मैं समझ गई थी कि बाबूजी हमे
अपना लंड दिखना चाह रहे हैं. मैने दीदी को जा के चूम लिया ओर
कहा कि दीदी हम सफल हो रहे हैं आज बाबूजी ने मुझे आपने लंड के
दर्शन खुद करवा दिए हैं तो वो बोली कि मुझे भी दर्शन करने हैं
तो मैने कहा कि तुम नाश्ता ले कर जाओ मैं तुम्हे तरकीब बताती हूं
तुम वैसे ही करना.
दीदी नाश्ता ले कर बाबूजी के रूम मे गई ओर उन्हे कहा कि नाश्ता कर
लें तो वो बोले कि टेबल पे रख दो दीदी ने खाना टेबल पे रखा ओर
वापिस मुड़ते हुए पानी का गिलास नीचे गिरा दिया. और बोली कि बाबूजी मैं
अभी पोंच्छा ले कर आती हूँ और पोंच्छा ले कर फ़राश साफ करने के लिए
चली गई उन्होने देखा कि बाबूजी अभी भी पेपर पढ़ रहे हैं तो वो
बाबूजी की तरफ मूह कर के पोंच्छा लगाने लगी तो बाबूजी ने फिर आपनी
टाँगें थोड़ी सी खोल दी ता कि दीदी को भी उनके लंड के दर्शन हो
जाएँ ओर दीदी ने भी उनके लंड का दीदार कर लिया और वो भी बाबूजी ने
खुद करवाया था सो वो भी खुश होती हुई आई ओर बोली कि सच मे
भाभी आप का प्लान काम कर रहा है और मुझे लगता है कि आज की रात
हम दोनो की इच्छा पूरी हो जाएगी लेकिन उसे कैसे पूरी करना है ये रात
को ही पता चलेगा. मैने कहा कि वो तो है ही. और फिर बाबूजी शॉप पे
चले गये ओर हम दोनो रात का इंतज़ार करने लगी. करीब 8 बजे बाबूजी
आ गये ओर हम ने उन्हे खाना खिला दिया ओर फिर वहीं पे बैठ के टीवी
देखने लगी.दीदी बाबूजी के पास ही बैठी हुई थी बल्कि यू कहें कि
उनकी टाँगो से टाँगे ज़ोड कर बैठी हुई थी और मैं सोफे पे बैठी हुई
थी. दीदी की टाँगों के सपर्श की वजह से बाबूजी का लंड तना हुआ था
और उनकी लोवर ने टेंट बना रखा था और बाबूजी जान बूझ कर उधर देख
लेते थे ताकि दीदी का ध्यान भी उधर चला जाए और कभी कभी मेरी
तरफ भी देख लेते थे लेकिन मैं तो अंजान बनी बैठी थी. ओर अब
दीदी की धड़कने भी उनके खड़े हुए लंड को देख कर बढ़ने लगी थी
कितभि दीदी ने मेरे प्लान के मुताबिक एक दम से हाई मैं मर गई हाई
मैं क्या करूँ कर के चिल्लाना शुरू कर दिया. बाबूजी ने पूछा कि क्या
हुआ तो मैने कहा कि कुछ नही बस दीदी को थोडा सा दर्द शुरू हो जाता
है तो बाबूजी बोले कि कहाँ पे तो मैने कहा कि बाबूजी अब आप को मैं
क्या बताउ तो वो बोले कि प्ल्ज़ बताओ कि क्या हुआ है दीदी अभी भी
चिल्लाने का नाटक कर रही थी.
