मेरी चूत पसंद है compleet
Re: मेरी चूत पसंद है
मेरी चूत पसंद है पार्ट--5
गतान्क से आगे.......
लेकिन रमेश अपनी सास की बात को उनसुनी करते हुए उनकी सारी
को उनके कमर तक उठा दिया और उनकी नंगी चूत पर अपना मुँह
लगा कर चूत को चूम लिया. थोरी देर तक रजनी जी की नंगी चूत को
चूम कर रमेश अपनी सास की चूत को गौर से देखने लगा और अपनी
उंगलेओं से उनकी चूत की पॅशन और क्लिट से खेलने लगा. रमेश की
हरकतों से रजनी जी गरमा गयी और उनकी सांस ज़ोर ज़ोर से आने
लगी.अपनी मा की हालत देख कर करिश्मा आगे बढ़ कर अपनी मा की
चूंचियों से खेलने लगी और धीरे धीरे उनके ब्लाउस के बटन
खोलने लगी. रजनी जी अपने हाथों से अपने ब्लाउस को पकड़ते हुए
अपने बेटी से पूछने लगी, "क्या कर रही हो? मुझे बहुत शरम
लग रही है. छोड़ दे बेटी मुझको." करिश्मा अपना काम जारी रखते
हुए अपनी मा से बोली, "अरे मा, जब तुम अपने दामाद का लंड अपनी
चूत मे पिलवाने जा रही हो तो फिर अब शरम कैसी? खोल दे अपने
इन कपरों को और पूरी तरफ से नंगी हो कर मेरे पति के लंड का
स्वाद अपनी चूत से लो. छोड़ो मुझको तुम्हारे कपड़े खोलने दो." इतना
कह कर करिश्मा ने अपनी मा के ब्लाउस, ब्रा, सारी और फिर उनकी पेटिकोट
भी उतार दिया. अब रजनी जी अपने दामाद के सामने बिल्कुल नंगी
खरी थी. रमेश अपनी नंगी सास को देखते ही उन पर टूट पड़ा
और एक हाथ से उनकी चुचियो को मलता रहा और दूसरे हाथ से उनकी
चूत को मसलता रहा. रजनी जी ने भी गरम हो कर अपने दामाद का
कुर्ता और पाइज़मा उतार दिया. फिर झुक कर अपने दामाद का अंडरवेर
भी उतार दिया. अब सास और दामाद दोनो एक दूसरे के सामने नंगे
खरे थे.जैसे ही रजनी जी ने रमेश के मोटे मस्त लंड को
देखा, रजनी जी अपने आप को रोक नही पाई और झुक कर उस मस्त
लंड अपने मुँह मे भर कर चूसने लगी. करिश्मा भी चुपचाप
खरी नही थी. वो अपनी मा के चूटर की तरफ बैठ कर उसकी चूत
से अपना मुँह लगा दिया और अपनी मा की चूत को चूसने लगी. रजनी
जी अपने दामाद का मोटा लंड अपने मुँह मे भर कर चूसने लगी
और कभी कभी उसको अपनी जीव से चाटने लगी. लंड को चाटते
चाटते हुए रजनी जी अपने दामाद से बोली, "हाई! रमेश, तुम्हारा
लंड तो बहुत मोटा और लंबा है. पता नही करिश्माने पहली बार
कैसे इसको अपनी चूत मे लिया होगा. चूत तो बिल्कुल फॅट गयी होगी?
