मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
रही थी के पिंकी का और लक्ष्मी का अछी तरह से ख़याल रखो. अब तुम्हाई तो मालूम ही है के मैं कितनी अछी तरह से तुम दोनो का ख़याल रख रहा हू और फिर हम तीनो हस्ने लगे. तीनो ने डिसाइड कर लिया के अगले 2 – 3 दिन तक हम तीनो नंगे ही रहेंगे और कोई कपड़े नही पहनेगा.
अगले 3 दीनो तक हम तीनो नंगे ही एक ही बेड पे सोते रहे. मैं बीचे मे सोता और राइट हॅंड साइड मे पिंकी और लेफ्ट साइड मे लक्ष्मी. मैं सीधा पीठ के बल लेट ता और वो दोनो करवट ले के मेरे बदन से लिपटी रहती और दोनो मेरा लंड पकड़ के सहलाती रहती या अपने मूह मे ले के चूस्ति रहती. दोनो ने मेरे लंड की गरम गरम मलाई बोहोत टाइम खाई और दोनो को खूब चोदा और दोनो की गंद भी मारी. जब मेरा लंड कुछ सॉफ्ट हो जाता तो दोनो मे से कोई भी चूस चूस के उसको फिर से मूँह मे ले के आजाता और लंड अकड़ जाता तो फिर चुदाई ही चुदाई होती. कभी लक्ष्मी को चोद्ता होता तो पिंकी अपनी चूत लक्ष्मी के मूह पे रख देती और उसके ही मूह मे झाड़ जाती और कभी पिंकी को चोद्ता होता तो लक्ष्मी
पिंकी के मूह पे बैठ जाती और उसके मूह मे ही झाड़ जाती. कभी दोनो 69 की पोज़िशन मे एक दूसरे की चूतो को चाट ते और एक दूसरे के मूह मे ही झाड़ जाते इसी तरह से चोद्ते चोद्ते 3 दिन गुज़र गये फिर डॉक्टर कविता का फोन आया तो पिंकी ने पूछा आंटी कैसी है अब गंगू बाई तो उसने कहा के अब ठीक है और मैं उन्हाई आज शाम डिसचार्ज कर रही हू तो पिंकी ने कहा के आंटी अब तो बोहोत शाम हो गयी है यहाँ पहुँचते पहुँचते रात हो जाएगी आप उनको कल सुबह मे डिसचार्ज कीजिए ता के वो आराम से दिन मे घर आ सके तो डॉक्टर कविता ने कहा के ठीक है मैं उनको कल ही डिसचार्ज करूगी तो पिंकी ने थॅंक्स आंटी कहा और फोन बंद कर दिया. आज की रात हमारी मस्ती की आखरी रात थी इसी लिए हम तीनो ने बोहोत मस्ती की और खूब जी भर के चुदाई की और साथ मई शवर भी लिया. इन्न तीन दीनो की चुदाई से पिंकी और लक्ष्मी की चूते अंदर से टमाटर की तरह से लाल और चूतो के पंखाड़िया सूज कर डबल रोटी जैसे हो गये थे.
नेक्स्ट डे गंगू बाई आ गयी थी और अपने सर्वेंट क्वॉर्टर मे ही थी उसे अभी थोड़े आराम की ज़रूरत थी इसी लिए वो फार्महाउस के अंदर नही आई और अपनी क्वॉर्टर मे ही रही. लंच के बाद हम ने वापसी का प्रोग्राम बना लिया तो लक्ष्मी मुझे कंटिन्यू हर हर जगह किस करने लगी, मेरे से लिपट गयी और बे इंतेहा रोने लगी किस भी करती जा रही थी और रो ती भी जा रही थी तो मैं ने भी उसको अपने से लिपटा लिया और उसके सर को और बॅक को ठप थापा के बोला के अरे पगली रोते नही मैं आता रहुगा ना तो वो मेरे पैरो मे गिर गयी और मेरे पौ पड़ती हुई बोली पाँव लागू बाबू जी तुम बोहोत आछे हो और अब तुम ही मेरे भगवान हो तो मैं ने कहा चल ऐसे नही बोलते लचमी तू फिकर ना कर हम आते रहेंगे और मज़े करते ही रहेंगे और तेरी शादी होने तक मैं तुझे लगातार चोद्ता रहूँगा तो उसकी आँखों मई चमक आई पर हमारे जाने तक उसकी आँखो मे आँसू ही थे. शाम के तकरीबन 3 बजे तक हम लोग वापसी के
लिए निकल गये थे. शहेर पहुँचते ते पहुँचते ते रात हो गयी थी अब मौसम भी ठीक हो चुका
था. ऐसी मस्त और कंटिन्यू चुदाई के कारण पिंकी सही ढंग से चल नही पा रही थी थोडा सा पैर फैला के चल रही थी तो उसकी मोम ने पूछा के पिंकी क्या हुआ है तुझे ऐसे क्यों चल रही है तो वो बोली के मोम वाहा पानी की वजह से मेरा पैर स्लिप हो के गिर गयी थी तो शाएद कुछ मस्क्युलर प्राब्लम होगा पर शाएद उसकी माताजी को उसकी बात पे यकीन नही आया क्यॉंके पिंकी पैर फैला कर चल रही थी लंगड़ा के नही पर उसकी बात सुन कर उसकी माताजी की आँखों मे फिकर की झलकी दिखाई दी पर वो कुछ बोली नही और खामोश ही रही.
