Hindi Sex Stories By raj sharma

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raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 30 Oct 2014 09:30



"अब चुदाई का वक्त हो गया है," कहकर राज ने अपना लंड उसकी चूत
पर रख थोडा सा अंदर घुसा दिया.

"ओह माआआअ" उसके मूह से आवाज़ निकली.

प्रीति की चूत इतनी गीली हो चुकी थी राज के हल्के से दबाव से ही
उसका पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, इतने में उसने एक और लंड
को उसके होठों के पास महसूस किया. उसने अपना मूह खोला और उस व्यक्ति
को अपना लंड उसके मूह में डालने दिया.

"ये कौन हो सकता है?' वो सोच रही थी.

राज अब प्रीति को जम कर चोद रहा था. उसके धक्को की रफ़्तार और तेज
होती जा रही थी. प्रीति भी अब अपने कूल्हे उछाल उसकी ताल से ताल
मिला रही थी.

"अगर मेने राज की गांद पे जूते नही मारे तो मेरा नाम प्रीति नही,"
वो अपने आप को बार बार याद दिला रही थी जैसे ही अंजाने व्यक्ति का
लंड उसके मूह में ज़ोर से घुसता.

जैसे जैसे राज की रफ़्तार बढ़ती प्रीति के शरीर में कामुकता और
बढ़ जाती. ना चाहते हुए भी उस व्यक्ति के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस
रही थी.

"अगर राज यही चाहता है कि में दूसरे मर्द से चुदाई करवाउ तो
ठीक है में भी बता देना चाहती हूँ कि मैं चुद्वा सकती हूँ," ये
सोचकर प्रीति और ज़ोर से उस लंड को चूसने लगी. उसने उस लंड से
पानी छुट ता महसूस किया. राज धक्के पे धक्के दिए जा रहा था और
उसकी चूत पानी छोड़े जा रही थी.

प्रीति खूब मज़े ले के उस व्यक्ति के लंड के पानी को पी रही थी.
ऐसी चुदाई का उसका ये पहला मौका था. राज ने भी दो धक्कों के बाद
उसकी चूत में पानी छोड़ दिया.

राज ने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला प्रीति को बुरा
लगा वो और चुद्वाना चाहती थी. राज ने उसके हाथों की रस्सी खोल दी
और उसे बिस्तर पर पलट दिया.

अब वो पेट के बल हो गयी थी और तकिये पर होने के कारण उसकी गांद
थोड़ी उठ गयी थी. राज बिस्तर के किनारे पे आ गया जिससे उसका लंड
आसानी से प्रीति के मुँह मे जा सके, "प्रीति अब मेरा लॉडा चूसो."
राज ने कहा.

प्रीति ने राज के वीर्य रिक्त लंड को अपने मूह में ले लिया तभी उसने
अंजाने व्यक्ति के हाथ अपनी गांद पे महसूस किए, जैसे ही उस व्यक्ति
ने अपना लंड उसकी गीली चूत में पेला प्रीति ने सोचा. "हे भगवान
अब ये मुझे चोद्ने वाला है."

एक बार तो उसका मन किया की वो यहाँ से भाग जाए पर उसकी काम इच्छा
ने उसे रोक दिया. उसके अंदर की आग इतनी भड़क चुकी थी कि वो
चुद्वाने के अलावा उसके पास कोई उपाय नही था.

अंजाने व्यक्ति उसके दोनो कुल्हों को पकड़ ज़ोर से अपना लंड उसकी चूत
में डाल दिया, वहीं राज ने उसके पट्टी बँधे सिर को अपने लंड पर
दबा दिया जो अब खड़ा होने लगा था.

वो अंजना व्यक्ति उसकी गांद पर थप्पड़ मारते हुए ज़ोर ज़ोर से प्रीति
को चोदे जा
रहा था. और वो उतनी ज़ोर से राज के लंड को चूस रही थी. उसका
शरीर फिर तन रहा था.

अनजाना व्यक्ति जैसे ही अपने लंड को अंदर तक डालता प्रीति उतना ही
अपने कुल्हों को पीछे की ओर धकेल उसके लंड को और अपनी चूत की
जड़ तक ले लेती. उस व्यक्ति का लंड राज के लंड से बड़ा था और
प्रीति को उसकी चूत भारी सी महसूस हो रही थी.