मेरे तो मुँह दर्द होने लगा इतना मोटा लंड चूस्ते चूस्ते. वैसे
मुझे पता था कि तुम्हारा लंड इतना शानदार है" "कैसे?" रमेश
ने अपने सास की चूंचियो को दबाते हुए पूछा. तब रजनी जी बोली,
"कैसे क्या? तुम जब मेरे घर मे अपने शादी के बाद आए थे और रोज
दोपहर और रात को करिश्मा को नंगी करके चोद्ते थे तो मैं
खीरकी से झाँका करती थी और तुम्हारी चुदाई देखा करती थी. उन्ही
दीनो से मैं जानती थी कि तुम्हारे लंड की साइज़ क्या है और तुम कैसे
चूत चाट ते हो और चोद्ते हो." तब रमेश ने अपने सास की
चूंचियो को मसल्ते हुए पूछा, "क्या माजी, आपके पति याने मेरे
ससुरजी का लंड इतना मोटा और लंबा नही था?" "नही, करिश्मा
के पापा का लंड इतना मोटा और लंबा नही था, और उनमे सेक्स की
भावना बहुत ही कम था. इसलिए वो मुझको हफ्ते मे केबल एक-दो बार
ही चोद्ते थे" रजनी जी ने बोली.थोरी देर के बाद रमेश नेअपनी सास को
बिस्तर पर लिटा कर उसकी चूत से अपना मुँह लगा दिया और अपने जीव से
उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. चूत मे जैसे ही रमेश का
जीव घुसा तो रजनी जी अपनी कमर उचकाते हुए बोली, "उम्म्म्म, आह,
ऊई मा, राजा अभी छोड़ो ना क्यू तड़पाते हो, मैं जल रही हूँ,
तुम्हारा लंड मुझे चूसना है. तुम्हारा लंड तो घोड़े जैसा है,
मुझे डर लग रहा है जब तुम अंदर मेरी चूत मे डालोगे तो चूत
फाट जाईगी, मेरी चूत का मुँह बहूत छोटा है और ज़्यादा चुदी भी
नही है. आज तुम पहली बार मेरी चूत मे अपन लंड डालने जा रहे
हो. आराम आराम से डालना और बड़े प्यार से मेरी चूत को चोदना"तब
रमेश ने अपना लंड अपनी सास की चूत के बराबर लगाते हुए बोला,
"कोई बात नही माजी, आपकी चूत को जो भी कमी पहले थी अब उसको मैं
पूरा करूँगा. मैं अब रोज़ आपकी और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर लिटा कर
आप की चूत चोदुन्गा." एह सुनते ही करिश्मा अपनी मम्मी से
बोली, "मा अब तो तुम खुश हो? अब से रोज़ तुम्हारा दामाद तुमको और
मुझको नंगी करके हमारी चूत चोदेगा. हाँ अगर तुम चाहो तो
तुम अपनी गंद मे भी अपने दामाद का लंड पिलवा सकती हो." इतना कह
कर करिश्मा रमेश से बोली, "मेरे प्यारे पति, अब क्यों देर कर
रहे हो. जल्दी से अपना ये खड़ा लंड मेरी मा की चूत मे पेल दो
और उनको तबीयत के साथ खूब चोदो. देख नही रहे हो कि मेरी
मा तुम्हारा लंड अपनी चूत मे पिलवाने के कितनी बेकरार है. लाओ मैं
ही तुम्हारा लंड पकड़ कर अपनी मा की चूत मे डाल देती हूँ," और
करिश्मा ने अपने हाथों से पकड़ कर रमेश का लंड उसकी सास की
चूत पर लगा दिया. रमेश के लंड को चूत से लगते ही रजनी जी ने
ने अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और रमेश ने भी अपना कमर
हिला कर अपना लंड अपने सास की चूत मे डाल दिया.
Re: मेरी चूत पसंद है
रजनी जी की चूत
अपने पति के देहांत के बाद से चूदी नही थी और इसलिए बहुत टाइट
थी और उसमे अपना लंड डालने मे रमेश को बहुत मज़ा मिल रहा
था. रजनी जी भी अपने दामाद का लंड अपनी चूत मे पेल्वा कर सातवें
आसमान पर पहुँच गयी थी और वो बार्बरा रही थी, "आआआः
ऊऊऊः आराम से डालो यार, मेरी चूत ज़्यादा खुली नहीं है.
