dsi sex - ससुर जी ओर बहु - sasur or bahu ki chudai ki kahani
Re: dsi sex - ससुर जी ओर बहु - sasur or bahu ki chudai ki ka
थोड़ी देर के रमेश अपनी सास को बिस्तर पर लेटा कर उसकि चूत से अपना मुंह लगा दिया और अपने जीभ से उसकि चूत को ्चाटना शुरु कर दिया। चूत में जैसे ही रमेश की जीभ घुसी तो रजनी जी अपनी कमर उचकते हुए बोली, “उम्मम्म, अह्हह, ऊइ मा, राजा अभी छोड़ो ना क्यूं तड़पाते हो, मैं जल रही हूं, तुम्हारा लण्ड मुझे चूसना है। तुम्हारा लण्ड तो घोड़े जैसे है, मुझे डर लग रहा है जब तुम अन्दर मेरे चूत मैं डालोगे तो मेरी चूत तो फ़ट जायेगी। मेरी चूत का छेद बहुत छोटा है और ज्यादा चुदि भी नही है। आज तुम पहली बार मेरी चूत में अपन लण्ड डालने जा रहे हो। आराम से डालना और बड़े प्यार से मेरी चूत को चोदना”
तब रमेश ने अपना लण्ड अपनी सास कि चूत पर लगाते हुए बोला, “कोई बात नही मांजी, आपकी चूत को जो भी कमी पहले थी अब उसको मैं पूरा करुंगा। मैं अब रोज़ आपकी और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर लेटा कर अपन लोगों कि चूत चोदुंगा।”यह सुनते ही उषा अपने मम्मी से बोली, “मां अब तो तुम खुश हो? अब से रोज़ तुम्हारा दामाद तुमको और मुझको नंगी करके हमारी चूत चोदेगा। हां, अगर तुम चाहो तो तुम अपनी गाण्ड में भी अपने दामाद का लण्ड पिलवा सकती हो।” इतना कह कर उषा ने रमेश से बोली, “मेरे प्यारे पति, अब क्यों देर कर रहे हो। जल्दी से अपना यह खड़ा लण्ड मेरी मां कि चूत में पेल दो और उनको तबियत के साथ खूब चोदो। देख नही रहे हो कि मेरी मा तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में पिलवाने के कितनी बेकरार है। लाओ मैं ही तुम्हारा लण्ड पकड़ कर पानी मा कि चूत में घुसेड़ देती हूं,” और उषा ने अपने हाथों से पकड़ कर रमेश का लण्ड उसके सास कि चूत पर लगा दिया। रमेश का लण्ड के चूत से लगते ही रजनी जी ने अपनी कमर हिलाना शुरु कर दिया और रमेश ने भी अपनी कमर हिला कर अपना लण्ड अपने सास कि चूत में डाल दिया। रजनी जी कि चूत अपने पति के देहान्त के बाद से चुदी नही थी और इसालिये बहुत टाईट थी और उसमे अपना लण्ड डालने में रमेश को बहुत मज़ा मिल रहा था। रजनी जी भी अपने दामाद का लण्ड अपनी चूत में पेलवा कर सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और वो बड़बड़ा रही थी, “आआअह ऊऊऊह आराम से डालो यार, मेरी चूत ज्यादा खुली हुई नहीं है। प्लीज, पूरा लण्ड मत डालो नही तो मेरी चूत फ़ट जायेगी, उई मा।म मर गई, ओह, आह, हन, मेरी चूत फ़ाड़ दो, हां, ज़ोर से, और ज़ोर से, राजा है मादरचोद रमेश आज मेरी चूत फाड़ दो आआअह आआआह ऊऊऊह ज़ोर से डालो, और ज़ोर से डालो, आज जितना ज्यादा मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो, राजा यह लण्ड पूरा मुझे दे दो, मै इस के बिना नहीं रह सकती हूं, पूरा लण्ड डालो, उम्मम्मम आआह आआआह” “उम्मम्मम आआआआह चूत में गुड, उम्मम्मम्म अह अह अह ओह्ह ओह नो। मैं चूत खाज से मरी जा रही हूं, मुझे जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदो।” थोड़ी देर के बाद रजनी जी ने अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बांध कर बोली, “आआअह आआआआआह उम्मम्मम्म, चोदो मुझे ज़ोर से उम्मम्मम्मम्म, उफ़ मादरचोद बहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज रुकना नही, ओह मुझे रगड़ कर चोदो, ज़ोर से चोदो, अपना लण्ड पूरा मुझ को दे दो, तुम जैसा कहोगे मै वैसा ही करूंगी लेकिन मुझे और चोदो, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, मुझे ही आज बहुत ज्यादा, चोदो भेनचोद तुम्हारा लण्ड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा है, चोदो मुझे नहीं तो मै मर जाऊंगी, अभी तो तुम ने मेरी गाण्ड भी मारनी है।”थोड़ी देर तक रजनी जी कि चूत चोदने के बाद रमेश ने अपनी सास से पूछा, “मा जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग रही है?” रजनी अपने दामाद कि लण्ड के धक्के अपने चूत से खाती हुई बोली, “मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे तुम्हारी चुदाई बहुत अच्छी लग रही है। तुम चूत चोदने में बहुत ही माहिर हो। बड़ा मजा आ रहा है मुझे तुमसे चुदवाने में डियर ऊओह्हह्ह डियर तुम बहुत अच्छा चोदते हो आआह्हह्हह्ह ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह ऊऊओफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ फ़ुद्दी मारी यू आर एन एक्सपर्ट। तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत कि चूत की चुदाई की जाती है और तुम्हे यह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख दिया जा सकता है। यूं ही हां डियर यूं ही चोदो मुझे…बस चोदते जाओ मुझे अब कुछ नहीं पूछो आज जी भर के चोदो मुझे डियर हां डियर जम कर चुदाई करो मेरी तुम बहुत अच्छे हो बस यूं ही चुदाई करो मेरी…ऊऊह्हह्हह्हह…।। खूब चोदो मुझे…" और रमेश अपनी सास को अपनी पूरी ताकत के साथ चोदता रहा।रमेश अपनी सास कि बात सुन सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और जोर जोर से अपने सास कि चूत में अपना लण्ड पेलने लगा। थोड़ी देर के बाद रमेश को लगा कि अब वो झड़ने वाला है तो उसने अपनी सास से बोली, “सासुमा मैं झड़ने जा रहा हूं।” तो रजनी जी बोली, “राजा, प्लीज मेरी चूत के अन्दर ही झड़ो” और रमेश अपना लण्ड पूरा का पूरा अपनी सास की चूत में लण्ड ठांस कर लण्ड कि पिचकरी छोड़ दिया। थोड़ी देर के बाद रजनी जी भी बिसतर पर से उठ खड़ी हुई और सीधे बाथरूम में जा कर घुस गई। थोड़ी देर के बाद अपनी चूत धो धा कर रजनी जी फिर से कमरे घुसी और मुसकुरा कर अपने दामाद से बोली, “हाय! मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया। तुम तो सिरफ़ एक झड़े लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूं। इतनी जोरदार चुदाई मैने कभी नही की। मेरी चूत तो अब दुख रही है।”
तभी उषा, जो कि अपने पति और अपने मा की चुदाई देख रही थी, बोली, “मा अपने दामाद का लण्ड अपनी चूत में पिलवा कर मज़ा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिलकुल मर सी गई थी और अब इस लण्ड से बिना चुदवा कर मेरी तो रात को नीद ही नही आती। मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटा तगड़ा लण्ड से अपनी चूत जरूर चुदवती हूं या अपनी गाण्ड मरवाती हूं।” तभी रमेश ने अपने सास को अपने बाहों में भर कर बोला, “मां जी, एक बार और हो जाये आपकी चूत की चुदाई। मैं जब कम से कम दो या तीन बार नही चोद लेता हूं मेरा मन ही नही भरता है।” रजनी जी बोली, “अरे थोड़ा रुको, मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कुलबुला रही है। अब तुम एक बार उषा कि चूत चोद डालो।”