मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
जूली ओह …ठीक है ….अब आप तैयार तो हो ना …
उसने मुझे बाथरूम की ओर धकेल दिया …..
मैं नहाकर बाहर आया … जूली बेड पर झुकी हुई मेरे कपडे सही कर रही थी ….
उसका गाउन चूतड़ से आधा खिसक गया था….जो उसके गोल और मादक चूतड़ों की झलक दिखा रहा था ….
मैंने उसके चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए ही कहा..जान आज या कल जब भी अमित आये तो उसको अपने इन जालिम चूतड़ों के दर्शन करा देना …देखना पगला जायेगा शाळा …
जूली मुझे तो लगता है कि अभी तो आप ही पगला गए हैं….कैसी बातें कर रहे हैं…..
क्या उन लोगों के सामने बिना कच्छी के जाउंगी…
वैसे आप चिंता न करें …मैंने कल कुछ अच्छे सेट का आर्डर दिया है …..आज कोशिश करुँगी …शायद मिल जाएँ…
मैं अच्छा तो क्या ब्रा, चड्डी भी आर्डर पर तैयार होने लगे…
जूली जी हाँ जानू …अब तो हर चीज फैशन पर आ गई है …..मगर कुछ रुपए दे जाना …
मैं ठीक है मेरी जान ….
मैं तैयार होते हुए सोचने लगा कि आज शायद ये फिर उसी दुकान पर जाएगी ….क्या करूँ कैसे करूँ ….
जूली और हाँ आप ये मत समझो कि आपके दोस्त सीधे हैं वो तो आपके सामने सीधा होने का ढोंग करते हैं ….वरना हम लोगों को मर्दों की सब आदतों के बारे में पता होता है ….
मैं अच्छा तो कौन शाळा तुमको छेड़ता है ….अभी बताओ …कमीने को ठीक करता हूँ …
जूली बस तुम्हारी इसी आदत के कारण वो तुमसे डरते हैं …. वरना ….
मैं अरे नहीं जान … क्या मैं तुमको ऐसा लगता हूँ …
वो तो थोड़ा काम में बिजी हो गया था ..बस …
जूली हाँ हाँ मैं सब समझ सकती हूँ ….जब आप उनसे जरा प्यार से बोलेंगे तो आप उन सबकी नजर को खुद समझ जाएंगे ….
मैं अच्छा अमित भी ऐसा ही है क्या ….यार वो तो बहुत सीधा लगता है ….
जूली हाँ मुझे पता है वो कितना सीधा है ….हेहे
मैं क्या यार पहेलियाँ क्यों बुझा रही हो ..सच बताओ ना …हमने कल निर्णय लिया था ना कि हम सब कुछ एक दूसरे को बताएँगे ….
इससे हमारे रिस्ता और भी मजबूत होगा …और अब से हम खुद खुले विचारों के साथ जिएंगे ….एक दूसरे को रोक टोक नहीं करेंगे….
जूली (मुझे चूमते हुए) अरे जानू, आपको क्या लगता है कि क्या मैं आपसे कुछ छुपाती हूँ …
मैं तो बताओ न अमित ने कुछ किया क्या …
जूली अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं …मगर उसकी आदतें भी बाकी सभी मर्दों की तरह ही हैं ….
वैसे भी मेरी मुलकात तो बस दो तीन बार ही तो हुई होगी …..
आपको याद है उसकी शादी के बाद पार्टी में …उसने कितनी पी ली थी….बस जब वो मेरे साथ डांस कर रहा था, तब उसका व्यबहार उतना सभ्य नहीं था …
मैं क्या यार कितने भरी शब्दों का प्रयोग कर रही हो …खुली भाषा में बताओ न..उसने तुमको क्या किया ..
जूली ओह तुम भी न ….अरे ऐसा भी क्या बस जब वो मेरे साथ नाच रहा था ….तब ही उसने कुछ शरारत की थीं …..
मैं अरे नहीं यार वो उस बेचारे ने बहुत पी ली थी …इसीलिए ..थोड़ा बहुत हाथ लग गया होगा …
जूली अच्छा आपको तो बहुत पता है ना ….क्या आपको याद है उस दिन मैंने अपनी वो पतली वाली लाल जींस और सफ़ेद शार्ट टॉप पहना था …जो कमर तक ही आता है …
मैं अरे हाँ जान मैं कैसे भूल सकता हूँ ….
