प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta) compleet

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raj..
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Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)

Unread post by raj.. » 29 Oct 2014 09:24

प्यार का रिश्ता --6

मैने चुटकी लेते हुए कहा "अनु मुझे भी फिज़िकली तुम तय्यार करो ना प्ल्ज़्ज़.."

" अनु और मेरी बीबी दोनो ने मेरे को धौल जमाते हुए कहा हट बेशर्म कही के...."

पर मैं जानता था की इस बात पर अनु नीचे से गीली हो गई है इस बात का सुबूत यह था की उसने अपने पैर पर पैर चड़ा लिया था और सोफे की पुस्त जोरो से पकड़ के खड़ी थी... उसको शायद अब बाथरूम जाने की आवास्यकता महसूस हो रही थी... और बाथरूम के लिए उसे हॉल से अंदर जाना पड़ता... सबके सामने कामन बाथरूम मे वो जा नही सकती थी...

मेरे दिमाग़ मे आया की जैसे अनु से अंदर से बिस्किट्स मंगाए जाए इस बहाने वो बाथरूम भी हो आएगी..... और मैं छेड़ भी लूँगा...

मैने अनु से बिज़्किट्स लाने के लिए बोला जैसे ही अनु अंदर गयी... तो मैने कहा मैं नमकीन लेकर आता हू...

और फटाफट अनु के पीछे हो लिया और अनु के कान मैं फुसफुसकर कहा " क्यों अनु.... लीक हो गई... गीली हो गई..."

अनु मुस्कुराती हुई बाथरूम मे घुस गई सो मैने बाथरूम के दरवाजे पर कान सटा दिया अनु की कराहने की आवाज़ आ रही थी अंदर से मैं हाल मे आ गया और अनु का बॅग उठाकर अपने पास रख लिया .. मुझे मालूम था की वो आकर वेट पॅंटी रखने के लिए पर्स को खोजेगी...

फिर प्रोग्राम पर बात होने लगी सभी की सहमति से प्रोग्राम नेक्स्ट वीक फ्राइडे का सेट हुआ क्योंकि फ्राइडे की हॉलिडे थी और सभी की साथ-संडे को भी हॉलिडे होती है... सो वो भी कोई फिकर नही थी....

इतने मे अनु आ गयी अनु अब रेलेक्ष लग रही थी मुझे लग रहा था की उसकी पॅंटी वो अपने रुमाल मे लपेटे हुए है.... अनु ने कहा आशि मेरा पार्स कहा है... मैने कहा यह रहा क्या चाहिए ....

कुछ नही देना प्ल्ज़्ज़.... अरे यार तुम औरते भी अज़ीब होती हो... अपना पर्स बार बार क्यों इस्तेमाल करती हो.....

देखू मैं ज़रा इसमे ऐसा क्या है.... तो सभी लॅडीस मेरे पर चढ़ बैठी और मेरे से पर्स छुड़ा लिया और अनु को दे दिया... और मेरे को हिदायत दी जिस्मै शिवानी भी शामिल थी की किसी लॅडीस का पर्श नही देखते...

फिर प्लॅनिंग पर बात होने लगी... तो यह तय हुआ की जब तक फ्राइडे नही आ जाता शिवानी मेरे घरपर मेरी वाइफ के साथ रहेगी क्योंकि सबसे ज़्यादा अनुभवी वो ही थी.. और बच्चे साथ होने से कोई रिस्क भी नही था... और सारा प्रोग्राम शिवानी के घर पर होगा और उस्दीन सभी लोग वोही रुकेंगे और उस्दीन पहले मेरी और शिवानी की शादी होगी सिर्फ़ वर-माला और फिर सुहागरात.. ..

सुहाग-रात का कमरा सजाने के लिए मैने पायंट्स नोट करा दिए और डिशस भी....

बड़ी मुस्किल से वो 1 हफ़्ता गुज़रा और इस बीच मैने अपनी वाइफ से सिर्फ़ 1 बार सेक्स किया...

शुक्रवार के दिन सुभह से हम दोनो को हल्दी का उबटन ल्गया गया ...हम दोनो को तय्यार किया गया .. शादी वाले गीत गाये गये और फिर रात को वरमाला हुई शिवानी को वरमाला मे देखकर ऐसा लगा की जैसे कोई परी ज़मीन पर उतर आई हो.... फिर डिन्नर के बाद शिवानी को तय्यार कर सुहाग रात वाले कमरे मे मेरी वाइफ सूची और अनु ने पहुचेया...

