आदेश उस बिल्ली तक पहुचेगा नही” एक कॉन्स्टेबल मॉनिटर और टीवी की तरफ देखते हुए फिर से उत्तेजित होकर बोला.

टीवी मॉनिटर पर अब वह बिल्ली भ्रमित हुई दिख रही थी. वह कभी आगे जा रही थी तो कभी पीछे.. शायद उसे कहाँ जाना है कुछ समझ मे नही आ रहा हो.

अचानक उनके सामने रखे सर्क्यूट टीवी पर दिखाई दिया कि उस बिल्ली का किसी बॉम्ब की तरह एक बड़ा विस्फोट होकर बड़ा धमाका हुआ है.. इतना बड़ा कि उनकी कॅबिन भी काफ़ी दूर होते हुए भी थर्रा उठी…

कॅबिन मे रखा हुआ कंप्यूटर और सर्क्यूट टीवी बंद हो गया.

दोनो पुलिस वालो को भी यह अप्रत्याशित आघात था…. उनको यह कैसे हुआ कुछ समझ नही आ रहा था… वे गड़बड़ा कर इधर उधर दौड़ने लगे…

“यह अचानक क्या हुआ…?” एक कॉन्स्टेबल घबराकर बोला.

वह इतना घबराया हुआ था कि उसकी सांस फूल गयी थी.

“टेररिस्ट अटॅक तो नही…?” उस कॉन्स्टेबल ने अपनी सांसोपर नियंत्रण करने की कोशिश करते हुए बोला.

“बेवकूफ़ की तरह कुछ भी बको मत… देखा नही… उस बिल्ली का विस्फोट हो गया है..” दूसरे कॉन्स्टेबल ने कहा.

“चल जल्दी… उधर क्या हुआ है यह हमे देखना पड़ेगा…” दौड़ते हुए कॉन्स्टेबल ने कहा.

क्रमशः……………


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