Hindi Sex Stories By raj sharma
Re: Hindi Sex Stories By raj sharma
चाची भी मेरी तरफ ही देख रही थी, "इतने महीनो मे में अकेली
कभी नही सोई इसलिए आदत नही है अकेले सोने की," चाची ने कहा.
"और चाची में भी आज से पहले कभी किसी के साथ नही सोया."
मेने ने कहा.
"अनुभव ले लेना चाहिए, जिंदगी में काम आएगा." चाची ने
हंसते हुए कहा और मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मो पर रख दिया.
मेरी सांस उपर की उपर रह गयी. समझ में नही आ रहा था कि क्या
करू. मेने अपना हाथ वही पर रहने दिया.
"मुझे यहाँ पर कुछ खुजली सी हो रही है, थोडा सा खुजा दो नो."
चाची ने मेरा हाथ अपनी चुचियों पर दबा दिया.
में धीरे धीरे उनकी चुचि को ब्रा के उपर से खुजने लगा. चाची
ने मेरा हाथ अपनी ब्रा के अंदर डाल दिया, "यहाँ ऐसे खुजाओ अच्छा
लग रहा है."
में अपना पूरा हाथ चाची की ब्रा में डाल उनकी चुचियों को मसल्ने
लगा. मेने महसूस किया कि चाची के निपल सख़्त हो गये थे. मुझे
चाची की चुचियाँ मसल्ने मे बहुत मज़ा आ रहा था वही ब्रा के
होने से अच्छी तरह नही मसल पा रहा था.
अचानक रागिनी चाची पलटी और पेट के बल लेट गयी, "राज ज़रा ये
ब्रा के हुक खोल दो गर्मी लग रही है."
मेने काँपते हाथो से उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. चाची ने ब्रा के
स्ट्रॅप को कंधे से उतार अपनी ब्रा ज़मीन पर फैंक दी. फिर मेरे हाथ
अपनी नंगी चुचियों पर रख दिया, "हां अब ज़ोर ज़ोर से दबाओ अच्छा
लग रहा है."
में चाची और करीब खिसकते हुए अपने दोनो हाथो से उनकी
चुचियाँ मसल रहा था दबा रहा था. चाची सिसक रही
थी, "हाआआआआअँ आईसस्स्ससे ही दब्ाओ, ओह थोड़ा धीरे दर्द हो
रहााआअ है, ओह आआआआः."
Re: Hindi Sex Stories By raj sharma
रागिनी चाची की चुचियाँ एक दम गोल और भारी भारी थी. काले
निपल तन कर सख़्त हो गये थे. में निपल को अपने अंगूठे और
उंगली से भींच रहा था. मेरा 8' इंची लंड पॅंट में तन गया था
और चाची के चूतड़ की दरारों में ठोकर मार रहा था.
अचानक चाची ने कहा, "राज ये मेरी जांघों पे क्या चुभ रहा है?"
अब में भी थोडा खुल गया था, "चाची ये मेरा लंड है जो तुम्हे
चुभ रहा है. चाचा का तुमने देखा ही होगा."
"राज तुम मुझे चाची ना बुलाया करो, ऐसा लगता है कि में बुद्धि
हो गयी हूँ, तुम मुझे रागिनी बुलाया करो." रागिनी ने अपना हाथ
पीछे कर मेरे लंड पर रख दिया.
"ठीक है चाआ……..ओह सॉरी रागिनी आज से में तुम्हे रागिनी ही
बुलाउन्गा." मेने अपना लंड और उससे सटा दिया.
रागिनी ने अपना हाथ मेरी शॉर्ट्स में डाल दिया और मेरे लंड को अपनी
मुठ्ठी में पकड़ लिया, "बाप रे ये तो बहुत ही मोटा और कड़क है."
रागिनी पलट कर मेरी ओर हो गयी थी और मेरे लंड को अपने हाथों
से मसल्ने लगी.
रागिनी ने मेरी शॉर्ट्स उतार दी और मेरे लंड की चॅम्डी को उपर नीचे
करने लगी. मोटे लंड और लाल सूपदे को देख वो दंग रह गयी, "राज
कहाँ छुपा रखा था इसे इतने दिनो से?"
"यहीं तो था तुम्हारे सामने पर तुमने कभी ध्यान ही नही दिया."
मेने उसकी चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए कहा.
"ओह माआआआअ" रागिनी सिसक कर बोली. "मुझे क्या पता था कि
भतीजे का लंड चाचा के लंड से बड़ा और मोटा होगा."
