किरण की कहानी पार्ट--3
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
रात के ऑलमोस्ट 10:30 हो गये थे मुझे अभी भी नीचे से मम्मी डॅडी और सुनील की बातों की आवाज़ें आ रही थी. मैं आते ही अपने बेड पे लेट गई और मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली मेरी सलवार के अंदर चूत पे चला गया और मैं अपनी चूत को सहलाने लगी चूत से खेलने लगी. जब देखा के मेरी चूत पे थोड़ी थोड़ी झातें उग आई है वैसे तो मैं एवेरी वीक अपनी झातें सॉफ करती हू अभी 3 ही दिन हुए थे मुझे झातें सॉफ किए हुए और अब हल्की हल्की सी महसूस हो रही थी तो मैं बाथरूम मे गई और क्रीम लगा के बची कूची झटों को सॉफ कर दिया अब मेरी चूत मक्खन जैसी चिकनी हो गई थी. मैं वापस बेड पे आके लेट गई कमरे की बिजली बंद करदी और अंधेरे मे ही एक बार फिर से अपनी चूत को सहलाने लगी अब चूत एक दम से मक्खन की तरह चिकनी हो चुकी थी. ठंड बढ़ चुकी थी और मैं ब्लंकेट तान कर लेट गई और अब अंधेरे मे मुझे मसाज करने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. लड़कियाँ एस्पेशली कॉलेज जाने वाली लड़किया जानती हैं के सर्दी की रात हो और चूत मक्खन जैसी चिकनी हो तो चूत से खेलने मे और मसाज करने मे कितना मज़ा आता है और मैं भी अपनी चूत का मसाज करने लगी और मसाज करते करते मेरी उंगली तेज़ी से चलने लगी कभी उंगली चूत के सुराख मे अंदर डाल के और कभी क्लाइटॉरिस का मसाज कर रही थी और फिर सडन्ली मेरा हाथ तेज़ी से चलने लगा और बदन काँपने लगा और फिर मेरा लावा फिर से उबलने लगा और चूत मे से जूस निकलने लगा. मेरी आँखें बंद हो गई दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और दिमाग़ मे साय सायँ सी होने लगी और मस्ती मैं आ जाने मे कब सो गई.
मुझे अपनी चूत पे किसी का हाथ महसूस हुआ तो मेरी आँख खुल गई. पता नही कितनी रात हो गई थी मेरी आँख खुली और मुझे होश आया तो समझ मे आया के वो सुनील है. मैं उस से लिपट गई और हम दोनो फ्रेंच किस करने लगे एक दूसरे की ज़बान को चूस रहे थे उसका एक हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी चूत का मसाज मेरी सलवार के ऊपेर से ही करने लगा. मुझे चूत मे गर्मी महसूस होने लगी और गीली भी होने लगी. मैं ने हाथ बढ़ा के उसके लंड को पकड़ा तो पता चला के वो तो पूरा का पूरा नंगा लेटा है मैं उसका नंगा पन महसूस कर के मुस्कुरा दी और उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबाने लगी. हम दोनो चित्त लेटे थे. उसका हाथ
अब मेरी सलवार के अंदर घुस चुका था उसने सलवार का स्ट्रिंग खोल दिया था और चूत को मसाज कर रहा था मेरी चिकनी चूत पे उसका हाथ बोहोत अछा लग रहा था.
