किरायेदार hindi long sex story

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sexy
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Re: किरायेदार hindi long sex story

Unread post by sexy » 27 Aug 2015 22:25

सुरेखा को भी साथ ले गई थी। आज रात पहली बार मैं अकेला था। रोज़ सुरेखा की चूत मारने से मेरे लंड की आदत खराब हो रही थी, 10 बजे रात से ही टनकने लगा। बिना चड्डी के पतला नेकर और लंबा कुरता मैंने डाल रखा था। मैं सोने की कोशिश करने लगा तभी फोन बजा 11 बजने वाले थे।

सपना भाभी का था, बोली- रजनी 11 बजे आती है, दरवाज़ा खोल देना। मेरे मन के किसी कोने में रजनी को चोदने का विचार आने लगा। दस मिनट बाद घंटी बजी दरवाज़ा खोला तो सामने रजनी थी, बोली- भाभी नहीं हैं क्या आज? मैंने हँसते हुए कहा- आज मेरे सिवा कोई नहीं है, डर लग रहा हो तो मैं भी चला जाऊँ।

रजनी बोली- अब तो तुम फंस गए आज तो मैं तुम्हें जाने नहीं दूँगी। मज़ा आ गया आज पहली बार खुल कर बातें हो पाएंगी, आओ मेरे कमरे में बैठते हैं। मैं रजनी के छोटे से कमरे में आ गया जमीन पर मोटा गद्दा और चद्दर पड़ी थी। पास मैं ही छोटी सी रसोई थी। रजनी दो कप कॉफी बना लाई, हम लोग कॉफी पीने लगे।

रजनी ने टीवी खोल दिया और अपनी सलवार मेरे सामने ही उतार दी कुरता घुटने तक आ रहा था। उसके बाद अपनी कुर्ती भी ऊपर करके उतार दी। उसने सफ़ेद पारदर्शी ब्रा और काली पैंटी पहन रखी थी।

मेरा लोड़ा उसकी कसी चूचियाँ और गदराई जांघें देखकर खड़ा हो गया।
मैं बोला- आप खुल कर बातें करेंगी या खोल कर? अंगड़ाई लेती हुई रजनी ने अपनी ब्रा पीछे से खोल दी, उसकी गोल गोल गदराई हुई दोनों चूचियाँ बाहर निकल आईं।

रजनी बोली- आपकी संतरे खाने वाली इच्छा भी तो पूरी करनी है। सुंदर सामने को कसी हुई गुलाबी चूचियों और काली निप्पल ने मेरा लोड़ा खड़ा कर दिया था, मेरे से रहा नहीं गया, मैंने आगे बढ़कर उसकी चूचियाँ दबाते हुए मुँह में भर लीं और चूसने लगा।

रजनी ने मुझे अपने से चिपका लिया, बोली- राकेश जी, चुदने का बड़ा मन कर रहा है, एक महीने से ज्यादा हो गया लंड डलवाए हुए ! अपना लंड मेरी भोंसड़ी में डालिए ना ! 100 से ज्यादा लंड खा चुकी निगोड़ी, अब बिना लंड के नहीं रहा जाता। रजनी ने मेरा नेकर उतार दिया था और वो मेरा 7 इंची लंड सहला रही थी। रजनी बोली- राकेश जी, चुदने का बड़ा मन कर रहा है।

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Re: किरायेदार hindi long sex story

Unread post by sexy » 27 Aug 2015 22:25

उसने मेरा कुरता भी उतरवा दिया और अपनी पैंटी भी उतार दी। नंगी चूत पर नाम मात्र की झांटें थीं। उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और बेकाबू सी होती हुई चूसने लगी। थोड़ी देर बाद वो टांगें फ़ैला कर लेट गई और बोली- राकेश, फक मी ! चोदो अपनी रजनी रांड को चोदो ! अब नहीं रहा जा रहा है।

मैंने उठकर उसकी चूत पर अपना लंड फिराया और चूत के अंदर घुसेड़ दिया। उह आह से रजनी सिसकारी मारने लगी, उसने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर से बाँध लीं और चुदने में पूरा साथ देने लगी, टट्टे बार बार उसकी चूत के दरवाज़े से टकरा रहे थे, गरम साँसों के बीच दो युवा चुदाई में मग्न थे, होंट एक दूसरे से चिपके जा रहे थे। चुदाई की आह उह पूरे कमरे में गूँज रही थी।

