गन्दा काम - indian sex story - -
Re: गन्दा काम - indian sex story - -
लेकिन मैंने लंड चूसने से मना कर दिया। अनिल मेरी चूत पर हाथ मारते हुए बोला- राजू तू इस कुतिया को छोड़ ! मैं चोदता हूँ साली को ! क्या मस्त चूत है इसकी ! तू अपना लंड उमा रानी को पिला !
अनिल अब मेरे ऊपर चढ़ गया था। अनिल का लंड बहुत मोटा था। मेरी चुचियों को दबाते हुए बोला- रानी चुदने में नखरे क्यों करती हो ? हम रस नहीं पियेंगे तो कौन पिएगा ? पूरे पच्चीस हज़ार तेरे नाम के हैं !
अनिल ने मेरी एक टांग काफी ऊपर उठा दी थी और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा था। अभी तक शादी के बाद 3-4 बार ही चुदी थी इसलिए मेरी चूत बहुत कसी हुई थी। उसका लंड फिसल गया। अब उसने अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में घुसाई और मेरी चूत को चौड़ा करने लगा और अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर थोड़ा सा उसमें घुसा दिया। लंड हल्का सा मेरी चूत में घुस गया था। इसके बाद मेरे ऊपर लेट कर मेरी एक चूची उसने मुंह में चूसी और दूसरी नोचते हुए जोर से धक्का मारा। अनिल का पूरा लंड बहुत तेजी से मेरी चूत में घुसा, उसका लंड राजू से बहुत मोटा था, मेरे मुँह से जोर से- ऊई मर गई ! मर गई ! की चीख निकल गई।
अनिल बोला- साली बड़ी कसी हुई है तेरी ! लगता है सील टूटने के बाद चुदी नहीं है ! वाह, मजा आ गया ! अभी तो आधा ही घुसा है मेरी जान ! आधा बाकी है ! जरा तेरे गुलाबी होंठ तो चूस लूं ! अनिल ने मेरे होंटों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। बुरी तरह से होंटों को चूसते हुए उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। मेरी चूत दर्द से कराह उठी। अनिल मेरे दोनों संतरे कस कस कर दबाते हुए रस निकालने लगा और साथ ही साथ बोल रहा था- वाह ! मज़ा आ गया साली ! क्या तेरी गुफा है ! बहन की लोड़ी इतनी मस्त चूत तो आज तक नहीं चोदी। साली, तुझे तो आज पूरी रात बजाऊंगा !
मुझे शुरू में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अब चुदने में मज़ा आने लगा। मैं चुदाई का मज़ा लेते हुए सिसकारियां भर रही थी। राजू का लंड चूसने के बाद उमा भी उमा भी मेरे बगल में चुद रही थी।
राजू झड़ चुका था और साइड में लेट गया। अनिल बोला- अबे साले गोली खा ले ! ये जो नई रंडी है बड़ी मस्त है ! आज इसे अभी और बजाएंगे।
थोड़ी देर में अनिल ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी। इसके बाद उसने अपना कंडोम फ़ेंक दिया और बोला- ले जरा लौड़ा चूस !
लेकिन मैंने अपना मुँह बंद कर लिया।
अनिल बोला- साली रंडी ! बहुत नखरे करती है ? आज तुझे लौड़ा चुसवा कर ही छोड़ेंगे।
इसके बाद उमा बोली- डार्लिंग, इतने गुस्सा क्यों करते हो, चलो एक एक ड्रिंक और हो जाए !
इसके बाद उमा ने दो हॉट ड्रिंक बनाईं। राजू और अनिल ने ड्रिंक अपने हाथ में ले लीं और हमें अपने से चिपका लिया। दोनों ड्रिंक सिप करने लगे साथ ही साथ एक एक गोली भी उन्होंने खा ली। थोड़ी देर बाद उनके लंड फिर खड़े हो गए।
उन्होंने मेरे और उमा के हाथ अपने लंड पर रख दिए। मैंने और उमा ने अपने हाथों में उनके लंड पकड़ लिए। उनके साथ साथ हम भी हॉट ड्रिंक के सिप ले रहे थे।
अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय ! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है ! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ !
अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय ! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है ! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ !
उमा बोली- एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा !
अनिल ने हज़ार के 5 नोट उमा की तरफ बढ़ाये और बोला- ये लो रानी ! लेकिन प्यार से गांड मरवाना !
