मेरे पति पलंग पर पीछे सहारा ले कर बैठे थे और मैं उनके उपर, उनकी छाती का सहारा ले कर बैठी हुई थी. मेरे पैर फैले हुए थे. उनका एक हाथ मेरी चुचियों से खेल रहा था तो उनका दूसरा हाथ मेरी चूत से खिलवाड़ कर रहा था. मुझे उनके इस खेल मे बहुत मज़ा आ रहा था पर मैं जल्दी ही चुदाई के लिए गरम होने लगी. और उनकी इन सेक्सी हरकतों की वजह से हम दोनो फिर से एक बार हमारा पसंदीदा खेल चुदाई चुदाई खेलने को तय्यार थे.
मेरे कहने पर वो ज़मीन पर, फिर से आईने के सामने खड़े हो गये और मैं उनके सामने खड़ी हो गई. हम दोनो आईने मे अच्छी तरह नज़र आ रहे थे. मैने अपने हाथों से उनकी गर्दन का पिच्छला हिस्सा पकड़ा और उन्होने अपने दोनो हाथों से मेरी कमर और गंद पकड़ी. फिर मैने एक छलाँग लगा कर, उनकी कमर को अपने पैरों से पकड़ लिया. मैं चाहती तो ये थी की मेरी इस हरकत से उनका तना हुआ लॉडा मेरी चूत मे एक झटके के साथ घुस जाए, मगर ऐसा नही हो सका. आप को मालूम ही है कि ये कितना मुश्किल काम है. अब मैं उनकी कमर को अपने पैरों से पकड़ कर लटकी हुई थी और उनके दोनो हाथ मेरी गंद के नीचे थे जो मुझे संभाले हुए थे. इसी तरह बिना उनका लंड पकड़े, उन्होने और मैने, दोनो ने, उनका लंड अपनी चूत मे डालने और डलवाने की कोशिश की. मैने कई बार अपनी नंगी गंद उपर नीचे की पर उनका लॉडा मेरी चूत मे ना घुस कर इधर उधर हो जाता. अंत मे मैने अपना एक हाथ उनकी गर्दन से हटाया और उनका टनटनाता हुआ लॉडा पकड़ कर अपनी रसीली गरम चूत मे घुसाया. मैने फिर से अपने हाथों से उनकी गर्दन पकड़ ली. मैं जैसे उनकी गर्दन मे अपने हाथ डाल कर, उनके हाथों पर अपने गंद रख कर बैठी हुई थी और मेरी चूत मे था उनका लंबा मोटा चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा. मैने अपनी गंद कुछ इस तरह से हिलाई और उन्होने भी अपनी कमर इस तरह अड्जस्ट की, के अब उनका लॉडा मेरी चूत मे पूरी तरह घुस चुका था और हम चुदाई के लिए पूरी तरह तय्यार थे. उनके उपर लटकी हुई मैं अब अपनी गंद उछाल उछाल कर हिला रही थी और इस तरह उनका लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर होता हुआ मुझे चोद्ने लगा, मेरी चूत को चोद्ने लगा. हम दोनो ने ही आईने मे अपने आप को चोद्ते और चुद्वाते हुए देखा. हम दोनो को ही अपने आप को देखते हुए चुदाई का आनंद आने लगा. मैं अपनी नंगी, गोल गोल गंद उनके हाथों पर रखे हुए उन के लौडे पर नाच रही थी और इस तरह उनका लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा.
इस बार मैं चाहती थी कि उनके लौडे का प्रेम रस, चुदाई का पानी मेरे साथ ही निकले, क्यों कि मैं तो तीन बार झाड़ चुकी थी पर उनके लंड से अभी तक केवल एक बार ही पानी निकला था. मैं चाहती थी कि अपने लंड रस से मेरी चूत को पूरी भर दें. मैं अपने छूटने झड़ने की तरफ बढ़ रही थी पर मैने अपना पूरा ज़ोर अपने आप को झड़ने से रोकने मे लगा दिया और चाहती थी कि मुझे झड़ने मे जितनी देर हो उतना ही ठीक है ताकि वो मेरी चूत मे अपने लंड का पानी मेरे झड़ने के साथ ही छ्चोड़ें. मैने महसूस किया कि उनको इस तरह खड़े खड़े, मुझे हाथों मे उठा कर चोद्ने मे थोड़ी तकलीफ़ हो रही है तो मैने उन से पलंग पर चलने को कहा.
