ha ma bilkul mai to taiyar baitha hu, aaj aisi malish karna beta ki mera dard
chala jaye , kyo nahi ma aap aaram se let jao me abhi aap ke dono pairo aur kamar ki malish
kar deta hu, geeta ruk beta jara mai sadi utar deti hu nahi to tel se kharab ho jayegi, aur
geeta apni sadi utarne lagti hai aur ajay apni ma ki madmast jawani ko apni aankho se
peene lagta hai, ajay bed par per latka kar baitha tha aur uski ma uske samne apni sadi utar
kar uske pas aakar khadi ho jati hai aur, dekh beta kya mai pahle se moti ho gai hu, aur
aage se aur phir peeche ghum kar apne bhari chutad ajay ko dikhati hai, ajay apni mummy
ke mote chutado par apne hath pher kar unka jayja leta hai aur nahi ma tumhara figure to ek
dam fit hai, aur agar tum jyada vajani bhi hoti to tumhara beta itna bada ho gaya hai ki
tumhe apni god mai khade khade utha sakta tha, geeta rahne de tu mujhe abhi nahi utha
payega mote hone par to uthane ki bat hi dur hai,
ajay aisi bat hai, to abhi aap ko utha kar
dikhau, geeta ha dikha mai bhi dekhu mere bete mai kitna dam hai aur ajay khada hokar
apni mummy ke dono mote mote chutado ko peeche se daboch kar upar uthata hai, aur
apna hath apni mummy ki moti gand ki darar mai bhar kar uski guda mai apni ugliya
phansa deta hai aur uska land land apni ma ki phuli hui chut ki phanko ko petikot ke upar
se alag karne ki koshish karne lagta hai, geeta ki chut pani pani ho jati hai aur phir ajay
dhire dhire apni mummy ko neeche utarta hai jisse geeta ki chut ka dana apne bete ke land
se ragad jata hai aur vah ek dam se apne bete se chipak jati hai aur ajay bhi apni mummy ke
dono chutado ko apni aur khichata huye apni mummy ke mote mote chutado ko apne hath
se viprit disha mai khinch kar phailata hua apni mummy ki moti moti chuchiyo ko apne
seene se daba leta hai, ajay mummy ek bat bolu, geeta ha bol aapke honth bahut sundar
hai kya mai inko chum lu,
geeta ajay ke hontho ko chumte huye isme puchne ki kya bat hai
beta, ajay apni ma ki moti gand ko apne hatho me bharta hua apni mummy ke rasile hontho
ko chusne lagta hai, ajay mummy aapke hontho se mitha mitha test kyo aa raha hai, geeta
ye to beta meri jeebh ke karan mitha ho jata hai kyo ki mai hamesha apne hontho par jeebh
pherti hu na isliye, ajay to kya aapki jeebh ka test meetha hai, ha beta yakin nahi ho to
chakh kar dekh le, aur geeta apni jeebh bahar nikal kar dikhati hai aur ajay apni mummy ki
jeebh ko apne muh mai bhar kar uska ras peene lagta hai, geeta pani pani ho jati hai aur
apnr bete ko apni jeebh pura muh khol khol kar pilane lagti hai, aur ajay ka land bilkul
seedhe apni ma ki chut par thokar marne lagta hai ab geeta se sahan nahi hota hai aur vah
ajay ka land apne hantho mai pakad leti hai aur use maslte huye beta tera land to bahut
mota aur bada hai aur ajay ke land ka masalte huye jara khol kar dikha to ye kaisa dikhta
hai, aur ajay ka pajama utar deti hai ajay ke mote tagde dande ko dekh kar gita sihar jati hai
aur ajay se chipakte huye uske land ko apne hatho se aage piche karte huye par beta yah
itna tagde tarike se khada kyo hai, ma jab bhi mai aapse chipkta hu to ye aise hi khada ho
jata hai,
geeta aur jab tu mujhe dur se dekhta hai tab, ma tab bhi ye khada ho jata hai geeta
uska land maslte huye par mujhe dur se dekhne par kyo khada ho jata hai ma dur se jab
mai aapke inko dekhta hu chutado ko apne dono hatho mai bharta hua, tab bhi yah khada
ho jata hai, to kya tera land apni mummy ki moti gand dekhkar khada ho jata hai, ha ma,
geeta to kya ye rashmi aur aarti ki gand dekhkar bhi khada ho jata hai, ha ma ye kisi bhi
aurat ki gand dekhkar khada ho jata hai, par jab aapki moti gand dekhta hu to yah khada
hone ke bad jhatke bhi marne lagta hai, geeta kyo tujhe apni ma ki gand itni pasand hai,
ajay apni mummy ki gand ko kas kar masalta hua ha ma mujhe aapki gand sabse jyada
pasand hai, geeta par tujhe meri gand kyo pasand hai, pata nahi ma par mujhe inhe dekhna
achcha lagta hai, par beta mai to kapde pahne rakhti hu tujhe kya dikhta hoga, ajay ha ma
dikhta to kuch nahi hai, par me mehsus kar leta hu,
kramashah......................