उमा पलंग पर घोड़ी बन गई और बोली- हज़ूर, देर किस बात की ! अब ठोक ही दो ! पिछले 30-35 दिन से ठुकवाई भी नहीं है।
उमा अपने हाथ कोहिनी के सहारे पलंग पर रखकर घोड़ी बन गई। मेरा मुँह उमा के मुँह की तरफ था। राजू मेरे सर को अपनी गोदी में रखकर मेरे संतरों से खेल रहा था। अनिल अपना लौड़ा उमा की गांड के मुँह पर रख कर उसे घुसाने की कोशिश में लगा था। अनिल उमा से बोला- साला घुस ही नहीं रहा है ! बड़ी कसी हुई है ! पिछली बार तो आराम से घुस गया था !
अनिल अब मेरे ऊपर चढ़ गया था। अनिल का लंड बहुत मोटा था। मेरी चुचियों को दबाते हुए बोला- रानी चुदने में नखरे क्यों करती हो ? हम रस नहीं पियेंगे तो कौन पिएगा ? पूरे पच्चीस हज़ार तेरे नाम के हैं !
अनिल ने मेरी एक टांग काफी ऊपर उठा दी थी और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा था। अभी तक शादी के बाद 3-4 बार ही चुदी थी इसलिए मेरी चूत बहुत कसी हुई थी। उसका लंड फिसल गया। अब उसने अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में घुसाई और मेरी चूत को चौड़ा करने लगा और अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर थोड़ा सा उसमें घुसा दिया। लंड हल्का सा मेरी चूत में घुस गया था। इसके बाद मेरे ऊपर लेट कर मेरी एक चूची उसने मुंह में चूसी और दूसरी नोचते हुए जोर से धक्का मारा। अनिल का पूरा लंड बहुत तेजी से मेरी चूत में घुसा, उसका लंड राजू से बहुत मोटा था, मेरे मुँह से जोर से- ऊई मर गई ! मर गई ! की चीख निकल गई।
अनिल बोला- साली बड़ी कसी हुई है तेरी ! लगता है सील टूटने के बाद चुदी नहीं है ! वाह, मजा आ गया ! अभी तो आधा ही घुसा है मेरी जान ! आधा बाकी है ! जरा तेरे गुलाबी होंठ तो चूस लूं ! अनिल ने मेरे होंटों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। बुरी तरह से होंटों को चूसते हुए उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। मेरी चूत दर्द से कराह उठी। अनिल मेरे दोनों संतरे कस कस कर दबाते हुए रस निकालने लगा और साथ ही साथ बोल रहा था- वाह ! मज़ा आ गया साली ! क्या तेरी गुफा है ! बहन की लोड़ी इतनी मस्त चूत तो आज तक नहीं चोदी। साली, तुझे तो आज पूरी रात बजाऊंगा !
मुझे शुरू में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अब चुदने में मज़ा आने लगा। मैं चुदाई का मज़ा लेते हुए सिसकारियां भर रही थी। राजू का लंड चूसने के बाद उमा भी उमा भी मेरे बगल में चुद रही थी।
राजू झड़ चुका था और साइड में लेट गया। अनिल बोला- अबे साले गोली खा ले ! ये जो नई रंडी है बड़ी मस्त है ! आज इसे अभी और बजाएंगे।
थोड़ी देर में अनिल ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी। इसके बाद उसने अपना कंडोम फ़ेंक दिया और बोला- ले जरा लौड़ा चूस !
लेकिन मैंने अपना मुँह बंद कर लिया।
अनिल बोला- साली रंडी ! बहुत नखरे करती है ? आज तुझे लौड़ा चुसवा कर ही छोड़ेंगे।
इसके बाद उमा बोली- डार्लिंग, इतने गुस्सा क्यों करते हो, चलो एक एक ड्रिंक और हो जाए !
इसके बाद उमा ने दो हॉट ड्रिंक बनाईं। राजू और अनिल ने ड्रिंक अपने हाथ में ले लीं और हमें अपने से चिपका लिया। दोनों ड्रिंक सिप करने लगे साथ ही साथ एक एक गोली भी उन्होंने खा ली। थोड़ी देर बाद उनके लंड फिर खड़े हो गए।
उन्होंने मेरे और उमा के हाथ अपने लंड पर रख दिए। मैंने और उमा ने अपने हाथों में उनके लंड पकड़ लिए। उनके साथ साथ हम भी हॉट ड्रिंक के सिप ले रहे थे।
अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय ! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है ! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ !
अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय ! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है ! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ !
उमा बोली- एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा !
अनिल ने हज़ार के 5 नोट उमा की तरफ बढ़ाये और बोला- ये लो रानी ! लेकिन प्यार से गांड मरवाना !
उमा पलंग पर घोड़ी बन गई और बोली- हज़ूर, देर किस बात की ! अब ठोक ही दो ! पिछले 30-35 दिन से ठुकवाई भी नहीं है।
उमा अपने हाथ कोहिनी के सहारे पलंग पर रखकर घोड़ी बन गई। मेरा मुँह उमा के मुँह की तरफ था। राजू मेरे सर को अपनी गोदी में रखकर मेरे संतरों से खेल रहा था। अनिल अपना लौड़ा उमा की गांड के मुँह पर रख कर उसे घुसाने की कोशिश में लगा था। अनिल उमा से बोला- साला घुस ही नहीं रहा है ! बड़ी कसी हुई है ! पिछली बार तो आराम से घुस गया था !
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उमा बोली- साइड में जेली क्रीम रखी है उसे लगा, तब घुसेगा।
राजू ने क्रीम निकाल कर अनिल को दे दी। उसने अपनी ऊँगली में ढेर सी क्रीम लगाई और उमा की गांड क्रीम से भर दी। राजू ने मुझे भी घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरी चूत में पीछे से घुसा दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मारने लगा। अब मेरा मुँह उमा की गांड की तरफ था। हम दोनों पलंग पर 90 डिग्री का कोण बना रहे थे।
अनिल बोला- थोड़ी क्रीम साली की गांड में भी लगा ! इसकी गांड भी मारूंगा। साली लौड़ा नहीं चूसती है ना !
राजू ने लंड निकाल कर अपनी ऊँगली मेरी गांड में घुसा दी और मेरी गांड भी क्रीम से भर दी। कुछ देर उसने ऊँगली मेरी गांड में आगे पीछे की और दोबारा मेरी चूत में लंड घुसा कर मुझे चोदने लगा।
अनिल उमा की गांड में बड़े प्यार से ऊँगली घुसा कर उसकी गांड की मालिश कर रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उमा की गांड पर अपना लंड रख दिया और एक झटका तेजी से मारा। उमा के जोर से चीखने की आवाज़ आई। उमा चीख सी रही थी- कुत्ते, छोड़ ! मर गई ! मर गई ! हरामी रंडी की औलाद लौड़ा निकाल ! फट गई !
मैंने मुँह उठा कर देखा तो दंग रह गई। अनिल ने अपना आधा लंड उमा की गांड में घुसा दिया था और उसे अंदर घुसाने की कोशिश में लगा था। उमा बुरी तरह चीख रही थी। थोड़ी देर में उसका लंड पूरा उमा की गांड में फिट हो गया। अब राजू मेरी चूत और अनिल उमा की गांड पेल रहे थे। मुझे चुदने में अब बहुत मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में उमा भी मीठी मीठी सिसकारियां और चीखें मारने लगी। अनिल का लौड़ा उसकी गांड में आगे पीछे होते हुआ मैं बड़े आराम से देख रही थी।
अनिल मेरे बाल खींचते हुआ बोला- साली, तेरी भी अभी मारूंगा ! देख ले और देख ले !
उमा गांड हिला हिला कर गांड मरवाने का मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद दोनों लोगों ने अपना लंड निकाल लिया। दोनों के लंड पूरे तने हुए खड़े थे, शायद गोली का असर था। मेरी चूत में मीठा दर्द हो रहा था। अनिल ने उमा की गांड से लंड निकाल लिया और मेरे मुँह के पास लंड रखकर बोला- राजू, तू उमा की गांड में घुसा ! मैंने खोल दी है !
राजू ने मेरी चूत से लंड निकाल कर उमा की गांड में घुसा दिया। राजू का लंड अनिल से पतला था इसलिए उमा की फटी गांड में आराम से घुस गया। उमा बिस्तर पर लगभग लेट सी गई थी, राजू का लंड उमा की गांड में सरपट दौड़ने लगा।
अनिल ने कंडोम निकालकर फ़ेंक दिया था और मेरे मुँह पर अपना लौड़ा रखकर मेरी चूचियां कस के दोनों हाथों से मसल दीं और बोला- ले कुतिया लौड़ा चूस !
