जब ज़ारा वॉशरूम से बाहर आई तो उस ने कहा कि नसीर मैं चलती हू इस से पहले कि कोई आ जाय और वो निकल गई
उस के जाने के 15 मिंट के बाद अम्मी भी आ गई और मुझे देखते ही मुस्कुराने लगी और कहा कि हां नसीर सकूँ मिला
तो मैं अम्मी की बात सुन के कुछ भी नही बोल पाया. मैं समझ गया था कि ज़ारा को अम्मी ने ही भेजा था
मैने मोके का फ़ायदा उठाने की सोची अभी घर मे कोई नही है अम्मी के अलावा और मैं मुस्कुराते हुए अम्मी के सीने से लग गया और अम्मी को एक किस भी कर दी छोटी सी होंटो पे. इस से पहले क अम्मी कुछ कहतीं या मैं कुछ और करता कि तभी मेन दरवाज़ा किसी ने खटखटा दिया .
फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है चाहे वो बाप हो या भाई
फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है चाहे वो बाप हो भाई-3
दरवाज़ा खोला तो सामने अपी और नेलु खड़ी थीं मैने उन को देख के दिल मे कहा कि क्या थोड़ी देर के बाद नही आ सकती थी
लेकिन मुँह पे तो नही कह सकता था ना
इसी लिए चुप चाप अपने रूम मे चला गया और जा के अभी कुछ देर पहले मैने अम्मी को जो किस की थी उस के बारे मे सोचने लगा
दुपेहर क खाने के बादमैने अम्मी से अली का पूछा तो अम्मी ने कहा कि वो नही आया
और मैं जा के रूम मे लेट गया और अम्मी का इंतज़ार करने लगा पता नही मुझे क्यो यक़ीन सा था कि अम्मी ज़रूर आएँगी
अम्मी कोई 3 बजे के करीब आ गई और मेरे पास बैठ कर कहने लगी कि नसीर अब बताओ तुम क्या चाहते हो पहले तो मैं चुप रहा लेकिन फिर मैने दिल बड़ा कर के कह ही दिया कि अम्मी आप मेरे लिए क्या कर सकती हो और अपने लंड जो कि उस वक़्त खड़ा हो रहा था को अम्मी के करीब हो के गांद पे लगा दिया किओं कि मैं उस वक़्त लेटा हुआ था और अम्मी बैठी थीं
मेरी इस हरक़त पे भी जब अम्मी ने कुछ नही कहा तो मेरा होसला बढ़ गया
कुछ देर के बाद अम्मी ने कहा कि बताओ ना बेटा कि तुम्हे क्या चाहिए तो मैने अम्मी को ये कहते हुए कि मैं क्या बताऊ अम्मी और ज़ियादा लिपट गया जिस मेरा लंड जो कि फुल खड़ा हो गया था उस टाइम अम्मी की गांद मे चुभने लगा
अम्मी मेरी इस हरक़त पे मेरी तरफ देखने लगीं लेकिन ना तो कुछ कहा और ना ही उठी
फिर अम्मी ने कहा कि नही नसीर ये ठीक नही है
मैने कहा कि अम्मी क्या ठीक नही है
अम्मी ने कहा कि नसीर जो तुम करना चाहते हो वो ठीक नही है
मैने कहा कि अम्मी मैं तो कुछ भी नही करना चाहता
अम्मी ने कहा तो फिर ये सब क्या कर रहे हो
उस वक़्त नज़ाने मुझे क्या हुआ कि मैने अम्मी से कह दिया कि अम्मी आप बाहर भी तो ये सब ही करती हो ना अगर मैं आप को घर मे ही ये मज़ा दे दू तो क्या बुराई है
अम्मी एक दम से खड़ी हो गई और कहने लगी कि नही नसीर ये ठीक नही है मैं ये नही कर सकती
और ये कह कर वो चली गई मैं अम्मी को जाते हुए देखता ही रहा और कुछ भी नही कर सका
मेरी समझ मे नही आ रहा था कि मैं क्या करू और अम्मी को अपने लिए कैसे मनाऊ
अम्मी के जाने के बाद मैं ये सब सोचता हुआ ही सो गया जब सो के उठा तो उस वक़्त अली भी आ गया था अपी ने पूछा कि भाई आप के लिए कोन से कपड़े निकाल दू
