होली पर बीबी चुदी दीदी चुदी--6
गतांक से आगे ....................................................
हाय बहुत दिन संभाल के रखा था....फट गई....रे मेरी तो हाय मरी...." इस तरह से बोलते हुए वो ऊपर से धक्का भी मारती जा रही थी और मेरा लण्ड अपनी चुत में लेती भी जा रही थी. तभी अपने होंठो को मेरे होंठो पर रखती हुई जोर जोर से चूमती हुई बोली "हाय....माधरचोद....आराम से निचे लेट कर बूर का मजा ले रहा है....भोसड़ी....के....मेरी चुत में गरम लोहे का राँड घुसा कर गांड उचका रहा है....उफ्फ्फ्फ्फ्फ...भाई अपनी दीदी कुछ आराम दो....हाय मेरी दोनों लटकती हुई चूचियां तुम्हे नहीं दिख रही है क्या...उफ्फ्फ्फ्फ़...उनको अपने हाथो से दबाते हुए मसलो और....मुंह में ले कर चूसो भाई....इस तरह से मेरी चुत पसीजने लगेगी और उसमे और ज्यादा रस बनेगा...फिर तुम्हारा लौड़ा आसानी से अन्दर बाहर होगा....हाय ऐसा करो मेरे राजा....तभी तो दीदी को मजा आएगा और....वो तुम्हे जन्नत की सैर कराएगी....सीईई..." दीदी के ऐसा बोलने पर मैंने दोनों हाथो से दीदी की दोनों लटकती हुई चुचियों को अपनी मुठ्ठी में कैद करने की कोशिश करते हुए दबाने लगा और अपने गर्दन को थोड़ा निचे की तरफ झुकाते हुए एक चूची को मुंह में भरने की कोशिश की. हो तो नहीं पाया मगर फिर भी निप्पल मुंह में आ गया उसी को दांत से पकड़ कर खींचते हुए चूसने लगा. दीदी अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को दीदी के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक पर जीभ फिरते हुए चाटा दीदी अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को दीदी के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक और उसके निचे होंठो के ऊपर जो पसीने की छोटी छोटी बुँदे जमा हो गई थी उसके नमकीन पानी को पर जीभ फिराते हुए चाटा और फिर होंठो को अपने होंठो से दबोच कर चूसने लगा. दीदी भी इस काम में मेरा पूरा सहयोग कर रही थी और अपने जीभ को मेरे मुंह में पेल कर घुमा रही थी. कुछ देर में मुझे लगा की मेरे लण्ड पर दीदी की चुत का कसाव थोड़ा ढीला पर गया है. लगा जैसे एक बार फिर से दीदी की चुत से पानी रिसने लगा है. दीदी भी अपनी गांड उचकाने लगी थी और चुत्तर उछालने लगी थी. ये इस बात का सिग्नल था का दीदी की चुत में अब मेरा लण्ड एडजस्ट कर चूका है. धीरे-धीरे उनके कमर हिलाने की गति में तेजी आने लगी. थप-थप आवाज़ करते हुए उनकी जान्घे मेरी जांघो से टकराने लगी और मेरा लण्ड सटासट अन्दर बाहर होने लगा. मुझे लग रहा था जैसे चुत दीवारें मेरे लण्ड को जकड़े हुए मेरे लण्ड की चमरी को सुपाड़े से पूरा निचे उतार कर रागड़ती हुई अपने अन्दर ले रही है. मेरा लण्ड शायद उनकी चुत की अंतिम छोर तक पहुच जाता था. दीदी पूरा लण्ड सुपाड़े तक बाहर खींच कर निकाल लेती फिर अन्दर ले लेती थी. दीदी की चुत वाकई में बहुत टाइट लग रही थी.
