हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

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raj..
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 07 Nov 2014 15:54



पड़ोसन की चूत का ताज़ा मज़ा

आज मैं आपको अपनी पड़ोसन की सुहानी चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिससे मैंने बड़ी ही जल्द अपनी जाल में फाँस लिया | मैं अपनी बीवी के साथ कुछ महीने पहले ही उसके अपनी पड़ोसन के सामने वाले कमरे में आया हुआ था और तभी मेरी उससे मुलाक़ात भी हुई थी | वो कसा हुआ सूट पहना करती थी जिसमें में से उसके तने हुए पीने चुचे मेरा दिल लुभाया करते थे | मैंने उससे एक दो बार बता भी की थी और उसके तीरछी नज़रों से देखना का अंदाज़ ही बिलकुल अलग था | उसका पति अक्सर ही बीमार रहा करता था जिससे अब सेक्स की कमी तो उसे भी महसूस हो रही थी | एक दिन बात करते हुए मैंने उसका हाथ थामते हुए और मैं चूम लिया | मैं पल में उसके होठों पर भी पहुँच गया और उसे गरम करने लगा |

मैंने उसे अपने बिस्तर पर लिटाया और उसकी साडी को पल्लू को खींच के निकाल दिया | कुछ देर बाद उसने भी मेरे लंड पकड़ते हुए मुंह में भरकर चूसने लगा | हम दोनों उसी के घर में एक दूसरे से लिपटते हुए बिलकुल गरमा चुके थे | कुछ देर बाद मैंने भी उसकी पैंटी निकालते हुए नंगी कर डाला और उसकी चूत को रगड़ते हुए टांगों को उठाया | मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ को टिकाते हुए उसकी चूत को मस्त होकर चाटने लगा | मेरी पड़ोसन मस्त में सिसकियाँ लेती हुई खुद ही अपनी चूत में ऊँगली करने लगी और अपनी चुत के साने को जोर जोर से अपनी उँगलियों से मलसे जा रही थी |

मैं खूब उत्तेजित हो गया था और अब चूत को भरकर चोदने के लिए भी बिलकुल तैयार था | मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाते हुए जोर का धक्का मारा और उसकी एक बारी में आह सी ही निकल पड़ी | मेरा लंड अपने सुपाडे के साथ उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया | मेरी पड़ोसन ऐसा लग रहा था की बड़े बड़े लंडों की शौक़ीन है क्यूंकि उसे तो कतई भी दर्द ही नहीं हो रहा था | मेरा जोश अब लाजवाब तरीके से आसमान चढ चूका था | मैं भी उसकी चूत में लंड को ज़ोरदार तरीके से अंदर धेकेलते हुए मज़े ले रहा था जिसपर उसकी भी चुत इतनी चिकनी मस्ताने सी होक हाली की मेरे लंड को अपने अंदर किसी चमच की तरह घुमा रही थी |

वो भी इतनी उत्तेजने में आ चुकी थी की अपनी दो चूत के फांकों के उप्पर से अपनी उँगलियाँ रगड रही थी | मैंने खड़े होकर उसकी दोनों टांगों को पकड़ नीचे उसकी चूत में अपने लंड को धकेलने लगा उसकी मोटी गांड को चोदने का मज़ा ही कुछ और था उसकी मोटी चार पिलपिली चर्बी में मेरे लंड को जन्नत का मज़ा मिल रहा था | वो भी मेरे लंड की उतनी ही प्यासी थी जितना की मैं कभी अपनी बीवी से रखता था | उसकी कामुक सिसकियों ने मुझे सेक्स की वही पहली जवानी याद दिला दी थी और मैं मुठी भरकर उसकीकी चूत को चोदे जा रहा था और एक ही पारी में दो बार झड भी चूका था |

