मैं तेरा आशिक़

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 21 Dec 2014 18:00


मैं तेरा आशिक़



दोस्तो एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ इस कहानी पात्र घटनाए काल्पनिक हैं आशा करता हूँ आपको ये कहानी पसंद आएगी




वो लड़की अपने अंजाम से बेख़बर भागे जा रही थी उसका दिल मानो ज़ोर ज़ोर से धडक रहा था किसी सोच में डूबी थी शायद वो बार बार पीछे मूड कर देख रही थी वो किसी से यक़ीनन भाग रही थी उस लड़की ने वाइट ट्रॅन्स्परेंट पतली सी शरीर के पसीने से भीगी नाइट गाउन थी जो कि गले से बिल्कुल खुली हुई थी और यक़ीनन उस में वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी वो तेज़ी से दौड़ रही थी चारो तरफ कार खड़ी हुई थी तभी वो शटर के पास आई और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी

कोई है कोई है बहाआररर मुझे बक्कककककच्छाा लो मेरा दम घुट रहा है प्लीज़ कोई मुझे सुन रहा है

उसके चेहरे पर मानो स्क्रचस थे और वो किसी ज़ख़्मी के रूप में थी उसकी आँखो से आँसुओ ने काजल को पूरे चेहरे पर फैला दिया था मानो वो किसी के जाल में हो

उसके रोने से उसके गाल एकदम पिंक थे उसके बाल गीले थे जो उसके हिलने से उसके चेहरे पर गिर रहे थे

मानो कि उसपर पानी फैंक दें तो उसका जिस्म पूरा दिखने लगे वो चिल्ला रही थी चिल्लाए जा रही थी

उसका गला बैठ गया पर बाहर सुनसान सड़क पर उसकी चीख सुनने वाला कोई नही था

वो पीछे हुई और नंगे पाँव के लड़खड़ाते ही वो ज़मीन पर पीठ के बल गिरी उसकी आँखें धुंधली होने लगी होंठ सुख चुके थे उसके शरीर पर नीले नीले निशान पड़ गये थे और उसकी आँखो में आँसू जम गये थे और वो सबकुछ फिर से याद करने लगी एक गहरी गहरी सोच में डूब गयी आँखें धुध्लि सी होकर बंद हो गयी और दिमाग़ भी सुन्न पड़ गया

1 महीने पहले

डॉली एक खूबसूरत वेल एजुकेटेड लड़की जिसने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से एम बी ए किया और आज फक्र से अपने पापा का बिज़्नेस जाय्न करने के लिए एग्ज़ाइटेड थी वो कार से उतरी और ड्राइवर ने कार का गेट खोला दो खूबूरत गोरी गोरी जाँघ बाहर निकली जिन पर दो हील्स के सॅंडल्ज़ थे नुकीले हिल्स के सॅंडल्ज़ वो अपनी कार से उतर कर रेड कार्पेट पर चलने लगी आँखो में ब्राउन कलर का चश्मा और हाथ में ब्लॅक कलर का चमकता पर्स उसकी खूबसूरती के साथ साथ उसके स्टाइल को भी जॅंच रहे थे उसने अपने बाल ब्राउन ट्रिम किए हुए थे जो गुच्छा बन कर एक क्लिप में फँसे थे आगे चेहरे पर झूलती वो ज़ुलफे उसे मानो खूबुसरती पर चार चाँद लगा रही थी

उसने एक मिनी स्कर्ट पहनी थी जिससे अगर कोई भी नीचे से झाँके तो उसकी पैंटी के दर्शन हो जाए उसने एक शर्ट के उपर कोट पहना था और अंदर के शर्ट के दो बटन खुले थे उसके मुलायम मक्खन जैसे दिखने वाले मम्मे किसी सफेद दूध में डूबे हुए बॉल्स जैसे थे उसके निपल्स भी सॉफ दिख रहे थे मानो अगर कोट ना हो तो अभी बाहर फाड़ कर आ जाए

उसके मिनी स्कर्ट के अंदर के बारे में नही बता सकता वो आगे की कहानी में मेन्षन करूँगा वो धीरे कॅट वॉक करते हुए ऑफीस की बिल्डिंग में आई जहाँ रिसेप्षनिस्ट और बाकी काम करने वाले करम्चारि सब उसे देख कर खड़े हो कर उसे हाई हेलो कहने लगे हर किसी के चेहरे पर उसे देखकर मुस्कुराहट थी और वो सब को एक नज़र से देखकर अपना सर धीरे से हिला देती अभी वो मॅनेजर के पास आई ही थी कि मॅनेजर भागता हुआ उसके पास गया और कहा हेलो मॅम मैं जानता था ये सब आपका सुबह से ही वेट कर रहे थे पर मॅम आप इतनी जल्दी आ जाएँगी ये नही पता था

