दो दो चाचिया compleet
Re: दो दो चाचिया
कमला बड़ी एक्सपर्ट थी, उसको पता थी मुझ जवान लौंदे की हालत, उसने मेरी लूँगी उपेर की और मूह अंडर घुसा दिया, चड्डी तो मैने पहनी नही थी,' रमेश बाबू, मेरे मूह को ही चाची की गांद समझो और अपने लंड को चाचा का लंड और कर दो अपने अंडवे मेरे पेट मे खाली, ज़्यादा आ ऊओह नही करना नही तो अंडर चाचजी को पता चल जाएगा,' उसने कहा और मेरे सुपरे पेर दाँत लगा दिए. वो अब अपने मूह से मेरा लंड चोद रही थी, उधर चाचजी तेज़ी से मेरी चाचिजी की गांद कर भुर्ता बनाने मे लगे हुए थे,' अरे फड़ोगे क्या मेरी गांद? इतनी तेज़ी से मत करो..' चाचिजी बोलती रही और चाचजी चोद्ते रहे. " अछा ठीक है अब तेरी गांद मे मेरी मलाई भर देता हू, कह कर चाचजी ऊओह आ करने लगे, ठीक उसी वक़्त मे भी झार गया. कमला मेरे लंड के मूह से वीरया की एक एक बूँद चाट रही थी.
मैने लूँगी लपेट ली. कमला बोली अब बड़ी चाचिजी की कुश्ती देखने चलते है. बड़ी चाची जी बिस्तेर के कोने पेर बैठी थी और चाचा खड़े थे, दोनो नंगे थे और वो चाचजी का सिकुरा हुआ लंड चूस रही थी, जबकि चाचा उनके बड़े बड़े बूब्स दबा रहे थे. कोई 5-10 मिनिट तक वो चाचजी का लंड चुस्ती रही,' उस रंडी नर्स ने चूस चूस कर इसका रस निकल दिया है अब ये मेरे किसी काम का नही रहा,' चाचिजी बोली. मैने कमला की तरफ देखा तो वो समझ गयी,' अरे चाचजी जिस गॅव मे रहते है वाहा केरल की एक मोटी नर्स भी रहती है दोनो एक ही मकान मे रहते है और रोज़ चोद्ते है, कमला मेरे कान मे बोली. चाचजी का लंड खड़ा होने का नाम नही ले रहा था,' लो अब अपनी जीभ से मेरी चूत चूस कर इसकी प्यास बुझाओ,' कह कर चाचिजी ने अपनी मोटी गांद उपेर कर दी, चाचजी कुत्ते की तरह उनकी चूत चाटने लगी,' छत भद्वे, चाट हिजड़े,' चाचिजी बोल रही त,' तेरी जीभ से चोद मेरा गरम भोस मदारचोड़ ,' उन्होने कहा, अब मेरी चूत तेरी जीभ पेर पानी छ्चोड़ रही है भोसड़ी के,' कह कर वो खल्लास हो गयी. कमला बोली,' मुन्ने अब कमरे मे चलो वही चोदेन्गे,' मे चल दिया.