मगर फिर भी गजब का आनंद आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल में मेरा लौड़ा एक कॉर्क के जैसे फंसा हुआ अन्दर बाहर हो रहा है. दीदी को अब बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था ये बात उनके मुंह से फूटने वाली सिस्कारियां बता रही थी. वो सीसियते हुए बोल रही थी "आआआ.......सीईईईइ.....भाई बहुत अच्छा लौड़ा है तेरा.....हाय एक दम टाइट जा रहा है.......सीईईइ हाय मेरी....चुत.....ओह हो....ऊउउऊ....बहुत अच्छा से जा रहा है...हाय....गरम लोहे के रोड जैसा है....हाय....कितना तगड़ा लौड़ा है..... हाय मेरे प्यारे...तुमको मजा आ रहा है....हाय अपनी दीदी की टाइट चुत को चोदने में...हाय भाई बता ना....कैसा लग रहा है मेरे राजा....क्या तुम्हे अपनी दीदी की बूर की फांको के बीच लौड़ा दाल कर चोदने में मजा आ रहा है.....हाय मेरे चोदु....अपनी बहन को चोदने में कैसा लग रहा है....बता ना….अपनी बहन को....साले मजा आ रहा...सीईईई....ऊऊऊऊ...." दीदी गांड को हवा में लहराते हुए जोर जोर से मेरे लण्ड पर पटक रही थी. दीदी की चुत में ज्यादा से ज्यादा लौड़ा अन्दर डालने के इरादे से मैं भी निचे से गांड उचका-उचका कर धक्का मार रहा था. कच कच बूर में लण्ड पलते हुए मैं भी सिसयाते हुए बोला "ओह सीईईइ....दीदी....आज तक तरसता....ओह बहुत मजा.....ओह आई......ईईईइ....मजा आ रहा है दीदी....उफ्फ्फ्फ्फ़...बहुत गरम है आपकी चुत....ओह बहुत कसी हुई....है…बाप रे....मेरे लण्ड को छिल....देगी आपकी चुत....उफ्फ्फ्फ्फ़....एक दम गद्देदार है....” चुत है दीदी आपकी...हाय टाइट है....हाय दीदी आपकी चुत में मेरा पूरा लण्ड जा रहा है....सीईईइ.....मैंने कभी सोचा नहीं था की मैं आपकी चुत में अपना लौड़ा पेल पाउँगा....हाय….. उफ्फ्फ्फ्फ़... कितनी गरम है….. मेरी सुन्दर...प्यारी दीदी....ओह बहुत मजा आ रहा है....ओह आप....ऐसे ही चोदती रहो...ओह....सीईईई....हाय सच मुझे आपने जन्नत दिखा दिया....सीईईई... चोद दो अपने भाई को…." मैं सिसिया रहा था और दीदी ऊपर से लगातार धक्के पर धक्का लगाए जा रही थी. अब चुत से फच फच की आवाज़ भी आने लगी थी और मेरा लण्ड सटा-सट बूर के अन्दर जा रहा था. पुरे सुपाड़े तक बाहर निकल कर फिर अन्दर घुस जा रहा था. मैंने गर्दन उठा कर देखा की चुत के पानी में मेरा चमकता हुआ लौड़ा लप से बाहर निकलता और बूर के दीवारों को कुचलता हुआ अन्दर घुस जाता. दीदी की गांड हवा लहराती हुई थिरक रही थी और वो अब अपनी चुत्तरों को नचाती हुई निचे की तरफ लाती थी और लण्ड पर जोर से पटक देती थी फिर पेट अन्दर खींच कर चुत को कसती हुई लण्ड के सुपाड़े तक बाहर निकाल कर फिर से गांड नचाती निचे की तरफ धक्का लगाती थी. बीच बीच में मेरे होंठो और गालो को चूमती और गालो को दांत से काट लेती थी. मैं भी दीदी के दोनों चुत्तरों को दोनों हाथ की हथेली से मसलते हुए चुदाई का मजा लूट रहा था. दीदी गांड नचाती धक्का मारती बोली "राजू....मजा आ रहा है....हाय....बोल ना....दीदी को चोदने में कैसा लग रहा है भाई....हाय बहनचोद....बहुत मजा दे रहा है तेरा लौड़ा.....मेरी चुत में एकदम टाइट जा रहा है....सीईईइ....माधरचोद….इतनी दूर तक आज तक…..मेरी चुत में लौड़ा नहीं गया....हाय...खूब मजा दे रहा है.... बड़ा बूर फारु लौड़ा है रे…तेरा....हाय मेरे राजा....तू भी निचे से गांड उछाल ना….हाय....अपनी दीदी की मदद कर....सीईईईइ.....मेरे सैयां.....जोर लगा के धक्का मार...हाय बहनचोद....चोद दे अपनी दीदी को....चोद दे....साले...चोद, चोद....के मेरी चुत से पसीना निकाल दे...भोसड़ीवाले…. ओह आई......ईईईइ…” दीदी एकदम पसीने से लथपथ हो रही थी और धक्का मारे जा रही थी. लौड़ा गचा-गच उसकी चुत के अन्दर बाहर हो रहा था और अनाप शनाप बकते हुए दाँत पिसते हुए पूरा गांड तक का जोर लगा कर धक्का लगाये जा रही थी. कमरे में फच-फच...गच-गच...थप-थप की आवाज़ गूँज रही थी. दीदी के पसीने की मादक गंध का अहसास भी मुझे हो रहा था. तभी हांफते हुए दीदी मेरे बदन पर पसर गई. "हाय...थका दिया तुने तो.....मेरी तो एक बार निकल भी
