Wo koun thi ??? वो कौन थी ??? compleet
गतान्क से आगे...................
बाजे बाज रहे हैं. हसी मज़ाक हो रहा है. लड़किया मस्ती मे नाच रही थी. हंस रही थी. जोक कर रही थी. नये लोग एक दूसरे से इंट्रोड्यूस हो रहे थे. छोटी लड़कियाँ अपनी आगे की लड़कियो से मिलने के बाद एक दूसरे के साथ बैठ के अपने सीक्रेट्स बात रही थी और शर्मा रही थी. यह सब देख के मुझे बोहोत अछा लग रहा था. यह सारे रिलेटिव्स थे बस मैं ही एक था जो सिर्फ़ अरुण और अशोक का दोस्त था लैकिन किसी ने मुझे महसूस होने नही दिया के मैं उनका रिलेटिव नही हू. सब लड़के, लड़किया, मर्द और औरतें, लड़के लड़किया मेरे साथ ऐसी पेश आ रहे थे जैसे मैं भी उनका कोई रिश्ते दार ही हू जो मुझे बोहोत अछा लग रहा था. मैं भी अपने आप को फॅमिली का एक हिस्सा समझ ने लगा. मैं भी घर के हर काम मे हाथ बटा ने लगा. कही जाना हो, कुछ लाना हो या जो भी हो मैं ऐसे बिज़ी हो गया था जैसे मेरे ही कज़िन की शादी हो.
मैं सारी रात का जागा हुआ था और सारा दिन मस्ती करता रहा और इधर उधर के काम से शाम तक तबीयत अछी ख़ासी थक चुकी थी. सरदीओ के दिन थे जैसे जैसे रात बढ़ रही थी ठंड भी बढ़ती जा रही थी. और फिर थोड़ी ही देर मे ठंडी ठंडी हवाए चलने लगी जिस से ठंड बोहोत हो ने लगी. घर के कमरे कुछ छोटे कुछ बड़े थे. मुझे आइडिया नही था के मेल्स के सोने का इंतेज़ाम कहा हुआ है. सारे कमरो मे बड़ी बड़ी बेडशीट्स बिछा दी गई थी ता कि ज़ियादा से ज़ियादा लोग सो सकें. मैं उपर जा के एक छोटे से कमरे के आखरी कॉर्नर मे दीवार के करीब जा के लेट गया. उस कमरे मे तकरीबन आधे हिस्से मे चावल की बोरियाँ बड़े सलीके से ऊपेर तक जमी हुई थी. चावल की बोरियाँ ऐसे रखी के यहा बॅस 8 या 10 आदमी ही सो सकते थे लाइन से और थोड़ी सी जगह और रहती थी चलने फिरने के लिए.
जब मैं उस कमरे मे गया तो पॅसेज वाले हिस्से मे किसी के सोने का इंतेज़ाम नही था या यह भी हो सकता था के बाद मे अगर जगह कम पड़ जाए तो शाएद उस पॅसेज वाले हिस्से को भी यूज़ किया जा सकता था. उस कमरे मे एक खिड़की थी जो चावल के हवा के लिए थी जो खुली हुई थी उस खिड़की मे से ठंडी हवा आ रही थी और कमरे मे अछी ख़ासी ठंड होने लगी. मुझे लगा के अभी इतनी ठंड है तो लेट नाइट को क्या होगा. खैर मैं सब से लास्ट वाले हिस्से मे दीवार के साथ जा के लेट गया. मेरा सर चावल की बोरियो की तरफ था और पैर दूसरे साइड की दीवार के तरफ पॅसेज बना के लेट गया और ब्लंकेट तान कर एक ही मिनिट मे बोहोत ही गहरी नींद सो गया. बहुत थका हुआ होने से गहरी नींद बोहोत जल्दी आ गई. मैं लूस बॉक्सर्स शॉर्ट्स और बनियान पहेन के सोया था. पता नही कियों मुझे पंत शर्ट पहेन के सोना आता ही नही था. मैं या तो लूँगी बानयन पहेन के सो सकता था या बर्म्यूडा शॉर्ट्स या लूस बॉक्सर्स शॉर्ट्स. मुझे पता नही
था के यह कमरा लॅडीस के लिए सेपरेट है या जेंटस के लिए या मिक्स है जिसे जहा जगह मिले सो जाए. मैं तो बस लेटा और गहरी नींद सो गया.