प्लीईेज़ पूरा लंड मत डालो नही तो मेरी चूत फट जाएगी, उही मा
मार गई, ओह, आ, हाँ, मेरी चूत फार दो, हाँ, ज़ोर से, और ज़ोर से,
राजा है मथेर्चोद रमेश आज मेरी चूत फार दो आआआः
आआआः ऊऊऊः ज़ोर से डालो, और ज़ोर से डालो, आज जितना ज़्यादा
मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो, राजा यह लंड पूरा मुझे
दे दो, मैं इस के बिना नहीं रह सकती, पूरा लंड डालो, उम्म्म्मम
अयाया आआआः" "उम्म्म्मम आआआआः फक मी गुड,
उम्म्म्ममम आह आह आह ओह्ह ओह नो. मैं चूत की खाज से मरी जा रही
हूँ, मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार कर चोदो." थोरी देर के बाद
रजनी जी अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बाँध कर
बोली, "आआआः आआआआआः उम्म्म्ममम, चोदो मुझे ज़ोर से
उम्म्म्ममममम, उफ़ मातेरचोड़ बोहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़
रुकना नही, ओह मुझे रगर कर चोदो, ज़ोर से चोदो, अपना लंड
पूरा मुझ को दे दो, तुम जैसे कहोगे मैं वैसे करूँगी लेकिन
मुझे और चोदो, तुम बहुत अक्च्छा चोद्ते हो, मुझे आज बोहुत
ज़यादा चोदो भेन्चोद तुम्हारा लंड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा
है, चोदो मुझे नहीं तो मैं मर जाओंगी, अभी तो तुम ने मेरी
गांद भी मारनी है."थोरी देर तक रजनी जी की चूत चोदने के बाद
रमेश ने अपनी सास से पूछा, "मा जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग
रही है?" रजनी अपने दामाद के लंड के धक्के अपने चूत से खाती
हुई बोली, "मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अक्च्छा लग रहा है. मुझे
तुम्हारी चुदाई बहुत अक्च्ची लग रही है. तुम चूत चोदने मे
बहुत ही माहिर हो. बड़ाअ मज़ा आ रहा है मुझे तुमसे
चोद्वने में डियर ऊओह डियर तुम बहुत अच्च्छा चोद्ते हो
आआहह उउउउउउह्ह अयू हह ऊऊओफफफफफफफ्फ़ ददीआररर यू आर
आन एक्सपर्ट. तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत की चूत की चुदाई की
जाती है और तुम्हे एह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख
दिया जा सकता है. य्यूंन शी हां ददीआरर यूंन ही चोदो
मुझे…बॅस चोद्ते जाओ मुझे आब्ब कुच्छ नहीं पुछो आअज जीई
भार के चोदो मुझे डियर हां डियर जम्म कर चुदाई करो मेरी
तुम बाहुत अच्च्चे हो बास्स य्यूँ ही चुदाई करो
मेरी…ऊऊहह….. खूब चोदो मुझे…" और रमेश अपनी सास
को अपनी पूरी ताक़त के साथ चोद्ता रहा.रमेश अपनी सास की बात सुन
सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और ज़ोर ज़ोर से अपने सास की चूत मे अपना
लंड पेलने लगा. थोरी देर के बाद रमेश को लगा कि अब वो झड़ने
वाला है तो उसने अपनी सास से बोला, "सासू जी मैं झड़ने जा रहा हूँ."
तो रजनी जी बोली, "राजा, प्लीज़ मेरी चूत के अंदर ही झड़ो" और
रमेश नेअपना लंड पूरा पूरा का अपनी सास की चूत मे थॅन्स कर लंड की
पिचकारी छोड़ दी. थोरी देर के रजनी जी बिस्तर पर उठ खरी हुई
और सीधे बाथरूम मे जा कर घुस गयी. थोरी देर के बाद अपनी
चूत धो धा कर रजनी जी फिर से कमरे घुसी और मुस्कुरा कर
अपने दामाद से बोली, "हाई! मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया.
तुम तो सिर्फ़ एक बार झाडे लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूँ.
