कुच्छ पॅलो बाद लंड जब पूरा सिकुड गया तो उन्होने लंड को गंद से धीरे से बाहर खींचा & बिस्तर पे लेट गये.कामिनी ने करवट बदली & उनके सीने पे सर रख के लेट गयी.चंद्रा साहब उसके बॉल सहलाने लगे तो उसने बगल मे पड़ा अपना मोबाइल उठाया & 1 नंबर मिलाया,"हेलो,मोहसिन?"
"हाई,कामिनी जी,आपका काम हो गया है मगर मैं उसके बारे मे आपको कल आपके दफ़्तर मे बताउन्गा."
"ठीक है,मोहसिन..मैने तुम्हे 1 और काम देने के लिए फोन किया था.",वो चंद्रा साहब के सीने के बालो मे उंगलिया फिरा रही थी.
"हां-2,कहिए."
"तुम बॉर्नीयो के मालिक के बारे मे पता कर सकते हो?",उसने चंद्रा साहब के 1 निपल को चूम लिया.
"ज़रूर,कल आपको सारी इन्फर्मेशन मिल जाएगी."
"थॅंक्स,मोहसिन.",कामिनी ने फोन किनारे किया & अपने गुरु के बालो भरे सीने मे मुँह च्छूपा लिया.
"षत्रुजीत सिंग के घर मे,उसी के बेडरूम मे उसकी बीवी का क़त्ल हो जाना कोई खेल तो है नही,कामिनी!",चंद्रा साहब पलंग के हेडबोर्ड से टेक लगाके बैठे थे & उनकी फैली टाँगो के बीच उनकी छाती से अपनी पीठ लगाए,उनके लंड पे अपनी भारी गंद का दबाव डाले हुए कामिनी बैठी थी.चंद्रा साहब कभी उसके बालो को चूमते तो कभी चेहरे को,उनके हाथ बदस्तूर उसकी चूचियो से खेले जा रहे थे.
"..तुम्हारा सोचना बिल्कुल सही है की इसमे किसी अंदर के आदमी का हाथ है..",उन्होने उसके निपल्स को उंगलियो के बीच मसल्ते हुए उसके दाए गाल को चूम लिया.
"मुझे तो पूरा यकीन है की ये काम टोनी ने ही किया है.",कामिनी ने दाया हाथ पीछे ले जाके उनके सर को अपनी गर्दन से लगा दिया.
"ह्म्म....उसपे तो किसी का भी शक़ जा सकता है मगर तुमने कभी इस तरह सोचा है की पोलीस भी सही हो सकती है..",उनके होंठ उसकी गर्दन से होते हुए उसके दाए कंधे तक आ गये थे.
"उउंम्म....आप कहना चाह रहे हैं कि शत्रुजीत भी अभी शक़ के दायरे से बाहर नही हुआ है?"
"बिल्कुल ठीक..",उन्होने अपना सर उठाया & उसकी काली,नशीली आँखो मे झाँकते हुए उसकी चूचियो को बहुत ज़ोर से दबाया,"..हो सकता है,बेकसूर होने का नाटक कर वो तुम्हारे ज़रिए इसमे से सॉफ निकलना चाहता हो."
"..ऊऊहह.....!",कामिनी ने उनकी कलाई पकड़ ली,"..मगर आप ही ने तो कहा था की वो हमेशा सच बोलता है..& अगर वो बचना चाहता है तो अपने वकील से सच बोलना तो सबसे सीधा तरीका है."
"..लेकिन तब वकील तो उसका राज़ जान जाएगा.",उन्होने उसके रोकने के बावजूद उसकी चूचियो को मसलना नही छ्चोड़ा जिसके कारण कामिनी की चूत गीली होने लगी थी & वो बहुत हल्के-2 अपनी कमर हिला के अपनी गंद से उनके लंड को दबाने लगी थी.
"तो क्या हुआ?वकील & क्लाइंट का तो रिश्ता ही ऐसा होता है & क़ानून भी मानता है की वकील & क्लाइंट के बीच की बाते प्रिविलेज्ड इन्फर्मेशन होती हैं जिन्हे वकील को अदालत या दुनिया के सामने खोलने की बंदिश नही होती."