रात का पता नही क्या समय हुआ था मुझे लगा के कोई मेरे बदन से खेल रहा है. थोड़े से अपने होश ओ हवास मे आया तो पता चला के मेरा लंड एक दम से आकड़ा हुआ है और कोई लंड को किस कर रहा है. मेरा लंड अछा ख़ासा बड़ा और मोटा है. जब अकड़ जाता है तो लोहे जैसा सख़्त हो जाता है और क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा हो जाता है. हा तो मैं पूरे सर से ब्लंकेर ओढ़ा हुआ था और कोई मेरी ब्लंकेट के अंदर मेरी फैली हुई टाँगों के बीच से ही मेरे लंड को कोई चूस रहा था. पहले तो मेरी समझ मे कुछ नही आया. थोड़ा सा सर ब्लंकेट के बाहर निकाला तो पता चला के कमरे मे घुप अंधेरा छाया हुआ है शाएद लाइट चली गई थी और सारे घर मे सन्नाटा छाया हुआ है और इस रूम मे किसी किसी के ग्ग्गहररर ग्ग्गररर खर्रातो की आवाज़ें आ रही हैं. यह समझ मे नही आ रहा था के यह खर्राटे लॅडीस के हैं या जेंट्स के.
मैं ने महसूस किया के मेरा बॉक्सर्स शॉर्ट्स नीचे को सरका हुआ है और तकरीबन मेरे घुटनो से नीचे है और कोई मेरी टाँगों के बीच मे लेटा है और मेरे लंड के डंडे को हाथ से पकड़ के चूस रहा है. लंड का सूपड़ा और आधे से ज़ियादा डंडा उसके मूह मे है. यह सब कुछ इतनी खामोशी से हो रहा था के अगर कोई जाग भी रहा होता तो पता नही चलता के कौन क्या कर रहा है. अब मेरी आँख अछी ख़ासी खुल चुकी थी मैं ने उसके सर को पकड़ के उसके मूह को अपने मोटे तने हुए लंड से चोदना शुरू कर दिया और वो लॉली पोप की तरह मेरा लंड चूस रही थी. उसके सर को हाथ लगाने के बाद पता चला के वो कोई फीमेल है अब यह पता नही के लड़की है या कोई औरत. जो भी हो वो बड़ी मस्ती मे चूस रही थी और लंबे मोटे लंड को मज़े ले ले के चूस रही थी
उसके सर को पकड़ के उसके मूह मे लंड पेल रहा था पूरा लंड तो अंदर नही घुस रहा था और मैं पूरा घुसाने को डर भी रहा था के कही लंड पूरा उसके हलक तक चला जाए और वो चीखे और किसी की आँख खुल जाए तो मुश्किल हो सकती थी. इसी लिए बस धीरे धीरे ही चोद रह था. मुझे उसका मूह अपने लौरे पे बोहोत अछा लग रहा था. गीला गीला गरम गर्म मूह आहह पता नही कितनी देर से वो चूस रही थी बॅस थोड़ी ही देर मे मेरा बदन टाइट होने लगा उसी टाइम मुझे लगा जैसे उसने मेरा लंड अपने हलक तक ले लिया हो. मुझे उसके हलक का सुराख अपने लंड के सूपदे पे महसूस हो रहा था. एक दो धक्के ज़ोर ज़ोर से मारे और मेरी गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई लंड मे से निकल के उसके हलक मे डाइरेक्ट चली गई जिसे वो निगल गई.
उसने चूसना नही छोड़ा लगता था जैसे सारी मलाई निचोड़ निचोड़ के पी जाना चाहती हो वो लंड को कंटिन्यू चूस्ति जा रही थी.
थोड़ी ही देर मे जब सारी मलाई निकल गई तो लंड थोड़ा सा सॉफ्ट हुआ. मैं ने कुछ उसके अंदर मूव्मेंट महसूस की. शाएद वो पलट गई थी मेरे मूह के सामने उसकी चूत की स्मेल आ रही थी. वो अपनी दोनो टाँगें मेरे सर की तरफ लंबी कर के लेटी थी उसके थाइस मेरे सर के दोनो तरफ थे उसकी चूत मेरे मूह के सामने और मेरे लंड के पास उसका मूह पर्फेक्ट 69 पोज़िशन मे थी. उसने अपनी चूत को मेरे मूह पे टीका दिया और मेरे लंड को फिर से किस करने लगी और चूसने लगी. उसके गरम मूह के स्पर्श से एक ही सेकेंड मैं मेरा लंड फिर से क़ुतुब मीनार बन गया.. मैं उसके छूतदों को पकड़ के उसकी चूत को किस कर रहा था और चूस रहा था. वाह क्या मस्त गरम और रसीली चूत थी उसकी बिल्कुल मक्खन जैसे चिकनी एक झाँत भी नही थी लगता था जैसे अभी अभी झांतें साफ कर के आई हो. उसकी चूत का जूस मेरे मूह मे ऐसे टपक रहा था जैसे अमृत. वो अपनी चूत को मेरे मूह पर घिस्सने लगी. मेरे दाँत उसकी चूत के अंदर लगते तो वो मस्ती मे आअहह करती और मेरे लौदे को अपने दन्तो से काट देती. बड़ा मज़ा आ रहा था.
मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर घुसी हुई थी. हम दोनो के ऊपेर ब्लंकेट पड़ा हुआ था. जब मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने दांतो मे पकड़ के काटा तो वो ऊऊऊऊीीईईईईईईईई आआआआहह की आवाज़ निकालने लगी और चूत को मेरे मूह से निकाल लिया और उतनी देर मेरे लंड से मूह हटा लिया और जब मैं उसकी चूत को पान जैसा चबा रहा था तो उसका बदन एक दम से अकड़ गया वो अपने हाथ मेरे बाज़ू मे टेक के थोड़ा सा उठ गई और मेरे मूह को अपनी चूत से चोदने लगी और सडन्ली उसकी साँसे गहरी गहरी चलने लगी और फिर उसका बदन कापने लगा और एक ही सेकेंड के अंदर वो झड़ने लगी उसकी चूत मे से मीठा मीठा अमृत जैसा जूस निकल ने लगा जिसे मैं मज़े से पी गया. थोड़ी देर तक उसका ऑर्गॅज़म चलता रहा. जैसे ही उसके चूत ने झड़ना बंद किया वो मेरे ऊपेर जैसे गिर पड़ी. मेरे तने हुए लंड के पास ही उसका मूह था. जब उसकी साँसें ठीक हुई तो उसने फिर से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसे देख के मैं फिर से उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूतड़ को पकड़ के अपने मूह मे उसकी चूत को घुसाने लगा वो तुरंत ही गरम हो गई और उसकी चूत फिर से गीली हो गई.
अब वो फिर से पलट गई और मेरे क़ुतुब मीनार जैसे लंड पे बैठने लगी. उसकी छूट बोहोत ही गीली हो चुकी थी और टाइट भी थी. लंड उसके चूसने की
वजह से गीला था और उसकी चूत भी गीली थी इसी लिए मेरे लंड पे उसकी चूत फिसल के लंड को अपने अंदर लेने लगी. वो मेरे ऊपेर थी. उसकी दोनो टाँगे मेरे बदन के दोनो तरफ थी और वो मेरे लंड पे बैठ रही थी. लंड अंदर जा रहा था और उसके मूह से आआआहह ऊऊओईईइ म्म्म्माआआअ जैसे हल्की हल्की आवाज़ें निकल रही थी. धीरे धीरे मेरा लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी टाइट गीली चूत मे पूरा जड़ तक अंदर घुस चुक्का था और उसके मूह से एक लंबी आआआआआआआआआहह निकल गई. अब मैं ने देखा के वो नाइटी पहने हुए थी जो सामने से पूरी खुली हुई थी. वो मेरे लंड पे उछल उछल के लंड की सवारी कर रही थी जैसे जॉकी घोड़े की सवारी करते हैं. उसकी टाइट चूत मेरे लंड को अपने मुस्सेलस से टाइट पकड़ी हुई थी बोहोत अछा लग रहा था मोटा तना हुआ लंड टाइट गीली चूत के अंदर.
उसके दोनो हाथ मेरे बदन के दोनो तरफ थे. जब वो मेरे लंड पे फिसल रही तो उसकी चुचियाँ मेरे मूह के सामने डॅन्स कर रही थी. मैं ने उसकी चुचिओ को पकड़ लिया और दबा ने लगा.. आअहह क्या चुचियाँ थी उसकी बोहोत ही मस्त. बड़े साइज़ के मौसम्बी जैसी सख़्त चुचियाँ थी. मैं उसकी चुचिओ को ऐसे दबाने लगा जैसे मौसम्बी का रस्स निकाल ने से पहले मसल रहा हू. उसको झुका लिया और उसकी चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगा. आहह वंडरफुल चुचियाँ थी उसका साइज़ होगा तकरीबन 36.इंच लंड अंदर बाहर हो रहा था अपनी गंद ऊपेर उठा उठा के उसको चोद रहा था. वो ऊपेर नीचे हो के उछल रही थी मेरे लंड पे. मैने उसको झुका लिया और अपनी गंद उठा के उसकी चूत मे अपना मूसल जैसे लंड घुसा घुसा के चोदने लगा. जब वो उछल के लंड पे बैठ ती तो मेरा लंड उसकी चूत की पूरी गहराईओं मे घुस के उसकी बच्चे दानी को छू लेता तो वो ज़ोर से मस्ती की सिसकारी भरती और आआआआअहह ऊऊऊऊहह ईईईईईहह और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसे आवाज़ें निकालती. अब मैं उसको झुका के उसकी चुचियाँ चूस रहा था और मेरे हाथ उसके शोल्डर्स को ज़ोर से पकड़े हुए थे और लंड अंदर बाहर अंदर बाहर चुदाई कर रहा था.