इतना जोरदार चुदाई मैने कभी नही की. मेरी चूत तो अब दुख
रहा है." तभी करिश्मा, जो की अपने पति और अपनी मा की चुदाई
देख रही थी, बोली, "मा अपने दामाद का लंड अपनी चूत मे पिलवा
कर मज़ा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिल्कुल मर सी गयी
थी और अब इस लंड से बिना चुदवाए कर मुझे तो रात को नीद ही नही
आती. मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटे लंड से अपनी चूत
ज़रूर चुड़वती हूँ या अपनी गंद मरवाती हूँ." तभी रमेश ने
अपनी सास को अपने बाहों मे भर कर बोला, "माजी, एक बार और हो
जाए आपकी चूत की चुदाई. मैं जब तक कम से कम दो या तीन बार
नही चोद लेता मेरा मन नही भरता." रजनी जी बोली, "अरे थोड़ा
रूको, मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कल्ला रही है. अब तुम
एक बार करिश्मा की चूत चोद डालो." "नही माजी, मैं तो इस वक़्त
आपकी चूत या गंद मे अपना पेलना चाहता हूँ. आपकी लड़की की चूत
तो मैं रोज़ रात को चोद्ता हूँ, मुझे तो इस समय आपकी चूत या गंद
चोदने की इक्च्छा है." तब करिश्मा अपनी मा से बोली, "मा चुद्व
ना लो और एक बार. अगर चूत बहुत कल्ला रही है तो अपने गंद मे ले
लो अपने दामाद का लंड . कसम से बहुत मज़ा मिलेगा." तब रजनी
जी बोली, "ठीक है, जब तुम दोनो की एही इक्च्छा है, तो चलो मैं एक
बार फिर से चुद्व लेती हूँ. लेकिन इस बार मैं गंद मे रमेश का
लंड लेना चाहती हूँ. और दो मिनूट रुक जाओ, मुझे बहुत प्यास लगी
है मैं अभी पानी पी कर आती हूँ." तब करिश्मा अपने मा से
बोली, "अरे मा रमेश का लंड बहुत देर से खड़ा है और आप पानी
पीने जा रही हो? यही बिस्तर पर लेटो मैं तुम्हारी प्यास अपने मूत
से बुझा देती हूँ."इतना सुनते ही रजनी जी बोली, "ठीक है ला अपना मूत
ही मुझे पिला मैं प्यास से मरी जा रही हूँ" और वो बिस्तर पर लेट
गयी. मा को बिस्तर पर लिटा देख कर करिश्मा भी बिस्तर पर चढ़
गयी और अपने दोनो पैर मा के सर के दोनो तरह करके बैठ
गयी और अपनी चूत को रजनी जी के मुँह से भिड़ा दिया. रजनी जी ने भी
अपनी मुँह खोल दिया. मुँह खुलते ही करिश्मा ने पिशाब की धार
अपने मा की मुँह पर छोड़ दी और रजनी जी अपनी बेटी के मूत को बड़े
चाव से पीने लगी. पिशाब पूरा होने पर करिश्मा अपनी मा के
ऊपर से उठ खरी हो गयी और रजनी जी के बगल मे जा कर बैठ
गयी. तब रमेश ने अपनी सास की बाहों को पकड़ कर उनको बिस्तर
पर उल्टा लेटा दिया और उनकी कमर को पकड़ कर उनके चूतर को उपर
कर दिया. जैसे हीरजनी जीने घोरी बन कर बिस्तर पर आसन लिया तो रमेश ने
अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपनी सास की गंद मे लगा दिया
और अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी सास की गंद की छेद
मे लगा दिया.
अपने पति के देहांत के बाद से चूदी नही थी और इसलिए बहुत टाइट
थी और उसमे अपना लंड डालने मे रमेश को बहुत मज़ा मिल रहा
था. रजनी जी भी अपने दामाद का लंड अपनी चूत मे पेल्वा कर सातवें
आसमान पर पहुँच गयी थी और वो बार्बरा रही थी, "आआआः
ऊऊऊः आराम से डालो यार, मेरी चूत ज़्यादा खुली नहीं है.
