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raj..
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by raj.. » 19 Dec 2014 14:15
Jemsbond wrote:sir plz update
dost update kal dunga
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raj..
- Platinum Member
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- Joined: 10 Oct 2014 07:07
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by raj.. » 20 Dec 2014 15:09
31
गतान्क से आगे.....................
मेने अपने काँपते हुए हाथ से बाबू जी के लंड को हाथ मे लेकर धीरे-2 चलाना चालू कर दिया. बाबू जी लगतार मेरी चूत की फांकों को अपनी हथेली मे लिए रगड़ रहे थे. मे फिर से गरम होने लगी थी. बाबू जी का लंड भी और तन कर कड़ा हो गया था. तभी बाबू जी ने मेरे सर के पीछे हाथ रख कर मुझे अपने लंड पर झुकाना चालू कर दिया.
मे मा को बाबू जी का लंड चूस्ते हुए देख चुकी थी. इस लिए मुझे समझते देर ना लगी कि आख़िर बाबू जी क्या चाहते हैं. पर मुझे ये सोच कर ही उबकाई आ रही थी.
मे: नही बाबू जी. नही.
अभी: क्या नही..
मे: बाबू जी मुँह मे नही लेना.
अभी: चुप साली अब नखेरे क्यों कर रही है. जल्दी से इसे चूस. तेरी मा तो मेरा लौदा आइस्क्रीम की तरहा चुस्ती है. मेने भी तो तेरी चूत को चटा है ना. चल जल्दी कर नही तो मे अभी जा कर तेरे मा को चोद डालूँगा. बाद मे मेरे लंड के लिए तड़पति रहे गी.चल जल्दी कर मुझे ना सुनना पसंद नही है.
बाबू जी ने मुझे ज़ोर लगा कर अपने लंड पर झुका लिया. बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरे होंटो पर रगड़ खा रहा था. पर मे अपना मुँह नही खोल रही थी.
अभी: बेहन के लोदी नखरे करेगी. तो अभी रूम से बाहर निकाल दूँगा बिना कपड़ो के. चल जल्दी कर .
मे बाबू जी के मुँह से गाली सुन कर एक दम से डर गयी. और अपनी आँखों को बंद करके धीरे-2 अपना थोड़ा सा मुँह खोल कर बाबू जी के लंड को मुँह मे ले लिया. और वैसे ही कुछ देर के लिए रुक गयी. मेरे मुँह मे अजीब सा स्वाद घुल गया. पर बाबू जी के लंड का स्वाद इतना भी बुरा नही था. जैसे मे सोच रही थी.
अभी: बेहन्चोद अब इसे मुँह मे लिए बैठी रहे गी. चल जल्दी से चूस मेरा लौदा. फिर देखना मेरा लौदा तेरी चूत की चुदाई करके तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ.
मुझसे बाबू जी ऐसी बात कर रहे थे. जैसे किसी रंडी से बात कर रहे हो. और उनकी बातों का मुझ पर उल्टा असर हो रहा था. मुझे बाबू जी की बातों का बुरा नही लग रहा था उल्टा मे बाबू जी के मुँह से ऐसी बातें सुन का गरम हो रही थी.
मेने धीरे-2 बाबू जी के लंड को मुँह के अंदर बाहर करके सुपाडे को चूसना चालू कर दिया. बाबू जी ने मेरे सर को कस के पकड़ लिया. और अपनी कमर को उचकाने लगी. जब बाबू जी मस्ती मे आकर अपनी कमर ऊपेर की ओर उचकाते तो मेरे मुँह पुतछ-2 की आवाज़ रूम मे गूँज जाती.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. क्योंकि बाबूजी मेरे से लंड चुस्वा कर एक दम मस्त हो गये थे. और मे इस लिए खुस थी. कि मुझे ऐसा लग रहा था. कि मे बाबू जी को गरम कर रही हूँ. ये सोचते हुए मेने तेज़ी से बाबू जी लंड को मुँह मे अंदर बाहर करते हुए चूसना चालू कर दिया. बाबू जी का लंड मेरे थूक से एक दम सन चुका था.
फिर बाबू जी ने मुझे सर से पकड़ कर ऊपेर खींच लिया. मेरे मुँह से बाबू जी का लंड बाहर आ गया. बाबू जी ने मुझे अपने ऊपेर लेटा लिया. और मेरी टाँगों को अपनी कमर के दोनो तरफ कर दिया.