वो अपने जगह से उठा और मेरी शर्ट को मेरा हाथ उप्पेर कर के निकाल दिया और मेरी टाँगों को खोल के टाँगों के बीच मे आ के बैठ गया और मेरी सलवार को नीचे खीच के उतारने लगा तो मैं ने अपनी चूतड़ उठा दी और सलवार निकालने मे सहयोग किया. अब हम दोनो नंगे थे और कमरा अंधेरा था घर के सारे लोग सो चुके थे मैं ने पूछा क्या टाइम हुआ है तो उसने बताया के रात का 1 बज रहा है और सर्दी के मारे मेरे मम्मी डॅडी ब्लंकेट तान के अपने कमरे मे कब के सो चुके हैं. सुनील मेरे ऊपेर ऐसे ही लेट गया उसका आकड़ा हुआ लंड जिस्मै से प्री कम निकल रहा था मेरी चूत के ऊपेर था हम दोनो के बदन के बीच मे. उसका लंड और मेरी चुचियाँ दोनो सॅंडविच बन गई थी. हम दोनो किस्सिंग मे बिज़ी हो गये. मेरी चूत के ऊपेर उसका लंड लगने से चूत मे खुजली शुरू हो चुकी थी और गीली भी हो चुकी थी. वो मेरी चुचिओ को मसल रहा था और किस्सिंग कर रहा था. उसका लंड मेरे चूत के लिप्स के बीच मे “हॉट डॉग” के सॅंडविच की तरह से फँसा हुआ था. लंड के डंडे का लोवर पोर्षन मेरी चूत को खोल के लिप्स के बीच मे था. लंड के डंडे का निचला भाग क्लाइटॉरिस से टच कर रहा था तो और मज़ा आ रहा था. अब उसने मेरे चुचिओ को चूसना शुरू कर दिया जिस से मेरे बदन मे बिजली दौड़ना शुरू हो गई और मुझे लग रहा था के सारे बदन से बिजली दौड़ती हुई चूत मे आ रही है जैसे मेरी चूत बिजली का न्यूक्लियस हो या सेंट्रल पॉइंट हो.
किरण की कहानी compleet
Re: किरण की कहानी
सुनील अपना लंड के डंडे को चूत के लिप्स के बीच मे ही ऊपेर नीचे करने लगा. उसके लंड मे से प्री कम भी निकल रहा था जिस से उसके लंड का लोवर पोर्षन जो मेरी चूत के लीप के बीच मे था स्लिपरी हो गया था और फिसल रहा था. मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे क्रॉस रखी थी और मैं उसको अपनी अरफ़ खेच रही थी. मेरी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी वो भी मस्ती मे था ऐसे ही लंड को चूत के अंदर ऊपेर नीचे करते करते उसका लंड मेरी चूत के सुराख मे फँस गया और एक ही झटके मे मेरी गीली चूत के अंदर आधा घुस्स गया तो मेरे मूह से आआआआआआआहह और ईईईईईईईईईईईईहह की सिसकारी निकल गई और मेरी आँखें फटी रह गई. उसने अब अपना लंड आधा ही अंदर बहेर करना शुरू कर दिया तो मुझे बोह्त मज़ा आने लगा मैं अपनी गंद उठा उठा के उसका लंड अपनी
चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी. सुनील ने अब अपना पूरा लंड सूपदे तक चूत से बहेर निकाल के एक ज़ोरदार झटका मारा तो मेरे मूह से आआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकली और मैं उस से ज़ोर से लिपट गई. मेरा अंदर का दम अंदर और बहेर का बहेर रह गया चूत पूरी स्ट्रेच हो चुकी थी मेरी चूत मे एक बार फिर से जलन होने लगी.
सुनील थोड़ी देर तक तो ऐसे ही लंड को चूत के अंदर घुसाए हुए लेटा रहा और मुझे फ्रेंच किस करने लगा. दोनो एक दूसरे की ज़बान चूस रहे थे. थोड़ी ही देर मे चूत के अंदर की जलन ख़तम हो गई और मुझे उसका लोहे जैसा सख़्त लंड अपनी चूत के अंदर बोहोत अछा लगने लगा. सुनील ने चुदाई शुरू करदी पूरा लंड बहेर तक निकाल निकाल के चोद रहा था. उसके पैर पीछे को थे और बेड के वुडन पट्टी से टीके हुए थे और मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे कैंची की तरह से जकड़ी हुई थी. वो वुडन बॅक का सहारा ले के अपने लंड को पूरा चूत मे से बहेर निकाल निकाल के ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहा था. जैसे ही उसका लंड चूत से बहेर निकलता मुझे लगता जैसे मेरी चूत एक दम से खाली (एंप्टी) हो गई हो और फिर जब लंड चूत के अंदर घुस्स जाता तो लगता जैसे चूत पूरी तरह से भर गई है और वो मुझे चोद्ता ही चला गया ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था उसके दोनो कोहनियाँ (एल्बोस) मेरे बदन के दोनो तरफ थे उसके पैर पीछे और मेरे पैर उसके गंद पे क्रॉस थे मुझे अब बोहोत ही मज़ा आने लगा था उसकी चुदाई से.
