ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:46

कामुक संध्या - hindi sex story
मैं संध्या एक जवान खूबसूरत, गोरी, कामुक और मांसल बदन वाली युवती हूँ. मेरी स्टॅट 34-28-38 है. मुझे जो एक बार देखता है मूड के दुबारा देखता ही है चाहे मर्द हो या बुड्ढ़ा या कोई नया जवानी मे उतरा युवक. मुझ अपनी जवानी पर बड़ा नाज़ है और में जानती हूँ जो मेरी कामुक जवानी का रस पिएगा वो धन्य हो जाएगा.

अब आपको मैं अपने बारे मे और बताऊ मैं कॉलेज गोयिंग गर्ल हूँ उमर 21 साल कद 5.6 इंच और बाल लंबे. कॉलेज मे सब लड़के मेरी जवानी पर मरते है और मैं सिर्फ़ अपनी क्लास के एक लड़के राजू पर मारती हूँ यह बात उसे भी पता है और क्लास की मेरी सभी सहेलियों स्वाती, मुस्कान, शालिनी, माटी, अदिति,महिमा, अवन्तिका और रिचा को जो मेरी ही क्लास और साथ की मेट्स है. कोई एक दो साल छ्होटी या बड़ी पर हमारा ग्रूप खूब मस्ती करता है और मज़े लेता है जिंदगी के. हम लड़कियाँ लड़को का काफ़ी मज़ाक उड़ती है और उनसे अपने उपर खर्च भी करवाती है. आख़िर क्यों ना हो वो लड़के हमारी जवानी को लूटने के लिए उतावले जो रहते है. राजू तो मेरी मस्त गोल गोल चुचि च्छुने को जैसे हर वक़्त तय्यार रहता है. यही हाल वो मेरी सहेलियों के साथ भी करता है पर उन्हे पहले अपनी आँखो आँखो से चोद्ना चाहता है शायद वो इंतज़ार मे है कब मैं उसे नीचे पूरी तरह आयुं और वो उसके बाद मेरी सहेलियों पर हाथ डाले.

मैं अपनी एक सहेली स्वाती और अपने बारे मे पहले बतौँगी. मैं कुच्छ दीनो पहले ही स्वाती से मिली थी. स्वाती एक अति आधुनिक विचारों वाली सेक्सी कन्या थी जिसने मेरे भीतर भी फ्री सेक्स की भावना जगाई . आइए आपको स्वाती की जवानी से रूबरू कर्वादुन. गोरा रंग, मलाई सी त्वचा हाथ लगाने से ही मैली हो जाए, गोल मासूम चेहरे पर काले रेशमी बाल, लाल लाल गाल, मोटी मोटी नशीली आँखने, रस से भरे रसीले होंठ जिनको चूसने का सभी का मान करे आएईसी है मेरी सहेली स्वाती. आठेलेटिक्स की दीवानी कहती है की आठेलेटिक्स से शरीर टाइट और फिट रहता है. मैं सब समझती हूँ की शरीर के कौन से हिस्से के बारे मे बात करना चाहती है मेरी सहेली स्वाती. कुल मिला कर स्वाती की जवानी ताना टन और नया फ्रेश माल है पूरे कॉलेज मे. एक बार तो मुझे भी लगा की वो राजू को मेरे चंगुल से ले जाएगी. पर मेरी भी तूफ़ानी और कातिल जवानी का कोई जवाब नही है. कॉलेज का हर लड़का मेरा और स्वाती का समझ लो बराबर ही दीवाना था और मैं राजू पर मरती थी और स्वाती के लिए सभी लड़के बस एक मर्द है जो जब चाहे उसे काम मे लेले. उसका बस चले हो दिन रात सेक्स मे ही डूबी रहे.