हम जेंट्स लोग नीचे बैठे मज़ाक कर रहे थे... तभी मेरी वाइफ का मोबाइल बज़ा मैने उठाया .. उस तरफ से उसकी भाभी का फोन था.... मेरे से बात हुई सो मैने उनसे कहा आप भतीजे को भेज दीजिए मैं भेज देता हू......

इतने मे मैने अपनी वाइफ को आवाज़ लगाकर नीचे बुलाया... और उसे फोन के बारे मे बताया.... उसने भी बात करी अपनी भाबी से. और वो तय्यार हो गई.. उसके पिताजी की तबीयत खराब हो गई थी उसे बुला रहे थे...

raj..
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Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)

Unread post by raj.. » 29 Oct 2014 09:24

अनु उसे छोड़ने को तय्यार हो गयी और उसने लौट कर बताया कोई ख़ास्स बात नही है... थोड़ी तबीयत गड़बड़ थी सो उसे बुला लिया....

फिर मुझे रूम मे भेज दिया गया जैसे ही मैं कमरे मे घुसा तो हल्की सी रोशनी थी रूम मे.... बहुत ही अछी खुसबू आ रही थी....

मैं पान खा रहा था मैने अपना बेड रूम का दरवाजा बंद किया और उस पर परदा डाला और सभी खिड़कियाँ चेक करी... कमरे से सन्तुस्त होने के बाद मैं शिवानी के पास पहुचा....

शिवानी बेड से खड़ी हुई.... और मेरे पैर छुए....

सदा सुहागिन रहो.. मैने आशीर्वाद दिया.....और उसके पकड़ कर उठा लिया.... मैने शिवानी को मूह दिखाई की रसम दी और उस पर से उसका घूँघट हटा दिया... ओह गॉड जैसे बदली मे छिपा पूनम का चाँद निकल आया हो.... आज तो शिवानी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी........ मैने उसका माथा चूम लिया.... शिवानी मेरी वाइफ के जेवर और रेड लेनहगा मे बहुत सेक्शी और खूबसूरत लग रही थी........

मैने कहा शिवानी आज जो हम करने जा रहे है यह सब विधि का विधान है और मेरी तरफ से तो बिल्कुल ही नज़ायज़ ही लेकिन तुम्हारी भी इच्छा इस्मै शामिल है और मेरी वाइफ की भी सो मैं तय्यार हो गया ....

लेकिन यदि तुमको तुम्हारी आंतेरात्मा पुकार कर कहे की यह ग़लत हो रहा है तो अभी भी मौका है.....

"नही मेरे राजा... मेरे मनुता.... मैं तन.. मन सब से आपकी हो चुकी हो..." अब कुछ नही सोचना मुझे और मुझे कोई मलाल नही है...

और वो मेरे से लिपट गई.... हम कुछ देर यूँ ही लिपटे रहे. मैं उसे कमरे मे लगे आदमकद आईने के सामने ले गया और उसके पीछे खड़ा होकर शिवानी की तारीफ करने लगा और हर तारीफ के साथ साथ उसको एक किस देने लगा. शिवानी मेरे किस और मेरे स्पर्श से गरमाना शुरू हो गई थी...... मैने शिवानी को कहा आज तुम अपना बदन इस आईने मे गौर से देखना...... ..तुम बहुत खूबसूरत हो शिवानी... मुझे ऐसा लग रहा है मेरी आज ही शादी हुई है....

" मेरे प्रियतम मुझे आज दुनिया की वो ख़ुसी दे दो जिसके लिए हर लड़कियाँ तड़पति है.. मैं तुम्हारी हू जानम मुझमे समा जाओ" शिवानी ने कहा

मैने धीरे धीरे शिवानी की चुनरी हटाई फिर उसके जेवर हटाए हर जेवर हटाने के बाद एक वेट किस दे रहा था.... फिर उसकी चोली खोली शिवानी को पिंक कलर की लेसी ब्रा पहनाई गई थी...... उसके मुम्मे उसकी ब्रा मे कसे हुए थे...... शिवानी के मम्मे देखकर ही मेरा लंड फुल तन गया था लेकिन अभी उसको खुराक मिलने मे देरी थी...