उसके हर धक्के से मेरे चुचियाँ आगे पीछे होने लगी तो उसने अपने मूह से उनको चूसना शुरू कर दिया. मस्ती से मैं पागल हो गई थी मेरी छोटी से टाइट चूत के अंदर उसका इतना बड़ा लोहे का डंडा बोहोत मज़ा दे रहा था. चुदाई मे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. मेरी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल रहा था और प्प्पकक्चक्कक प्प्पकक्चछक्कक प्प्पकक्चछक्क की आवाज़ें कमरे मे गूंजने लगी मुझे यह चुदाई का म्यूज़िक बोहोत मस्त लग रहा था मैं अपनी गंद उठा उठा के उस से चुदवा रही थी जैसे म्यूज़िक की ताल से ताल मिला रही हो.
सुनील के धक्के तेज़ हो चुके थे और मुझे भी लग रहा था के मेरी चूत के अंदर कोई तूफान उठ रहा हो मैं उस से लिपट गई. सुनील इतनी ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था के मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसका लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ के मेरे पेट तक घुस्स चुका है. वो दीवानो की तारह से चोद रहा था मैं उस से ज़ोर से लिपट गई और दोनो के साँसें तेज़ी से चल रही थी. मुझे लगा के मेरी चूत मे जो तूफान मचा हुआ था अब वो बहेर निकलने को मचल रहा हो
और ठीक उसी समय सुनील के लंड मे से मलाई के फव्वारे छूटने लगे
चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी. सुनील ने अब अपना पूरा लंड सूपदे तक चूत से बहेर निकाल के एक ज़ोरदार झटका मारा तो मेरे मूह से आआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकली और मैं उस से ज़ोर से लिपट गई. मेरा अंदर का दम अंदर और बहेर का बहेर रह गया चूत पूरी स्ट्रेच हो चुकी थी मेरी चूत मे एक बार फिर से जलन होने लगी.
सुनील थोड़ी देर तक तो ऐसे ही लंड को चूत के अंदर घुसाए हुए लेटा रहा और मुझे फ्रेंच किस करने लगा. दोनो एक दूसरे की ज़बान चूस रहे थे. थोड़ी ही देर मे चूत के अंदर की जलन ख़तम हो गई और मुझे उसका लोहे जैसा सख़्त लंड अपनी चूत के अंदर बोहोत अछा लगने लगा. सुनील ने चुदाई शुरू करदी पूरा लंड बहेर तक निकाल निकाल के चोद रहा था. उसके पैर पीछे को थे और बेड के वुडन पट्टी से टीके हुए थे और मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे कैंची की तरह से जकड़ी हुई थी. वो वुडन बॅक का सहारा ले के अपने लंड को पूरा चूत मे से बहेर निकाल निकाल के ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहा था. जैसे ही उसका लंड चूत से बहेर निकलता मुझे लगता जैसे मेरी चूत एक दम से खाली (एंप्टी) हो गई हो और फिर जब लंड चूत के अंदर घुस्स जाता तो लगता जैसे चूत पूरी तरह से भर गई है और वो मुझे चोद्ता ही चला गया ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था उसके दोनो कोहनियाँ (एल्बोस) मेरे बदन के दोनो तरफ थे उसके पैर पीछे और मेरे पैर उसके गंद पे क्रॉस थे मुझे अब बोहोत ही मज़ा आने लगा था उसकी चुदाई से.