पहली चुदाई के बाद मैं ने अपने एक फार्मसिस्ट दोस्त की सहायता से प्रेग्नेन्सी रोकने की टॅब्लेट्स खरीद के पिंकी को दे दी थी जिसे वो डेली इस्तेमाल करने लगी थी. पिंकी अब मुझ से कंटिन्यू चुदवाने लगी थी कभी भी मोका देख कर हम या तो कही बाहर चले जाते या उसके घर मे ही चुदाई कर लेते. कभी फारमाउस को जाना होता तो लक्ष्मी भी चुदाई मे साथ होती. मुझे लगा के आंटी को कुछ शक्क सा हो गया है के अब पिंकी मेरे साथ कुछ ज़ियादा ही टाइम गुज़ारने लगी थी. और ऐसे ही चोद्ते चुदवाते दिन गुज़रने लगे.
अगले 3 दीनो तक हम तीनो नंगे ही एक ही बेड पे सोते रहे. मैं बीचे मे सोता और राइट हॅंड साइड मे पिंकी और लेफ्ट साइड मे लक्ष्मी. मैं सीधा पीठ के बल लेट ता और वो दोनो करवट ले के मेरे बदन से लिपटी रहती और दोनो मेरा लंड पकड़ के सहलाती रहती या अपने मूह मे ले के चूस्ति रहती. दोनो ने मेरे लंड की गरम गरम मलाई बोहोत टाइम खाई और दोनो को खूब चोदा और दोनो की गंद भी मारी. जब मेरा लंड कुछ सॉफ्ट हो जाता तो दोनो मे से कोई भी चूस चूस के उसको फिर से मूँह मे ले के आजाता और लंड अकड़ जाता तो फिर चुदाई ही चुदाई होती. कभी लक्ष्मी को चोद्ता होता तो पिंकी अपनी चूत लक्ष्मी के मूह पे रख देती और उसके ही मूह मे झाड़ जाती और कभी पिंकी को चोद्ता होता तो लक्ष्मी
पिंकी के मूह पे बैठ जाती और उसके मूह मे ही झाड़ जाती. कभी दोनो 69 की पोज़िशन मे एक दूसरे की चूतो को चाट ते और एक दूसरे के मूह मे ही झाड़ जाते इसी तरह से चोद्ते चोद्ते 3 दिन गुज़र गये फिर डॉक्टर कविता का फोन आया तो पिंकी ने पूछा आंटी कैसी है अब गंगू बाई तो उसने कहा के अब ठीक है और मैं उन्हाई आज शाम डिसचार्ज कर रही हू तो पिंकी ने कहा के आंटी अब तो बोहोत शाम हो गयी है यहाँ पहुँचते पहुँचते रात हो जाएगी आप उनको कल सुबह मे डिसचार्ज कीजिए ता के वो आराम से दिन मे घर आ सके तो डॉक्टर कविता ने कहा के ठीक है मैं उनको कल ही डिसचार्ज करूगी तो पिंकी ने थॅंक्स आंटी कहा और फोन बंद कर दिया. आज की रात हमारी मस्ती की आखरी रात थी इसी लिए हम तीनो ने बोहोत मस्ती की और खूब जी भर के चुदाई की और साथ मई शवर भी लिया. इन्न तीन दीनो की चुदाई से पिंकी और लक्ष्मी की चूते अंदर से टमाटर की तरह से लाल और चूतो के पंखाड़िया सूज कर डबल रोटी जैसे हो गये थे.
नेक्स्ट डे गंगू बाई आ गयी थी और अपने सर्वेंट क्वॉर्टर मे ही थी उसे अभी थोड़े आराम की ज़रूरत थी इसी लिए वो फार्महाउस के अंदर नही आई और अपनी क्वॉर्टर मे ही रही. लंच के बाद हम ने वापसी का प्रोग्राम बना लिया तो लक्ष्मी मुझे कंटिन्यू हर हर जगह किस करने लगी, मेरे से लिपट गयी और बे इंतेहा रोने लगी किस भी करती जा रही थी और रो ती भी जा रही थी तो मैं ने भी उसको अपने से लिपटा लिया और उसके सर को और बॅक को ठप थापा के बोला के अरे पगली रोते नही मैं आता रहुगा ना तो वो मेरे पैरो मे गिर गयी और मेरे पौ पड़ती हुई बोली पाँव लागू बाबू जी तुम बोहोत आछे हो और अब तुम ही मेरे भगवान हो तो मैं ने कहा चल ऐसे नही बोलते लचमी तू फिकर ना कर हम आते रहेंगे और मज़े करते ही रहेंगे और तेरी शादी होने तक मैं तुझे लगातार चोद्ता रहूँगा तो उसकी आँखों मई चमक आई पर हमारे जाने तक उसकी आँखो मे आँसू ही थे. शाम के तकरीबन 3 बजे तक हम लोग वापसी के
लिए निकल गये थे. शहेर पहुँचते ते पहुँचते ते रात हो गयी थी अब मौसम भी ठीक हो चुका
था. ऐसी मस्त और कंटिन्यू चुदाई के कारण पिंकी सही ढंग से चल नही पा रही थी थोडा सा पैर फैला के चल रही थी तो उसकी मोम ने पूछा के पिंकी क्या हुआ है तुझे ऐसे क्यों चल रही है तो वो बोली के मोम वाहा पानी की वजह से मेरा पैर स्लिप हो के गिर गयी थी तो शाएद कुछ मस्क्युलर प्राब्लम होगा पर शाएद उसकी माताजी को उसकी बात पे यकीन नही आया क्यॉंके पिंकी पैर फैला कर चल रही थी लंगड़ा के नही पर उसकी बात सुन कर उसकी माताजी की आँखों मे फिकर की झलकी दिखाई दी पर वो कुछ बोली नही और खामोश ही रही.