raj..
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 07 Nov 2014 15:55



रात भर फार्म हाउस में

आज मैं आपके लंड को खड़ा का देने वाली और चुत गीली कर देने वाली रीता की कामुक कहानी सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों यह लगभग ५ साल पुरानी है जब मैं अपने माँ – बाप के साथ उनके रिश्ते दारों के घर गया हुआ था | वहीँ ही मेरी मुलाकात सबसे पहले रीता से हुई थी जिसे से मैं पहली नज़र में घायल हो गया | जब वो चलती तो मैं पीछे उसके चूतडों को हिलते देख पागल हो जाता | मुझसे सब पता तो चल गया की चुद चुकी है पर दोस्तों मुझे उसकी वो चर्बी वाली गांड मारने का चस्का चढ़ता चला गया | किस्मत ने भी दोस्तों ऐसा साथ दिया की मुझे उसके साथ एक अँधेरी भरी रात बिताने के लिए फार्म हौउस में पनाह मिल गयी |

इनका फार्म होउस काफी बड़ा था और मेरे रीता के अलावा हमारे साथ कुछ बच्चे ही थे जो जल्द ही अपने कमरों में जाकर सो गए थे | मैंने अब वहीँ मौका पाते ही रीता से बात करनी शुर कर दी और जब हमारी बातों का सिलसिला बढ़ा तो बस वो किसी भी हाल में रुकने को नहीं था | मैंने बातों में उससे अपने बहुत करीबी ले आया था और अब आधी रात भी हो चुकी थी साथ ही और अब तक तो बच्चे भी सो ही चुके थे | अब हम दोनों के दिमाक में एक ही बात चल रही थी मैंने उसके कुछ और करीब सरक कर उसके हाथों पर हाथ रखते हुए एक मुस्कान दी और उसकी पागलों की तरह तारीफें करने लगा जिसपर दोस्तों ज़ाहिर तौर पर उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया |

अब कुछ ही देर में मैं अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा वो भी बदले में मेरे होठों को चूसने लगा और मैं धीरे – धीरे उसके टॉप के उप्पर से उसके चुचों को मसलने लगा | वो चुदना ही चाहती थी इसीलिए उसने मुन्मुनाते हुए अपने सारे कपड़ों को उतरने लगी और मैंने झात से आखिर में उसकी पैंटी को भी नीह्क खींच दिया | मेरा सामने नंगी पड़ी रीता की चुचियों को भींचता हुआ मैं अब अपनी उँगलियों से उसकी चिकनी चुत पर रगड़ने लगा जिसपर वो वो तडपती हुई अपने पॉंव पटकने लगी | मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसकी चुत के मुहाने में दे मारा और एक बार में झटके देते हुए लंड को उसकी चुत में निवाला दे दिया | अब अपने झटकों की रफ़्तार को हद्द से आगे बढ़ाते हुए लंड को पूरा उसके पर चढ़कर चुत में ठूंस रहा था |

कुछ देर बाद रीता की चुत का पानी भी बह निकला और मैं इस बार अब कुतिया बनाकर उसकी गांड को चाटने लगा और अगले ही पल मैं उसकी चर्बी वाली में अपने ताने हुए लंड को आगे – पीछे करने लगा | इस बार रीता की चींखें निकल रही थी पर इतने बड़े फार्म हाउसस में उन्हें सुनने वाला कोई ना था | मैं करीब जैसे तैसे उसकी गांड थाप्प्प थाप्प्प करते हुए पूरी रात मारी जिससे वो बिलकुल लाल पड़ गयी थी और आखिर में अपने वीर्य की बरसात को भी उसी के उप्पर छोड़ दिया | हमारी पूरा रात चली क्रिया के बाद मैं अपने कपडे पहन दूसरे कमरे में सोने चला गया और अगले दिन वहाँ से वापस भी आ गया और आज तक उन मनमोहक पलों को याद करता हूँ |