“नही मां जी, मैं तो इस वक्त आपकी चूत या गाण्ड में अपना पेलना चाहता हूं। आपकी लड़की कि चूत तो मैं रोज़ रात को चोदता हूं, मुझे तो इस समय आपकी चूत या गाण्ड चोदने की इच्छा है।” तब उषा अपने मा से बोली, “मा चुदवा ना लो और एक बार। अगर चूत बहुत ही कुलबुला रही है तो अपने गाण्ड में ले लो अपने दामाद का लण्ड। कसम से बहुत मज़ा मिलेगा।”
तब रजनी जी बोली, “ठीक है, जब तुम दोनो कि यही इच्छा है, तो यह लो मैं एक बार फिर से चुदवा लेती हूं। लेकिन इस बार मैं गाण्ड में रमेश का लण्ड लेना चाहती हूं। और दो मिनट रुक जओ, मुझे बहुत प्यास लगी है मैं अभी पानी पी कर आती हूं।” तब उषा अपने मा से बोली, “अरे मां, रमेश का लण्ड बहुत देर से खड़े है और आप पानी पीने जा रही हो? इन बिस्तर पर लेटो मैं तुमहरी प्यास अपनी मूत से बुझा देती हूं।”
तब रमेश ने अपना लण्ड अपनी सास कि चूत पर लगाते हुए बोला, “कोई बात नही मांजी, आपकी चूत को जो भी कमी पहले थी अब उसको मैं पूरा करुंगा। मैं अब रोज़ आपकी और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर लेटा कर अपन लोगों कि चूत चोदुंगा।”यह सुनते ही उषा अपने मम्मी से बोली, “मां अब तो तुम खुश हो? अब से रोज़ तुम्हारा दामाद तुमको और मुझको नंगी करके हमारी चूत चोदेगा। हां, अगर तुम चाहो तो तुम अपनी गाण्ड में भी अपने दामाद का लण्ड पिलवा सकती हो।” इतना कह कर उषा ने रमेश से बोली, “मेरे प्यारे पति, अब क्यों देर कर रहे हो। जल्दी से अपना यह खड़ा लण्ड मेरी मां कि चूत में पेल दो और उनको तबियत के साथ खूब चोदो। देख नही रहे हो कि मेरी मा तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में पिलवाने के कितनी बेकरार है। लाओ मैं ही तुम्हारा लण्ड पकड़ कर पानी मा कि चूत में घुसेड़ देती हूं,” और उषा ने अपने हाथों से पकड़ कर रमेश का लण्ड उसके सास कि चूत पर लगा दिया। रमेश का लण्ड के चूत से लगते ही रजनी जी ने अपनी कमर हिलाना शुरु कर दिया और रमेश ने भी अपनी कमर हिला कर अपना लण्ड अपने सास कि चूत में डाल दिया। रजनी जी कि चूत अपने पति के देहान्त के बाद से चुदी नही थी और इसालिये बहुत टाईट थी और उसमे अपना लण्ड डालने में रमेश को बहुत मज़ा मिल रहा था। रजनी जी भी अपने दामाद का लण्ड अपनी चूत में पेलवा कर सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और वो बड़बड़ा रही थी, “आआअह ऊऊऊह आराम से डालो यार, मेरी चूत ज्यादा खुली हुई नहीं है। प्लीज, पूरा लण्ड मत डालो नही तो मेरी चूत फ़ट जायेगी, उई मा।म मर गई, ओह, आह, हन, मेरी चूत फ़ाड़ दो, हां, ज़ोर से, और ज़ोर से, राजा है मादरचोद रमेश आज मेरी चूत फाड़ दो आआअह आआआह ऊऊऊह ज़ोर से डालो, और ज़ोर से डालो, आज जितना ज्यादा मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो, राजा यह लण्ड पूरा मुझे दे दो, मै इस के बिना नहीं रह सकती हूं, पूरा लण्ड डालो, उम्मम्मम आआह आआआह” “उम्मम्मम आआआआह चूत में गुड, उम्मम्मम्म अह अह अह ओह्ह ओह नो। मैं चूत खाज से मरी जा रही हूं, मुझे जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदो।” थोड़ी देर के बाद