बिना अपना लॉडा मेरी चूत से बाहर निकाले, वो मुझे पलंग तक ले आए. मैं उसी तरह उनका लंड अपनी चूत मे लिए बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर चौड़े कर लिए. अब वो आसानी से मुझे पुर ज़ोर शोर से चोद्ने लगे. उनका लंड हमेशा की तरह मेरी चूत की गहराइयों मे जाता और फिर बाहर निकल आता. फिर अंदर जाता और फिर बाहर निकल आता. वो ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी मुझे चोद्ने लगे और फिर से चुदाई का वोही संगीत फ़चा फॅक……….फ़चा फूच……फ़चा फॅक……….. रूम मे गूनगुनाने लगा. मेरी मस्त चुदाई हो रही थी…फाका फक…..फाका फक,,,,फाका फक. मेरी चूत इतनी बार झड़ने की वजह से इतनी गीली थी कि उनका इतना मोटा, इतना लंबा लॉडा भी मेरी चूत मे आराम से आ जा रहा था. उनकी चुदाई की रफ़्तार, उनके लौडे मे अधिक अकड़न और उनके सुपाडे को मेरी चूत मे आते जाते फूलते हुए महसूस करते हुए मैं समझ गई कि उनके लंड से पानी की धार निकालने मे ज़्यादा वक़्त नही है. मैं तो पहले से ही अपने झड़ने के करीब थी ही.
और हे भगवान…….. हम दोनो ही एक साथ ही ज़ोर से झाड़ गये, हमने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया और और उनका लंड मेरी चूत की गहराइयों मे घुसा हुआ अपना लंड रस मेरी चूत मे बरसाने लगा. उनका लॉडा नाच नाच कर अपना गरम गरम रस मेरी चूत मे निकाल रहा था. वो मेरे उपर, अपना लॉडा मेरी चूत मे डाले, मुझे पकड़े हुए लेटे हुए थे और हम दोनो ही अपने अपने झड़ने का मज़ा ले रहे थे. मैने उनका मूह चूम लिया.
कुछ समय बाद, उन्होने धीरे से अपने नरम होते लंड को मेरी चूत से निकाला तो उसके साथ ही उनके लंड से निकला रस मेरी चूत से निकले रस मे घुल मिल कर बाहर आ कर मेरी गंद की तरफ बहने लगा.
हम दोनो फिर से एक बार बाथरूम मे आए और एक दूसरे के नंगे बदन को सॉफ किया. जब वो शवर के नीचे खड़े हुए थे तो उनके बदन पर गिरता पानी उनके लंड से बहने लगा जैसे वो मूत रहे हो. मैं अपने आप को रोक नही सकी और उनके नरम लंड से बहते पानी को पीने लगी.
अपना बदन सॉफ कर के हम वापस बेडरूम मे आए. बाहर अभी भी बरसात हो रही थी और बिजलियाँ कड़क रही थी. लेकिन हमारे अंदर का चुदाई का तूफान शांत हो चुका था.
बातें करते करते हम कब एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे लिए सो गये, ये हमे पता ही नही चला.
क्रमशः...........................
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-24
गतान्क से आगे.....................
मेरे प्यारे दोस्तों,
जैसा कि मैने अपनी पिच्छली दास्तान मे वादा किया था, मैं आप की जूली फिर से हाज़िर हूँ अपनी चुदाई की दास्तान का अगला भाग ले कर. हमेशा की तरह इस बार भी आप को पता चलेगा कि मैने अपनी जिंदगी मे चुदाई का कोई भी मौका नही छ्चोड़ा है और मेरी आज की दास्तान इस का ताज़ा उदाहरण है. तो, बिना आप सब का ज़्यादा वक़्त लिए, मैं शुरू करती हूँ अपनी चुदाई की दास्तान कि कैसे मैने नीता को अपना लेज़्बीयन पार्ट्नर बनाया.
शाम का वक़्त था और मैं अपने घर मे अकेली थी. घर का कुछ काम करते हुए मैं अपने पति का इंतज़ार कर रही थी. शाम के करीब 5.00 बजे थे. मेरा प्रोग्राम अपने पति के साथ, उनके ऑफीस से आने के बाद, बाज़ार जाने का था और हम रात का खाना बाहर ही खाने वाले थे. मैने करीब करीब घर का सारा काम कर लिया था और फ्रेश होने के लिए मैने स्नान किया. मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई लेकिन मैने तय्यार होने की कोई कोशिश नही की. मैं जानती थी मेरे पति ऑफीस से आने के बाद, बाहर जाने से पहले मेरी एक फटाफट चुदाई ज़रूर करेंगे. अगर उन्होने शुरुआत नही की तो क्या है, मुझे पता है कि मैं ही शुरू कर दूँगी और अपने पति से जल्दी जल्दी, फटाफट चुद्वा लूँगी. मैने अपने नंगे बदन पर खुश्बू लगाई और अपने पति का पस्न्दीदा पारदर्शी गाउन अपने सेक्सी बदन पर पहन लिया.