कमरे मे पहुच कर कमला ने अपने कापरे खोले, दरवाज़ा बंड काइया और मेरे कापरे उतरने लगी. मेरी लूँगी के उपेर ही वो मेरा फूला हुआ लंड मसल रही थी, मुझे पता था कमला बहुत उत्तेजित है. एक मिनिट मे उसने मुझे एकद्ूम नंगा कर दिया और बिना लंड चूसे मेरे उपेर आ गयी, एक झटके मे उसने मेरा लंड अपने भोस्डे के होटो पेर रखा और धजाक्का दिया. उसकी गीली चूत मे मेरा गरम लंड एकद्ूम से आसानी से सरक गया, ओह्ह राजा मेरी चूत को बहुत मज़ा आ रहा है पूरा खा जाएगी ये तुम्हारे लंड को ,' ये कह कर उसने गांद उँची की और ज़ोर से धक्का दिया, इस बार मेरा पूरा लॉडा अंडर सरक गया, मे कमला के बूब्स मसालने लगा , वो उछाल उछाल कर मुझे छोड़ने लगे,' ओह भद्वे, मदारचोड़, भेन्चोद छूतिए छोड़ता जा मुझे, मार मेरी ज़ोर से, बहुत मज़ा आ रहा है, तेरा लॉडा तो एकद्ूम हात्ोड़ा है राजा, ' ये कह कर कमला ने रफ़्तार बढ़ा दी, मेरी हालत खराब थी, वो एकद्ूम मदमस्त हथनी की तरह चोद रही थी. उसके मोटे चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे आँड को दबा रहे थे,ओह राजा मे झाड़ रही हू ऊऊ आ ,' कह कर उसने मेरे बॉल कस कर पाकर लिए और पानी छ्चोड़ दिया. कमला एकद्ूम शांत पद गयी,' अब तुम उपेर आ जाओ, उसने कहा और नीचे लेट कर टाँगे चौरी कर ली, मे लंड को अड्जस्ट कर उसमे घुस गया और स्पीड बढ़ा दी, वो सी सी कर रही त, मे किसी जंगली की तरह उसको चोद रहा था,' चोद राजा चोद इस रंडी को, चोद और मेरी चूत का भुर्ता बना दे, कह कर कमला ने मेरी गांद कस कर पाकर ली. मे अब कंट्रोल नही कर पा रहा था, कोई एक मिनिट मे मेरे लंड के मूह से गरम वीरया फूट पड़ा, कमला की प्यासी चूत की दरारओ ने उसकी एक एक बूँद सोख ली. रत मे दो बार कमला को मैने और चोडा.
अगले दिन सुबह मे स्कूल चला गया, दोपहर मे खाना खा कर होँवोर्क काइया, छ्होटे चाचा और बड़े चाचा दोनो वापस चले गये थे. छ्होटी चाची ने मुझे गले लगा कर चुंबन दिया, कमला भी मस्त थी,' रात मे चुदाई का खूब मज़ा दिया तुमने रमेश बाबू,' वो बोली. लेकिन बड़ी चाची दिखाई नही दी, मुझसे रहा नही गया,' कमला आज बड़ी चाची कहा है?' कमला ने आँख मार कर कहा,' देखोगे?' मुझे कुछ समझ नही आया, मैने कहा,' हा', उसने कहा,' चुपचाप मेरे साथ आओ.'
मे कमला के साथ चल दिया. " किशन माली अपने एक दोस्त को साथ लाया है, बड़ी चाची एक साथ दो लंड खा रही है,' कमला बोली. मुझे कुछ समझ नही आया. कमला मुझे छ्ट पेर ले गयी, वाहा रोशनदान से सब कुछ दिख रहा था. किशन माली के उपेर बड़ी चाचिजी लेती थी और उसका मोटा लंड चूस रही थी, वो खुद उनकी चूत चाट रहा था. उधर एक और अढेढ़ अवस्था का आदमी बड़ी चाची की गांद चाट रहा था. मैने पहली बार किसी आदमी को गांद चाटते हुए देखा था,' कमला इसको गांद चाटने मे शरम नही आती,' मे बोला,' अरे रमेश बाबू, अब कहे की शरम, अभी देखने इस गांद का कैसे ये भुर्ता बनता है.' किशन का