प्यास बुझती ही नही compleet

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007
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Re: प्यास बुझती ही नही

Unread post by 007 » 19 Dec 2014 15:52

प्यास बुझती ही नही-14

कमरे मे आते ही रश्मि ने स्मृति को गले लगाया और पूछा:

रश्मि: कैसी रही रात मे......

स्मृति: क्या मतलब?

रश्मि: जान कर अंजान मत बनो दीदी...बताओ ना कैसा लगा मेरे जेठ जी का लंड

स्मृति: शरमाते हुए....धत्त्त..

रश्मि:प्ले. दीदी बताओ ना

स्मृति: ठीक था......पर मुझसे ग़लती हो गयी...

रश्मि: वो क्या दीदी

स्मरती: मेने उस बेचारे को थप्पड़ मार दिया था

रश्मि: क्या?????

स्मरती: ह्म्‍म्म्म मेने सॉरी भी माँगी थी...पर उसने कुच्छ नही किया सिर्फ़ चुदाई की

रश्मि: यही तो पनिशमेंट है....

स्मरीत: ये कैसा पनिशमेंट है.....?? पनिशमेंट मे तो पेन मिलता है....ना कि आनंद

रश्मि: आपको कैसा लगा...ये पनिशमेंट

स्मरीत: मत पुछो बहना...मे बहक जाऊंगी.

रश्मि: तो बहक जाओ ना...कौन मना करता है.

स्मृति ने रश्मि को अपनी बाँहो मे ले लिया और बोली:

स्मरती: अब तुम बताओ कि तुम्हारी चुदाई कैसी चल रही है

रश्मि: मस्त.....जब मेने पहली बार होटेल हनिमून मे चुदाई कराई थी तो मे काफ़ी मस्त हो गयी...ऐसा लगता था कि लंड को हमेशा अपने चूत मे डाले रखू.

पर पोलीस ने सब गड़-बॅड कर दी.

स्मरती: कैसी गड़-बॅड?

रश्मि: अरे पोलीस की रेड पड़ी होटेल मे...हमे यानी फीमेल्स को धंधे वाली समझ रहे थे...बहुत मुस्किल से वन्हा से भागे हमलोग...क्योकि रिश्ते तो इल्लीगल है ही.

और फिर जब घर मे ही मलाई मिले तो बाहर जाने की क्या ज़रूरत....तभी से हमलोग घर मे ही हनिमून मनाते है...जी भर के....और फिर तुम्हारी चुदाई भी तो यही हुई......ये (राज) तो चाहते थे कि किसी होटेल मे तुम्हारी चुदाई करी जाए...पर मेने मना कर दिया..........

स्मरीत: धत्त......

रश्मि: अब काहे को शरमाती हो....सील टूटने के बाद औरत को बेशर्म बन जाना चाहिए.

स्मरती: वो तो बन ही गयी हू...और फिर मेरी सील बहुत पहले ही टूट चुकी थी....

रश्मि; वो तो जीजू ने तोड़ी थी..पर भर भी तो गया होगा इतने दिन के बाद.....अब ठीक होगी तुम्हारी चूत....अभी तो दर्द कर रही होगी.

स्मरती: हां...दर्द तो कर रही है अभी भी...

रश्मि: आज की रात भी करवा लो...जम के...फिर नही करेगी

स्मरीत: अरे नही बाबा...अब हिम्मत नही है...

रश्मि: फिर वही??? अरे करा के तो देखो....

स्मरीत: ठीक है पर एक शर्त है.................

रश्मि: शर्त??? वो क्या?

स्मृति: तुम्हे भी बेड पर बिल्कुल नंगी आना होगा...मे चुड़वाऊंगी...पर तुम्हे भी मेरे साथ होना चाहिए...

रश्मि: वाउ....तब तो मज़ा आ जाएगा.....पर ये प्रोग्राम कल रखते है....तुम भी रेस्ट करो.....और वैसे भी ये (राज) नेहा के घर जाएँगे...दीदी रहेगी नही...

भाई वाह मज़ा आ जाएगा....

स्मृति: ह्म्‍म्म्ममममममममम............तुम ठीक कहती हो.....लेट्स सेलेब्रेट..................और उसने आगे बढ़कर अपनी बहन को चूम लिया .