लेकिन मुझे लौड़ा चूसने से चिढ़ थी, मैंने अपना मुँह बंद रखा।
अनिल बोला- हरामिन साली ! रंडी नखरे करती है, अभी मज़ा चखाता हूँ !
उसने मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। अनिल का लंड अच्छा मोटा था उसने पूरी ताकत से एक झटके में मेरी चूत में लंड पेल दिया।
मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई !
अनिल मेरी चूची कस कस कर नोच रहा था, मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी थी- उई मर गई !
उमा भी हलकी हलकी सिसकारियाँ ले रही थी। अनिल का लंड मेरी चूत में तेजी से झटके खा रहा था। राजू का लंड झड़ चुका था, उमा चुदने के बाद बिस्तर पर एक घायल कुतिया की तरह लेट गई। अनिल ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींच लिया। उसका लंड अभी भी टनटना रहा था। अनिल अब मेरी मेरी गांड में अपनी ऊँगली घुसा रहा था और उसे गांड में अगूंठी की तरह घुमा के आगे पीछे कर रहा था, साथ ही साथ गुर्रा रहा था- रंडी साली ! तेरे को तो मैं बताता हूँ ! लौड़ा चूसने से मना करती है ना !
मेरी गांड में अजीब सी खुजली हो रही थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था अब यह क्या करेगा !
उसने पास में रखी जेली ट्यूब पूरी मेरी गांड में पिचका दी, राजू से बोला- कुतिया तेरा लौड़ा चूसने से मना कर रही थी? अभी साली से चुसवाता हूँ ! पूरे पचास हज़ार दिए हैं ! सारे छेदों में डालूँगा हरामिनो के ! साली शरीफ बनती हैं ! इसके मुँह पर लौड़ा रख और कस कर इसकी चूचियां दोनों हाथों से पकड़ !
राजू ने क्रीम निकाल कर अनिल को दे दी। उसने अपनी ऊँगली में ढेर सी क्रीम लगाई और उमा की गांड क्रीम से भर दी। राजू ने मुझे भी घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरी चूत में पीछे से घुसा दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मारने लगा। अब मेरा मुँह उमा की गांड की तरफ था। हम दोनों पलंग पर 90 डिग्री का कोण बना रहे थे।
अनिल बोला- थोड़ी क्रीम साली की गांड में भी लगा ! इसकी गांड भी मारूंगा। साली लौड़ा नहीं चूसती है ना !
राजू ने लंड निकाल कर अपनी ऊँगली मेरी गांड में घुसा दी और मेरी गांड भी क्रीम से भर दी। कुछ देर उसने ऊँगली मेरी गांड में आगे पीछे की और दोबारा मेरी चूत में लंड घुसा कर मुझे चोदने लगा।
अनिल उमा की गांड में बड़े प्यार से ऊँगली घुसा कर उसकी गांड की मालिश कर रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उमा की गांड पर अपना लंड रख दिया और एक झटका तेजी से मारा। उमा के जोर से चीखने की आवाज़ आई। उमा चीख सी रही थी- कुत्ते, छोड़ ! मर गई ! मर गई ! हरामी रंडी की औलाद लौड़ा निकाल ! फट गई !
मैंने मुँह उठा कर देखा तो दंग रह गई। अनिल ने अपना आधा लंड उमा की गांड में घुसा दिया था और उसे अंदर घुसाने की कोशिश में लगा था। उमा बुरी तरह चीख रही थी। थोड़ी देर में उसका लंड पूरा उमा की गांड में फिट हो गया। अब राजू मेरी चूत और अनिल उमा की गांड पेल रहे थे। मुझे चुदने में अब बहुत मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में उमा भी मीठी मीठी सिसकारियां और चीखें मारने लगी। अनिल का लौड़ा उसकी गांड में आगे पीछे होते हुआ मैं बड़े आराम से देख रही थी।
अनिल मेरे बाल खींचते हुआ बोला- साली, तेरी भी अभी मारूंगा ! देख ले और देख ले !
उमा गांड हिला हिला कर गांड मरवाने का मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद दोनों लोगों ने अपना लंड निकाल लिया। दोनों के लंड पूरे तने हुए खड़े थे, शायद गोली का असर था। मेरी चूत में मीठा दर्द हो रहा था। अनिल ने उमा की गांड से लंड निकाल लिया और मेरे मुँह के पास लंड रखकर बोला- राजू, तू उमा की गांड में घुसा ! मैंने खोल दी है !
