एक साथ २ चूत चोदी
मैं आप सभी को अपनी चूत चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जसमें मैंने एक लड़की की नहीं बल्कि दो लड़की की चूत को मारा और मैं अपने आप को सातवें आसमान पर पाया | दोस्तों मेरी दूसरे वर्षीय कॉलेज की कक्षा में लड़के बहुत की कम थे इसीलिए मेरी लड़कियों से ज्यादा ही बात होने लगी | उनमें से मेरी कुछ खास ही दोस्त बन गयी जिनका दीपाली और सिवानी था और वो दिखने में तो किसी भी लंड को पागल कर सकती थी | वो दोनों अक्सर आपस में सेक्स – सम्बन्धी बातें ही किया करती थी और अब तो उन्हें इन सभी विषय में बातें करने के लिए मैं जो मिल गया था इसीलिए वो अब कहाँ थमने वाली थी | दोस्तों मैंने उनसे अब लड़कियों की गुप्त अंगों की सभी कामसीन बातों के बारे में पता कर लिया था | उन्होंने ने बताया की उन्हें बहुत अच्छा लगता था जब उनके चूचकों पर उंगलियां फिराए जिसपर मैं खुली आँखों से सपने देखने लगा था |
मैं पगला गया था और उस दिन में शौचालय में अपने लंड पर थूक लगाकर ज़ोरदार हस्तमैथुन किया और तभी जाकर मेरे लंड को आराम मिला | मैं जब वापस आया तो दोनों को मुझे अपने सामने ही चोदने का मन कर रहा था और उनके तन को निहारे जा रहा था | उसके बार हमारे कॉलेज में खेलने का समय हो गया | सभी बच्चे नीचे मैदान में खेलने को चले गए पर मैंने उन दोनों अपने साथ कक्षा में ही रुक जाने को कह जिसपर वो राज़ी हो चली | मैं अब उनसे लड़कों के लंड के बार में बात करने लगा जिसपर उनकी दिलचस्पी को देखकर मैं उन दोनों के हाथों को संवारना भी शुरू कर दिया उन दोनों में बेताबी – सी छा गयी | तभी मैं दोनों को से लिपट गयी और मैं बारी – बारी दोनों के चुचों को भींचने लगा | दीपाली और शिवानी दोनों उनके पिलपिले चुचों को मेरे मुंह से चुसे जाने पर मस्त वाली सिस्कारियां भर रही थी और मुझे और ही तगड़ा कर रही थी |
अब मैंने उन दोनों को कुतिया बनाया और उसकी गांड को मस्त में खुद कुत्ता बनकर चाटने लगा साथ पीछे से दूसरी बहन मेरी गांड को मस्त में चाटने लगी | मैं उन दोनों टेबल पर लिटाकर वहीँ लिटाकर और उनकी स्कर्ट को उप्पर कर नंगी चूत में ऊँगली करते हुए चूत का स्वाद चखने लगा | दोनों की चूत जब ऊँगलीबाज़ी के दौरान चिकनी हो चली तो मैंने दीपाली की टांगों पूरा खोल डाला और लंड के सुपाडे को उसकी चूत धन्साते हुए बस चोदना शुरू कर दिया | मैं अब उसके होंठ को चूसता हुआ नीचे से ज़ोरदार तरीके से उसकी चूत में झटके दे रहा था | शिवानी भी वासना में डूबी हुई थी और बाजू में बैठकर अपने चुचों को मसल रही थी | शिवानी मेरे लंड कभी – कभी दीपाली की चलती चुदाई में चूसने लगती |
मैंने लगभग १५ मिनट तक दीपाली की चूत को चोदा जिसके बाद मैं झडकर थक हार गया तो मैंने अब कुछ देर शिवानी के दुदों को चूसते हुए उसे भी बिलकुल दीपाली की तरह लिटाया उसकी भी वैसे ही चुदाई करना चालु कर दिया | शिवानी तो कुछ ज्यादा ही मग्न मुध हो चुकी थी और जोर – जोर से अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड को ले रही थी और मैं साथ ही मेरे बाजू में कड़ी दीपाली की चूत में ऊँगली कर रहा था जिसके कुछ देर बाद हम तीनों का एक साथ कामरस निकल पड़ा | उस दिन के बाद हम तीनों इसी तरह छुप – छुप के चुदाई के आलम को चलाया करते थे