रजनी जी ने अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बांध कर बोली, “आआअह आआआआआह उम्मम्मम्म, चोदो मुझे ज़ोर से उम्मम्मम्मम्म, उफ़ मादरचोद बहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज रुकना नही, ओह मुझे रगड़ कर चोदो, ज़ोर से चोदो, अपना लण्ड पूरा मुझ को दे दो, तुम जैसा कहोगे मै वैसा ही करूंगी लेकिन मुझे और चोदो, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, मुझे ही आज बहुत ज्यादा, चोदो भेनचोद तुम्हारा लण्ड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा है, चोदो मुझे नहीं तो मै मर जाऊंगी, अभी तो तुम ने मेरी गाण्ड भी मारनी है।”थोड़ी देर तक रजनी जी कि चूत चोदने के बाद रमेश ने अपनी सास से पूछा, “मा जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग रही है?” रजनी अपने दामाद कि लण्ड के धक्के अपने चूत से खाती हुई बोली, “मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे तुम्हारी चुदाई बहुत अच्छी लग रही है। तुम चूत चोदने में बहुत ही माहिर हो। बड़ा मजा आ रहा है मुझे तुमसे चुदवाने में डियर ऊओह्हह्ह डियर तुम बहुत अच्छा चोदते हो आआह्हह्हह्ह ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह ऊऊओफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ फ़ुद्दी मारी यू आर एन एक्सपर्ट। तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत कि चूत की चुदाई की जाती है और तुम्हे यह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख दिया जा सकता है। यूं ही हां डियर यूं ही चोदो मुझे…बस चोदते जाओ मुझे अब कुछ नहीं पूछो आज जी भर के चोदो मुझे डियर हां डियर जम कर चुदाई करो मेरी तुम बहुत अच्छे हो बस यूं ही चुदाई करो मेरी…ऊऊह्हह्हह्हह…।। खूब चोदो मुझे…" और रमेश अपनी सास को अपनी पूरी ताकत के साथ चोदता रहा।रमेश अपनी सास कि बात सुन सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और जोर जोर से अपने सास कि चूत में अपना लण्ड पेलने लगा। थोड़ी देर के बाद रमेश को लगा कि अब वो झड़ने वाला है तो उसने अपनी सास से बोली, “सासुमा मैं झड़ने जा रहा हूं।” तो रजनी जी बोली, “राजा, प्लीज मेरी चूत के अन्दर ही झड़ो” और रमेश अपना लण्ड पूरा का पूरा अपनी सास की चूत में लण्ड ठांस कर लण्ड कि पिचकरी छोड़ दिया। थोड़ी देर के बाद रजनी जी भी बिसतर पर से उठ खड़ी हुई और सीधे बाथरूम में जा कर घुस गई। थोड़ी देर के बाद अपनी चूत धो धा कर रजनी जी फिर से कमरे घुसी और मुसकुरा कर अपने दामाद से बोली, “हाय! मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया। तुम तो सिरफ़ एक झड़े लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूं। इतनी जोरदार चुदाई मैने कभी नही की। मेरी चूत तो अब दुख रही है।”