मैने कहा ये ही ठीक हैं तो अपी ने कहा कि भाई क्या आप इसी ड्रेस मे फ़ुपो के घर जाओ गे तो अचानक मेरे दिमाग़ मे आया कि अम्मी और फुफो की आपस मे नही बनती जिस का मतलब है कि अम्मी नही जाएँगी तो मैने कहा कि मैं नही जा रहा
अपी ने कहा भाई अब आप को क्या हुआ
मैने कहा कुछ नही मेरी बहना मेरी तबीयत कुछ खराब है इस लिए नही जा रहा और तुम लोग कब वापिस आ रहे हो
अपी ने कहा भाई हम सुबह वापिस आ जाएँगे
मैने कहा अच्छा ठीक है तुम लोग जाओ
अपी के जाते ही मैं फॉरन अपने रूम मे आ गया और आ के बेड पे लेट गया कि तभी अम्मी आ गई और कहा कि तुम्हे क्या हुआ
मैने कहा कि अम्मी पता नही क्या हुआ है मुझ से तो हिला भी नही जा रहा है
अम्मी मेरी बात सुन के परेशान हो गईं और कहने लगी अच्छा तुम आराम करो और किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो आवाज़ दे देना
मैने कहा जी अम्मी मैं बता दूँगा आप परेशान मत हों मेरी बात सुन कर अम्मी चली गई
अभी मैं सोच ही रहा था कि मैं वॉशरूम तो हो आऊ कि तभी अबू मेरे रूम मे आ गये
अबू ने आते ही कहा नसीर क्या हुआ मैने सुना है तुम्हारी तबीत ठीक नही है
मैने कहा जी अबू हिला नही जा रहा जिस्म मे दर्द हो रहा है
अबू ने कहा ठीक है तुम आराम करो मैने तुम्हारी मा को कह दिया है वो तुम्हारा ख्याल करे गी और वहाँ से चले गये
दरवाज़ा खोला तो सामने अपी और नेलु खड़ी थीं मैने उन को देख के दिल मे कहा कि क्या थोड़ी देर के बाद नही आ सकती थी
लेकिन मुँह पे तो नही कह सकता था ना
इसी लिए चुप चाप अपने रूम मे चला गया और जा के अभी कुछ देर पहले मैने अम्मी को जो किस की थी उस के बारे मे सोचने लगा
दुपेहर क खाने के बादमैने अम्मी से अली का पूछा तो अम्मी ने कहा कि वो नही आया
और मैं जा के रूम मे लेट गया और अम्मी का इंतज़ार करने लगा पता नही मुझे क्यो यक़ीन सा था कि अम्मी ज़रूर आएँगी
अम्मी कोई 3 बजे के करीब आ गई और मेरे पास बैठ कर कहने लगी कि नसीर अब बताओ तुम क्या चाहते हो पहले तो मैं चुप रहा लेकिन फिर मैने दिल बड़ा कर के कह ही दिया कि अम्मी आप मेरे लिए क्या कर सकती हो और अपने लंड जो कि उस वक़्त खड़ा हो रहा था को अम्मी के करीब हो के गांद पे लगा दिया किओं कि मैं उस वक़्त लेटा हुआ था और अम्मी बैठी थीं
मेरी इस हरक़त पे भी जब अम्मी ने कुछ नही कहा तो मेरा होसला बढ़ गया
कुछ देर के बाद अम्मी ने कहा कि बताओ ना बेटा कि तुम्हे क्या चाहिए तो मैने अम्मी को ये कहते हुए कि मैं क्या बताऊ अम्मी और ज़ियादा लिपट गया जिस मेरा लंड जो कि फुल खड़ा हो गया था उस टाइम अम्मी की गांद मे चुभने लगा
अम्मी मेरी इस हरक़त पे मेरी तरफ देखने लगीं लेकिन ना तो कुछ कहा और ना ही उठी
फिर अम्मी ने कहा कि नही नसीर ये ठीक नही है
मैने कहा कि अम्मी क्या ठीक नही है
अम्मी ने कहा कि नसीर जो तुम करना चाहते हो वो ठीक नही है
मैने कहा कि अम्मी मैं तो कुछ भी नही करना चाहता
अम्मी ने कहा तो फिर ये सब क्या कर रहे हो