जूली बस वो नाचते – नाचते बार-बार मेरे कमर पर हाथ रख रहा था ….मैं हटाती तो फिर से टॉप के अंदर कर मेरी नंगी कमर को सहला देता …
कई बार उसने अपने गाल मेरे गालों से चिपकाये और नाचते हुए चूम भी लेता था ….
मैं अरे यार ये सब तो नार्मल है न …
जूली अच्छा और उसके हाथों का कई बार सरककर मेरे चूतड़ों तक पहुँच जाना और ना केवल सहलाना वल्कि दबा भी देना …
मैं हम्म्म तब तो हो सकता है …. मगर ये भी तो हो सकता है की बाकई गलती से ही हुआ हो….
जूली हाँ गलती से …..अगर गलती से हुआ होता तो आदमी का ये खड़ा नहीं होता ….
(उसने मेरे लण्ड को छूते हुए कहा)
मैं क्या कहती हो यार …क्या उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था …क्या तुमने उसको छुआ भी था ….
मैंने अब उसके सामने खुले शब्दों का प्रयोग करने लगा जिससे वो और भी खुल जाये …वैसे मैंने सुना तो था कि वो बहुत आसानी से सभी लण्ड, चूत जैसे शब्द बोलती है ….
उसने मुझे बाथरूम की ओर धकेल दिया …..
मैं नहाकर बाहर आया … जूली बेड पर झुकी हुई मेरे कपडे सही कर रही थी ….
उसका गाउन चूतड़ से आधा खिसक गया था….जो उसके गोल और मादक चूतड़ों की झलक दिखा रहा था ….
मैंने उसके चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए ही कहा..जान आज या कल जब भी अमित आये तो उसको अपने इन जालिम चूतड़ों के दर्शन करा देना …देखना पगला जायेगा शाळा …
जूली मुझे तो लगता है कि अभी तो आप ही पगला गए हैं….कैसी बातें कर रहे हैं…..
क्या उन लोगों के सामने बिना कच्छी के जाउंगी…
वैसे आप चिंता न करें …मैंने कल कुछ अच्छे सेट का आर्डर दिया है …..आज कोशिश करुँगी …शायद मिल जाएँ…
मैं अच्छा तो क्या ब्रा, चड्डी भी आर्डर पर तैयार होने लगे…
जूली जी हाँ जानू …अब तो हर चीज फैशन पर आ गई है …..मगर कुछ रुपए दे जाना …
मैं ठीक है मेरी जान ….
मैं तैयार होते हुए सोचने लगा कि आज शायद ये फिर उसी दुकान पर जाएगी ….क्या करूँ कैसे करूँ ….
जूली और हाँ आप ये मत समझो कि आपके दोस्त सीधे हैं वो तो आपके सामने सीधा होने का ढोंग करते हैं ….वरना हम लोगों को मर्दों की सब आदतों के बारे में पता होता है ….
मैं अच्छा तो कौन शाळा तुमको छेड़ता है ….अभी बताओ …कमीने को ठीक करता हूँ …
जूली बस तुम्हारी इसी आदत के कारण वो तुमसे डरते हैं …. वरना ….
मैं अरे नहीं जान … क्या मैं तुमको ऐसा लगता हूँ …
वो तो थोड़ा काम में बिजी हो गया था ..बस …
जूली हाँ हाँ मैं सब समझ सकती हूँ ….जब आप उनसे जरा प्यार से बोलेंगे तो आप उन सबकी नजर को खुद समझ जाएंगे ….
मैं अच्छा अमित भी ऐसा ही है क्या ….यार वो तो बहुत सीधा लगता है ….
जूली हाँ मुझे पता है वो कितना सीधा है ….हेहे
मैं क्या यार पहेलियाँ क्यों बुझा रही हो ..सच बताओ ना …हमने कल निर्णय लिया था ना कि हम सब कुछ एक दूसरे को बताएँगे ….
इससे हमारे रिस्ता और भी मजबूत होगा …और अब से हम खुद खुले विचारों के साथ जिएंगे ….एक दूसरे को रोक टोक नहीं करेंगे….