मेरा मन कर रहा था के उसकी चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मारू इसी लिए अचानक मैं ने उसको पलटाया और उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया तो उसकी टाँगें मेरे बॅक से ऑटोमॅटिकली लिपट गई. मैने अपने पैर पीछे कर के दीवार से टीका दिए और गंद उठा उठा के चोदने लगा. पूरा
लंड सूपदे तक चूत से बाहर निकाल निकाल के अंदर ज़ोर से घुसा देता तो वो बोहोत धीरे से हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प और ऊऊऊऊओिईईईईईईईईई उउउफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जैसे आवाज़ें निकाल ने लगती. चुदाई फुल स्पीड से चल रही थी. कमरे मे चुदाई की प्प्प्पकक्चह्क्कक प्प्प्पक्चह्क्क जैसे आवाज़े भी आ रही थी जो शाएद ब्लंकेट के अंदर से बाहर नही निकल रही थी.. उसके बगल के अंदर से हाथ निकाल के उसके शोल्डर्स को पकड़ के अपने मूसल जैसे लंड को पूरा हेड तक चूत से बाहर निकाल के एक सेकेंड के लिए ऐसे ही रख के इतनी ज़ोर से लंड उसकी चूत मे घुसेड के धक्का मारता के वो सिसकारी भरती और उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआअहह उउउउउउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प जैसे आवाज़ निकल जाती और हर झटके के साथ वो मुझ से ज़ोर से चिपेट जाती.
मेरे लंड को उसने चूस के एक टाइम झाड़ा दिया था इसी लिए अभी मैं झड़ने के मूड मे नही था और मस्त चुदाई कर रहा था और ऐसी चूत को चोद के मैं एक लंबी चुदाई का मज़ा लेना चाहता था.
मैं लंड पूरा बाहर निकाल निकाल के पीछे की दीवार से पैर टीका के पूरी ताक़त से झटका मारता तो उसका बदन काँप उठ ता और उसके चुचियाँ ऐसे आगे पीछे होती जैसे किसी ख़ास स्टाइल मे डॅन्स कर रही हो और उसके मूह से ईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआहह ऊवूवुयियैआइयीयैयुयुयुवूवयू और ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवयफ्फ्फफ्फ्फ्फ जैसे आवाज़्जे निकलती उसकी अंदर की साँस अंदर और बाहर की साँस बाहर रह जाती और मेरे बदन को टाइट पकड़ लेती. उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गई थी और मेरे बॉल्स मे भी अब हलचल होने लगी थी लगता था के अब मैं भी झड़ने वाला हू तो मैं भी उसे एक्सप्रेस की रफ़्तार से चोदने लगा और वो मुझ से पूरी ताक़त से लिपट गई उसका बदन अकड़ गया और वो काँपने लगी और तेज़ी से साँस लेते लेते वो झड़ने लगी बॅस उसी समय मेरे लंड मे से भी मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी और उसकी चूत को भरने लगी.
मेरे झटके स्लो होते गये और मैं धीरे धीरे झाड़ता ही चला गया और उसके ऊपेर गिर गया लंड उसकी गीली चूत के अंदर ही था. थोड़ी ही देरमे मेरा लंड बाहर निकल गया और मैं उसके बदन से नीचे स्लिप हो गया और उसके बाज़ू मे लेट गया. वो मुझ से लिपटी रही और एक मिनिट तक तो गहरी गहरी साँसें लेती रही और फिर मेरे मूह पे किस किया और मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से बोली तुम्हारा लंड बोहोत कड़क मज़े दार है तुम बोहोत अच्छा चोद्ते हो आज तो तुम ने मुझे मस्त कर दिया चोद के और फिर इस से पहले के मैं कुछ पूछता या बात करता वो मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से बोली “ ऐसा मस्त मज़ा कभी नही आया मुझे लगता है आज पहली बार चुदी हू मैं और ऐसे लगा जैसे आज ही मेरी
सुहाग रात हो” और एक किस कर के धीरे से फिर मेरे कान के लास्ट वाले हिस्से को पहले तो चूसा और फिर थोड़ा सा अपने दांतो से काट के कान मे कहा “आइ लव यू” और उठ के चली गई. अब इतना तो यकीन हो गया था के वो जो भी थी कुवारि नही थी और मैं सोचता रह गया के क्या मैं ने यह आवाज़ पहले भी कही सुनी है क्या यह आवाज़ उषा भाबी की थी या कमला की थी या महमानो मे से किसी की. आवाज़ भी इतनी धीमी थी के मैं डिफरेन्षियियेट नही कर पाया के वो किस की आवाज़ थी. . मैं थोड़ी देर तक उसका वेट कर ता रहा सोचा के शाएद वो बाथरूम मे जा के फिर वापस आएगी पर वो नही आई और मेरी आँख फिर से लग गई और मैं एक बार फिर से गहरी नींद सो गया.