उस वक़्त नज़ाने मुझे क्या हुआ कि मैने अम्मी से कह दिया कि अम्मी आप बाहर भी तो ये सब ही करती हो ना अगर मैं आप को घर मे ही ये मज़ा दे दू तो क्या बुराई है
अम्मी एक दम से खड़ी हो गई और कहने लगी कि नही नसीर ये ठीक नही है मैं ये नही कर सकती
और ये कह कर वो चली गई मैं अम्मी को जाते हुए देखता ही रहा और कुछ भी नही कर सका
मेरी समझ मे नही आ रहा था कि मैं क्या करू और अम्मी को अपने लिए कैसे मनाऊ
अम्मी के जाने के बाद मैं ये सब सोचता हुआ ही सो गया जब सो के उठा तो उस वक़्त अली भी आ गया था अपी ने पूछा कि भाई आप के लिए कोन से कपड़े निकाल दू
मैने कहा ये ही ठीक हैं तो अपी ने कहा कि भाई क्या आप इसी ड्रेस मे फ़ुपो के घर जाओ गे तो अचानक मेरे दिमाग़ मे आया कि अम्मी और फुफो की आपस मे नही बनती जिस का मतलब है कि अम्मी नही जाएँगी तो मैने कहा कि मैं नही जा रहा
अपी ने कहा भाई अब आप को क्या हुआ
मैने कहा कुछ नही मेरी बहना मेरी तबीयत कुछ खराब है इस लिए नही जा रहा और तुम लोग कब वापिस आ रहे हो
अपी ने कहा भाई हम सुबह वापिस आ जाएँगे
मैने कहा अच्छा ठीक है तुम लोग जाओ
अपी के जाते ही मैं फॉरन अपने रूम मे आ गया और आ के बेड पे लेट गया कि तभी अम्मी आ गई और कहा कि तुम्हे क्या हुआ
मैने कहा कि अम्मी पता नही क्या हुआ है मुझ से तो हिला भी नही जा रहा है
अम्मी मेरी बात सुन के परेशान हो गईं और कहने लगी अच्छा तुम आराम करो और किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो आवाज़ दे देना
मैने कहा जी अम्मी मैं बता दूँगा आप परेशान मत हों मेरी बात सुन कर अम्मी चली गई
अभी मैं सोच ही रहा था कि मैं वॉशरूम तो हो आऊ कि तभी अबू मेरे रूम मे आ गये
अबू ने आते ही कहा नसीर क्या हुआ मैने सुना है तुम्हारी तबीत ठीक नही है
मैने कहा जी अबू हिला नही जा रहा जिस्म मे दर्द हो रहा है
अबू ने कहा ठीक है तुम आराम करो मैने तुम्हारी मा को कह दिया है वो तुम्हारा ख्याल करे गी और वहाँ से चले गये
Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है चाहे वो बाप हो या भाई
अबू के जाने के बाद मैने सोचा कि अबी ऐसे ही लेटा रहना चाहिए नही तो पॉल खुल जाय गी कि मैं बीमार नही हूँ सिर्फ़ ड्रामा कर रहा हूँ
कुछ देर तो घर मे हलचल की आवाज़ें आती रही लेकिन फिर खामोशी छा गई
फिर अम्मी मेरे रूम मे आईं और कहा कि नसीर उठो और खाना खा लो मैने कहा कि अम्मी मुझे भूक नही है
अम्मी ने कहा चलो उठो मुझे पता है कि तुम ठीक हो और सिर्फ़ ड्रामा कर रहे हो
मैने कहा नही अम्मी मुझ से वाकई हिला भी नही जा रहा
तो अम्मी ने कहा नसीर क्या तुम वाक़ई बीमार हो
मैने कहा जी अम्मी
अम्मी ने कहा चलो मैं तुम्हे डॉक्टर के पास ले चलती हूँ मैने कहा नही अम्मी आप मुझे पेनाडॉल की 2 गोलियाँ दे दो मैं ठीक हो जाउन्गा
अम्मी गई और मेरे लिए खाना और 2 गोलियाँ ले आईं मैने खाना खाया और गोलियाँ छुपा दी
फिर अम्मी ने आ के बर्तन उठा लिए तो मैने कहा अम्मी प्लज़्ज़्ज़ मुझे उठाना नही किओं कि मैं आराम करूँगा तो मेरी तबीयत ठीक हो जाएगी