जूली (मुझे चूमते हुए) अरे जानू, आपको क्या लगता है कि क्या मैं आपसे कुछ छुपाती हूँ …
मैं तो बताओ न अमित ने कुछ किया क्या …
जूली अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं …मगर उसकी आदतें भी बाकी सभी मर्दों की तरह ही हैं ….
वैसे भी मेरी मुलकात तो बस दो तीन बार ही तो हुई होगी …..
आपको याद है उसकी शादी के बाद पार्टी में …उसने कितनी पी ली थी….बस जब वो मेरे साथ डांस कर रहा था, तब उसका व्यबहार उतना सभ्य नहीं था …
मैं क्या यार कितने भरी शब्दों का प्रयोग कर रही हो …खुली भाषा में बताओ न..उसने तुमको क्या किया ..
जूली ओह तुम भी न ….अरे ऐसा भी क्या बस जब वो मेरे साथ नाच रहा था ….तब ही उसने कुछ शरारत की थीं …..
मैं अरे नहीं यार वो उस बेचारे ने बहुत पी ली थी …इसीलिए ..थोड़ा बहुत हाथ लग गया होगा …
जूली अच्छा आपको तो बहुत पता है ना ….क्या आपको याद है उस दिन मैंने अपनी वो पतली वाली लाल जींस और सफ़ेद शार्ट टॉप पहना था …जो कमर तक ही आता है …
मैं अरे हाँ जान मैं कैसे भूल सकता हूँ ….
जूली बस वो नाचते – नाचते बार-बार मेरे कमर पर हाथ रख रहा था ….मैं हटाती तो फिर से टॉप के अंदर कर मेरी नंगी कमर को सहला देता …
कई बार उसने अपने गाल मेरे गालों से चिपकाये और नाचते हुए चूम भी लेता था ….
मैं अरे यार ये सब तो नार्मल है न …
जूली अच्छा और उसके हाथों का कई बार सरककर मेरे चूतड़ों तक पहुँच जाना और ना केवल सहलाना वल्कि दबा भी देना …
मैं हम्म्म तब तो हो सकता है …. मगर ये भी तो हो सकता है की बाकई गलती से ही हुआ हो….
जूली हाँ गलती से …..अगर गलती से हुआ होता तो आदमी का ये खड़ा नहीं होता ….
(उसने मेरे लण्ड को छूते हुए कहा)
मैं क्या कहती हो यार …क्या उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था …क्या तुमने उसको छुआ भी था ….
मैंने अब उसके सामने खुले शब्दों का प्रयोग करने लगा जिससे वो और भी खुल जाये …वैसे मैंने सुना तो था कि वो बहुत आसानी से सभी लण्ड, चूत जैसे शब्द बोलती है ….
Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
जूली हाँ जानू जब वो मुझे चिपकाता तो अपनी कमर भी मेरे से चिपका देता था ,,,तो मुझे उसका अहसास तो होगा ना ,,,,
मैं अच्छा कहाँ लगा उसका लण्ड तुम्हारे …
जूली ओह अब ज्यादा क्यों परेसान कर रहे हो …मेरी जांघ के ऊपर के भाग पर …
पर मैं चरण दूर हो गई …. बस अब आप जल्दी तैयार हो मैं भी फटाफट तैयार हो आपका नास्ता लगाती हूँ …
मैं अच्छा जानू ……
उसके बाथरूम में जाते ही सबसे पहले मैंने अपना रिकॉर्डर पेन ओन कर उसके पर्स में डाला …
और ये भी सोचने लगा कि यार कैसे आज इनकी उस शॉपिंग को देखा जाए ….
मैंने एक बार फिर बिल पर से उस दुकान का एड्रेस नोट किया और जूली से उसका जाने के समय के बारे में जानने कि सोचने लगा ….
तभी जूली भी बाथरूम से बिलकुल नंगी नहाकर बाहर आ गई ….
जूली में ये दो आदत थीं कि एक तो बो कपडे हमेशा कमरे में आकर ही पहनती थी …इसलिए बाथरूम से हमेशा नंगी या केवल टॉवल लपेट कर ही बाहर आती थी …
और रात को सोते हुए मेरे लण्ड पर अपना हाथ रखकर ही सोती थी…..
और ये दोनों आदतें मुझे बहुत पसंद थी….
