raj sharma stories
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गतान्क से आगे.....................
मे अभी की आँखों मे देख रही थी…पट्च के आवाज़ सुन कर मे शर्मा गयी…
मे अभी की बगल मे लेट गयी…आज मे अपनी जिंदगी मे पहली बार 1 घंटे के अंदर दो बार झड़ी थी…मे अभी के जबरदस्त लंड से चुद कर निहाल हो गयी थी…
जो लड़का मुझे कुछ देर पहले अंजाना लग रहा था…पता नही क्यों मे उसके वश मे हो गयी…अभी ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया…जो अभी भी तना हुआ था…मे एक दम से हैरान हो गयी…आख़िर ये लड़का ख़ाता क्या है…लंड अभी भी एक दम लोहे की रोड की तरह सख़्त था….और मेरी चूत के पानी से एक दम गीला हो चुका था…
अभी: देख तेरी चूत कितना पानी छोड़ती है….सच मे आज तेरी चूत को चोद के मज़ा आ गया…तेरी चूत सच मे बहुत टाइट है…मेरे लंड को तो निचोड़ लिया…देख मेरा लंड तेरी चूत के पानी से कैसे भीगा हुआ है…तेरी चूत बहुत गरम है…
मुझे अब अभी की ऐसी गंदी बातों को सुन कर मज्जा आने लगा था…मे भी अभी के साथ खुलने लगी…अभी का तना हुआ लंड मेरे हाथ मे था..अभी ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर हिलाना शुरू कर दिया….
अभी: ऐसे ही पकड़ कर लेटे रहे गी इसे हिल्ला तो सही….
मे: (शरमाते हुए अभी के लंड को हाथ से हिलाने लगी) आप का ये हमेशा ऐसे खड़ा रहता है क्या
अभी: नही जब तुम्हारी जैसे टाइट चूत वाली कोई साथ मे लेटी हो…तो ये साला ऐसे ही खड़ा रहता है…अच्छा एक बात बताओ तुम लोग यूपी मे इसे क्या कहते हो,
मे: (शरमाते हुए) लंड
अभी: और इस छेद को (मेरी चूत के छेद मे अपनी उंगली को घुसाते हुए)
मे: आहह चूत (मुझे भी अभी के साथ ऐसी बातें करने मे मज्जा आ रहा था)
अभी: और ? (और मेरी चूत के दाने (क्लिट ) को तेज़ी से मसलने लगा
मे: ह उिंाआ ह अहह सीईईईईईई उंघह बुर चूत्त्त्त्त्त भोसड़ीई ह
अभी एक दम से मेरे ऊपेर आ गया…और अपने तने हुए लंड की चमड़ी को पीछे करके अपने लंड के गुलाबी सुपाडे को बाहर कर दिया…और मेरे मुँह के पास आकर अपने लंड के सुपाडे को मेरे होंटो पर रख दिया…अपने होंटो पर अभी के लंड की रगड़ महसूस करके मे एक दम से सिहर गयी….
मे: ये क्या कर रहें है आप
अभी: चल जल्दी कर…अपना मुँह खोल कर लंड ले और चूस इसे…
मे: नही मेने कभी मुँह मे नही लिया है….
अभी: हर काम आदमी जिंदगी मे पहली बार करता है….अब जल्दी कर मेरे लंड को चूस…जल्दी कर
मे अभी के अधीन हो चुकी थी…नज़ाने क्यों मे अभी को किसी बात के लिए मना नही करना चाहती थी…मेने अपने मुँह को खोल कर अभी के लंड के सुपाडे को मुँह मे ले लिया…और धीरे-2 चूसने लगी….एक बहुत ही अजीब सा स्वाद मेरे मुँह मे घुल गया था..अभी मेरे ऊपेर से खड़ा हो गया…जिससे उसका लंड मेरे मुँह से बाहर आकर झटके खाने लगा…अभी ने मेरे हाथ पकड़ मुझे घुटनो के बल बैठा दिया…और अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर हिलाते हुए, मेरे मुँह के पास ले आया….मेने इस बार बिना कोई देर किए अपना मुँह खोल कर अभी का लंड मुँह मे ले लिया, और धीरे-2 चूसने लगी…
अभी ने मेरे खुले हुए बालों को हाथ मे पकड़ लिया…और अपनी कमर हिला कर मेरे मुँह मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा…लंड पुत्च-2 की आवाज़ से मेरे मुँह के अंदर बाहर होने लगा…उसने मेरे बालों को बहुत ज़ोर से खींच रखा था…वो बिल्कुल मुझे रंडी के तराहा मेरे मुँह मे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था…उसका लंड मेरे थूक से एक दम सन चुका था.
