मैंने फोन रखा तो अम्मी फ़िकरमंद लहजे में बोलीं के शाकिर ये किया मामला है? किस का फोन था? मैंने कहा अम्मी एक बहुत बड़ी मुसीबत में फँस गया हूँ और समझ नही पा रहा के किया करूँ. अम्मी ने कहा साफ़ साफ़ बताओ किया क़िस्सा है? तुम गुस्से में गालियाँ दे रहे थे और किसी फिल्म का ज़िकर भी था. आख़िर हुआ किया है?
मैंने अम्मी को अपने और खाला अम्बरीन के साथ पिंडी में पेश आने वाला वक़ीया तमाम तर तफ़सीलात के साथ बयान कर दिया. सारी बात सुन कर अम्मी जैसे सकते में आ गईं. लेकिन उन्होने मुझे खाला अम्बरीन को चोदने की कोशिश पर कुछ नही कहा. कहतीं भी कैसे वो तो खुद अपने भानजे को चूत देती रही थीं . कुछ देर गुम सूम रहने के बाद उन्होने कहा के नज़ीर को हमारे घर का नंबर कैसे मिला? मैंने कहा कमरों की बुकिंग के वक़्त होटेल के रिजिस्टर में हमारे घर का पता और फोन नंबर ज़रूर लिखवाया गया होगा. नज़ीर खुद तो उस रात नोकरी छोड़ कर भाग गया था मगर वहाँ उस के साथी तो हूँ गे जिन्हो ने उससे हमारा नंबर दे दिया होगा.
अम्मी ने सर हिलाया और कहा के किया वाक़ई होटेल वालों ने कोई फिल्म बनाई हो गी? मैंने कहा मुमकिन है नज़ीर झूठ ही बोल रहा हो. उन्होने कहा के तुम ने मोबाइल फोन वाली तस्वीरें तो ज़ाया कर दी थीं जिन के बगैर वो तुम्हे ब्लॅकमेल नही कर सकता लेकिन वो फिर भी यहाँ फोन कर रहा है जिस का मतलब है के उस के पास कुछ ना कुछ तो है.
अम्मी ठीक कह रही थीं . कुछ सोच कर वो बोलीं के में अम्बरीन से बात करती हूँ. नज़ीर ने अम्बरीन को चोदा था इस लिये अब भी वो उस से मिलना चाह रहा हो गा ताके फिर उसे चोद सके. मैंने उन्हे बताया के नज़ीर ने उनके बारे में भी उल्टी सीधी बातें की थीं . वो हैरत से बोलीं के नज़ीर ने तो उन्हे देखा ही नही वो उनके लिये यहाँ कैसे आ सकता है. मैंने कहा के उस ने खाला अम्बरीन को देख कर अंदाज़ा लगाया हो गा के उनकी बहन भी खूबसूरत हो गी. अम्मी ने एक गहरी साँस ली लेकिन खामोश रहीं.
हम दोनो गहरी सोच में ग़र्क थे. अचानक अम्मी ने पूछा के शाकिर किया तुम अम्बरीन को चोदने में कामयाब हुए? मैंने कहा नही अम्मी पिंडी से वापस आने के बाद अभी तक शर्मिंदगी के मारे में उन से मिला तक नही. अम्मी तंज़िया अंदाज़ में मुस्कुराईं और कहा के जब तुम ने अपनी सग़ी माँ को चोद लिया तो फिर खाला को चोदने की खाहिश पर क्यों इतने शर्मिंदा हो. मै ये सुन कर खिसियाना सा हो गया. वो कहने लगीं के हमें इस मसले का कोई हल निकालना है वरना बड़ी बर्बादी हो गी. अम्बरीन से बात करनी ही पड़े गी. मैंने उन से इतेफ़ाक़ किया.
उन्होने खाला अम्बरीन को फोन किया जो कुछ देर बाद हमारे घर आ गईं. अम्मी उन्हे अपने बेडरूम में ले गईं और मुझे भी वहीं बुला लिया. मै अंदर गया तो देखा के वो दोनो बेडरूम में पड़ी दो कुर्सियों पर साथ साथ बैठी थीं . नज़ीर के फोन की वजह से में परेशां था मगर फिर भी अम्मी और खाला अम्बरीन को यों इकट्ठे बैठा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मै दिल ही दिल में सर से पाओं तक दोनो बहनो का मुआयना करने लगा.