तभी उषा, जो कि अपने पति और अपने मा की चुदाई देख रही थी, बोली, “मा अपने दामाद का लण्ड अपनी चूत में पिलवा कर मज़ा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिलकुल मर सी गई थी और अब इस लण्ड से बिना चुदवा कर मेरी तो रात को नीद ही नही आती। मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटा तगड़ा लण्ड से अपनी चूत जरूर चुदवती हूं या अपनी गाण्ड मरवाती हूं।” तभी रमेश ने अपने सास को अपने बाहों में भर कर बोला, “मां जी, एक बार और हो जाये आपकी चूत की चुदाई। मैं जब कम से कम दो या तीन बार नही चोद लेता हूं मेरा मन ही नही भरता है।” रजनी जी बोली, “अरे थोड़ा रुको, मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कुलबुला रही है। अब तुम एक बार उषा कि चूत चोद डालो।”“नही मां जी, मैं तो इस वक्त आपकी चूत या गाण्ड में अपना पेलना चाहता हूं। आपकी लड़की कि चूत तो मैं रोज़ रात को चोदता हूं, मुझे तो इस समय आपकी चूत या गाण्ड चोदने की इच्छा है।” तब उषा अपने मा से बोली, “मा चुदवा ना लो और एक बार। अगर चूत बहुत ही कुलबुला रही है तो अपने गाण्ड में ले लो अपने दामाद का लण्ड। कसम से बहुत मज़ा मिलेगा।”
तब रजनी जी बोली, “ठीक है, जब तुम दोनो कि यही इच्छा है, तो यह लो मैं एक बार फिर से चुदवा लेती हूं। लेकिन इस बार मैं गाण्ड में रमेश का लण्ड लेना चाहती हूं। और दो मिनट रुक जओ, मुझे बहुत प्यास लगी है मैं अभी पानी पी कर आती हूं।” तब उषा अपने मा से बोली, “अरे मां, रमेश का लण्ड बहुत देर से खड़े है और आप पानी पीने जा रही हो? इन बिस्तर पर लेटो मैं तुमहरी प्यास अपनी मूत से बुझा देती हूं।”
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इतना सुनते ही रजनी जी बोली, “ठीक है ला अपना मूत ही मुझे पिला मैं प्यास से मरी जा रही हूं” और वो बिसतर पर लेट गई। मा को बिस्तर पर लेटा देख कर उषा भी बिस्तर पर चढ गई और अपने दोनो पैर मां के सर के दोनो तरह करके बैठ गई और अपनी चूत रजनी जी के मुंह से भिड़ा दिया। रजनी जी भी अपनी मुंह खोल दिया। मुंह खुलते ही उषा ने पिशाब कि धार अपने मा कि मुंह पर छोड़ दिया और रजनी जी अपनी बेटी की मूत बड़े चाव से पीने लगी। पिशाब पूरा होने पर उषा अपने मा के ऊपर से उठ खड़ी हो गई और रजनी जी के बगल में जा कर बैठ गई। तब रमेश ने अपने सास के बाहों को पकड़ कर उनको बिस्तर पर उल्टा लेटा दिया और उनकी कमर को पकड़ कर उनके चूतड़ को उपर कर दिया। जैसे रजनी जी घोड़ी सी बन कर बिस्तर पर आसन लिया तो रमेश अपने मुंह से थोड़ा सा थूक निकल कर अपने सास कि गाण्ड में लगा दिया और अपना लण्ड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी सास कि गाण्ड कि छेद में लगा दिया। रजनी जी तब अपने हाथों से अपनी बेटी कि चूंचियों को मसलते हुए बोली, “रमेश मेरे राजा, मैने आज तक कभी गाण्ड नही चुदवाई है और मुझको पता है कि गाण्ड मरवाने में पहले बहुत दर्द होता है। इसलिये तुम आराम से मेरी गाण्ड में अपन लण्ड डालना। जैसे ही रमेश ने जोर लगा कर अपना लण्ड का सुपारा अपनी सास की गाण्ड में घुसेड़ा तो रजनी जी चिल्ला उठी, “आआआह ऊऊऊऊह आआआआह क्या कर रहा हो, मै मार जाऊंगी, राजा तुम तो मेरी गान्ड फ़ाड़ कर रख दोगे, मैने पेहले कभी गाण्ड नहीं मरवाई है प्लीज़ मेरे लल्ला आहिस्ता से करो।” अपनी मा को चिल्लाते देख उषा ने रमेश से बोली, “क्या कर रहे हो, धीरे धीरे आराम से पेलो ना अपना लण्ड। देख नही रहे हो मेरी मां मरी जा रही है। मां कोई भागी थोड़ी ना जा रही है।”