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प्रेमिका की चूत का नशा
मैं नकुल आपको अपनी पुरानी प्रेमिका की चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ | मंजू मेरी कॉलोनी में ही रहा करती थी और उस समय मैं भी उसे पसंद भी खूब करता था | बस बात यह थी की मेरे दोस्त मुझे उसके नाम से चिढाया करते थे जिसपर मुझे धीरे – धीरे मंजू का साथ चुबने लगा था | मुझे उसके साथ रहने में अपने दोस्तों के सामने शर्म आने लगती थी | एक दिन मैंने इसी बात से तंग आकार उसे कहा की वो मुझे बहुत खराब लगती है और मैं उससे बा नहीं प्यार करता और इसीलिए अपना रिश्ता उससे तोडना चाहता हूँ | उसने कुछ ना कहा और चुपचाप मेरी बात मान ली जिसके बाद मैंने उससे दो महीनो से बात ना की और वो तभी एक दिन दूसरे शहर रहने को चल गयी |
आज मैं २० वर्ष का हो चूका हूँ और पिछले ही महीने अपने किसी काम से नए शेहर गया हुआ था और वहीँ दोस्तों के साथ अपना जन्मदिन भी मनाया | मेरी मुलाक़ात मेरे एक पुराने दोस्त से हुई जिसने मुझे अपने आप मंजू के बारे में बताया और कहा की वो बहुत मस्त माल हो गयी है और उसे के कॉलेज में पढ़ती है | मैं बहुत सोचा और अगले दिन अपने दोस्त से मंजू का नंबर मांग उसे फोन घुमाया और पहली बार बात की | मेरी बात सुनकर वो हैरान थी और मुझे पहचान गयी थी | हमने अगले दिन ही मिलने का समय तय किया | मैं भी अब हीरो बनकर उससे मिलने गया | मैंने जब उसे देखा तो दोस्तों देखत ही रह गया अब उसके लंबे बाल और हिरनी जैसी चाल और चिकना बदन कुछ लाजवाब छवि ही दिखा रहा था मुझे |
हमने एक दूसरे को देख जैसे तैसे बात करनी चालू की फिर कुछ हल्का – फुल्का कुछ खाया | हम एक दूसरे के सामने अब धीरे खुलते जा रहे थे तभी मैं उसे एक गार्डन में ले गया | वहाँ अब मेरे अंदर मंजू के लिए रोमांस फुट – फुट कर निकल रहा था | मैंने उसका हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया बातें करने लगे | मेरी दिल ने किसी ना सुनी और मैंने उसे आई लव यु कह ही दिया जिसपर और एक मुस्कान देते हुए उसके गालों को चूम लिया | अब मेरी रोमांटिक बातों से और उभरते पुरालाने पर मंजू भी गरमा चूका था | मैंने मंजू को बाहों में लेते हुए उसकी जांघ को सहलाते हुए उसके होठों को चूसने लग | मुझे उसका बदन इतना पसंद था की मैं उसके नंगे बदन को अपने तले लेना चाहता था और अब उसे अपनी गौड़ में लिटाते हुए उसके टॉप को वहीँ कोने में उतार दिया |
मैं उसके चुचों को बारी – बारी चूसने लगा जिसपर मंजू मदहोश होती चली गयी और मैंने उसकी स्कर्ट को भी उतार नंगी कर दिया | उसकी नंगी चूत मेरी उँगलियों को वहाँ मचलने के लिए मजबूर करने लगी और मैं नीचे से उसकी चूत की फांकों में ऊँगली भी करने लगा | मंजू की चूत पर मैंने अपना थूक लगाया और अपनी उंगलियां तेज़ी से अंदर बहार करने जिसपर वो पगला गयी | मैं जोश में था और आज अपनी सभी अधुरी तम्म्नायों को पूरी करने के लिए भी तैयार था और मैंने वहीँ लंड को निकाल उसकी चूत में अंदर देने लगा | जिसपर पहले तो वो कंपकंपायी फिर उसे धीरे – धीरे मज़ा आने लगा | गार्डन में उसकी चुदाई करते हुई मेरा दिल भी गार्डन – गार्डन हो चूका था और कब मैं स्खलित हो गया वो पल पता ही नहीं चला आखिर मेरी पुरानी प्रेमिका का चूत का नशा ही कुछ ऐसा था |