अभी: क्या हुआ साली क्या दम नही तुझ मे ज़ोर से चूस…मेरे टेटो को चाट…
मे किसी बाजारू औरत की तराहा अभी के लंड को हाथ मे लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी…अभी मस्ती मे अपनी कमर को हिला रहा था…
अभी: आहह आईसीए हीई बहुत अच्छा चूस रही है….मेरे जान अहह चल अब मेरे टेटो को चाट…
और अभी ने मेरे बालों को पकड़ कर पीछे खींच दिया….अभी का लंड मेरे मुँह से बाहर आ गया…मेने अभी के लंड को हाथ मे पकड़ कर ऊपेर कर दिया…जिसे उसके बॉल्स मेरे मुँह के सामने आ गये…और उसके तटों को चाटने लगी…अभी मस्ती मे आकर मुझे रंडी बेहन के लोदि जैसी गालिया देने लगा…पर मे उस वक़्त अभी की गुलाम सी बन गयी थी…उसकी कही गयी हर बात को किसी रंडी के तराहा मान रही थी…
अचानक उसने मुझे खड़ा कर दिया…मेरी साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी…अभी ने मुझे घुमा कर दीवार की तरफ कर दिया…मेरी पीठ उसकी तरफ हो गयी…और अभी घुटनो के बल नीचे बेड पर बैठ गया…
मे अपने साँसों को संभालते हुए….अभी की अगली हरकत का इंतजार कर रही थी….अभी ने मेरी जाँघो को छोड़ कर मुझे थोड़ा सा झुका दिया…जिससे मेरी चूत पीछे की तरफ से बाहर आ गयी…अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ कर फैला दिया…इससे पहले मे कुछ समझ पाती…अभी ने अपनी जीभ को निकल कर मेरी चूत की फांकों को चाटना शुरू कर दिया….मे एक दम से तिलमिला उठी…अभी की जीभ जैसे ही मेरी चूत की फांकों पर लगी., मेरी साँसें मेरे गले मे ही अटक गयी….पूरे बदन मे वासना से भरी मस्त लहर दौड़ गयी….
मे: नही ह अहह ओह ओह ओह मेरीईई माआआ ओह उंह सीईईईईईई अहह अहह ओह ईईई किय्ाआ कार्रर्ररर रहीई हाईईईईिन अप्प्प्प्प्प नहियीई ओह
मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानीcompleet
Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी
मुझसे एक भी शब्द सही से नही बोला जा रहा था…आज तक मे इतना गरम कभी नही हुई थी…मे अपने परों पर खड़ी ना रह सकी , और बेड पर धदाम से बैठ गयी…मुझसे साँस भी नही ली जा रही थी…उसने मुझे साँस लेने का भी मोका नही दिया…और मुझे बेड पटकते हुए लेटा दिया,और मेरी जाँघो को फैला कर ऊपेर कर दिया…
अभी मेरी जाँघो के बीच मे आकर बैठ गया…मेरी चूत का छेद उसकी आँखों के सामने था…जो सिकुर और फेल रहा था…अभी एक दम से ऊपेर झुक गया…और मेरी चूत की फांकों को फैला कर अपना मुँह मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…इस बार उसकी जीभ सीधा मेरी चूत के छेद पर महसूस करके मे और मचल उठी…मे मस्ती मे आकर अपनी गांद को हवा मे उछालने लगी…जैसे ही अभी की जीभ मेरी चूत के छेद पर और रगड़ खाने लगी…मेरा दिल बहुत ही तेज़ी से धड़क रहा था…
अभी बिना रुके मेरी चूत को चाट रहा था….मेने अपने बालों को नोचना शुरू कर दिया…मुझसे अभी की जीभ अपनी चूत पर रगड़ खाती हुई बर्दास्त नही हो रही थी…मेरी चूत एक बार फिर से अपना लावा उगलने वाली थी….