पहली चुदाई के बाद मैं ने अपने एक फार्मसिस्ट दोस्त की सहायता से प्रेग्नेन्सी रोकने की टॅब्लेट्स खरीद के पिंकी को दे दी थी जिसे वो डेली इस्तेमाल करने लगी थी. पिंकी अब मुझ से कंटिन्यू चुदवाने लगी थी कभी भी मोका देख कर हम या तो कही बाहर चले जाते या उसके घर मे ही चुदाई कर लेते. कभी फारमाउस को जाना होता तो लक्ष्मी भी चुदाई मे साथ होती. मुझे लगा के आंटी को कुछ शक्क सा हो गया है के अब पिंकी मेरे साथ कुछ ज़ियादा ही टाइम गुज़ारने लगी थी. और ऐसे ही चोद्ते चुदवाते दिन गुज़रने लगे.
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
शाँतिलाल की शादी पायल से फिक्स हो चुकी थी और पिंकी की शादी भी एक दूसरे मारवाड़ी सेठ चंपकलाल के बेटे चिमनलाल के साथ फिक्स हो गेई थी. चिमनलाल को घर मैं और मिल मे सब लोग लाला कह कर पुकारते थे. लाला एक सॉफ रंग का नॉर्मल सा ही लड़का है उसका जोड़ पिंकी की खूबसूरती से मेल नही ख़ाता पर क्या करे मारवाड़ी लोगो ज़ियादातर अपनी लड़की को अपनी ही कम्यूनिटी के किसी अमीर और दौलतमंद घराने मैं शादी करना ज़ियादा पसंद करते है इसी लिए लाला के साथ पिंकी का रिश्ता कर दिया गया. लाला, चंपकलाल सेठ का एक्लोटा बेटा है उनका भी बोहोत बड़ा बिज़्नेस है वो लोग सेकुन्डराबाद के रहने वाले हेई हयदेराबाद और सेकुन्डराबाद ट्विन सिटीस है दोनो के बीच मे बस एक किलोमेटेर का एक ब्रिड्ज है जो हयदेराबाद और सेकुंडराबाद को अलग करता है.
सेठ चंपकलाल की एक मीडियम साइज़ की आयिल मिल है जिस्मै ग्राउंड नट का आयिल निकाला जाता है जिसे दोनो मिल कर चलते है दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते है कभी कभी तो यह लोग दूसरे शहेर को भी मुंग फल्ली ( ग्राउंड नट ) की खरीदी के लिए जाते ही रहते है कभी तो दोनो बाप बेटे मिले कर जाते है कभी अकेले और सारा दिन अपनी आयिल मिल मे लगा देते है और रात मे बोहोत देर
से घर को वापस आते है और घर आ कर भी बाप बेटा बिज़्नेस के प्रॉब्लम्स और अकाउंट्स की ही बातें करते रहते है जिस मे सुनीता देवी ( सेठ चंपकलाल की बीवी ) को कोई दिलचस्पी नही होती वो गूंगे और बहरो की तरह से अपना मूह और कान बंद कर के उनके साथ खाना खाती है क्यॉंके यह दोनो बाप बेटो को उनके बिज़्नेस से फ़ुर्सत ही नही मिलती. मिल से थक कर आते है और खाना खा कर बेड पे लेट ते ही एक ही मिनिट के अंदर बड़े बड़े खर्राटे मारते हुए सो जाते है.
