छोटी सी भूल compleet

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raj..
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Re: छोटी सी भूल

Unread post by raj.. » 02 Nov 2014 21:52

पॅंट उतार कर उसने एक तरफ़ फेंक दी.

वो कपड़े ऐसे फेंक रहा था जैसे कि दुबारा उनकी ज़रूरत ही ना हो

अब वो बस अपने अंडरवेर में मेरी टाँगो के बीच बैठा हुवा था और उसके अंडरवेर से उसका लिंग पहले की तरह बाहर लटक रहा था.

उसने कहा, मेरा कच्छा उतार दो.

मैने कहा मुझ से ये सब नही होगा, तुम बार बार मुझे परेशान मत करो.

ऐसा लगता था कि वो वक्त बर्बाद नही करना चाहता.

उसने मुझे दुबारा अपना अंडरवेर उतारने के लिए नही कहा और जल्दी से उसे उतार दिया.

उष्का लिंग अब मेरी आँखो के सामने बिल्कुल नंगा झूल रहा था जीशके नीचे उसकी बॉल्स लटक रही थी और मैं सहमी सहमी उसे देख रही थी.

मैं इतनी घबरा रही थी की मैने अपनी आँखे बंद कर ली

अब हम दोनो बेड पर बिल्कुल नंगे थे. मैं बेड पर लेटी हुई थी और वो मेरी टाँगो के बीच घुटनो के बल बैठा था.

मैं घबरा रही थी कि अगर इस वक्त कोई आ गया तो ?

बिल्लू ने अपने लिंग को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे सहलाते हुवे बोला, आज तो मेरे लंड को सबसे सुंदर चूत मिलेगी, सच खूब मज़ा आएगा.

मैने शर्मा कर अपना चेहरा अपने हाथो में छुपा लिया. मैने मन ही मन सोचा ये कभी नही सुधरेगा, पता नही कहा से ऐसी बाते ढूंड लाता है.

वो बोला, देख तो सही ये कैसे अपनी लार टपका रहा है तुझे नंगा देख कर.

मैने हल्की सी आँख खोल कर देखा तो पाया की उसके लिंग के मूह पर पानी की बूंदे सी उभर आई थी.

मैं इशके बारे में जानती थी, संजय के साथ भी अक्सर ऐसा होता था, पर वो ऐसी अश्लील बाते नही करते थे.

उसने कहा, एक बात पुंच्छू ?

मैने कहा, हां पूछो.

क्या तेरा मन मुझे अपनी चूत देने का कर रहा है ?

ये ऐसा सवाल था जिसका मैं किसी भी हालत में जवाब नही दे सकती थी, इतनी मदहोशी में भी नही.

मैं खामोसी से वाहा लेटी रही.

क्रमशः ..............................

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raj..
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Re: छोटी सी भूल

Unread post by raj.. » 02 Nov 2014 21:53

गतांक से आगे ..............................

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वो फिर बोला, मेरा अपनी गांद में लेने के बाद क्या तेरा मन अपनी चूत में लेने का नही किया ?

मैं समझ नही पा रही थी कि बिल्लू को कैसे जवाब दू, ऐसे में कुछ भी कहना ठीक नही था. उसकी बेशर्मी बढ़ती जा रही थी.

उसने फिर से पूछा, बता ना अब तेरा मन क्या कह रहा है, क्या तू मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती है.

मैने गुस्से में कहा में कुछ नही चाहती तुम यहा से चले जाओ.

वो मुस्कुरा कर बोला, तू झूट बोल रही है, तेरा मन मेरा लंड लेने के लिए मचल रहा है

मेरे मूह से अचानक निकल गया, तो फिर मुझ से क्यो पूछ रहे हो.

वो बेशर्मी से बोला, बस यू ही कन्फर्म कर रहा था.

मैने कहा, तो हो गया कन्फर्म.

वो बोला, अगर तेरा इतना मन है तो मैं तेरी मार लेता हूँ.

मैने गुस्से में कहा मुझ पर झुटे इल्ज़ाम मत लगाओ, मेरा कोई मन नही है.

वो हंसते हुवे बोला, अभी देख लेते है.

उसने अपनी एक उंगली अचानक मेरी योनि में गुस्सा दी, मैं हड़बड़ा कर रह गयी.

उसने अपनी उंगली निकाली और मुझे दिखाते हुवे बोला, ये देख तेरी चूत अंदर से कितनी चिकनी हो गयी है, अब बता किशका मन नही है.

मैने कहा, क्या तुम्हारा मन नही है.

वो बोला, है, मेरा तो तेरे से भी ज़्यादा मन है, मैं तो बस तेरी झीजक दूर कर रहा था.

अगर तुझे बुरा लग रहा है तो सॉरी.

मैं समझ नही पा रही थी कि आख़िर बिल्लू कैसा इंशान है, पर जब उसने मुझे सॉरी कहा तो मैं उशके लिए भावुक हो गयी.

पर वो फिर से शरारती अंदाज़ में बोला, जब तक तू नही कहेगी मैं तेरी चूत में नही डालूँगा.

मैं जानती थी कि वो डालने के लिए बिल्कुल तैयार था पर जानबूझ कर ऐसी बाते कर रहा था.