रमेश इतना सुन कर अपनी बीवी से बोली, “क्यों चिन्ता कर रही हो। तुमको अपनी बात याद नही। जब मैने पहली बार अपना लण्ड तुम्हारी गाण्ड में पेला था तो तुम कितना चिल्लाई थी और बाद तुम्ही मुझसे बोल रही थी, और जोर से पेलो, पेलो जितना ताकत है फ़ाड़ दो मेरी गाण्ड, मुझको बहुत मज़ा मिल रहा है और मैं तो अब से रोज तुमसे अपनी गाण्ड में लण्ड पिलवाऊंगी।” उषा अपने पति कि बात सुन कर अपनी मा से बोली, “मा थोड़ा सा सबर करो। अभी तुम्हारी गाण्ड का दर्द खतम हो जयेगा और तुमको बहुत मज़ा मिलेगा। रमेश जैसा लण्ड पेल रहा है उसको पेलने दो।”तब रजनी जी बोली, “वो तो ठीक है, लेकिन अभी तो लग रहा था कि मेरी गाण्ड फटी जा रही है, और मुझको अब पिशाब भी करना है।” रमेश अपनी सास कि बात सुन कर उषा से बोला, “उषा तुम जलदी से किचन में से एक जग लेकर आओ और उसको अपनी मां की चूत के नीचे पकड़ो।” उषा जल्दी से किचन में से एक जग उठा कर लाई और उसको अपनी मां की चूत के नीचे रख कर मां से बोली, “लो अब मूतो, मेरी प्यारी मां। तुम भी मां एक अजीब ही हो। उधर तुमहरा दामाद अपना लण्ड तुम्हारे गाण्ड में घुसेड़ रखा है और तुमको पिशाब करनी है।” रजनी जी कुछ नही बोली और अपने एक हाथ से जग को अपनी चूत के ठीक नीचे लकर चर चर करके मूतने लगी। राजनी को वाकई ही बहुत पिशाब लगी थी क्योंकि जग करीब करीब पूरा का पूरा भर गया था।जब रजनी जी का पिशाब रुक गया तो उषा ने जग हटा लिया और जग को उठा कर अपने मुंह से लगा कर अपनी मां की पिशाब पीने लगी। यह देख कर रमेश रजनी जी से बोला, “अरे क्या कर रही हो, थोड़ा मेरे लिये भी छोड़ देना। मुझको भी अपने सेक्सी सास कि चूत से निकला हुअ मूत पीना है।” उषा तब बोली, “चिंता मत करो, मैं तुम्हारे लिये आधा जग छोड़ देती हूं।”
थोड़ी देर के बाद रजनी जी अपने दामाद से बोली, “बेटा मैं फिर से तैयार हूं, तुम मुझे आज एक रण्डी की तरह चोदो। मेरी गाण्ड फ़ाड़ दो। मैं बहुत ही गरम हो गई हूं। मेरी गाण्ड भी मेरी चूत कि तरह बिलकुल प्यासी है।” “अभी लो मेरी सेक्सी सासुमा, मैं अभी तुम्हारी गाण्ड अपने लण्ड के चोटों से फ़ाड़ता हूं” और यह कह कर रमेश ने अपना लण्ड फिर से अपने सास कि गाण्ड में पेल दिया। गाण्ड में लण्ड घुसते ही रजनी जी फिर जोर से चिल्लने लगी, “हाय! फ़ाड़ डाला रे मेरी गाण्ड, फ़ाड़ डाला रे। अरे कोई मुझे बचाओ रे, मेरी दामाद और मेरी बेटी दोनो मिल कर मेरी गाण्ड फड़वा डाला।” तब उषा अपने मा से बोली, “अरे मा क्यों एक छिनाल रण्डी की तरह चिल्ला रही हो, चुप हो जाओ और चुपचाप अपने दामाद से अपनी गाण्ड में लण्ड पिलवाती रहो। थोड़ी देर के बाद तुमको बहुत मज़ा मिलेगा।” अपनी बेटी कि बात सुन कर रजनी जी चुप हो गई लेकिन फिर भी उसकी मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी।
थोड़ी देर के बाद रजनी जी अपने दामाद से बोली, “बेटा मैं फिर से तैयार हूं, तुम मुझे आज एक रण्डी की तरह चोदो। मेरी गाण्ड फ़ाड़ दो। मैं बहुत ही गरम हो गई हूं। मेरी गाण्ड भी मेरी चूत कि तरह बिलकुल प्यासी है।” “अभी लो मेरी सेक्सी सासुमा, मैं अभी तुम्हारी गाण्ड अपने लण्ड के चोटों से फ़ाड़ता हूं” और यह कह कर रमेश ने अपना लण्ड फिर से अपने सास कि गाण्ड में पेल दिया। गाण्ड में लण्ड घुसते ही रजनी जी फिर जोर से चिल्लने लगी, “हाय! फ़ाड़ डाला रे मेरी गाण्ड, फ़ाड़ डाला रे। अरे कोई मुझे बचाओ रे, मेरी दामाद और मेरी बेटी दोनो मिल कर मेरी गाण्ड फड़वा डाला।” तब उषा अपने मा से बोली, “अरे मा क्यों एक छिनाल रण्डी की तरह चिल्ला रही हो, चुप हो जाओ और चुपचाप अपने दामाद से अपनी गाण्ड में लण्ड पिलवाती रहो। थोड़ी देर के बाद तुमको बहुत मज़ा मिलेगा।” अपनी बेटी कि बात सुन कर रजनी जी चुप हो गई लेकिन फिर भी उसकी मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी।