उनका एक बोहोत ही बड़ा बंगलो है जिस के लास्ट कॉर्नर मे 3 बेडरूम्स और बाथरूमस का एक अलग थलग पोर्षन है वही पर सुनीता देवी का बेडरूम है जहा वो रहती और सोती है. वो सेठ चंपकलाल के साथ नही सोती क्यॉंके चंपकलाल के खर्रातो के चलते उसके बराबर वाले कमरे मे भी कोई नही सो सकता इतने बड़े बड़े खर्राटे मारते है वो और उनके खर्राटे इतने भयानक होते है लगता है जैसे कोई मशीन चल रही हो इसी लिए सुनीता देवी को उनके साथ नींद नही आती और फिर सुनीता देवी रात को देर से सोने की और सुबह देर से उठने की आदत है उनके उठने तक चंपकलाल और लाला दोनो नाश्ता कर के मिल को जा चुके होते है और इन्न की मुलाकात सिर्फ़ डिन्नर टेबल पर ही होती है. चंपकलाल सेठ को सुनीता देवी के दूसरे बेडरूम मे सोने से कोई प्राब्लम नही है क्यॉंके उनको अपनी बीवी से बात करने का भी मौका ही नही मिलता तो कुछ और क्या कर सकते हैं. घर के किसी भी मामले मे डिसकस करने का टाइम ही नही होता बॅस जो कुछ डिन्नर टेबल पे जो भी घर के मामलात पे बात हो गयी सो हो गयी उसके बाद बाप बेटे को घर से कोई ताल्लुक नही होता. पैसे की कोई कमी नही थी. उनका बांग्ला भी बोहोत ही बड़ा है जहा ज़रूरत से कुछ ज़ियादा ही कमरे, नौकर चाकर, कार्स, बाइक्स सब कुछ है. इनके घर का भी पिंकी के घर जैसा है जहा आदमी कम और नौकर ज़ियादा हैं. उनके पास सब कुछ तो है पर लगता है जैसे सुकून नही है क्यॉंके उनकी ज़िंदगी सिर्फ़ आयिल मिल, प्रॉब्लम्स, अकाउंट्स, डिन्नर टेबल और बेड पर खर्राटे मार कर सोते ही गुज़र जाती है. उनका कोई ऐसा ख़ास फ्रेंड्स सर्कल भी नही है जहा वो कुछ टाइम पास कर सके या लाइफ को एंजाय कर सके बस जो भी है वो बिज़्नेस रिलेशन्स ही है
जहा पर उनको बिज़्नेस से हट के और कोई बात करने की फ़ुर्सत ही नही मिलती. इन शॉर्ट वो बे इंतेहा बिज़ी रहते है जिनको अपने घर बार की तरफ आँख उठा कर भी देखने की फ़ुर्सत नही है. घर की करता धर्ता सेठ चंपकलाल की बीवी सुनीता देवी ही है. सुनीता देवी भी तकरीबन पिंकी की मोम की ही आगे ग्रूप की है वो एक अछी ख़ासी सेक्सी शकल ओ सूरत की गोरी चित्ति मीडियम हाइट और मीडियम बिल्ट की घाटेली बदन की नॉर्मल फॉर्मल सी औरत है. बड़ी बड़ी ब्राउन कलर की आँखे, छूतदो तक लटकते बाल और शाएद 36 या 38 साइज़ के बूब्स होंगे. ज़ियादा घी के इस्तेमाल
से वो कुछ ओवर वेट भी हो गयी है पर इतनी ज़ियादा नही. ड्रेस मे बॅस टिपिकल मारवाड़ी स्टाइल मे साड़ी पेहेन्ति है सारी सामने से नीचे उतरती हुई उनकी नाभि से इतनी नीचे बाँधती है के 2 – 4 इंच और नीचे उतर जाए तो उनकी झातें भी नज़र आने लगे और ऐसे स्टाइल मे उनके गोरे गोरे पेट का काफ़ी भाग नज़र आता है और रात मे सब घरेलू औरतो की तरह से नाइटी मे ही रहती है. उनको रात मे सोने से पहले अपने पैरो को दब्वाने की आदत है बिना पैर दबाए उन्है नींद नही आती और यह काम उनकी एक नौकरानी मोहिनी करती है जिसे वो मोहिनी के बजाए मुन्नी कह कर बुलाती है और मुन्नी जैसे उनकी ख़ास नौकरानी है जिस से वो अपने सारे प्राइवेट काम करवाती है.
यूँ तो शाति लाल की और पिंकी दोनो ही की शादी फिक्स थी पर सेठ कांतिलाल तो पिंकी की शादी पहले करना चाहते थे और 3 -4 महीने बाद शाँतिलाल की शादी करने का प्रोग्राम बना जिसे शाँतिलाल के ससुराल वालो ने मान लिया.
पिंकी की शादी की तय्यारी बड़े ज़ोरो से चल रही थी शादी के टाइम पे फार्महाउस से गंगू बाई और लक्ष्मी को भी यही बुलवा लिया गया था काम के लिए और रामू को वही देख भाल के लिए छोड़ दिया गया था. लक्ष्मी को थोड़ा पहले ही बुलवा लिया गया था क्यॉंके वो अभी जवान थी और काम करने मे बोहोत तेज़ है तो उसको तकरीबन शादी से एक महीना पहले ही बुलवा लिया गया था और उसको घर के एक कॉर्नर मे ही एक खाली कमरा दे दिया गया था जिस्मै से एक डोर बाहर की तरफ भी खुलता था और मैं लेट नाइट उसके कमरे मे उसी बाहर वाले डोर से अंदर आ जाता था और उसकी जम कर चुदाई करके लक्ष्मी को और उसकी चूत को खुश करके वही से वापस चला जाता था. जितने दिन लक्ष्मी वाहा रही किसी ना किसी बहाने से मैं, पिंकी और लक्ष्मी तीनो चुदाई मे बिज़ी रहते थे कभी थ्रीसम भी होता था और कभी अलग अलग चुदाई. शादी के बाद भी लक्ष्मी बोहोत दीनो तक वही रही और मैं ने तो लक्ष्मी की बे इंतेहा चुदाई की चोद चोद कर उसकी छोटी सी चूत का भोसड़ा बना दिया उसको भी टॅब्लेट्स दे दिया था ता के वो प्रेग्नेंट ना हो. पिंकी क्यॉंके दुल्हन बनने वाली थी इसीलिए वाहा उनके घर लोगो का और रिश्ते दारो का जमघट लगा रहता था एस्पेशली रातो मे सारी औरतें गाना गाती रहती और मुझे लक्ष्मी को चोदने का फिर भी मौका मिल जाता था और मैं उसकी छोटी सी चूत मे लंड डाल के मस्त चुदाई करता उसको सब से ज़ियादा मज़ा तो मेरे लंड की सवारी करने मे आता जिस से मेरा लंड उसको अपने पेट मे महसूस होता इतना डीप पेनेट्रेशन होता था और फिर उसकी गंद भी मारता रहा यह सिलसिला जब तक लक्ष्मी वाहा रही तब तक चलता रहा और जब लक्ष्मी वापस गयी तो उसकी चूत के पंखाड़ियान सूज के मोटे हो चुके थे, चूत अंदर से लाल हो गई थी और चूत का भोसड़ा बन चुका था.
