माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:24

इस पर रीमा ने कहा हाय रे जालीम ये क्या करने लगा मेरे मम्मो को चूसना भी शुरु कर दिया। मादरचोद तेरा मम्मे मसलना तो मुझसे बडी मुशकिल से सहा जा रहा था अब तूने मेरे मम्मे भी पीने शुरु कर दिये। पीयो पीयो तुम्हारे बाप का ही माल है चूसो मेरे मम्मे। फिर मेरा हमला दोनो मम्मो पर हुआ। एक मम्मा मैं मसल रहा थ और दुसरे को अपने मुँह मे लेकर जोर जोर से चूस रहा था कभी कभी अपनी जीभ निकाल कर उसका मम्मा चाट भी लेता। इस तरह १५ मिनट तक मैंने रीमा के एक मम्मे की जम कर कुटायी की और दुसरे की जम कर चुसायी और चटायी की। उसका एक मम्मा मेरे मसलने के कारण लाल रंग का हो गया था तथा दुसरा मम्मा मेरे चाटने के कारण मेरे थूक से सन गया था और लाईट मैं चमक रहा था।

फिर मैंने रीमा से कहा ओह मेरी प्यारी चुदक्कड माँ अब मैं तुम्हारी दुसरी चूची को मसलूँगा और इस चूची को चूम चूस चाटूँगा जिससे इसको थोडा आराम मिल सके। रीमा ने कहा ठीक है बेटा जैसा तू कहे। फिर मैंने रीमा से कहा माँ तुम्हारा एक मम्मा मेरे थूक से गीला हो चूका है तुम अपना ब्लाउस उठा कर दे दो जिससे मै इसको पोछ सकूँ नही तो मुझको इसको मसलने मे परेशानी होगी और इसको मसलने मे मेरे हाथ फिसल जायेगें। रीमा ने अपना जूस का गिलास मुझे पकडा दिया और पास मे ही पडा हुआ ब्लाउस उठा कर मुझे दे दिया। वह ब्लाउस इतनी देर पहले चुस चाट कर मैंने थूक से गीला किया था पर अब कई जगह से वह सूख चुका था। मैंने फिर से जूस का गिलास रीमा को वापस दे दिया और ब्लाउस ले कर उसके मम्मे को कस कस कर रगडने लगा।

मैं उसको जोर जोर से रगड कर साफ कर रहा था जैसे की उस मम्मे को बता रहा हूँ अब मैं कैसे तेरी कुटायी करने वाला हूँ। इस तरह जोर जोर से उसके मम्मो की सफ़ायी करने के कारण उसके दोनो मम्मे उछल रहे थे और जो मम्मा मैंने मसल कर लाल कर दिया था वह मम्मा गिले मम्मे से टकरा रहा था। जैसे उसको बताने के कोशिश कर रहा हो की मैंने उसकी क्या हालत बनायी है और वही हालत अब उसकी भी होने वाली है। थोडी देर उसके मम्मे को रगड कर साफ करने के बाद मैंने ब्लाउस बगल मे रख दिया और सबसे पहले रीमा के मुँह से फिर एक बार जूस पिया ऐसा करते करते एक बार और उसके होठो का भी रस पीया।

जुस पीने के बाद मैंने रीमा से बोला माँ अब तुम अपने इस हाथ को निकाल लो और दुसरे हाथ को मेरे गले मैं डालो जिससे मुझको एक साथ चूसने और मसलने मे आसानी होगी। रीमा ने अपना हाथ पीछे से निकाल कर जूस उस हाथ मे पकड कर दुसरा हाथ मेरे गले मे डाल लिया। अब सबसे पहले मैंने जिस मम्मे को चूस चाट कर गिला किया था उस पर टूट पडा। और उसको अपने हाथ मे पकड कर बेरहमी के साथ मसलने लगा। रीमा फिर जोर जोर से चिल्लाने लगी और मुझे गालियाँ बकने लगी। उसको गालियाँ बकने का बहुस शौक था। वह बक रही थी और मे उसके मम्मे के साथ वही बर्ताव कर रहा था जो मैंने उसके पहले मम्मे के साथ किया था। थोडी देर उसके मम्मे को मसलने के बाद मैंने उसके दुसरे मम्मे को चूसना और चाटना शुरु कर दिया।फिर १०-१५ मिनट बाद दोनो मम्मो की हालत वही थी जो पहली बार हुयी थी। रीमा की हालत भी करीब आधा घंटे मम्मे मसलवा कर बिगड गयी थी। उसकी चूत फिर से रस बहाने लगी थी और उसक रस बह बह कर उसकी पैन्टी को पूरी तरह भीगो चूका था। वह अपनी टाँगो को जोड कर एक दूसरे से कस कस कर मसल रही थी। जिससे वह अपने चूत के दाने को रगड कर अपनी काम वासना को शांत कर सके पर अभी तक उसमे सफल नही हुयी थी। उसका चूत रस उसकी पैन्टी से निकल कर मेरी जाँघो को भीगो रहा था। जिसकी वजह से मेरी सारी जाँघ गीली हो गयी थी।