स्वाती के चिकने और कामुक जिस्म पर झांट का एक भी बाल नही था और उसकी छूट बिल्कुल कक़ची छूट थी. अभी तक लंड की आशिक़ स्वाती को लॉड बहुत देखने को मिले थे पर वो उन्हे गटक नही पाई थी और जब मेरी उससे दोस्ती बढ़ गयी थी उसने खुद बोला था की संध्या तेरी स्वाती अब तक अनचूडी चूत हैं. अभी तक उसकी चूत सिर्फ़ पानी से सराबोर हो जाती थी , पानी छ्चोड़ देती थी,पर लॉडा नही चूस पाई थी. वो मेरे से काफ़ी घुल मिल गयी मैने भी सोचा की लाओ स्वाती को मस्त जवानी का दर्शन करवा दूं मेरे कहने के अनुसार ही वो कभी कभी स्कर्ट के नीचे पनटी नही पहनती थी और कॉलेज मे आइसे आइसे पैर करके बैठती थी की लड़को को पता चल जाता था की स्वाती बिना पनटी के आई है और वो उसके उस दिन ज़्यादा आसिक़ हो जाते थे. हम लड़कियों के ग्रूप को इस्स बात मे ज़्यादा मज़ा आता था क्योंकि लड़को की पॅंट का तंबू हम लोगो को देखने मे मज़ा आता था. एक बार जब मेरे घर पे कोई नही था तो मैने स्वाती को अपने घर इन्वाइट किया और उससे पुचछा की क्या मेरे घर पे वो अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेना चाहेगी तो स्वाती घबरा उठी. मैं भी समझ गयी लड़की नयी नयी जवान हुई है तोड़ा समय लगेगा और फिर जो मस्त चुड़दकड़ बनेगी उसका पूरा मोहल्ला स्वाती की चूत के नशे मे डूबा होगा. मैने उसे अपने घर बुलाया और टीवी पर एक नंगी फिल्म लगा दी सच मानिए आप लोग देसी और विदेशी नंगी फील देख के तो सवती का सर चकरा गया. वो बोली संध्या यह सब क्या सचमुच मे होता है. मैने भी उससे मज़े लेने के लिए बोला- खुल के बोलो स्वाती क्या कहना चाहती हो यहाँ तेरे मेरे सिवा कोई नही है.
स्वाती- साध्या यही जो इस फिल्म मे है लंड चूसना और…
साध्या- और क्या बोल तो ज़रा
स्वाती- हाए रे मुझे शरम आती है
संध्या- (स्वाती के गर्दन मे हाथ डालके) बोल ना मेरी रानी जितना खुल के बोलेगी उतना मस्ती लूटेगी
स्वाती- यह चुदाई और गॅंड मे डलवाना
संध्या- हाँ री स्वाती और मर्द लोग पूरा जिस्म भोगते है औरत का.