तीन घोड़िया एक घुड़सवार compleet
Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार
गतान्क से आगे...................
गीता और क्या तू रश्मि और अपनी भाभी
के चूतादो को भी देखता है, हाँ मा देखता तो हू लेकिन मुझे सबसे ज़्यादा तेरे ही चूतड़
पसंद है
गीता अजय को चूमते हुए तू बहुत बदमाश हो गया है चल अब अपनी मा की जल्दी से मालिश
कर दे औ र बेड पर लेट जाती है, अजय अपनी मा के दोनो पैरो के पास बैठ जाता है
गीता अच्छा अजय तूने इतनी अच्छी तरह से औरतो की मालिश करना कहाँ से सीखा है , अजय मा
एक बार मैं अपने दोस्त के घर पर बैठा हुआ था वह नहाने गया था तब मैं उठ कर बुक
उठाने के लिए अलमारी के पास गया तो उसके पापा दूसरे कमरे मे उसकी मम्मी की मालिश कर
रहे थे तब मैने देखा था कि कैसे मालिश की जाती है, गीता उसके पापा उसकी मम्मी की किस
तरह मालिश कर रहे थे, वो मा उसके पापा कुछ अलग तरह से मालिश कर रहे थे शायद
आंटी के पूरे बदन मे दर्द रहा होगा, गीता दूसरी तरह से मतलब, अजय मतलब मम्मी
मैं अब आपके सामने कैसे बताऊ,
गीता अरे बता ना, अजय मम्मी वो अंकल आंटी के सारे
कपड़े उतार कर उनकी मालिश कर रहे थे, गीता बनते हुए पर बेटा वो ऐसा क्यो कर रहे
थे, अजय अपनी मा का गुदाज पेट चूमता हुआ अरे मम्मी मैने कहा ना शायद आंटी के
पूरे बदन मे दर्द होगा, और अपना हाथ अपनी मम्मी के पीछे लेजा कर चूतादो को
सहलाने लगता है, और एक हाथ से अपनी मम्मी की मोटी मोटी गदराई जाँघो को भी सहलाता जाता
है, गीता बेटा दर्द तो मेरे भी पूरे बदन मे हो रहा है लेकिन मैं तेरे सामने अपने सारे
कपड़े उतार कर कैसे मालिश करवा सकती हू, अजय भोला बनते हुए अपनी मा के चूतादो को
थोड़ा भींचते हुए अरे मम्मी आप अपने सारे कपड़े मत उतारो, मैं बिना कपड़े उतारे ही
आपके पूरे बदन की मालिश कर दूँगा, गीता अच्छा ठीक है, मैं अपना ब्लाउज उतार देती हू
और फिर गीता ने अपना ब्लाउज उतार दिया अब वह सिर्फ़ सफेद रंग की ब्रा पहने हुए थी, और अजय
को अपने उपर से उठाते हुए चल अजय अब कर्दे मालिश. ओके मम्मी और अजय दरवाजा बंद
करने के लिए चला गया.