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“…।आआह्हह्ह……यययौऊ…।ऊऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़…।।ईईईइस्सास्सास्सह्हह्हह…।ऊऊओह्हह्हह्ह…।यययौउ…।।ऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़……यह…।।लण्ड बहुत मोटा और लम्बा है। ऊऊऊओमम्म्माआआआहह्हह्हह…है! मैं मरी जा रही हूं। ऊऊउह्हहह्हह……प्लीऽऽऽस्सासे…।आआआआअ…।ऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़…।धीरे…जरा धीरे पेलो मैं मरी जा रही हूं। अरे बेटी, अपने पति से बोल ना कि वो जरा मेरी गाण्ड में अपना लण्ड धीरे धीरे पेले। मुझे तो लग रहा कि मेरी चूत और गाण्ड दोनो एक हो जायेंगी।” थोड़ी देर के बाद रमेश अपना हाथ अपने सास के सामने ले जकर उनकी चूत को सहलाने लगा और फिर अपनी अंगुलियों से उनकी चूत की घुण्डी को पकड़ कर मसलने लगा। अपनी चूत पर रमेश का हाथ पड़ते ही रजनी जी बिलबिला उठी और अपनी कमर हिला हिला कर रमेश के लण्ड पर ठोकर मारने लगी।यह देख कर रमेश ने उषा से कह, “देख तेरी रण्डी मां कैसे अपनी कमर चला कर मेरे लण्ड को अपने गाण्ड में पिलवा रही है। क्या तुम्हारी यही मां अभी थोड़ी देर पहले अपनी गाण्ड मरवाने पर नहीं चिल्ला रही थी?” यह सुन कर उषा बोली, “ओह्ह रमेश! क्या बात है! देखो मेरी मां क्या मज़े से अपनी गाण्ड से तुम्हारा लण्ड खा रही है। देखो मेरी मां कैसे गाण्ड मरवा रही है। मारो, मारो रमेश, मेरी मा कि गाण्ड में अपना लण्ड खूब जोर जोर से पेलो। इसके पूरे बदन में लण्ड के लिये खुजली भरी पड़ी है। चोदो रमेश साली कि गाण्ड मारो बड़ी खुजली हो रही थी!”रजनी जी अपनी गाण्ड में दामाद का लण्ड पिलवा कर सातवे आसमन पर थी और बड़बड़ा रही थी, “ओह्हह्ह! देखो उषा मेरी बेटी! तुम्हारी मा गाण्ड में लण्ड लेकर चुदवा रही है! तुम आखिर अपने मरद से मेरी चूत, गाण्ड चोदवा ही दी! देखो साला रमेश कैसे चोद रहा है! साला सच्चा मरद है! डाल और डाल रे! चोद ! मेरी गाण्ड मार! मेरे बेटी को दिखा! आह्हह ऊह्हह्हह्हह चोद चोद चोद ऐईइ!” रमेश अपनी बीवी और अपनी सास की बात सुनता जा रहा था और अपनी कमर चला चला कर अपनी सास की गाण्ड में अपना लण्ड पेलता रहा। थोड़ी देर तक रजनी जी कि गाण्ड मारने के बाद रमेश एक बार जोर से अपना पूरा का पूरा लण्ड रजनी जी कि गाण्ड घुसेड़ दिया और रजनी जी को जोर से अपने हाथों से जकड़ कर अपना लण्ड का पानी अपने सास कि गाण्ड ने छोड़ दिया। झड़ने के बाद रमेश ने अपना लण्ड अपने सास की गाण्ड से बाहर निकाल लिया।
उषा ने अपनी मां को प्यार से गले लगा लिया। रमेश ने भी अपनी सासू मां के चरण स्पर्श किया और फिर तीनो साथ ही एक ही बिस्तर पर ये वादा करके लेट गये कि अब पूरे घर में ऐसा ही प्यार भरा माहौल बना रहे।
उषा ने अपनी मां को प्यार से गले लगा लिया। रमेश ने भी अपनी सासू मां के चरण स्पर्श किया और फिर तीनो साथ ही एक ही बिस्तर पर ये वादा करके लेट गये कि अब पूरे घर में ऐसा ही प्यार भरा माहौल बना रहे।