कुछ देर बाद हम दोनों साथ साथ झड़ गए। इसके बाद रजनी आधा घंटा मुझसे चिपकी रही। रात का एक बज़ रहा था। रजनी बोली- भूख लग रही है, आलू के परांठे खाएंगे? मैं भी भूखा था, मैंने हां कर दी। रजनी ने उठकर कुरता पहन लिया और मुझे भी सिर्फ कुरता पहनने दिया हम दोनों के कुरते घुटने से नीचे तक आ रहे थ

रजनी परांठे बनाने लगी। रजनी ने 2-2 मोटे परांठे अपने और मेरे लिए बना लिए। परांठे खाकर हम लोग छत पर आ गए। मैंने और रजनी ने एक दूसरे की कमर में कुरते के अंदर से हाथ डाल रखा था.चांदनी रात के 2 बज़ रहे थे हवा अच्छी चल रही थी। एक दूसरे के नंगे चूतड़ों पर हमारे हाथ फिसल रहे थे, बड़ा अच्छा लग रहा था।

हम दोनों छत की मुँडेर पर बैठ गए। रजनी बोली- मैंने अपने माँ बाप को शादी के लिए बोल दिया है। 2-3 महीने ममें शादी हो जानी चाहिए। बिना चुदे मुझसे अब रहा नहीं जाता है। जब तक मेरी शादी नहीं हो रही, तब तक महीने में एक दो बार तुम मुझे चोद दिया करो ना। बाहर तो चुदवाने की मेरी हिम्मत अब है नहीं।

मेरे मन में लड्डू फूट पड़े, मैंने कहा- अँधा क्या चाहे दो आँखें ! तुम्हारी चुदाई से तो मुझे ख़ुशी ही मिलेगी।

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Re: किरायेदार hindi long sex story

Unread post by sexy » 27 Aug 2015 22:26

मेरा तो अभी भी तुम्हे। एक बार और चोदने का मन कर रहा है।

हम लोग छत की मुंडेर पर बैठ कर ये बातें कर रहे थे।

रजनी उठी और उसने मुस्करा कर मुझे देखा और जमीन पर बैठते हुए मेरा कुरता ऊपर उठाकर लोड़ा मुँह में ले लिया और एकाग्रता से लोड़ा चूसने लगी। कुछ देर बाद मैंने उसे हटा दिया और मुंडेर पर हाथ रखकर घोड़ी बना दिया। उसने टांगें फ़ैला ली थीं, चूत पीछे से चांदनी रात में साफ़ दिख रही थी। मैंने लोड़ा उसकी चूत के द्वार पर पीछे से लगा दिया, एक जोर का झटका देते हुए उसकी चूत में पेल दिय ा।

आराम से लोड़ा अंदर तक घुस गया, रजनी चुदने लगी। चुदने में वो वो पूरा सहयोग कर रही थी, अपनी गांड आगे पीछे हिलाते हुए चिल्ला रही थी- चोद हरामी चोद।

मैं भी उत्तेजित होकर एक कुतिया की तरह उसे पेल रहा था और बुदबुदा रहा था- रांडों की रांड ले खा ! याद रखेगी कि किसी चोदू ने तेरी चोदी थी। 10 मिनट तक इसी तरह वो चुदती रही, उसके बाद बोली…

उसके बाद बोली- थोड़ी गांड भी पेल दे ! पता नहीं फिर कब चुदने का दिन आएगा। मैंने लंड बाहर निकाल लिया।

रजनी बोली- पहले तुम दो तीन उंगली कर रास्ता बना लो, फिर चोदना।

मैंने एक एक करके 2 उंगलियाँ उसकी गांड में घुसा दीं और 10-12 बार मालिश कर दी अब उसकी गांड चुदने को तैयार थी। रजनी ने मुड़कर लंड पर ढेर सारा थूक डाल दिया और हाथों से उसे सुपाड़े पर मल दिया, बोली- अब घुसा दो, धीरे धीरे चोदना, बड़ा दर्द होता है।

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