राज अपनी शॉप आ गया था…..वह 3 दिन के बाद शॉप पे आया था …काम ज़्यादा था….पैसे की रिकवरी आंड स्टाफ को सॅलरी भी देनी थी…वो पहले बॅंक गया फिर शॉप पे आ गया… ……शॉप पर काफ़ी भीड़ थी..क्योकि कई दिन से डॉक्टर. नेहा नही आ रही थी….पास वाले डॉक्टर के पास काफ़ी भीड़ उमड़ पड़ी थी..इस वजह से राज की दुकान पर भी काफ़ी भीड़ थी…..राज ने खुद भीड़ को हॅंडल किया….करीब 3 पीएम वो फ्री हुआ…अपने ऑफीस मे आ गया…..इस वजह से वो लंच के लिए घर नही आ सका…..अनिता आज काफ़ी बन-ठन कर आई थी….क्योकि आज अनिता का बर्तडे था और उसका बी.फ़ार्मा के 1स्ट एअर का रिज़ल्ट भी आना था…सो वो सुबह से काफ़ी एग्ज़ाइट्मेंट थी. आज वो वाइट सिल्क साड़ी और मॅचबल ब्लाउस और पेटिकोट पह्न रखी थी….काफ़ी खूबसूरत लग रही थी….आज पता नही राज को क्या हो गया था…आज ज़रूरत से ज़्यादा ही खूबसूरत लग रही थी….उसे देखकर उसका लंड ज़्यादा ही एरेक्ट हो चुक्का था…जब अनिता झुकती थी तो उसके दोनो कबूतर ब्लाउस से बाहर झाँक लेते थे…..जिसे देखकर राज काफ़ी रोमांचित हो रहा था….वो एक टक अनिता को देखे जा रहा था.आ..आज वो उसे गौर से पढ़ रहा था….कि ऐसी क्या बात है इस लड़की मे….जो ना चाहते हुए भी ये इतनी गर्म लग रही है…..

अनिता: ऐसे क्या देख रहे है सर…….(शरमाते हुए) और वो राज के बगल वाले चेर पर बैठ गयी.

राज: तुम आज ज़्यादा ही खूबसूरत लग रही हो…..इसकी क्या वजह है?

अनिता: इसकी दो बजह है…एक तो आज मेरा बर्तडे है …और दूसरा आज मेरा 1स्ट एअर बी.फ़ार्मा का रिज़ल्ट आने वाला है….

राज:अरे……आपने मुझे बताया नही…..मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे “जन्म दिन मुबारक हो” और खड़े होकर अनिता के गले लग गया और उसके गाल पर एक पप्पी ले ली……………..

अनिता बुरी तरह लजा गयी…वाउ आहा से भाग कर काउंटर पर आ गयी….उसे जाते देख कर राज ने उसे रोकने की कोसिस की…पर तब तक छ्होटू आ चुक्का था….वो वाक़्य को बदलते हुए…..

राज: छ्होटू….सॅलरी वाउचार बन गया है…

छ्होटू: जी सर…..ये लीजिए……वो गौर से फाइल देखी………और फिर वो छ्होटू को बोला…सभी को बुला लो…

पर स्टाफ तो सिर्फ़ 3 ही थे…..छ्होटू, अनिता और एक सफाई कर्मचारी…………………..

राज इन दोनो को सॅलरी देने के बाद अनिता के पास आया….अनिता बुलाने पर भी ऑफीस मे नही आई …..तभी राज आगे बढ़ा और अनिता के हाथ पकड़ कर बोला……ये लो सॅलरी…..

और एक पॅकेट पकड़ा दिया…………………….अनिता ने उसे रिसीव किया ……फिर वाउचार पे साइन भी कर दिया….

पर वाउचार देख कर चौंक गयी…..ये क्या सॅलरी से तो आज 2000/- ज़्यादा मिल रहा है….हर महीने उसे 10,000/- मिलता था …..पर आज तो उसे 12000/- मिल रहा है….

अनिता: थॅंक यू सर……………सर आज मे आपसे एक बात कहने वाली थी…

राज: हां हां बोलो….क्या कहना चाहती हो….?

अनिता: सर मे आगे कंटिन्यू नही कर पाऊँगी……क्योकि मेरा रिज़ल्ट आने वाला है…मे 2न्ड यियर मे आ जाऊंगी…..समय न्ही मिलेगा…मेने आपसे काफ़ी कुच्छ सीखा है…..जिसके लिए थॅंक्स…..

