माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

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The Romantic
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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:32

रीमा मेरे लंड को फुलते देख कर बोली हाय रे मेरे हाथो से खेल कर तेरा लंड तो और भी बडा हो गया। लगता है आज मेरी चूत फट ही जायेगी लगता है इस पर और तेल लगाना पडेगा कह कर उसने और तेल अपने हाथ मे ले लिया और उसे मेरे लंड पर चुपडने लगी उसके हाथ मेरे लंड पर जादू कर रहे थे और अब मै बिल्कुल भी नही रुक सकता था और उसको जम कर चोदना चाहता था। रीमा ने मेरे लंड की उपर की खाल उतार कर उसका सुपाडा बाहर निकाल लिया और उस पर भी तेल चुपडने लगी। फिर रीमा तेल चुपडते हुये बोली अच्छा हुया बेटा तु पहली बार मेरी चूत मे लंड डालेगा अगर किसी कमसिन को चोदता तो वह तो मर ही जाती। अब अगर आज मेरी चूत बच गयी फटने से तो मैं तेरे को सब कुछ सिखा दूंगी। मैंने रीमा से कहा माँ अब तो तेल पुरी तरह से लग गया है मेरे लंड पर अब तो मुझे चोदने दो तुम्हारी चूत अब मुझसे बिल्कुल नही रहा जा रहा।

ठीक है बेटा अब चोद ले माँ को और बन जा मादरचोद। कह कर मेरे लंड को एक आखरी बार तेल लगाया और उठ कर खडी हो गयी। मैंने अपने लंड के नाडे को खोलने की कोशिश करने लग क्योकी जब तक नाडा बंधा था मे झड नही सकता था। पर डबल गांठ लगी होने के करण नाडा खुल नही रहा था। रीमा ने मुझे नाडा खोलने की कोशिश करते हुये देख लिया और बोली बेटा ये क्या कर रहा है इस अभी बंधा रहने दे और मुझे चोद जब तु अच्छी तरह से एक घंटा मुझे चोद लेगा उसके बाद मैं खुद इसको उतार दूंगी। इसको खोल देगा तो जल्दी झड जायेगा और चुदायी का पूरा मजा नही ले पायेगा। मैंने कहा तुम ठीक कहती हो माँ। फिर रीमा ने तेल की शीशी उठा कर मेज पर रख दी।

फिर मैंने रीमा से कहा माँ तुम कालीन पर लेट जाओ अब मै तुमको चोदूगाँ। रीमा बोली नही बेटा तू यही सोफे पर बैठ जा मैं खुद तेरे लंड पर बैठ कर धीरे धीरे तेरे लंड को अपने अंदर लीलूगीं। इतना मोटा लंड है धीरे धीरे अपनी चूत के अंदर लूगी और चुदाने से पहले एक एक इन्च लंड का पूरा मजा लूंगी। फिर मैं सोफ़े पर अपनी टाँगे जोड कर बैठ गया और रीमा अपनी दोनो मेरी टाँगो के दोनो तरफ करके खडी हो गयी जिससे मेरी टाँगे उसकी टाँगो के बीच आ गयी। मेरी नजर तो उसकी चूतडो पर थी रीमा ने झुक कर अपनी टाँगो के बीच से हाथ डाल कर मेरा लंड पकड लिया और मुझे रीमा की गाँड दिखायी देने लगी। मैंने झट से आगे बढ कर उसकी गाँड को चूम लिया। मेरे चूमते ही रीमा के मुँह से एक आह निकल गयी और वह बोली बेटा अगर तुम इसी तरह मेरी गाँड को प्यार करते रहोगे तो मैं तुमहारे लंड से नही चूदा पाउंगी पहले मेरी चूत चोद कर इसका मजा ले लो फिर मेरी गाँड के भी मजे ले लेना मैं कही भगी थोडी जा रही हूँ।रीमा कि बात सुन कर मैंने अपना मुँह रीमा की गाँड से हटा लिया। और अपनी पीठ सोफे पर लगा कर बैठ गया। रीमा ने मेरा लंड की खाल को पीछे कर के अपनी चूत का मुँह मेरे लंड पर रख दिया। उसकी चूत बहुत ही गर्म थी। फिर उसने अपना सर पीछे घुमाया और बोली बेटा अब तेरा लंड तेरी पहली चूत मे जाने के लिये तैयार है तू आराम से बैठ और चूत के मजे ले। कह कर रीमा ने अपने चूतडो को थोडा सा दवाब दिया जिससे मेरे आधा सुपाडा चूत के अंदर घुस गया। मेरे लिये तो यह बिल्कुल नया अनुभव था। उसकी चूत की गर्मी मुझे पागल कर दिया था। फिर उसने अपने चूतडो को थोडा और जोर से दबाया जिससे मेरा पूरा सुपाडा उसकी चूत मे घुस गया।