लंड अब पूरा फेल चुका था, चाची अब उसके उपेर आई और उसको चोदने लगी,' चोद रंडी मुझे ज़ोर से चोद,' किशन ने कहा. उधर दूसरा आदमी अब चाची की गांद को एक उंगली से चोद रहा था, चाची ऊओह आ कर रही थी, रमेश ने देखा उस आदमी का लंड काफ़ी मोटा और लंबा था,' उस्मान अब इसकी गांद खुल गयी होगी पेल दे अपना लॉडा,' किशन बोला,' हा भाई रूको, उसने कहा और अपने लंड का खुला हुआ सुपरा चाची की मोटी गांद के च्छेद पेर लगा दिया,' ओह्ह मरेगा क्या भद्वे,' चाचिजी बोली. मगर वो रुका नही और धीरे धीरे लंड सरकता रहा, कोई 3-4 मिनिट मे उसका आधा लंड चाची की गांद मे सरक गया था. चाची किशन को चोद रही थी ओए वो आदमी चाची की गांद. बीच मे चाची ऊओह आ कर रही थी, बाहर निकालो मेरी गांद फट जाएगी, मगर दोनो कहा सुनने वेल थे, खचाखच दोनो लंड अब चाची के दोनो काले च्छेदो मे आ जा रहे थे. कोई 5 मिनिट बाद दोनो ने पोज़िशन बदल ली, अब उस्मान चाची की चूत चोदने लगा और किशन गांद, मे मार जौंगी दो मोटे लॉडो के बीच भेन्चोदो बस करो अब और अपना पानी निकालो, चाची बोली, अभी कहा रंडी तेरी चुदास हम आराम से मिटाएँगे, कह कर दोनो ने रफ़्तार बढ़ा दी, चाची हाँफ रही थी,' ओह्ह मदारचोड़ो मेरा पानी छ्छूट रहा है, कह कर वी झाड़ गयी, उधर 2 मिनिट के अंदर दोनो मर्दो ने भी उनके अंडर पानी छ्चोड़ दिया. दोनो ने अपनी लूँगी और धोती बँधी और चुपचाप खिसक लिए. चाची वैसे ही नंगी पड़ी थी.
Re: दो दो चाचिया
बड़ी चाची थी एक नंबर की चुड़क्कड़ लेकिन मुझे अपनी चूत क्यू नही दे रही थी कुछ समझ मे नही आ रहा था, मुझे बचा मनती थी, या उनको मेरा लंड छ्होटा लगता था? मेरे मन मे बस यही स्वाल उठते रहते थे.
उस दिन के बाद से मे तो हमेशा बड़ी चाची की चूत उनका बदन और उनकी चुदाई याद कर के मुथि मारता रहता. कमला के साथ मेरी चुदाई जारी थी लेकिन छ्होटी चाची की रूचि अब मेरी चुदाई से ज़्यादा मेरा बच्चा पैदा करने मे थी. उनको उल्टिया शुरू हो गयी थी. कोई महीने भर बाद छ्होटी चाची की मा और उनकी बड़ी बहन उनकी देखभाल के हिसाब से हुमारे घर मे रहने आई. उनकी मा की उमरा आराम से 56 साल की थी, उनके घुटने मे गारबर थी शायद आर्तिरटिस की प्राब्लम थी, उनकी हाइट आराम से 5 फ्ट 6 इंच थी, बूब्स आराम से 44 साइज़ के थे और इस उमरा मे भी सख़्त नज़र आते थे, वो चलती तो ऐसे लगता जैसे गांद के उपेर उनका बदन रखा हुआ हो, उनकी गांद अलग से नज़र आती थी. उमरा के हिसाब से उनका पेट तो बढ़ा हुआ था मगर वैसे वो सेक्सी लगती थी. उनका नाम रेखा था और छ्होटी चाची की बड़ी बहन का नाम हेमा था. वो कोई 36-37 साल की थी, और उनका बदन अछा भरा पूरा था. गोरी थी और बूब्स आराम से 38 के थे. कमर ज़्यादा मोटी नही थी, गांद मा जितनी बड़ी तो नही थी मगर एकद्ूम गोल थी. उनके हॉट एकद्ूम गुलाबी थे और मोटे भी. तीन चार दीनो बाद उनकी लर्की भी साथ रहने आने वाली थी जो 8त क्लास मे पढ़ती थी.