मे: अहह ओह और्र्रर चटूऊऊओ आब्ब्ब्ब रुकन्ाअ नहियीई ओह ऑश
और मेरी कमर झटके खाने लगी…मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया….अभी ने अपना मुँह मेरी चूत से हटा लिया…मे बेड पर अपनी आँखें बंद किए लेटी रही…अभी बेड से नीचे उतर गया…पर मेने उसे नही देखा…वो क्या कर रहा था…
अभी जब थोड़ी देर बाद बेड पर आया…तो उसके हाथ मे एक पुराना कपढ़ा था….उसने मेरी जाँघो को फैला कर मेरी चूत को सॉफ किया…उसने मेरी चूत को अच्छी तरह सूखा दिया…फिर उसने वो कपढ़ा बेड के नीचे फेंक दिया….
अभी: कैसे लगा रानी…
मे बस मुस्करा कर रह गयी…अभी ने मेरी टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया…और मेरी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया…जिससे मेरी टाँगें मेरे सर के ऊपेर हो गयी…अभी ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर टिका कर अपनी कमर को तेज़ी से आगे की तरफ हिलाया…लंड का सुपाड़ा मेरी चूत को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…कुछ देर पहले सॉफ की हुई चूत एक दम सूखी थी…जिससे अभी के लंड के सुपाडे का घर्सन और ज़्यादा बढ़ गया…अभी ने बिना रुके 2 बार अपनी कमर को हिलाया…अभी का लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स गया…
अभी ने एक गहरी साँस ली…और फिर धना धन मेरी चूत मे अपना लंड को अंदर बाहर कर पेलने लगा…मेरी चूत की दीवारें उसके मोटे लंड पर कसी हुई थी…अभी के गधे जैसे मोटे लंड के कुछ ही धक्को मे मेरी चूत मे फिर से पानी आने लगा…मे एक दम हैरान थी…कि अभी के लंड मे ऐसा क्या जादू है…जो मेरी चूत उसके अंदर जाते ही पानी छोड़ने लगी थी….अभी की जांघे मेरे चुतड़ों पर टकरा रही थी…मेरी टाँगें अभी के कंधों पर थी…जिसके कारण मेरी गांद बेड से 1-2 इंच ऊपेर उठी हुई थी…जैसे ही अभी अपना लंड पूरा मेरी चूत मे घुसता…उसके वजन से मेरी गांद बेड से जा कर टिक जाती…और जब वो अपना लंड बाहर निकालता मेरी गांद फिर से थोड़ा ऊपेर उठ जाती…अभी ने 5 मिनट तक मेरी चूत को चोदा…फिर अचानक वो सीधा हो गया…और मेरी टाँगों को अपने कंधों से उतार कर नीचे कर दिया…और मुझे उल्टा कर दिया…मे अब किसी कुतिया की तराहा अभी के सामने घुटनो और अपने हाथों के बल थी…जिसे आप शहरी लोग डॉगी स्टाइल कहते हैं…अभी ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया….और मेरी कमर को दोनो तरफ से पकड़ कर एक ज़ोर दार धक्का मारा
अभी मेरी जाँघो के बीच मे आकर बैठ गया…मेरी चूत का छेद उसकी आँखों के सामने था…जो सिकुर और फेल रहा था…अभी एक दम से ऊपेर झुक गया…और मेरी चूत की फांकों को फैला कर अपना मुँह मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…इस बार उसकी जीभ सीधा मेरी चूत के छेद पर महसूस करके मे और मचल उठी…मे मस्ती मे आकर अपनी गांद को हवा मे उछालने लगी…जैसे ही अभी की जीभ मेरी चूत के छेद पर और रगड़ खाने लगी…मेरा दिल बहुत ही तेज़ी से धड़क रहा था…
अभी बिना रुके मेरी चूत को चाट रहा था….मेने अपने बालों को नोचना शुरू कर दिया…मुझसे अभी की जीभ अपनी चूत पर रगड़ खाती हुई बर्दास्त नही हो रही थी…मेरी चूत एक बार फिर से अपना लावा उगलने वाली थी….