में रागिनी की भाषा और बातें सुनकर दंग रह गया. मुझे क्या पता
थी कि चाची इतनी बिंदास औरत है. वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को
मसल रही थी. रागिनी ने अपना पेटिकोट उठा दिया और मेरे लंड को
अपनी टाँगो पर रगड़ने लगी.
अब रागिनी की चुचियाँ मेरे चेहरे को छू रही थी. में अपने दोनो
हाथों से उन्हे रगड़ और मसल रहा था. अचानक रागिनी ने अपनी
चुचि मेरी होंठों पर दबा दी, "इन्हे चूसो मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर
से ."
मेने रागिनी की चुचियों को मुँह में ले चूसने लगा. कभी में
उसके निपल को अपने दांतो से काट लेता तो वो सिसक पड़ती.
मेने उसकी चुचि को मुँह से निकाला और कहा, "रागिनी जब भी ये
तुम्हारी बड़ी बड़ी चुचियाँ तुम्हारे ब्लाउस से बाहर झलकती थी तो मेरा
मन करता कि इन्हे ज़ोर से भींचू. में हमेशा कल्पना करता था
इन्हे मुँह में ले चूसू ज़ोर से मसल दू. तुम नही जानती तुमने मेरे
लंड को कितना परेशान किया है."
"तो फिर आज अपनी कल्पना को हक़ीक़त का रूप दे दो." कहकर रागिनी
ने अपनी चुचि और मेरे मुँह में घुसा दी. में ज़ोर से उसकी चुचि
को मसल रहा था चूस रहा था. रागिनी भी मेरे लंड को ज़ोर से
रगड़ रही थी. रागिनी ने अपनी एक टांग मेरी कमर पर रख दी और
मेरे लंड को टाँगो के बीच रगड़ने लगी.
निपल तन कर सख़्त हो गये थे. में निपल को अपने अंगूठे और
उंगली से भींच रहा था. मेरा 8' इंची लंड पॅंट में तन गया था
और चाची के चूतड़ की दरारों में ठोकर मार रहा था.
अचानक चाची ने कहा, "राज ये मेरी जांघों पे क्या चुभ रहा है?"
अब में भी थोडा खुल गया था, "चाची ये मेरा लंड है जो तुम्हे
चुभ रहा है. चाचा का तुमने देखा ही होगा."
"राज तुम मुझे चाची ना बुलाया करो, ऐसा लगता है कि में बुद्धि
हो गयी हूँ, तुम मुझे रागिनी बुलाया करो." रागिनी ने अपना हाथ
पीछे कर मेरे लंड पर रख दिया.
"ठीक है चाआ……..ओह सॉरी रागिनी आज से में तुम्हे रागिनी ही
बुलाउन्गा." मेने अपना लंड और उससे सटा दिया.
रागिनी ने अपना हाथ मेरी शॉर्ट्स में डाल दिया और मेरे लंड को अपनी
मुठ्ठी में पकड़ लिया, "बाप रे ये तो बहुत ही मोटा और कड़क है."
रागिनी पलट कर मेरी ओर हो गयी थी और मेरे लंड को अपने हाथों
से मसल्ने लगी.
रागिनी ने मेरी शॉर्ट्स उतार दी और मेरे लंड की चॅम्डी को उपर नीचे
करने लगी. मोटे लंड और लाल सूपदे को देख वो दंग रह गयी, "राज
कहाँ छुपा रखा था इसे इतने दिनो से?"
"यहीं तो था तुम्हारे सामने पर तुमने कभी ध्यान ही नही दिया."
मेने उसकी चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए कहा.
"ओह माआआआअ" रागिनी सिसक कर बोली. "मुझे क्या पता था कि
भतीजे का लंड चाचा के लंड से बड़ा और मोटा होगा."
में रागिनी की भाषा और बातें सुनकर दंग रह गया. मुझे क्या पता
थी कि चाची इतनी बिंदास औरत है. वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को
मसल रही थी. रागिनी ने अपना पेटिकोट उठा दिया और मेरे लंड को
अपनी टाँगो पर रगड़ने लगी.
अब रागिनी की चुचियाँ मेरे चेहरे को छू रही थी. में अपने दोनो
हाथों से उन्हे रगड़ और मसल रहा था. अचानक रागिनी ने अपनी
चुचि मेरी होंठों पर दबा दी, "इन्हे चूसो मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर
से ."
मेने रागिनी की चुचियों को मुँह में ले चूसने लगा. कभी में
उसके निपल को अपने दांतो से काट लेता तो वो सिसक पड़ती.