"..फिर भी अगर आदमी शत्रुजीत सिंग जैसा इज़्ज़तदार शख्स हो तो वो तो ऐसा नही चाहेगा ना."
"आपने तो मुझे & उलझा दिया.",कामिनी घूम के उनके सामने हुई & उनके सीने पे प्यार से मुक्का मारा.उसकी इस अदा ने चंद्रा साहब को भी मस्त कर दिया,वैसे भी रात के 11 बज रहे थे & कल सुबह दोनो को वापस पंचमहल जाना था & बस आज की ही रात थी जब वो इस हुस्न की मल्लिका के नशीले बदन का पूरा लुत्फ़ उठा सकते थे.
उन्होने कामिनी को बाहो मे भरा & उसके होंठो को अपने होंठो की गिरफ़्त मे कस लिया & उसे लिए-दिए बिस्तर पे लेट गये & 1 बार फिर से वही मस्ताना खेल शुरू हो गया.
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"मॅ'म..ये मिस्टर.शर्मा हैं,काफ़ी देर से आपका इंतेज़ार कर रहे हैं.",कामिनी के ऑफीस मे कदम रखते ही रश्मि ने उस से कहा.कामिनी ने देखा की रश्मि की डेस्क के सामने लगे सोफॉ पे मोहसिन जमाल & मुकुल के अलावा 1 छ्होटा लड़का & वो मिस्टर.शर्मा बैठे थे.उसे देखते ही मिस्टर.शर्मा उठ खड़े हुए,"हेलो,कामिनी जी.मेरा नाम आर.के.शर्मा है & मैं भी 1 वकील हू.मुझे आपको मिस्टर.जयंत पुराणिक का कुच्छ समान सौंपना है."
पुराणिक का नाम सुनते ही कामिनी का माथा ठनका,"हेलो,मोहसिन..अगर बुरा ना मानो तो आप थोड़ी देर वेट करेंगे तब तक मैं मिस्टर.शर्मा से बात कर लेती हू."
"हां,ज़रूर,कामिनी जी.मैं यहा वेट करता हू."
"कहिए,मिस्टर.शर्मा क्या चीज़ है पुराणिक जी की जो आप मुझे देना चाहते हैं."
"कामिनी जी,अपनी मौत से कोई 20-25 दिन पहले मिस्टर.पुराणिक ने मुझ से अपनी 1 विल बनवाई थी & अपने कुच्छ काग़ज़ात मेरे पास रखवाए थे.उन्होने जैसी मुझे इन्स्ट्रक्षन्स दी थी उनके मुताबिक कल उनके विल पढ़े जाने की तारीख थी..",मिस्टर.शर्मा चुप हो गये क्यूकी तभी चपरासी आके 2 चाइ के कप रख गया था.
"आपने शायद सुना हो की परसो रात को उनके घर चोरी हो गयी जिसकी वजह से कल विल पढ़ने मे देर हुई & कल शाम करीब 8 बजे ही ये काम पूरा हो पाया.उसी विल के मुताबिक ये पॅकेट मुझे आपके सुपुर्द करना है.",उन्होने 1 छ्होटा सा कारटन कामिनी के डेस्क पे रख दिया.
"आप उनकी विल की ये कॉपी पढ़ कर फिर इन काग़ज़ो पे दस्तख़त कर दीजिए की आपने ये पॅकेट रिसीव कर लिया है."
गहरी चाल compleet
Re: गहरी चाल
थोड़ी देर बाद मिस्टर.शर्मा वाहा से जा चुके थे & कामिनी सोच मे डूबी हुई थी..आख़िर ऐसी क्या चीज़ थी जो पुराणिक ने उसके लिए रखी थी..उन्होने उस से कभी इस बारे मे या इस से जुड़ी किसी बात का कभी ज़िक्र भी नही किया था..इंटरकम के बजने से कामिनी की सोच का सिलसिला टूटा,"हां,रश्मि."
"मॅ'म,मोहसिन जी को भेजू?"
"हां,भेज दो,साथ मे मुकुल को भी."
"सॉरी,मोहसिन.आपको वेट करना पड़ा."