मे तेज़ी से साँस लेते हुए वासना से भरी नज़रों से बाबू जी की आँखों मे देख रही थी. बाबू जी की आँखों मे चमक आ गयी. और मुस्कराते हुए अपने होंटो को मेरे कान के पास ले आए.
अभी: आररी वाह री. तू तो अपनी रांड़ मा से भी ज़्यादा अच्छा लंड चुस्ती है. मज़ा आ गया. बड़ी-2 रंडिया भी ऐसे लंड नही चूस पाती.
मुझे बाबू जी की हर बात गरम कर रही थी. बाबू जी मेरी मा को मेरे सामने ही रंडी बोल रहे थे. पर उनकी बातों का बुरा नही मान पा रही थी. बाबू जी ने अपने हाथ से लंड पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया. मे अपनी चूत के छेद पर बाबू जी के लंड के गरम सुपाडे को फिर से महसूस करके मचल उठी. और मेरी चूत मे बाबू जी का लंड अंदर लेने के लिए कुलबुलाता होने लगी.
मुझेसे रुका ना गया. और मेने अपनी चूत को बाबू जी के लंड के सुपाडे पर दाबना चालू कर दिया. बाबू जी का लंड मेरे थूक से सन कर पहले ही चिकना हो चुका था. और मेरी चूत तो पहले ही अपने आँसू बहा रही थी.
जैसे ही मेने थोड़ा सा चूत को बाबू जी के लंड के सुपाडे पर दबाया. तो बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जाने लगा. मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. चूत की दीवारों पर सरसराहट होने लगी. और मेरे मुँह से मस्ती से भरी आह निकल गयी. और मेरा पूरा बदन कांप गया. जिसके कारण बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों के अंदरखिसक कर फँस गया.
जैसे ही बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद मे गया. मे एक दम से मचल उठी. और झुक कर बाबू जी की चेस्ट से चिपक गयी. बाबू जी ने मुझे अपनी बाहों मे भरते हुए. मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ लिया. और धीरे-2 मसलने लगे.
मेरी चूत की आग और भड़कने लगी. चूत की दीवारें बाबू जी के लंड को कभी कस्ति और कभी ढीला छोड़ती. जैसे बाबू जी के लंड के सुपाडे को चूम रही हूँ. बाबू जी ने अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ाया. मस्ती और वासना से भरी हुई आँखों से देख कर मेने अपने होंटो को बाबू जी के लिए खोल दिया. और अपनी आँखों को बंद करके अपने होंटो को बाबू जी के होंटो के मिलन के लिए आगे बढ़ा दिया.
बाबू जी ने बिना कोई देर किए. मेरे होंटो को अपने होंटो मे ले लिया और चूसने लगी. नीचे मेरे चुतड़ों को बाबू जी अपने हाथों से ज़ोर-2 से मसल रहे थे. फिर अचानक बाबू जी ने अपनी कमर को पूरी ताक़त लगा कर ऊपेर की तरफ धक्का दिया. और अपने मोटे लंड को मेरी टाइट चूत मे पेल दिया.
बाबू जी के लंड का सुपाड़ा जो मेरी चूत की दीवारों मे फँसा हुआ था. एक दम से चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ अंदर घुस्स गया. बाबू जी का आधा लंड मेरी चूत मे समा गया. और मेरे मुँह से अहह निकल गयी. मे बाबू जी सेऔर चिपक गयी.
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raj..
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by raj.. » 20 Dec 2014 15:10
पर इस बार बाबू जी रुके नही और लगतार मेरी चूत मे 3-4 बार अपने लंड को और पेल दिया. और अपने लंड को मेरी चूत की गहराईयो मे उतार कर सेट कर दिया. बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी के मुँह पर लगा हुआ था. जो मुझे अंदर तक मस्ती से भर रहा था.
मे: अहह बाबू जीई बहुत मज्जाअ रहा हाई धीरीए- धीरे करो नाआ,
अभी: क्या धीरे-2 करूँ.
अब मुझे भी बाबू जी की बातों से मज्जा आने लगा था.
मे: अहह बाबू जीए धीरे-2 चोदूओ मेरी चूत्त्त्त को.
अभी: क्यों क्या हुआ मज्जा नही आ रहा.
मे: बहुत मज्जा आ रहाा हाईईइ बाबू जीईए उंह अहह
अभी: फिर धीरे-2 क्यों चोदु. ( और बाबू जी ने 3-4 बार कस कस के मेरी चूत मे अपना लंड अंदर बाहर करके पेल दिया लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था)
मे: ह बाबू जी आपका उंघह उंघह धीरी- 2 उंघह उईमाआ उईमहह उंह अहह अहह आपका लुंदड़ड़ बहुता हीई बड़ा हाीइ हाईईइ हाईए माआ मररर गयी ओह धीरीई . मेरीई चूत्त्त्त अहह फॅट जाईगीईए.