उसने हल्का सा गाउन ही डाला और हम दोनों ने नास्ता किया …फिर मैं उसको चूमकर ऑफिस के लिए निकल गया ….
अपने मन में अच्छी तरह सब कुछ सोच विचार कर मैं घर से निकल गया ….
ऑफिस में भी मन नहीं लग रहा था…..दिल में कुछ अलग ही विचारों ने धर कर लिया था …
मैं किसी भी तरह आज जूली की उस दूकानदार के साथ मुलाकात को देखना चाहता था ….जिसने मेरी सुंदरता की मूरत जूली को ना केवल नंगा ही नहीं देखा था …….वल्कि उसकी गद्देदार, गुलाबी और रसीली चूत एवं गांड को सहलाया था …
उसकी चोटियों जैसी नुकीली चूचियों को दबाया और निप्पल तक को छुआ था …
उस दिन तो वो विजय के साथ थी ….जो उस दुकानदार के लिए तो जूली का पति ही था …
शायद इसलिए वो ज्यादा हिम्मत नहीं कर पाया होगा …पर आज जब जूली उससे अकेले मिलने मिलेगी …तो पता नहीं क्या-क्या करेगा ….
इसीलिए आज मैंने जूली के पर्स में वौइस् रिकॉर्डर तो रखा …परन्तु पैसे नहीं रखे …जिससे उसकी दुकान पर जाने का कार्यक्रम पता लग सके …
करीब १२०० बजे मुझे जूली का फोन आया …..
जूली अरे सॉरी मैंने आपको परेसान किया ….वो आज आप शायद पैसे देना भूल गए …वो क्या है कि मैं बाजार आई थी तो …..
मैं ओह जान …ये आज कैसे हो गया ….तुम चिंता ना करो …बताओ तुम कहाँ हो …मैं भिजवाता हूँ …..
जूली मैं कश्मीरी मार्किट में हूँ ……
मैं ठीक है …. १० मिनट रुको …..
…………….
………………………..
मैं वहां पहुंच एक जानकार के हाथ उसको पैसे भिजवा देता हूँ …..
वो उस अंडरगार्मेंट्स की दुकान के बहुत पास थी ….
और आज मेरी जान क्या लग रही थी ….मैंने देखा हर कोई केवल उसे ही घूर रहा था …..
उसने एक स्किन टाइट सफ़ेद कैप्री पहनी थी, जो उसके घुटनो से करीव ६ इंच नीचे थी….और पिंक टाइट सिल्की शर्ट पहनी थी …..
उसने अपने रेशमी बाल खुले छोड़ रखे थे …..और गोरे मुखड़े पर …. पिंक फ्रेम का फैशनेबल गोगल था ..जो उसके चेहरे को हीरोइन की तरह चमका रहा था …
उसने हाई हील की सफ़ेद कई तनी वाली सैंडल पहनी थी ….कुल मिलाकर वो क़यामत लग रही थी …..
मैंने बहुत सावधानी से उसका पीछा किया …..उसने कुछ दुकानो पर इधर उधर कुछ-कुछ वस्तुओं को देखा ….
मगर कुछ लिया नहीं …..हाँ इस दौरान कुछ मनचलों ने जरूर उसको छुआ …… वो उसके पास से उसके चूतड़ों को सहलाते हुए निकल गए ….
दरअसल उसकी सफ़ेद कैप्री कुछ पतले कपडे की थी …जिससे कुछ पारदर्शी हो गई थी ….
उसकी कैप्री से जूली की गुलाबी त्वचा झांक रही थी …जिससे उसका बदन गजब ढा रहा था …
इसके ऊपर मेरी जान का क़यामत बदन ….जिसका एक-एक अंग संंचे में ढला था ….
मैं अब जूली के काफी निकट था …मैंने ध्यान दिया कि उसकी कैप्री से उसकी पैंटी की किनारी का तो पता चल रहा था ….मगर रंग का नहीं ..इसका मतलब आज उसने सफ़ेद ही कच्छी पहनी थी …
मगर उसकी शर्ट से कहीं भी ब्रा की किसी भी तनी का पता नहीं चल रहा था …..यानि वो बिना ब्रा के ही शर्ट पहने थी ….