अजय ने दरवाजा बंद करके तेल की बोतल उठा लिया और बेड पर लेटी अपनी मा के पैरो की तरफ चढ़ कर बैठ गया, गीता का चेहरा आने वाले पल के एहसास से लाल हो गया था, अजय का लंड अपनी मा को सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट मे देख कर झटके मरने लगा. गीता अपने दोनो घुटने मोड चित पड़ी हुई थी उसकी मोटो मोटी मदमस्त चुचिया उसकी सांसो के साथ उपर नीचे हो रही थी उसका पेटी कोट नाभि के इतना नीचे बँधा था कि उसका गुदाज पेट और गहरी नाभि देख कर अजय अपने लंड को पाजामे के उपर से मसल्ने लगा फिर अजय ने अपनी मा की एक टांग को पकड़ कर उसका पेटिकोट उसके घुटनो तक चढ़ा दिया और तेल लेकर उसकी मस्तानी गोरी पिंदलियो पर लगाने लगा, और अपनी मा की नंगी टांगो को अपने हाथो से सहलाने लगा. अजय मा तुम्हारी टाँगे कितनी गोरी और सुंदर है, हाँ बेटा औरतो का सारा बदन चिकना और सुंदर होता है. गीता आँखे बंद किए मज़ा ले रही थी उसकी चूत रस से भीगने लगी थी, अजय उसकी टाँगो को अपने हाथो से मसले जा रहा था, मा कुछ आराम मिल रहा है, गीता बेटा आज ज़्यादा दर्द मेरी जाँघो से लेकर कमर तक महसूस हो रहा है, अजय समझ गया कि आज मेरी चुदासी मा अपनी चूत मुझे दिखाने और मरवाने का मन बना कर आई है. उसने सोचा आज मे भी अपनी मा की चूत मार कर ही रहुगा, मा तुम फिकर मत करो मे आपकी पूरी टाँगो की मालिश कर देता हू.
और अजय ने अपनी मा की जाँघो को पेटिकोट के अंदर हाथ डाल कर दबोचा तो गीता के मूह से सिसकी निकल गई आह. क्या हुआ मा, बेटा यही बल्कि थोड़ा और उपर सबसे ज़्यादा दर्द है. बेटा पेटिकोट और उपर कर्दे नही तो तेल से खराब हो जाएगा. अच्छा मा और अजय ने पेटिकोट को अपनी मा की जाँघो की जड़ो तक चढ़ा दिया. और अजय की आँखे फटी की फटी ही रह गई उसकी मम्मी पेटिकोट के अंदर पूरी नंगी थी और उसकी चिकनी फूली हुई चूत उसे साफ दिखाई देने लगी, अजय का लंड पेंट फाड़ने को उतावला हो गया उसने अपनी मा की गोरी गोरी मोटी जाँघो को दबोच दबोच कर मसलना शुरू कर दिया और गीता आह आह बेटा ऐसे ही आह हाँ हाँ बेटा यहीं ज़्यादा दर्द है कहते कहते अपनी दोनो टाँगे और फैला दी जिससे उसके मस्ताने भोस्डे की दोनो फांके अलग अलग हो गई और अजय को अपनी मा की फटी हुई पूरी चूत और उसका गुलाबी छेद साफ दिखाई देने लगा
अजय का तो हाल बुरा हो गया अपनी मम्मी की मस्त चूत देख कर अजय ने अपनी प्यारी मम्मी की मोटी मोटी जाँघो को अपनी जाँघो पर चढ़ा कर उनके और करीब आ गया . और अपने दोनो हाथो से अपनी मा की मोटी जाँघो को जाँघो की जड़ तक मसल मसल कर दबोचने लगा, गीता बुरी तरह सिसकिया लेने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया अजय को अपनी मा की चूत से बहता पानी देख कर वह और तेज़ी से अपनी मा की मोटी जाँघो को दबोचने लगा और बीच बीच मे अपनी मा की चूत पर भी हाथ मार देता था और फिर जाँघो को दबोचने लगता गीता की चूत पर जैसे ही अजय के हाथो की थपकी पड़ती वह अपनी दोनो जाँघो को और फैला देती. अजय ने देखा कि उसकी मा अपनी आँखे बंद किए मज़ा ले रही है तब उसने चुपके
से अपनी मम्मी की चूत के उपर अपनी नाक ले जाकर अपनी मम्मी की फूली हुई बुर को सूंघने लगता है और अपनी मम्मी की चूत की मादक गंध उसे मदहोश कर देती,
गीता और क्या तू रश्मि और अपनी भाभी