मे: अहह ओह और्र्रर चटूऊऊओ आब्ब्ब्ब रुकन्ाअ नहियीई ओह ऑश
और मेरी कमर झटके खाने लगी…मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया….अभी ने अपना मुँह मेरी चूत से हटा लिया…मे बेड पर अपनी आँखें बंद किए लेटी रही…अभी बेड से नीचे उतर गया…पर मेने उसे नही देखा…वो क्या कर रहा था…
अभी जब थोड़ी देर बाद बेड पर आया…तो उसके हाथ मे एक पुराना कपढ़ा था….उसने मेरी जाँघो को फैला कर मेरी चूत को सॉफ किया…उसने मेरी चूत को अच्छी तरह सूखा दिया…फिर उसने वो कपढ़ा बेड के नीचे फेंक दिया….
अभी: कैसे लगा रानी…
मे बस मुस्करा कर रह गयी…अभी ने मेरी टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया…और मेरी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया…जिससे मेरी टाँगें मेरे सर के ऊपेर हो गयी…अभी ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर टिका कर अपनी कमर को तेज़ी से आगे की तरफ हिलाया…लंड का सुपाड़ा मेरी चूत को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…कुछ देर पहले सॉफ की हुई चूत एक दम सूखी थी…जिससे अभी के लंड के सुपाडे का घर्सन और ज़्यादा बढ़ गया…अभी ने बिना रुके 2 बार अपनी कमर को हिलाया…अभी का लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स गया…
अभी ने एक गहरी साँस ली…और फिर धना धन मेरी चूत मे अपना लंड को अंदर बाहर कर पेलने लगा…मेरी चूत की दीवारें उसके मोटे लंड पर कसी हुई थी…अभी के गधे जैसे मोटे लंड के कुछ ही धक्को मे मेरी चूत मे फिर से पानी आने लगा…मे एक दम हैरान थी…कि अभी के लंड मे ऐसा क्या जादू है…जो मेरी चूत उसके अंदर जाते ही पानी छोड़ने लगी थी….अभी की जांघे मेरे चुतड़ों पर टकरा रही थी…मेरी टाँगें अभी के कंधों पर थी…जिसके कारण मेरी गांद बेड से 1-2 इंच ऊपेर उठी हुई थी…जैसे ही अभी अपना लंड पूरा मेरी चूत मे घुसता…उसके वजन से मेरी गांद बेड से जा कर टिक जाती…और जब वो अपना लंड बाहर निकालता मेरी गांद फिर से थोड़ा ऊपेर उठ जाती…अभी ने 5 मिनट तक मेरी चूत को चोदा…फिर अचानक वो सीधा हो गया…और मेरी टाँगों को अपने कंधों से उतार कर नीचे कर दिया…और मुझे उल्टा कर दिया…मे अब किसी कुतिया की तराहा अभी के सामने घुटनो और अपने हाथों के बल थी…जिसे आप शहरी लोग डॉगी स्टाइल कहते हैं…अभी ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया….और मेरी कमर को दोनो तरफ से पकड़ कर एक ज़ोर दार धक्का मारा
Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी
इस बार धक्का इतना जबरदस्त था…कि लंड एक ही बार मे मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से चिल्ला उठी….
मे: हइईए माअररर डाअला बाबू धीरीईए ओह
पर अभी के ऊपेर मेरे चीखने का कोई असर नही हुआ…उसने मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर खींचा जिससे मेरी गर्दन ऊपेर की ओर हो गयी…और कमर अंदर हो गयी…और चूत पीछे बाहर आकर ऊपेर की तरफ हो गयी…अभी अपनी पूरी रफ़्तार से मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोदे जा रहा था…वो अपना पूरा लंड बाहर निकालता और फिर से पूरी ताक़त से लंड को चूत मे पेल देता…मे अब फिर से मस्त हो चुकी थी…और फिर से झड़ने के करीब थी….अभी का एक हाथ मेरी गांद पर था…जिसे उसने अपनी हथेली मे दबोच रखा था…अब मे भी उत्तेजित हो कर अपनी गांद को पीछे की तरफ पटकने लगी…दोनो तरफ से आग बढ़ चुकी थी…एसी चलने के बाद भी हम दोनो पसीने से भीग चुके थे….
अभी: आह ले साली ओर ले अहह तेरी चूत्त बहुत टाइट हॅयियी आज मे तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा…
मे: हां अह्ह्ह्ह अहह अहह ओह बाबू जीई हां फद्द्द्दद्ड डूऊ मेरीए चूत्त्त्त आज पूरी रात मुझे चोद्द्द्द चोद्द्द्द्द कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दो….
और ज़बरदस्त धक्को के कारण मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया…..और अभी भी मेरी चूत मे झड़ने लगा….और कुछ देर लंड पेलने के बाद वो रुक गया…मे आगे की तरफ लूड़क गयी….और हाँफने लगी…पिछले दो घंटों मे मैं दो चार बार झाड़ चुकी थी…और तीन बार अभी के लंड ने मेरी चूत को अपने वीर्ये से भिगों कर निहाल कर दिया था….
अभी ने मेरी गांद पर हल्का सा थपद जड़ दिया…मेरे मुँह से आहह निकल गयी…मे सीधी हो कर लेट गयी…और अभी की तरफ देखने लगी…
अभी: सच मे आज तक जितनी भी रंडियो को चोदा है…इतना मज़ा किसी ने नही दिया…तेरी चूत ने मेरे लंड का सारा पानी निचोड़ लिया है…
अभी मेरे बगल मे लेट गया…मे अभी से सॅट गये…कुछ देर चुप लेटे रहने के अभी मेरे और मेरे परिवार के बारे मे पूछने लगा…नज़ाने क्यों मे अपनी कोई भी बात उससे छुपा नही पे…बस अपने और मेरे जेठ जी के बीच जो संबंध बने थे..मेने उसके बारे मे नही बताया…
उस रात अभी ने मुझे 3 बार और चोदा…उसकी जबरदस्त चुदाई का असर मुझे सुबह मालूम हुआ…जब मुझे मेरी चूत पर कुछ दर्द महसूस हुआ…मेरे चूत सूज गयी थी…और उसमे अजीब तरह की खुजली हो रही थी…
सुबह अभी ने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया…और बोला अगर फिर से मिलने का इरादा हो…तो मुझे फोन कर लेना…पर मे कुछ नही बोली और नंबर. की स्लिप लेकर अपनी ब्रा के अंदर डाल ली..और वीनू दीदी के साथ घर आ गयी…वीनू दीदी ने मुझे 2000 रुपये दिए…
वीनू: देख रचना मे जानती हूँ…तू एक अच्छी औरत है…पर मे तुझे एक सलाह देती हूँ…तू एक दो महीने यहीं रुक जा…तूँ बहुत पैसा कमाएगी….
मे: नही दीदी मे ये काम नही कर सकती….कल तो मे आप के खातिर चली गयी थी….पर अब और नही…अब मे अपने गाँव वापिस जाना चाहती हूँ
वीनू: चल ठीक है….जैसी तेरी मर्ज़ी
उस दिन मेने अपने पति को पैसे दिए….और ये बोला के वीनू दीदी ने मदद की है….गोपाल ट्रेन के टिकेट लाने चले गये….और अगले दिन हम अपने गाँव के लिए निकल पड़े….
मे: हइईए माअररर डाअला बाबू धीरीईए ओह
पर अभी के ऊपेर मेरे चीखने का कोई असर नही हुआ…उसने मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर खींचा जिससे मेरी गर्दन ऊपेर की ओर हो गयी…और कमर अंदर हो गयी…और चूत पीछे बाहर आकर ऊपेर की तरफ हो गयी…अभी अपनी पूरी रफ़्तार से मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोदे जा रहा था…वो अपना पूरा लंड बाहर निकालता और फिर से पूरी ताक़त से लंड को चूत मे पेल देता…मे अब फिर से मस्त हो चुकी थी…और फिर से झड़ने के करीब थी….अभी का एक हाथ मेरी गांद पर था…जिसे उसने अपनी हथेली मे दबोच रखा था…अब मे भी उत्तेजित हो कर अपनी गांद को पीछे की तरफ पटकने लगी…दोनो तरफ से आग बढ़ चुकी थी…एसी चलने के बाद भी हम दोनो पसीने से भीग चुके थे….
अभी: आह ले साली ओर ले अहह तेरी चूत्त बहुत टाइट हॅयियी आज मे तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा…
मे: हां अह्ह्ह्ह अहह अहह ओह बाबू जीई हां फद्द्द्दद्ड डूऊ मेरीए चूत्त्त्त आज पूरी रात मुझे चोद्द्द्द चोद्द्द्द्द कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दो….
और ज़बरदस्त धक्को के कारण मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया…..और अभी भी मेरी चूत मे झड़ने लगा….और कुछ देर लंड पेलने के बाद वो रुक गया…मे आगे की तरफ लूड़क गयी….और हाँफने लगी…पिछले दो घंटों मे मैं दो चार बार झाड़ चुकी थी…और तीन बार अभी के लंड ने मेरी चूत को अपने वीर्ये से भिगों कर निहाल कर दिया था….
अभी ने मेरी गांद पर हल्का सा थपद जड़ दिया…मेरे मुँह से आहह निकल गयी…मे सीधी हो कर लेट गयी…और अभी की तरफ देखने लगी…
अभी: सच मे आज तक जितनी भी रंडियो को चोदा है…इतना मज़ा किसी ने नही दिया…तेरी चूत ने मेरे लंड का सारा पानी निचोड़ लिया है…
अभी मेरे बगल मे लेट गया…मे अभी से सॅट गये…कुछ देर चुप लेटे रहने के अभी मेरे और मेरे परिवार के बारे मे पूछने लगा…नज़ाने क्यों मे अपनी कोई भी बात उससे छुपा नही पे…बस अपने और मेरे जेठ जी के बीच जो संबंध बने थे..मेने उसके बारे मे नही बताया…
उस रात अभी ने मुझे 3 बार और चोदा…उसकी जबरदस्त चुदाई का असर मुझे सुबह मालूम हुआ…जब मुझे मेरी चूत पर कुछ दर्द महसूस हुआ…मेरे चूत सूज गयी थी…और उसमे अजीब तरह की खुजली हो रही थी…
सुबह अभी ने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया…और बोला अगर फिर से मिलने का इरादा हो…तो मुझे फोन कर लेना…पर मे कुछ नही बोली और नंबर. की स्लिप लेकर अपनी ब्रा के अंदर डाल ली..और वीनू दीदी के साथ घर आ गयी…वीनू दीदी ने मुझे 2000 रुपये दिए…
वीनू: देख रचना मे जानती हूँ…तू एक अच्छी औरत है…पर मे तुझे एक सलाह देती हूँ…तू एक दो महीने यहीं रुक जा…तूँ बहुत पैसा कमाएगी….
मे: नही दीदी मे ये काम नही कर सकती….कल तो मे आप के खातिर चली गयी थी….पर अब और नही…अब मे अपने गाँव वापिस जाना चाहती हूँ
वीनू: चल ठीक है….जैसी तेरी मर्ज़ी
उस दिन मेने अपने पति को पैसे दिए….और ये बोला के वीनू दीदी ने मदद की है….गोपाल ट्रेन के टिकेट लाने चले गये….और अगले दिन हम अपने गाँव के लिए निकल पड़े….