सेठ चंपकलाल की एक मीडियम साइज़ की आयिल मिल है जिस्मै ग्राउंड नट का आयिल निकाला जाता है जिसे दोनो मिल कर चलते है दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते है कभी कभी तो यह लोग दूसरे शहेर को भी मुंग फल्ली ( ग्राउंड नट ) की खरीदी के लिए जाते ही रहते है कभी तो दोनो बाप बेटे मिले कर जाते है कभी अकेले और सारा दिन अपनी आयिल मिल मे लगा देते है और रात मे बोहोत देर
से घर को वापस आते है और घर आ कर भी बाप बेटा बिज़्नेस के प्रॉब्लम्स और अकाउंट्स की ही बातें करते रहते है जिस मे सुनीता देवी ( सेठ चंपकलाल की बीवी ) को कोई दिलचस्पी नही होती वो गूंगे और बहरो की तरह से अपना मूह और कान बंद कर के उनके साथ खाना खाती है क्यॉंके यह दोनो बाप बेटो को उनके बिज़्नेस से फ़ुर्सत ही नही मिलती. मिल से थक कर आते है और खाना खा कर बेड पे लेट ते ही एक ही मिनिट के अंदर बड़े बड़े खर्राटे मारते हुए सो जाते है.
उनका एक बोहोत ही बड़ा बंगलो है जिस के लास्ट कॉर्नर मे 3 बेडरूम्स और बाथरूमस का एक अलग थलग पोर्षन है वही पर सुनीता देवी का बेडरूम है जहा वो रहती और सोती है. वो सेठ चंपकलाल के साथ नही सोती क्यॉंके चंपकलाल के खर्रातो के चलते उसके बराबर वाले कमरे मे भी कोई नही सो सकता इतने बड़े बड़े खर्राटे मारते है वो और उनके खर्राटे इतने भयानक होते है लगता है जैसे कोई मशीन चल रही हो इसी लिए सुनीता देवी को उनके साथ नींद नही आती और फिर सुनीता देवी रात को देर से सोने की और सुबह देर से उठने की आदत है उनके उठने तक चंपकलाल और लाला दोनो नाश्ता कर के मिल को जा चुके होते है और इन्न की मुलाकात सिर्फ़ डिन्नर टेबल पर ही होती है. चंपकलाल सेठ को सुनीता देवी के दूसरे बेडरूम मे सोने से कोई प्राब्लम नही है क्यॉंके उनको अपनी बीवी से बात करने का भी मौका ही नही मिलता तो कुछ और क्या कर सकते हैं. घर के किसी भी मामले मे डिसकस करने का टाइम ही नही होता बॅस जो कुछ डिन्नर टेबल पे जो भी घर के मामलात पे बात हो गयी सो हो गयी उसके बाद बाप बेटे को घर से कोई ताल्लुक नही होता. पैसे की कोई कमी नही थी. उनका बांग्ला भी बोहोत ही बड़ा है जहा ज़रूरत से कुछ ज़ियादा ही कमरे, नौकर चाकर, कार्स, बाइक्स सब कुछ है. इनके घर का भी पिंकी के घर जैसा है जहा आदमी कम और नौकर ज़ियादा हैं. उनके पास सब कुछ तो है पर लगता है जैसे सुकून नही है क्यॉंके उनकी ज़िंदगी सिर्फ़ आयिल मिल, प्रॉब्लम्स, अकाउंट्स, डिन्नर टेबल और बेड पर खर्राटे मार कर सोते ही गुज़र जाती है. उनका कोई ऐसा ख़ास फ्रेंड्स सर्कल भी नही है जहा वो कुछ टाइम पास कर सके या लाइफ को एंजाय कर सके बस जो भी है वो बिज़्नेस रिलेशन्स ही है
जहा पर उनको बिज़्नेस से हट के और कोई बात करने की फ़ुर्सत ही नही मिलती. इन शॉर्ट वो बे इंतेहा बिज़ी रहते है जिनको अपने घर बार की तरफ आँख उठा कर भी देखने की फ़ुर्सत नही है. घर की करता धर्ता सेठ चंपकलाल की बीवी सुनीता देवी ही है. सुनीता देवी भी तकरीबन पिंकी की मोम की ही आगे ग्रूप की है वो एक अछी ख़ासी सेक्सी शकल ओ सूरत की गोरी चित्ति मीडियम हाइट और मीडियम बिल्ट की घाटेली बदन की नॉर्मल फॉर्मल सी औरत है. बड़ी बड़ी ब्राउन कलर की आँखे, छूतदो तक लटकते बाल और शाएद 36 या 38 साइज़ के बूब्स होंगे. ज़ियादा घी के इस्तेमाल
