मेरा योंन शोषण
Re: मेरा योंन शोषण
मैगज़ीन देखते देखते मेरा मन बोहत विचिलित हो चूका था। मेरे हाथ पैर थरथरा रहे थे ओर सर भारी हो गया था। जेसे जेसे पन्ने पलट रही थी वेसे वेसे हवस की दासी बनती जा रही थी । अब विक्की ने अपनी चाल चली और मुझे पकड़ के पेट के बल लिटा दिया और खुद मेरे उपर चढ़ गया । मैं कुछ कहती उस से पहले मैगज़ीन मेरे सामने रख दी और बोला ऐसे देख । उसका 6इंची लंड मेरे पिछवाड़े की दरार में सटा हुआ महसूस हो रहा था।
अब विक्की मैगज़ीन के पेज पलटा रहा था और मुझे समझा भी रहा था की यह पोज केसे लेते हैं । पर मेरा ध्यान अब उसके लिंग पे था जो मेरे पिछवाड़े को निहाल कर रहा था । मेने स्कूल ड्रेस पहनी हुई थी, स्कर्ट और शर्ट । विक्की ने अब मुझसे कहा की वो मुझे मैगज़ीन वाला मज्जा देना चाहता हे, मेने भी व्याकुल मन से हामी भर दी ओर उसको ग्रीन सिग्नल दिया । विक्की ने मेरी स्कर्ट उठाना शुरू की, मेरी चिकनी जवानी नंगी होती जा रही थी। स्कर्ट कमर तक उठा देने के बाद विक्की ने मेरी पेंटी झटके से निचे खींच दी, और पेरों से बाहर करके मुझे कमर के निचे पूरी नंगी करके मेरे चिकने शरीर पे अपनी हाथ फेरने लगा।
अब मैं बिलकुल से हवस की गिरिफ्त में थी ओर विक्की की अगली चाल का इंतजार करने लगी। तभी विक्की ने मैगज़ीन को वोह पन्ना खोला जिस पे गुदा-मैथुन की तस्वीर थी । मैं विक्की का इशारा समज गयी और मन ही मन से खुद को तयार करने लगी । विक्की ने अब मेरे चिकने मांसल और गुदाज चुतड की दो फांको को अपने दो हाथो से चीर के अलग किया और फिर पुछा की थूक लगा लू या तेल ? मेने कोई जवाब नही दिया तोह उसने थूक लगा के मेरी गांड को चिकनी करना शुरू कर दिया। अच्छी तरह से थूक लगाने के बाद उसने ऊँगली मेरी गांड में घुस्सा दी। मेरी हलकी सी चीख निकली पर ऊँगली अंदर घुस चुकी थी और अब विक्की उसको अंदर बाहर करने लगा।
मेरे अंदर हवस का तूफ़ान तेज होता जा रहा था । विक्की ने अब ऊँगली निकाल ली और फिरसे थूक लगा के गांड को चिकनाई से भरने लगा। फिर उसने अपनी पेंट खोली और लिंग पे थूक लगा के मेरे गुदा-द्वार पे टिका के बोल, सरदारनी तयार हो जा थोडा दर्द होगा पहले फिर मज़ा ही मज़ा । मेने लम्बी सांस ली और शरीर ढीला छोड़ दिया । विक्की ने मेरे चुतड खोल के लंड को एक झटका देते हुए मेरी गांड में घुसेड़ना चाहा पर सुराख तंग होने के कारण लंड फिसल गया। विक्की ने मुझे अपने दोनों हाथ पीछे लाने को कहा और बोला कि में अपने चुतड हाथो से फैला लू । मेने वेसा ही किया ओर अब विक्की को आराम से लंड अंदर डालने का अवसर मिल गया । अगले ही पल विक्की के लिंग-मुंड ने मेरी गांड के तंग सुराख को चीरते हुए जगह बना के अंदर प्रवेश पा लिया।
मेरी तेज़ चीख निकली पर विक्की ने मेरा मूंह बंद कर दिया और अब तेज़ी से धक्के मार मार के अपने लंड को मेरी तंग गांड में घुसाता गया । मैं पीड़ा से कराह रही थी पर विक्की ने मेरा मूंह बंद कर रखा था। 