अम्मी और खाला अम्बरीन के खद्द-ओ-खाल एक दूसरे से बहुत मिलते थे. दोनो के बाल, आँखें, नाक, माथा और गालों की उभरी हुई हड्डियाँ बिल्कुल एक जैसी थीं . अलबाता अम्मी के होंठ खाला अम्बरीन के होठों से ज़रा पतले थे और दोनो की ठुद्दियाँ भी कुछ मुख्तलीफ़ थीं . मजमूई तौर पर दोनो बहनो के चेहरे देख कर गुमान होता था जैसे वो जुड़वाँ बहनें हूँ. और तो और खाला अम्बरीन अम्मी को नाम ले कर ही बुलाती थीं बाजी या आपा नही कहती थीं .
में अम्मी और खाला अम्बरीन को नंगा देख चुका था और जानता था के दोनो के बदन भी कम-ओ-बैश् एक जैसे ही थे. वो तक़रीबन एक ही क़द की थीं और दोनो ही के बदन गदराये हुए लेकिन बड़े मज़बूत और हट्टे कट्टे थे. अम्मी 38 साल की और खाला अम्बरीन 36 की थीं और अपनी उमर की वजह से उनके बदन पर बिल्कुल सही जगहों पर गोश्त हुआ चढ़ा था. उनके कंधे चौड़े चक्ले और तवाना थे. कमर चौड़ी और बिल्कुल सीधी थी जिस के बीच की लकीर कमर पर गोश्त होने की वजह से काफ़ी गहरी थी. इतने मज़बूत कंधे और चौड़ी चकली कमर शायद उनके बहुत ही मोटे मोटे और भारी मम्मों का वज़न उठाने के लिये ज़रूरी थे.
नंबर वन खाला ( Hindi sex story long)
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दोनो बहनो के मम्मे उनके बदन का नुमायाँ तरीन हिस्सा थे जिन पर हर एक की नज़र सब से पहले पड़ती थी. उनके मम्मे मोटे, भारी, तने हुए और बाक़ी बदन से गैर-मामूली तौर पर आगे निकले हुए थे. दोनो ने अपने बच्चों को ज़ियादा देर दूध नही पिलाया था और शायद इस लिये भी उनके मम्मे इतने मोटे और तने हुए थे. मैंने अम्मी के मम्मे उन्हे चोदते वक़्त बहुत चूसे थे जबके खाला अम्बरीन के मम्मों को पिंडी में खूब टटोला था. मुझे लगता था के अम्मी के मम्मे खाला अम्बरीन से एक आध इंच बड़े थे. लेकिन देखने में दोनो के मम्मे एक दूसरे से बड़ी हद तक मिलते थे. दोनो के सूजे हुए मम्मों के निप्पल काफ़ी बड़े साइज़ के थे. खाला अम्बरीन के निप्पल लंबाई में अम्मी के निपल्स से कुछ कम थे और उनके साथ वाला हिस्सा बहुत बड़ा था जबके अम्मी के निप्पल बहुत लंबे थे मगर उनके साथ का हिस्सा खाला अम्बरीन के मुक़ाबले में कुछ छोटा था.
अम्मी और खाला अम्बरीन के पेट भी नरम-ओ-गुन्दाज़ थे. खाला अम्बरीन का पेट मामूली सा निकला हुआ था लेकिन अम्मी का पेट तो था ही नही. हालंके अम्मी के तीन बचे थे और खाला अम्बरीन के दो. दोनो की चूतों में भी काफ़ी मुमासिलत थी. मैंने खाला अम्बरीन को नही चोदा था लेकिन अम्मी की चूत के हर अंग से वाक़िफ़ हो चुका था. दोनो की चूतें मोटी और सूजी हुई थीं और उन पर बाल भी थे. उनकी रानें भी बाक़ी बदन की मुनासीबत से मोटी और भारी थीं . मम्मों के बाद दोनो ही के बदन का बहुत ही ख़ास हिस्सा उनके मोटे और बड़े भारी चूतड़ थे जिनकी बनावट भी एक जैसी थी. औरतों के चूतड़ ज़रा भारी ही होते हैं लेकिन अम्मी और खाला अम्बरीन के चूतड़ गैर-मामूली मोटे और चौड़े थे.