राजू ने मेरी चूत से लंड निकाल कर उमा की गांड में घुसा दिया। राजू का लंड अनिल से पतला था इसलिए उमा की फटी गांड में आराम से घुस गया। उमा बिस्तर पर लगभग लेट सी गई थी, राजू का लंड उमा की गांड में सरपट दौड़ने लगा।
अनिल ने कंडोम निकालकर फ़ेंक दिया था और मेरे मुँह पर अपना लौड़ा रखकर मेरी चूचियां कस के दोनों हाथों से मसल दीं और बोला- ले कुतिया लौड़ा चूस !
लेकिन मुझे लौड़ा चूसने से चिढ़ थी, मैंने अपना मुँह बंद रखा।
अनिल बोला- हरामिन साली ! रंडी नखरे करती है, अभी मज़ा चखाता हूँ !
उसने मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। अनिल का लंड अच्छा मोटा था उसने पूरी ताकत से एक झटके में मेरी चूत में लंड पेल दिया।
मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई !
अनिल मेरी चूची कस कस कर नोच रहा था, मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी थी- उई मर गई !
उमा भी हलकी हलकी सिसकारियाँ ले रही थी। अनिल का लंड मेरी चूत में तेजी से झटके खा रहा था। राजू का लंड झड़ चुका था, उमा चुदने के बाद बिस्तर पर एक घायल कुतिया की तरह लेट गई। अनिल ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींच लिया। उसका लंड अभी भी टनटना रहा था। अनिल अब मेरी मेरी गांड में अपनी ऊँगली घुसा रहा था और उसे गांड में अगूंठी की तरह घुमा के आगे पीछे कर रहा था, साथ ही साथ गुर्रा रहा था- रंडी साली ! तेरे को तो मैं बताता हूँ ! लौड़ा चूसने से मना करती है ना !
मेरी गांड में अजीब सी खुजली हो रही थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था अब यह क्या करेगा !
उसने पास में रखी जेली ट्यूब पूरी मेरी गांड में पिचका दी, राजू से बोला- कुतिया तेरा लौड़ा चूसने से मना कर रही थी? अभी साली से चुसवाता हूँ ! पूरे पचास हज़ार दिए हैं ! सारे छेदों में डालूँगा हरामिनो के ! साली शरीफ बनती हैं ! इसके मुँह पर लौड़ा रख और कस कर इसकी चूचियां दोनों हाथों से पकड़ !
Re: गन्दा काम - indian sex story - -
राजू मेरी चूचियाँ पकड़ कर खड़ा हो गया और अपना लंड मेरे मुँह के आगे रख दिया। मैंने अपना मुँह नहीं खोला। अनिल ने चूत में से अपना लंड निकाल कर मेरी गांड के मुँह पर रख दिया और झटके से मेरी गांड में घुसा दिया। मैं एकदम से चिल्ला उठी- उई, मर गई ! मर गई !
लंड मेरी गांड में थोड़ा सा घुस चुका था और वो पूरा घुसाने की कोशिश कर रहा था। मैं चिला रही थी- उई मर गई ! छोड़ कुत्ते छोड़ ! फट गई ! फट गई !
मेरी आँखों से आंसू आ गए थे, मैं झटका दे रही थी कि मेरी चूत से लौड़ा निकल जाए लेकिन अनिल और राजू की पकड़ बड़ी मजबूत थी। अनिल बोला- कुतिया इतना क्यों चिल्ला रही है? अभी तो दो इंच भी अंदर नहीं घुसा है, साली कितनी कसी हुई गांड है तेरी? इतना दर्द हो रहा है तो चुपचाप लौड़ा चूस ले ना ! नखरे क्यों करती है?
अनिल कस कर मेरी कमर पकड़े हुआ था और राजू मेरे दोनों संतरे दबाए हुए था, अनिल चिल्लाया- राजू कुतिया को छोड़ियो नहीं जब तक तेरा लौड़ा मुँह में न ले ले !
अनिल पूरी ताकत से लंड मेरी गांड में घुसाने की कोशिश कर रहा था, मैं दर्द के मारे मरी जा रही थी और रोते हुए चिल्ला रही थी।
उमा भी मुड़ कर मेरी तरफ देख रही थी, उमा बोली- अनिल जी, इसे छोड़ दो ! इसने आज तक गांड नहीं मरवाई है ! मर जायेगी !