गई....साले तेरा एक बार भी नहीं निकला....हाय....अब साले मुझे निचे लिटा कर चोद...जैसे मैंने चोदा था वैसे ही....पूरा लौड़ा डाल कर....मेरी चुत ले....ओह...." कहते हुए मेरे ऊपर से निचे उतर गई. मेरा लण्ड सटाक से पुच्च की आवाज़ करते हुए बाहर निकल गया. दीदी अपनी दोनों टांगो को उठा कर बिस्तर पर लेट गई और जांघो को फैला दिया. चुदाई के कारण उनकी चुत गुलाबी से लाल हो गई थी. दीदी ने अपनी जांघो के बीच आने का इशारा किया. मेरा लपलपाता हुआ खड़ा लण्ड दीदी की चुत के पानी में गीला हो कर चमचमा रहा था. मैं दोनों जांघो के बीच पंहुचा तो मुझे रोकते हुए दीदी ने पास में परे अपने पेटिकोट के कपड़े से मेरा लण्ड पोछ दिया और उसी से अपनी चुत भी पोछ ली फिर मुझे डालने का इशारा किया. ये बात मुझे बाद में समझ में आई की उन्होंने ऐसा क्यों किया. उस समय तो मैं जल्दी से जल्दी उनकी चुत के अन्दर घुस जाना चाहता था. दोनों जांघो के बीच बैठ कर मैंने अपना लौड़ा चुत के गुलाबी छेद पर लगा कर कमर का जोर लगाया. सट से मेरा सुपाड़ा अन्दर घुसा. बूर एक दम गरम थी. तमतमाए लौड़े को एक और जोर दार झटका दे कर पूरा पूरा चुत में उतारता चला गया. लण्ड सुखा था चुत भी सूखी थी. सुपाड़े की चमरी फिर से उलट गई और मुंह से आह निकल गई मगर मजा आ गया. चुत जो अभी दो मिनट पहले थोरी ढीली लग रही थी फिर से किसी बोतल के जैसे टाइट लगने लगी. एक ही झटके से लण्ड पेलने पर दीदी कोकियाने लगी थी. मगर मैंने इस बात कोई ध्यान नहीं दिया और तरातर लौड़े को ऊपर खींचते हुए सटासट चार-पॉँच धक्के लगा दिए. दीदी चिल्लाते हुए बोली "माधरचोद...साले दिखाई नहीं देता की चुत को पोछ के सुखा दिया था...भोसड़ी के सुखा लौड़ा डाल कर दुखा दिया.....तेरी बहन को चोदु....हरामी…. साले...अभी भी....चोदना नहीं आया...ऊपर चढ़ के सिखाया था....फिर साले तुने...." मैं रुक कर दीदी का मुंह देखने लगा तो फिर बोली "अब मुंह क्या देख रहा है....मार ना....धक्का....जोर लगा के मार...हाय मेरे राजा...मजा आ गया...इसलिए तो पोछ दिया था....हाय देख क्या टाइट जा रहा है...इस्स्स्स्स….” मैं समझ गया अब फुल स्पीड में चालू हो जाना चाहिए. फिर क्या था मैंने गांड उछाल उछाल कर कमर नचा कर जब धक्का मरना शुरू किया तो दीदी की चीखे निकालनी शुरू हो गई. चुत फच फच कर पानी फेंकने लगी. गांड हवा में लहरा कर लण्ड लीलने लगी “ हाय पेल दे.....भाई ऐसे ही बेदर्दी से….. चोद अपनी दीदी की चुत को....ओह माँ....कैसा बेदर्दी भाई है....हाय कैसे चोद रहा है....अपनी बड़ी बहन को....हाय माँ देखो....मैंने मुठ मारने से मना किया तो साले ने मुझे चोद डाला......चोदा इसके लिए कोई बात नहीं....मगर कमीने को ऐसे बेदर्दी से चोदने में पता नहीं क्या मजा मिल रहा है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़.......मर गई....हाय बड़ा मजा आ रहा है.....सीईईईई.....मेरे चोदु सैयां...मेरे बालम....हाय मेरे चोदु भाई.....बहन के लौड़े...चोद दे अपनी चुदक्कड़ बहन को...सीईईईई...." मैं लगातार धक्के पर धक्का लगता जा रहा था. मेरा जोश भी अपनीमें चिपका झरने लगा. उसी समय वो भी झरने लगी.
