मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानीcompleet
Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी
काफ़ी दिनों बाद लागीग हुआ अब पतिकिया में मज़ा आयेगा
Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी
आपका स्वागत हैlalaora wrote:काफ़ी दिनों बाद लागीग हुआ अब पतिकिया में मज़ा आयेगा
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गतान्क से आगे.....................
जो नेहा की चुचियो को छुपाए हुए थी. और नेहा की कमर के नीचे रेड कलर की वशेप पॅंटी भी सॉफ नज़र आ रही थी. जैसे ही नेहा टेबल के पास आई. अभी ने नेहा का हाथ पकड़ कर खींच कर उसे अपनी गोद मे बैठा लिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. मेरे तो दिल की धड़ेक़ने बढ़ गयी. नेहा ने अपने हाथों से अपने फेस को छुपा लिया
अभी नेहा को मुस्करा कर देखने लगा. और नेहा के हाथों को उसके फेस से हटाते हुए बोला.
अभी: क्या हुआ शर्मा क्यों रही हो. यहाँ कोई बाहर वाला तो नही है. क्यों रचना मे सही कह रहा हूँ ना.
मे: (एक दम से चोन्क्ते हुए) जी बाबू जी.
और नेहा के हाथों को उसके फेस से हटा कर अभी ने उसकी कमर मे अपना हाथ डाल कर उसे अपने से सटा लिया.
अभी: नेहा तुम सच मे आज बहुत सेक्सी लग रही हो. चलो खाना खाते हैं.
नेहा: (मेरी तरफ तिरछी नज़रों से देखते हुए) मुझे छोड़ो बाबू जी.
अभी: नही आज तुम मेरी गोद मे बैठ कर मुझे खाना खिलाओगी.
नेहा ने मेरी तरफ देखते हुए इशारा किया. मे सर को झुकये प्लेट मे देख रही थी. पर बीच-2 मे तिरछी नज़रों से देख रही थी.
अभी: क्यों रचना. देखो ना में इसके लिए कितने महँगे गिफ्ट्स लेकर आया हूँ. इसे मुझे अपने हाथों से खाना खिलाना चाहिए ना.
मे: (मे अब अभी को क्या कह सकती थी.) जी बाबू जी.
और नेहा चुप चाप अभी की गोद मे बैठी हुई अभी को अपने हाथों से खाना खिलाने लगी. अभी नेहा की जाँघो को धीरे-2 सहला रहा था. नेहा के गाल एक दम लाल हो चुके थे. वो अपनी नज़रों को उठा नही पा रही थी. जैसे तैसे मेने खाना ख़तम किया. और अपनी प्लेट को उठा कर किचन मे आ गयी. नेहा और अभी ने भी खाना खा लिया था. अब मुझे कपड़ो को धोना था. सो मे कपड़े को लेकर बाहर वाले बाथरूम मे आ गयी. बाहर का बाथरूम काफ़ी बड़ा था.
मे कपड़े धोने लगी. नेहा अपने रूम मे थी. और अभी अपने पापा से नेट पर बात कर रहा था. मेने करीब-2 सारे कपड़े धो लाए थे. बस जो कपड़े मेने पहने थे. वो गीले हो चुके थे. मेने सोचा पहले कपड़ो को छत पर सुखाने के लिए डाल कर आती हूँ. फिर पहनी हुई सलवार कमीज़ को धो कर दूसरे कपड़े पहन लूँगी. और साथ मे नहा भी लूँगी. मे ऊपेर कपड़े सूखने के लिए डाल आई. और खाली बाल्टी (बकेट) को रखने के लिए बाथरूम मे आ गयी.
मे: (अपने आप से ) आज तो बहुत थक गयी हूँ. चलो दूसरे कपड़े ला कर नहा लेती हूँ.
जैसे ही मे बाथरूम से रूम मे कपड़े लेने के लिए निकली. तो अभी बाथरूम के बाहर खड़ा था. अभी ने मुझे वापिस बाथरूम मे धेकल दिया. उसके हाथ मे कल वाली रात वाली बेड शीट थी.
अभी: इसे नही धोया. देख ना इसमे नेहा की चूत का खून और काम रस लगा हुआ है. नेहा की चूत भी तेरी जैसे बहुत पानी उग्ल्ति है साली.
मे अभी की बात को सुन कर एक दम से शर्मा गयी. और अभी के हाथ से बेड शीट लेकर नीचे फरश पर रख दी.
मे: बाबू जी अभी धो देती हूँ.
और ये कह कर मे बाथरूम से बाहर जाने लगी. जैसे ही मे आगे बढ़ी. अभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. और मुझे अपने से चिपका लिया. अभी का तना हुआ लंड मेरी सलवार के ऊपेर से मेरे चुतड़ों पर रगड़ खाने लगा. अभी ने मेरी चुचियो को अपने हाथों मे लेकर ज़ोर से मसल दिया.