"कोई बात नही,कामिनी जी.",वो उसके सामने की कुर्सी पे बैठ गया & 1 फाइल उसके सामने रख दी,"ये रही आपके दिए हुए काम की डीटेल्ड रिपोर्ट....कामिनी जी,टोनी ने शुरू मे तो कोई भी ऐसा काम नही किया जोकि बताने लायक था मगर कल रविवार को सवेरे चर्च के बहाने 1 औरत से मिला & उसके साथ होटेल के कमरे मे कोई 3 घंटे तक भी रहा."
"..मेरे पास उसके होटेल के कमरे की वीडियो रेकॉर्डिंग है जोकि इसमे है..",उसने 1 पेन ड्राइव अपनी जेब से निकाल कर कामिनी को दिया,"..उसकी & उस औरत की बातो से 1 बात तो सॉफ है कामिनी जी की ये किसी के लिए कुच्छ ऐसा काम कर रहा है जिसके लिए उसे 1 मोटी रकम मिलने वाली है."
"वही तो पता करना है,मोहसिन कि वो आदमी आख़िर है कौन!"
"शायद मुझे उसका पता चल गया है."
"क्या?!",कामिनी & मुकुल ने 1 साथ कहा.
"मैने उस औरत का पीछा किया था.पता है वो कहा गयी?"
"कहा?"
"सेक्टर-52,विकास खंड के 1 मकान मे.."
"तो..?",मुकुल ने बात समझने की नाकाम कोशिश की.
"जिस कार ने उसे उस मकान मे छ्चोड़ा वो वाहा से निकली & बगल वाले बंगल मे घुस गयी.कार & बंगले का मालिक 1 ही है-जगबीर ठुकराल."
"क्या?!",1 बार फिर कामिनी & मुकुल 1 साथ चौंक पड़े.
"इसका मतलब टोनी ठुकराल का आदमी है."
"अब ये साबित करना आपका काम है,वकील तो आप हैं.",मोहसिन उठ खड़ा हुआ.
"थॅंक्स,मोहसिन.तुम्हे पता नही मेरा कितना बड़ा काम किया है तुमने!",कामिनी ने अपने बॅग से निकाल के 1 लिफ़ाफ़ा उसे थमाया जिसमे उसकी बाकी की फीस थी.
"थॅंक्स,कामिनी जी.ज़रूरत पड़े तो फिर याद कीजिएगा.बाइ!"
"ज़रूर,मोहसिन.बाइ!"
कामिनी मोहसिन की रिपोर्ट पड़ने ही वाली थी की मुकुल ने उसे टोका,"मॅ'म."
"हां."
"आपने 1 कंप्यूटर एक्सपर्ट की बात की थी ना?"
"हां."
"वो बाहर बैठा है उसे बुला लू?"
"बुलाओ.",कामिनी ने रिपोर्ट किनारे की & अपने बाग से वो लिपस्टिक कम पेंद्रीवे निकली.मुकुल 1 15-16 साल के लड़के के साथ वापस आया,उसके पीच्चे थोड़ी सहमी रश्मि भी खड़ी थी.कामिनी ने तीनो को सवालिया नज़रो से देखा.
"मॅ'म यही है वो एक्सपर्ट,रजत."
"ये?!",कामिनी अपनी हैरत को छुपा नही पाई.लड़के ने उसे ऐसे देखा जैसे उसे बुरा लगा हो,"..आइ मीन..ये तो स्कूल मे पढ़ रहा होगा.."
"जी,मॅ'म.ये स्कूल मे ही पढ़ता है,मेरा छ्होटा भाई है..",रश्मि ने कहा,"..मैने तो कहा था मगर मुकुल ने ही ज़िद की..",उसने सकुचाते हुए कहा.कामिनी मुकुल को ऐसे देख रही थी मानो कह रही हो की उसे यही वक़्त मिला था मज़ाक करने को!
"मॅ'म,आप सबको लग रहा होगा की मैं पागल हो गया हू..मगर प्लीज़ 1 बार रजत को कोशिश करने दीजिए."
"कामिनी को इसमे कुच्छ ग़लत नही लगा,"ओके.",उसने पेन ड्राइव रजत को थमायी.