मुझे उसके मम्मे मसलते और चूसते हुये काफी देर हो गयी थी। मैंने रीमा से कहा माँ अब बहुत देर तक मैंने तेरे एक एक मम्मे की घिसायी कर ली। अब मैं तुम्हारे दोनो मम्मो को एक साथ बेरहमी से मसलूगाँ। रीमा बोली बेटा मसले मै मना थोडी ही कर रही हूँ पर मेरी चूत का भी कुछ कर ये तो फिर मस्त हो गयी है और झडना चाहती है। मैंने कहा माँ तुम्हारी चूत तो बिल्कुल रंडी की चूत है इतना झड कर भी इसका मन नही भरा। ठीक है माँ तुम्हारे मम्मो को मसलने का मजा लेने के बाद इनका भी कुछ करता हूँ। ठीक है बेटा जैसा तू कहे बोल क्या करना है मुझे। मैंने कहा रुको बताता हूँ। फिर मैंने ब्लाउस बगल से उठा कर उसके गीले वाले मम्मे को साफ करना शुरु कर दिया। मेरे चूमने चाटने से उसके इस मम्मे को थोडा तो आराम मिला था पर अभी भी मेरी कुटायी से हुयी हालत के कारण उसका रंग लाल ही था।

मैंने फिर ब्लाउस से कस कस के मसल कर उसके मम्मे को साफ कर दिया। जोर से मसल कर साफ करने के कारण इस मम्मे कि हालत दुसरे मम्मे की जैसी हो गयी थी। फिर मैंने ब्लाउस बगल मे रख कर रीमा से बोला माँ अब तुम अपनी चिकनी पीठ पूरी तरह मेरी छाती से लगा कर बैठ जाओ मैं पीछे से हाथ डाल कर तुम्हारे मम्मो को मसलूगाँ। रीम बोली ठीक है बेटा। फिर रीमा ने अपना हाथ मेरे गले से निकाल लिया और अपनी पीठ मेरी छाती से लगा कर बैठ गयी। जिससे उसका मुँह मेरे मुँह के बराबर मैं आ गया। फिर मैंने उसके होठ अपने मुँह मे लेकर एक किस्स कर दिया। और अपने हाथ उसके बगल से निकाल कर उसके मम्मो पर रख दिये।

The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:25

फिर मैंने उसके होठों को मुँह मे लेकर उसके होठों पर जीभ फिराना शुरु कर दिया और उसकी नंगी चिकनी पीठ का मजा लेते हुये उसके मम्मो को कस कर अपने हाथो मे पकड कर मसल दिया और जोर जोर से मसलने लगा। थोडी देर उसके होठों को चाटने के बाद उसके होठों को चूसना शुरु कर दिया। फिर इसी तरह उसके होठ अपने होठों से चूसते हुये उसके मम्मो को बेरहमी के साथ मसलने लगा। उसके मुँह से कराह निकल रही थी पर मेरे होठों से जुडे होने के कारण वह बाहर नही निकल पा रही थी और गो गो की आवाज निकल रही थी। उसमे मम्मे मसलते हुये उसकी घुडीयो पर भी पूरा ध्यान दे रहा था। और उनको बेदर्दी के साथ मसल और खीच रहा था मेरा लंड तो पूरा मस्त हो रखा था और रीमा के मस्त चूतडो से लग कर उनका मजा ले रहा था।