मे: आह बाबू जीयी क्या कर रहे हो ह नहाआ इधार्ररर आ जाई जी.
पर अभी ने मेरी बात पर ध्यान नही दिया. और मेरी चुचियो को मसलने लगा. मे मस्ती मे आ कर अह्ह्ह्ह ओह कर रही थी. पर ये भी डर था के नेहा इधर ना आ जाए. फिर्र तभी अभी ने मुझे अपनी तरफ घुमाया. और बेड शीट की तरफ इशारा करते हुए.
अभी: चल इस पर घुटनो के बल बैठ.
ये कहते हुए अभी ने अपना पयज़ामा उतार दिया. और टाँग दिया.. फिर अभी ने अपने अंडरवेर को अपने घुटनो तक नीचे कर दिया. अभी के तना हुआ मुन्सल सा मोटा लंड देख मेरी चूत मे खुजली होनी शुरू हो गयी. मे कल रात से नेहा की चुदाई देख रही थी. और मेरी चूत अपने आँसू बहा कर मुझे कोस रही थी.
मैं बेड शीट को फरश पर ठीक से बिछा कर अभी के सामने घुटनो के बल बैठ गयी. और अभी के लंड को हाथ मे लेकर उसकी चॅम्डी पीछे करके गुलाबी सुपाडे को बाहर निकाल लिया. अभी के लंड के गुलाबी सुपाडे को देखते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया.
और मेने अभी के लंड के सुपाडे को मुँह खोल कर मुँह मे ले लिया. और अपने होंटो को लंड के सुपाडे पर कस के चूसने लगी. अभी ने मेरे खुले हुए बालों को कस के पकड़ लिया. और अपनी कमर को हिला-2 कर मेरे मुँह मे अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करने लगा. मेरे मुँह से पट्च-2 की आवाज़ आने लगी.
अभी: अहह राअंड और जोर्र्र सीए चुस्स्स्स्स अहह बहुत मज्जा आ रहा है.
मे अभी की बातों को सुन कर गरम होने लगी. और अभी के लंड को मुँह मे और तेज़ी से चूसने लगी. अभी का लंड एक दम लोहे की रोड की तरहा सख़्त हो चुका था. अभी ने अपनी कमर को पीछे करके अपने लंड को मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया. और झुक कर मेरी कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया.
गतान्क से आगे.....................
जो नेहा की चुचियो को छुपाए हुए थी. और नेहा की कमर के नीचे रेड कलर की वशेप पॅंटी भी सॉफ नज़र आ रही थी. जैसे ही नेहा टेबल के पास आई. अभी ने नेहा का हाथ पकड़ कर खींच कर उसे अपनी गोद मे बैठा लिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. मेरे तो दिल की धड़ेक़ने बढ़ गयी. नेहा ने अपने हाथों से अपने फेस को छुपा लिया
अभी नेहा को मुस्करा कर देखने लगा. और नेहा के हाथों को उसके फेस से हटाते हुए बोला.
अभी: क्या हुआ शर्मा क्यों रही हो. यहाँ कोई बाहर वाला तो नही है. क्यों रचना मे सही कह रहा हूँ ना.
मे: (एक दम से चोन्क्ते हुए) जी बाबू जी.
और नेहा के हाथों को उसके फेस से हटा कर अभी ने उसकी कमर मे अपना हाथ डाल कर उसे अपने से सटा लिया.
अभी: नेहा तुम सच मे आज बहुत सेक्सी लग रही हो. चलो खाना खाते हैं.
नेहा: (मेरी तरफ तिरछी नज़रों से देखते हुए) मुझे छोड़ो बाबू जी.
अभी: नही आज तुम मेरी गोद मे बैठ कर मुझे खाना खिलाओगी.
नेहा ने मेरी तरफ देखते हुए इशारा किया. मे सर को झुकये प्लेट मे देख रही थी. पर बीच-2 मे तिरछी नज़रों से देख रही थी.
अभी: क्यों रचना. देखो ना में इसके लिए कितने महँगे गिफ्ट्स लेकर आया हूँ. इसे मुझे अपने हाथों से खाना खिलाना चाहिए ना.
मे: (मे अब अभी को क्या कह सकती थी.) जी बाबू जी.