अम्मी मेरी बात से कुछ खुश नज़र आने लगी और मैं भी ये ही चाहता था कि अम्मी ने जो बनी करना है खुल के करें और मुझ से ना डरे
अम्मी के जाने के बाद मैं काफ़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और सोचता रहा क्या अम्मी किसी के साथ कुछ करेंगी आज रात कि नही
रात के करीब 11 का टाइम हो गा अम्मी मेरे रूम मे आईं और मुझे आवाज़ दी नसीर बेटा नसीर
लेकिन मैं चुप कर के लेटा रहा अम्मी मुझे कुछ देर आवाज़ देने के बाद चली गई
तभी मुझे बाहर का डोर खुलने और फिर बंद होने की आवाज़ सुनाई दी लेकिन मैं अपनी जगह से हिला भी नही क्योकि हो सकता है कि ये अम्मी की कोई चाल हो
मैं 30 मिंट तक इसी तरहा लेटा रहा लेकिन जब मुझे किसी तरफ से कोई आवाज़ नही सुनाई दी तो मैं आराम से उठा और बाहर निकल आया
बाहर आते ही मैं सीधा अम्मी के रूम की तरफ गया लेकिन रूम का डोर क्लोज़ था लाइट ऑन थी मैने आराम से डोर पे ज़ोर दिया लेकिन वो बंद था
मैं वहाँ से हटा और सीधा सीढ़ियो की तरफ गया और वहाँ से दीवार के रोशनदन को देखा लेकिन वहाँ भी मैं नही पहुच सकता था
फिर मैं विंडो की तरफ गया तो वो हल्की सी खुली हुई थी और मैं रूम मे देखने लगा रूम का पहला सीन जो मैने देखा वो बड़ा ही मस्त था
क्योकि अम्मी मेरे खलू अस्घर के लंड पे उछल रही थी और खलू बेड पे लेटे हुए थे
ये नज़ारा देख के मुझे मज़ा भी आया लेकिन अपनी गश्ती मा पे गुस्सा भी कि वो घर मे लंड को छोड़ के बाहर क्यो चुदने जाती है
ये सब सोचते ही मेरा लंड जो कि पहले ही खड़ा था बेकाबू होने लगा तबी रूम का मंज़र बदल गया अब अम्मी नीचे लेटी हुई थी और खलू ऊपर
क्योकि खलू की कमर मेरी तरफ थी इस लिए खलू तो मुझे नही देख सकते थे और देखते भी क्यो वो तो मज़े से मेरी मा चोद रहे थे
लेकिन अम्मी ने मुझे विंडो मे खड़ा हुआ देख लिया जैसे ही हमारी नज़र मिली मैने इशारे से कहा लगी रहो चुप चाप
और मैं उन दोनो की चुदाई देखने लगा खलू अम्मी की फूली हुई फुदी मे से अपना पूरा लंड निकालते और फिर पूरी ताक़त से घुसा देते मेरी मा की फुद्दि मे
कुछ देर इसी तरहा चुदाई के बाद खलू ने अपना लंड अम्मी की फुद्दि मे से बाहर निकाला और अम्मी को कहा कि चूसो
लेकिन अम्मी ने मना किया तो खलू ने कहा साली गश्ती पहली बार मुँह मे लेने के लिए तो नही कह रहा जल्दी कर मुझे जाना भी है
और फिर जैसे ही अम्मी ने खलू के लंड को अपने मुँह मे लिया पता नही मुझे क्या हुआ मेरे लंड मे से पानी निकलने लगा
पानी निकालने के बाद मैं अपने रूम मे आ गया तभी मुझे बाहर के डोर के खुलने और बंद होने की आवाज़ सुनाई दी जिस से मैं समझ गया कि खलू चले गये हैं
कुछ देर तो घर मे हलचल की आवाज़ें आती रही लेकिन फिर खामोशी छा गई
फिर अम्मी मेरे रूम मे आईं और कहा कि नसीर उठो और खाना खा लो मैने कहा कि अम्मी मुझे भूक नही है
अम्मी ने कहा चलो उठो मुझे पता है कि तुम ठीक हो और सिर्फ़ ड्रामा कर रहे हो
मैने कहा नही अम्मी मुझ से वाकई हिला भी नही जा रहा
तो अम्मी ने कहा नसीर क्या तुम वाक़ई बीमार हो
मैने कहा जी अम्मी