के चूतादो को भी देखता है, हाँ मा देखता तो हू लेकिन मुझे सबसे ज़्यादा तेरे ही चूतड़
पसंद है
गीता अजय को चूमते हुए तू बहुत बदमाश हो गया है चल अब अपनी मा की जल्दी से मालिश
कर दे औ र बेड पर लेट जाती है, अजय अपनी मा के दोनो पैरो के पास बैठ जाता है
गीता अच्छा अजय तूने इतनी अच्छी तरह से औरतो की मालिश करना कहाँ से सीखा है , अजय मा
एक बार मैं अपने दोस्त के घर पर बैठा हुआ था वह नहाने गया था तब मैं उठ कर बुक
उठाने के लिए अलमारी के पास गया तो उसके पापा दूसरे कमरे मे उसकी मम्मी की मालिश कर
रहे थे तब मैने देखा था कि कैसे मालिश की जाती है, गीता उसके पापा उसकी मम्मी की किस
तरह मालिश कर रहे थे, वो मा उसके पापा कुछ अलग तरह से मालिश कर रहे थे शायद
आंटी के पूरे बदन मे दर्द रहा होगा, गीता दूसरी तरह से मतलब, अजय मतलब मम्मी
मैं अब आपके सामने कैसे बताऊ,
गीता अरे बता ना, अजय मम्मी वो अंकल आंटी के सारे
कपड़े उतार कर उनकी मालिश कर रहे थे, गीता बनते हुए पर बेटा वो ऐसा क्यो कर रहे
थे, अजय अपनी मा का गुदाज पेट चूमता हुआ अरे मम्मी मैने कहा ना शायद आंटी के
पूरे बदन मे दर्द होगा, और अपना हाथ अपनी मम्मी के पीछे लेजा कर चूतादो को
सहलाने लगता है, और एक हाथ से अपनी मम्मी की मोटी मोटी गदराई जाँघो को भी सहलाता जाता
है, गीता बेटा दर्द तो मेरे भी पूरे बदन मे हो रहा है लेकिन मैं तेरे सामने अपने सारे
कपड़े उतार कर कैसे मालिश करवा सकती हू, अजय भोला बनते हुए अपनी मा के चूतादो को
थोड़ा भींचते हुए अरे मम्मी आप अपने सारे कपड़े मत उतारो, मैं बिना कपड़े उतारे ही
आपके पूरे बदन की मालिश कर दूँगा, गीता अच्छा ठीक है, मैं अपना ब्लाउज उतार देती हू
और फिर गीता ने अपना ब्लाउज उतार दिया अब वह सिर्फ़ सफेद रंग की ब्रा पहने हुए थी, और अजय
को अपने उपर से उठाते हुए चल अजय अब कर्दे मालिश. ओके मम्मी और अजय दरवाजा बंद
करने के लिए चला गया.
अजय ने दरवाजा बंद करके तेल की बोतल उठा लिया और बेड पर लेटी अपनी मा के पैरो की तरफ चढ़ कर बैठ गया, गीता का चेहरा आने वाले पल के एहसास से लाल हो गया था, अजय का लंड अपनी मा को सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट मे देख कर झटके मरने लगा. गीता अपने दोनो घुटने मोड चित पड़ी हुई थी उसकी मोटो मोटी मदमस्त चुचिया उसकी सांसो के साथ उपर नीचे हो रही थी उसका पेटी कोट नाभि के इतना नीचे बँधा था कि उसका गुदाज पेट और गहरी नाभि देख कर अजय अपने लंड को पाजामे के उपर से मसल्ने लगा फिर अजय ने अपनी मा की एक टांग को पकड़ कर उसका पेटिकोट उसके घुटनो तक चढ़ा दिया और तेल लेकर उसकी मस्तानी गोरी पिंदलियो पर लगाने लगा, और अपनी मा की नंगी टांगो को अपने हाथो से सहलाने लगा. अजय मा तुम्हारी टाँगे कितनी गोरी और सुंदर है, हाँ बेटा औरतो का सारा बदन चिकना और सुंदर होता है. गीता आँखे बंद किए मज़ा ले रही थी उसकी चूत रस से भीगने लगी थी, अजय उसकी टाँगो को अपने हाथो से मसले जा रहा था, मा कुछ आराम मिल रहा है, गीता बेटा आज ज़्यादा दर्द मेरी जाँघो से लेकर कमर तक महसूस हो रहा है, अजय समझ गया कि आज मेरी चुदासी मा अपनी चूत मुझे दिखाने और मरवाने का मन बना कर आई है. उसने सोचा आज मे भी अपनी मा की चूत मार कर ही रहुगा, मा तुम फिकर मत करो मे आपकी पूरी टाँगो की मालिश कर देता हू.