रीमा बोल पडी हाय रे बडा मोटा सुपाडा है रे तेरा। उसकी चूत भी बहुत गर्म थी मुझे ऐसा लगा ही मेरा सुपाडा किसी तंदूर पर रख दिया गया हो। फिर रीमा धीरे धीरे अपने चूतडो को दबाते हुये मेरे लंड पर बैठने लगी। और एक एक इन्च करके मेरे लंड को अपने अंदर लेने लगी। रीमा के मुँह से बराबर करहाने की आवाज निकल रही थी। एक हाथ से रीमा ने मेरा लंड पकड रखा था दुसरे हाथ से अपनी चूत की फाँको को फैला कर मेरे लंड हो लील रही थी। जब मेरा आधा लंड उसकी चूत मे घुस गया तो रीमा रुक गयी और बोली बडा मोटा है रे तेर लंड मेरे राजा मैं इतनी बडी रंडी इतने लंड लील चूकी हूँ पर फिर भी तेरा लंड मेरी चूत मे कितना फंस फंस के जा रहा है। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कोई मेरी चूत पकड कर खीच रहा हो जैसे फाड ही डालेगा।

अच्छा हुआ मैंने तेल चुपड दिया था तेरे लंड पर नही तो ये मुसल तो मेरी चूत फाड ही डालता। मैं रीमा की बात सुनकर मस्त हो रहा था। उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड हो जला रही थी पर मस्ती मे भरा मैं उसकी ओखली मे अपना मुसल देने को तैयार था। रीमा ने मेरे लंड को अभी भी पकड रखा था और अपने चूतडो को धीरे धीरे हिला रही थी। जिससे मेरा लंड फंस कर उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। इससे मुझे थोडा मजा आ रहा था पर मैं अपना पूरा लंड उसकी चूत मे डाल कर जोर जोर से उसको चोदना चाहता था। मैंने अपने हाथ रीमा की कमर पर रख दिये और बोला माँ पूरा लंड अपनी चूत मे डाल लो। यह कह कर मैं भी अपने हाथो से जोर लगा कर अपना लंड उसकी चूत मैं डालने की कोशिश करने लगा।

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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:33

रीमा बोली रुक जा बेटा डालती हूँ बाकी का लंड भी कह कर उसने फिर धीरे धीरे अपने चूतडो को दबाना शुरु कर दिया और मेरा लंड उसकी चूत मे घुसने लगा जब २ इन्च लंड बाहर रह गया रीमा ने अपना हाथ मेरे लंड से हटा कर मेरे पैरो पर रख दिया और कसके पकड कर एक जोरदा धक्का अपने चूतडो से मारा। मेरा लंड एकदम से उसकी चूत मे घुस गया और उसके मुँह से चीख निकल गयी और बोली हाय रे मर गयी। मैंने पुछा क्या हुया माँ रीमा ने कहा लगता है फट गयी मेरी चूत बेटा कह कर रीमा ने अपना हाथ लंड और चूत जहाँ पर मिल रहे थे लगा कर देखा बोली खून नही है बच गयी।