राज: पर मे चाहता हू कि तुम जॉब को कंटिन्यू रखो…सिर्फ़ तुम्हे मॅनेज करने है……बाकी का हम देख लेंगे…..सॅलरी तुम्हारे घर पहुँच जाएगी…सिर्फ़ 2 दिन आने होंगे इन ए वीक…..और वो भी 2 घंटे के लिए…………………….क्या इतना कर सकती हो…?

अनिता: जी…..मे सोच के बताऊँगी……………..

राज: थॅंक्स…….और ये लो बोनस……5000/- का एक चेक़ देते हुए कहा…

अनिता: सर इसकी क्या ज़रूरत थी……सर ये मे नही ले सकती…

राज: देखो…मे तुमपे कोई उपकर नही कर रहा हू…ये तुम्हारा हक़ है…और ये सिर्फ़ तुम्हे ही नही सभी स्टाफ को दे रहा हू……….मेरे 4 शॉप्स है…और जिस तरह से तुम मॅनेज करती हो वो क़ाबिले-तारीफ है.

अनिता: थॅंक यू सर……

सर…..मे आपको आज शाम को इन्वाइट करना चाहती हू…आपको और आपकी फॅमिली को अपने बर्तडे पर….आज शाम के 8 बजे मेने घर पर एक छ्होटी सी पार्टी रखा है…आपको आना ज़रूरी है.

राज: थॅंक्स….पर मे नही आ पाऊँगा…क्योकि मे और मेरी वाइफ डॉक्टर. नेहा के घर जा रहे है….डॉक्टर. नेहा काफ़ी बीमार है…उसे देखने के लिए जाना होगा…..फिर कभी तुम्हारे घर पर आएँगे....................

अनिता: थॅंक यू सर......फिर वो ऑफीस से जाने लगी.....तभी राज ने उसका हाथ पकड़ लिया.....और बोला...

राज: सॉरी.........आइ आम सॉरी फॉर दट

अनिता: सॉरी....?? किस चीज़ के लिए?

राज:मेने तुम्हारी इज़ाज़त के वगैर किस जो कर लिया......

अनिता: शर्मा गयी.....पर बोली कुच्छ नही....और ना ही राज ने उसका हाथ छोड़ा.....मौके को देखते हुए राज ने उसे यू टर्न किया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और बुरी तरह चूमने लगा......अनिता इसके लिए तैयार नही थी और ना ही एक्सपेक्टेशन था.....राज का एक हाथ उसकी चुचियो पर आ गया और उसे बुरी तरह दबाने लगा.......अनिता को कुच्छ समझ मे नही आ रहा था कि इसे धक्का दू...या थप्पड़ मारू.......क्योकि ये उसका बॉस था....


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Re: प्यास बुझती ही नही

Unread post by 007 » 19 Dec 2014 15:53

जब अनिता से रहा ना गया तो ज़ोर का धक्का दे दिया...और अपने आपको छुड़ा कर वन्हा से भाग गयी.....राज उसे देखता रह गया....उसे शामिंदगी भी हुई...ये मेने क्या कर दिया.....अब मे क्या करू.....उसका हाल बहुत खराब हो गया..उसे एक डर सताने लगा...कि कही अनिता बुरा ना मान जाए....कही वो नौकरी ना छोड़ दे......

राज अब क्या कर सकता था...और अनिता को ढूँढने लगा....अनिता के आँखो मे आंशु थे....पर वो कस्टमर डीलिंग कर रही थी.......कस्टमर से पैसे और दवा रही थी...........राज वन्हा से कही चले जाना उचित समझा.........वो उठ कर नेहा के क्लिनिक की तरफ चला गया....करीब 30 मिनट के बाद वो दुबारा शॉप मे आया.....अब वो अनिता से नज़रे भी नही मिला रहा था .........और दूसरी तरफ अनिता भी उसे देखकर झेंप गई.....करीब 5 बजे अनिता अपने घर चली गयी....वो भी बिना बताए............................

राज ने एक ओटो कर लिया....कमला को साथ लिया और गाज़ियाबाद की तरफ चल दिया....

करीब 1 घंटे के बाद दोनो गाज़ियाबाद पहुँच गये....डॉक्टर. नेहा बेड पर पड़ी हुई थी...उसे सेलीन लगा हुआ था...पास मे एक नौकर फ्रूट काट रहा था.....

राज:हेलो...डॉक्टर. साहिबा.....ये क्या हाल बना रखा है....?