मेरा लंड बहुत रस बहा रहा था और रीमा की पैन्टी से निकलते रस के साथ मिल कर मेरी जाँघो और उसके चूतडो को पुरा भीगो दिया था। रीमा को भी इस बेरहमी से मम्मे मसलवाने मे मजा आ रहा था। वह मेरे लंड पर बैठे बैठे अपने चूतडो को जोर जोर से हिला रही थी। वह चाह रही थी किसी तरह मेरे लंड उसकी चूत से रगड खाये और वह मजे ले सके। पर इस तरह करने से मेरा लंड उसके चूतडो की लकीर ले बीच घिसायी कर रहा था। जिस उसकी उत्तेजना तो बढ रही थी पर उसकी चूत को कोई राहत नही मिल रही थी और वह बहुत तडप रही थी। हमारे होठ अभी भी जुडे हुये थे और हम एक दुसरे का मुँह का रस पी रहे थे।

फिर करीब १० मिनट तक मैं उसके साथ यही बर्ताव करता रहा और उसके होठ चुसता रहा। फिर मैंने उसका होठ छोड दिया और पूछा माँ मजा आ रहा है मम्मो की मसलवायी करवाने मे। रीमा बोली बेटा बहुत मजा आ रहा है। मेरे मम्मो की कुटायी तो कितने ही लोगो ने की है पर इतनी देर और इतनी बेरहमी से किसी ने नही की। सच बताऊ बेटा तो मेरे मम्मे इस समय दर्द से बिलबिला रहे है और मुझसे कह रहे है कि हमे इस बेरहम के हाथो से बचा लो। पर इनके दर्द से एक लहर निकल कर सीधे मेरी चूत तक जा रही है जो मेरी चूत मे मस्ती भर कर मेरी चूत से रस बहाये जा रही है और मेरी चूत का रस बहाना मुझे अपने मम्मो के दर्द से ज्यादा पंसद है इसलिये तुम इसी तरह पूरी बेदर्दी से मेरे मम्मो को मसलते रहो।

मैं तो बहूत दिनो से अपने मम्मो की जबरदस्त कुटायी कराना चाहती थी पर आज मुझे वह मौका मिला है और मैं उस मौके को नही खोना चाहती। मसल दे बेटा इस मादरचोद चूचीयो को और मुझे मजा दे मेरे लाल। उसके बाद मे उसकी चूचीयो को और भी ताकत से जोर जोर से मसलने लगा और रीमा भी मेरे लंड को अपने चूतडो मे दबाये जोर जोर से उछलती रही। इस तरह करीब ५ मिनट तक उसके मम्मे मसलने के बाद रीमा बोली बेटा अब बहुत देर हो गयी है मेरी चूचीयो की कुटायी करते हुये अब तो कुछ रहम कर दे इन बिचारीयो पर देख तेरे मसलने से कैसी लाल हो गयी है और फूल कर कितनी बडी हो गयी है। अब तो काफी रस इनमे जमा हो गया है बेटा अब मेरी चूचीयो को चूस चूम और चाट कर इनकी गर्मी को थोडी राहत पहुँचा दे बेटा। इनका रस पी ले बेटा तेरी माँ तुझसे विनती करती है बेटा चूस ले मेरे मम्मे मेरी गोलाईयाँ बेटा।

रीमा कि विनती सुनकर मैंने कहा ठीक है माँ तुम कहती हो तो छोड देता हूँ तुम्हारी इन चूचीयो को। फिर मैंने आखरी बार कस के उसकी चूचीयो को मसल कर छोड दिया और बोला लाओ माँ अब तुम मेरे उपर से उठ कर बगल मे बैठ जाओ जिससे मैं तुम्हारी चूचीयो को चूम और चूस कर कुछ ठंडक पहुँचा सकूं। मैंने अपने हाथ उसके बगल से निकाल लिये और रीमा उठ कर खडी हो गयी। उसके खडे होते ही मेरे सामने उसके चूतड आ गये उनको देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने आगे बढ कर उसकी कमर को जहाँ पर उसकी पैन्टी थी का चुम्बन ले लिया। मेरी हरकत देख कर रीमा बोली बेटा मुझे पता है तुझे मेरे चूतडो से कितना प्यार है। चिन्ता मत कर मैं तुझको पूरा मौका दूगी चूतडो को प्यार करने का।फिर मेरी नजर उसके चूतडो के नंगे भाग पर गयी जो कि मेरे लंड और उसकी पैन्टी से निकले उसके रस से भीग कर गीला हो चूका था। रीमा बैठने ही वाली थी कि मैंने रीमा से कहा माँ रुको तुम्हारे चूतड का नंगा भाग मेरे और तुम्हारे रस से भीग गया है और मैं नही चाहता कि तुम बैठ जाओ और इतना किमती रस सोफे पर लग कर बर्बाद हो जाये। तुम ऐसे ही खडी रहो और मैं तुम्हारे चूतड चाट कर इस रस को पी जाता हूँ। रीमा बोली तुम ठीक कहती हो बेटा मैं भी नही चाहती के रस की एक बूंद भी बर्बाद हो। मैं खडी होती हूँ तू चाट कर पी जा सरा रस।