अनिल बोला- साली हर कुतिया को एक न एक दिन तो खुलवानी ही पड़ती है ! चूत भी तो साली की खुली होगी ! आज कुतिया की गांड मैं खोल देता हूँ ! हरामिन मेरे यार का लौड़ा चूसे तो इसे छोड़ सकता हूँ !
अनिल ने दम लगा के अपना लंड कुछ और अंदर तक तक मेरी गांड में ठोंक दिया था। राजू का लंड मेरे मुँह के आगे झूल रहा था। अनिल ने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला तो मुझे कुछ शांति सी लगी लेकिन अगले ही सेकंड एक तेज झटका मेरी गांड पे लगा लंड गांड में और अंदर तक घुस गया था। मेरी जोरों से चीख निकल गई।
अनिल चिल्लाया- तू साली हरामजादी लौड़ा नहीं चूसेगी तो तेरी तो गांड ही मारनी पड़ेगी।
अनिल ने लंड मेरी गांड में दौड़ाऩा शुरू कर दिया। मेरी जोरों से चीख निकल गई। .मेरा दर्द असहनीय हो रहा था, मैं बोली- छोड़ कुत्ते छोड़ ! ले मैं मुहं में लेती हूँ !
अनिल ने गांड से लंड निकाल लिया। मरती क्या न करती- मैंने राजू का मुरझाया हुआ लंड अपने मुंह में ले लिया। अनिल ने मेरे चूतड़ौ॑ पर हाथ मारा और बोला- शाबाश मेरी रंडी ! पहले इसका चूस ! फिर मेरा चूसियो !
अनिल ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के मुँह में छुला रखा था जिसके कारण गांड के मुँह पर चुभन सी हो रही थी।
पहली बार मेरे मुँह में लंड घुसा था, मैं उसे चूसने लगी। मुझे पता था कि अगर मैंने लंड बाहर निकाला तो मेरी गांड फाड़ दी जायेगी।
थोड़ी देर में राजू का लंड दोबारा खड़ा होने लगा, लेकिन जैसे जैसे मैं लंड चूस रही थी मेरे बदन में मस्ती सी बढ़ती जा रही थी। सच, मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था। अब मैं पूरी मस्त होकर लौड़ा चूस रही थी। मुझे पता चल गया था कि जब तक कोई चीज़ चखो नहीं, तब तक उसके मजे का पता नहीं चलता है।
राजू का लंड अब पूरा खड़ा हो गया था, उसे अब मैं बिलकुल ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह चूसने लगी थी।
अनिल दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को दबाते हुए बोला- शाबाश मेरी जान ! यह हुई न बात ! और उसने अपना लंड मेरी चूत में फिट कर दिया।
मैं चिहुंक उठी लेकिन अगले ही क्षण पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया था और चूत में आगे पीछे दौड़ने लगा था। इस समय मुझे पता चल रहा था कि दो दो लंडों का मज़ा क्या होता है। मुझे मस्त मज़ा आने लगा था, अब मैं पूरी मस्त होकर लंड चूस रही थी, साथ ही साथ चूत भी मैंने ढीली छोड़ दी थी। मेरी चूत की चुदाई भी शुरू हो गई थी। दो लंडौं से पिलवाने का मज़ा क्या होता है, लिख कर नहीं बताया जा सकता। वाकई अब मैं असली कुतिया होने का मज़ा ले रही थी। सच ! यह तो जन्नत का मज़ा था ! मैंने सोच लिया था कि अगर अब अनिल गांड मारेगा तो कितना ही दर्द हो गांड भी एक बार मरवा लूंगी। पता तो चले गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है !
लंड मेरी गांड में थोड़ा सा घुस चुका था और वो पूरा घुसाने की कोशिश कर रहा था। मैं चिला रही थी- उई मर गई ! छोड़ कुत्ते छोड़ ! फट गई ! फट गई !
मेरी आँखों से आंसू आ गए थे, मैं झटका दे रही थी कि मेरी चूत से लौड़ा निकल जाए लेकिन अनिल और राजू की पकड़ बड़ी मजबूत थी। अनिल बोला- कुतिया इतना क्यों चिल्ला रही है? अभी तो दो इंच भी अंदर नहीं घुसा है, साली कितनी कसी हुई गांड है तेरी? इतना दर्द हो रहा है तो चुपचाप लौड़ा चूस ले ना ! नखरे क्यों करती है?