छ्होटी चाची उनके आने से बड़ी खुश थी. हालाँकि च्चत पेर बने अलग कमरे मे दोनो मा बेतिया रहती थी लेकिन छ्होटी चाची के कहने पेर वी ज़्यादा तार उनके रूम मे ही सोती थी. चाचजी के आने पेर ही वी उपेर जाती थी, लेकिन चाचजी ने भी कह दिया था के वी उपेर सो जाएँगे दोनो औरते छ्होटी चाची के रूम मे ही रहे. कमला मेरे साथ सोती थी. छ्होटी चाची मा और दीदी के आने से बड़ी खुश थी, तीनो के हासणे की आवाज़े आती रहती थी. एकाध दिन तो मुझे लगा जैसे अब मे एकद्ूम अकेला हू मगर एक दिन मैने उनकी बाते चुप चुप कर सुनी तो मेरा मन खुश हो गया,' क्यू रे तेरा ये भतीजा बचा ही है या बड़ा होने लग गया?' छ्होटी चाचिजी की मम्मी ने पूछा,' मे बतौ चाचिजी?' कमला बोली,' बता ही दे कमला मे मम्मी से कुछ नही चुपति,' छ्होटी चाची बोली,' अरे ऐसा भी क्या है,' रेखा बोली. " मुम्मय्जी ये जो बचा चाचिजी के पेट मे है ये उस भतीजे का ही बीज है,' कमला बोली,' क्या ये सच कह रही है बेटी?" मा ने बेटी से पूछा,' हा मम्मी, मेरे पति की चुदाई तो ठीक है मगर आँड मे दूं नही उनके भरोसे रहती तो बचे को तरस जाती, घर की चुदाई से उनको शक भी नही,' वो हस्ते हुए बोली,' ओह तो भतीजा इस उमरा मे चाचा से भारी पड़ा?' रेखा बोली,' हा मुम्मय्जी उसका हथियार भी भारी है, अभी तो कूम उमरा है लेकिन कमला उसको चुदाई सीखा रही है थोड़े दीनो मे देखना एकद्ूम सांड़ बन जाएगा,' चाचिजी बोली,' तो फिर इस बूढ़ी गाय को भी उस सांड़ से चुड़वा देना,' मम्मीजी हस्ते हुए बोली. " मम्मीजी वो तो मे कल परसो ही करवा दूँगी आप रूको बस,' कमला बोली,' लेकिन तेरी बड़ी नहन क्या यहा चूत मे उंगलिया डालने आई है,' हेमा हस्ते हुए बोली,' उस बचे की जान लोगे क्या तुम, एक तो कमला दूसरी मम्मीजी तीसरी आप, तीन चुतो को चोदने जितना दूं उसकी गांद मे नही,' छ्होटी चाची बोली,' अरे एक बार मुझे उसका लंड देखने दे पसंद आ गया तो गांद मे दूं तो मे घुसा दूँगी,' हेमा बोली और चारो औरते हासणे लगी.' मुझे पता चल गया मेरी प्यारी छ्होटी चाची मुझे 2 नयी चूते ज़रूर दिलवाएँगी.
रात को जुब रमेश टीवी देख रहा था तो छ्होटी चाची और कमला उसके पास आए,' क्या टीवी पेर फ़िल्मे ही देखेगा या हुमको कोई ब्लू फिल्म भी दिखाएगा?' छ्होटी चाची आँख मार कर बोली,' चाचिजी अब आपको तो चोद नही सकता क्या फयडा ब्लू फिल्म देख कर मूठ मारने से,' रमेश बोला,' अरे चुतिये तू लगा तो सही जुब तक तेरी चाची इस दुनिया मे है तुझे मूठ मारने की ज़रूरत तो नही पड़ने देगी,तेरा पानी हमेशा चूत मे ही निकलेगा मेरे लाल,' चाचिजी ने कहा. रमेश उठा और स्ने ब्लू फिल्म लगा दी, फिल्म मे दो औरते थी और एक आदमी, थोड़ी देर मे एक औरत उसके उपेर आ कर उस आदमी के मोटे लंड को चोद रही थी तो दूसरी उस आदमी के मूह पेर बैठ उस से अपनी चूत चटवा रही थी दोनो बरी बरी से जगह बदल रही थी. देखते ड़खटे रमेश का लंड उसकी लूँगी को तंबू बना रहा था, उसी वक़्त छ्होटी चाची की मा और बड़ी बहन नाइटी पहन कर करे मे आ गये , रमेश जैसे ही टीवी से चॅनेल चेंज करने को हुआ छ्होटी चाची ने उसे रोक दिया,' मेरी मा और बहन से क्या छुपाओगे मैने तो उनको तुम्हारे लंड का साइज़ तक बता रखा है,' वो बोली. रमेश को सारम आ रही थी और कुछ भी समझ नही आ रहा था.