प्लीईेज़ पूरा लंड मत डालो नही तो मेरी चूत फट जाएगी, उही मा
मार गई, ओह, आ, हाँ, मेरी चूत फार दो, हाँ, ज़ोर से, और ज़ोर से,
राजा है मथेर्चोद रमेश आज मेरी चूत फार दो आआआः
आआआः ऊऊऊः ज़ोर से डालो, और ज़ोर से डालो, आज जितना ज़्यादा
मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो, राजा यह लंड पूरा मुझे
दे दो, मैं इस के बिना नहीं रह सकती, पूरा लंड डालो, उम्म्म्मम
अयाया आआआः" "उम्म्म्मम आआआआः फक मी गुड,
उम्म्म्ममम आह आह आह ओह्ह ओह नो. मैं चूत की खाज से मरी जा रही
हूँ, मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार कर चोदो." थोरी देर के बाद
रजनी जी अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बाँध कर
बोली, "आआआः आआआआआः उम्म्म्ममम, चोदो मुझे ज़ोर से
उम्म्म्ममममम, उफ़ मातेरचोड़ बोहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़
रुकना नही, ओह मुझे रगर कर चोदो, ज़ोर से चोदो, अपना लंड
पूरा मुझ को दे दो, तुम जैसे कहोगे मैं वैसे करूँगी लेकिन
मुझे और चोदो, तुम बहुत अक्च्छा चोद्ते हो, मुझे आज बोहुत
ज़यादा चोदो भेन्चोद तुम्हारा लंड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा
है, चोदो मुझे नहीं तो मैं मर जाओंगी, अभी तो तुम ने मेरी
गांद भी मारनी है."थोरी देर तक रजनी जी की चूत चोदने के बाद
रमेश ने अपनी सास से पूछा, "मा जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग
रही है?" रजनी अपने दामाद के लंड के धक्के अपने चूत से खाती
हुई बोली, "मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अक्च्छा लग रहा है. मुझे
तुम्हारी चुदाई बहुत अक्च्ची लग रही है. तुम चूत चोदने मे
बहुत ही माहिर हो. बड़ाअ मज़ा आ रहा है मुझे तुमसे
चोद्वने में डियर ऊओह डियर तुम बहुत अच्च्छा चोद्ते हो
आआहह उउउउउउह्ह अयू हह ऊऊओफफफफफफफ्फ़ ददीआररर यू आर
आन एक्सपर्ट. तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत की चूत की चुदाई की
जाती है और तुम्हे एह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख
दिया जा सकता है. य्यूंन शी हां ददीआरर यूंन ही चोदो
मुझे…बॅस चोद्ते जाओ मुझे आब्ब कुच्छ नहीं पुछो आअज जीई
भार के चोदो मुझे डियर हां डियर जम्म कर चुदाई करो मेरी
तुम बाहुत अच्च्चे हो बास्स य्यूँ ही चुदाई करो
मेरी…ऊऊहह….. खूब चोदो मुझे…" और रमेश अपनी सास
को अपनी पूरी ताक़त के साथ चोद्ता रहा.रमेश अपनी सास की बात सुन
सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और ज़ोर ज़ोर से अपने सास की चूत मे अपना
लंड पेलने लगा. थोरी देर के बाद रमेश को लगा कि अब वो झड़ने
वाला है तो उसने अपनी सास से बोला, "सासू जी मैं झड़ने जा रहा हूँ."
तो रजनी जी बोली, "राजा, प्लीज़ मेरी चूत के अंदर ही झड़ो" और
रमेश नेअपना लंड पूरा पूरा का अपनी सास की चूत मे थॅन्स कर लंड की
पिचकारी छोड़ दी. थोरी देर के रजनी जी बिस्तर पर उठ खरी हुई
और सीधे बाथरूम मे जा कर घुस गयी. थोरी देर के बाद अपनी
चूत धो धा कर रजनी जी फिर से कमरे घुसी और मुस्कुरा कर
अपने दामाद से बोली, "हाई! मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया.
तुम तो सिर्फ़ एक बार झाडे लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूँ.