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:47

संध्या ने फिर स्वाती को बताना शुरू लिया की किस तरह एक मर्द किसी भी औरत का जिस्म भोगता है.
संध्या- स्वाती तूने कितने मर्दों को महसूस किया है
स्वाती – क्या ंतलब
संध्या- मेरा मतलब है किस किस उमर के मर्दों को अपनी मादक छति की और देखते हुए महसूस किया है
स्वाती- (शर्मकार) लगभग हर उमर के 18 से 70 साल तक के अब क्या बोलू संध्या यह मेरे गोल गोल मस्त चुचे हर उमर के मर्द का लॉडा तनटना देते है और हर उमर का मर्द मेरी जवानी को भूखी नज़रों से देखता महसूस होता है. क्या बतौन घर से निकलते ही लगता है पूरा समाज मेरी जवानी का रस पीना चाहता है.
संध्या- तुझे कैसा लगता है उस समय जब किसी मर्द की निगाहे तेरे जिस्म पर होती है.
स्वाती- पहले तो कहराब लगता था. धीरे धीरे अटपटा लगने लगा पर अब आदि हो गया हूँ.सच कहूँ अब यदि कोई रास्ते मे मर्द नही मिलता है तो खराब लगता है की किसी ने स्वाती के जिस्म की गोलैईयों को देखा नही . घूरा नही, यह नही सोचा की काश यह मदमस्त चुचियाँ दबाने को मिल जाए.
संध्या- देखा स्वाती यह मर्द सब इसी तरह जवान जिस्म का भोग करना चाहते है. 18 साल तक आते आते इनका लंड खड़ा होना शुरू हो जाता है और यह लोग जिंदगाई भर चूत का उपभोग करना चाहते है.
स्वाती- तुझे कसिए मालूम?
संध्या- मुझे राजू ने बताया, राजू मेरा लवर है उ नो ना.
स्वाती- हाँ
संध्या- तू जानना चाहेगी हम दोनो के बीच कैसी कैसी बातें होती है
स्वाती ने हाँ मे सिर हिलाया.
संध्या- पर उसके लिए तुजे कुच्छ करना होगा?
स्वाती – क्या?
संध्या- कुच्छ खास नही जानेमन. घर पे आज कोई नही है और मैं डोर बंद है आजा पूरी तरह नंगी होके मेरी बाहों मे और मेरी और राजू की कम कथा सुन और अपनी जिंदगी का मज़ा भी ले.
स्वाती- मज़ा कैसे
संध्या- अरी पागल न्नगी बाहों मे होगी तो तुझे झाडे बिना थोड़े ही छ्चोड़ दूँगी. चल वो सब छ्चोड़ और अपने मादक और मदमटे जिस्म को कपड़ो से आज़ाद कर दे. ले तेरी सुउधा के लिए पहले मैं न्नगी हो जाती हूँ फिर तुझे एक एक करके कपड़ो से आज़ाद करूँगी.
इतना कहके संध्या ने अपने मस्त कामुक और चिकने जिस्म से सारे कपड़े उतार दिए. वियसे भी संध्या और स्वाती सिर्फ़ लोवर और त शर्ट मे ही तो थी. अपने आप को मदरजात नंगी करने के बाद संध्या स्वाती की ऊवार बड़ी और आयेज बदकार स्वाती के मदमटे जिस्म को बाहों के घेरे मे लेके बोली-
आओ स्वाती आज मैं तुझे एक मर्द के लिए पूरा तय्यार कर दूं.
स्वाती सब अचानक और पहली बार देखके समझ ही नही पा रही थी की संध्या को रोके या अपनी जवानी की जानकारी को पूरा होने दे. उसने कुच्छ भी नही कहाँ और अपने आप को संध्या के हाथो मे सौंप दिया. संध्या ने स्वाती के जिस्म को बाहों मे भरा और उसके रसीले होंठ पे होंठ रख के चूसने लगी और बोली- स्वाती तुझे गंदी बाते पसंद है
स्वाती – हह. ……….ह्म… हाँ
संध्या- ठीक है मैं तुझे सब खुलके बोलूँगी. एक बात है…..
स्वाती- कककक्क्क्ययययययययाआआ….. आआआहह…….
संध्या- तेरे होंठ बड़े रसीले है जो मर्द इन्हे चुसेगा तेरी चूत का दीवाना हो जाएगा. क्या तेरे नीचे के होंठ भी इतने ही रसभरे है.
स्वाती- मुझे माही मालूम.
संध्या- ठीक है मेरी बुलबुल आज तेरे सारे बुल(होंठ) मैं चूस के तुझे बतौँगी.
कहके संध्या स्वाती के रसीले होंठ चूसने लगी. एक नंगी लड़की के साथ सेक्स की कल्पना स्वाती ने कभी नही की थी. उसकी पॅंटी मे चूत ने पानी का स्राव कर दिया. पूरी तरह चिपचिपा रही थी उसकी चिकनी चूत.
संध्या ने स्वाती की त शर्ट के उपर ही उसके तोते पकड़ लिए. सी………….सी…….. आ………….. स्वाती के मूह से आवाज़ निकल पड़ी.
संध्या- क्यों क्या हुआ मेरी बुलबुल.
स्वाती- इतनी ज़ोर से ना दबा दर्द कर दिया तूने
संध्या- मुझे तो रोक ले मेरी जान पर किसी मर्द को नही रोक पाएगी. तेरी छति पर उगे संतरे बड़े मस्त गोल और मुलायम है.
स्वाती शर्मा जाती है इस अदा पर संध्या ने उसे अपनी बाहों मे फिर से जाकड़ लिया. धीरे धीरे संध्या ने स्वाती की टी शर्ट को उपर उठना शुरू किया. स्वाती चाहते हुए भी विरोध नही कर पे क्योंकि संध्या निपट नंगी थी तो स्वाती क्या ना नुकुर करती.
संध्या-स्वाती तुझे पता है यह मर्द लोग हम लड़कियों का जिस्म अपनी पाँच इंद्रियों से भोगना चाहते है.
स्वाती- कैसे प्ल्ज़ खुलके बोलो इशारे मे नही.
संध्या- हाँ मेरी बुलबुल तुझे सब बटूँगी भी और करके ही दिखाऊंगी. आइसे ही कोई झूठ नही बोली मैं.
यह कहते हुए संध्या मे स्वाती के जिस्म से त शर्ट उतार दी.
संध्या- हाए रे कितनी चिकनी और गोल चुचि है तेरी. कसम से राजू देख ले तो चूसे बिना माने नही, राजू क्या कोई भी मर्द तुझे भोगेगा तो धान्या हो जाएगा.
स्वाती- संध्या प्ल्ज़ मुझे शर्म आ रही है
संध्या- अरे लड़की हूँ मैं कोई मर्द नही जो तेरी चूत मार लूँगी. मुझसे मत शर्मा नही तो जवानी के मज़े नही ले पाएगी.
स्वाती अपने आप मे कसमसा कर रह गयी.