"विटानो 8.",रजत ने पेन ड्राइव को लिया,"..उपर लिपस्टिक नीचे 8 जीबी की ड्राइव.",कामिनी उसे हैरत से देख रही थी.उसने लिपस्टिक को कई बार उलट-पलट के देखा था मगर उसे कही भी उसका नाम नही दिखाई पड़ा था,"रजत,इस्पे तो कही इसका नाम नही लिखा."
"मॅ'म-.."
"मॅ'म,नही दीदी कहो."
"ओके,दीदी.ये बहुत महँगी चीज़ है..आम दुकानो मे नही मिलती..आप कंपनी को रेक़ू7एस्ट कीजिए तो आपको दी जाती है.इसका प्राइस भी बहुत ज़्यादा होता है..",रजत ने अपनी पीठ से अपना बॅग निकाल के खोला & अपना लॅपटॉप निकाल के ऑन किया,"..ये ज़रूर किसी विदेशी शाहर से खरीदी गयी है.",उसने पेन ड्राइव को लॅपटॉप मे लगाया.
"मॅ'म,मोहसिन जी को भेजू?"
"हां,भेज दो,साथ मे मुकुल को भी."
"सॉरी,मोहसिन.आपको वेट करना पड़ा."
"कोई बात नही,कामिनी जी.",वो उसके सामने की कुर्सी पे बैठ गया & 1 फाइल उसके सामने रख दी,"ये रही आपके दिए हुए काम की डीटेल्ड रिपोर्ट....कामिनी जी,टोनी ने शुरू मे तो कोई भी ऐसा काम नही किया जोकि बताने लायक था मगर कल रविवार को सवेरे चर्च के बहाने 1 औरत से मिला & उसके साथ होटेल के कमरे मे कोई 3 घंटे तक भी रहा."
"..मेरे पास उसके होटेल के कमरे की वीडियो रेकॉर्डिंग है जोकि इसमे है..",उसने 1 पेन ड्राइव अपनी जेब से निकाल कर कामिनी को दिया,"..उसकी & उस औरत की बातो से 1 बात तो सॉफ है कामिनी जी की ये किसी के लिए कुच्छ ऐसा काम कर रहा है जिसके लिए उसे 1 मोटी रकम मिलने वाली है."
"वही तो पता करना है,मोहसिन कि वो आदमी आख़िर है कौन!"
"शायद मुझे उसका पता चल गया है."
"क्या?!",कामिनी & मुकुल ने 1 साथ कहा.
"मैने उस औरत का पीछा किया था.पता है वो कहा गयी?"
"कहा?"
"सेक्टर-52,विकास खंड के 1 मकान मे.."
"तो..?",मुकुल ने बात समझने की नाकाम कोशिश की.
"जिस कार ने उसे उस मकान मे छ्चोड़ा वो वाहा से निकली & बगल वाले बंगल मे घुस गयी.कार & बंगले का मालिक 1 ही है-जगबीर ठुकराल."
"क्या?!",1 बार फिर कामिनी & मुकुल 1 साथ चौंक पड़े.
"इसका मतलब टोनी ठुकराल का आदमी है."
"अब ये साबित करना आपका काम है,वकील तो आप हैं.",मोहसिन उठ खड़ा हुआ.
"थॅंक्स,मोहसिन.तुम्हे पता नही मेरा कितना बड़ा काम किया है तुमने!",कामिनी ने अपने बॅग से निकाल के 1 लिफ़ाफ़ा उसे थमाया जिसमे उसकी बाकी की फीस थी.
"थॅंक्स,कामिनी जी.ज़रूरत पड़े तो फिर याद कीजिएगा.बाइ!"
"ज़रूर,मोहसिन.बाइ!"
कामिनी मोहसिन की रिपोर्ट पड़ने ही वाली थी की मुकुल ने उसे टोका,"मॅ'म."
"हां."
"आपने 1 कंप्यूटर एक्सपर्ट की बात की थी ना?"
"हां."
"वो बाहर बैठा है उसे बुला लू?"
"बुलाओ.",कामिनी ने रिपोर्ट किनारे की & अपने बाग से वो लिपस्टिक कम पेंद्रीवे निकली.मुकुल 1 15-16 साल के लड़के के साथ वापस आया,उसके पीच्चे थोड़ी सहमी रश्मि भी खड़ी थी.कामिनी ने तीनो को सवालिया नज़रो से देखा.