से वो कुछ ओवर वेट भी हो गयी है पर इतनी ज़ियादा नही. ड्रेस मे बॅस टिपिकल मारवाड़ी स्टाइल मे साड़ी पेहेन्ति है सारी सामने से नीचे उतरती हुई उनकी नाभि से इतनी नीचे बाँधती है के 2 – 4 इंच और नीचे उतर जाए तो उनकी झातें भी नज़र आने लगे और ऐसे स्टाइल मे उनके गोरे गोरे पेट का काफ़ी भाग नज़र आता है और रात मे सब घरेलू औरतो की तरह से नाइटी मे ही रहती है. उनको रात मे सोने से पहले अपने पैरो को दब्वाने की आदत है बिना पैर दबाए उन्है नींद नही आती और यह काम उनकी एक नौकरानी मोहिनी करती है जिसे वो मोहिनी के बजाए मुन्नी कह कर बुलाती है और मुन्नी जैसे उनकी ख़ास नौकरानी है जिस से वो अपने सारे प्राइवेट काम करवाती है.
यूँ तो शाति लाल की और पिंकी दोनो ही की शादी फिक्स थी पर सेठ कांतिलाल तो पिंकी की शादी पहले करना चाहते थे और 3 -4 महीने बाद शाँतिलाल की शादी करने का प्रोग्राम बना जिसे शाँतिलाल के ससुराल वालो ने मान लिया.
पिंकी की शादी की तय्यारी बड़े ज़ोरो से चल रही थी शादी के टाइम पे फार्महाउस से गंगू बाई और लक्ष्मी को भी यही बुलवा लिया गया था काम के लिए और रामू को वही देख भाल के लिए छोड़ दिया गया था. लक्ष्मी को थोड़ा पहले ही बुलवा लिया गया था क्यॉंके वो अभी जवान थी और काम करने मे बोहोत तेज़ है तो उसको तकरीबन शादी से एक महीना पहले ही बुलवा लिया गया था और उसको घर के एक कॉर्नर मे ही एक खाली कमरा दे दिया गया था जिस्मै से एक डोर बाहर की तरफ भी खुलता था और मैं लेट नाइट उसके कमरे मे उसी बाहर वाले डोर से अंदर आ जाता था और उसकी जम कर चुदाई करके लक्ष्मी को और उसकी चूत को खुश करके वही से वापस चला जाता था. जितने दिन लक्ष्मी वाहा रही किसी ना किसी बहाने से मैं, पिंकी और लक्ष्मी तीनो चुदाई मे बिज़ी रहते थे कभी थ्रीसम भी होता था और कभी अलग अलग चुदाई. शादी के बाद भी लक्ष्मी बोहोत दीनो तक वही रही और मैं ने तो लक्ष्मी की बे इंतेहा चुदाई की चोद चोद कर उसकी छोटी सी चूत का भोसड़ा बना दिया उसको भी टॅब्लेट्स दे दिया था ता के वो प्रेग्नेंट ना हो. पिंकी क्यॉंके दुल्हन बनने वाली थी इसीलिए वाहा उनके घर लोगो का और रिश्ते दारो का जमघट लगा रहता था एस्पेशली रातो मे सारी औरतें गाना गाती रहती और मुझे लक्ष्मी को चोदने का फिर भी मौका मिल जाता था और मैं उसकी छोटी सी चूत मे लंड डाल के मस्त चुदाई करता उसको सब से ज़ियादा मज़ा तो मेरे लंड की सवारी करने मे आता जिस से मेरा लंड उसको अपने पेट मे महसूस होता इतना डीप पेनेट्रेशन होता था और फिर उसकी गंद भी मारता रहा यह सिलसिला जब तक लक्ष्मी वाहा रही तब तक चलता रहा और जब लक्ष्मी वापस गयी तो उसकी चूत के पंखाड़ियान सूज के मोटे हो चुके थे, चूत अंदर से लाल हो गई थी और चूत का भोसड़ा बन चुका था.