8-10 धक्कों के बाद वोह रुक गया और मेरे मूंह से हाथ हटा के मेरे ऊपर लेट गया। मैंने विक्की से रोते हुए कहा कि मुझे छोड़ दे यह सब मुझसे नही होगा । उसपे विक्की ने कहा की अब रोती क्यों हे लंड पूरा अंदर हे । मुझे यह जान के थोड़ी राहत मिली की लंड पूरा अंदर था, अब मेने अपने शरीर को ढीला कर दिया जो कि अब तक अकड़ा हुआ था दर्द से । विक्की ने भी अब हलके हलके धक्के देने शुरू किये ओर कुछ देर में ही मेरा दर्द काफी कम हो चूका था । विक्की ने लंड पूरा बाहर खिंच के फिर से मेरी गांड और अपने लंड पे थूक लगा के फिरसे पोजीशन बनाई ओर अब की बार आराम से लंड अंदर घुसाने लगा। इस बार दर्द कम हुआ ओर मज़ा ज्यादा आया, मेने भी शरीर ढीला छोड़ दिया ओर विक्की को आराम से चोदने को कहा ।
विक्की अब स्पीड बढ़ा के तेज़ी से मेरी ले रहा था । साथ ही बोल रहा था की सोनल प्रीत से ज्यादा मज़ा तेरे साथ आ रहा हे, तुम सरदारनी कुडियां मस्त होती हो ओर मज्जे से गांड मरवाती हो । मैं यह जान के खुश हुई की सोनल प्रीत से ज्यादा मज़ा मुझ में था और अब में भी गांड उठा उठा के लंड लेने लगी। यह देख के विक्की का जोश दोगुना हो गया ओर उसने मेरी कमर थाम के ताबड़ तोड़ लंड को मेरी गांड में मारना शुरू कर दिया। मैं भी जोर जोर से सिस्कारियां मारती हुई गांड मरवा रही थी कि तभी विक्की मेरे उपर निढाल सा गिर गया ओर उसके लंड से वीर्य की धार मेरे अंदर बहने लगी। 2 मिनट वेसे ही मेरे उपर पढ़ा रहने के बाद वोह उठा ओर तोलिये से अपना लंड साफ़ करके मेरी गांड पे रख दिया। में सीधी हुई ओर अपनी गांड को तोलिये से साफ़ करके पेंटी पहन ली।
अब विक्की मैगज़ीन के पेज पलटा रहा था और मुझे समझा भी रहा था की यह पोज केसे लेते हैं । पर मेरा ध्यान अब उसके लिंग पे था जो मेरे पिछवाड़े को निहाल कर रहा था । मेने स्कूल ड्रेस पहनी हुई थी, स्कर्ट और शर्ट । विक्की ने अब मुझसे कहा की वो मुझे मैगज़ीन वाला मज्जा देना चाहता हे, मेने भी व्याकुल मन से हामी भर दी ओर उसको ग्रीन सिग्नल दिया । विक्की ने मेरी स्कर्ट उठाना शुरू की, मेरी चिकनी जवानी नंगी होती जा रही थी। स्कर्ट कमर तक उठा देने के बाद विक्की ने मेरी पेंटी झटके से निचे खींच दी, और पेरों से बाहर करके मुझे कमर के निचे पूरी नंगी करके मेरे चिकने शरीर पे अपनी हाथ फेरने लगा।
अब मैं बिलकुल से हवस की गिरिफ्त में थी ओर विक्की की अगली चाल का इंतजार करने लगी। तभी विक्की ने मैगज़ीन को वोह पन्ना खोला जिस पे गुदा-मैथुन की तस्वीर थी । मैं विक्की का इशारा समज गयी और मन ही मन से खुद को तयार करने लगी । विक्की ने अब मेरे चिकने मांसल और गुदाज चुतड की दो फांको को अपने दो हाथो से चीर के अलग किया और फिर पुछा की थूक लगा लू या तेल ? मेने कोई जवाब नही दिया तोह उसने थूक लगा के मेरी गांड को चिकनी करना शुरू कर दिया। अच्छी तरह से थूक लगाने के बाद उसने ऊँगली मेरी गांड में घुस्सा दी। मेरी हलकी सी चीख निकली पर ऊँगली अंदर घुस चुकी थी और अब विक्की उसको अंदर बाहर करने लगा।
मेरे अंदर हवस का तूफ़ान तेज होता जा रहा था । विक्की ने अब ऊँगली निकाल ली और फिरसे थूक लगा के गांड को चिकनाई से भरने लगा। फिर उसने अपनी पेंट खोली और लिंग पे थूक लगा के मेरे गुदा-द्वार पे टिका के बोल, सरदारनी तयार हो जा थोडा दर्द होगा पहले फिर मज़ा ही मज़ा । मेने लम्बी सांस ली और शरीर ढीला छोड़ दिया । विक्की ने मेरे चुतड खोल के लंड को एक झटका देते हुए मेरी गांड में घुसेड़ना चाहा पर सुराख तंग होने के कारण लंड फिसल गया। विक्की ने मुझे अपने दोनों हाथ पीछे लाने को कहा और बोला कि में अपने चुतड हाथो से फैला लू । मेने वेसा ही किया ओर अब विक्की को आराम से लंड अंदर डालने का अवसर मिल गया । अगले ही पल विक्की के लिंग-मुंड ने मेरी गांड के तंग सुराख को चीरते हुए जगह बना के अंदर प्रवेश पा लिया।