अचानक, दरवाजे की घंटी बजी. मैने की होल से देखा तो बाहर मेरे पड़ोसी की खूबसूरत, सेक्सी, 19 साल की सेक्रेटरी नीता को खड़ा पाया. मैं जानती थी कि मेरी पड़ोसन तनु के अपने पति की सेक्रेटरी नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई के संबंध है. जैसा कि मैने अपनी पहले की दास्तान मे लिखा है कि मेरी पड़ोसन तनु एक शादी शुदा, लेकिन चुदाई मे असंतुष्ट औरत है. उसका पति उसको चोद कर उसकी प्यास नही बुझा सकता क्यों कि चुदाई करते वक़्त उसके लंड का पानी बहुत जल्दी निकल जाता है और तनु प्यासी की प्यासी ही रह जाती है. इसलिए, वो अपने पति की सेक्रेटरी नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई करती है. मैने दरवाजा खोला और नीता को अंदर आने को कहा. मैने ध्यान से उसे देखा. वो एक बहुत ही खूबसूरत, भोली सूरत वाली, तीखे नाक नक्श वाली लड़की है और उसका बदन बहुत ही सेक्सी है. उसने अपने कंधे पर एक बेग लटका रखा था. जैसा की मैने लिखा है, मैं चाहती थी कि मैं भी इस सेक्सी लड़की के साथ लेज़्बीयन चुदाई करूँ.
अंदर आते ही उसने ज़ोर की साँस ली और मेरे बदन पर लगाई गई खुसबू का आनंद लिया.
” वाउ……….आप इस गाउन मे बहुत सुंदर लग रही है. क्या आप के पति घर पर है? मैने आप को डिस्टर्ब तो नही किया? मैं माफी चाहती हूँ अगर आप को मेरी वजह से कोई भी तकलीफ़ हुई है तो.” वो बोली.
“नही. ऐसी कोई बात नही है. मैं अकेली ही हूँ. मैं तुम को जानती हूँ. तुम नीता हो ना? तूँ ज़रूर तनु से मिलने आई होगी” मैने कहा.
“हां. मैं तनु से ही मिलने आई हूँ पर वो घर पर नही है. मैने उसको फोन किया तो उसने बताया कि वो बाहर है और उसको आने मे ज़रा देर लगेगी. उसने मुझ से कहा कि या तो मैं आप के यहाँ से उनके फ्लॅट की चाबी ले कर उनके फ्लॅट मे उसका इंतज़ार करूँ या आप के घर मे बैठ कर उसका इंतज़ार करूँ. अगर आप को कोई परेशानी ना हो तो उसके फ्लॅट मे अकेली बैठने के बजाय मैं आप के साथ बातें करना पसंद करूँगी” उसने कहा.
“मुझे कोई परेशनी नही होगी. तुम मेरे पास बैठ कर तनु का इंतज़ार कर सकती हो. मैं तो अपने पति का इंतज़ार कर रही हूँ और हमारा दोनो का बाहर जाने का प्रोग्राम है. मीं उसी के लिए तय्यार हो रही थी.” मैने कहा
मुझे वो थोड़ी सी विचलित सी होती दिखी. मैने उस से कहा कि मेरे पति के आने मे अभी बहुत वक़्त है और वो तब तक आराम से मेरे फ्लॅट मे बैठे. और अगर तब तक तनु बाहर से वापस नही आई तो वो तनु के घर की चाबी ले कर तनु के घर मे जा सकती है. अब मैने उसके चेहरे पर संतोष देखा.
मैने उस से कहा कि मैं अपने लिए कॉफी बनाने जा रही थी, क्या वो मेरे साथ एक कप कॉफी पीना चाहेगी? उसने हां मे सिर हिलाया और अपने कंधे पर लटका बेग वहाँ सोफा के पास रख दिया. मैं कॉफी बनाने रसोई की ओर बढ़ी तो वो भी मेरे पीछे पीछे रसोई मे आ गई. वो लगातार मेरी खूबसूरती की, मेरी चाल की, मेरे सेक्सी बदन की तारीफ़ करती जा रही थी. उस ने मुझ से कहा कि जब मैं चलती हूँ तो मेरे कूल्हे बहुत मस्त अंदाज़ मे मटकते है. मैने अपने सेक्सी बदन की तारीफ़ मे उसकी बातें सुनते सुनते कॉफी बनाई और हम दोनो वापस बाहर के कमरे मे आ गई और सोफा पर बैठ कर कॉफी पीने लगी.
नीता ने एक शॉर्ट स्कर्ट और ढीला ढाला टॉप पहन रखा था. मुझे सॉफ सॉफ पता चल गया कि उसने अपने टॉप के नीचे ब्रा नही पहनी है. उसकी चुचियाँ आकार मे छोटी, गोल गोल थी और उसकी निप्पल्स तनी हुई सी लग रही थी. उसके टॉप के महीन कपड़े से अंदर का नज़ारा दिख रहा था. कॉफी पीते पीते मैने उस से पुछा कि क्या वो कॉफी के साथ कुछ खाना पसंद करेगी? तो वो बोली ” नही. सिर्फ़ कॉफी ही बहुत है. मैने दोपहर का खाना ऑफीस मे ज़रा देर से खाया था.” और इसी तरह हम इधर उधर की बातें करते रहे.