मैने शिवानी की ब्रा की स्ट्रिप्स लाइन पर बॅक मे कई किस्सस लिए. हर किस पर शिवानी पिघल रही थी...... उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जिससे शिवानी के मस्त 36 साइज़ के मम्मे फड़फड़कर आज़ाद हो गये मैने शिवानी की ब्रा उसके बदन से अलग कर दी... और शिवानी की पीठ से चिपक गया..... शिवानी को ऐएहसास हुआ की मैं अभी अपना कुर्ता पहने हुए हू मैं शिवानी के कान मे धीरे धीरे फुसफुसा रहा था और उसके मम्मों से खेल रहा था " जान देखो तुम्हारे यह जोबन कितने मस्त है इतने तो तुम्हारी दीदी के नही है यह निपल तो एक दम टाइट हो गये है....." शिवानी अपने जोबन पर मेरे हाथ के स्पर्स और मेरी कराह भरी आवाज़ से ढीली पड़ती जा रही थी... " हा मनु यह तुम्हारे लिए तैय्यार हो गये है.... प्ल्ज़्ज़ लाइट बंद कर दो मुझे अब शर्म आ रही है..."

मैने कहा "नही रानी पहले मिलन मे लाइट का होना ज़रूरी है....."

और मैं शिवानी से थोडा दूर हट कर उसके पेट पर हाथ फेरने लगा और एक हाथ से अपना कुर्ता उतार दिया जिससे मेरा उपर का भाग बिल्कुल नंगा हो गया ........

raj..
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Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)

Unread post by raj.. » 29 Oct 2014 09:25

मैं शिवानी के लहनगा के नाडे पर और शिवानी की नाभि पर हाथ फिरा रहा था और मैने अपनी नंगी छाती शिवानी की पीट से सटाई तो शिवानी सीत्कार कर उठी... 'उईईईई.... सीईईईई मनु.... तुम्हारा बदन तो ताप रहा है..... मुझे गुदगुदी होती है........" शिवानी बोली

मैने हाथ लेनहगा के ऊपेर से ही चूत पर रखा तो वाहा शिवानी ने मेरा हाथ दबा दिया......" हाअ .... मनुव यही हाईईईईईईईई इसकू प्यार करोओओओ प्लज़्ज़्ज़....... " "लाइट बंद कर दो...."

मैने शिवानी से कहा प्ल्ज़ तुम अपनी आँख बंद करो... जब तक मैं ना काहू आँख मत खोलना..... ..

शिवानी ने वैसा ही किया मैने रूम की सारी लाइट्स ऑफ कर दी... कमरे मे सिर्फ़ चाँद की रोशनी और नीचे फर्श लेवेल पर लगे नाइट लॅंप की रोशनी थी....... ऐसे मे शिवानी का बदन किसी संगेमरमर की मूरत के समान दमक रहा था.......

मैं अब पूरा नंगा हो गया था मेरा लंड आज अपनी साइज़ दुगुना फूला हुआ और सख़्त महसूस हो रहा था.....

मैं जाकर शिवानी से चिपक गया शिवानी से अब रहा नही जा रहा था....." "मनु मुझे कुछ हो रहा है.... "

मैने उसको शांत करते हुए शिवानी के लेन्ह्गे का नाडा खींच दिया जिससे वो खुलकर शिवानी के पैर तले जा गिरा..... शिवानी पॅंटी भी पिंक ही पहने हुए थी.... मैने शिवानी की पॅंटी के ऊपेर से ही जैसे उसकी कुँवारी लपलपाति चूत पर हाथ रखा शिवानी बहुत जोरो से कसमसा गई.... शिवानी की पॅंटी चूत के हिस्से से नीचे तक बहुत गीली थी...... मैं शिवानी की पॅंटी लाइन्स से उसको टीज़ कर रहा था......