तभी उसकी गोल मटोल चूची इतना हिल रही थी …और जालिम ने अपना ऊपर का बटन भी खोल रजा था ….जिससे गोलाइयों का पूरा आकार पता चल रहा था …
मैं अच्छा कहाँ लगा उसका लण्ड तुम्हारे …
जूली ओह अब ज्यादा क्यों परेसान कर रहे हो …मेरी जांघ के ऊपर के भाग पर …
पर मैं चरण दूर हो गई …. बस अब आप जल्दी तैयार हो मैं भी फटाफट तैयार हो आपका नास्ता लगाती हूँ …
मैं अच्छा जानू ……
उसके बाथरूम में जाते ही सबसे पहले मैंने अपना रिकॉर्डर पेन ओन कर उसके पर्स में डाला …
और ये भी सोचने लगा कि यार कैसे आज इनकी उस शॉपिंग को देखा जाए ….
मैंने एक बार फिर बिल पर से उस दुकान का एड्रेस नोट किया और जूली से उसका जाने के समय के बारे में जानने कि सोचने लगा ….
तभी जूली भी बाथरूम से बिलकुल नंगी नहाकर बाहर आ गई ….
जूली में ये दो आदत थीं कि एक तो बो कपडे हमेशा कमरे में आकर ही पहनती थी …इसलिए बाथरूम से हमेशा नंगी या केवल टॉवल लपेट कर ही बाहर आती थी …
और रात को सोते हुए मेरे लण्ड पर अपना हाथ रखकर ही सोती थी…..
और ये दोनों आदतें मुझे बहुत पसंद थी….
उसने हल्का सा गाउन ही डाला और हम दोनों ने नास्ता किया …फिर मैं उसको चूमकर ऑफिस के लिए निकल गया ….
अपने मन में अच्छी तरह सब कुछ सोच विचार कर मैं घर से निकल गया ….
ऑफिस में भी मन नहीं लग रहा था…..दिल में कुछ अलग ही विचारों ने धर कर लिया था …
मैं किसी भी तरह आज जूली की उस दूकानदार के साथ मुलाकात को देखना चाहता था ….जिसने मेरी सुंदरता की मूरत जूली को ना केवल नंगा ही नहीं देखा था …….वल्कि उसकी गद्देदार, गुलाबी और रसीली चूत एवं गांड को सहलाया था …
उसकी चोटियों जैसी नुकीली चूचियों को दबाया और निप्पल तक को छुआ था …
उस दिन तो वो विजय के साथ थी ….जो उस दुकानदार के लिए तो जूली का पति ही था …
शायद इसलिए वो ज्यादा हिम्मत नहीं कर पाया होगा …पर आज जब जूली उससे अकेले मिलने मिलेगी …तो पता नहीं क्या-क्या करेगा ….
इसीलिए आज मैंने जूली के पर्स में वौइस् रिकॉर्डर तो रखा …परन्तु पैसे नहीं रखे …जिससे उसकी दुकान पर जाने का कार्यक्रम पता लग सके …
करीब १२०० बजे मुझे जूली का फोन आया …..
जूली अरे सॉरी मैंने आपको परेसान किया ….वो आज आप शायद पैसे देना भूल गए …वो क्या है कि मैं बाजार आई थी तो …..
मैं ओह जान …ये आज कैसे हो गया ….तुम चिंता ना करो …बताओ तुम कहाँ हो …मैं भिजवाता हूँ …..
जूली मैं कश्मीरी मार्किट में हूँ ……
मैं ठीक है …. १० मिनट रुको …..
…………….
………………………..
मैं वहां पहुंच एक जानकार के हाथ उसको पैसे भिजवा देता हूँ …..
वो उस अंडरगार्मेंट्स की दुकान के बहुत पास थी ….
और आज मेरी जान क्या लग रही थी ….मैंने देखा हर कोई केवल उसे ही घूर रहा था …..
उसने एक स्किन टाइट सफ़ेद कैप्री पहनी थी, जो उसके घुटनो से करीव ६ इंच नीचे थी….और पिंक टाइट सिल्की शर्ट पहनी थी …..