उधर रेखा सामने वेल सोफे पेर बैठ गयी और पॅव टेबल पेर रख दिए, उसके पॅव घुटनो से मूरे हुए थे उसलिए अंडर से चूत लगभग दिखाई दे रही थी,' ले बेटी थोड़ा घुटना मसल दे,' उन्होने कहा, हेमा ने ट्यूब ले कर उनके हूटने की मालिश शुरू कर दी, मम्मी गाउन उतार ही दो,' रेखा ने अपना गाउन हटा दिया, अब वो सिर्फ़ काली ब्रा बहने बैठी थी, गाउन को उन्होने फोल्ड कर के अपनी चूत के सामने रख दिया लेकिन वी लगभग नगी ही थी,' मम इस लरके की नियत आपकी बड़ी बड़ी छातिआ देख कर खराब हो जाएगी,' छ्होटी चाची बोली,' नियत खराब होने की क्या बात है बेटा, तेरा भतीजा है जो चाहे करे, उस से क्या शरमाना,' वो बोली, ' मम्मी मेरा गाउन अपनी इस दवाई से भर जाएगा, मे भी इसको उतार ही देती हू,' हेमा बोली, उसने भी गाउन हटा दिया, अब वो सिर्फ़ चड्डी और ब्रा मे थी, उसने रेड कलर की ब्रा पहनी थी और फ्लवर प्रिंट वाली चड्डी.
रमेश का लंड बेकाबू था, छ्होटी चाची ने उसकी लूँगी नीचे खिसका दी और उसको चूसने लगी,' चाची मेरा पानी निकल जाएगा आपके मूह मे,' वो बोला,' कोई बात नही अपनी चाची को अपना रस ही पीला दे, चोद दे मेरा मूह मेरे राजा,' कह कर चाचिजी उसका लंड मूह से छोड़ने लगी , रमेश की गांद उँची नीची हो रही थी, चाचिजी ने दोनो हाथो से उसके चूतड़ पाकर रखे थे,' चाही मेरा पानी आ रहा है,' कह कर रमेश ने कोई 15 बूंदे चाची के मूह मे एक एक कर के छ्चोड़ दी, चाची सारा पी गयी, अब शांति हुई तुझे अब अपना रस मेरी मा और बहन के भोस्डे मे डालना,' कह कर चाचिजी हट गयी, उधर रेखा और हेमा रमेश के पास आ गयी, रमेश रेखा के मोटे मोटे बूब्स दबाने लगा, रेखा रमेश के पास आई और ब्रा खोल कर अपने मोटे बूब्स रमेश के मूह से सता दिए वो बचे की तरह निपल चूसने लगा, उधर हेमा उसके लंड को चूसने लगे, रमेश का जवान लंड तय्यार होने लगा कोई दो मिनिट मे ही वो फिर से कारक हो गया, हेमा तुरंत उसके लंड पेर चाड गयी और छोड़ने लगी, उधर कमला भी उसके पास आई, एक तरफ कमला के बूब्स थे दूसरी तरफ रेखा के रमेश बरी बरी से दोनो को मसल रहा था चूस रहा था, और उधर हेमा उसकी ज़बरदस्त चुदाई कर रही थी, रमेश बहुत एग्ज़ाइटेड था, 5 मिनिट के अंडर अंडर वो हेमा की चूत मे झाड़ गया.