जब मेरे फोन की घंटी बजी तो मैं समझ गई कि ये ज़रूर मेरे पति का फोन होगा. और सचमुच ये उनका ही फोन था. मेरे फोन उठाते ही उन्होने फोन पर ही मुझे चुंबन दिया और मुझ से माफी माँगी कि वो आज मेरे साथ बाहर नही जा सकते क्यों कि उनके ऑफीस मे अचानक ही एक विदेशी बिज़्नेसमॅन आ गया है और उस के साथ मीटिंग मे काफ़ी समय जाएगा. उन्होने मुझे कहा कि वो अगले दिन मेरे साथ बाहर ज़रूर जाएँगे. मुझे थोड़ी सी निराशा हुई पर मैने उनसे कहा कि कोई बात नही और मैने भी फोन पर उनको वापस चुंबन दिया और फोन रख दिया.
गतान्क से आगे.....................
मेरे प्यारे दोस्तों,
जैसा कि मैने अपनी पिच्छली दास्तान मे वादा किया था, मैं आप की जूली फिर से हाज़िर हूँ अपनी चुदाई की दास्तान का अगला भाग ले कर. हमेशा की तरह इस बार भी आप को पता चलेगा कि मैने अपनी जिंदगी मे चुदाई का कोई भी मौका नही छ्चोड़ा है और मेरी आज की दास्तान इस का ताज़ा उदाहरण है. तो, बिना आप सब का ज़्यादा वक़्त लिए, मैं शुरू करती हूँ अपनी चुदाई की दास्तान कि कैसे मैने नीता को अपना लेज़्बीयन पार्ट्नर बनाया.
शाम का वक़्त था और मैं अपने घर मे अकेली थी. घर का कुछ काम करते हुए मैं अपने पति का इंतज़ार कर रही थी. शाम के करीब 5.00 बजे थे. मेरा प्रोग्राम अपने पति के साथ, उनके ऑफीस से आने के बाद, बाज़ार जाने का था और हम रात का खाना बाहर ही खाने वाले थे. मैने करीब करीब घर का सारा काम कर लिया था और फ्रेश होने के लिए मैने स्नान किया. मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई लेकिन मैने तय्यार होने की कोई कोशिश नही की. मैं जानती थी मेरे पति ऑफीस से आने के बाद, बाहर जाने से पहले मेरी एक फटाफट चुदाई ज़रूर करेंगे. अगर उन्होने शुरुआत नही की तो क्या है, मुझे पता है कि मैं ही शुरू कर दूँगी और अपने पति से जल्दी जल्दी, फटाफट चुद्वा लूँगी. मैने अपने नंगे बदन पर खुश्बू लगाई और अपने पति का पस्न्दीदा पारदर्शी गाउन अपने सेक्सी बदन पर पहन लिया.
अचानक, दरवाजे की घंटी बजी. मैने की होल से देखा तो बाहर मेरे पड़ोसी की खूबसूरत, सेक्सी, 19 साल की सेक्रेटरी नीता को खड़ा पाया. मैं जानती थी कि मेरी पड़ोसन तनु के अपने पति की सेक्रेटरी नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई के संबंध है. जैसा कि मैने अपनी पहले की दास्तान मे लिखा है कि मेरी पड़ोसन तनु एक शादी शुदा, लेकिन चुदाई मे असंतुष्ट औरत है. उसका पति उसको चोद कर उसकी प्यास नही बुझा सकता क्यों कि चुदाई करते वक़्त उसके लंड का पानी बहुत जल्दी निकल जाता है और तनु प्यासी की प्यासी ही रह जाती है. इसलिए, वो अपने पति की सेक्रेटरी नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई करती है. मैने दरवाजा खोला और नीता को अंदर आने को कहा. मैने ध्यान से उसे देखा. वो एक बहुत ही खूबसूरत, भोली सूरत वाली, तीखे नाक नक्श वाली लड़की है और उसका बदन बहुत ही सेक्सी है. उसने अपने कंधे पर एक बेग लटका रखा था. जैसा की मैने लिखा है, मैं चाहती थी कि मैं भी इस सेक्सी लड़की के साथ लेज़्बीयन चुदाई करूँ.
अंदर आते ही उसने ज़ोर की साँस ली और मेरे बदन पर लगाई गई खुसबू का आनंद लिया.
” वाउ……….आप इस गाउन मे बहुत सुंदर लग रही है. क्या आप के पति घर पर है? मैने आप को डिस्टर्ब तो नही किया? मैं माफी चाहती हूँ अगर आप को मेरी वजह से कोई भी तकलीफ़ हुई है तो.” वो बोली.
“नही. ऐसी कोई बात नही है. मैं अकेली ही हूँ. मैं तुम को जानती हूँ. तुम नीता हो ना? तूँ ज़रूर तनु से मिलने आई होगी” मैने कहा.