एक मीठी सी आवाज़ में कहा क्यू ? जल्दी आना ज़रूरी नही है क्या

मॅनेजर – नही मॅम मैं तो ऐसे ही कह रहा था

डॉली – ठीक है ठीक है वैसे भी जो काम जब मैं चुन लेती हू उसे पूरा करना मेरा मक़सद हो जाता है इफ़ यू डॉन’ट माइंड क्या हम उपर चले

मॅनेजर – जी मेडम

डॉली के पीछे से उसके हिलते हिप्स को देखकर मानो के सबके दिल ज़ोर से धड़क गये

सब एक दूसरे को देखकर दाँत पर होंठ रख के एक दूसरे को कुछ कह रहे थे

डॉली लिफ्ट में घुसी मॅनेजर ने लिफ्ट 12थ फ्लोर पर लिया और लिफ्ट डोर बंद होते ही लिफ्ट चल पड़ी

मॅनेजर तो बस अपने काम और बाकी काम के बारे में बात ही करने लगा पर डॉली का चेहरा तो बस सिर्फ़ एक तरफ ही था मानो वो कुछ सुनकर भी अनसुना कर रही हो

डॉली – वैसे आप को यहाँ काम करते हुए कितने साल हो गये है मिस्टर???????????

मॅनेजर ने जल्दी से कहा – सुधीर जी 10 10 साल

डॉली – ऑल राइट तो फिर आप जानते ही होंगे कि मुझे ओल्ड एक्सपीरियेन्स्ड वालो की ही इस काम में ज़रूरत है इतने बड़े एंपाइयर को मेरे डॅड ने चलाया अब बारी मेरी है

डॉली थोड़ा आगे हो गयी मॅनेजर की निगाह उसके भारी भारी चुतडो पर पड़ी जिसे देख उसके मुँह से ओह सी आवाज़ निकल गयी पर शायद वो खुशकिस्मत था कि डॉली की नज़र उस पर अब तक नही पड़ी थी

मॅनेजर का ध्यान तब टूटा जब लिफ्ट एक फ्लोर पर रुक कर ज़ोर से हिली और लिफ्ट का दरवाजा खुल गया

मॅनेजर हिल सा गया और हड़बड़ाहट में वो डॉली को देखने लगा डॉली अब भी एक जगह खड़ी थी और मोबाइल में किसी से उस वक़्त बात कर रही थी मोबाइल काट कर दोनो लिफ्ट से बाहर निकल कर चलने लगे सब अपने टेबल से उठकर उसे हाई हेलो करने लगे मॅनेजर तो अब भी डॉली की चुतडो को निहार रहा था

डॉली कॅबिन में घुसी और सीधे अपनी चेर पर बैठ गयी और अपने आँखों से गॉगल्स हटाकर एक जगह रखकर मॅनेजर को देखने लगी

मिस्टर सुधीर – तो मॅम आपको ऑफीस अच्छा लगा

डॉली – आइ आम ग्लॅड टू वर्क हियर आंड ऑल्सो वर्क विद यू ऑल

मिस्टर सुधीर – तो मॅम आपके डॅड की मौत के बाद ही आपको इस पद पर देखकर काफ़ी खुशी मिली कि आप काफ़ी टॅलेंटेड है जी आपके डॅड हमारे पुराने दोस्त थे और मुझसे ही सारी रिपोर्ट्स और ऑफीस के काम करवाते थे अगर आपको जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत पड़े सो कॉल मी आइ आम ऑल्वेज़ रेडी फॉर यू एनिटाइम

rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 21 Dec 2014 18:00

डॉली की आँखें नीली थी और उसने सिर्फ़ इतना कहा ओके आप जा सकते है मैं आगे के प्रॉजेक्ट पे काम करती हू यू मे गो नाउ

मिस्टर सुधीर मुस्कुरा कर वहाँ से चला गया और अपने सामने वाली कॅबिन में बैठ गया

डॉली ने फाइल्स खोलकर अपने गोरे हाथो से पन्ने पलटे और तभी उसकी नज़र टेबल पर रखे अपने डॅड की फोटो पर पड़ी

डॉली थोड़ी उदास सी हो गयी और फाइल्स को टेबल पर रखकर उसने फोटो उठा ली और कहा आइ आम सॉरी डॅड काश आप मुझे इस स्टेज पर देखते पर चिंता मत कीजिए मैं आपकी मेहनत से बनाए इस ऑफीस को अच्छे से चलाउन्गि ये मेरा आप से वादा रहा आइ रियली मिस यू डॅड आइ रियली मिस यू डॉली ने टेबल पर तस्वीर को रख दिया और सामने शीशे की खिड़की से बाहर देखने लगी