और अजय ने अपनी मा की जाँघो को पेटिकोट के अंदर हाथ डाल कर दबोचा तो गीता के मूह से सिसकी निकल गई आह. क्या हुआ मा, बेटा यही बल्कि थोड़ा और उपर सबसे ज़्यादा दर्द है. बेटा पेटिकोट और उपर कर्दे नही तो तेल से खराब हो जाएगा. अच्छा मा और अजय ने पेटिकोट को अपनी मा की जाँघो की जड़ो तक चढ़ा दिया. और अजय की आँखे फटी की फटी ही रह गई उसकी मम्मी पेटिकोट के अंदर पूरी नंगी थी और उसकी चिकनी फूली हुई चूत उसे साफ दिखाई देने लगी, अजय का लंड पेंट फाड़ने को उतावला हो गया उसने अपनी मा की गोरी गोरी मोटी जाँघो को दबोच दबोच कर मसलना शुरू कर दिया और गीता आह आह बेटा ऐसे ही आह हाँ हाँ बेटा यहीं ज़्यादा दर्द है कहते कहते अपनी दोनो टाँगे और फैला दी जिससे उसके मस्ताने भोस्डे की दोनो फांके अलग अलग हो गई और अजय को अपनी मा की फटी हुई पूरी चूत और उसका गुलाबी छेद साफ दिखाई देने लगा
अजय का तो हाल बुरा हो गया अपनी मम्मी की मस्त चूत देख कर अजय ने अपनी प्यारी मम्मी की मोटी मोटी जाँघो को अपनी जाँघो पर चढ़ा कर उनके और करीब आ गया . और अपने दोनो हाथो से अपनी मा की मोटी जाँघो को जाँघो की जड़ तक मसल मसल कर दबोचने लगा, गीता बुरी तरह सिसकिया लेने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया अजय को अपनी मा की चूत से बहता पानी देख कर वह और तेज़ी से अपनी मा की मोटी जाँघो को दबोचने लगा और बीच बीच मे अपनी मा की चूत पर भी हाथ मार देता था और फिर जाँघो को दबोचने लगता गीता की चूत पर जैसे ही अजय के हाथो की थपकी पड़ती वह अपनी दोनो जाँघो को और फैला देती. अजय ने देखा कि उसकी मा अपनी आँखे बंद किए मज़ा ले रही है तब उसने चुपके
से अपनी मम्मी की चूत के उपर अपनी नाक ले जाकर अपनी मम्मी की फूली हुई बुर को सूंघने लगता है और अपनी मम्मी की चूत की मादक गंध उसे मदहोश कर देती,
Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार
अजय अपनी मम्मी की फूली हुई मस्त चूत को गोर से देखता है और मन ही मन सोचता है कितनी चौड़ी और कितनी फूली बुर है मेरी मम्मी की इसके आगे तो भाभी और दीदी की चूत भी फीकी लगती है, आज मम्मी को ऐसा मज़ा दूँगा कि वह खुद कहने लगेगी बेटे अपनी मम्मी की चूत मे अपना मोटा लंड डाल कर अपनी मम्मी को खूब कस के चोद दे बेटा, और फिर अपनी मम्मी की फूली हुई बुर को एक दम से चूम लेता है जिससे गीता एक दम से अपनी आँखे खोल देती है, तभी अजय मम्मी अब आप पेट के बल लेट जाओ मैं आपकी कमर की मालिश भी कर देता हू, तब गीता पेट के बल लेट जाती है, अजय मम्मी अपने पेटिकोट का नाडा खोल कर थोड़ा ढीला कर के थोड़ा नीचे सरकाओ नही तो तेल लग जाएगा, गीता पड़े पड़े अपनी गंद थोड़ा उपर उठाती है और नीचे हाथ लेजा कर कर अपना नाडा खोलने लगती है जिससे उसकी गंद उठ कर अजय के मूह के सामने आ जाती है और अजय अपने हाथ से अपनी मा की उठी हुई मस्तानी गंद को सहला देता है, गीता नाडा खोल कर पेटिकोट को थोड़ा नीचे सरका देती है जिससे उसकी मोटी गंद की गहरी खाई का उपरी हिस्सा नज़र आने ल्गता है अजय अपने हाथो मे तेल लेकर अपनी मा की कमर पर तेल लगाने लगता है और धीरे धीरे अपनी उंगलियो को अपनी मा की मोटी गंद की गहरी खाई मे चलाने लगता है,