“हां. मैं तनु से ही मिलने आई हूँ पर वो घर पर नही है. मैने उसको फोन किया तो उसने बताया कि वो बाहर है और उसको आने मे ज़रा देर लगेगी. उसने मुझ से कहा कि या तो मैं आप के यहाँ से उनके फ्लॅट की चाबी ले कर उनके फ्लॅट मे उसका इंतज़ार करूँ या आप के घर मे बैठ कर उसका इंतज़ार करूँ. अगर आप को कोई परेशानी ना हो तो उसके फ्लॅट मे अकेली बैठने के बजाय मैं आप के साथ बातें करना पसंद करूँगी” उसने कहा.
“मुझे कोई परेशनी नही होगी. तुम मेरे पास बैठ कर तनु का इंतज़ार कर सकती हो. मैं तो अपने पति का इंतज़ार कर रही हूँ और हमारा दोनो का बाहर जाने का प्रोग्राम है. मीं उसी के लिए तय्यार हो रही थी.” मैने कहा
मुझे वो थोड़ी सी विचलित सी होती दिखी. मैने उस से कहा कि मेरे पति के आने मे अभी बहुत वक़्त है और वो तब तक आराम से मेरे फ्लॅट मे बैठे. और अगर तब तक तनु बाहर से वापस नही आई तो वो तनु के घर की चाबी ले कर तनु के घर मे जा सकती है. अब मैने उसके चेहरे पर संतोष देखा.
मैने उस से कहा कि मैं अपने लिए कॉफी बनाने जा रही थी, क्या वो मेरे साथ एक कप कॉफी पीना चाहेगी? उसने हां मे सिर हिलाया और अपने कंधे पर लटका बेग वहाँ सोफा के पास रख दिया. मैं कॉफी बनाने रसोई की ओर बढ़ी तो वो भी मेरे पीछे पीछे रसोई मे आ गई. वो लगातार मेरी खूबसूरती की, मेरी चाल की, मेरे सेक्सी बदन की तारीफ़ करती जा रही थी. उस ने मुझ से कहा कि जब मैं चलती हूँ तो मेरे कूल्हे बहुत मस्त अंदाज़ मे मटकते है. मैने अपने सेक्सी बदन की तारीफ़ मे उसकी बातें सुनते सुनते कॉफी बनाई और हम दोनो वापस बाहर के कमरे मे आ गई और सोफा पर बैठ कर कॉफी पीने लगी.
नीता ने एक शॉर्ट स्कर्ट और ढीला ढाला टॉप पहन रखा था. मुझे सॉफ सॉफ पता चल गया कि उसने अपने टॉप के नीचे ब्रा नही पहनी है. उसकी चुचियाँ आकार मे छोटी, गोल गोल थी और उसकी निप्पल्स तनी हुई सी लग रही थी. उसके टॉप के महीन कपड़े से अंदर का नज़ारा दिख रहा था. कॉफी पीते पीते मैने उस से पुछा कि क्या वो कॉफी के साथ कुछ खाना पसंद करेगी? तो वो बोली ” नही. सिर्फ़ कॉफी ही बहुत है. मैने दोपहर का खाना ऑफीस मे ज़रा देर से खाया था.” और इसी तरह हम इधर उधर की बातें करते रहे.
जब मेरे फोन की घंटी बजी तो मैं समझ गई कि ये ज़रूर मेरे पति का फोन होगा. और सचमुच ये उनका ही फोन था. मेरे फोन उठाते ही उन्होने फोन पर ही मुझे चुंबन दिया और मुझ से माफी माँगी कि वो आज मेरे साथ बाहर नही जा सकते क्यों कि उनके ऑफीस मे अचानक ही एक विदेशी बिज़्नेसमॅन आ गया है और उस के साथ मीटिंग मे काफ़ी समय जाएगा. उन्होने मुझे कहा कि वो अगले दिन मेरे साथ बाहर ज़रूर जाएँगे. मुझे थोड़ी सी निराशा हुई पर मैने उनसे कहा कि कोई बात नही और मैने भी फोन पर उनको वापस चुंबन दिया और फोन रख दिया.
Re: जुली को मिल गई मूली
मैं जब वापस सोफा पर बैठी तो मैने देखा की नीता थोड़ी खुश नज़र आ रही है. उसने मुझ से कहा कि उसने मुझे अपने पति से बात करते सुना है और अब जब की हमारा बाहर जाने का प्रोग्राम रद्द हो गया है तो उसको लगता है कि उसने मेरे घर आकर मुझे परेशान नही किया है. मैने उस से कहा कि मेरे पति को अब ऑफीस से आने मे काफ़ी वक़्त लगेगा और वो आराम से मेरे घर मे बैठ कर तनु का इंतज़ार कर सकती है.
क्यों कि मैने अपने गाउन के नीचे ब्रा और चड्डी नही पहन रखी थी, इस लिए मैं कपड़े पहन ने के लिए आलमरी की तरफ बढ़ी तो नीता ने मुझे रोक लिया. उस ने कहा कि मैं ऐसे ही बहुत अच्छी लग रही हूँ और वो मुझे ऐसे ही देखना चाहती है. उसने मुझे कहा कि हम दोनो ही लड़कियाँ हैं और इस तरह उसके सामने बैठने मे मुझे कोई परेशानी नही होनी चाहिए. मैने भी उसकी बात मान ली. उस ने मुझ से कहा कि मेरे पति बहुत ही भाग्यशाली है जो उनको मेरे जैसी खूबसूरत, सेक्सी और सेक्सी बदन वाली पत्नी मिली है.