नेहा: ह्म ठीक हू...बस यू ही.....हज़्बेंड से पंगा ले लिया था...ज़ोर का झटका लगा...........और फिर मेरी ब्लीडिंग सुरू हो गयी...

राज: तभी तो मे कहता था कि थोड़ा एक्सपरशियेन्स हासिल कर लो...पर तुम हो कि?

कमला: ओह्ो..अब तो बेचारी को छोड़ दो....एक तो ये बीमार है और दूसरे तुम सता रहे हो मेरी गुड़िया को....

राज: ओहूऊ क्या प्यार है.....ये गुड़िया नही.....सेक्स की पूडिया है..वैसे नेहा .... धर्मेन्दर जी (नेहा के पति) कहाँ है.....

नेहा: वो दवाई लाने गये है...अभी आ जाएँगे....

नेहा ने पास ही नौकर को कहा 2 चाय ले आने के लिए......नौकर बाहर चला गया....कमला और राज दोनो इधर-उधेर की बाते करने लगे.....

राज: अब बताओ ...कैसा लग रहा है......

नेहा: ठीक हू...2-4 दिन मे क्लिनिक आने लगूंगी.....

तभी दवाजा खुला और धर्मेन्दर रूम मे आ गया...उसने झुक कर दोनो को प्रणाम किया.....राज ने मज़ाक भी किया...अरे भाई...ये क्या कर दिया मेरी साली साहिबा को..............................धर्मेन्दर शरमाते हुए वन्हा से जाने लगा...तभी कमला ने उसे रोक लिया.....चाय पी कर जाएँगे.....बैठिए..और उसने अपनी सीट दे दी...

धर्मेन्दर: अरे नही...आप बैठिए...मे अभी आया...प्लीज़ बैठिए....

कमला बाथरूम मे जाने के लिए जाने लगी....तभी नेहा ने राज से कहा....आज कल काफ़ी बिज़ी रहते हो क्या बात है...दो दो लड़कियो को हॅंडल कर रहे हो ...है ना.

राज: अरे नही......और ठहाका मार कर हस्ने लगा.

नेहा: अब तो तुम सुधर जाओ...

राज: तुम्हे हुआ क्या है…ये बताओ…..

नेहा: यूटरस इन्फेक्षन है…..

राज: ये बीमारी कब से हो गयी

नेहा: शादी के बाद से

राज: माहवारी कैसी है?

नेहा: ये तुम क्यो पुच्छ रहे हो? और फिर तुम डॉक्टर तो हो नही

राज: मे जो पुच्छ रहा हू वो बताओ

नेहा: ठीक है …पर पिच्छले मंत लेट आई थी

राज: चुदाई कितने दिन के बाद होती है

नेहा: क्या मज़ाक है??? जाइए मे आपसे नही बोलती

राज: देखा……?? तुम्हारे में रोग यही है…तुम सब कुच्छ जानते हुए भी इग्नोर करती हो…तभी तुम्हारी ये हाल है. हमे क्या ….मरो…मे तो चला….मेरे पास भी वक़्त नही है…..

नेहा: जीजू…..नाराज़ हो गये…..? चलो माफ़ कर दो….बाबा…..तुम पुछ्ते ही ऐसी बाते को हो मेरे को कुच्छ होने लगता है…

राज: तो फिर हम है ना…?? अगर धर्मेन्दर से नही होता है तो मुझे सेवा का मौका दो? मेरे हिसाब से तुम्हारा इलाज एक ही है……

नेहा: अच्छा………………?? वो क्या?

राज: अगर मे बता दूँगा तो तुम मारने लगोगी..या फिर चिल्लाओगी….

नेहा: मुस्कुराते हुए….नही बोलूँगी…बोलो

राज: बस चुदाई…..आपको एक मजबूत लंड की ज़रूरत है…जो जम कर तुम्हारी चुदाई करे.

नेहा: और कुच्छ????? या बोल लिए?

राज: मेरा फुल आंड फाइनल है…तुम्हे लंड की ज़रूरत है…ना कि दवाई की.

तभी रूम मे कमला आ गयी…………………आते ही टेबल पर बैठ गयी और बोली….

कमला: नेहा…तुम घबराव मत…सब ठीक हो जाएगा….धर्मेन्दर जी आ रहे है दवाई लेकर…साम तक छुट्टी हो जाएगी……पर रेस्ट करने की ज़रूरत है…….मे यही तुम्हारे पास रुक जाती हू……सुबह निकलेंगे घर के लिए……क्यो जी????