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 30 Oct 2014 09:30



"अगर राज यही चाहता है कि में अंजाने व्यक्ति से चुद्वाउ तो ठीक
है आज मेने भी इसके लंड की एक एक बूँद को निचोड़ के पी जाउन्गि"
सोच कर प्रीति और ज़ोर से राज के लंड को चूसने लगी.

उस व्यक्ति अपनी पूरी ताक़त से प्रीति को चोद रहा था. और प्रीति
जोरों से मूह को उपर नीचे कर राज के लंड को चूस रही थी. जब वो
पीछे को होती तो उस व्यक्ति का लंड जड़ तक समा जाता और जब वो आगे
को होती तो राज का लंड उसके गले तक आ जाता.

प्रीति पूरे आनंद के साथ इस समहुक चुदाई मे मस्त थी. वो अब
घोड़ी बन पूरे जोश से चुद्वा रही थी. राज उसकी चुचियों को
मसल्ते हुए ज़ोर से उसके मूह को चोद रहा था और वो व्यक्ति पूरे ज़ोर
से प्रीति के कुल्हों को पकड़ धक्के लगा रहा था.

उसका खून उबाल मार रहा था और उसकी चूत फिर से एक बार पानी
छोड़ने को तय्यार थी, "चूऊऊऊओदूऊ मुझे और ज़ोर सी चोदो" वो
चीखी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

प्रीति ने पूरी ताक़त से अपनी गांद उस व्यक्ति के पाट के साथ सटा दी
और उसने उस व्यक्ति का वीर्य छूटता महसूस किया. उसके लंड की
पिचकारी इतनी तेज थी कि उसे लगा की उसका वीर्य ठीक उसकी बच्चे
दानी पर छूट रहा है. उसके लंड से इतना पानी निकला कि उसकी चूत
पूरी भर गयी और पानी चूत से टपकने लगा.

तभी राज ने उसके सिर को ज़ोर से पकड़ा और उसके मूह में अपने लंड की
पिचकारी छोड़ दी.

वो अंजना व्यक्ति अभी उसे चोदे जा रहा था. उसका लंड तेज़ी से उसकी
चूत के अंदर बाहर हो रहा था. प्रीति तकिये पर लेटी सोचने
लगी "हे भगवान क्या ये फिर मेरी चूत में अपना पानी छोड़ेगा."

उस व्यक्ति ने उसे बालों से पकड़ अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक
समा दिया. फिर एक बार प्रीति ने उसके गरम वीर्य की पिचकारी अपनी
चूत में महसूस की.

प्रीति निढाल हो बिस्तर पर गिर गयी और अपनी तेज सांसो को संभालने
लगी. उसे अभी भी अपने आप पर विश्वास नही हो रहा था कि वो किसी
अंजान व्यक्ति से चुड़वाई है. एक ऐसे व्यक्ति से जिसकी उसने शक्ल भी
नही देखी.

वो अपने ख़यालों में खोई हुई थी कि उसने एक गाड़ी के जाने की आवाज़
सुनी. राज ने आगे बढ़कर उसके आँखों से पट्टी उतार दी.

"हॅपी बर्तडे मेरी जान !" राज मुस्कुरकर उसकी आँखों मे झाँक
रहा था.

"वो कौन था राज?" प्रीति ने पूछा.

"ये में तुम्हे कभी नही बताउन्गा, यही तो तुम्हारा अनोखा तोहफा
था." राज ने जवाब दिया.

"तो क्या मुझे अपने अगले जनमदिन तक रुकना पड़ेगा." प्रीति मन मन
सोची.

प्रीति की आँखों में चमक देख राज ने कहा, "मुझे खुशी है कि
तुम्हे तोहफा अच्छा लगा."

अगले पूरे हफ्ते तक प्रीति अपने जनमदिन की रात की चुदाई के
ख़यालों में खोई रही. जितना वो उस याद को मिटाने की कोशिश करती
उतनी ही याद ताज़ा हो जाती. उन यादों को सोचकर ही उसका बदन सिहर जाता
कि किस तरह उसके पति और एक अंजान मर्द ने उसे चोदा था.