में इन ख़यालों में डूबा हुआ था और अम्मी खाला अम्बरीन को बता रही थीं के उन्हे पिंडी वाले वक़िये का ईलम हो चुका है और ये के नज़ीर ने यहाँ फोन किया था. ये सुन कर खाला अम्बरीन के चेहरे का रंग अर गया. कहने लगीं बस यासमीन ये बे-इज़्ज़ती क़िस्मत में लिखी थी लेकिन उस कुत्ते को ये नंबर कैसे मिला? अम्मी ने उन्हे होटेल के रिजिस्टर के बारे में बताया और कहा के अब पुरानी बातें छोड़ो और ये सोचो के अगर नज़ीर के पास कोई नंगी फिल्म है तो वो उस से कैसे ली जाए. हम तीनो बातें कर रही थे के फोन की घंटी बाजी.
मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ राशिद था. उस ने खाला अम्बरीन का पूछा. उन्होने उस से बात की और उनके चेहरे पर हवाइयाँ उररने लगीं. वो राशिद को डांट कर बोलीं के वो घर ही रुके वो वापस आ रही हैं. फोन रख कर उन्होने रो देने वाले अंदाज़ में बताया के नज़ीर ने उनके घर फोन कर के राशिद से बात की और उनके बारे में पूछा. जब राशिद ने कहा के तुम कौन हो तो वो बोला के में तुम्हारी माँ का यार हूँ उस से मेरी बात करवाओ. राशिद ने उससे गालियाँ दीं और अब मुझ से लड़ रहा था. ये ख़तरनाक बात थी. मैंने राशिद को फोन किया और उससे कहा के वो अपने घर के फोन की तार निकाल दे और फॉरन यहाँ आ जाए. इस सूरत-ए-हाल में राशिद को सारी बात बताय बिना कोई चारा नही था.
कुछ देर बाद राशिद हमारे घर आया तो में उससे सीधा अपने कमरे में ले गया और बिला-झीजक बताया के मुझे मालूम है के वो अम्मी को चोदता रहा है. ये सुन कर उस पर जैसे बिजली गिर पड़ी. मैंने कहा वो परेशां ना हो मैंने भी उस की माँ को चोदने की कोशिश की थी. वो फटी फटी आँखों से मुझे देखता रहा. मैंने उससे पिंडी वाला वक़ीया सुनाया और कहा के हमें सोच समझ कर नज़ीर से निमटना होगा. मेरी बातें सुन कर वो कुछ संभला और कहने लगा के शाकिर तुम मुझ से नाराज़ नही हो. उस वक़्त मेरे ज़हन में एक शैतानी ख़याल आया. मैंने कहा के राशिद अगर में खाला अम्बरीन की चूत एक दफ़ा मार लूं तो मेरा तुम्हारा हिसाब बराबर हो जाए गा लेकिन इस के बाद में और तुम एक दूसरे की माओं को नही चोदेंगे. वो खामोश रहा.
फिर हम अम्मी और खाला अम्बरीन के पास आए जहाँ ये फ़ैसला हुआ के नज़ीर से फिल्म ले कर देखी जा’य और इस के बाद आगे का सोचा जाए. कुछ देर बाद नज़ीर का फोन आया. मैंने उससे कहा के वो पहले मुझे फिल्म दिखाए फिर बात हो गी. वो बोला के में जहाँ कहूँ वो आ जाए गा. मै और राशिद उससे दाता दरबार के पास एक होटेल में मिले. उस के साथ एक दुबला पतला सा लंबा लड़का भी था जिस की उमर 20/22 साल हो गी. वो भी नज़ीर ही की तबक़े का लग रहा था. नज़ीर ने उस का नाम करामात बताया. उस ने मुझे एक DVD दी और कहा के इस को देख कर में उस से राबता करूँ वो बताय गा के वो किया चाहता है. उस ने मुझे एक मोबाइल फोन का नंबर भी दिया.