राज: हाँ….हां…. पर मे घर चला जाऊँगा…और वैसे भी मेरा यान्हा कोई काम तो है नही.

नेहा: जीजू....क्या घर जाओगे...यही सो जाओ...बगल वाले वॉर्ड मे....

राज : मुझे नींद नही आएगी.....तुम जानती ही हो कि जब तक तुम्हारी बहन मेरी बाँहो मे नही रहती नींद नही आती है

नेहा: तो दीदी है ही.....और वैसे भी वॉर्ड मे कोई और है नही...अंदर से लगा लेना...क्यो दीदी....

राज: मे तो तैयार हू....अगर यही मक्खन मिल जाएगा तो मे बाहर क्यू जाऊँगा......वैसे अच्छा होता कि तुम्हारा मक्खन मिल जाए खाने को तो मज़ा आजाए.

नेहा: माइ डार्लिंग जीजू......इट्स रेड लाइट एरिया.....कॅन'ट हेल्प यू....सॉरी...आज तो दीदी से ही काम चलाना होगा....

कमला: अरे नही.....तुम घर जाओ...वन्हा लड़किया अकेली हैं....और रात भी हो रही है.....और हां कल सुबह 9 बजे आजाना....

नेहा;ओह हूवू तभी ये बार बार घर जाने को कह रहे है...हां भाई 2-2 लड़कियाँ जो है....और वो भी काफ़ी सुन्दर- समझदार......रश्मि तो तुम्हारा इंतेज़्ज़र कर रही होगी...और उसकी सिस का तो कहना क्या...क्या ग़ज़ब की माल है.

राज: तुमने कब देखा उसे

नेहा: वो रश्मि ले कर आई थी क्लिनिक मे...उसे भी यूटरस प्राब्लम है ना.

राज: मेरा एक परामर्श है……एक बार तुम मेरे रंग मे रंग जाओ…..सब ठीक हो जाएगा….क्या कहती हो…..

नेहा: देखेंगे….फिलहाल तो ठीक होने से मतलब है….

राज : वो तो तुम हो जाओगी…..और वो झुक कर नेहा के गाल पर एक किस कर लिया…… और वन्हा से चला गया………….उसे जाते हुए देख कर नेहा ने अपने-आपसे कहा…क्या यह सही कदम होगा….?? क्या किसी दूसरे मर्द से सेक्स करना क्या ठीक होगा???? शायद नही? या शायद हां??? उसके मन मे कई सवाल उठ गये……..नही बिल्कुल नही….. और फिर धर्मेन्दर कितना प्यार करते है…उन्हे मे कभी धोका नही दे सकती…….और फिर कभी भी इस तरह के ख़यालात नही आए…..ये बात और है कि कभी कभी BF देख लेती थी…..दोस्तो से नोन-वेज बाते कर लेती थी…पर जब से मेरे जीजाजी आए है…मेरा थॉट चेंज हो गया है…..ये मे क्या सोच रही हू….एक इंडियन लेडी और वो भी मॅरीड इस तरह की बाते सोचना ठीक नही है…..यही सोचते सोचते वो सो गयी………………………………………………………….

007
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Re: प्यास बुझती ही नही

Unread post by 007 » 19 Dec 2014 15:54

घर पहुँचते ही राज बाथरूम की ओर चला गया….उसे अब किसी का डर तो था ही नही…बाथरूम का दवाजा खोले हुए ही लंड निकालकर मूतने लगा….उसे काफ़ी ज़ोर की सुसूसू आ रही थी……अपनी आँखे मुन्दे हुए करीब 5 मिनट तक मूतता रहा था….जब मूत ख़तम हुआ तो अपना लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा और टर्न हो गया…..सामने रश्मि खड़ी देख कर मुस्कुरा रही थी………राज ने जब देखा कि रश्मि सबकुच्छ देख ली है …तो मुस्कुराते हुए उसके पास आ गया और बिना चैन लगाए ही उससे चिपक गया………और उसके गालो पर एक पप्पी ले ली….रश्मि भी उसे चिपक गयी………..और बोली:

रश्मि: नेहा कैसी है?

राज: ठीक है….लंड का इंतजार है….

रश्मि: तो दे क्यो नही दिया?