"मॅ'म यही है वो एक्सपर्ट,रजत."
"ये?!",कामिनी अपनी हैरत को छुपा नही पाई.लड़के ने उसे ऐसे देखा जैसे उसे बुरा लगा हो,"..आइ मीन..ये तो स्कूल मे पढ़ रहा होगा.."
"जी,मॅ'म.ये स्कूल मे ही पढ़ता है,मेरा छ्होटा भाई है..",रश्मि ने कहा,"..मैने तो कहा था मगर मुकुल ने ही ज़िद की..",उसने सकुचाते हुए कहा.कामिनी मुकुल को ऐसे देख रही थी मानो कह रही हो की उसे यही वक़्त मिला था मज़ाक करने को!
"मॅ'म,आप सबको लग रहा होगा की मैं पागल हो गया हू..मगर प्लीज़ 1 बार रजत को कोशिश करने दीजिए."
"कामिनी को इसमे कुच्छ ग़लत नही लगा,"ओके.",उसने पेन ड्राइव रजत को थमायी.
"विटानो 8.",रजत ने पेन ड्राइव को लिया,"..उपर लिपस्टिक नीचे 8 जीबी की ड्राइव.",कामिनी उसे हैरत से देख रही थी.उसने लिपस्टिक को कई बार उलट-पलट के देखा था मगर उसे कही भी उसका नाम नही दिखाई पड़ा था,"रजत,इस्पे तो कही इसका नाम नही लिखा."
"मॅ'म-.."
"मॅ'म,नही दीदी कहो."
"ओके,दीदी.ये बहुत महँगी चीज़ है..आम दुकानो मे नही मिलती..आप कंपनी को रेक़ू7एस्ट कीजिए तो आपको दी जाती है.इसका प्राइस भी बहुत ज़्यादा होता है..",रजत ने अपनी पीठ से अपना बॅग निकाल के खोला & अपना लॅपटॉप निकाल के ऑन किया,"..ये ज़रूर किसी विदेशी शाहर से खरीदी गयी है.",उसने पेन ड्राइव को लॅपटॉप मे लगाया.
Re: गहरी चाल
रजत अपने काम मे जुट गया तो कामिनी ने रश्मि की तरफ देख के उसकी तरफ सर से इशारा किया.रश्मि उसके सामने की कुर्सी पे बैठ गयी,"मॅ'म,ये कंप्यूटर्स,गॅडजेट्स & गेम्स के पीछे पागल है.हर वक़्त इन्ही चीज़ो मे घुसा रहता है..-"
"..& मोबाइल फोन्स को भूल गयी,दीदी.",रजत ने लॅपटॉप से सर उठाए बिना उन्हे जता दिया की वो उनकी बाते भी सुन रहा है.दोनो हँसने लगी,"अच्छा,रजत इस काम की क्या फीस लोगे?",कामिनी ने उस से पुचछा.
"कोई फीस नही लेगा,मॅ'म..& वैसे भी पहले काम कर पाएगा तब ना!",रश्मि ने भाई को आँखो से मना करने का इशारा किया मगर रजत ने जैसे बहन को देखा ही ना हो,"जो माँगूंगा देंगी?"
"रजत!"
"रश्मि,बोलने दो उसे..",कामिनी ने उसे रोका,"..बोलो रजत मैं भी तुम्हारी दीदी ही हू."
"दीदी,1 नयी गेम आई है."
"समझो मिल गयी."
"थॅंक्स,दीदी."
"मॅ'म,आप क्यू..-",कामिनी ने हाथ उठा के रश्मि को खामोश रहने का इशारा किया.
कोई 45 मिनिट की मशक्कत के बाद रजत ने अपना लॅपटॉप कामिनी की ओर घुमाया,"लीजिए,दीदी."
"खुल गयी?"
"हाँ."
कामिनी ने फ़ौरन स्क्रीन को देखा,उसपे कयि सारी वीडियो फाइल्स के आइकॉन्स दिख रहे थे.कामिनी ने स्क्रीन को पूरा अपनी ओर कर लिया,"रश्मि,रजत को कुच्छ खिलाओ,भाई.मुझे तो लगता है इंफ़िलेस को चेक करने मे थोडा समय लगेगा."