अम्मी ने कहा चलो मैं तुम्हे डॉक्टर के पास ले चलती हूँ मैने कहा नही अम्मी आप मुझे पेनाडॉल की 2 गोलियाँ दे दो मैं ठीक हो जाउन्गा
अम्मी गई और मेरे लिए खाना और 2 गोलियाँ ले आईं मैने खाना खाया और गोलियाँ छुपा दी
फिर अम्मी ने आ के बर्तन उठा लिए तो मैने कहा अम्मी प्लज़्ज़्ज़ मुझे उठाना नही किओं कि मैं आराम करूँगा तो मेरी तबीयत ठीक हो जाएगी
अम्मी मेरी बात से कुछ खुश नज़र आने लगी और मैं भी ये ही चाहता था कि अम्मी ने जो बनी करना है खुल के करें और मुझ से ना डरे
अम्मी के जाने के बाद मैं काफ़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और सोचता रहा क्या अम्मी किसी के साथ कुछ करेंगी आज रात कि नही
रात के करीब 11 का टाइम हो गा अम्मी मेरे रूम मे आईं और मुझे आवाज़ दी नसीर बेटा नसीर
लेकिन मैं चुप कर के लेटा रहा अम्मी मुझे कुछ देर आवाज़ देने के बाद चली गई
तभी मुझे बाहर का डोर खुलने और फिर बंद होने की आवाज़ सुनाई दी लेकिन मैं अपनी जगह से हिला भी नही क्योकि हो सकता है कि ये अम्मी की कोई चाल हो
मैं 30 मिंट तक इसी तरहा लेटा रहा लेकिन जब मुझे किसी तरफ से कोई आवाज़ नही सुनाई दी तो मैं आराम से उठा और बाहर निकल आया
बाहर आते ही मैं सीधा अम्मी के रूम की तरफ गया लेकिन रूम का डोर क्लोज़ था लाइट ऑन थी मैने आराम से डोर पे ज़ोर दिया लेकिन वो बंद था
मैं वहाँ से हटा और सीधा सीढ़ियो की तरफ गया और वहाँ से दीवार के रोशनदन को देखा लेकिन वहाँ भी मैं नही पहुच सकता था
फिर मैं विंडो की तरफ गया तो वो हल्की सी खुली हुई थी और मैं रूम मे देखने लगा रूम का पहला सीन जो मैने देखा वो बड़ा ही मस्त था
क्योकि अम्मी मेरे खलू अस्घर के लंड पे उछल रही थी और खलू बेड पे लेटे हुए थे
ये नज़ारा देख के मुझे मज़ा भी आया लेकिन अपनी गश्ती मा पे गुस्सा भी कि वो घर मे लंड को छोड़ के बाहर क्यो चुदने जाती है
ये सब सोचते ही मेरा लंड जो कि पहले ही खड़ा था बेकाबू होने लगा तबी रूम का मंज़र बदल गया अब अम्मी नीचे लेटी हुई थी और खलू ऊपर
क्योकि खलू की कमर मेरी तरफ थी इस लिए खलू तो मुझे नही देख सकते थे और देखते भी क्यो वो तो मज़े से मेरी मा चोद रहे थे
लेकिन अम्मी ने मुझे विंडो मे खड़ा हुआ देख लिया जैसे ही हमारी नज़र मिली मैने इशारे से कहा लगी रहो चुप चाप
और मैं उन दोनो की चुदाई देखने लगा खलू अम्मी की फूली हुई फुदी मे से अपना पूरा लंड निकालते और फिर पूरी ताक़त से घुसा देते मेरी मा की फुद्दि मे
कुछ देर इसी तरहा चुदाई के बाद खलू ने अपना लंड अम्मी की फुद्दि मे से बाहर निकाला और अम्मी को कहा कि चूसो
लेकिन अम्मी ने मना किया तो खलू ने कहा साली गश्ती पहली बार मुँह मे लेने के लिए तो नही कह रहा जल्दी कर मुझे जाना भी है
और फिर जैसे ही अम्मी ने खलू के लंड को अपने मुँह मे लिया पता नही मुझे क्या हुआ मेरे लंड मे से पानी निकलने लगा
पानी निकालने के बाद मैं अपने रूम मे आ गया तभी मुझे बाहर के डोर के खुलने और बंद होने की आवाज़ सुनाई दी जिस से मैं समझ गया कि खलू चले गये हैं