तो दोस्तों थी मेरी अपनी दीदी के साथ चुदाई मेने अपने जीजाजी और अपनी पत्नी पद्मा कि चुदाई का बदला अपनी दीदी को चोद के ले लिया था
Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
friends next stori is Jija or sali ki holi
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
जीजू और साली की होली पार्ट-1
आज होली का त्योहार है. ऑफीस को होली की छुट्टी है. मैने ने अपनी वाइफ के साथ ल्यूक से पहले दोपेहेर मे ही होली खेल ली थी और हम दोनो ने बोहोत एंजाय किया था और फिर एक लंबी चुदाई का भी आनंद लिया था.
कियोंकि यह हमारी शादी के बाद की फर्स्ट होली थी, मेरी वाइफ अपनी सहेलियो के साथ शाम मे सब मिल के उसके फ्रेंड के घर मे होली खेलना चाहते थे इसी लिए वो अपनी फ्रेंड्स के घर को चली गई थी.
मैं लंच के बाद थोड़ा रेस्ट कर के उठ गया था और नहा धो के कपड़े बदल ने जा रहा था. सोचा था के शाम मे अपने मित्रों के साथ खूब होली खेलूँगा और हम सब मिल कर खूब धमाल मचाएँगे. अभी मैं स्नान करके बाथरूम से बाहर आया ही था के डोर पे किसी ने बेल बजाई और कंटिन्यू बेल बजने लगी. मैं ने घड़ी देखी तो तकरीबन शाम के 5 बजे थे लैकिन बोहोत घने बदल छा गये थे ऐसे लगता था जैसे रात हो गई हो. मैं ने सोचा के ऐसे टाइम पे कौन हो सकता है.
मैं सोच ही रहा था के कौन हो सकता है. पर डोर तो खोलना ही था कियों के बेल कंटिन्यू बज रही थी. मैं ने डोर खोला और मुझे एक ज़बरदस्त झटका लगा. मेरी साली ( वाइफ की छोटी बहेन ) सोनिया डोर पर खड़ी थी उसके होटो पे एक नॉटी स्माइल थी. अभी मैं अपने असचर्या से बाहर भी नही निकल पाया था के उसने मेरे बदन पे लिक्विड कलर फेंक दिया और हँसने लगी और कहा जीजा जी होली मुबारक हो.
क्योंकि मैं घर मे अकेला ही था और बॅस अभी अभी स्नान कर के बाथरूम से बाहर निकला था.मेरे गीले बदन पे सिवा एक टवल के और कुछ भी नही था जिस से मेरा आधा बदन ढका हुआ था. मेरे सारे बदन पे रंग गिर गया जिस से मेरी चेस्ट के घने बॉल मेरे बदन से चिपक गये.मुझे इस हाल मे देख के वो ताली बजा बजा के ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी.
सोनिया मेरी एक्लोति ही साली है. मैं अपनी साली सोनिया को बोहोत पसंद करता हूँ. वो है ही इतनी ब्यूटिफुल के किसी का भी लंड उसे देखते ही खड़ा हो जाए. उसका बदन तो क़यामत है 34 – 30 – 36 का उसका फिगर.
उसके बूब्स मुझे बोहोत आछे लगते हैं. हमेशा ही सोचता था के कभी मौका मिले तो उसको अपनी बाहों मे जाकड़ के खूब प्यार करूँगा और इन चुचिओ को ज़ोर ज़ोर से मसल दूँगा और चूस चूस का चुचिओ का सारा रस्स पी जाउन्गा और फिर उसको इतना चोदुन्गा के उसके मूह से पेन आंड प्लेषर की चीखें निकल जाएँ और अपने तगड़े मोटे लंड से उसकी टाइट वर्जिन चूत को फाड़ डालूँगा.