उधर रेखा अब सोफे पेर चुदाई वाली पोज़िशन ले चुकी थी, उसकी मोटे होटो वाली बिना बॉल की चूत खुली थी और रमेश के लंड का इंतज़ार कर रही थी. हेमा ने अब रमेश के लंड को चूसना शुरू कर दिया था, रमेश 5 मिनिट मे फिर गरम हो गया,' आ बेटा अब मेरी प्यास बुझा, कह कर रेखा ने पॅव चौरे कर दिए, रमेश ने आव देखा ना तव उसकी चूत मे तक से अपना लंड उतार दिया, ' ओह राजा चोद मुझे तेरा लंड खा कर मेरी चूत तुझे दुआ दे रही है, कर इसकी सिकाई, ' कह कर रेखा ने अपने पॅव और फैला दिए. हेमा ने अपनी मा के पॅव चौरे कर पाकर लिए, रमेश की गांद अब उसकी मा के दोनो पाओ के बीच थी और उँची नीची हो रही थी. उसको रेखा की चूत चुदाई मे शानदार लगी,' क्यू बेटा मेरी बुद्धि चूत ठंडी तो नही तेरे जवान लॉड के लिए?' रेखा ने पूछा,' नही मुम्मय्जी इसने तो मेरे लंड को कस कर पाकर लिया है और जवान चूत से ज़्यादा टाइट है, कह कर रमेश ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी,' हा बेटा कितने सालो से इसको लंड नही मिला टाइट तो होगी, अब तू ही इसको चोद चोद कर चौड़ी कर दे,' रेखा बोली,' हा मम्मी ,' रमेश बोला, उधर कमला रमेश की गांद को पाकर कर उसको उँची नीची कर रही थी, चोद मदारचोड़ अपनी मा का भोसड़ा ,' कमला बोली और उसकी गांद मे उंगली भी करने लगी, रमेश अब किसी पक्के चुड़क्कड़ की तरह लगा हुआ था, कोई 5 मिनिट मे रेखा दो बार झाड़ गयी,' ओह मदारचोड़ तेरे लंड ने मेरी चूत का बहुत पानी निकाला ऐसे लंड को खूब मस्त छूटे मिले मेरे बेटे,' रेखा बोली,' अब तू मा की चूत मे अपना बीज छ्चोड़ दे बेटा, वो बोली, उधर कमला ने अब रमेश के उछलते अंडकोषो को मुट्ठी मे पाकर लिया और गे के तन की तरह उनको दूहने लगी, रमेश किसी कुत्ते की तरह हांफता हुआ झाड़ गया,' ले रंडी मेरा बीज ले,' वो बोला और रेखा के पेट पेर ही पस्त पद गया. अगले 24 घंटो मे रमेश को दोनो मा बेटिओ ने कोई 10 बार निचोड़ा. चुदाई से उसका लंड दुखने लगा था और आँड खाली हो गये थे.
Re: दो दो चाचिया
उधर एग्ज़ाम ख़त्म होने के बाद हेमा की बरी लर्की हुमारे घर आई, रमेश ये मेरी भांजी है तेरी हम उमरा है, हफ्ते भर यहा रहेगी तू इसके साथ खेलना कूदना,' छ्होटी चाची बोली. उस लर्की का नाम अनामिका था. वो टी शर्ट और जीन्स पहनती थी, घर मे बेरमूडा और टी शर्ट. उसका बदन इस उम्र मे भी भरा हुआ था, बूब्स उसके ज़्यादा विकसित नही हुए थे, मगर फिट भी 30 की साइज़ के तो हो ही गये थे शायद. उसको माहवारी आनी शुरू हो गयी थी, गांद का साइज़ नॉर्मल था, उसके हॉट गुलाबी थी, और उसकी हँसी मुझे बहुत अच्छी लगती थी, अगले दिन दोपहर मे वो मेरे पास आई, रमेश भैया डॉक्टर डॉक्टर खेले?' मैने कहा हा, मगर मुझे आता नही,' मे सीखा दूँगी, मे बचपन से खेल रही हू, उसने कहा. हम छत पेर बने कमरे मे चले गये, देखो मे पहले मरीज़ बन कर ओँगी तुम डॉक्टर बनना, मैने हा कहा. मे कमरे मे बैठ गया, सफेद कोट पहन कर, उधर अनामिका ने दरवाज़ा खटखटाया, डॉक्टर साहब आ जाउ?' वो बोली,' हा आ जाओ, कह कर रमैने उसे पास के स्टूल पेर बिता दिया,' कहो क्या बीमारी है तुम्हे? मैने पूछा,' मेरे यहा दर्द है डॉक साहब, वो अपनी चड्डी की तरफ इशारा कर के बोली,' अछा तुम जा कर कापरे खोल कर बिस्तेर पेर लेतो मे चेक करता हू, मैने कहा उसने अपने सारे कपड़े खोल दिए और नंगी लेट गयी.
वो सीधी लेती थी उसकी टाइट और गोल छातिआ मुझे सॉफ दिखाई दे रही थी. उसके निपल्स गुलाबी थे और छ्होटे छ्होटे थे. पेट पतला था और नीचे चूत पेर उगे ताज़े ताज़े बॉल दिख रहे थे, मे घबरा गया मगर सांस ले कर पूछा,' कहो क्या तकलीफ़ है आपको?" अनामिका ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पेर रख कर कहा यहा दर्द है डॉक साहब, मे उसकी छातिआ दबाने लगा, उसके निपल्स पेर उंगली फिरने लगा, उसके निपल्स अब सीधे खड़े थे,' डॉक साहब इनको पी कर देखिए कही मेरा दूध आना तो नही शुरू हो गया?' वो बोली, मे झुक कर उसके निपल्स का चूसने लगा, वो एग्ज़ाइटेड थी और उसकी साँसे तेज़ चल रही थी, कोई 4-5 मिनिट बाद जब उसको थोड़ा होश आया तो उसने कहा,' डॅक साहब नीचे भी दर्द है,' मैने पूछा नीचे कहा?" सूसू वाली जगह पेर,' उसने कहा,' अपनी टाँगे फैला दो मे चेक करता हू,' मैने कहा. मे नीचे आया और उसकी चूत के बाहरी होटो को हल्का हल्का दबाने लगा,' यहा?" मैने पूछा,' नही डॅक साहब, अंडर की तरफ दर्द है, अंडर से चेक करो ना,' वो बोली,' मैने उसकी चूत के बाहरी हॉट फैलाए और अंडर के होटो को चौड़ा कर दिया, अंडर उसकी चूत एकद्ूम गुलाबी थी, एकद्ूम कचा माँस दिखाई दे रहा था,' कहा पेर दर्द है?" मैने पूछा,' उसने मेरा उंगली अपनी क्लाइटॉरिस पेर रख दी और बोली,' यहा पेर,' मे उसकी गुलाबी और नरम क्लाइटॉरिस से खेलने लगा, उत्तेजना से वो अब गांद उँची नीची करने लगी, मैने भी उसकी क्लाइटॉरिस को चाटना और चूसना शुरू कर दिया,' डॅक साहब ये तो बहुत अछा इलाज़ है इस से तो मे बहुत जल्द्दई ठीक हो जौंगी, कह कर उसने मेरे बॉल कस कर पकड़ लिए,' वो ओह्ह आ करने लगी मैने चूसा चालू रखी थोड़ी देर मे उसकी हिलती हुई गांद रुक गयी,' इलाज़ हो गया डॅक साहब, अब मे ठीक हू,' कह कर उसने लंबी साँस ली,' जब भी दर्द हो मेरे क्लिनिक पेर आ जाना, मैने कहा,' हा चोदु डॅक साहब मे आपके पास ही ओंगी,' कह कर वो हस्ने लगी,' उसने अपने कपड़े पहने और वही बैठ गयी,' अब मे डॉक्टर हू तुम मरीज़ बन कर आओ, उसने कहा.