ससुर बने साजन (sasur bane sajan) compleet
Re: ससुर बने साजन
मैने कहा कि दीदी की छातियो मे दरद
होने लगता है आप मेरे रूम मे से क्रीम वाली शीशी उठा कर ले
आइए मैं तब तक दीदी की छातियों पे मालिश करती हूँ बाबूजी उठे ओर
भाग कर मेरे रूम की तरफ गये लेकिन उन्हे वहाँ पे कोई क्रीम मिलनी
ही नही थी क्यो कि ऐसा कुछ है ही नही था और दिन मे हम लोगों ने
एक फालतू क्रीम की शीशी ला कर छुपा कर रख दी थी. बाबूजी वापिस आ
गये ओर बोले कि मुझे वहाँ पे कोई शीशी नही मिली है मैं तब तक
बैठी हुई दीदी की बूब्स को मसल रही थी तो मैने कहा कि आप दीदी को
गोद मैं ले लीजिए और इनकी छातियों को मालिश कीजिए मैं तब तक क्रीम
ढूंड के लाती हूँ और मैं बाहर चली गई और क्रीम की शीशी ले कर
आ कर रूम के बाहर खड़ी हो गई और तमाशा देखने लगी. बाबूजी ने
दीदी को गोद मैने लिटा रखा था और उसकी बूब्स को मसल रहे थे इस
वजह से दीदी ने चिल्लाना थोड़ा कम कर दिया था लेकिन जैसे ही बाबूजी
रुकने लगते तो वो चिल्लाना तेज कर देती थी बाबूजी का लंड दीदी की
बूब्स को सहलाने की वजह से तन चुका था ओर वो दीदी की पीठ को टच
कर रह था. बाबूजी ने मुझे आवाज़ लगाई तो मैं रूम मे आ गई और
कहा कि बाबूजी ये रही क्रीम आप इसे लगा कर मालिश कीजिए एक छाती की
मालिश मैं करती हूँ और फिर बाबूजी के सामने बैठ कर मैं दूसरे
बूब्स को मसलने लगी बाबूजी का लंड दीदी की पीठ को टच कर रहा था
इसलिए दीदी उसपे दबाव डाल रही थी और फिर धीरे धीरे दीदी को मज़ा
आने लगा और वो बाबूजी से लिपटने लगी. और फिर बाबूजी ने आपना हाथ
दीदी की शर्ट के अंदर डाल कर उनके बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया
मैं समझ गई कि अब बाबूजी का मूड भी बन रहा है और फिर बाबूजी ने
दीदी के बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी. मैं
जान बुझ कर उठ कर बाहर आने लगी तो बाबूजी बोले कि तुम कहाँ जा
रही हो कुसम मैने कहा कि अपने रूम मे तो वो बोले कि आज तुम दोनो
यहीं पे सो जाओ मेरे पास.मैने कहा कि वो क्यो तो वो बोले कि अगर रात
को कोई ज़रूरत पड़ी तो मैं हेल्प कर दूँगा. हम तो चाहती यही थी सो
मैने कहा कि ठीक है मैं आप के लिए दूध ले कर आती हूँ तो बाबूजी
ने कहा कि रूको तो मैं रुक गई तो बाबूजी ने दीदी को एक तरफ लिटा दिया
और मुझे बाजू से पकड़ लिया और कहने लगे कि आज मुझे वो दूध नही पीना
है बहू आज तो मुझे तुम दोनो का दूध पीना है और इतना कह कर उन्होने
मुझे बाहों मे भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगे तो मैने कहा कि
बाबूजी आप ये क्या कर रहे हैं तो वो बोले की मैं तुम दोनो से प्यार
करना चाहता हूँ. मैने कहा कि मैं तो आपकी बहू हूँ तो वो बोले कि
हाँ मैं आज अपनी बेटी और बहू दोनो से प्यार करना और दोनो को पाना
चाहता हूँ और दोनो को चोदना चाहता हूं
होने लगता है आप मेरे रूम मे से क्रीम वाली शीशी उठा कर ले
आइए मैं तब तक दीदी की छातियों पे मालिश करती हूँ बाबूजी उठे ओर
भाग कर मेरे रूम की तरफ गये लेकिन उन्हे वहाँ पे कोई क्रीम मिलनी
ही नही थी क्यो कि ऐसा कुछ है ही नही था और दिन मे हम लोगों ने
एक फालतू क्रीम की शीशी ला कर छुपा कर रख दी थी. बाबूजी वापिस आ
गये ओर बोले कि मुझे वहाँ पे कोई शीशी नही मिली है मैं तब तक
बैठी हुई दीदी की बूब्स को मसल रही थी तो मैने कहा कि आप दीदी को
गोद मैं ले लीजिए और इनकी छातियों को मालिश कीजिए मैं तब तक क्रीम
ढूंड के लाती हूँ और मैं बाहर चली गई और क्रीम की शीशी ले कर
आ कर रूम के बाहर खड़ी हो गई और तमाशा देखने लगी. बाबूजी ने
दीदी को गोद मैने लिटा रखा था और उसकी बूब्स को मसल रहे थे इस