"तब तो दीदी,मेरा लॅपटॉप मुझे दे दीजिए..",रजत ने पेन ड्राइव निकाली,"..अब इसे किसी भी कंप्यूटर पे चलाइए,कोई प्राब्लम नही होगी."
रजत रश्मि के साथ बाहर जाने लगा,"रश्मि,अभी इसे घर मत जाने देना.शायद ये हमारा 1 और काम भी कर दे."
"जी,मॅ'म.",कामिनी के दिमाग़ मे रजत के लिए 1 और काम भी आ गया था.उसने अपने लॅपटॉप मे लगाके पेन ड्राइव मे स्टोर्ड 1 वीडियो फाइल खोली & फिर जो उसने देखा,उस से उसका मुँह हैरत मे खुल गया & आँखे भी आश्चर्य से फैल गयी..अब उसकी समझ मे बहुत कुच्छ आ गया था.उसने धीरे-2 करके सारी वीडियो फाइल्स देख डाली,फिर मुकुल को इंटरकम के ज़रिए अपने कॅबिन मे बुलाया,"मुकुल हमे बॉर्नीयो जाना होगा,रजत भी हमारे साथ चलेगा."
क्रमशः......................
"..& मोबाइल फोन्स को भूल गयी,दीदी.",रजत ने लॅपटॉप से सर उठाए बिना उन्हे जता दिया की वो उनकी बाते भी सुन रहा है.दोनो हँसने लगी,"अच्छा,रजत इस काम की क्या फीस लोगे?",कामिनी ने उस से पुचछा.
"कोई फीस नही लेगा,मॅ'म..& वैसे भी पहले काम कर पाएगा तब ना!",रश्मि ने भाई को आँखो से मना करने का इशारा किया मगर रजत ने जैसे बहन को देखा ही ना हो,"जो माँगूंगा देंगी?"
"रजत!"
"रश्मि,बोलने दो उसे..",कामिनी ने उसे रोका,"..बोलो रजत मैं भी तुम्हारी दीदी ही हू."
"दीदी,1 नयी गेम आई है."
"समझो मिल गयी."
"थॅंक्स,दीदी."
"मॅ'म,आप क्यू..-",कामिनी ने हाथ उठा के रश्मि को खामोश रहने का इशारा किया.
कोई 45 मिनिट की मशक्कत के बाद रजत ने अपना लॅपटॉप कामिनी की ओर घुमाया,"लीजिए,दीदी."
"खुल गयी?"
"हाँ."
कामिनी ने फ़ौरन स्क्रीन को देखा,उसपे कयि सारी वीडियो फाइल्स के आइकॉन्स दिख रहे थे.कामिनी ने स्क्रीन को पूरा अपनी ओर कर लिया,"रश्मि,रजत को कुच्छ खिलाओ,भाई.मुझे तो लगता है इंफ़िलेस को चेक करने मे थोडा समय लगेगा."
"तब तो दीदी,मेरा लॅपटॉप मुझे दे दीजिए..",रजत ने पेन ड्राइव निकाली,"..अब इसे किसी भी कंप्यूटर पे चलाइए,कोई प्राब्लम नही होगी."
रजत रश्मि के साथ बाहर जाने लगा,"रश्मि,अभी इसे घर मत जाने देना.शायद ये हमारा 1 और काम भी कर दे."
"जी,मॅ'म.",कामिनी के दिमाग़ मे रजत के लिए 1 और काम भी आ गया था.उसने अपने लॅपटॉप मे लगाके पेन ड्राइव मे स्टोर्ड 1 वीडियो फाइल खोली & फिर जो उसने देखा,उस से उसका मुँह हैरत मे खुल गया & आँखे भी आश्चर्य से फैल गयी..अब उसकी समझ मे बहुत कुच्छ आ गया था.उसने धीरे-2 करके सारी वीडियो फाइल्स देख डाली,फिर मुकुल को इंटरकम के ज़रिए अपने कॅबिन मे बुलाया,"मुकुल हमे बॉर्नीयो जाना होगा,रजत भी हमारे साथ चलेगा."
क्रमशः......................