मे अब मरीज़ था. अंडर गया और बोला,' डॅक साहब मुझे प्राब्लम है,' उसने पूछा,' क्या प्राब्लम है?' मैने लंड की तरफ इशारा काइया और बोला,' यहा प्राब्लम है.' उसने कहा,' ठीक है कापरे खोल कर लेट जाओ.'
मे एकद्ूम नंगा था, उत्तेजना के मारे मेरा लंड सीधा खरा था, वो आई और बोली, कहा प्राब्लम है?' मैने खड़े लंड की तरफ इशारा कर दिया,' क्या प्राब्लम है इसको?' "खड़ा बहुत जल्दी होता है डॅक साहब और इसका साइज़ भी बड़ा करना है,' मैने कहा, वो पास आई और मेरे लंड को थप्पड़ मारा,' दर्द हुआ?' उसने पूछा,' नही डॅक साहब अछा लगा,' मैने कहा,' अरे इसको तो पिटाई अची लगती है,' उसने कहा,' अछा थोड़ा चेक कर लेती हू,' उसने कहा. अब वो मेरे लंड के बिल्कुल पास आ गयी, उसने मूट के च्छेद को गौर से देखा फिर आघे की चमरी चेक की और उसको धीरे धीरे नीचे सरकया फिर से उपेर चढ़या फिर उसके नीचे के टंके देखे. मेरा सुपरा फूल कर आलू हो रहा था. अब ओ पूरे लंड को हल्का सा हिलने लगी चमरी उपेर नीचे करने लगी, फिर उसके हाथ नीचे गये उसने मेरी गोलिया पहले हल्की दबाई, फिर उनको चेक किया,' यहा दबाने से दर्द तो नही होता?' उसने पूछा, ज़्यादा ज़ोर से दबाओगे तो होगा डॅक साहब, मे बोला, 'यहा कोई प्राब्लम तो नही?' उसने पूछा,' नही डॅक साहब बस इनको भी मोटा करना है और यहा बॉल कूम है,' मे बोला,' अछा ठीक है दवाई दूँगी.' अब उल्टे हो कर घोड़ा बुन जाओ,' वो बोली, मे घोड़ा बन गया, उसने मेरी गांद को चौड़ा कर के उसके च्छेद को देखा, गांद के च्छेद से नीचे आँदिओ तक की चमरी को भी दबाया सहलाया,' यहा तो कोई प्राब्लम नही?' उसने पूछा,' नही डॅक साहब यहा तो कोई प्राब्लम नही,' मे बोल.ऊस्ने अब मेरी गांद के एक च्छेद को एक हाथ से बड़ा काइया और दूसरे से उसमे उंगली करने लगी, मुझे अछा लग रहा था,' दर्द हो रहा है?' उसने पूछा,' नही डॅक साहब बहुत अछा लग रहा है, अब वो होल होल मेरी गांद कोंगली से चोदने लगी और दूसरे हाथ से मेरी लटकती गोलिया सहलाने लगी, मुझे बहुत एग्ज़ाइट्मेंट हो रहा था मेरा लंड बेक़ाबू हो रहा था, चेक उप चल ही रहा था की पीछे से कमला कब आ गयी मुझे पता ही नही चला. उसने अनामिका से कहा डॅक साहब आप ऐसे ही करते रहो मे इसका लंड हिला कर इसका पानी निकलती हू, कमला अब एक हाथ से मेरे लंड हिला रही थी दूसरे से सुपरे के आगे पीछे चमरी हिला रही थी, मेरी हालत पतली थी,' डॅक साहब मेरा पानी निकल रहा है, मे बोला,' निकल लो उसको भी चेक करेंगे,' वो बोली, गरर गरर करता मे झाड़ गया, वो मेरे वीरया को चखने लगी और उसको गौर से देखने लगी,' अछा ये पेट मे जाता है तो बचा बनता है,' उसने कहा,' मे बोला हा.