मुझे पता था की रीमा यह सब मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये कर रही है। फिरे रीमा ने अपनी पीठ मेरी छाती पर टिका दी और अपना सर घुमा कर अपने होठ मेरे होठो पर रख दिये और उनको चुमने लगी। मेरा लंड पूरा उसकी चूत मे समा चुका था और उसकी चूत ने कस के मेरे लंड को जकड लिया था। उसकी चूत इतनी बार चुद चुकी थी पर मेरे को बहुत कसी लग रही थी। मैं रीमा की कमर पकड कर उसके होठ चूसे जा रहा था। थोडी देर मस्त चुम्बन लेने के बाद रीमा ने पूछा बोल बेटा कैसा लग रहा है अपना लंड मेरी चूत मे घुसा कर। बहुत अच्छा लग रहा है माँ अब चोदो मुझे। कह कर मैंने अपने हाथ उसकी बांहो के नीचे से डाल कर उसके मम्मे पकड लिये। रीमा ने अपनी कमर को धीरे धीरे घुमाना शुरु कर दिया जिस कि वजह से मेरा लंड उसकी चूत की दिवारो से रगड खाने लगा और एक अजीब मस्तानी थी सन्सेसन होने लगी।

मैंने भी उसके मम्मो पर धीरे हाथ फिराते हुये मसल रहा था। मेरे मम्मो के मसलने से और मेरे लंड की रगडाहट से रीमा की मस्ती बढ गयी थी और उसकी चूत ने फिर से रस के बाँध का मुँह खोल दिया था। और उसकी चूत फिर से गीली हो चली थी। उसकी चूत के गिले होने से मेरे लंड और उसकी चूत की दिवार के बीच का घर्षण कुछ कम हो गया था। और उसकी कमर भी जोर जोर से चल रही थी और उसके मुँह से करहाने की आवाज आने लगी थी। फिर मैंने उसकी घूंडी पकड कर खीच दी। रीमा एक दम दर्द से बिलबिला उठी बोली हाय रे क्या करता है बेटा लगता है तुझे मेरी चूचीयां इतनी पंसद है की इनको उखाड ही लेगा। माँ अब और मत तडपाओ चोदो ना मुझे अब मुझसे बिल्कुल भी नही रहा जा रहा।

रीमा बोली क्यो बेटा जब मुझको तडपा रहा था तो कुछ नही अब अपनी बारी आयी है तो रो रहा है। तू मुझे ऐसे ही चोदेगा जैसे मे चाहुँगा समझ गया बैठ रह चुपचाप जरा इस मोट लंड को मेरी चूत से थोडी बातें तो कर लेने दे आखिर मेरी चूत और तेरा लंड भी माँ बेटे है इतने दिनो बाद मिले है दोनो को जी भर के जरा गले तो मिल लेने दे फिर ये दोनो भी जम कर चुदायी करेंगे। वैसे भी मुझे ऐसे अपनी चूत मे तेरा लंड लेकर रगडने मे मजा आ रहा है। तेरे लंड का सुपाडा मेरी चूत मे रगड कर मुझे बहुत मजा दे रहा है। वैसे भी तीन बार झड चूकी हूँ और अबकी बार करीब १ घंटा चुद कर चुदायी का मजा लूगी उसके बाद ही तुझे मजा देने का सोचूगी। अब मेरी बारी है तेरे को तडपाने की पूरा गिन गिन कर बदला लूंगी तुझसे।उसकी बात सुनकर तो मेरे होश ही उड गये पहले ही करीब ढायी घंटे हो चुके थे मेरे लंड को इसीतरह खडे हुये और १ घंटे के बात सुनकर मैंने सोचा मैं पागल ही हो जाउंगा। पर मैं कर भी क्या सकता था अब मेरा लंड रीमा की महरबानी पर था। मैंने सोचा अगर जल्दी से झडना है तो पहले रीमा को झडाना पडेगा और इसके लिये उसकी और गर्म करना जरुरी था फिर उसको गर्म करने के लिये मैंने उसके मम्मे दोनो हाथो से कस कर मसलते हूये उसकी गर्दन पर चुम्बनो की बरसात कर दी। मेरे ऐसा करने से उसकी मस्ती बढने लगी और उसने अपने चूतड जोर जोर से घुमाने शुरु कर दिये उसके चूतड घुमाने से उसके चूतडो की बडी बडी गोलाइयाँ मेरे पेट और जांघो से टकरा रही थी।