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भाई की दोस्त बनी रखैल
आज मैं आपको अपने भाई की इंडियन अश्लील दोस्त के बारे में कुछ अश्लील कहानी सुनाने जा रहा हूँ | उसका नाम चांदनी था और वो कभी – कभार हल्की फुल्की बातें मुझसे भी कर लिया करती थी | एक दिन वो किसी काम से मेरे घर पर आई मेरे भाई से मिलने के लिए पर मेरे घर मेरे अलावा कोई ना था | ज्यादा ना सोचते हुए वो भी अंदर आकार मुझसे बतियाने लगी | हमने एक दूसरे से काफी देर तक बतियाए और विषय बदलता हुआ धीरे – धेरे कामुकता पर आ गया और उसने एक कामुक किस्सा सुनाया जोकि अकेले लड़का – लड़की पर आधारित था और एक दम से हमारी स्तिथि को याद वो शर्मा उठी | मैं भी मौके पर चौका मारते हुए उसका हाथ पकडे हुए कहा,
मैं – देखो . . कोई और कुछ – कुछ कर सकता है तो हम यूँ नहीं . .
वो शर्मा रही थी पर अब मैंने उसके हाथों को चूमने शुरू कर चूका था | वो गर्म लगी तो मैंने उसके होठों को चूमना फिर चूसना शुरू कर दिया | मैंने उसके होठों को अपने होठो में दबा कर चूसना जारी रखा और अपने हाथों से उसके चुचों को सहलाना शुरू कर दिया था | मैंने अब उसकी कुर्ती को उतार दिया और चुचे को पहले अपने जीभ से लहराते और भीचते हुए चूसने लगा | मैंने कुछ देर बाद उसकी सलवार को उतारते हुए उसकी पैंटी को बड़ी ज़ल्दी उतार डाला | मैं उसे अब अंदर बेड पर लिटाकर होठो को चूसता हुआ थूक लगाकर अपनी ऊँगली उसकी चुत में अंदर बाहर करने लगा |
मैंने चांदनी की चुत पर अपने लंड टिकाते हुए जोर का धक्का मारा मेरा लंड सुपाडे के साथ ही उसकी चुत में अंदर चला जाने लगा और बस उसे हलके – फुल्का दर्द हो रहा था जिससे मैं साझ गया की वो किसी और का भी पहले ले चुकी है | मैंने कई बार अलग – अलग मुद्रा लेटे हुए लंड को हलके – हलके से उसकी चुत को चोदना ज़ारी रखा | मैंने जानबुझ कर अपने लैपटॉप पर कामुक फिल्में में चला दी जिससे मैं और ज़ल्दी उत्तेजित होता हुआ चांदनी की चुत को चोदे जा रहा था | मैं अब उसके चुचों के बल बेड पर लिटाये हुए उसकी चुत के नीचे एक तकिया को लगा दिया और सकी उभार आई गांड में बस लंड को टिकाते हुए मस्त में पेल रहा था |
दोस्तों सच में वहीँ इंडियन अश्लील मुद्रा मेरी मनपसंद रही क्यूंकि लगातार ४० मिनट के चल रहे युद्ध के बाद मैं झड़ने को करीब आ चूका था | मैं झड़ने को हो रहा था पर अब भी चांदनी अपनी कमर हो हिलाते हुए अपनी चुदाई की कामना को मुझसे बखूबी ज़ाहिर कर रही | मेरे बदन में सेक्स के अंतिम चरम सीमा पर होने की लहर दौड़ पड़ी थी | मुझे ऐसा लग रहा था जैसे अब मेरे लंड से मुठ की नदी ही बह निकलेगी | मैं अपने लंड को थामे हलके हलके सुपाडे पर मसल रहा था और अब वो आखिरी सुहाना पल आ ही गया | इससे पहले की मैं अपनी फुव्वार छोड़ता उससे फेले ही उसकी चुत का रस निकल गया और बाद मैं भी झड पड़ा | उस दिन बाद से मैंने अब चांदनी को अपनी और अपने भाई की रखैल बन