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
पिंकी दुल्हन बन के किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी पिंकी की शादी बड़े धूम धाम से मनाई गयी और पिंकी अपनी ससुराल चली गयी विदाई से पहले मेरे से लिपट के सिसक सिसक के इतनी ज़ोर ज़ोर से रोई के उसके आँसू निकल पड़े और कान मे धीरे से बोली के भले ही मेरी शादी हो गयी हो पर मैं हमेशा तुम्हारी ही रहूंगी और तुम ज़िंदगी भर मेरे दिल मे बसे रहोगे तुम ही मेरे भगवान हो मेरे पति हो और सब कुछ हो मैं भी जज़्बात मे आ गया था और बोला के तुम फिकर ना करो पिंकी मे ज़िंदगी भर तुम्हारे साथ हू जब मेरी याद आए बुला लेना या मेरे पास चली आना तो उसने कहा के मेरे स्वीट राजा मैं तुम्है अपनी जान से भी ज़ियादा प्यार करती हू राजा तुम तो मेरी हर साँस के साथ जुड़े हुए हो तुम्हारी याद तो मुझे दिन रात आती है मैं तुम से सच्चा प्यार करने लगी हू तो मैं ने उसको और ज़ोर से लिपटा लिया और आहिस्ता से कान मे बोला के तुम फिकर ना करो हम अब भी वोही मस्तियाँ करेंगे जो अब तक करते आए थे और इतना बोलते हुए मेरा लंड एक दम से अकड़ गया जिसे पिंकी ने भी महसूस किया और उसने अपने बदन को मेरे लंड से चिपकाते हुए कहा के मुझे तो यही चाहिए मैं ऐसा दूसरा लंड कहा से लाउ तो मैं ने कहा के अरे क्यों फिकर करती हो यह तुम्हारा ही है जब जी चाहे ले लेना तो उसने एक लंबी साँस ली और बोली के भगवान जाने चिमनलाल का कैसा होगा तो मैं ने कहा के डॉन’ट वरी पिंकी देखते है अभी तो तुम्हारी विदाई है तुम अपनी ससुराल जाओ फिर देखते है क्या करना है और कैसे करना है लैकिन कल मुझे फोन करके बताना के सुहाग रात कैसी रही तो उसके मूह पे हल्की सी मुस्कुराहट आई और बोली के ठीक है कर दूँगी और फिर फूलो और ज्यूयलरी से लदी पिंकी एक लंबी सी कार मे बैठ के अपनी ससुराल चली गयी.
शादी के कुछ ही दीनो बाद सब दोस्त और रिश्तेदार वाघहैरा अपने अपने घरो को वापस चले गये और फिर सब वैसे ही सेट हो गया जैसे पहले हुआ करता था. पिंकी की शादी मे मैं ने किसी घर वाले की तरह ही काम किया जिस से पिंकी की ससुराल वालो को पता चल गया के मैं भी पिंकी के परिवार का ही एक इंपॉर्टेंट सदस्या हू और पिंकी की ससुराल मे भी मुझे वोही मान सम्मान मिला जो पिंकी के परिवार वाले देते हैं.
पिंकी की शादी के दूसरे ही दिन मेरे डॅड का 1 महीने के लिए अफीशियल फॉरिन टूर निकल आया तो मोम अपने मैके अपने मोम डॅड के पास चली गयी और मैं घर मे अकेला रह गया क्यॉंके मेरे कॉलेजस स्टार्ट हो गये थे और मैं कॉलेज मिस नही कर सकता था.
पिंकी का फोन शादी के दूसरे दिन नही आया लैकिन 2 दिन बाद वो खुद अचानक मेरे घर आ गयी और आते ही मेरे से लिपट के रोने लगी और बोली के मेरी ज़िंदगी तो बर्बाद हो गयी राजा मैं क्या करू तो मैं ने पूछा के क्या हुआ पिंकी ऐसे क्यों रो रही हो तो उसको एक दम से गुस्सा आ गया और बोली के यह साला लाला भेन्चोद जब कुछ कर नही सकता तो शादी क्यों की उस मदेर्चोद ने. मैं पिंकी की ज़ुबान से यह सब सुन के सकते मे आ गया और बोला के अरे यह क्या बोल रही हो तुम पिंकी तो वो और गुस्से मे आ गयी और बोली के साले के पास मेरे लिए कोई टाइम ही नही है 2 दिन के अंदर शाएद 5 या 10 मिनिट ढंग से बात की हो उसने. तो मैं ने पूछा के अछा यह तो बताओ के सुहाग रात कैसी रही तो उसने बोला के यह साले लाला की झांतें उसके लौदे से बड़ी है ऐसा लगता है भेन्चोद ने सारी उमर झातें नही शेव की और अंदर डालने से पहले ही उसका पानी निकल गया भेन के लौदे का. साले को चोदना नही आता तो गंद मरवाने के लिए शादी की थी. यूँ तो पिंकी और मैं चूत लंड गंद जैसे शब्द यूज़ कर लेते थे पर पिंकी के मूह से आज सिर्फ़ गालिया ही निकल रही थी. उसने फिर डीटेल मे बताया के सुहाग रात को वो कमरे मे बेड पे बैठी लाला का इंतेज़ार कर रही थी वो आया और अपनी शेरवानी उतार के खूटे पे लगा दिया और आके साथ मैं लेट गया और फिर मुझे भी लिटा लिया और कुछ देर तक तो किस करता रहा और फिर अपने कपड़े निकाल दिए और मेरे कपड़े भी नही निकाले भेन चोद ने ऐसे ही सारी उठा दी मेरी. इतना नही हुआ के वो रोमॅंटिक स्टाइल मे अपने और मेरे कपड़े निकाले. और फिर मेरी नज़र उसके लौदे पे पड़ी तो हैरत मे रह गयी के इतनी बड़ी बड़ी झातें है उसकी और झतो के बीच मे झातें बड़ी और लौदा छोटा दिखाई दे रहा था और फिर मेरे बूब्स को जंगली जनवरो की तरह से दबाने लगा और मूह मे ले के चूसा और मेरे निपल को काट डाला मेरी दरद से चीख निकल गयी उसने फिर मेरी चूत को अपने हाथ से मसलना शुरू किया मैं थोडा गरम होने लगी तो उसने लाइट बंद कर दी और मेरे ऊपेर चढ़ गया और अभी लंड अंदर घुसा भी नही था के उसका पानी निकल गया मदेर्चोद का सला भेन्चोद और फिर मेरे बदन से लुढ़क के साइड मे लेट गया और फिर एक ही मिनिट के अंदर वो मादर्चोद खर्राटे मारते हुए सो गया साला बॉडवा कहिका.