उसने अपने रेशमी बाल खुले छोड़ रखे थे …..और गोरे मुखड़े पर …. पिंक फ्रेम का फैशनेबल गोगल था ..जो उसके चेहरे को हीरोइन की तरह चमका रहा था …
उसने हाई हील की सफ़ेद कई तनी वाली सैंडल पहनी थी ….कुल मिलाकर वो क़यामत लग रही थी …..
मैंने बहुत सावधानी से उसका पीछा किया …..उसने कुछ दुकानो पर इधर उधर कुछ-कुछ वस्तुओं को देखा ….
मगर कुछ लिया नहीं …..हाँ इस दौरान कुछ मनचलों ने जरूर उसको छुआ …… वो उसके पास से उसके चूतड़ों को सहलाते हुए निकल गए ….
दरअसल उसकी सफ़ेद कैप्री कुछ पतले कपडे की थी …जिससे कुछ पारदर्शी हो गई थी ….
उसकी कैप्री से जूली की गुलाबी त्वचा झांक रही थी …जिससे उसका बदन गजब ढा रहा था …
इसके ऊपर मेरी जान का क़यामत बदन ….जिसका एक-एक अंग संंचे में ढला था ….
मैं अब जूली के काफी निकट था …मैंने ध्यान दिया कि उसकी कैप्री से उसकी पैंटी की किनारी का तो पता चल रहा था ….मगर रंग का नहीं ..इसका मतलब आज उसने सफ़ेद ही कच्छी पहनी थी …
मगर उसकी शर्ट से कहीं भी ब्रा की किसी भी तनी का पता नहीं चल रहा था …..यानि वो बिना ब्रा के ही शर्ट पहने थी ….
तभी उसकी गोल मटोल चूची इतना हिल रही थी …और जालिम ने अपना ऊपर का बटन भी खोल रजा था ….जिससे गोलाइयों का पूरा आकार पता चल रहा था …
Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
ज्यादातर लोग उससे टकराने का प्रयास कर रहे थे …
मैंने आज तक जूली को इस तरह से वाच नहीं किया था …. ये एक अलग ही अनुभव था ….
उसके पीछे चलते हुए ….जूली के एक रिदम में हिलते डुलते चूतड़ को देख ..मेरे दिमाग में बस एक ही ख्याल आ रहा था कि …..
इस दृश्य को देख जब मेरा ये हाल था तो दूसरों के दिल का क्या होता होगा ….
कुछ देर में ही जूली उसी दुकाल में प्रवेश कर जाती है ….
दूकान काफी बड़ी थी …मैं भी अंदर जा एक ओर खुद को छुपाते हुए …..जूली पर नजर रखे था …
वो सीधे एक ओर जहाँ कोई मध्यम कद का एक लड़का खड़ा था ….उस ओर जाती है ..
मैं इधर उधर देखता हुआ, जूली से छिपता छिपाता …
उस पर नजर रखे था …..
उन दोनों की कोई आवाज तो मुझे सुनाई नहीं दे रही थी ….. मगर
जूली उस लड़के से बहुत हंस हंस कर बात कर रही थी …
लड़का भी बार बार जूली को छू रहा था ….और उसकी चूचिओं की और ही देख रहा था …..
जूली बार बार अपनी शर्ट सही करने का बहाना कर उसका ध्यान और भी ज्यादा अपनी चूचियों पर आकर्षित कर रही थी ….
इधर उधर नजर मारते हुए ही मैंने देखा कि एक लड़की बहुत कामुक ढंग से एक छोटी सी …डोरी वाली कच्छी को अपनी जीन्स के ऊपर से ही बांधकर देख – परख रही थी ….
और दूसरी तरफ एक मोटी सी लड़की …एक उम्रदराज अंकल को अपनी मोटी-मोटी छातियाँ उभारकर न जाने क्या बता रही थी ….
कुल मिलाकर बहुत सेक्सी दृश्य थे …..
तभी जूली एक और बने पर्दों के पीछे जाने लगी ….मेरे सामने ही उस लड़के ने जूली के चूतड़ों पर हाथ रख उसे आगे आने के लिए कहा ….
मैं अभी उस ओर जाने का जुगाड़ कर ही रहा था …कि एक बहुत सेक्सी लड़की मेरे सामने आ पूछने लगी …
लड़की क्या चाहिए सर ….
मैं व् वव वो …..