अम्मी और खाला अम्बरीन के पेट भी नरम-ओ-गुन्दाज़ थे. खाला अम्बरीन का पेट मामूली सा निकला हुआ था लेकिन अम्मी का पेट तो था ही नही. हालंके अम्मी के तीन बचे थे और खाला अम्बरीन के दो. दोनो की चूतों में भी काफ़ी मुमासिलत थी. मैंने खाला अम्बरीन को नही चोदा था लेकिन अम्मी की चूत के हर अंग से वाक़िफ़ हो चुका था. दोनो की चूतें मोटी और सूजी हुई थीं और उन पर बाल भी थे. उनकी रानें भी बाक़ी बदन की मुनासीबत से मोटी और भारी थीं . मम्मों के बाद दोनो ही के बदन का बहुत ही ख़ास हिस्सा उनके मोटे और बड़े भारी चूतड़ थे जिनकी बनावट भी एक जैसी थी. औरतों के चूतड़ ज़रा भारी ही होते हैं लेकिन अम्मी और खाला अम्बरीन के चूतड़ गैर-मामूली मोटे और चौड़े थे.
में इन ख़यालों में डूबा हुआ था और अम्मी खाला अम्बरीन को बता रही थीं के उन्हे पिंडी वाले वक़िये का ईलम हो चुका है और ये के नज़ीर ने यहाँ फोन किया था. ये सुन कर खाला अम्बरीन के चेहरे का रंग अर गया. कहने लगीं बस यासमीन ये बे-इज़्ज़ती क़िस्मत में लिखी थी लेकिन उस कुत्ते को ये नंबर कैसे मिला? अम्मी ने उन्हे होटेल के रिजिस्टर के बारे में बताया और कहा के अब पुरानी बातें छोड़ो और ये सोचो के अगर नज़ीर के पास कोई नंगी फिल्म है तो वो उस से कैसे ली जाए. हम तीनो बातें कर रही थे के फोन की घंटी बाजी.
मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ राशिद था. उस ने खाला अम्बरीन का पूछा. उन्होने उस से बात की और उनके चेहरे पर हवाइयाँ उररने लगीं. वो राशिद को डांट कर बोलीं के वो घर ही रुके वो वापस आ रही हैं. फोन रख कर उन्होने रो देने वाले अंदाज़ में बताया के नज़ीर ने उनके घर फोन कर के राशिद से बात की और उनके बारे में पूछा. जब राशिद ने कहा के तुम कौन हो तो वो बोला के में तुम्हारी माँ का यार हूँ उस से मेरी बात करवाओ. राशिद ने उससे गालियाँ दीं और अब मुझ से लड़ रहा था. ये ख़तरनाक बात थी. मैंने राशिद को फोन किया और उससे कहा के वो अपने घर के फोन की तार निकाल दे और फॉरन यहाँ आ जाए. इस सूरत-ए-हाल में राशिद को सारी बात बताय बिना कोई चारा नही था.
कुछ देर बाद राशिद हमारे घर आया तो में उससे सीधा अपने कमरे में ले गया और बिला-झीजक बताया के मुझे मालूम है के वो अम्मी को चोदता रहा है. ये सुन कर उस पर जैसे बिजली गिर पड़ी. मैंने कहा वो परेशां ना हो मैंने भी उस की माँ को चोदने की कोशिश की थी. वो फटी फटी आँखों से मुझे देखता रहा. मैंने उससे पिंडी वाला वक़ीया सुनाया और कहा के हमें सोच समझ कर नज़ीर से निमटना होगा. मेरी बातें सुन कर वो कुछ संभला और कहने लगा के शाकिर तुम मुझ से नाराज़ नही हो. उस वक़्त मेरे ज़हन में एक शैतानी ख़याल आया. मैंने कहा के राशिद अगर में खाला अम्बरीन की चूत एक दफ़ा मार लूं तो मेरा तुम्हारा हिसाब बराबर हो जाए गा लेकिन इस के बाद में और तुम एक दूसरे की माओं को नही चोदेंगे. वो खामोश रहा.