राज: मे तो चाहता था पर उसने हां नही कहा तो मे क्या करू

रश्मि: औरत का “ना” हां होता है…..समझे बुद्धू

राज: मुझे मालूम है पर मुझे ज़बरदस्ती चोद्ना पसंद नही है….अब स्मृति के केस मे देखो…ये आख़िर-कार चुदी पर मुझे अच्छा और मज़ा नही आया……

रश्मि: ह्म्‍म्म्म मे समझ सकती हू…पर औरते इतनी आसानी से नही खुलती….सामाजिक बंधन होते है….क्या करे…बचपन से सिखाया जाता है कि किसी पराए मर्द से बात मत करना….अकेली मत घूमना…वग़ैरह वग़ैरह…….

राज: पर ये तो तुम पर भी लागू होता है…पर तुम हो कि……………..

रश्मि : इस बंदिश मे मैं भी थी…मे यू आपको अपना शरीर नही दिया है…इसमे मेरे हज़्बेंड की भी रज़ामंदी थी…कई दफ़ा वो कह चुक्का था कि किसी दूसरे मर्द के पास चली जाओ…मे क्या करती………….और उसपे उसकी “नामर्दि”…..मे क्या करू….मेने तो इस घर को बर्बाद होने से बचाया है…..घर की इज़्ज़त घर मे रहनी चाहिए….तभी हम और आप एक हुए है….

राज: अब ज़्यादा भाषण मत दो….इसके बारे मे सोचो…इसमे आग लगी हुई है…

रश्मि: तो मे कब मना कर रही हू….लेकिन पहले खाना खा लीजिए………………और इसे अंदर करो

राज: क्यू…इसने क्या किया…ये तो बेचारा हवा खा रहा है.

रश्मि: हवा नही घूर रहा है…कि घर मे कौन कौन है…किसका दरवाजा खुला है….. ……जिसे देख कर मेरा दरवाजा भी खुलने को तैयार है.

राज: ने उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और वैसे ही सीढ़ियाँ चढ़ते हुए स्मृति के रूम की तरफ चलने लगा….रश्मि सिर्फ़ एक गाउन मे थी….अंदर एक पिंक कलर की पॅंटी और ब्रा पहन रखी थी…जो कि काफ़ी दिख रही थी…..उसका सारा जिस्म तराशा हुआ था…और ऐसा लगता था कि रश्मि आज सुबह ही ब्यूटी पार्लर गयी थी..क्योकि टाँगो मे एक भी बाल नही था….एक दम चिकनी….जिसे देख कर राज का लंड और कड़ा हो गया….वो सोचा कि अगर पैर मे बाल नही है तो चूत पर भी बाल सॉफ होगे……वैसे भी रश्मि अपनी चूत हमेशा शेव्ड रखती है….जिसका राज को पता है….उसे कई बार चोद चुक्का है…तो उसे पता है कि इस काम मे रश्मि एक दम परफ़ेक्ट है…वो ये भी जानती है कि राज को क्या चाहिए…….अब वो उसके आर्म-पिच को देखने लगा…जो कि सफाचट थी….रश्मि काफ़ी सेक्सी दिख रही थी…..जब 1स्ट फ्लोर पर आ गया तो रश्मि ने कहा …आप मुझे नीचे उतारो….दीदी का रूम आ गया है….आप अंदर चलो…मे खाना लगाती हू……स्मृति को भी बुला लो…मैं डिन्निंग रूम मे वेट करती हू….

जब रश्मि नीचे उतरी तो उसके लंड से टकरा गयी……लंड का टच उसकी गांद पर हुआ….

रश्मि: उईईईई म्माआ लग गयी….आप को कहा था ना कि इसे अंदर करो….लग गयी….

राज: लग गयी….कहाँ मेरी जान

रश्मि: चुप बेशर्म…..कुत्ते

राज: बताओगि भी कुतिया

रश्मि: मेरी आस पर

राज: आस मीन्स???

रश्मि: गाआाआंद……………….खुस?

राज:ह्म्‍म्म्म तो कहने मे शरमाती क्यू हो

रश्मि: शरमाती नही….आक्टिंग करती हू….जब आक्टिंग होगी तभी इसमे जोश आएगा…है ना?

राज: तुम्हारी इसी अदा पर मे मरता हू…..आज मे तुम्हे पूरी नंगी करके चोदुन्गा

रश्मि: ह्म पर पहले खाना खाया जाए.

राज: अच्छा तुम चलो मे अभी आया…..और वो अंदर रूम मे चला गया…

क्रमशः............................


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