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:47

संध्या धीरे धीरे गर्म हो रही थी उसकी अपनी चूत भी पानी से भर रही थी उसने स्वाति के हाथ को पकड़ के अपनी चिकनी और गर्म जाँघों के बीच दबा दिया। स्वाति फिर सिसकार उठी।
स्वाति-हाय सन्ध्या क्या कर रही हो यह क्या हो रहा है मेरे जिस्म के साथ?
सन्ध्या- कुछ नही मेरी रानी आज जवानी का नंगा खेल होगा जो तुम और मैं दोनों मिलकर खेलेंगे और सोचेंगे कि काश कोई मर्द भी होता तो हम और तुम दोनों उसे भोगते और वो हम दोनों को बारी बारी से उपभोग करता
स्वाति सन्ध्या की उत्तेजित सुन सुनके और स्वाति की गीली चूत और पानी में डुबती जा रही थी। सन्ध्या ने उसकी चूची दबायी और उसके कान के पास मुंह ले जाके बोली
सन्ध्या- आओ स्वाति अब मैं तुझे मादरजात नंगी कर दूँ अपनी तरह, पुरी नंगी, बिना किसी कपड़े के, कोई पेंटी नही कोई ब्रा नहीं, आजा स्वाति मेरी जान, मेरी बुलबुल, मेरी कामुक कली आजा तेरी पंखुडियां मसल दूँ।
स्वाति इन बातों को अपने ऊपर महसूस करती जा रही थी और सन्ध्या ने उसका लोअर भी उतार दिया। अब 18 साल की स्वाति सिर्फ एक पेंटी में 21 साल की सन्ध्या के सामने बेड पर थी। सन्ध्या ने उसे निहारा और उस पर टूट पड़ी। स्वाति से लिपट गयी और उसके होंठ चूसने लगी। अब स्वाती भी सन्ध्या का साथ दे रही थी . सन्ध्या इससे मन ही मन मुस्कुरा उठी वो समझ गयी की चिड़िया ने दाना चुग लिया है वो चुदाई के लिए तैयार है . संध्या जब भी कहेगी स्वाति किसी भी मर्द का लौड़ा अपनी चिकनी और मस्त चूत में ले लेगी.
स्वाति- सन्ध्या वो इन्द्रियों से जिस्म भोगने की बात बताओ और यह भी कि राजु ने यह सब तुम्हे कब और क्यों बताया ?
सन्ध्या- सब बताती हूँ मेरी जान पहले तेरी गीली पेंटी उतर दूँ देख तेरी चूत के पानी से पुरी भीग गयी है
स्वाति- उत़ार दो सन्ध्या। काश कोई मर्द होता तो हम दोनों को एक साथ इस हालत में देख के अब तक अपने लौड़े से वीर्य की फुहार मार चुका होता
सन्ध्या- सब होगा मेरी बुलबुल। तेरे नीचे वाले बुल को मर्द चूसेंगे और तू चूतड उठा उठा के चुदवायेगी। वो दिन भी आयेंगे मेरी कच्ची कली।
इतना कहके सन्ध्या ने स्वाति के जिस्म से उसकी आखिरी शर्म भी उतार दी। अब स्वाति और सन्ध्या मादरजात नंगी होके एक दुसरे से लिपटी हुई थी. हाथ जिस्म पर फिर रहे थे और होंठ एक दुसरे की मादकता को चूम रहे थे
स्वाति- सन्ध्या प्लीज़ मेंरी जवानी का सारा रस पी लो। बताओ न अब की लड़के अपनी इन्द्रियों से कैसे हम लडकियों के जिस्म को भोगते है.