फिर हम अम्मी और खाला अम्बरीन के पास आए जहाँ ये फ़ैसला हुआ के नज़ीर से फिल्म ले कर देखी जा’य और इस के बाद आगे का सोचा जाए. कुछ देर बाद नज़ीर का फोन आया. मैंने उससे कहा के वो पहले मुझे फिल्म दिखाए फिर बात हो गी. वो बोला के में जहाँ कहूँ वो आ जाए गा. मै और राशिद उससे दाता दरबार के पास एक होटेल में मिले. उस के साथ एक दुबला पतला सा लंबा लड़का भी था जिस की उमर 20/22 साल हो गी. वो भी नज़ीर ही की तबक़े का लग रहा था. नज़ीर ने उस का नाम करामात बताया. उस ने मुझे एक DVD दी और कहा के इस को देख कर में उस से राबता करूँ वो बताय गा के वो किया चाहता है. उस ने मुझे एक मोबाइल फोन का नंबर भी दिया.
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Re: नंबर वन खाला ( Hindi sex story long)
हम वापस घर आए और वो फिल्म देखी तो वाक़ई उस में में खाला अम्बरीन की क़मीज़ उतार कर उनके मम्मे पकड़ रहा था. पहले तो हम चारों एक दूसरे से नज़रें चुराते रहे मगर फिर ये झिझक भी ख़तम हो गई. अम्मी ने कहा के ये तो बहुत गड़बड़ है अगर नज़ीर ने ये फिल्म किसी को भेज दी तो किया होगा. खाला अम्बरीन बोलीं के इस का मतलब है नज़ीर ने जो मेरे साथ किया उस की भी फिल्म बनी हो गी. मैंने कहा के ऐसी फिल्म तो उससे भी फँसा दे गी वो ये नही कर सकता. राशिद ने मुझ से इतिफ़ाक़ किया. फिर मैंने नज़ीर के दिये हुए नंबर पर फोन किया और पूछा के वो किया चाहता है. उस ने हंस कर कहा के वो खाला अम्बरीन और अम्मी से मिलना चाहता है और उससे 50,000 रुपय भी चाहिए. मैंने कहा के वो खाला अम्बरीन और अम्मी की बात छोड़ दे पैसों का इंतज़ाम हो जाए गा. उस ने कहा के वो अम्मी और खाला अम्बरीन को चोदे बगैर नही माने गा.
मैंने सब को ये बात बताई. राशिद कहने लगा के वो खाला यासमीन को भी चोदना चाहता है. मैंने भी कहा के हाँ वो खाला अम्बरीन के साथ साथ अब अम्मी की चूत भी लेना चाहता है. ये कह कर मुझे एहसास हुआ के हमारे हालात कुछ ऐसे हो गए थे के हम अपनी माओं के सामने उनकी चूतों की ज़िक्र कर रहे थे और ना उन्हे कोई शरम महसूस हो रही थी और ना हमें. आसमान भी कैसे कैसे रंग बदलता है.
खैर हम सोचते रहे के किया करें. आख़िर अम्मी ने कहा के हम कोई ख़तरा मोल नहीं ले सकते हमें हर सूरत वो फिल्म हासिल करनी है चाहे इस के लिये हमें अपनी इज़्ज़तों का सौदा ही क्यों ना करना पड़े. पैसों का तो हम बंदोबस्त कर लें गे लेकिन मसला ये है के उस कुत्ते को कहाँ मिला जाए. मैंने कहा के अम्मी नज़ीर गंदा आदमी है हमें उससे घर ही बुलाना चाहिये क्योंके हमारे लिये बाहर जाना ज़ियादा ख़तरनाक हो सकता है. सब ने इस बात से इतेफ़ाक़ किया. मैंने नज़ीर को फोन कर के अपने घर का पता बताया और कहा के वो कल सुबह दस बजे आ जाए. उस ने कहा के ज़िंदाबाद मैंने फिल्म अपने एक दोस्त को दी है जब में फ़ारिग़ हो कर तुम्हारे घर से निकलूं गा तो तुम मेरे साथ चलना और फिल्म ले लाना. हमारे पास उस की बात मान लेने के अलावा कोई रास्ता नही था. इस के बाद खाला अम्बरीन और राशिद अपने घर चले गए.