लड़की अरे शर्माइये नहीं सर ….यहाँ हर तरह के अंडरगार्मेंट्स मिलते हैं …..आपको अपनी बीवी के लिए चाहिए या गर्लफ्रेंड के लिए ….
मैं अररर्र रे नहीं व् व् वव वव वो क्या है कि ….
लड़की अरे सर आप तो केवल साइज बताइये …. मैं आपको ऐसे डिज़ाइन दिखाउंगी कि आपकी गर्लफ्रेंड खुश हो जायगी …और आपको भी …..हे हे …
मैं अरे वो क्या है कि मुझे बीवी के लिए ही चाहिए ….और वो अभी यहीं आने वाली है …मैं उसी का इन्तजार कर रहा हूँ ,,,,
लड़की ओह …ठीक है सर …मैं वहां हूँ ….आप कहें तो तब तक मैं आपको भी दिखा सकती हूँ ….
उसके खुले गले के टॉप से उसकी गदराई चूची का काफी भाग दिख रहा था ….
मैं (उसकी चूची को ही देखते हुए) क्या?
लड़की अपना टॉप सही करते हुए ….क्या सर आप भी …अंडरगारमेंट और क्या …..
मैं ठीक है अभी आता हूँ …..
उस लड़की के जाने के बाद मैंने पर्दों की ओर रुख किया …तभी वो लड़का बाहर को आ गया …
मैंने एक कोने के थोड़ा सा पर्दा हटा …अपने लिए जगह बनाई …
चारों ओर देखा किसी की नजर वहां नहीं थी …ये जगह एक कोने में बनी थी ….
और चारों ओर काफी परदे लगे थे …. मैं दो पर्दो के बीच खुद को छिपाकर …नीचे को बैठ गया…
अब कोई आसानी से मुझे नहीं देख सकता था ….
मैंने अंदर की ओर देखा … अंदर दो तीन जमीन पर गद्दे बिछे थे …एक बड़ी सी मेज रखी थी ….
मेज पर कुछ ब्रा चड्डी से सेट रखे थे …और दो कुर्सी भी थीं ,,,, बाकि चारों ओर सामान बिखरा था …
जूली मेज के पास खड़ी थी ..उसके हाथ में एक बहुत नए स्टाइल की ब्रा थी ….जिसे वो चारों ओर से देख रही थी …
फिर उसने ब्रा को मेज पर रखा ओर एक बार पर्दों को देखा …फिर अचानक उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए ….
माय गॉड ,,,, उसको जरा भी नहीं लगा कि ये एक खुली दूकान है …
और चारों ओर केवल पर्दों का ही पार्टीशन है …..
जूली बिना किसी डर और शर्म के अपनी शर्ट पूरी निकाल वहीँ मेज पर रख देती है ….
उसका दमकता शरीर अब केवल एक सफ़ेद कैप्री में ….मेरे सामने था …..
उसके पूरी तरह गोलाई लिए हुए चूचियाँ ..और उनपर कामुकता के रस से भरे उसके गुलाबी निप्पल …ऊपर उठे हुए जो किसी को भी पागल करने के लिए काफी थे …
मैंने आज तक जूली को इस तरह से वाच नहीं किया था …. ये एक अलग ही अनुभव था ….
उसके पीछे चलते हुए ….जूली के एक रिदम में हिलते डुलते चूतड़ को देख ..मेरे दिमाग में बस एक ही ख्याल आ रहा था कि …..
इस दृश्य को देख जब मेरा ये हाल था तो दूसरों के दिल का क्या होता होगा ….
कुछ देर में ही जूली उसी दुकाल में प्रवेश कर जाती है ….
दूकान काफी बड़ी थी …मैं भी अंदर जा एक ओर खुद को छुपाते हुए …..जूली पर नजर रखे था …
वो सीधे एक ओर जहाँ कोई मध्यम कद का एक लड़का खड़ा था ….उस ओर जाती है ..
मैं इधर उधर देखता हुआ, जूली से छिपता छिपाता …
उस पर नजर रखे था …..
उन दोनों की कोई आवाज तो मुझे सुनाई नहीं दे रही थी ….. मगर
जूली उस लड़के से बहुत हंस हंस कर बात कर रही थी …
लड़का भी बार बार जूली को छू रहा था ….और उसकी चूचिओं की और ही देख रहा था …..