उसके हर धक्के से मेरे चुचियाँ आगे पीछे होने लगी तो उसने अपने मूह से उनको चूसना शुरू कर दिया. मस्ती से मैं पागल हो गई थी मेरी छोटी से टाइट चूत के अंदर उसका इतना बड़ा लोहे का डंडा बोहोत मज़ा दे रहा था. चुदाई मे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. मेरी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल रहा था और प्प्पकक्चक्कक प्प्पकक्चछक्कक प्प्पकक्चछक्क की आवाज़ें कमरे मे गूंजने लगी मुझे यह चुदाई का म्यूज़िक बोहोत मस्त लग रहा था मैं अपनी गंद उठा उठा के उस से चुदवा रही थी जैसे म्यूज़िक की ताल से ताल मिला रही हो.
सुनील के धक्के तेज़ हो चुके थे और मुझे भी लग रहा था के मेरी चूत के अंदर कोई तूफान उठ रहा हो मैं उस से लिपट गई. सुनील इतनी ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था के मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसका लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ के मेरे पेट तक घुस्स चुका है. वो दीवानो की तारह से चोद रहा था मैं उस से ज़ोर से लिपट गई और दोनो के साँसें तेज़ी से चल रही थी. मुझे लगा के मेरी चूत मे जो तूफान मचा हुआ था अब वो बहेर निकलने को मचल रहा हो
और ठीक उसी समय सुनील के लंड मे से मलाई के फव्वारे छूटने लगे
Re: किरण की कहानी
एक दो तीन चार पाँच उफफफ्फ़ मुझे तो मस्ती मे पता ही नही चला के कितनी मलाई निकल रही है जबके उसकी पहली मलाई के फव्वारे ही से मेरी चूत मे से तूफ़ानी लावा निकलने लगा मैं उस से ज़ोर से लिपट गई थी. उसके धक्के अब धीमे हो ने लगे और वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही छोड़ के मेरे ऊपेर गिर गया. मेरी चुदी हुई चूत हम दोनो की मलाई से फुल हो चुकी थी पर अभी तक बहेर नही निकली थी कियों के चूत के सुराख पे उसके लंड का टाइट ढक्कन लगा हुआ था. दोनो ऐसे हे गहरी गहरी साँसें लेते रहे मेरी ग्रिप भी अब लूस हो गई थी. उसका लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर ही था ऐसे लग रहा था जैसे चूत के अंदर ही फूल के और मोटा हो रहा हो. अंधेरे कमरे मे हमारी तेज़ी से चलती हुई साँसें सुनाई दे रही थी मेरी आँखें बंद थी सारे बदन मे एक अजीब सी सन सनाहट हो रही थी मेरे दिल और दिमाग़ का टोटल ब्लॅकाउट हो गया था शाएद एक दो या तीन मिनिट के लिए मे सो गई थी या मस्ती मे बेहोश हो गई थी पता नही.
मुझे थोड़ा सा होश आया तो महसूस हुआ के सुनील मेरे ऊपेर पलट के आ चुका है और उसके लंड मे से टपकती हुई हम दोनो की मिक्स मलाई के ड्रॉप्स मेरे लिप्स पे गिर रहे हैं. शाएद वो अपना लंड चूत मे से बहेर निकालते ही पलट के 69 पोज़िशन मे आ गया था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और सुनील मेरी चूत को चाटना शुरू कर चुका था. मेरे बंद लिप्स पे जब मलाई गिरी तो ऑटोमॅटिकली मेरी ज़बान बहेर निकाली और मैं ने मलाई को टेस्ट किया और फिर जैसे खुद बा खुद ही मेरा मूह खुल गया और मैं सुनील के आधे आकड़े हुए लंड को चूसने लगी. दोनो की मिक्स मलाई उसके लंड पे लगी हुई थी और मैं चाट रही थी और वो मलाई को मेरी चूत मे से चाट रहा था. इस तरह से मैं ने उसके लंड को सॉफ किया और उसने मेरी चूत को सॉफ किया.