अगले दिन में, अम्मी, खाला अम्बरीन और राशिद घर पर मोजूद थे. अम्मी ने बच्चों को सुबह ही नाना के घर भेज दिया था. उन्होने 50,000 रुपय भी मेरे हवाले कर दिये थे. ठीक दस बजे दरवाज़े की घंटी बाजी. मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने नज़ीर और करामात खड़े थे. मै उन्हे ले कर ड्रॉयिंग रूम में आ गया. अम्मी और खाला अम्बरीन कुर्सियों पर बैठी थीं और बड़ी मुजतरीब लग रही थीं . अम्मी ने तो नज़ीर को गौर से देखा लेकिन खाला अम्बरीन उस से नज़रें चुरा रही थीं . नज़ीर ने दोनो बहनो को देखा तो उस की आँखों में चमक आ गई.
अम्मी को घूरते हुए कहने लगा के अच्छा तुम इस की बहन हो. तुम भी इसी की तरह मजेदार हो. इस की फुद्दी मैंने पिंडी में मारी थी और आज तक उस का सवाद नही भूला. रोज़ इस की चिकनी फुद्दी को याद कर के दूसरी औरतों को चोदता था और मूठ मारता था. अम्मी ने उस की बातों का जवाब नही दिया और कहा के तुम पैसे ले लो और यहाँ से चले जाओ. नज़ीर ने कहा के अब तो में तुम दोनो को चोद कर ही जाऊं गा. इस काम में मेरा ये दोस्त करामात मेरी मदद करे गा. फिर बोला के यहाँ मुझे मज़ा नही आए गा ऐसे कमरे में चलो जहाँ बेड हो. हम सब उठ कर अम्मी के बेडरूम में आ गए.
बेडरूम में नज़ीर ने फॉरन कपड़े उतार दिये और उस का अजीब-ओ-ग़रीब मोटा लंड सब के सामने आ गया. उस के मोटे मोटे टट्टे दूर ही से नज़र आ रहे थे. करामात खामोश एक तरफ खड़ा रहा. खाला अम्बरीन तो नज़ीर का लंड अपनी चूत में ले चुकी थीं मगर अम्मी उससे देख कर वाज़ेह तौर पर हैरान हुई थीं . अम्मी ने खाला अम्बरीन की तरफ मानी-खैीज़ नज़रों से देखा. शायद वो सोच रही थीं के खाला अम्बरीन ने इतना मोटा और बड़ा लंड कैसे अपनी चूत में लिया होगा. फिर नज़ीर के कहने पर करामात ने भी अपने कपड़े उतार दिये. उस का लंड भी कम जानदार नही था. उस का लंड नज़ीर से पतला था लेकिन बे-इंतहा लंबा था. मैंने सिरफ़ फिल्मों में ही इतना लंबा लंड देखा था. करामात का लंड देख कर समझ में आता था के वो और नज़ीर क्यों दोस्त थे. मैंने नज़ीर से कहा के में और राशिद दूसरे कमरे में चले जाते हैं कुछ देर बाद आ जायें गे. नज़ीर बोला के तुम हमें अपनी अपनी माओं को चोदते हुए देखो गे क्योंके मुझे इन को तुम्हारे सामने चोदने में ज़ियादा मज़ा आए गा. हम चुप रहे.
मैंने सब को ये बात बताई. राशिद कहने लगा के वो खाला यासमीन को भी चोदना चाहता है. मैंने भी कहा के हाँ वो खाला अम्बरीन के साथ साथ अब अम्मी की चूत भी लेना चाहता है. ये कह कर मुझे एहसास हुआ के हमारे हालात कुछ ऐसे हो गए थे के हम अपनी माओं के सामने उनकी चूतों की ज़िक्र कर रहे थे और ना उन्हे कोई शरम महसूस हो रही थी और ना हमें. आसमान भी कैसे कैसे रंग बदलता है.