शादी के कुछ ही दीनो बाद सब दोस्त और रिश्तेदार वाघहैरा अपने अपने घरो को वापस चले गये और फिर सब वैसे ही सेट हो गया जैसे पहले हुआ करता था. पिंकी की शादी मे मैं ने किसी घर वाले की तरह ही काम किया जिस से पिंकी की ससुराल वालो को पता चल गया के मैं भी पिंकी के परिवार का ही एक इंपॉर्टेंट सदस्या हू और पिंकी की ससुराल मे भी मुझे वोही मान सम्मान मिला जो पिंकी के परिवार वाले देते हैं.
पिंकी की शादी के दूसरे ही दिन मेरे डॅड का 1 महीने के लिए अफीशियल फॉरिन टूर निकल आया तो मोम अपने मैके अपने मोम डॅड के पास चली गयी और मैं घर मे अकेला रह गया क्यॉंके मेरे कॉलेजस स्टार्ट हो गये थे और मैं कॉलेज मिस नही कर सकता था.
पिंकी का फोन शादी के दूसरे दिन नही आया लैकिन 2 दिन बाद वो खुद अचानक मेरे घर आ गयी और आते ही मेरे से लिपट के रोने लगी और बोली के मेरी ज़िंदगी तो बर्बाद हो गयी राजा मैं क्या करू तो मैं ने पूछा के क्या हुआ पिंकी ऐसे क्यों रो रही हो तो उसको एक दम से गुस्सा आ गया और बोली के यह साला लाला भेन्चोद जब कुछ कर नही सकता तो शादी क्यों की उस मदेर्चोद ने. मैं पिंकी की ज़ुबान से यह सब सुन के सकते मे आ गया और बोला के अरे यह क्या बोल रही हो तुम पिंकी तो वो और गुस्से मे आ गयी और बोली के साले के पास मेरे लिए कोई टाइम ही नही है 2 दिन के अंदर शाएद 5 या 10 मिनिट ढंग से बात की हो उसने. तो मैं ने पूछा के अछा यह तो बताओ के सुहाग रात कैसी रही तो उसने बोला के यह साले लाला की झांतें उसके लौदे से बड़ी है ऐसा लगता है भेन्चोद ने सारी उमर झातें नही शेव की और अंदर डालने से पहले ही उसका पानी निकल गया भेन के लौदे का. साले को चोदना नही आता तो गंद मरवाने के लिए शादी की थी. यूँ तो पिंकी और मैं चूत लंड गंद जैसे शब्द यूज़ कर लेते थे पर पिंकी के मूह से आज सिर्फ़ गालिया ही निकल रही थी. उसने फिर डीटेल मे बताया के सुहाग रात को वो कमरे मे बेड पे बैठी लाला का इंतेज़ार कर रही थी वो आया और अपनी शेरवानी उतार के खूटे पे लगा दिया और आके साथ मैं लेट गया और फिर मुझे भी लिटा लिया और कुछ देर तक तो किस करता रहा और फिर अपने कपड़े निकाल दिए और मेरे कपड़े भी नही निकाले भेन चोद ने ऐसे ही सारी उठा दी मेरी. इतना नही हुआ के वो रोमॅंटिक स्टाइल मे अपने और मेरे कपड़े निकाले. और फिर मेरी नज़र उसके लौदे पे पड़ी तो हैरत मे रह गयी के इतनी बड़ी बड़ी झातें है उसकी और झतो के बीच मे झातें बड़ी और लौदा छोटा दिखाई दे रहा था और फिर मेरे बूब्स को जंगली जनवरो की तरह से दबाने लगा और मूह मे ले के चूसा और मेरे निपल को काट डाला मेरी दरद से चीख निकल गयी उसने फिर मेरी चूत को अपने हाथ से मसलना शुरू किया मैं थोडा गरम होने लगी तो उसने लाइट बंद कर दी और मेरे ऊपेर चढ़ गया और अभी लंड अंदर घुसा भी नही था के उसका पानी निकल गया मदेर्चोद का सला भेन्चोद और फिर मेरे बदन से लुढ़क के साइड मे लेट गया और फिर एक ही मिनिट के अंदर वो मादर्चोद खर्राटे मारते हुए सो गया साला बॉडवा कहिका.