वाउ……………….. जब वो एक बार झुकी तो मैने उसकी हिलती हुई चुचियों को, उसकी तीखी निप्पल्स को सॉफ सॉफ देखी. बहुत ही शानदार नज़ारा था. उस की चुचियों की दो गोल गोल पहाड़ियों और गहरी घाटी ने मेरा रक्त चाप बढ़ा दिया था. मेरे हाथ मे अब पूरा समय था और मैं इस मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठना चाहती थी. मैने जैसे ही नीता के साथ लेज़्बीयन खेल खेलने का विचार बनाया, मैं तो गरम होने लगी.
मैने जान बूझ कर अपने हाथ मे पकड़ी रुमाल नीता के सामने गिराई और उसे उठाने को फर्श पर झुकी, तो मैने उसकी फैली हुई सेक्सी टाँगों के बीच देखा. मेरी आँखें खुली की खुली रह गई जब मैने साफ साफ उसकी चूत को देखा. वो ब्रा तो नही पहनी हुई थी ये तो पहले ही पता चल चुका था और अब पता चला कि उसने चड्डी भी नही पहनी है. मुझे उसके पैरों के बीच से झाँकति चूत बहुत मस्त लगी. मैं जानती थी कि वो यहाँ तनु के साथ लेज़्बीयन खेल, चूत चूत का खेल खेलने आई है और शायद इसी लिए इसके लिए पूरी तरह तय्यार हो कर आई है. इसीलिए उसने ब्रा और चड्डी नही पहन रखी है. कुछ दिन पहले जब मैने तनु और नीता को आपस मे चूत चूत खेलते देखा था तो मैने बड़ी मुश्किल से अपने आप को उनके खेल मे शामिल होने से रोका था. मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि आज वो खुद मेरे घर चल कर आई है मेरे पास उसके साथ चूत चूत खेलने का पूरा मौका था. मैं जानती थी कि नीता को ये पता नही था कि मैं उस का राज़, उसके तनु के साथ लेज़्बीयन संबंध होने की बात जानती हूँ. मैने वो राज़ नीता के सामने खोलने का निस्चय किया ताकि उसको अपनी लेज़्बीयन पार्ट्नर बनाने मे आसानी हो.
मुझे भी चूत चूत का प्यार किए काफ़ी दिन हो गये थे. मैं जब गोआ मे थी, तब मैने अपनी बचपन की सहेली आंजेलीना के साथ और मेरे पति की पुरानी प्रेमिका अंजू के साथ लेज़्बीयन चुदाई की थी. वो सारी यादें मेरे दिमाग़ मे ताज़ा हो गई. मैं एक बार फिर लेज़्बीयन चुदाई का मज़ा नीता जैसी प्यारी और सेक्सी लड़की के साथ लेना चाहती थी.
मैने उसको बताया कि मैने उसको और टानू को कुछ दिन पहले तनु के घर मे लेज़्बीयन चुदाई करते हुए देखा है जब तनु के घर का दरवाजा शायद ग़लती से खुला रह गया था. मैने जैसे उसके सामने बम फोड़ दिया. वो ये सुन कर भोच्चाक्की रह गई. उस का चेहरा सफेद हो गया. उसको काटो तो जैसे खून नही. अपना राज़ खुलने के कारण वो बहुत घबरा गई थी. मैने उसको यकीन दिलाया कि उस का राज़ मेरे पास राज़ ही रहेगा और मैने उसको शांत करने की कोशिश की. धीरे धीरे वो नॉर्मल हो गई.
मुझे लग रहा था कि मैने सही समय पर सही बात की है. इस से हम दोनो को एक दूसरी के साथ खुलने मे और चुदाई की बातें करने मे आसानी होगी. मैं इस मौके को अपने हाथ से नही जाने देना चाहती थी क्यों कि नीता एक बहुत ही सेक्सी, भोली सी, प्यारी सी लड़की थी. वो भी अब मेरे साथ खुलने लगी थी और अब हम दोनो आराम से, खुल कर सेक्स और चुदाई की बातें करने लगे थी.