फिर रीमा की बात सुनकर मैंने उसकी कमर को अपने हाथो से पकड लिया और अपनी जीभ निकाल कर उसके चूतडो के नंगे भाग को जो कि पैन्टी से ढका नही था चाटने लगा। मेरे चाटने से चप चप की आवाज कमरे मे गुजंने लगी। मेरे लंड का प्रीकम और उसके चूत के रस से बना वह रस किसी भी रस से मीठा रस था। मैं उसका पूरा स्वाद लेकर रस को पी रहा था। इस तरह चाट चाट कर उसके चूतड पर लगे सारे रस को मे पी गया और उसके चूतडो को अपने थूक से गीला कर दिया। रीमा बोली चाट लिया बेटा सारा रस तु तो लगता है मेरे बदन को चाटने का इतना दिवाना है कि तुझसे एक बार आराम से बैठ कर सारा बदन चटवाना पडेगा।

The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:26

चल अब मैं बैठती हूँ और तुम चूम चाट कर मेरे मम्मो को थोडी ठंडक पहुँचा। ऐसा कह कर रीमा मेरे बगल मे बैठ गयी और मैं आकर उसके पैरो के बीच घूटनो के बल बैठ गया। फिर उसका एक मम्मा अपने हाथ मे लेकर पूरे मम्मे पर चुम्बनो की बोछार कर दी। अच्छी तरह से उसके मम्मे को चुमने की बाद इसी तरह उसके दुसरे मम्मे के साथ किया। फिर अपनी जीभ निकाल कर उसके मम्मो को चाटना शुरु कर दिया। रीमा बोल पडी हाँ बेटा ऐसे ही चाट मेरे मम्मो को बडी ठंडक मिल रही है मुझे तेरे चाटने से मेरी चूचीयाँ भी कुटायी करा के लाल हो गयी थी बेटा अब इन पर जरा अपने थूक का मरहम लगा दे तो इनको शान्ती मिल जायेगी। चाट चाट कर अपने मुँह से अच्छा चमका दे इनको गीला कर दे अपने थूक से राजा हाँ ऐसे ही बेटा ऐसे ही। घुडीयो को पकड कर मुँह मे चूस ले बेटा पूरा मजा ले मेरे बदन का।

फिर मैं पुरी तरह से उसकी चूचीयो को चूमने चाटने मे जुट गया और तब तक उसकी चूचीयो को चाटता रहा जब तक वह मेरे थूक से गीली नही हो गयी और उन पर चूची कुटायी से हुयी लाली कम नही हो गयी। पर मेरे इस तरह से करने से उसकी पहले से मस्त लार बहा रही चूत और भी मस्त हो गयी और और भी जोरो से लार बहाने लगी। जब मैं उसकी चूचीयाँ चाट कर उठा तो रीमा बोली हाय रे मेरे लाल तूने तो सही मे चमका दी मेरी चूचीयाँ। अब मैं तुझे इसका इनाम दूगी। मेरे पास दो तरीके है एक तो मुझे चोद कर अपनी मस्ती झडा ले दुसरा मेरी चूत चाट कर उसे झडा दे। बोल बेटा तुझे क्या इनाम चाहिये जो तू कहेगा वही इनाम ये तेरी माँ तुझको देगी। बता बेटा सोच क्या रहा है।

रीमा कि बात सुनकर मेरा मन किया की कह दूँ की मैं तुम्हारी चूत चोदना चाहता हूँ पर मुझे पता था रीमा चाहती थी की मैं उसकी चूत चाट कर उसको झडाऊ। पता नही क्यो पर उसकी चूत चाटने की इच्छा मेरे मन मे ज्यादा थी और यही इच्छा रीमा की भी थी बस यही सोच कर मैं बोला माँ मैं तुम्हारी चूत चाटने का इनाम लेना चाहता हूँ। मेरा लंड चीख चीख कर कह रहा था कि मुझे मजा दो मुझे मजा दो पर फिर भी उसकी चूत चाटना इस समय चोदने से ज्याद पंसन्द था। रीमा ने आगे बढ कर मेरे माथे को चूम लिया ये हुयी ना कुछ रीमा रंडी के बेटे वाली बात।