गीता अपनी छातिया अपने हाथ से दबाए धीरे धीरे कराहने लगती है अजय कुछ इस तरह मालिश करता है कि उसकी उंगली अपनी मम्मी की मोटी गंद की गहरी खाई मे सरकने लगती है और गीता आह आह करने लगती है तब अजय अपनी उंगली को तेल मे डुबो कर अपनी मा की गंद की गहराई मे उंगली थोड़ा दबा कर नीचे की ओर प्रेसर देता है जिससे उसकी उंगली उसकी मा की गंद के छेद मे सरक जाती है और गीता आह करके सीसीया जाती है अजय अपनी मा की गंद के छेद पर दबाव देता हुआ मम्मी यही पर ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या, गीता हाँ बेटा, अजय मम्मी पेटिकोट थोड़ा और नीचे करो तेल लग रहा है, गीता तू खुद सरका दे बेटा और अजय पेटीकोत को अपनी मा के मोटे चूतादो से जाँघो तक सरका देता है, जब अजय अपनी मम्मी की गोरी गोरी मोटी गंद देखता है तो पागल हो जाता है और खूब सारा तेल अपनी मम्मी की चिकनी गंद पर डाल कर अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की मोटी गंद को दबोच दबोच कर मसल्ने लगता है गीता आह आह करके सीसीयाने लगती है, अजय मम्मी अब कुछ अच्छा लग रहा है आपको, गीता हाँ बेटा अब बहुत आराम मिल रहा है अजय अपने दोनो हाथो से अपनी मा के मोटे चूतादो को विपरीत दिशा मे फैला कर उसकी गंद का मोटा छेद देखने लगता है . और उसके सब्र का बाँध टूट जाता है और वह अपनी मा की मोटी गंद के छेद को सुन्घ्ता है और पागल हो जाता है और अपनी जीभ से अपनी मम्मी की मोटी गंद के छेद को चाटने लगता है गीता आह आह करने लगती है तभी अजय अपनी उंगली अपनी मम्मी की मोटी गंद के छेद मे पेल देता है जिससे उसकी उंगली उसकी मम्मी की गंद मे आधी से ज़्यादा उतर जाती है, अजय मन ही मन कितनी कसी हुई गंद है इस घोड़ी की आज इसकी गंद मार मार के लाल कर दूँगा,
अजय अपना मूह अपनी मा की मोटी गंद के उपर रख कर दबाने लगता है
मा तुम्हारे तो पैरो और जाँघो से खुश्बू सी आ रही है, गीता अपनी आँखे बंद किए हुए बेटे मैने तो तुझसे पहले ही कहा था कि औरत के हर अंग से खुसबू आती है, पर मा जो खुश्बू तुम्हारी जाँघो से आ रही है वह खुश्बू तो पहले वाली खुश्बू से भी ज़्यादा मस्त लग रही है, मा क्या मे तुम्हारी जाँघो की खुश्बू को सूंघ के देख लू, और गीता की चूत पर अजय ने अपने हाथ का पूरा पंजा मार दिया और अपनी मा की मोटी जाँघो को दोनो हाथो से कस कर दबोच लिया, गीता एक दम से आह कर के सिसकते हुए हाँ बेटा तुझे जहाँ की खुश्बू सूंघना है सूंघ ले और अपनी दोनो जाँघो को गीता ने पूरा खोल कर चौड़ा कर लिया, अजय ने झट से अपनी मम्मी की दोनो नंगी जाँघो को अपने हाथो से और फैलाते हुए अपनी मम्मी की पूरी चूत फैला दी और अपना मूह अपनी मा की चूत के उपर लेजा कर अपनी मा की फूली हुई मस्त चूत को सूंघने लगा,