अब फिर से सुनील मेरे बाज़ू मे आ के लेट गया. मेरी पीठ के पीछे था वो मेरी पीट से उसका सीना लग रहा था ऐसे करवट से लेटी थी और वो मेरे पीछे मुझ से लिपटा हुआ करवट से लेटा था. मेरी चूतड़ पे उसका लंड महसूस हो रहा था. पर अभी तक मेरा दिमाग़ ठिकाने नही आया था अभी तक कमरा मेरे आँखों के सामने घूम रहा था और मे पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो चुकी थी.
उसका लंड मेरी चूतड़ से लग रहा था और उसने मेरे बगल से हाथ डाल के मेरी चुचिओ को मसलना शुरू कर दिया. मेरी निपल्स बोहोत सेन्सिटिव हो चुकी थी और उसका हाथ लगने से
एरेक्ट हो चुकी थी. मैं अपनी टाँगों को फोल्ड कर के लेटी थी ऐसे के मेरे नीस मेरे चुचिओ के करीब थे और सुनील मेरे पीछे से लंड को चूत पे टच कर रहा था और आहिस्ता आहिस्ता से धक्के मार मार के पीछे से ही लेटे लेटे लंड के हेड को चूत के सुराख मे घुसाने की कोशिश कर रहा था.
उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख मे लगते ही चूत मे जैसे फिर से जान आने लगी और वो गीली हो ना शुरू हो गई. मेरी चुचिओ को मसल रहा था और धक्के मार मार के लंड को सूपदे को पीछे से ही चूत के अंदर घुसा रहा था. थोड़ी ही कोशिश के बाद मेरी चूत मे उसका लंड आधा और फिर पूरा अंदर घुसने लगा. उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और्फिर से एक दम से लोहे जैसा सख़्त हो गया था.
मुझे फिर से मज़ा आने लगा था वो जोश मे लंड को फिर से सूपदे तक निकाल निकाल के पीछे से ही मुझे चोद रहा था. मेरा पूरा बदन रिलॅक्स हो गया था चूत मे से जूस भी निकलने लगा था और स्लिपरी हो गई थी चूत अंदर से. उसका लंड आसानी से अंदर बहेर हो रहा था और मैं फिर से मज़े लेने लगी थी. अचानक जब उसने अपना लंड पूरा बहेर खेंच के अंदर घुसाने के कोशिश की तो वो चूत मे से बहेर निकल के गंद के सुराख मे घुस्स गया मेरी मूह से फिर से एक ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममममाआआआआआआआअ चीख निकल गई. पर गंद के मसल्स तो रिलॅक्स थे क्या पता था के गंद मे घुस जाएगा. बॅस लंड मेरी चूत के जूस से गील हो गया था और एक ही झटके मे उन एक्षपेक्टेडली मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स चुका था मैं उछल के आगे हो रही थी उसी समय सुनील ने मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं उसके लोहे जैसे लंड को अपनी छोटी सी गंद के सुराख से बहेर नही निकाल पाई. अब वो मेरी गंद मार रहा था. मुझे बोहोत तकलीफ़ हो रही थी इतना मोटा लंबा लंड मेरी छोटी सी गंद मे घुस चुका था मुझे लग रहा था के मेरी गंद फट गई है.