वजह से दीदी ने चिल्लाना थोड़ा कम कर दिया था लेकिन जैसे ही बाबूजी
रुकने लगते तो वो चिल्लाना तेज कर देती थी बाबूजी का लंड दीदी की
बूब्स को सहलाने की वजह से तन चुका था ओर वो दीदी की पीठ को टच
कर रह था. बाबूजी ने मुझे आवाज़ लगाई तो मैं रूम मे आ गई और
कहा कि बाबूजी ये रही क्रीम आप इसे लगा कर मालिश कीजिए एक छाती की
मालिश मैं करती हूँ और फिर बाबूजी के सामने बैठ कर मैं दूसरे
बूब्स को मसलने लगी बाबूजी का लंड दीदी की पीठ को टच कर रहा था
इसलिए दीदी उसपे दबाव डाल रही थी और फिर धीरे धीरे दीदी को मज़ा
आने लगा और वो बाबूजी से लिपटने लगी. और फिर बाबूजी ने आपना हाथ
दीदी की शर्ट के अंदर डाल कर उनके बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया
मैं समझ गई कि अब बाबूजी का मूड भी बन रहा है और फिर बाबूजी ने
दीदी के बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी. मैं
जान बुझ कर उठ कर बाहर आने लगी तो बाबूजी बोले कि तुम कहाँ जा
रही हो कुसम मैने कहा कि अपने रूम मे तो वो बोले कि आज तुम दोनो
यहीं पे सो जाओ मेरे पास.मैने कहा कि वो क्यो तो वो बोले कि अगर रात
को कोई ज़रूरत पड़ी तो मैं हेल्प कर दूँगा. हम तो चाहती यही थी सो
मैने कहा कि ठीक है मैं आप के लिए दूध ले कर आती हूँ तो बाबूजी
ने कहा कि रूको तो मैं रुक गई तो बाबूजी ने दीदी को एक तरफ लिटा दिया
और मुझे बाजू से पकड़ लिया और कहने लगे कि आज मुझे वो दूध नही पीना
है बहू आज तो मुझे तुम दोनो का दूध पीना है और इतना कह कर उन्होने
मुझे बाहों मे भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगे तो मैने कहा कि
बाबूजी आप ये क्या कर रहे हैं तो वो बोले की मैं तुम दोनो से प्यार
करना चाहता हूँ. मैने कहा कि मैं तो आपकी बहू हूँ तो वो बोले कि
हाँ मैं आज अपनी बेटी और बहू दोनो से प्यार करना और दोनो को पाना
चाहता हूँ और दोनो को चोदना चाहता हूं
Re: ससुर बने साजन
मैने कहा कि कहीं आप पागल
तो नही हो गये हैं तो वो बोले हाँ मैं पागल हो गया हूँ दीदी ने
कहा कि बाबूजी कुछ तो शरम कीजिए तो वो बोले कि शरम कैसी बेटी
मुझे तुम दोनो बहुत अच्छी लगती हो जब से तुम दोनो को नंगा देखा है
तब से मैं पागल हो गया हू. हम दोनो ने सकपकाने की ज़बरदस्त
आक्टिंग की के आप ने हमे कब नंगा देखा है तो उन्हो ने रात वाली सारी
बात बता दी ओर फिर मेरे बूब्स सहलाने लगे दीदी और मैने थोड़ी देर और
विरोध किया और फिर आख़िर हमे मानना ही था सो हम मान गई फिर
बाबूजी मेरे बूब्स को सहलाने और उनसे खेलने लगे फिर मैने और दीदी ने
बाबूजी को बिल्कुल नंगा कर लिया और जब उनका तना हुआ लंड देखा तो
हैरान होने का नाटक करने लगी ओर कहने लगी कि हे भगवान इतना बड़ा
है आप का तो तो बाबूजी बोले कि हाँ बहू मैं जानता हूँ कि अब तक
तुमने सिरफ़ मेरे बेटे का लंड ही देखा है इसी लिए तो मैने आज तुम्हे
आपने लॉड के दर्शन करवाए हैं ता कि मेरी बहू और बेटी भी ये
सोच कर गर्व महसूस करें कि उन्होने सिर्फ़ लंड ही नही लॉडा भी
खाया है.मैने कहा कि बाबूजी ये तो बहुत मोटा भी है और लंबा भी
ये ये तो मेरी चूत मे आएगा ही नही उसे फाड़ ही देगा तो वो बोले की
डरो मत कुछ नही होगा बॅस दम देखती रहो आज हम कैसे मज़ा करते
हैं. मैने कहा कि अगर मेरी चूत फट गई तो वो बोले कि वो तो मैं
आज फड़ुँगा ही. मैने कहा कि मैं सहन नही कर पाउन्गि तो बोले की
जब लॉडा मज़ा देगा तो सब कुछ सहन कर जाओगी और फिर उनके एक तरफ
दीदी लेट गई दूसरी तरफ मैं.अब बाबूजी ने भी हम दोनो के कपड़े
उतार दिए थे और वो भी एक एक हाथ से हम दोनो के बूब्स को मसल रहे
थे. ओर हम दोनो उनके लंड से खेल रही थी.