सोनिया बोहोत सुन्दर गोरे रंग की घाटेली बदन की लड़की है. उसकी हिरनी जैसे आँखों मे एक नशा सा है. उसके होन्ट इतने जुसी हैं के मंन करता के उसके होटो को सारी उमर चूस्ता ही रहूं. उसके मलाई जैसे चुचियाँ बोहोत सिडोल और कड़क हैं. एक दम से फुल शेप मे. जब कभी वो टी-शर्ट बिना ब्रस्सिएर के पेहेन्ति या कोई लाइट कलर की कमीज़ पेहेन्ति तो उसकी चुचिओ के ऊपेर से उसके पिंक निपल्स खड़े दिखाई देते और ऐसा लगता जैसे उसके निपल्स एग्ज़ाइट्मेंट मे खड़े हो गये हो और मूह को पुकार पुकार के इन्वाइट कर रहे हो के आओ और इन्है चूसो. चलती तो चुचियाँ ऐसे हिलती जैसे कह रही हो के आओ और पकड़ लो अगर तुम्हारे अंदर दम है तो.. और चूतड़ तो उफ्फ ऐसे चूतड़ कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए और ऐसे मटक मटक के चलती के लंड उसकी गंद मे घुसने को तड़प जाए.
हा तो वो मेरे सामने खड़ी थी. उसने बोहोत पतली सी बिना ब्रस्सिएर के लूज टी शर्ट और कॉटन के लूज स्लॅक्स (जॉगिंग पॅंट टाइप) पहना हुआ था. सामने खड़ी ऐसे लग रही थी जैसे आकाश से उतरी हुई कोई सुन्दर सी टेचनिकोलौर अप्सरा हो. मैं उसे देखते का देखते ही रह गया. थोड़ी देर तक तो मुझे कुछ समझ नही पड़ा के यह मेरे साथ क्या हुआ और मैं क्या देख रहा हू.
उसकी टी शर्ट उसके बदन से चिपकी हुई थी. वो अभी अभी अपनी फ्रेंड्स के साथ होली खेल के आई थी और अब मेरे साथ और अपनी बहेन ( मेरी वाइफ ) के साथ होली खेलना चाहती थी. चिपके बदन से शर्ट मे से दिखाई देती उसके वंडरफुल बूब्स की आउटलाइन पकड़ने और मसल्ने को इन्वाइट कर रहे थे.
ओह्ह्ह माइ माइ माइ माइ शी ईज़ जस्ट वंडरफुल. आइ वाज़ स्टंड टू सी हेर स्टॅंडिंग देर “विथ क्लियर विज़िबल बूब्स आंड पायंटेड निपल्स स्टेरिंग आंड इन्वाइटिंग प्राउड्ली अट मी” आंड शी ईज़ लाफिंग अट माइ प्रेज़ेंट पोज़िशन.
मेरे लंड मे मानो जान पड़ गई हो और वो एक दम से खड़ा हो गया और टवल के अंदर टेंट जैसा बन गया. सोनिया की आँखें मेरे टवल के अंदर ही अंदर मेरे तने लंड पे पड़ी और वो अपना मूह दबा के हस्ने लगी. इस से पहले के मैं कुछ और सोचता उसने थोड़ा और रंग मेरे बदन पे फेंक दिया. मुझे समझ नही आ रहा था के यह क्या हुआ और मैं क्या करूँ.
मेरे सामने मेरी बोहोत प्यारी बोहोत सुंदर साली अपने मस्त भीगे बदन के साथ खड़ी थी जिस को मैं अपने ख़यालों मे कई बार चोद चुक्का था. और मेरी फॅंटेसी के बारे मे मेरी वाइफ को कुछ पता नही था और मौका मिलने पर रियल मे चोदना चाहता था.
सोनिया मेरे ऊपेर रंग फेक के हँसती हुई और दौड़ती हुई अंदर चली गाइ. मैं तुरंत उसको पकड़ने के लिए आगे बढ़ा. जाते जाते डोर को एक हाथ से ज़ोर से बंद किया जिस से वो ऑटोमॅटिकली अंदर से बंद हो गया. अब वो आगे आगे थी और मैं उसके पीछे पीछे पकड़ने को भाग रहा था.