और कभी कभी रीमा अपने चूतड रोक कर जोर से नीचे दबा देती थी जिससे उसके चुतडो के संपोज मेरे बदन से चिपक कर फैल जाते थे। उसे भी शायद अपने चूतड मेरे बदन से रगडने मे मजा आ रहा था शायद मैं पूरा मस्त हो रखा था। जब से रीमा ने अपने चूतडो को घुमाने की रफतार बढा दी थी तब से मुझे भी उसकी चूत मे होने वाली रगडाहट से मजा आने लगा था। रीमा ने जोर जोरे चिल्लाना शुरु कर दिया था। हाय रे बेटा तेरा लंड रगडने बहूत मजा आ रहा है मेरी गीली चूत मे तेरा लंड क्या गोल गोल घूम रहा है। हाँ साले दबा इसी तरह मेरे मम्मो इनको बहुत जरुरत है इसकी। मसल डाल इनको मेरा लाल फिर से लाल कर दे इनको मसल कर। बहुत खुजली होती है मेरी चूत मे इनको मसलवाने से।

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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:33

लगा रह इसी तरह मेरे बदन के साथ। गर्दन भी चूमने लगा हरामी मार डालने का इरादा है क्या अपनी माँ को मस्ती मैं जो भी कर ले तेरे से १ घंटे चुदवाये बिना मैं तेरा को झडने नही दूंगी। उसकी बात सुनकर मैं समझ गया रीमा मुझे अच्छी तरह से तडपाये बिना नही छोडेगी अगर ऐसा है तो क्यो ना मजा लिया जाये जैसे वो मुझको देना चाहती है। ये सोच कर मैंने रीमा से कहा मैं वही करूगां जो तुम कहोगी मुझे भी अब तुम्हारे इस खेल मे मजा आ रहा है और मुझे पता है की तुम जो भी करोगी मजेदार ही होगा। तु चिंता मत कर बेटा जो भी मैं करूगीं उसमे मुझे मजा ही आयेगा। और उसने यह कर अपने चूतडो को रोक कर उसके घुमाने की दिशा बदल दी। पहले दाँये से बाँये घुमा रही थी अब बाँये से दाँये घुमाने लगी।

अब मैंने भी उसके पूरे बदन को अपने हाथे से छूना चाहता था इसलिये उसकी पीठ और गर्दन का चुम्बन लेने के साथ साथ मैंने एक हाथ मैंने उसकी कमर पर फिराना शूरू कर दिया। एक हाथ अभी भी मम्मो पर था। उसके चूतडो के घुमने से मूझे ऐसी मस्ती चढी की मैंने उसकी कमर के माँस को हाथ मे लेकर कस कर मसल दिया। रीमा चीख पडी और बोली हाय रे क्या करता है रे बेटा मम्मो के साथ साथ मेरे बदन के का भी भुर्ता बनायेगा क्या। कर कर और कर मुझे भी इन सब मैं बहूत मजा आता है। पूरा मजा ले मेरे बदन का नही तो बाद मे कहेगा माँ ने पूरा मजा भी नही दिया और तेरे लंड की माँ भी मुझे गलियां देगी।