मैने कोई जवाब नही दिया.

वो बोला, जब तक तू नही कहेगी मैं यू ही बैठा रहूँगा.

मैने मन ही मन बिल्लू को ढेर सारी गालिया दी. मैं समझ नही पा रही थी कि आख़िर वो ऐसा क्यो करता है.

उसने पूछा, बताओ अब क्या करूँ. ?

मैने झीज़कते हुवे कहा, जैसा तुम चाहो कर लो मुझ से बार बार क्यो पूछते हो, कोई आ जाएगा, जल्दी करो जो करना है.

वो बोला, मैं तो तेरी चूत मारना चाहता हूँ.

मैने गुस्से में कहा “तो मार लो”

पर ये कहने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैं क्या कह गयी. बिल्लू ने फिर से मुझे शरमाने पर मजबूर कर दिया था.


raj..
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Re: छोटी सी भूल

Unread post by raj.. » 02 Nov 2014 21:54

वो बड़ी बेशर्मी से बोला, जैसा तुम कहो, मैं मार लेता हूँ, पर वादा करो तुम खुल कर मज़ा लोगि, किसी बात की चिंता नही करोगी.

मैने पूछा, तुम्हे मेरी चिंता क्यो है ? तुम अपना काम करो.

वो बोला, एक सेक्स पार्ट्नर को खुद से ज़्यादा दूसरे की चिंता करनी चाहिए तभी सेक्स सुन्दर बन पाता है.

ये सुन कर मैं हैरान हो गयी.

ऐसा लग रहा था जैसे कि वो मुझे काम्सुत्र का कोई पाठ पढ़ा रहा हो.

पर ये सच था कि उसकी बात मुझे दिल में छू गयी.

मुझ से रुका नही गया और मैने बोल ही दिया, तुम शुरू करो मैं खुद खो जाउन्गि, मेरा खोना ना खोना मेरे बस में नही है.

मैं उसे कहना चाहती थी कि काश तुम मेरे पति होते तो मेरे खोने का सवाल कभी नही उठता

पर मैं ये सोच कर रुक गयी कि संजय ने भी तो मुझे खुश रखने में कोई कमी नही रखी है फिर में ऐसी बात क्यो सोचूँ.

बिल्लू ने अपने लिंग को मेरी योनि के होल पर रख दिया और बोला, देख कितने प्यार से किस कर रहें है दोनो.

मेरे शरीर में बीजली की ल़हेर दौड़ गयी.

मैं आँखे बंद कर के उस पल में खो गयी, उसका लिंग मेरी योनि के होल पर गरम गरम महसूष हो रहा था.

वो बोला, अरे वाह तू तो अभी से खो गयी, मुझे बहुत अछा लग रहा है तुझे यू खोते देख कर.

मैने कहा, ये सब तुम्हारे कारण है.

वो बोला, मैं तो तेरे हुश्न का गुलाम हू. मेरे कारण अगर तुम खो पाती हो तो इस से बढ़ कर मेरे लिए कुछ नही.

मैं बिल्लू से कहना चाहती थी की धीरे धीरे डालना, मुझे दर्द होगा, पर मैं समझ नही पा रही थी कि कैसे कहु.

पर मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नही पड़ी.

बिल्लू ने बहुत धीरे धीरे मेरी योनि के अंदर अपना आधा लिंग सरका दिया.

मुझे दर्द तो हो रहा था पर इतना नही की मैं सह ना पाउ.

वो बोला, दर्द तो नही है.

मुझे ना जाने क्या हो गया, मैने उसकी और प्यार से देख कर कहा, नही, डाल दो, मैं सह लूँगी.

ये सुनते ही उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.

मैं अब दर्द से चीन्ख पड़ी आबीयेयायीयियीयैआइयैयियैयीयैआइयैआइयैआइयैआइयीयीयियी इतनी ज़ोर से डालने को नही कहा था.

वो बेशर्मी से बोला, पर तूने कहा था कि मैं सह लूँगी.

मैं शर्मा कर रह गयी.

मैने कहा, तुम बहुत बदमाश हो.

वो बोला, वो तो मैं हू, पर जैसा भी हूँ तेरा देवाना हूँ.

बिल्लू पूरा मेरे उपर झुक गया, और मेरे होंटो को अपने होंटो में ले कर चूसने लगा.

वो मेरे अंदर पूरा समाया हुवा था और उसी पोज़िशन में मेरे होंटो को चूस रहा था.

में भी मदहोशी में उसकी किस का जवाब दे रही थी.

वो पल मुझे बहुत प्यारा लग रहा था.

थोड़ी देर बाद बिल्लू मेरे होंटो को छोड़ कर बोला, मारना शुरू करूँ अब.

मैने कहा, तुम नही सुधरोगे.

वो बेशर्मी से बोला, तो बताओ ना, मारना शुरू करूँ क्या.

मैने शरमाते हुवे कहा, जल्दी करो जो करना है, कोई आ गया तो हम मुशिबत में फँस जाएँगे.

वो बोला, ठीक है.

ये कह कर उसने अपना पूरा लिंग बाहर खींच लिया.

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