मेरी तेज़ चीख निकली पर विक्की ने मेरा मूंह बंद कर दिया और अब तेज़ी से धक्के मार मार के अपने लंड को मेरी तंग गांड में घुसाता गया । मैं पीड़ा से कराह रही थी पर विक्की ने मेरा मूंह बंद कर रखा था। 8-10 धक्कों के बाद वोह रुक गया और मेरे मूंह से हाथ हटा के मेरे ऊपर लेट गया। मैंने विक्की से रोते हुए कहा कि मुझे छोड़ दे यह सब मुझसे नही होगा । उसपे विक्की ने कहा की अब रोती क्यों हे लंड पूरा अंदर हे । मुझे यह जान के थोड़ी राहत मिली की लंड पूरा अंदर था, अब मेने अपने शरीर को ढीला कर दिया जो कि अब तक अकड़ा हुआ था दर्द से । विक्की ने भी अब हलके हलके धक्के देने शुरू किये ओर कुछ देर में ही मेरा दर्द काफी कम हो चूका था । विक्की ने लंड पूरा बाहर खिंच के फिर से मेरी गांड और अपने लंड पे थूक लगा के फिरसे पोजीशन बनाई ओर अब की बार आराम से लंड अंदर घुसाने लगा। इस बार दर्द कम हुआ ओर मज़ा ज्यादा आया, मेने भी शरीर ढीला छोड़ दिया ओर विक्की को आराम से चोदने को कहा ।
विक्की अब स्पीड बढ़ा के तेज़ी से मेरी ले रहा था । साथ ही बोल रहा था की सोनल प्रीत से ज्यादा मज़ा तेरे साथ आ रहा हे, तुम सरदारनी कुडियां मस्त होती हो ओर मज्जे से गांड मरवाती हो । मैं यह जान के खुश हुई की सोनल प्रीत से ज्यादा मज़ा मुझ में था और अब में भी गांड उठा उठा के लंड लेने लगी। यह देख के विक्की का जोश दोगुना हो गया ओर उसने मेरी कमर थाम के ताबड़ तोड़ लंड को मेरी गांड में मारना शुरू कर दिया। मैं भी जोर जोर से सिस्कारियां मारती हुई गांड मरवा रही थी कि तभी विक्की मेरे उपर निढाल सा गिर गया ओर उसके लंड से वीर्य की धार मेरे अंदर बहने लगी। 2 मिनट वेसे ही मेरे उपर पढ़ा रहने के बाद वोह उठा ओर तोलिये से अपना लंड साफ़ करके मेरी गांड पे रख दिया। में सीधी हुई ओर अपनी गांड को तोलिये से साफ़ करके पेंटी पहन ली।
Re: मेरा योंन शोषण
अब तो सिलसिला चल पड़ा था मेरा और विक्की का, जब भी मोका मिलता विक्की मुझे घर पे या स्कूल में दबोच के मेरी ले लेता । पर धीरे धीरे मुझे एहसास होने लगा था कि इस सब में प्यार तो हे ही नही । विक्की कभी भी मुझे किस नही करता और न ही प्यार भरी रोमानी बातें करता, वह बस मोका मिलते ही मुझे झुका के स्कर्ट उठाता,पेंटी उतारता और थूक लगा के मेरी गांड मार लेता।
एक दिन मेने सोना दीदी से इस बारे में बात की, उसने मुझे यकीन दिलाया कि विक्की बोहत अछा लड़का हे ओर मुझे उस जेसा बॉय-फ्रेंड नही मिलेगा। तभी विक्की और योगी वहां आ गये, सोना ने विक्की को झिडकी लगा के मेरा ख्याल रखने को कहा। योगी को मोका मिला और उसने विक्की को मेरा ख्याल रखने की सलाह देते हुए यह कह दिया कि अगर वोह ख्याल नही रखेगा तो में रखूगा। योगी की आँखों में अजीब सी चमक थी, ओर मुझे पहली बार योगी में एक अछा इन्सान नजर आया। वेसे देखने में ओर बोल-चाल में योगी विक्की से कई कदम आगे था ओर मेने पहली बार ध्यान दिया की योगी विक्की से कितना गोरा चिकना ओर स्मार्ट था ।