मुझे थोड़ा सा होश आया तो महसूस हुआ के सुनील मेरे ऊपेर पलट के आ चुका है और उसके लंड मे से टपकती हुई हम दोनो की मिक्स मलाई के ड्रॉप्स मेरे लिप्स पे गिर रहे हैं. शाएद वो अपना लंड चूत मे से बहेर निकालते ही पलट के 69 पोज़िशन मे आ गया था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और सुनील मेरी चूत को चाटना शुरू कर चुका था. मेरे बंद लिप्स पे जब मलाई गिरी तो ऑटोमॅटिकली मेरी ज़बान बहेर निकाली और मैं ने मलाई को टेस्ट किया और फिर जैसे खुद बा खुद ही मेरा मूह खुल गया और मैं सुनील के आधे आकड़े हुए लंड को चूसने लगी. दोनो की मिक्स मलाई उसके लंड पे लगी हुई थी और मैं चाट रही थी और वो मलाई को मेरी चूत मे से चाट रहा था. इस तरह से मैं ने उसके लंड को सॉफ किया और उसने मेरी चूत को सॉफ किया.
अब फिर से सुनील मेरे बाज़ू मे आ के लेट गया. मेरी पीठ के पीछे था वो मेरी पीट से उसका सीना लग रहा था ऐसे करवट से लेटी थी और वो मेरे पीछे मुझ से लिपटा हुआ करवट से लेटा था. मेरी चूतड़ पे उसका लंड महसूस हो रहा था. पर अभी तक मेरा दिमाग़ ठिकाने नही आया था अभी तक कमरा मेरे आँखों के सामने घूम रहा था और मे पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो चुकी थी.
उसका लंड मेरी चूतड़ से लग रहा था और उसने मेरे बगल से हाथ डाल के मेरी चुचिओ को मसलना शुरू कर दिया. मेरी निपल्स बोहोत सेन्सिटिव हो चुकी थी और उसका हाथ लगने से
एरेक्ट हो चुकी थी. मैं अपनी टाँगों को फोल्ड कर के लेटी थी ऐसे के मेरे नीस मेरे चुचिओ के करीब थे और सुनील मेरे पीछे से लंड को चूत पे टच कर रहा था और आहिस्ता आहिस्ता से धक्के मार मार के पीछे से ही लेटे लेटे लंड के हेड को चूत के सुराख मे घुसाने की कोशिश कर रहा था.
उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख मे लगते ही चूत मे जैसे फिर से जान आने लगी और वो गीली हो ना शुरू हो गई. मेरी चुचिओ को मसल रहा था और धक्के मार मार के लंड को सूपदे को पीछे से ही चूत के अंदर घुसा रहा था. थोड़ी ही कोशिश के बाद मेरी चूत मे उसका लंड आधा और फिर पूरा अंदर घुसने लगा. उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और्फिर से एक दम से लोहे जैसा सख़्त हो गया था.
मुझे फिर से मज़ा आने लगा था वो जोश मे लंड को फिर से सूपदे तक निकाल निकाल के पीछे से ही मुझे चोद रहा था. मेरा पूरा बदन रिलॅक्स हो गया था चूत मे से जूस भी निकलने लगा था और स्लिपरी हो गई थी चूत अंदर से. उसका लंड आसानी से अंदर बहेर हो रहा था और मैं फिर से मज़े लेने लगी थी. अचानक जब उसने अपना लंड पूरा बहेर खेंच के अंदर घुसाने के कोशिश की तो वो चूत मे से बहेर निकल के गंद के सुराख मे घुस्स गया मेरी मूह से फिर से एक ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममममाआआआआआआआअ चीख निकल गई. पर गंद के मसल्स तो रिलॅक्स थे क्या पता था के गंद मे घुस जाएगा. बॅस लंड मेरी चूत के जूस से गील हो गया था और एक ही झटके मे उन एक्षपेक्टेडली मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स चुका था मैं उछल के आगे हो रही थी उसी समय सुनील ने मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं उसके लोहे जैसे लंड को अपनी छोटी सी गंद के सुराख से बहेर नही निकाल पाई. अब वो मेरी गंद मार रहा था. मुझे बोहोत तकलीफ़ हो रही थी इतना मोटा लंबा लंड मेरी छोटी सी गंद मे घुस चुका था मुझे लग रहा था के मेरी गंद फट गई है.