खैर हम सोचते रहे के किया करें. आख़िर अम्मी ने कहा के हम कोई ख़तरा मोल नहीं ले सकते हमें हर सूरत वो फिल्म हासिल करनी है चाहे इस के लिये हमें अपनी इज़्ज़तों का सौदा ही क्यों ना करना पड़े. पैसों का तो हम बंदोबस्त कर लें गे लेकिन मसला ये है के उस कुत्ते को कहाँ मिला जाए. मैंने कहा के अम्मी नज़ीर गंदा आदमी है हमें उससे घर ही बुलाना चाहिये क्योंके हमारे लिये बाहर जाना ज़ियादा ख़तरनाक हो सकता है. सब ने इस बात से इतेफ़ाक़ किया. मैंने नज़ीर को फोन कर के अपने घर का पता बताया और कहा के वो कल सुबह दस बजे आ जाए. उस ने कहा के ज़िंदाबाद मैंने फिल्म अपने एक दोस्त को दी है जब में फ़ारिग़ हो कर तुम्हारे घर से निकलूं गा तो तुम मेरे साथ चलना और फिल्म ले लाना. हमारे पास उस की बात मान लेने के अलावा कोई रास्ता नही था. इस के बाद खाला अम्बरीन और राशिद अपने घर चले गए.
अगले दिन में, अम्मी, खाला अम्बरीन और राशिद घर पर मोजूद थे. अम्मी ने बच्चों को सुबह ही नाना के घर भेज दिया था. उन्होने 50,000 रुपय भी मेरे हवाले कर दिये थे. ठीक दस बजे दरवाज़े की घंटी बाजी. मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने नज़ीर और करामात खड़े थे. मै उन्हे ले कर ड्रॉयिंग रूम में आ गया. अम्मी और खाला अम्बरीन कुर्सियों पर बैठी थीं और बड़ी मुजतरीब लग रही थीं . अम्मी ने तो नज़ीर को गौर से देखा लेकिन खाला अम्बरीन उस से नज़रें चुरा रही थीं . नज़ीर ने दोनो बहनो को देखा तो उस की आँखों में चमक आ गई.
अम्मी को घूरते हुए कहने लगा के अच्छा तुम इस की बहन हो. तुम भी इसी की तरह मजेदार हो. इस की फुद्दी मैंने पिंडी में मारी थी और आज तक उस का सवाद नही भूला. रोज़ इस की चिकनी फुद्दी को याद कर के दूसरी औरतों को चोदता था और मूठ मारता था. अम्मी ने उस की बातों का जवाब नही दिया और कहा के तुम पैसे ले लो और यहाँ से चले जाओ. नज़ीर ने कहा के अब तो में तुम दोनो को चोद कर ही जाऊं गा. इस काम में मेरा ये दोस्त करामात मेरी मदद करे गा. फिर बोला के यहाँ मुझे मज़ा नही आए गा ऐसे कमरे में चलो जहाँ बेड हो. हम सब उठ कर अम्मी के बेडरूम में आ गए.
बेडरूम में नज़ीर ने फॉरन कपड़े उतार दिये और उस का अजीब-ओ-ग़रीब मोटा लंड सब के सामने आ गया. उस के मोटे मोटे टट्टे दूर ही से नज़र आ रहे थे. करामात खामोश एक तरफ खड़ा रहा. खाला अम्बरीन तो नज़ीर का लंड अपनी चूत में ले चुकी थीं मगर अम्मी उससे देख कर वाज़ेह तौर पर हैरान हुई थीं . अम्मी ने खाला अम्बरीन की तरफ मानी-खैीज़ नज़रों से देखा. शायद वो सोच रही थीं के खाला अम्बरीन ने इतना मोटा और बड़ा लंड कैसे अपनी चूत में लिया होगा. फिर नज़ीर के कहने पर करामात ने भी अपने कपड़े उतार दिये. उस का लंड भी कम जानदार नही था. उस का लंड नज़ीर से पतला था लेकिन बे-इंतहा लंबा था. मैंने सिरफ़ फिल्मों में ही इतना लंबा लंड देखा था. करामात का लंड देख कर समझ में आता था के वो और नज़ीर क्यों दोस्त थे. मैंने नज़ीर से कहा के में और राशिद दूसरे कमरे में चले जाते हैं कुछ देर बाद आ जायें गे. नज़ीर बोला के तुम हमें अपनी अपनी माओं को चोदते हुए देखो गे क्योंके मुझे इन को तुम्हारे सामने चोदने में ज़ियादा मज़ा आए गा. हम चुप रहे.
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