मॅनेजर के पास एक लड़की आई और कहा - तो नयी बॉस को समझा दिया आपने काम

मॅनेजर अब भी खोया हुया था हा हां हां सब कुछ सस्स्स्स्स्स्सह धीरे बोलो मुझे बात करते हुए देख कर शयाद गुस्सा ना हो जाए

लड़की ने कहा ऐसा क्या बला की खूबसूरत होने से कोई किसी पर हुकुम नही चलाता

मॅनेजर चुप रहो ललिता अगर डॉली जी को खबर लगी तो तुम्हे ऑफीस से निकाल देगी

ललिता – ठीक ठीक है मैं जा रही हू

मॅनेजर ने अपने रुमाल से चेहरे को पोछा और ग्लास के पानी को पीने लगा गले से उतरते ही उसने एक लंबी साँस ली और कहा वाह क्या अट्रॅक्टिव है

मॅनेजर धीरज़ में कोई ख़ास नही थी वो एक मोटा बद्ढा सा एज्ड आदमी था जो हर वक़्त ऑफीस की गोरियों पर डोरे डालता था और आज डॉली पर उसका दिल नया नया आ गया

ललिता एक ऑफीस वर्कर थी जो साँवली सी थी जिसके दाँत थोड़े बाहर को निकले हुए थे और वो एक नंबर की ऑफीस की रंडी थी जिसको हर किसी ने चोद रखा था और शायद आज डॉली को देख कर वो जलन से मानो मर ही गयी थी

डॉली के कॅबिन में मॅनेजर आया और कहा मॅम आपकी मीटिंग का टा

डॉली – मीटिंग का टाइम हो गया है लेट’स गो फाइल्स रख ली ना

मॅनेजर हक्का बक्का डॉली को देख रहा था – जी जी मेडम रख ली है

डॉली – तो फिर चलने की तयारि करो आइ डॉन’ट वॉंट दट कि हम लेट हो जाए

डॉली मीटिंग पर पहुचि और बाहर से आए हुए क्लाइंट्स जो कि गोरे और कुछ ब्लॅक थे उन्हे इंप्रेस कर लिया अपनी बातों से पर सबका ध्यान तो डॉली के हॉट मम्मो पर था जब वो हाथो के बल टेबल पर झुकती और सबको अपनी निगाहो से देखती तो सबकी निगाहें उसे हँस के उसके मम्मो पर ही होती जिसे देख डॉली बस दांतो पर होंठ रख कर गुस्से से ऊन्हे देखती ऊन्हे देखती सब अपने काबू पर आकर डील फाइनल कर देते और उसके मखमल मुलायम जैसे हाथो को छूकर उसे बधाई देकर सब ने ताली बजाई

मॅनेजर – मॅम आपने तो कमाल कर दिया इतनी जल्दी डीलिंग करना कोई आसान बात नही थी

डॉली – सब आसान है जब आगे वाला खुद हथियार डाल रहा हो तो यू मे गो नाउ

मॅनेजर – आर यू श्योर मॅम ? मैं आपको लिफ्ट दे सकता हू

डॉली – नो थॅंक्स

डॉली के ड्राइवर ने गेट खोला और डॉली कार में बैठ गयी कार वहाँ गेट से निकल गयी

डॉली की कार को देख उस शक्स ने अपनी कार के शीशे को बंद किया

डॉली के बिज़्नेस में आने से उसके कयि प्रॉफिट हुए और बिज़्नेस अरबो में कमाने लगा और वो एक हाइ प्रोफाइल लोगो में जानी जाने लगी उसके डॅड काफ़ी बिज़्नेस में फेमस थे और हर जगह उनके बिज़्नेस के एग्ज़ॅंपल्स दिए जाते और अब उनकी बेटी के भी बिज़्नेस के एग्जाम्पल दिए जाते थे

पर शायद डॉली की खूबसूरती ने शायद किसी शक्स को काफ़ी दीवाना बना दिया था

और वो जल्द ही उसकी ज़िंदगी में आने वाला था

डॉली ने अब ऐसा साबित कर दिया था कि वो एक खूबसूरत अमीर घर की लड़की के साथ साथ एक कामयाब होशियार बिजनेस विमन भी है उसके ऑफीस में उतरते ही सबकी नज़रे उस पर होती थी लेकिन कुछ लोगो की उसपे बुरी नज़र थी डॉली को अब काम करते हुए पूरा 1 महीना होने वाला था सबकुछ उस रात के तूफान ने बदल दिया जिस रात ………………….