कभी तो उसे अपने आप पर गुस्सा आता कि ये सब क्यों हुआ और उसके
पति ने कैसे एक अंजान मर्द को उनके बेडरूम मे ला अपनी ही पत्नी की
चुदाई करने दी, पर दूसरी और उसका दिल ये भी सोचता कि जितना आनंद
उसे उस रात चुदाई में आया था उतना कभी नही आया. एक रात में
शायद ही कभी उसकी चूत इतनी बार झड़ी होगी.

इन ख़यालों को मिटाने के लिए प्रीति ने अपने आपको काम में डुबा
दिया. फिर भी ये ख़याल कि उस रात को कौन था उसे सताते रहता
था. "ज़रूर वो राज का ही कोई दोस्त होगा, मुझे इसका पता लगाना ही
होगा." ये सोच वो फिर से अपने काम में जुट गयी.

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 30 Oct 2014 09:31

गतान्क से आगे................
प्रीति अपनी नौकरी पर काम ख़त्म कर घर पहुँची और घर के काम
में मशरूफ हो गयी. राज नाइट शिफ्ट में काम करता था इसलिए उसे
अकेले ही खाना खाना पड़ा.

जब वो अपने बेडरूम में पहुँची तो फिर उन्ही ख्यालो ने उसे घेर
लिए. उस रात दो लंड के मज़े का नज़ारा उसकी आँखों के आगे आ गया.
खुद ब खुद उसका हाथ अपनी चूत पे चला गया और वो रगड़ने लगी.

"हे भगवान ये मुझे क्या होता जा रहा है?" प्रीति अपनी चूत को
ज़ोर ज़ोर से रगड़ते हुए सोच रही थी.

जैसे जैसे वो सोचती उतना ही ज़ोर से वो अपनी चूत को रगड़ रही
थी. आख़िर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

इसी तरह कुछ हफ्ते निकल गये वो अक्सर उस रत के बारे में सोचती.
राज उसे हमेशा की तरह चोद्ता था पर उसने उस रात का जिकर कभी
नही किया. एक मर्द कैसे किसी गैर मर्द से अपनी बीवी चुदवाऐ और
उस विषय पर बात भी ना करे यही सोच प्रीति हैरान हो जाती थी.

वक्त गुज़रता गया और वो यादें भी धुन्द्लि पड़ती गयी. अब उसे
शनिवार का इंतेज़ार था जिस दिन राज और वो अपने ही ऑफीस में काम
करने वाली एक लड़की और उसके पति के साथ रात का खाना खाने होटेल
में जाने वाले थे.

प्रीति की दोस्त का नाम रश्मि है. रश्मि उम्र में प्रीति से छोटी
थी पर प्रीति को वो पसंद थी. रश्मि एक हस्मुख किस्म की खुले
विचारों वाली लड़की थी. उसका पति भी काफ़ी दिलचस्प इंसान था.
प्रीति ने कई बार उसे अपनी ओर देखते पाया था जब भी वो रश्मि के
घर उससे मिलने जाती.

"शनिवार को में इस बात का ध्यान रखूँगी कि सही में वो मेरी और
देखता है कि नही." प्रीति ने सोचा.

शनिवार की शाम प्रीति और राज, रश्मि और उसके पति से पहले से
तय होटेल में मिले. राज रश्मि के पति जीत से पहली बार मिल रहा
था. पर थोड़ी देर बाद कोई ये नही कह सकता था. दोनो आपस में
इतना घुल मिल गये थे जैसे बरसों की पहचान थी. प्रीति खुश हो
गयी थी कि कोई जोड़ी तो है जिसके साथ वो अक्सर बाहर जा सकते थे.

खाना खाने के बाद जीत रश्मि को डॅन्स फ्लोर पे ले गया और डॅन्स
करने लगा. प्रीति ने देखा कि राज की नज़रें रश्मि को ही घूर रही
है, और घुरे भी क्यों ना, रश्मि थी ही इतनी सुंदर.

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