अभी: तो क्या चोदु ना तुझे…
मे: नहिी बाबू जीईए जैसीई आप्प्प की मारजीीइई अहह वियसी हीए चोदू. चाहे तो मेरीई चूत्त्त्त कूऊव फदद्ड़ डलूऊऊओ. और माआ के जैसीईई भोसड़ा बना दू. उईमाआ बहुत्त बड़ा हाीइ अपपकाअ लौदा अहह.
और बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को अपने हाथों मे ज़ोर से दबाते हुए तेज़ी से अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करके मुझे चोदना चालू कर दिया. मेरे मुँह सीई अहह ओह जैसे मस्ती से भारी सियाकारियाँ निकल कर पूरे रूम मे गूँज रही थी.
अभी: लीई सलिइी औरर्र लीईए तेरी चूत्त भीए तेरी माआ की चूत की तरहा बहुत आँसू बहाती है. लीई रांड़ और्र्रर लीयी तुन्न्ञन् तो अपने मा से भीई एक कदम आगीए हाईईइ और लीयी साली. देख आज तेरी चूत को चोद-2 कर कैसे भोसड़ी से भोसड़ा बनाता हूँ.
मे: आह अहह अहह ओह उईमाआ हाआअँ आौरर्र जोर्र्र्र सीए उंघह मुझे भीई मा के तरहाण रांदड़डी बना कार्ररर चोदू. औरर्र पेलूओ मेरीईए बुर मे अपनाा लुंद्ड़द्ड अहह फदद्ड़ डालूओ. औरर्र छोड़- 2 कार्ररर फाड़ डलूऊओ बाबू जीईई अपनी रांद्दद्ड की चूत्त को आह उंघह
और फिर बाबू जी ने धक्के लगाने बंद कर दिए. मेने आँखों को खोल कर बाबू जी की तरफ देखा. उनके होंटो पर मुस्कान फेली हुई थी. मेरी चुचिया उनकी आँखों के ऊपेर हिल रही थी..
अभी: तू सॅच मे अपनी माआ से भी ज़्यादा बाड़िइइ रांड़ हाई . अब मेरा लौदा लेकर ऐसे हीए बैठी रहे गी अपनी चूत मे. चल अपनी गांद को उछाल-2 कर लंड को ले.
मे बाबू जी की बात को सुन कर एक दम शर्मा गयी. और बाबू जी की छाती पर हाथों को रख कर तेज़ी से अपनी गांद को उछाल-2 कर बाबू जी के लंड पर अपनी चूत को पटकने लगी. बाबू जी का लंड फतच -2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा. इस मुई चूत का क्या करती. ये कामीनी तो अपने मुँह से झाग बना कर उगल रही थी. और जिसके कारण जब बाबू जी का लंड चूत के अंदर बाहर होता तो फतच-2 जैसी आवाज़ पूरे कमरे मे गूँज जाती.
मे अपनी चूत से आ रही इस आवाज़ सुन का शर्मा गयी. और अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा कर मुस्कराने लगी. और अपनी चूत को गांद उछाल-2 कर बाबू जी के लंड पटकती रही.
मे: अहह बाबू जीए मेरी चूत्त की खुजली तो अहह बढ़ती ज़ाआा रही हाईईईईई ओह ओह कुच्छ करूऊओ ना बाबू जीई.
बाबू जी ने मेरी चुचियो को अपने हाथों मे पकड़ कर मसलना चालू कर दिया. मे और मस्त हो गयी. और जोश मे आकर और तेज़ी से अपनी चूत को बाबू जी के लंड पर मारने लगी. मेरी चूत और चूत की फाँकें एक दम लाल हो गयी थी. बाबू जी ने मेरी चुचियो के दोनो निपल्स को हाथों की उंगलयों मे लेकर मसलना चालू कर दिया.
मे और छटपटाने लगी. और तेज़ी से बाबू जी के लंड पर अपनी चूत को पटकते हुए आहहें भरने लगी.
मे: आह बाबू जीए औरर्र जोर्र्र से छोड़ूऊ अहह बाबू जीईए बुसस्स्स्स मेरा होनीई वाला हाईईईई. मेरीए चूत्त्त्त्त फिरररर से पानी छोड़ने वाली हाईईइ. उहह उँघह.