फिर बाबूजी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और बोले कि रोज तुम मेरे बेटे का
लंड चूस्ति हो आज मुझे भी दिखाओ कि तुम लंड कितने मज़े से चुस्ती
हो मैने जान भुज कर कहा कि बाबूजी आप ने क्या हमारी सारी बातें सुनी
थी तो वो बोले कि हाँ और फिर मैं सारी रात सो नही पाया और तुम दोनो
को चोदने का प्लान बनाता रहा. फिर बाबूजी ने अपना लॉडा मेरे मूह
मे डाल दिया ओर मैं लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी तो बाबूजी बोले कि
कुसम सच मे ही तुम बहुत गजब का लॉडा चूस्ति हो. अब बाबूजी का
लौंडा मैं चूस रही थी और मेरी चूत को दीदी चाट रही थी दीदी
ने आपनी टाँगे बाबूजी के कंधो पे रखी हुई थी बाबूजी दीदी की
चूत चाट रहे थे हम दोनो की सिसकियाँ फुट रही थी. करीब 30 मिंट
हम दोनो यू ही एक दूसरे की चूत चाटते और बाबूजी के लंड को चूस्ते
रहे. तो दोस्तो आख़िर इन दोनो रांडो ने बिचारे बुड्ढे को फँसा ही लिया
अब अगले पार्ट मे पढ़े इनकी चुदाई की दास्तान आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः...............................
तो नही हो गये हैं तो वो बोले हाँ मैं पागल हो गया हूँ दीदी ने
कहा कि बाबूजी कुछ तो शरम कीजिए तो वो बोले कि शरम कैसी बेटी
मुझे तुम दोनो बहुत अच्छी लगती हो जब से तुम दोनो को नंगा देखा है
तब से मैं पागल हो गया हू. हम दोनो ने सकपकाने की ज़बरदस्त
आक्टिंग की के आप ने हमे कब नंगा देखा है तो उन्हो ने रात वाली सारी
बात बता दी ओर फिर मेरे बूब्स सहलाने लगे दीदी और मैने थोड़ी देर और
विरोध किया और फिर आख़िर हमे मानना ही था सो हम मान गई फिर
बाबूजी मेरे बूब्स को सहलाने और उनसे खेलने लगे फिर मैने और दीदी ने
बाबूजी को बिल्कुल नंगा कर लिया और जब उनका तना हुआ लंड देखा तो
हैरान होने का नाटक करने लगी ओर कहने लगी कि हे भगवान इतना बड़ा
है आप का तो तो बाबूजी बोले कि हाँ बहू मैं जानता हूँ कि अब तक
तुमने सिरफ़ मेरे बेटे का लंड ही देखा है इसी लिए तो मैने आज तुम्हे
आपने लॉड के दर्शन करवाए हैं ता कि मेरी बहू और बेटी भी ये
सोच कर गर्व महसूस करें कि उन्होने सिर्फ़ लंड ही नही लॉडा भी
खाया है.मैने कहा कि बाबूजी ये तो बहुत मोटा भी है और लंबा भी
ये ये तो मेरी चूत मे आएगा ही नही उसे फाड़ ही देगा तो वो बोले की
डरो मत कुछ नही होगा बॅस दम देखती रहो आज हम कैसे मज़ा करते
हैं. मैने कहा कि अगर मेरी चूत फट गई तो वो बोले कि वो तो मैं
आज फड़ुँगा ही. मैने कहा कि मैं सहन नही कर पाउन्गि तो बोले की
जब लॉडा मज़ा देगा तो सब कुछ सहन कर जाओगी और फिर उनके एक तरफ
दीदी लेट गई दूसरी तरफ मैं.अब बाबूजी ने भी हम दोनो के कपड़े
उतार दिए थे और वो भी एक एक हाथ से हम दोनो के बूब्स को मसल रहे
थे. ओर हम दोनो उनके लंड से खेल रही थी.
फिर बाबूजी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और बोले कि रोज तुम मेरे बेटे का
लंड चूस्ति हो आज मुझे भी दिखाओ कि तुम लंड कितने मज़े से चुस्ती
हो मैने जान भुज कर कहा कि बाबूजी आप ने क्या हमारी सारी बातें सुनी
थी तो वो बोले कि हाँ और फिर मैं सारी रात सो नही पाया और तुम दोनो
को चोदने का प्लान बनाता रहा. फिर बाबूजी ने अपना लॉडा मेरे मूह
मे डाल दिया ओर मैं लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी तो बाबूजी बोले कि
कुसम सच मे ही तुम बहुत गजब का लॉडा चूस्ति हो. अब बाबूजी का
लौंडा मैं चूस रही थी और मेरी चूत को दीदी चाट रही थी दीदी
ने आपनी टाँगे बाबूजी के कंधो पे रखी हुई थी बाबूजी दीदी की
चूत चाट रहे थे हम दोनो की सिसकियाँ फुट रही थी. करीब 30 मिंट
हम दोनो यू ही एक दूसरे की चूत चाटते और बाबूजी के लंड को चूस्ते
रहे. तो दोस्तो आख़िर इन दोनो रांडो ने बिचारे बुड्ढे को फँसा ही लिया
अब अगले पार्ट मे पढ़े इनकी चुदाई की दास्तान आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः...............................