मेने उसकी चुचि को मुँह से निकाला और कहा, "रागिनी जब भी ये
तुम्हारी बड़ी बड़ी चुचियाँ तुम्हारे ब्लाउस से बाहर झलकती थी तो मेरा
मन करता कि इन्हे ज़ोर से भींचू. में हमेशा कल्पना करता था
इन्हे मुँह में ले चूसू ज़ोर से मसल दू. तुम नही जानती तुमने मेरे
लंड को कितना परेशान किया है."
"तो फिर आज अपनी कल्पना को हक़ीक़त का रूप दे दो." कहकर रागिनी
ने अपनी चुचि और मेरे मुँह में घुसा दी. में ज़ोर से उसकी चुचि
को मसल रहा था चूस रहा था. रागिनी भी मेरे लंड को ज़ोर से
रगड़ रही थी. रागिनी ने अपनी एक टांग मेरी कमर पर रख दी और
मेरे लंड को टाँगो के बीच रगड़ने लगी.
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गतान्क से आगे
रागिनी ने कोई पॅंटी नही पहन रखी थी. मेरा लंड उसकी झटों में
घूम रहा था. रागिनी मेरे लंड को अपनी झटों के बीच ले मसल रही
थी. एक अजीब ही सिरहन और उत्तेजना में हम दोनो भरते जा रहे
थे.
"रागिनी मुझे कुछ हो रहा है, बताओ में क्या करूँ? मेने अपनी
कमर को और उसकी कमर से चिपकाते हुए कहा.
"तुमने कभी किसी लड़की को चोदा है?" रागिनी ने मेरे लंड को
मसल्ते हुए पूछा.
"नही."
"इतना मोटा लंड लेकर भी आज तक किसी को नही चोदा! कितने दुख की
बात है. क्या शादी तक कुंवारे ही रहना चाहते हो?" रागिनी ने
पूछा.
में क्या कहता. मेरे पास शब्द नही थे कुछ कहने को. में बस
रागिनी को देखे जा रहा था.
रागिनी ने मेरे चेहरे को अपने दोनो हाथों में लिया और मेरे होंठो
को चूमते हुए मेरे कान में फुसफुसा, "क्या अपनी चाची को चोद्ना
चाहोगे?"
"क…..क्यों नही!" मेने सूखे गले से बोला.
"ठीक है फिर अपनी शॉर्ट्स उतार कर नंगे हो जाओ?" रागिनी ने कहा.
में बिस्तर से उतर कर खड़ा हुआ और अपनी शॉर्ट उतार दी. अब पूरा
नंगा अपनी आध नंगी चाची के सामने खड़ा था.
रागिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपने पेटिकोट का नाडा ढीला कर
दिया, "इसे भी उतार दो."
रागिनी ने कोई पॅंटी नही पहन रखी थी. मेरा लंड उसकी झटों में
घूम रहा था. रागिनी मेरे लंड को अपनी झटों के बीच ले मसल रही
थी. एक अजीब ही सिरहन और उत्तेजना में हम दोनो भरते जा रहे
थे.
"रागिनी मुझे कुछ हो रहा है, बताओ में क्या करूँ? मेने अपनी
कमर को और उसकी कमर से चिपकाते हुए कहा.
"तुमने कभी किसी लड़की को चोदा है?" रागिनी ने मेरे लंड को
मसल्ते हुए पूछा.
"नही."
"इतना मोटा लंड लेकर भी आज तक किसी को नही चोदा! कितने दुख की
बात है. क्या शादी तक कुंवारे ही रहना चाहते हो?" रागिनी ने
पूछा.
में क्या कहता. मेरे पास शब्द नही थे कुछ कहने को. में बस
रागिनी को देखे जा रहा था.
रागिनी ने मेरे चेहरे को अपने दोनो हाथों में लिया और मेरे होंठो
को चूमते हुए मेरे कान में फुसफुसा, "क्या अपनी चाची को चोद्ना
चाहोगे?"
"क…..क्यों नही!" मेने सूखे गले से बोला.
"ठीक है फिर अपनी शॉर्ट्स उतार कर नंगे हो जाओ?" रागिनी ने कहा.
में बिस्तर से उतर कर खड़ा हुआ और अपनी शॉर्ट उतार दी. अब पूरा
नंगा अपनी आध नंगी चाची के सामने खड़ा था.
रागिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपने पेटिकोट का नाडा ढीला कर
दिया, "इसे भी उतार दो."