इतना जोरदार चुदाई मैने कभी नही की. मेरी चूत तो अब दुख
रहा है." तभी करिश्मा, जो की अपने पति और अपनी मा की चुदाई
देख रही थी, बोली, "मा अपने दामाद का लंड अपनी चूत मे पिलवा
कर मज़ा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिल्कुल मर सी गयी
थी और अब इस लंड से बिना चुदवाए कर मुझे तो रात को नीद ही नही
आती. मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटे लंड से अपनी चूत
ज़रूर चुड़वती हूँ या अपनी गंद मरवाती हूँ." तभी रमेश ने
अपनी सास को अपने बाहों मे भर कर बोला, "माजी, एक बार और हो
जाए आपकी चूत की चुदाई. मैं जब तक कम से कम दो या तीन बार
नही चोद लेता मेरा मन नही भरता." रजनी जी बोली, "अरे थोड़ा
रूको, मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कल्ला रही है. अब तुम
एक बार करिश्मा की चूत चोद डालो." "नही माजी, मैं तो इस वक़्त
आपकी चूत या गंद मे अपना पेलना चाहता हूँ. आपकी लड़की की चूत
तो मैं रोज़ रात को चोद्ता हूँ, मुझे तो इस समय आपकी चूत या गंद
चोदने की इक्च्छा है." तब करिश्मा अपनी मा से बोली, "मा चुद्व
ना लो और एक बार. अगर चूत बहुत कल्ला रही है तो अपने गंद मे ले
लो अपने दामाद का लंड . कसम से बहुत मज़ा मिलेगा." तब रजनी
जी बोली, "ठीक है, जब तुम दोनो की एही इक्च्छा है, तो चलो मैं एक
बार फिर से चुद्व लेती हूँ. लेकिन इस बार मैं गंद मे रमेश का
लंड लेना चाहती हूँ. और दो मिनूट रुक जाओ, मुझे बहुत प्यास लगी
है मैं अभी पानी पी कर आती हूँ." तब करिश्मा अपने मा से
बोली, "अरे मा रमेश का लंड बहुत देर से खड़ा है और आप पानी
पीने जा रही हो? यही बिस्तर पर लेटो मैं तुम्हारी प्यास अपने मूत
से बुझा देती हूँ."इतना सुनते ही रजनी जी बोली, "ठीक है ला अपना मूत
ही मुझे पिला मैं प्यास से मरी जा रही हूँ" और वो बिस्तर पर लेट
गयी. मा को बिस्तर पर लिटा देख कर करिश्मा भी बिस्तर पर चढ़
गयी और अपने दोनो पैर मा के सर के दोनो तरह करके बैठ
गयी और अपनी चूत को रजनी जी के मुँह से भिड़ा दिया. रजनी जी ने भी
अपनी मुँह खोल दिया. मुँह खुलते ही करिश्मा ने पिशाब की धार
अपने मा की मुँह पर छोड़ दी और रजनी जी अपनी बेटी के मूत को बड़े
चाव से पीने लगी. पिशाब पूरा होने पर करिश्मा अपनी मा के
ऊपर से उठ खरी हो गयी और रजनी जी के बगल मे जा कर बैठ
गयी. तब रमेश ने अपनी सास की बाहों को पकड़ कर उनको बिस्तर
पर उल्टा लेटा दिया और उनकी कमर को पकड़ कर उनके चूतर को उपर
कर दिया. जैसे हीरजनी जीने घोरी बन कर बिस्तर पर आसन लिया तो रमेश ने
अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपनी सास की गंद मे लगा दिया
और अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी सास की गंद की छेद
मे लगा दिया.
Re: मेरी चूत पसंद है
रजनी जी तब अपनी हाथों से अपनी बेटी की चूंचियो को
मसल्ते हुए बोली, "रमेश मेरे राजा, मैने आज तक कभी गंद नही
चुडवाया है और मुझको पता है कि गंद मरवाने मे पहले बहुत
दर्द होता है. इसलिया तुम आराम आराम से मेरी गंद मे अपन लंड
डालना. जैसे ही रमेश ने ज़ोर लगा कर अपना लंड का सुपरा अपनी सास
की गंद मे घुसेरा तो रजनी जी चिल्ला उठी, "आआआः ऊऊऊऊः
आआआआः क्या कर रहे हो, मैं मर जाओं गी, राजा तुम तो मेरी
गांद फार के रख दोगे, मैं ने पहले कभी गांद नहीं
मरवाई प्लीज़ मेरे लाला आहिस्ता से करो." अपनी मा को चिल्लाते देख
करिश्मा रमेश से बोली, "क्या कर रहे हो, धीरे धीरे आराम आराम
से से पेलो ना अपनी लंड . देख नही रहे हो मेरी मा मरी जा रही
है. मा कोई भागी थोरी ना जा रही है." रमेश इतना सुन कर अपनी
बीवी से बोला, "क्यों चिंता कर रही हो. तुमको अपनी बात याद नही.