अभी भी अपने बेटे से मिल कर देख कितना भाव विभोर हो रही है। उसक आँसू पानी बन कर चूत से निकल रहे है। रीमा कि बांते बहुत मस्तानी थी और मै उसके मस्तानी बाते सुनता हुआ उसके मस्ताने बदन को टटोल रहा है। मेरे हाथ उसके बदन पर चल रहे थे रुक रुक कर मैं उसके बदन का कोई भी हिस्सा पकड कर मसल देता था। मेरी मस्ती चरम सीमा पर थी पर मुझे पता था की मैं अभी झड नही सकता धीरे धीरे इस हालत मे मुझे मजा आने लगा था। इस तरह रीमा को चूतड घुमाते काफी देर हो गयी थी और कई बार वह अपने चूतड घूमाने की दिशा बदल चूकी थी। उसकी चूत भी अब रस से भर चुकी थी और उसका चूत रस मेरे लंड पर से बहता हुआ मेरे बॉल्स और जाँघ को भीगो रहा था।

रीमा बोली बेटा अब बहुत देर मिल लिये ये माँ बेटा अब मेरे को भी इस लंड के धक्के खाने का मन कर रहा है। चोदो ना फिर उछल उछल कर चोदो अपनी चूत को मेरे लंड से ठी है बेटा तू मेरी चूचीयां मसल मैं तेरे लंड से चूदाती हूँ। फिर रीमा ने एक आखरी चक्कर लगा कर अपने चूतड को दबा दिया और मैंने भी अपने हाथ उसके मम्मो पर रख दिये और प्यार से उसे सहलाने लगा। रीमा मस्ती मे थी बोली साले गाँडू सहला नही मसल डाल इनको कह कर रीमा ने धीरे धीरे मेरे लंड पर उछलना चालू कर दिया। उपर नीचे करते हुये मेरा लंड उसकी चूत के आंदर बाहर होने लगा और यह अहसास मेरे लिये अब तक का सबसे अच्छा था। ये मेरी सबसे पहली चुदायी थी और वह भी ऐसी औरत से जिसे मैं माँ कहता हूँ।

पर ये सोच कर की मैं अपनी माँ को चोद रहा हूँ ने मेरी मस्ती और बढा दी और मुझसे रहा नही गया और मैने अपनी पूरी ताकात से उसकी चूचीयाँ पकड कर मसल डाली। हाँ ऐसे ही मेरे राजा ये हुयी ना कुछ बात। अब रीमा ने अपनी स्पीड थोडी सी बढा दी और उछल उछल कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी उसके चूतड उछालने से चूतड मेरी जाँघो पर जोर जोर से लग रहे थे जिससे फट फट की आवाज हो रही थी। उसने अपना एक हाथ उठा कर मेरे गले मे लपेट लिया जिससे उसकी चिकनी पीठ मेरी छाती से रगड खाने लगी। उसकी चिकनी माँसल पीठ मेरे से रगड खा रही थी।

उसकी चिकनी पीठ की रगड से होती सनसनाहट और उसके चूतडो के मेरी जाँघ से टकराने के कारण होती फट फट की आवाज से गूंजता चूदायी संगीत मेरे को मदहोश कर रहा था। फिर मैंने अपने होठ उसके होठों पर लगा दिया और उनको चूसने लगा उसके होठो का रस बहुत ही मीठा था। होठ चुसाने के बाद रीमा बोली बेटा मजा आ रहा है माँ से चुदायी कराने मे ये तेरी पहली चुदायी है और ये तेरी माँ इसको यादगार बनाना चाहती है। रीमा की बात सुनकर मेरी मस्ती और भडक उठी और मैंने उसके होठ अपने होठों बे दबाये और उनको चूसते हुये मम्मो की जबरदस्त कुटायी जारी रखी। रीमा भी अपने मुँह की लार मुझे पीलाती हुयी जोर जोर से अपने चूतडो को उछाल रही थी।

क्रमशः........................


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