अनिल कस कर मेरी कमर पकड़े हुआ था और राजू मेरे दोनों संतरे दबाए हुए था, अनिल चिल्लाया- राजू कुतिया को छोड़ियो नहीं जब तक तेरा लौड़ा मुँह में न ले ले !
अनिल पूरी ताकत से लंड मेरी गांड में घुसाने की कोशिश कर रहा था, मैं दर्द के मारे मरी जा रही थी और रोते हुए चिल्ला रही थी।
उमा भी मुड़ कर मेरी तरफ देख रही थी, उमा बोली- अनिल जी, इसे छोड़ दो ! इसने आज तक गांड नहीं मरवाई है ! मर जायेगी !
अनिल बोला- साली हर कुतिया को एक न एक दिन तो खुलवानी ही पड़ती है ! चूत भी तो साली की खुली होगी ! आज कुतिया की गांड मैं खोल देता हूँ ! हरामिन मेरे यार का लौड़ा चूसे तो इसे छोड़ सकता हूँ !
अनिल ने दम लगा के अपना लंड कुछ और अंदर तक तक मेरी गांड में ठोंक दिया था। राजू का लंड मेरे मुँह के आगे झूल रहा था। अनिल ने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला तो मुझे कुछ शांति सी लगी लेकिन अगले ही सेकंड एक तेज झटका मेरी गांड पे लगा लंड गांड में और अंदर तक घुस गया था। मेरी जोरों से चीख निकल गई।
अनिल चिल्लाया- तू साली हरामजादी लौड़ा नहीं चूसेगी तो तेरी तो गांड ही मारनी पड़ेगी।
अनिल ने लंड मेरी गांड में दौड़ाऩा शुरू कर दिया। मेरी जोरों से चीख निकल गई। .मेरा दर्द असहनीय हो रहा था, मैं बोली- छोड़ कुत्ते छोड़ ! ले मैं मुहं में लेती हूँ !
अनिल ने गांड से लंड निकाल लिया। मरती क्या न करती- मैंने राजू का मुरझाया हुआ लंड अपने मुंह में ले लिया। अनिल ने मेरे चूतड़ौ॑ पर हाथ मारा और बोला- शाबाश मेरी रंडी ! पहले इसका चूस ! फिर मेरा चूसियो !
अनिल ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के मुँह में छुला रखा था जिसके कारण गांड के मुँह पर चुभन सी हो रही थी।
पहली बार मेरे मुँह में लंड घुसा था, मैं उसे चूसने लगी। मुझे पता था कि अगर मैंने लंड बाहर निकाला तो मेरी गांड फाड़ दी जायेगी।
थोड़ी देर में राजू का लंड दोबारा खड़ा होने लगा, लेकिन जैसे जैसे मैं लंड चूस रही थी मेरे बदन में मस्ती सी बढ़ती जा रही थी। सच, मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था। अब मैं पूरी मस्त होकर लौड़ा चूस रही थी। मुझे पता चल गया था कि जब तक कोई चीज़ चखो नहीं, तब तक उसके मजे का पता नहीं चलता है।
राजू का लंड अब पूरा खड़ा हो गया था, उसे अब मैं बिलकुल ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह चूसने लगी थी।
अनिल दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को दबाते हुए बोला- शाबाश मेरी जान ! यह हुई न बात ! और उसने अपना लंड मेरी चूत में फिट कर दिया।
मैं चिहुंक उठी लेकिन अगले ही क्षण पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया था और चूत में आगे पीछे दौड़ने लगा था। इस समय मुझे पता चल रहा था कि दो दो लंडों का मज़ा क्या होता है। मुझे मस्त मज़ा आने लगा था, अब मैं पूरी मस्त होकर लंड चूस रही थी, साथ ही साथ चूत भी मैंने ढीली छोड़ दी थी। मेरी चूत की चुदाई भी शुरू हो गई थी। दो लंडौं से पिलवाने का मज़ा क्या होता है, लिख कर नहीं बताया जा सकता। वाकई अब मैं असली कुतिया होने का मज़ा ले रही थी। सच ! यह तो जन्नत का मज़ा था ! मैंने सोच लिया था कि अगर अब अनिल गांड मारेगा तो कितना ही दर्द हो गांड भी एक बार मरवा लूंगी। पता तो चले गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है !