जब मैने पहली बार अपना लंड तुम्हारी गंद मे पेला था तो तुम
कितना चिल्लई थी और बाद तुम्ही मुझसे बोल रही थी, और ज़ोर से
पेलो, पेलो जितना ताक़त है फार दो मेरी गंद, मुझको बहुत मज़ा मिल
रहा है और मैं तो अब रोज तुमसे अपनी गंद मे लंड पीलवौनगी."
करिश्मा अपने पति की बात सुन कर अपनी मा से बोली, "मा तोड़ा सा
सबर करो. अभी तुम्हारी गंद का दर्द ख़तम हो जाएगा और तुमको
बहुत मज़ा मिलेगा. रमेश जैसा लंड पेल रहा है उसको पेलने दो."
तब रजनी जी बोली, "वो तो ठीक है, लेकिन अभी तो मेरी गंद फटी जा
रही है, और मुझको अब पिशाब भी करना है." रमेश अपनी सास की
बात सुन कर करिश्मा से बोला, "करिश्मा तुम जल्दी से किचन मे से
एक जग लेकर आओ और उसको अपनी माँ की चूत के नीचे पकडो." करिश्मा
जल्दी से किचन मे से एक जग उठा कर लाई और उसको अपनी मा की
चूत के नीचे रख कर मा से बोली, "लो अब मुतो. तुम भी मा एक
अजीब ही हो. उधर तुम्हारा दामाद अपना लंड तुम्हारी गंद मे
घुसेर रखा है और तुमको पिशाब करना है." रजनी जी कुछ नही
बोली और अपने एक हाथ से जग को अपनी चूत के ठीक नीचे लाकर चर
चर करके मूतने लगी. रजनी को वाकई ही बहुत पिशाब लगी थी
क्योंकि जग करीब करीब पूरा का पूरा भर गया . जब रजनी जी का
पिशाब रुक गया तो करिश्मा ने जग हटा लिया और जग को उठा कर अपने
मुँह से लगा कर अपनी मया की पिशाब पीने लगी. एह देख कर
रमेश रजनी जी से बोला, "अरे क्या कर रही हो, थोड़ा मेरे लिए भी
छोड़ देना. मुझको भी अपने सेक्सी सास की चूत से निकला हुआ मूत पीना
है." करिश्मा तब बोली, "चिंता मत करो, मैने तुम्हारे लिए आधा जग
छोड़ दिया है."थोरी देर के बाद रजनी जी अपने दामाद से बोली,
"बेटा मैं फिर से तैय्यार हूँ, तुम मुझे आज एक रंडी के तरह चोदो.
मेरी गंद फाड़ दो. मैं बहुत ही गरम हो गयी हूँ. मेरी गंद भी
मेरी चूत की तरह बिल्कुल प्यासी है." "अभी लो मेरी सेक्सी सासू जी, मैं
अभी तुम्हारी गंद अपने लंड की चोटों से फाड़ता हूँ" और एह कह
कर रमेश ने अपना लंड फिर से अपनी सास की गंद मे पेल दिया.
गंद मे लंड घुसते ही रजनी जी फिर ज़ोर से चिल्लाने लगी, "हाई!
फाड़ डाला मेरी गंद फार डाला. अरे कोई मुझे बचाओ, मेरे दामाद
और मेरी बेटी दोनो मिल कर मेरी गंद फ़रवा डाला." तब करिश्मा
अपने मा से बोली, "अरे मा क्यों एक छीनाल रंडी की तरह चिल्ला
रही हो, चुप हो जाओ और चुप चाप अपने दामाद से अपनी गंद मे
लंड पिलवओ.
क्रमशः.........
मसल्ते हुए बोली, "रमेश मेरे राजा, मैने आज तक कभी गंद नही
चुडवाया है और मुझको पता है कि गंद मरवाने मे पहले बहुत
दर्द होता है. इसलिया तुम आराम आराम से मेरी गंद मे अपन लंड
डालना. जैसे ही रमेश ने ज़ोर लगा कर अपना लंड का सुपरा अपनी सास
की गंद मे घुसेरा तो रजनी जी चिल्ला उठी, "आआआः ऊऊऊऊः
आआआआः क्या कर रहे हो, मैं मर जाओं गी, राजा तुम तो मेरी
गांद फार के रख दोगे, मैं ने पहले कभी गांद नहीं
मरवाई प्लीज़ मेरे लाला आहिस्ता से करो." अपनी मा को चिल्लाते देख
करिश्मा रमेश से बोली, "क्या कर रहे हो, धीरे धीरे आराम आराम
से से पेलो ना अपनी लंड . देख नही रहे हो मेरी मा मरी जा रही
है. मा कोई भागी थोरी ना जा रही है." रमेश इतना सुन कर अपनी
बीवी से बोला, "क्यों चिंता कर रही हो. तुमको अपनी बात याद नही.