गीता अपनी छातिया अपने हाथ से दबाए धीरे धीरे कराहने लगती है अजय कुछ इस तरह मालिश करता है कि उसकी उंगली अपनी मम्मी की मोटी गंद की गहरी खाई मे सरकने लगती है और गीता आह आह करने लगती है तब अजय अपनी उंगली को तेल मे डुबो कर अपनी मा की गंद की गहराई मे उंगली थोड़ा दबा कर नीचे की ओर प्रेसर देता है जिससे उसकी उंगली उसकी मा की गंद के छेद मे सरक जाती है और गीता आह करके सीसीया जाती है अजय अपनी मा की गंद के छेद पर दबाव देता हुआ मम्मी यही पर ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या, गीता हाँ बेटा, अजय मम्मी पेटिकोट थोड़ा और नीचे करो तेल लग रहा है, गीता तू खुद सरका दे बेटा और अजय पेटीकोत को अपनी मा के मोटे चूतादो से जाँघो तक सरका देता है, जब अजय अपनी मम्मी की गोरी गोरी मोटी गंद देखता है तो पागल हो जाता है और खूब सारा तेल अपनी मम्मी की चिकनी गंद पर डाल कर अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की मोटी गंद को दबोच दबोच कर मसल्ने लगता है गीता आह आह करके सीसीयाने लगती है, अजय मम्मी अब कुछ अच्छा लग रहा है आपको, गीता हाँ बेटा अब बहुत आराम मिल रहा है अजय अपने दोनो हाथो से अपनी मा के मोटे चूतादो को विपरीत दिशा मे फैला कर उसकी गंद का मोटा छेद देखने लगता है . और उसके सब्र का बाँध टूट जाता है और वह अपनी मा की मोटी गंद के छेद को सुन्घ्ता है और पागल हो जाता है और अपनी जीभ से अपनी मम्मी की मोटी गंद के छेद को चाटने लगता है गीता आह आह करने लगती है तभी अजय अपनी उंगली अपनी मम्मी की मोटी गंद के छेद मे पेल देता है जिससे उसकी उंगली उसकी मम्मी की गंद मे आधी से ज़्यादा उतर जाती है, अजय मन ही मन कितनी कसी हुई गंद है इस घोड़ी की आज इसकी गंद मार मार के लाल कर दूँगा,
अजय अपना मूह अपनी मा की मोटी गंद के उपर रख कर दबाने लगता है
मा तुम्हारे तो पैरो और जाँघो से खुश्बू सी आ रही है, गीता अपनी आँखे बंद किए हुए बेटे मैने तो तुझसे पहले ही कहा था कि औरत के हर अंग से खुसबू आती है, पर मा जो खुश्बू तुम्हारी जाँघो से आ रही है वह खुश्बू तो पहले वाली खुश्बू से भी ज़्यादा मस्त लग रही है, मा क्या मे तुम्हारी जाँघो की खुश्बू को सूंघ के देख लू, और गीता की चूत पर अजय ने अपने हाथ का पूरा पंजा मार दिया और अपनी मा की मोटी जाँघो को दोनो हाथो से कस कर दबोच लिया, गीता एक दम से आह कर के सिसकते हुए हाँ बेटा तुझे जहाँ की खुश्बू सूंघना है सूंघ ले और अपनी दोनो जाँघो को गीता ने पूरा खोल कर चौड़ा कर लिया, अजय ने झट से अपनी मम्मी की दोनो नंगी जाँघो को अपने हाथो से और फैलाते हुए अपनी मम्मी की पूरी चूत फैला दी और अपना मूह अपनी मा की चूत के उपर लेजा कर अपनी मा की फूली हुई मस्त चूत को सूंघने लगा,