रीमा बोली बेटा तू मेरा सगा बेटा नही है पर आज जो थोडी देर मे तूने मुझे जो मजा दिया है और अभी जैसे मेरे मन की बात पढ ली के मैं अपनी चूत चटाना चाहती हूँ मन करता है कि तू मेरा सगा बेटा होता तो कितना अच्छा होता। चल बेटा अब मैं तुझे कुछ आराम देती हूँ। तूने बडी देर तक घूटनो के बल बैंठ कर मेरे बदन की सेवा की है। अब तु थोडा आराम कर आजा यहाँ कालीन पर आराम से लेट जा अब मैं तेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर तुझसे अपनी चूत चटवाउगी। मैंने कहा जैसे तुम्हारी मर्जी माँ। फिर मैं कालीन पर चित लेट गया अपने पैर और हाथ मैंने फैला लिये जिससे मेरे बदन को थोडा आराम मिले।

फिर रीमा मेरे सर के दोनो और अपने पैर रख कर खडी हो गयी। उसके पैरो मे उची ऐडी के सैडल बहुत ही सेक्सी लग रहे थे। उसकी गोरी गोरी माँसल चिकनी जाँघे बहुत मस्त थी। उसकी चूत पैन्टी मे से अभी भी रस बहा रही थी। और बह कर उसकी जाँघो आ रहा था। उसकी बडी बडी थोडी लटकी हुयी चूचीयाँ दो बडे बडे मस्ती के गोले लग रहे थे जो मेरे थूक से सने हुये थे और लाईट मे चमक रहे थे। उसके चहरे पर से वासना टपक रही थी। इस तरह मेरे उपर खडी होकर वह कोई वासना की देवी लग रही थी जो अपने परम भक्त हो अपने चूत रस का प्रसाद देने वाली थी। और उसका भक्त उसके कदमो मे पडा अपनी देवी कि सुन्दरता से भरपूर चूत कि पुजा करने के लिये बेताब है। और सीधा उसकी चूत से अपना प्रसाद प्राप्त करना चाहता है।

रीमा अपना भरा पूरा बदन लेकर नीचे बैठ गयी और अपने घुटने मेरे सर के दोनो और रख दिये और अब उसकी पैन्टी मे छुपी चूत मेरे सामने थी। मैं उसकी चूत को एक बार चाट कर झडा चूका था पर अभी तक उसके दर्शन मुझे नही हुये थे। पर पहले मैं उसकी चूत को झडा कर उसका रस पीना चाहता था। फिर रीमा ने पास के सोफे पर पडा कुशन उठा कर मुझसे बोली बेटा इसको अपने सिर के नीचे लगा ले जिससे तेरा मुँह मेरी चूत तक पहुँच जायेगा और हम दोनो बिना किसी परेशानी के चूत चटायी का मजा ले सकते हैं। उसकी बात सुनकर मैंने अपना सर उठा दिया और रीमा ने कुशन मेरे सर के नीचे रख दिया जिस से मेरे मुँह ठीक उसकी पैन्टी के सामने आ गया।फिर रीमा बोली अब ठीक है अब मैं आराम से तुम्हारे मुँह पर अपनी चूत रख कर मजे से अपनी चूत चटा सकती हूँ। फिर रीमा मेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी और अपने बदन रे मुँह को दबा दिया और बोली बेटा पहले थोडी देर तेरे मुँह पर अपनी चूत रगड लू फिर तुझसे चूत चटाती हूँ। ऐसा बोल कर जोर जोर से अपनी पैन्टी से छुपी चूत मेरे मुँह पर रगडने लगी। आह ओह उम्ह ऽऽऽ ओहऽऽऽऽ मजा आ गया कह कर रीमा ने अपनी चूत मेरे मुँह पर से उठा ली और मेरे होठों से १ सेन्टीमीटर की दूरी पर रोक ली और बोली ले बेटा चाट ले मेरी चूत ले ले अपना इनाम।

Post Reply