जब मैने पहली बार अपना लंड तुम्हारी गंद मे पेला था तो तुम
कितना चिल्लई थी और बाद तुम्ही मुझसे बोल रही थी, और ज़ोर से
पेलो, पेलो जितना ताक़त है फार दो मेरी गंद, मुझको बहुत मज़ा मिल
रहा है और मैं तो अब रोज तुमसे अपनी गंद मे लंड पीलवौनगी."
करिश्मा अपने पति की बात सुन कर अपनी मा से बोली, "मा तोड़ा सा
सबर करो. अभी तुम्हारी गंद का दर्द ख़तम हो जाएगा और तुमको
बहुत मज़ा मिलेगा. रमेश जैसा लंड पेल रहा है उसको पेलने दो."
तब रजनी जी बोली, "वो तो ठीक है, लेकिन अभी तो मेरी गंद फटी जा
रही है, और मुझको अब पिशाब भी करना है." रमेश अपनी सास की
बात सुन कर करिश्मा से बोला, "करिश्मा तुम जल्दी से किचन मे से
एक जग लेकर आओ और उसको अपनी माँ की चूत के नीचे पकडो." करिश्मा
जल्दी से किचन मे से एक जग उठा कर लाई और उसको अपनी मा की
चूत के नीचे रख कर मा से बोली, "लो अब मुतो. तुम भी मा एक
अजीब ही हो. उधर तुम्हारा दामाद अपना लंड तुम्हारी गंद मे
घुसेर रखा है और तुमको पिशाब करना है." रजनी जी कुछ नही
बोली और अपने एक हाथ से जग को अपनी चूत के ठीक नीचे लाकर चर
चर करके मूतने लगी. रजनी को वाकई ही बहुत पिशाब लगी थी
क्योंकि जग करीब करीब पूरा का पूरा भर गया . जब रजनी जी का
पिशाब रुक गया तो करिश्मा ने जग हटा लिया और जग को उठा कर अपने
मुँह से लगा कर अपनी मया की पिशाब पीने लगी. एह देख कर
रमेश रजनी जी से बोला, "अरे क्या कर रही हो, थोड़ा मेरे लिए भी
छोड़ देना. मुझको भी अपने सेक्सी सास की चूत से निकला हुआ मूत पीना
है." करिश्मा तब बोली, "चिंता मत करो, मैने तुम्हारे लिए आधा जग
छोड़ दिया है."थोरी देर के बाद रजनी जी अपने दामाद से बोली,
"बेटा मैं फिर से तैय्यार हूँ, तुम मुझे आज एक रंडी के तरह चोदो.
मेरी गंद फाड़ दो. मैं बहुत ही गरम हो गयी हूँ. मेरी गंद भी
मेरी चूत की तरह बिल्कुल प्यासी है." "अभी लो मेरी सेक्सी सासू जी, मैं
अभी तुम्हारी गंद अपने लंड की चोटों से फाड़ता हूँ" और एह कह
कर रमेश ने अपना लंड फिर से अपनी सास की गंद मे पेल दिया.
गंद मे लंड घुसते ही रजनी जी फिर ज़ोर से चिल्लाने लगी, "हाई!
फाड़ डाला मेरी गंद फार डाला. अरे कोई मुझे बचाओ, मेरे दामाद
और मेरी बेटी दोनो मिल कर मेरी गंद फ़रवा डाला." तब करिश्मा
अपने मा से बोली, "अरे मा क्यों एक छीनाल रंडी की तरह चिल्ला
रही हो, चुप हो जाओ और चुप चाप अपने दामाद से अपनी गंद मे
लंड पिलवओ.
क्रमशः.........