संध्या – अच्छा सुन यह मर्द लोग हम लड़कियों को अपनी पाँचों इन्द्रियों से कैसे भोगते हैं यह बात मुझे मेरे बीएफ राजू ने बताई थी जब मैंने अपनी बुर की कसम दी तब उसने बोला
स्वाति-हाय री तो तू उससे चुद चुकी है
संध्या-हाँ स्वाति राजू ने संध्या की चूत को जमके चोदा है पर वो किस्सा बाद में बताउंगी की कब और कहाँ पे चोदा उसने संध्या को। पहले यह सुन
स्वाति- हाँ बताओ
संध्या-पहले मर्द अपनी आँखों से लड़की के जवान जिस्म का भोग लगते है। वो लड़की के एक एक उभार को अपनी कामुक नज़र से मसलता है। जैसे उसके होंठ, उसकी चुचियाँ, उसके गोल गोल चूतड,उसकी चिकनी कमर, उसकी मांसल बाहें , उसकी गुदाज जांघें, उसके चहरे की चिकनाई , किसी अंग पे विज़िबल तिल वगेरह वगैरह .मर्द सब जगह को देख के सोचता है की काश इसके हर अनंग पे लुंड रगड़ने का मौका मिले तो मज़ा लेलूँ . इस तरह एक मर्द किसी नाज़ुक कलि के यौवन का रसपान अपनी कामुक आँखों से करता है।
इसके बाद जब लड़की को अपनी बाहों में दबोचता है तो अपनी त्वचा से लड़की की त्वचा को रगड के शरीर से स्पर्श सुख का आनन्द लेने की कोशिश करता है। कई मर्द बिना चुदाइ के इस प्रक्रिया में अपने आप को झाड देते है
स्वाति- हाय इतना गहरे से मैंने नहीं सोचा क्या मेरे साथ भी यह लड़के यही सोचते है और अपना वीर्य झाड़ते होंगे

संध्या- हाँ री मेरी चिकनी और कामुक कली तू अभी तक अनचुदी है. तेरी चूत का बाजा बजाने को तो पूरी क्लास मे कोई भी लौंडा तय्यार हो जाएगा. कहे तो बात करूँ तेरी नथ उतरवाने की.
स्वाती- ओह …………………….. प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़………… संध्या मैं बड़ा अलग फील कर रही हूँ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़………
संध्या- फिर मर्द लोग अपनी बाहों मे फँसी कली के यौवन को सूंघते है. लड़की के शरीर से निकलती खुशबू को महसूस करते है. इस प्रक्रिया मे वो उसके जिस्म को अपनी बाहों मे कस के पकड़ लेते है और लड़की की उभरी चुचियाँ, उसके क्लीवेज, उसकी गर्दन, उसके पेट, उसकी नाभि, उसक्के चूतड़, उसकी चूत एट्सेटरा एट्सेटरा की खुशबू को सूँघते है. इसके बाद मर्द लड़की की जवानी का अपने कानो से भोग करता है.
स्वाती- वो कैसे
संध्या- इतना सब होने के बाद लड़की मादकता मे डूब के मस्त हो जाती है. लड़की के मूह से निकली कामुक सिसकार, उसकी ना नुकुर, उसकी च्चटपटाहत, उसका इनकार, उसका इकरार सब लड़के के कानो मे पड़ते है तो वो और मस्त होके लड़की पर झपट्टा मार के उसकी आवाज़े तेज़ करने के कोशिश करता है और गर्म जिस्म एक दूसरे से लिपट के एक दूसरे का उपभोग करते है और इस प्रक्रिया मे लड़के लड़कियों का भोग ज़्यादा लगाते है. अब आती है बारी जीभ से जवानी का स्वाद लेने की तो स्वाती मेरी जान सुन अब लड़के नंगी हो चुकी लड़की की चूत को चाट के, उसकी तनी चुचियों को चूस के, उसके गर्म चूतड़ पे जीभ फिरा के, उसके रस भरे होंठो को ख़ाके, उसके पूरे जिस्म को चाट चाट के लड़की का अपनी पाँचवी इंद्रिय से भी भोग लगाते है.
स्वाती- फिर क्या होता है
संध्या- हाए मेरी कच्ची चूत. इतनी भी भोली मत बन इसके बाद शुरू होती है चुदाई. जिसमे लड़का लड़की की बुर मारके उसे औरत बना देता है. तुझे चूदना है तो बोल तेरी चुदाई करावाऊं क्या.
स्वाती-वो बाद मे संध्या पहले अभी जो गर्मी चढ़ रही है उसका समाधान करो.
संध्या- आओ स्वाती आज हम दो लड़कियाँ मिल के यौवन का नया खेल खेले जिसमे बिना मर्द के हमे संतुष्टि मिले.
इतना कहके संध्या ने स्वाती को चूसना शुरू किया और उसकी चूत पर हाथ ले जाके उसे ज़ोर से दबा दिया.

Post Reply