वो भागते भागते एक रूम मे घुस गई मैं उसके पीछे उस रूम मे घुस्स गया. वो वाहा से निकल कर दूसरे रूम मे घुस गई मैं उसको फॉलो करने लगा. मैं ने उसका पीछा करते करते एक डिब्बा कलर पाउडर का उठा लिया और उसके पीछे भागने लगा. और फाइनली वो भागते हुए घर के पीछे बने बॅक यार्ड गार्डेन मे चली गई वहाँ से वापस भागने का कोई रास्ता नही था. मैं ने वो डोर को बंद कर दिया. अब वो बिना मेरे हाथ लगे निकल नही सकती थी.
आज होली का त्योहार है. ऑफीस को होली की छुट्टी है. मैने ने अपनी वाइफ के साथ ल्यूक से पहले दोपेहेर मे ही होली खेल ली थी और हम दोनो ने बोहोत एंजाय किया था और फिर एक लंबी चुदाई का भी आनंद लिया था.
कियोंकि यह हमारी शादी के बाद की फर्स्ट होली थी, मेरी वाइफ अपनी सहेलियो के साथ शाम मे सब मिल के उसके फ्रेंड के घर मे होली खेलना चाहते थे इसी लिए वो अपनी फ्रेंड्स के घर को चली गई थी.
मैं लंच के बाद थोड़ा रेस्ट कर के उठ गया था और नहा धो के कपड़े बदल ने जा रहा था. सोचा था के शाम मे अपने मित्रों के साथ खूब होली खेलूँगा और हम सब मिल कर खूब धमाल मचाएँगे. अभी मैं स्नान करके बाथरूम से बाहर आया ही था के डोर पे किसी ने बेल बजाई और कंटिन्यू बेल बजने लगी. मैं ने घड़ी देखी तो तकरीबन शाम के 5 बजे थे लैकिन बोहोत घने बदल छा गये थे ऐसे लगता था जैसे रात हो गई हो. मैं ने सोचा के ऐसे टाइम पे कौन हो सकता है.
मैं सोच ही रहा था के कौन हो सकता है. पर डोर तो खोलना ही था कियों के बेल कंटिन्यू बज रही थी. मैं ने डोर खोला और मुझे एक ज़बरदस्त झटका लगा. मेरी साली ( वाइफ की छोटी बहेन ) सोनिया डोर पर खड़ी थी उसके होटो पे एक नॉटी स्माइल थी. अभी मैं अपने असचर्या से बाहर भी नही निकल पाया था के उसने मेरे बदन पे लिक्विड कलर फेंक दिया और हँसने लगी और कहा जीजा जी होली मुबारक हो.
क्योंकि मैं घर मे अकेला ही था और बॅस अभी अभी स्नान कर के बाथरूम से बाहर निकला था.मेरे गीले बदन पे सिवा एक टवल के और कुछ भी नही था जिस से मेरा आधा बदन ढका हुआ था. मेरे सारे बदन पे रंग गिर गया जिस से मेरी चेस्ट के घने बॉल मेरे बदन से चिपक गये.मुझे इस हाल मे देख के वो ताली बजा बजा के ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी.
सोनिया मेरी एक्लोति ही साली है. मैं अपनी साली सोनिया को बोहोत पसंद करता हूँ. वो है ही इतनी ब्यूटिफुल के किसी का भी लंड उसे देखते ही खड़ा हो जाए. उसका बदन तो क़यामत है 34 – 30 – 36 का उसका फिगर.
उसके बूब्स मुझे बोहोत आछे लगते हैं. हमेशा ही सोचता था के कभी मौका मिले तो उसको अपनी बाहों मे जाकड़ के खूब प्यार करूँगा और इन चुचिओ को ज़ोर ज़ोर से मसल दूँगा और चूस चूस का चुचिओ का सारा रस्स पी जाउन्गा और फिर उसको इतना चोदुन्गा के उसके मूह से पेन आंड प्लेषर की चीखें निकल जाएँ और अपने तगड़े मोटे लंड से उसकी टाइट वर्जिन चूत को फाड़ डालूँगा.