डॉली अपने ऑफीस में बैठे काम कर रही थी इतने में एक कॉल बजी डॉली ने कॉल उठाया और कहा हेलो

उधर से एक गंभीर शक्स की आवाज़ – ह्म्‍म्म्ममम मॅम डॉली मॅम

डॉली – यस आइ आम स्पीकिंग

जी मेरा नाम कस्तूर है और मैं दिल्ली के लाजपत नगर से बात कर रहा हू क्या आपने मुझे फाइनान्स शेर्स के लिए कॉल किया था

डॉली – हां जी

डॉली की मीठी आवाज़ ने ऐसा क्या जादू किया कि वो शक्स भी जैसे मोहित हो गया और हर एक बात ठीक है ठीक है मॅम कोई बात नही

मॅम मैने आपको 15 लाख डॉक्युमेंट्स में लगाने के लिए मिस्टर सुधीर को कहा था

डॉली – क्या लेकिन मुझे तो उन्होने ऐसा कुछ नही बताया

डॉली अपने बालो पर पेन्सिल से रगड़ने लगी

जी नही कहा ऐसे कैसे हो सकता है कोई कोई बात नही मेडम मैं ठीक कर दूँगा अपने बॉस से डीलिंग के लिए मैं निकाल लूँगा

rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 21 Dec 2014 18:02

डॉली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी और कहा थॅंक यू सो मच

उसके हिलते गाल जब डीप होते तो दो प्यारे डिंपल्स छोड़ जाते खैर डॉली को अपने इस अट्रॅक्षन से काफ़ी लोगो को लुभाने का मौका था लेकिन ऑफीस के कुछ लोगो की बाते सुनकर उसकी सारी मुस्कुराहट एक झटके में चली गयी

क्यूंकी कॅबिन के दीवार के पीछे एक सेक्रेटरी का रूम था जो कोई और नही ललिता थी और उससे बात कर रहे दो और ऑफीस वर्कर्स

जिनकी बाते ये थी

अरे शाम यार क्या बम्स है साली के दिल तो करता है नोच डालू

अर्रे पागल है क्या मरना है तुझे ऑफीस से तो हाथ धोएगा धोएगा जैल में रोटिया भी तोड़ने का इरादा है क्या वैसे क्या फरक पड़ता है हम तो सिर्फ़ निहारते है

ललिता के चेहरे पर तो गुस्सा सॉफ झलक रहा था और उसने कह डाला तुम मादर्चोदो को उस रंडी पे बड़ा प्यार आ रहा है ऐसा क्या है उस में

पहले बंदे ने कहा तेरी से तो 10 गुना अच्छी है कितनी मस्त हॉट है

दूसरे बंदे ने सिर्फ़ मुस्कुराया

और वैसे भी हम तो सिर्फ़ निहार और बात कर सकते है और तुम्हे क्या लगता है कि वो अपनी चूत हमे दे देगी बेटे बॉस की बेटी है जब उसके बाप के चलने से पत्ता पत्ता हिल जाता था तो इससे क्या एक्सपेक्ट कर सकते है

दूसरे बंदे ने वोई तो

तभी एक ज़ोरदार कॅबिन की घंटी बजी जो सिर्फ़ उन्हे ही सुनाई दी

पहला बंदा – लो मेडम ने बुला लिया लगता है आज प्रमोशन पक्का मैने 2 दिन से उसे निहारते निहारते पागल हो चुका हू

घंटी एक बार फिर बजी और इस बार नाम समीर का था जो कि दूसरा बंदा था

शर्मा इंडस्ट्रीस बहुत राइज़्ज़ थी यहाँ एक काम करने वाले यहाँ तक पीयान को भी बॉस सिर्फ़ घंटी की बजा कर अपना मेसेज देकर ऑफीस में दाखिल होने के लिए कह देता था बाकी हुकम के गुलामो पर था

समीर और वो पहला बंदा कॅबिन में घुसे और अपने मासूम चेहरे से कहा यस मॅम

पर डॉली की नज़र तो तीखी नज़रो से उन्हे ताक रही थी मानो कितना गुस्सा उसने पी लिया था उनकी बाते सुनकर

समीर – यस यस मॅम

डॉली की नज़र पहले बंदे पर पड़ी जो इधर उधर था वो पहले से काला था और चेहरे पर पसीने देख कर डॉली की मुस्कुराहट बदलने में ज़रा सा भी वक़्त नही लगा

डॉली – क्या हुआ मिस्टर… दीपक ओह या मिस्टर काला

वो पहले बंदे ने कहा – कुछ नही वो वो…. मैं मॅम आपने एकदम से बुलाया इस वजह से

समीर उसे देख कर कुढ रहा था

डॉली ने कहा वैसे आप लोग अगर सोच रहे है कि जो आप लोगो ने मेरे पीठ पीछे मेरी गंदी बाते की उससे मैं ज़रा भी वाक़िफ़ नही हू सो यू आर रॉंग

दोनो की सिट्टी पिटी गुम हो गयी और एक दूसरे को देखकर कहने लगे मॅम ये आप क्या बोल रही है हम तो आपके ऑफीस के वर्कर्स है आपकी इज़्ज़त ने ही तो हमे यहाँ रोज़ी रोटी दे रखी है

क्रमशः…………………………….


Post Reply