raj..
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 07 Nov 2014 15:55



सभी लड़कियों को चूत का पाठ पढ़ाया

आज मैं आपको अपनी आत्मकथा के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैं आपको बड़ी दिलचस्प चुदाई के बारे में आप खूब उत्तेजित हो उठेगे | दोस्तों मैं काफी समय से लड़कियों के मौहोल में पला – बड़ा हूँ इसिलए मुझसे बेहतर लड़कियों को और उनकी चूत चुदाई के आभास कोई नहीं समझ सकता | मैं जब अपने कॉलेज में कदम रखा तो मैं कई लड़कियों से दोस्ती कर ली थी जिसके कारण अब उन लौंडियों के साथ कुछ ज्यादा ही उठना – बैठना शुर हो गया था | एक दिन हम अपने घर पर ही कुछ काम के सिलसिले में आये हुए थे जिसमें मेरी एक खास सहेली और कुछ लकड़ी सहेलियां भी थी | मैं उनके बीच अकेला ही था और खूब मज़े भी ले रहा था |

हमने पहले तो खूब काम करते हुए मजाक मस्ती और उसके बाद मैंने सब बीच कामुक विषय छेड दिए जिसपर सब शान्ति से चुदाई के आलम को लड़कों के लिंग के बारे में मेरी ज़बानी सुन रही थी | मैंने उन्हें काफी बातें बताते हुए अपने लिंग की ओर इशारा किया जिसपर मेरी खास सहेली मेरे लंड को उभार को देख उसे अपने हाथ से छू रही थी | मैंने उन् सब को उत्तेजना का पाठ पढ़ाते हुए अपनी खास सहेली को उसे चूमता हुआ उसुके होंठों को चूसता हुआ उसकी चुचियाँ भींच रहा था | जिसपर सभी मनोरंजन की भावना से हमें देख रही तभी मैंने सबको कार्य का असली मुकाम दिखाते हुए अपने आप को नंगा कर दिया और उसे भी नंगी कर दिया | मैं उसके उप्पर लेटकर मस्त में उसके होठों को चूसते हुए उसके उसके चूत को निकाल कर रगड़ने लगा |

वो भी इतनी बुरी तरह से गरमा चुकी थी मुझसे कसकर लिपट गयी जिसपर मैंने सांवली चूत में अपनी उँगलियाँ देना चालू कर दिया जिससे अब उसकी चूत गीली हो गयी तभी मैंने अपने तने हुए लंड को उसकी चूत में टिकाते हुए हलके – हलके धक्कों से अंदर घुसाने लगा जिसपर उसकी दर्द भरी सिकारियां निकलने लगीं और मैं उसकी चूत पर काबू करने के लिए उसे चोदे जा रहा था | जब मैं १५ मिनट तक उसकी चूत को चोदते हुए चला गया तो अब उसकी चींखें भी कम होती जा रही थी | मैं उसकी चूत को मसलते हुए और लड़कियों को मेरे पास आने के लिए कहने लगा जिसपर इतना बढ़िया कारनामा देखे उनमें से कोई भी नंगी होने से ना चुकी |

अब उनमें से एक ने मेरी गाडं को पकड़ लिया और जब मैं पहली वाली को चोद रहा था तो पीछे से उसने मेरी गांड पर थूक लगाते हुए मेरी गांड को चाटना शुर कर दिया | अब कुछ नंगी लड़कियां मेरे सामने आकर अपने चुचों को मेरे मुंह में भर देती जिससे मैं उनके चूचकों के सतह खिलवाड़ करता रह था कोई अपने होंठों को मेरे मुंह से लगा देती और मैं उसे भी उत्तेजित करते हुए उसके होंठों अपने दाँतों से मिस्मिसाने लगता | इसी तरह मैंने अकेले ही सभी लड़कियों को गरमा करते हुए धीरे – धीरे और बारी बारी उनकी चूत से रस निकलकर चाटा और अलग – अलग मुद्रा में उनकी चूत को भी चोदा |







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