जूली बार बार अपनी शर्ट सही करने का बहाना कर उसका ध्यान और भी ज्यादा अपनी चूचियों पर आकर्षित कर रही थी ….
इधर उधर नजर मारते हुए ही मैंने देखा कि एक लड़की बहुत कामुक ढंग से एक छोटी सी …डोरी वाली कच्छी को अपनी जीन्स के ऊपर से ही बांधकर देख – परख रही थी ….
और दूसरी तरफ एक मोटी सी लड़की …एक उम्रदराज अंकल को अपनी मोटी-मोटी छातियाँ उभारकर न जाने क्या बता रही थी ….
कुल मिलाकर बहुत सेक्सी दृश्य थे …..
तभी जूली एक और बने पर्दों के पीछे जाने लगी ….मेरे सामने ही उस लड़के ने जूली के चूतड़ों पर हाथ रख उसे आगे आने के लिए कहा ….
मैं अभी उस ओर जाने का जुगाड़ कर ही रहा था …कि एक बहुत सेक्सी लड़की मेरे सामने आ पूछने लगी …
लड़की क्या चाहिए सर ….
मैं व् वव वो …..
लड़की अरे शर्माइये नहीं सर ….यहाँ हर तरह के अंडरगार्मेंट्स मिलते हैं …..आपको अपनी बीवी के लिए चाहिए या गर्लफ्रेंड के लिए ….
मैं अररर्र रे नहीं व् व् वव वव वो क्या है कि ….
लड़की अरे सर आप तो केवल साइज बताइये …. मैं आपको ऐसे डिज़ाइन दिखाउंगी कि आपकी गर्लफ्रेंड खुश हो जायगी …और आपको भी …..हे हे …
मैं अरे वो क्या है कि मुझे बीवी के लिए ही चाहिए ….और वो अभी यहीं आने वाली है …मैं उसी का इन्तजार कर रहा हूँ ,,,,
लड़की ओह …ठीक है सर …मैं वहां हूँ ….आप कहें तो तब तक मैं आपको भी दिखा सकती हूँ ….
उसके खुले गले के टॉप से उसकी गदराई चूची का काफी भाग दिख रहा था ….
मैं (उसकी चूची को ही देखते हुए) क्या?
लड़की अपना टॉप सही करते हुए ….क्या सर आप भी …अंडरगारमेंट और क्या …..
मैं ठीक है अभी आता हूँ …..
उस लड़की के जाने के बाद मैंने पर्दों की ओर रुख किया …तभी वो लड़का बाहर को आ गया …
मैंने एक कोने के थोड़ा सा पर्दा हटा …अपने लिए जगह बनाई …
चारों ओर देखा किसी की नजर वहां नहीं थी …ये जगह एक कोने में बनी थी ….
और चारों ओर काफी परदे लगे थे …. मैं दो पर्दो के बीच खुद को छिपाकर …नीचे को बैठ गया…
अब कोई आसानी से मुझे नहीं देख सकता था ….
मैंने अंदर की ओर देखा … अंदर दो तीन जमीन पर गद्दे बिछे थे …एक बड़ी सी मेज रखी थी ….
मेज पर कुछ ब्रा चड्डी से सेट रखे थे …और दो कुर्सी भी थीं ,,,, बाकि चारों ओर सामान बिखरा था …
जूली मेज के पास खड़ी थी ..उसके हाथ में एक बहुत नए स्टाइल की ब्रा थी ….जिसे वो चारों ओर से देख रही थी …
फिर उसने ब्रा को मेज पर रखा ओर एक बार पर्दों को देखा …फिर अचानक उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए ….
माय गॉड ,,,, उसको जरा भी नहीं लगा कि ये एक खुली दूकान है …
और चारों ओर केवल पर्दों का ही पार्टीशन है …..
जूली बिना किसी डर और शर्म के अपनी शर्ट पूरी निकाल वहीँ मेज पर रख देती है ….
उसका दमकता शरीर अब केवल एक सफ़ेद कैप्री में ….मेरे सामने था …..
उसके पूरी तरह गोलाई लिए हुए चूचियाँ ..और उनपर कामुकता के रस से भरे उसके गुलाबी निप्पल …ऊपर उठे हुए जो किसी को भी पागल करने के लिए काफी थे …