आज मैं आपको अपने भाई की इंडियन अश्लील दोस्त के बारे में कुछ अश्लील कहानी सुनाने जा रहा हूँ | उसका नाम चांदनी था और वो कभी – कभार हल्की फुल्की बातें मुझसे भी कर लिया करती थी | एक दिन वो किसी काम से मेरे घर पर आई मेरे भाई से मिलने के लिए पर मेरे घर मेरे अलावा कोई ना था | ज्यादा ना सोचते हुए वो भी अंदर आकार मुझसे बतियाने लगी | हमने एक दूसरे से काफी देर तक बतियाए और विषय बदलता हुआ धीरे – धेरे कामुकता पर आ गया और उसने एक कामुक किस्सा सुनाया जोकि अकेले लड़का – लड़की पर आधारित था और एक दम से हमारी स्तिथि को याद वो शर्मा उठी | मैं भी मौके पर चौका मारते हुए उसका हाथ पकडे हुए कहा,
मैं – देखो . . कोई और कुछ – कुछ कर सकता है तो हम यूँ नहीं . .
वो शर्मा रही थी पर अब मैंने उसके हाथों को चूमने शुरू कर चूका था | वो गर्म लगी तो मैंने उसके होठों को चूमना फिर चूसना शुरू कर दिया | मैंने उसके होठों को अपने होठो में दबा कर चूसना जारी रखा और अपने हाथों से उसके चुचों को सहलाना शुरू कर दिया था | मैंने अब उसकी कुर्ती को उतार दिया और चुचे को पहले अपने जीभ से लहराते और भीचते हुए चूसने लगा | मैंने कुछ देर बाद उसकी सलवार को उतारते हुए उसकी पैंटी को बड़ी ज़ल्दी उतार डाला | मैं उसे अब अंदर बेड पर लिटाकर होठो को चूसता हुआ थूक लगाकर अपनी ऊँगली उसकी चुत में अंदर बाहर करने लगा |
मैंने चांदनी की चुत पर अपने लंड टिकाते हुए जोर का धक्का मारा मेरा लंड सुपाडे के साथ ही उसकी चुत में अंदर चला जाने लगा और बस उसे हलके – फुल्का दर्द हो रहा था जिससे मैं साझ गया की वो किसी और का भी पहले ले चुकी है | मैंने कई बार अलग – अलग मुद्रा लेटे हुए लंड को हलके – हलके से उसकी चुत को चोदना ज़ारी रखा | मैंने जानबुझ कर अपने लैपटॉप पर कामुक फिल्में में चला दी जिससे मैं और ज़ल्दी उत्तेजित होता हुआ चांदनी की चुत को चोदे जा रहा था | मैं अब उसके चुचों के बल बेड पर लिटाये हुए उसकी चुत के नीचे एक तकिया को लगा दिया और सकी उभार आई गांड में बस लंड को टिकाते हुए मस्त में पेल रहा था |
दोस्तों सच में वहीँ इंडियन अश्लील मुद्रा मेरी मनपसंद रही क्यूंकि लगातार ४० मिनट के चल रहे युद्ध के बाद मैं झड़ने को करीब आ चूका था | मैं झड़ने को हो रहा था पर अब भी चांदनी अपनी कमर हो हिलाते हुए अपनी चुदाई की कामना को मुझसे बखूबी ज़ाहिर कर रही | मेरे बदन में सेक्स के अंतिम चरम सीमा पर होने की लहर दौड़ पड़ी थी | मुझे ऐसा लग रहा था जैसे अब मेरे लंड से मुठ की नदी ही बह निकलेगी | मैं अपने लंड को थामे हलके हलके सुपाडे पर मसल रहा था और अब वो आखिरी सुहाना पल आ ही गया | इससे पहले की मैं अपनी फुव्वार छोड़ता उससे फेले ही उसकी चुत का रस निकल गया और बाद मैं भी झड पड़ा | उस दिन बाद से मैंने अब चांदनी को अपनी और अपने भाई की रखैल बन