उस ने मुझे अपने बारे मे बताया. उस ने कहा कि वो मंजीत सिंग (तनु का पति) की दूर की रिश्तेदार है और वो उसके ऑफीस मे उसकी सेक्रेटरी का काम करती है. वो देल्ही के बाहरी हिस्से मे अपनी मा के साथ रहती है. उस ने मुझे ये भी बताया कि वो अब कुँवारी नही है. तनु के पति मंजीत सिंग ने करीब 6 महीने पहले उसकी कुंवारेपन की सील तोड़ दी थी. मुझे ये सुन कर आस्चर्य हुआ क्यों कि मुझे पता था कि मंजीत सींग किसी भी औरत को पूरी तरह चोद कर संतुष्ट नही कर सकता था. मुझे बहुत आस्चर्य हुआ कि जो आदमी अपनी पत्नी को चोद कर संतुष्ट नही कर सकता, वो अपने घर के बाहर, अपने ऑफीस मे काम करने वाली एक 19 साल की लड़की को चोद्ता है. मैने नीता से पुछा कि क्या मंजीत सिंग पूरा मर्द है और उस को चोद कर पूरी तरह संतुष्ट करता है, तो उस ने बताया कि वो चुदाई मे बहुत कमजोर है और चोद्ते हुए बहुत जल्दी उसके लंड का पानी निकल जाता है. उस ने ये भी बताया कि वो उसका मालिक है और वो उसे चोद्ने के अलग से पैसे भी देता है, इसलिए वो इस बात की परवाह नही करती कि वो उसको कितना चोद पाता है. वो उसको अपने ऑफीस मे, सोफे पर, साप्ताह मे एक या दो बार ही चोद्ता है. हमेशा ही वो उसको बिना पूरे कपड़े उतारे हुए ही चोद देता है. ज़्यादातर वो उसके नीचे पहना हुआ कपड़ा और चड्डी उतारता है और अपनी पॅंट और चड्डी उतार कर ही चोद्ता है. हमेशा वो उसको जल्दी जल्दी चोद्ता है और जल्दी ही उसके लौडे का पानी भी निकल जाता है. वो बिना किस किए, बिना उसकी चुचियाँ दबाए, बिना प्यार किए, सीधा उसकी चूत मे लंड डालता है और चुदाई शुरू कर देता है. उस की चूत तो गीली भी नही हो पाती, वो तो पूरी तरह गरम भी नही हो पाती और तब तक उसके लंड से पानी निकल जाता है. उस से चुद्वा कर वो कभी भी नही झड़ी है. वो तनु के साथ लेज़्बीयन चुदाई कर के अपनी प्यास बुझाती है. तनु भी उसके साथ पूरी तरह संतुष्ट होती है. उस ने मुझे ये भी बताया कि तनु को पता नही है कि उसका पति उसको चोद्ता है.
क्यों कि मैने अपने गाउन के नीचे ब्रा और चड्डी नही पहन रखी थी, इस लिए मैं कपड़े पहन ने के लिए आलमरी की तरफ बढ़ी तो नीता ने मुझे रोक लिया. उस ने कहा कि मैं ऐसे ही बहुत अच्छी लग रही हूँ और वो मुझे ऐसे ही देखना चाहती है. उसने मुझे कहा कि हम दोनो ही लड़कियाँ हैं और इस तरह उसके सामने बैठने मे मुझे कोई परेशानी नही होनी चाहिए. मैने भी उसकी बात मान ली. उस ने मुझ से कहा कि मेरे पति बहुत ही भाग्यशाली है जो उनको मेरे जैसी खूबसूरत, सेक्सी और सेक्सी बदन वाली पत्नी मिली है.
वाउ……………….. जब वो एक बार झुकी तो मैने उसकी हिलती हुई चुचियों को, उसकी तीखी निप्पल्स को सॉफ सॉफ देखी. बहुत ही शानदार नज़ारा था. उस की चुचियों की दो गोल गोल पहाड़ियों और गहरी घाटी ने मेरा रक्त चाप बढ़ा दिया था. मेरे हाथ मे अब पूरा समय था और मैं इस मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठना चाहती थी. मैने जैसे ही नीता के साथ लेज़्बीयन खेल खेलने का विचार बनाया, मैं तो गरम होने लगी.
मैने जान बूझ कर अपने हाथ मे पकड़ी रुमाल नीता के सामने गिराई और उसे उठाने को फर्श पर झुकी, तो मैने उसकी फैली हुई सेक्सी टाँगों के बीच देखा. मेरी आँखें खुली की खुली रह गई जब मैने साफ साफ उसकी चूत को देखा. वो ब्रा तो नही पहनी हुई थी ये तो पहले ही पता चल चुका था और अब पता चला कि उसने चड्डी भी नही पहनी है. मुझे उसके पैरों के बीच से झाँकति चूत बहुत मस्त लगी. मैं जानती थी कि वो यहाँ तनु के साथ लेज़्बीयन खेल, चूत चूत का खेल खेलने आई है और शायद इसी लिए इसके लिए पूरी तरह तय्यार हो कर आई है. इसीलिए उसने ब्रा और चड्डी नही पहन रखी है. कुछ दिन पहले जब मैने तनु और नीता को आपस मे चूत चूत खेलते देखा था तो मैने बड़ी मुश्किल से अपने आप को उनके खेल मे शामिल होने से रोका था. मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि आज वो खुद मेरे घर चल कर आई है मेरे पास उसके साथ चूत चूत खेलने का पूरा मौका था. मैं जानती थी कि नीता को ये पता नही था कि मैं उस का राज़, उसके तनु के साथ लेज़्बीयन संबंध होने की बात जानती हूँ. मैने वो राज़ नीता के सामने खोलने का निस्चय किया ताकि उसको अपनी लेज़्बीयन पार्ट्नर बनाने मे आसानी हो.