स्कूल ख़त्म होने के बाद हम चारो बाहर निकले ओर विक्की के कहने पे ice-cream खाने पास के रेस्टोरेंट की ओर चल दिए। विक्की मेरी दायें ओर था पर उसका ध्यान मुझसे ज्यादा सोनल प्रीत में था। योगी मेरी बाएँ तरफ था ओर बार बार मेरी आँखों में आंखें डाल के कुछ कहने का यतन कर रहा था। तभी चलते चलते उसने अपना हाथ मेरे नितम्ब पे चिपका दिया, मेरी सिसकारी निकल गयी पर उसने जल्दी हाथ हटा लिया। मेने उसकी ओर देखा तो वोह मुस्कुरा दिया, मैं भी उसकी बेशर्मी से भरी मुस्कान पे लुट सी गयी ओर मुस्कुरा दी । ।
एक दिन मेने सोना दीदी से इस बारे में बात की, उसने मुझे यकीन दिलाया कि विक्की बोहत अछा लड़का हे ओर मुझे उस जेसा बॉय-फ्रेंड नही मिलेगा। तभी विक्की और योगी वहां आ गये, सोना ने विक्की को झिडकी लगा के मेरा ख्याल रखने को कहा। योगी को मोका मिला और उसने विक्की को मेरा ख्याल रखने की सलाह देते हुए यह कह दिया कि अगर वोह ख्याल नही रखेगा तो में रखूगा। योगी की आँखों में अजीब सी चमक थी, ओर मुझे पहली बार योगी में एक अछा इन्सान नजर आया। वेसे देखने में ओर बोल-चाल में योगी विक्की से कई कदम आगे था ओर मेने पहली बार ध्यान दिया की योगी विक्की से कितना गोरा चिकना ओर स्मार्ट था ।
स्कूल ख़त्म होने के बाद हम चारो बाहर निकले ओर विक्की के कहने पे ice-cream खाने पास के रेस्टोरेंट की ओर चल दिए। विक्की मेरी दायें ओर था पर उसका ध्यान मुझसे ज्यादा सोनल प्रीत में था। योगी मेरी बाएँ तरफ था ओर बार बार मेरी आँखों में आंखें डाल के कुछ कहने का यतन कर रहा था। तभी चलते चलते उसने अपना हाथ मेरे नितम्ब पे चिपका दिया, मेरी सिसकारी निकल गयी पर उसने जल्दी हाथ हटा लिया। मेने उसकी ओर देखा तो वोह मुस्कुरा दिया, मैं भी उसकी बेशर्मी से भरी मुस्कान पे लुट सी गयी ओर मुस्कुरा दी । ।
Re: मेरा योंन शोषण
हम सब अंदर बैठे ice cream का मज्जा ले रहे थे। योगी मेरे सामने और विक्की सोनल के सामने बता था। तभी मुझे किसी के पेर अपनी टांग से छुते हुए महसूस हुए। मुझे लगा विक्की ही होगा,इसलिए विरोध नही किया और बेठी रही। आहिस्ते से वो पेर मेरी दोनों टांगो के बिच से घुटनों तक आ गये। पर विक्की तो ऐसी हरकतें करता ही नही था, वह तो बस मेरे भारी भरकम कूल्हों का दीवाना था। खैर हमने ice cream ख़त्म की ओर चल पड़े।
मेरा ध्यान योगी की पेंट की ओर गया तो समझ गयी की मुझे पेर से कोन छेड़ रहा था; योगी की पेंट में टेंट बना हुआ था । मैं मुस्कुरा गयी शर्म के मारे ओर चेहरा लाल हो गया, योगी ने भी मेरी नजर पकड ली थी जब में उसके लिंग को घूर रही थी। वह भी मुझे देख मुस्कुराया ओर एक फ्लाइंग किस चोरी से मेरी ओर भेज दी। मेने भी आंख के इशारे से उसे जता दिया कि मेने उसकी फ्लाइंग किस कबूल करली।
धीरे धीरे योगी मेरे करीब ओर विक्की मुझसे दूर होते जा रहे थे। एक दिन हम चारो विक्की के घर शनिवार के दिन हाफ-डे छुट्टी के बाद गये। वहां हम विकी के मम्मी पापा वाले बेडरूम में बैठे थे जहाँ विकी ने कोई 20 बार मेरी गांड ली होगी। बातों बातों में ही ब्लू-फिल्मो पे आ गये तो पता चला की सोनल प्रीत को xxx फिल्म्स देखते हुए 2 साल हो चुके थे, ओर यह बात भी पता चली की विकी ने सोनल को भी इस कमरे में बुला के फिल्मे देखी हैं।