सोनिया बोहोत सुन्दर गोरे रंग की घाटेली बदन की लड़की है. उसकी हिरनी जैसे आँखों मे एक नशा सा है. उसके होन्ट इतने जुसी हैं के मंन करता के उसके होटो को सारी उमर चूस्ता ही रहूं. उसके मलाई जैसे चुचियाँ बोहोत सिडोल और कड़क हैं. एक दम से फुल शेप मे. जब कभी वो टी-शर्ट बिना ब्रस्सिएर के पेहेन्ति या कोई लाइट कलर की कमीज़ पेहेन्ति तो उसकी चुचिओ के ऊपेर से उसके पिंक निपल्स खड़े दिखाई देते और ऐसा लगता जैसे उसके निपल्स एग्ज़ाइट्मेंट मे खड़े हो गये हो और मूह को पुकार पुकार के इन्वाइट कर रहे हो के आओ और इन्है चूसो. चलती तो चुचियाँ ऐसे हिलती जैसे कह रही हो के आओ और पकड़ लो अगर तुम्हारे अंदर दम है तो.. और चूतड़ तो उफ्फ ऐसे चूतड़ कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए और ऐसे मटक मटक के चलती के लंड उसकी गंद मे घुसने को तड़प जाए.
हा तो वो मेरे सामने खड़ी थी. उसने बोहोत पतली सी बिना ब्रस्सिएर के लूज टी शर्ट और कॉटन के लूज स्लॅक्स (जॉगिंग पॅंट टाइप) पहना हुआ था. सामने खड़ी ऐसे लग रही थी जैसे आकाश से उतरी हुई कोई सुन्दर सी टेचनिकोलौर अप्सरा हो. मैं उसे देखते का देखते ही रह गया. थोड़ी देर तक तो मुझे कुछ समझ नही पड़ा के यह मेरे साथ क्या हुआ और मैं क्या देख रहा हू.
उसकी टी शर्ट उसके बदन से चिपकी हुई थी. वो अभी अभी अपनी फ्रेंड्स के साथ होली खेल के आई थी और अब मेरे साथ और अपनी बहेन ( मेरी वाइफ ) के साथ होली खेलना चाहती थी. चिपके बदन से शर्ट मे से दिखाई देती उसके वंडरफुल बूब्स की आउटलाइन पकड़ने और मसल्ने को इन्वाइट कर रहे थे.
ओह्ह्ह माइ माइ माइ माइ शी ईज़ जस्ट वंडरफुल. आइ वाज़ स्टंड टू सी हेर स्टॅंडिंग देर “विथ क्लियर विज़िबल बूब्स आंड पायंटेड निपल्स स्टेरिंग आंड इन्वाइटिंग प्राउड्ली अट मी” आंड शी ईज़ लाफिंग अट माइ प्रेज़ेंट पोज़िशन.
मेरे लंड मे मानो जान पड़ गई हो और वो एक दम से खड़ा हो गया और टवल के अंदर टेंट जैसा बन गया. सोनिया की आँखें मेरे टवल के अंदर ही अंदर मेरे तने लंड पे पड़ी और वो अपना मूह दबा के हस्ने लगी. इस से पहले के मैं कुछ और सोचता उसने थोड़ा और रंग मेरे बदन पे फेंक दिया. मुझे समझ नही आ रहा था के यह क्या हुआ और मैं क्या करूँ.
मेरे सामने मेरी बोहोत प्यारी बोहोत सुंदर साली अपने मस्त भीगे बदन के साथ खड़ी थी जिस को मैं अपने ख़यालों मे कई बार चोद चुक्का था. और मेरी फॅंटेसी के बारे मे मेरी वाइफ को कुछ पता नही था और मौका मिलने पर रियल मे चोदना चाहता था.
सोनिया मेरे ऊपेर रंग फेक के हँसती हुई और दौड़ती हुई अंदर चली गाइ. मैं तुरंत उसको पकड़ने के लिए आगे बढ़ा. जाते जाते डोर को एक हाथ से ज़ोर से बंद किया जिस से वो ऑटोमॅटिकली अंदर से बंद हो गया. अब वो आगे आगे थी और मैं उसके पीछे पीछे पकड़ने को भाग रहा था.
वो भागते भागते एक रूम मे घुस गई मैं उसके पीछे उस रूम मे घुस्स गया. वो वाहा से निकल कर दूसरे रूम मे घुस गई मैं उसको फॉलो करने लगा. मैं ने उसका पीछा करते करते एक डिब्बा कलर पाउडर का उठा लिया और उसके पीछे भागने लगा. और फाइनली वो भागते हुए घर के पीछे बने बॅक यार्ड गार्डेन मे चली गई वहाँ से वापस भागने का कोई रास्ता नही था. मैं ने वो डोर को बंद कर दिया. अब वो बिना मेरे हाथ लगे निकल नही सकती थी.