मुझे भी चूत चूत का प्यार किए काफ़ी दिन हो गये थे. मैं जब गोआ मे थी, तब मैने अपनी बचपन की सहेली आंजेलीना के साथ और मेरे पति की पुरानी प्रेमिका अंजू के साथ लेज़्बीयन चुदाई की थी. वो सारी यादें मेरे दिमाग़ मे ताज़ा हो गई. मैं एक बार फिर लेज़्बीयन चुदाई का मज़ा नीता जैसी प्यारी और सेक्सी लड़की के साथ लेना चाहती थी.
मैने उसको बताया कि मैने उसको और टानू को कुछ दिन पहले तनु के घर मे लेज़्बीयन चुदाई करते हुए देखा है जब तनु के घर का दरवाजा शायद ग़लती से खुला रह गया था. मैने जैसे उसके सामने बम फोड़ दिया. वो ये सुन कर भोच्चाक्की रह गई. उस का चेहरा सफेद हो गया. उसको काटो तो जैसे खून नही. अपना राज़ खुलने के कारण वो बहुत घबरा गई थी. मैने उसको यकीन दिलाया कि उस का राज़ मेरे पास राज़ ही रहेगा और मैने उसको शांत करने की कोशिश की. धीरे धीरे वो नॉर्मल हो गई.
मुझे लग रहा था कि मैने सही समय पर सही बात की है. इस से हम दोनो को एक दूसरी के साथ खुलने मे और चुदाई की बातें करने मे आसानी होगी. मैं इस मौके को अपने हाथ से नही जाने देना चाहती थी क्यों कि नीता एक बहुत ही सेक्सी, भोली सी, प्यारी सी लड़की थी. वो भी अब मेरे साथ खुलने लगी थी और अब हम दोनो आराम से, खुल कर सेक्स और चुदाई की बातें करने लगे थी.
उस ने मुझे अपने बारे मे बताया. उस ने कहा कि वो मंजीत सिंग (तनु का पति) की दूर की रिश्तेदार है और वो उसके ऑफीस मे उसकी सेक्रेटरी का काम करती है. वो देल्ही के बाहरी हिस्से मे अपनी मा के साथ रहती है. उस ने मुझे ये भी बताया कि वो अब कुँवारी नही है. तनु के पति मंजीत सिंग ने करीब 6 महीने पहले उसकी कुंवारेपन की सील तोड़ दी थी. मुझे ये सुन कर आस्चर्य हुआ क्यों कि मुझे पता था कि मंजीत सींग किसी भी औरत को पूरी तरह चोद कर संतुष्ट नही कर सकता था. मुझे बहुत आस्चर्य हुआ कि जो आदमी अपनी पत्नी को चोद कर संतुष्ट नही कर सकता, वो अपने घर के बाहर, अपने ऑफीस मे काम करने वाली एक 19 साल की लड़की को चोद्ता है. मैने नीता से पुछा कि क्या मंजीत सिंग पूरा मर्द है और उस को चोद कर पूरी तरह संतुष्ट करता है, तो उस ने बताया कि वो चुदाई मे बहुत कमजोर है और चोद्ते हुए बहुत जल्दी उसके लंड का पानी निकल जाता है. उस ने ये भी बताया कि वो उसका मालिक है और वो उसे चोद्ने के अलग से पैसे भी देता है, इसलिए वो इस बात की परवाह नही करती कि वो उसको कितना चोद पाता है. वो उसको अपने ऑफीस मे, सोफे पर, साप्ताह मे एक या दो बार ही चोद्ता है. हमेशा ही वो उसको बिना पूरे कपड़े उतारे हुए ही चोद देता है. ज़्यादातर वो उसके नीचे पहना हुआ कपड़ा और चड्डी उतारता है और अपनी पॅंट और चड्डी उतार कर ही चोद्ता है. हमेशा वो उसको जल्दी जल्दी चोद्ता है और जल्दी ही उसके लौडे का पानी भी निकल जाता है. वो बिना किस किए, बिना उसकी चुचियाँ दबाए, बिना प्यार किए, सीधा उसकी चूत मे लंड डालता है और चुदाई शुरू कर देता है. उस की चूत तो गीली भी नही हो पाती, वो तो पूरी तरह गरम भी नही हो पाती और तब तक उसके लंड से पानी निकल जाता है. उस से चुद्वा कर वो कभी भी नही झड़ी है. वो तनु के साथ लेज़्बीयन चुदाई कर के अपनी प्यास बुझाती है. तनु भी उसके साथ पूरी तरह संतुष्ट होती है. उस ने मुझे ये भी बताया कि तनु को पता नही है कि उसका पति उसको चोद्ता है.