धीरे धीरे माहोल गरम हो गया। सोनलप्रीत ने बताया की जब पहले पहले विकी उसकी लेता था तो दर्द कितना हुआ करता था, इस बात पे मैंने भी अपने दर्द भरे एहसास को बता दिया। फिर बात योगी ओर विकी के लिंग के साइज़ की हुई तो दोनों ने जल्दी से अपने कपडे उतार के तन्ने हुए लंड सामने करते हुए बोला बताओ कोन किसका पसंद करती हे। सोनालप्रीत ने झट से विकी का 6इंची काला लम्बा लंड पकड़ लिया। मेरी नज़रें योगी के 5इंची गोरे चिट्टे लंड पे टिक्की हुई थी। पर शर्म के मारे मेने कोई हरकत नही की ओर चुप चाप बेठी रही। तभी योगी सोनलप्रीत की ओर बढ़ा और उसके होंठों को अपने मूंह में भर के रसपान करने लगा। सोनल को उन दोनों के साथ खुल के अय्याशी करते देख मुजे विकी की दिखाई हुई ब्लू-मैगज़ीन याद आई जिस में एक लड़की 2 या 3 मर्दों के साथ लगी होती थी। तभी विक्की ने पुछा किसे किसे ब्लू-फिल्म देखनी हे। हम सब ने एक स्वर में हामी भर दी।
विक्की ने अलमारी से एक cd निकाली ओर dvd player में डाल दी। फिल्म शुरू हो गयी ओर साथ ही साथ उन तीनो की अय्याशी भी।
मेरा ध्यान योगी की पेंट की ओर गया तो समझ गयी की मुझे पेर से कोन छेड़ रहा था; योगी की पेंट में टेंट बना हुआ था । मैं मुस्कुरा गयी शर्म के मारे ओर चेहरा लाल हो गया, योगी ने भी मेरी नजर पकड ली थी जब में उसके लिंग को घूर रही थी। वह भी मुझे देख मुस्कुराया ओर एक फ्लाइंग किस चोरी से मेरी ओर भेज दी। मेने भी आंख के इशारे से उसे जता दिया कि मेने उसकी फ्लाइंग किस कबूल करली।
धीरे धीरे योगी मेरे करीब ओर विक्की मुझसे दूर होते जा रहे थे। एक दिन हम चारो विक्की के घर शनिवार के दिन हाफ-डे छुट्टी के बाद गये। वहां हम विकी के मम्मी पापा वाले बेडरूम में बैठे थे जहाँ विकी ने कोई 20 बार मेरी गांड ली होगी। बातों बातों में ही ब्लू-फिल्मो पे आ गये तो पता चला की सोनल प्रीत को xxx फिल्म्स देखते हुए 2 साल हो चुके थे, ओर यह बात भी पता चली की विकी ने सोनल को भी इस कमरे में बुला के फिल्मे देखी हैं।
धीरे धीरे माहोल गरम हो गया। सोनलप्रीत ने बताया की जब पहले पहले विकी उसकी लेता था तो दर्द कितना हुआ करता था, इस बात पे मैंने भी अपने दर्द भरे एहसास को बता दिया। फिर बात योगी ओर विकी के लिंग के साइज़ की हुई तो दोनों ने जल्दी से अपने कपडे उतार के तन्ने हुए लंड सामने करते हुए बोला बताओ कोन किसका पसंद करती हे। सोनालप्रीत ने झट से विकी का 6इंची काला लम्बा लंड पकड़ लिया। मेरी नज़रें योगी के 5इंची गोरे चिट्टे लंड पे टिक्की हुई थी। पर शर्म के मारे मेने कोई हरकत नही की ओर चुप चाप बेठी रही। तभी योगी सोनलप्रीत की ओर बढ़ा और उसके होंठों को अपने मूंह में भर के रसपान करने लगा। सोनल को उन दोनों के साथ खुल के अय्याशी करते देख मुजे विकी की दिखाई हुई ब्लू-मैगज़ीन याद आई जिस में एक लड़की 2 या 3 मर्दों के साथ लगी होती थी। तभी विक्की ने पुछा किसे किसे ब्लू-फिल्म देखनी हे। हम सब ने एक स्वर में हामी भर दी।
विक्की ने अलमारी से एक cd निकाली ओर dvd player में डाल दी। फिल्म शुरू हो गयी ओर साथ ही साथ उन तीनो की अय्याशी भी।