" जान आँख खोल कर अपना बदन देखो कितना मादक लग रहा है"

शिवानी ने धीरे धीरे अपनी आँख खोली और झट से बंद कर ली... वो तो ऐसे शर्मा रही थी जैसे मैं उसका नंगा बदन पहली बार देख रहा हू..... मैने शिवानी की पॅंटी सरका दी... अब तक मैने शिवानी को अपना शरीर नही दिखाया था..... शिवानी की पॅंटी सरका कर मैने उसको दो कदम आईने की तरफ आगे चलने को कहा उसने ऐसा ही किया शिवानी की पॅंटी उसके शरीर से भर निकाल कर मैने पॅंटी के गीले हिस्से को सुँगा और चूसा उस्मआ से शिवानी के यौबान रस और पेशाब की मिलीजुली खुसबू आ रही थी........

मैने शिवानी की पॅंटी लेकर उसको भी सूंघने को कहा पर उसने पहले इनकार किया पर बाद मे मान गई थोडा सुँगा और झट से अलग कर दी.... मैं अब पूरा शिवानी की पीठ से सॅट गया था... जिससे मेरा लंड शिवानी की गांद मे जा लगा और शिवानी की चूत को मैने अपनी हथेली मे और दूसरी हथेली मे एक मम्मे को भरकर भींच लिया.... शिवानी कराह उठी.....

" उम्म्म्म.... सीईईईई हे ... भगवाअमन्‍न्‍णणन् मुझे क्या हो रहा है...... मनु मुझे बेड पर ले चलो नही तो मैं गिर पड़ूँगी... अब मेरी टांगे जवाब दे रही है...."

" अभी चलते है जान पहले अपने बदन के उस हिस्से का दीदार तो कर्लो जो सबसे पवित्र और हसीन है....जाअंन्न थोड़ा पैर फैलाओ..... "

शिवानी ने अपने दोनो पैर फैला दिए और थोड़ा नीचे को झुक गई जिससे शिवानी की पिंक चूत बिना बालो वाली मेरे सामने थी मैने कहा शिवानी देखो तुम्हारी चूत अंदर से कितनी रस भरी और गुलाबी है.....

मैने शिवानी की चूत मे उपेर से नीचे तक अपनी उंगली का अगला हिस्सा फिराया शिवानी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.......

फिर शिवानी एक दम पलट गई और मेरा नंगा बदन देखकर मेरे से किसी नागिन की भाती लिपट गई....... मेरा लंड शिवानी के पेट मे गड़ रहा था मैं शिवानी के मम्मो को चूस और चबा रहा था... शिवानी की मस्त मखमली गांद को नोच रहा था....

" मुझे वाहा ले चलो....." उसने पलंग की तरफ इशारा करते हुए कहा....

मैं उसके पलग पर ले गया ... पूरे कमरे मे गुलाब और चंदन की खुसबू आ रही थी... पलंग गुलाब की पंखुड़ियो से सज़ा हुआ था ... पंखुड़ियों के कारण पलंग की चादर दिख नही रही थी......

शिवानी को मेरी बीबी की बात याद आई की पहले दूध पिलाना है दूध एक चाँदी के गिलास मे भरकर वही सिरहाने रखा था.... मैने शिवानी के हाथ से दूध पिया और थोड़ा सा छोड़ दिया.. मैने शिवानी को पलंग पर इस तरह से लिटाया की शिवानी की टाँगे ज़मीन पर और शरीर पलंग पर रहे. मैने शिवानी की टांगे फैलाई तो शिवानी सफाचट गुलाबी चूत खुल गई.... बचा हुआ दूध शिवानी की चूत के ऊपेर से लुड़काया और नीचे जीव लगाकर उसके मैं चाटने लगा... अब शिवानी के मूह से उ... सीईइ आअहह मत करो.... बहुत अछा लग रहा हाई.... हाआअ मैं जल राहियी हूओ...... ओह... ऐसा निकल रहा था और वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाते जा रही थी इधर मेरा लंड अपने पूरे उफान पर था........ शिवानी मेरी थोड़ी सी ही चूत चटाई से एक बार झार गई मैं दूध के साथ साथ उसका पूरा पानी चाट गया मैने शिवानी की चूत को सॉफ कर शिवानी की क्लाइटॉरिस को अपने होंठो मे दबाकर जीव से फ्लिक करना शुरू किया......

" शिवानी अब अपनी गांद उछाल रही थी... एयेए मनुव्व अब सहन नही हूता... प्लज़्ज़्ज़ मुझे औरत बना दूओ अपना मेरी मे अंदर करदो.....फाड़ दो मेरि....:

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