और नेहा चुप चाप अभी की गोद मे बैठी हुई अभी को अपने हाथों से खाना खिलाने लगी. अभी नेहा की जाँघो को धीरे-2 सहला रहा था. नेहा के गाल एक दम लाल हो चुके थे. वो अपनी नज़रों को उठा नही पा रही थी. जैसे तैसे मेने खाना ख़तम किया. और अपनी प्लेट को उठा कर किचन मे आ गयी. नेहा और अभी ने भी खाना खा लिया था. अब मुझे कपड़ो को धोना था. सो मे कपड़े को लेकर बाहर वाले बाथरूम मे आ गयी. बाहर का बाथरूम काफ़ी बड़ा था.
मे कपड़े धोने लगी. नेहा अपने रूम मे थी. और अभी अपने पापा से नेट पर बात कर रहा था. मेने करीब-2 सारे कपड़े धो लाए थे. बस जो कपड़े मेने पहने थे. वो गीले हो चुके थे. मेने सोचा पहले कपड़ो को छत पर सुखाने के लिए डाल कर आती हूँ. फिर पहनी हुई सलवार कमीज़ को धो कर दूसरे कपड़े पहन लूँगी. और साथ मे नहा भी लूँगी. मे ऊपेर कपड़े सूखने के लिए डाल आई. और खाली बाल्टी (बकेट) को रखने के लिए बाथरूम मे आ गयी.
मे: (अपने आप से ) आज तो बहुत थक गयी हूँ. चलो दूसरे कपड़े ला कर नहा लेती हूँ.
जैसे ही मे बाथरूम से रूम मे कपड़े लेने के लिए निकली. तो अभी बाथरूम के बाहर खड़ा था. अभी ने मुझे वापिस बाथरूम मे धेकल दिया. उसके हाथ मे कल वाली रात वाली बेड शीट थी.
अभी: इसे नही धोया. देख ना इसमे नेहा की चूत का खून और काम रस लगा हुआ है. नेहा की चूत भी तेरी जैसे बहुत पानी उग्ल्ति है साली.
मे अभी की बात को सुन कर एक दम से शर्मा गयी. और अभी के हाथ से बेड शीट लेकर नीचे फरश पर रख दी.
मे: बाबू जी अभी धो देती हूँ.
और ये कह कर मे बाथरूम से बाहर जाने लगी. जैसे ही मे आगे बढ़ी. अभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. और मुझे अपने से चिपका लिया. अभी का तना हुआ लंड मेरी सलवार के ऊपेर से मेरे चुतड़ों पर रगड़ खाने लगा. अभी ने मेरी चुचियो को अपने हाथों मे लेकर ज़ोर से मसल दिया.
मे: आह बाबू जीयी क्या कर रहे हो ह नहाआ इधार्ररर आ जाई जी.
पर अभी ने मेरी बात पर ध्यान नही दिया. और मेरी चुचियो को मसलने लगा. मे मस्ती मे आ कर अह्ह्ह्ह ओह कर रही थी. पर ये भी डर था के नेहा इधर ना आ जाए. फिर्र तभी अभी ने मुझे अपनी तरफ घुमाया. और बेड शीट की तरफ इशारा करते हुए.
अभी: चल इस पर घुटनो के बल बैठ.
ये कहते हुए अभी ने अपना पयज़ामा उतार दिया. और टाँग दिया.. फिर अभी ने अपने अंडरवेर को अपने घुटनो तक नीचे कर दिया. अभी के तना हुआ मुन्सल सा मोटा लंड देख मेरी चूत मे खुजली होनी शुरू हो गयी. मे कल रात से नेहा की चुदाई देख रही थी. और मेरी चूत अपने आँसू बहा कर मुझे कोस रही थी.
मैं बेड शीट को फरश पर ठीक से बिछा कर अभी के सामने घुटनो के बल बैठ गयी. और अभी के लंड को हाथ मे लेकर उसकी चॅम्डी पीछे करके गुलाबी सुपाडे को बाहर निकाल लिया. अभी के लंड के गुलाबी सुपाडे को देखते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया.
और मेने अभी के लंड के सुपाडे को मुँह खोल कर मुँह मे ले लिया. और अपने होंटो को लंड के सुपाडे पर कस के चूसने लगी. अभी ने मेरे खुले हुए बालों को कस के पकड़ लिया. और अपनी कमर को हिला-2 कर मेरे मुँह मे अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करने लगा. मेरे मुँह से पट्च-2 की आवाज़ आने लगी.
अभी: अहह राअंड और जोर्र्र सीए चुस्स्स्स्स अहह बहुत मज्जा आ रहा है.
मे अभी की बातों को सुन कर गरम होने लगी. और अभी के लंड को मुँह मे और तेज़ी से चूसने लगी. अभी का लंड एक दम लोहे की रोड की तरहा सख़्त हो चुका था. अभी ने अपनी कमर को पीछे करके अपने लंड को मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया. और झुक कर मेरी कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया.