nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum garam
Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara
उसकी ये मुद्रा देख कर शास्त्री के भीतर का व्यभिचारी जंगली पुरुष जाग उठा और उसके मुह से ये फूटा -
" सुवरण को खोजत फिरे ,कवी व्यभिचारी ,चोर .....!"
किसी भूखे भेडीए की तरह जो कई दिनों से भूखा हो और उसे कोई मुलायम मांस का के खरगोश का
बच्चा मिल जाये और वो झपट पड़े !
अब तनु का नाजुक बदन उस हट्टे कट्टे विलासी व्यभिचारी मर्द की बाँहों में था
और तनु उसमे किसी मोरनी की तरह मचल रही थी !
डर और उत्तेजना के मिले झूले उन्माद से !
और शास्त्री तो जेसे उस नाजुक शहरी कलि को पा कर जेसे पागल ही हो गया था -
" पुरे पंद्रह साल हो गए मेरी बीवी को गुजरे ....और आज तू मिली हे इतने सालों के बाद .....
में इस हवस के हथोड़े से तेरी चुत की धज्जियाँ उड़ा दूंगा ....तेरी पूरी इज्जत ख़राब करके भेजूंगा .......
हरामजादी ...रंडी ...मेरे वीर्य में सो पुरुषों की सिद्धि हे .....जो बच्चा पैदा होगा वो हरामी का होगा .....
बोल चाहिए तुझे हरामी का पिल्ला .....बोल भेन की लौड़ी बोल ....!"
" सुवरण को खोजत फिरे ,कवी व्यभिचारी ,चोर .....!"
किसी भूखे भेडीए की तरह जो कई दिनों से भूखा हो और उसे कोई मुलायम मांस का के खरगोश का
बच्चा मिल जाये और वो झपट पड़े !
अब तनु का नाजुक बदन उस हट्टे कट्टे विलासी व्यभिचारी मर्द की बाँहों में था
और तनु उसमे किसी मोरनी की तरह मचल रही थी !
डर और उत्तेजना के मिले झूले उन्माद से !
और शास्त्री तो जेसे उस नाजुक शहरी कलि को पा कर जेसे पागल ही हो गया था -
" पुरे पंद्रह साल हो गए मेरी बीवी को गुजरे ....और आज तू मिली हे इतने सालों के बाद .....
में इस हवस के हथोड़े से तेरी चुत की धज्जियाँ उड़ा दूंगा ....तेरी पूरी इज्जत ख़राब करके भेजूंगा .......
हरामजादी ...रंडी ...मेरे वीर्य में सो पुरुषों की सिद्धि हे .....जो बच्चा पैदा होगा वो हरामी का होगा .....
बोल चाहिए तुझे हरामी का पिल्ला .....बोल भेन की लौड़ी बोल ....!"
Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara
फिर तो शास्त्री ने तनु के लिपस्टिक से सजे मुलायम होंटो को अपने खुरदरे होंटों और दांतों से कुचलना शुरू कर दिया !
मानो किसी भिखारी को छप्पन भोग की थाली मिल गई हो !
सोचिये - वो क्या खायेगा क्या गिराएगा !
और शास्त्री तो सोच रहा था आज जो मजे लेना हे लेलो क्या पता फिर कब ऐसा मौका आये आज उसके भाग्य
पंद्रह साल बाद जागे हे !
कुछ देर होंट चुसे ,गाल चूमे फिर दोनों को कच कचा कर काट खाए !
भयानक चूमा चाटी के बाद जब शास्त्री ने उसे गोद में उठा कर चारपाई पर पटका
तब तक श्रृंगार से सजा उसका चेहरा , होटों की फेली लिपस्टिक ....जगह शास्त्री के दांतों के निशान और
उसके मुह के थूक से बुरी तरह सन चूका था !
पुरुष का किसी पागल कुत्ते की तरह ऐसा आक्रमण तनु के लिए एक नया रोमांच था !
स्त्री को भोगने के लिए ऐसा जानवर पन आज तक नहीं देखा था !
तनु डर के मारे सहम गई !
वो कुछ कुछ पछताने भी लगी थी रोमांच को पाने के लिए उसकी हालत ख़राब हो रही थी पर
बिलकुल नया हो रहा था जो आज तक उसके जीवन में नहीं हुआ था !
उसे इन्तजार था अपने पति "मन " का जो किसी भी वक़्त यहाँ आकर उसे शास्त्री के
हाथों से तितर -बितर होने से बचा लेगा !
पर उसका पति मन था कहाँ ...?
वो झोंपड़े की खिड़की के पास खड़ा होकर भीतर का भयानक नज़ारा देख कर .......
खुद उत्तेजित हो कर हस्तमैथुन कर रहा था .....!
मानो किसी भिखारी को छप्पन भोग की थाली मिल गई हो !
सोचिये - वो क्या खायेगा क्या गिराएगा !
और शास्त्री तो सोच रहा था आज जो मजे लेना हे लेलो क्या पता फिर कब ऐसा मौका आये आज उसके भाग्य
पंद्रह साल बाद जागे हे !
कुछ देर होंट चुसे ,गाल चूमे फिर दोनों को कच कचा कर काट खाए !
भयानक चूमा चाटी के बाद जब शास्त्री ने उसे गोद में उठा कर चारपाई पर पटका
तब तक श्रृंगार से सजा उसका चेहरा , होटों की फेली लिपस्टिक ....जगह शास्त्री के दांतों के निशान और
उसके मुह के थूक से बुरी तरह सन चूका था !
पुरुष का किसी पागल कुत्ते की तरह ऐसा आक्रमण तनु के लिए एक नया रोमांच था !
स्त्री को भोगने के लिए ऐसा जानवर पन आज तक नहीं देखा था !
तनु डर के मारे सहम गई !
वो कुछ कुछ पछताने भी लगी थी रोमांच को पाने के लिए उसकी हालत ख़राब हो रही थी पर
बिलकुल नया हो रहा था जो आज तक उसके जीवन में नहीं हुआ था !
उसे इन्तजार था अपने पति "मन " का जो किसी भी वक़्त यहाँ आकर उसे शास्त्री के
हाथों से तितर -बितर होने से बचा लेगा !
पर उसका पति मन था कहाँ ...?
वो झोंपड़े की खिड़की के पास खड़ा होकर भीतर का भयानक नज़ारा देख कर .......
खुद उत्तेजित हो कर हस्तमैथुन कर रहा था .....!
Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara
मन का चेहरा वासना से लाल भभूका हो रहा था और उसका और उसका हाथ अपने पतले और छोटे पर पूरी तरह से उत्थित लिंग
पर तेजी से चल रहा था !
वो चाहता तो ये सब रोक सकता था पर वो खुद अपनी काम वासना से ग्रसित था !
उसे इन्तजार था अपने स्खलन का !
इधर कमरे के भीतर -
" बोल रंडी ..तू मेरी रखेल हे ..." शास्त्री अपने काले लोड़े के सुपाडे पर थूक चुपड़ता बोला !
" हाँ ...में आपकी रखेल हूँ ..." तनु उत्तेजना से कांपने लगी थी !
"चोद - चोद के तुझे हिरोइन से छिनाल रांड बना दूंगा ...चल भेन की लौड़ी मुह खोल ...!"
तनु के बालों को शास्त्री ने मुटठी में पकड़ के खींचा की दर्द से तनु का मुह खुल गया !
शास्त्री गरजा " साली अपनी जीभ को पूरा बाहर निकाल "
डर के मारे तनु ने अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपना मुह खोल दिया ! और उसी वक़्त -
"गप्प ...."
शास्त्री ने अपना लोडा उसके खुले मुह में आधा ठूंस दिया !
" बहुत दिनों से इसमें से पेशाब की बदबू आ रही हे ...चाट कर साफ़ कर साली रांड ......
छिनाल कहीं की .....बच्चा चाहिए तुझे ....में दूंगा तुझे बच्चा ...साली के पांव भारी कर दूंगा ...
तेरे पेट को ढोल बना दूंगा ...पर पहले साली छिनाल इसे चूस ...कुत्ती ...पूरा चूस ..!"
और तनु डर के मारे चपड चपड कर चाटने लगी ! उसे डर था की कहीं ये उसके मुह और हलक में ही इस मूसल को
धकेल कर कहीं फाड़ ही नहीं डाले !
इस डर से कभी पति के लंड को मुह नहीं लगाने वाली इस अजनबी के लंड को चाट रही थी !
खिड़की पर देख रहे मन के चेहरे पर उसे लंड चूसते देख कर हेरत बरस रही थी !
उसकी कामनाये अब तनु के लिए कटु हो रही थी और वो इस खेल को और देखना चाहता था !
पर तेजी से चल रहा था !
वो चाहता तो ये सब रोक सकता था पर वो खुद अपनी काम वासना से ग्रसित था !
उसे इन्तजार था अपने स्खलन का !
इधर कमरे के भीतर -
" बोल रंडी ..तू मेरी रखेल हे ..." शास्त्री अपने काले लोड़े के सुपाडे पर थूक चुपड़ता बोला !
" हाँ ...में आपकी रखेल हूँ ..." तनु उत्तेजना से कांपने लगी थी !
"चोद - चोद के तुझे हिरोइन से छिनाल रांड बना दूंगा ...चल भेन की लौड़ी मुह खोल ...!"
तनु के बालों को शास्त्री ने मुटठी में पकड़ के खींचा की दर्द से तनु का मुह खुल गया !
शास्त्री गरजा " साली अपनी जीभ को पूरा बाहर निकाल "
डर के मारे तनु ने अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपना मुह खोल दिया ! और उसी वक़्त -
"गप्प ...."
शास्त्री ने अपना लोडा उसके खुले मुह में आधा ठूंस दिया !
" बहुत दिनों से इसमें से पेशाब की बदबू आ रही हे ...चाट कर साफ़ कर साली रांड ......
छिनाल कहीं की .....बच्चा चाहिए तुझे ....में दूंगा तुझे बच्चा ...साली के पांव भारी कर दूंगा ...
तेरे पेट को ढोल बना दूंगा ...पर पहले साली छिनाल इसे चूस ...कुत्ती ...पूरा चूस ..!"
और तनु डर के मारे चपड चपड कर चाटने लगी ! उसे डर था की कहीं ये उसके मुह और हलक में ही इस मूसल को
धकेल कर कहीं फाड़ ही नहीं डाले !
इस डर से कभी पति के लंड को मुह नहीं लगाने वाली इस अजनबी के लंड को चाट रही थी !
खिड़की पर देख रहे मन के चेहरे पर उसे लंड चूसते देख कर हेरत बरस रही थी !
उसकी कामनाये अब तनु के लिए कटु हो रही थी और वो इस खेल को और देखना चाहता था !